Book Title: Jain Dharma ka Maulik Itihas Part 2
Author(s): Hastimal Maharaj
Publisher: Jain Itihas Samiti Jaipur

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Page 10
________________ देशना के पश्चात् इन्द्रभूति का उपदेश भगवान् की देशना विषयक दिगम्बर-मान्यता इन्द्रभूति का उच्चतम व्यक्तित्व इन्द्रभूति द्वारा देवशर्मा को प्रतिबोध भगवान् महावीर के निर्वाण पर इन्द्रभूति का चिन्तन इन्द्रभूति की निर्वाण-साधना पूर्वभव में इन्द्रभूति गौतम प्रथम पट्टधर विषयक प्राचीन दिगम्बर-मान्यता आर्य सुधर्मा (प्रथम पट्टधर) आर्य सुधर्मा की विशिष्टता जन्मस्थानादि माता-पिता शिक्षण तत्कालीन धार्मिक स्थिति दीक्षा से पूर्व का जीवन प्रतिबोध और दीक्षा-ग्रहण दीक्षा के पश्चात् आर्य सुधर्मा भव्य विराट व्यक्तित्व छद्यस्थकालीन साधना सुधर्मा के गण और साधु ६ गणधरों का निर्वाणकाल और सुधर्मा के साधु क्या सुधर्मा के अधीन अन्य आचार्य भी थे ? आर्य सुधर्मा भ. महावीर के प्रथम पट्टधर संघनायक भ. महावीर के प्रथम पट्टधर आर्य सुधर्मा ही क्यों ? पट्ट-प्रदान किसके द्वारा ? सुधर्मा का अपर नाम लोहार्य क्या आर्य सुधर्मा क्षत्रिय राजकुमार थे ? आर्य सुधर्मा का निर्वाण वर्तमान द्वादशांगी के रचनाकार द्वादशांगी का परिचय आचारांग प्रथम श्रुतस्कन्ध प्रथम अध्ययन द्वितीय अध्ययन १. Jain Education International (२) For Date & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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