Book Title: Hastlikhit Granthsuchi Part 3
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Stambhan Parshwanath Jain Trith Anand

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Page 18
________________ विद्वान उपरथी कृति माहिती पाटण आदि ज्ञानभंडारनी पूज्य जंबूविजयजीए करावेल झेरोक्ष प्रतो माटे विद्वान नाम-स्वरूप (प्रचलित नाम)-गच्छ गौत्र, गुरु, समयगाळो, कोड कृति नाम, भाषा, आदिवाक्य अथवा विद्वान प्रचलित नाम - जुओ - विद्वान मुख्यनाम-स्वरूप अकलकदेवसूरि-आचार्य (प्र. नाम-आचार्य-अकलङ्कदेवाचार्य) चैत्यवन्दनपदपर्यायमञ्जरी। सं. (पाकाहेम६९४४) प्रत्याख्यानपदपर्यायमञ्जरी। सं. (पाकाहेम६९४४) वन्दनकपदपर्यायमञ्जरी सं. (पाकाहेम६९४४) अकलकदेवसूरि (दिगम्बर)-आचार्य लघीयस्त्रयप्रकरण सं. धर्मतीर्थकरेभ्य (भांता५४, लिंता१४) अकलङ्कदेवाचार्य - जुओ - अकलङ्कदेवसूरि-आचार्य अकलङ्कसूरि-शिष्य - जुओ - सागरचन्द्र-मुनि अजितदेव आचार्य-आचार्य मोहोन्मूलनवादस्थानक\ सं. महादिमोहमातङ्गक (अताका४८५) श्वेतपटता क्रियते मया वाक्यार्थविचारवादस्थानक सं.इह हि नैयायिकमत (अताका४८५) अजितदेवसूरि-आचार्य प्रश्नव्याकरणसूत्र-(सं.)दीपिका टीका\ सं. नमः श्रीशान्तिन (पुप्रे४१३) अजितदेवसूरि-आचार्य मुनिसुव्रतजिनस्तुति प्रा. गा.२० (पातासंघवीजीर्ण९०) अजितप्रभसूरि-आचार्य (प्र. नाम-आचार्य-अजितप्रभाचार्य) शान्तिनाथचरित्र सं.\ श्लोक१६३३१ श्रेयोरत्नाकरोद (पातासंघवीजीर्ण२४, पाताहेसं५७, पाकाहेम१६३६१) अजितप्रभाचार्य - जुओ - अजितप्रभसूरि-आचार्य अज्ञात-अज्ञात *अज्ञात कृतिओ विगत नथी (जेताजि४२३, पातासंघवीजीर्ण७७, पातासंघवीजीर्ण८५, पातासंघवीजीर्ण९५, पातासंघवीजीर्ण९६, पातासंघवीजीर्ण९७, पातासंघवीजीर्ण३२२, पाताहेसं१४९, पाताहेसं१५१, खंता१३३, तालाद३७१, तालाद३९८, अभ६, जेकाजि१२८९, पाकाहेम१४४३६) *प्रकीर्ण त्रुटित ग्रन्थसङ्ग्रह (पातासंघवीजीर्ण९०, जेकाआ२, जेकाजि५००१) २२ परीसह नाम प्रा. गा.२ खुहा पिवासासीउण (भांता७०) २४ जिन स्तुति। अप.\ गा.२५\ मङ्गलमाला पुन्न (पाताहेसं१६८) २४ जिनना पञ्चकल्याणक स्तव प्रा. गा.१३६ (पातासंघवी१९५-२) अकलकदेवाष्टक\ सं. श्लोक१० (पाकाहेम१३७५, पाकाहेम८६८८) अक्रियावाद्यादिसर्वनयादिविचार प्रा.सं.\ असीयसयं किरयाणं (भांता७०) अक्षौहिणीसेनाप्रमाण\ प्रा. गा७ गयरहहयजोहाणं सव (भांता७०) अग्निशीतत्वस्थापनवादस्थल सं. शीतोवह्निर्दाहक (पाकाहेम८८०८, भांका२१४, भांका२९२) अघटकथानक तपविषये प्रा. गा.१२२ (पातासंघवी१५७-१) अघटकुमारकथा। सं. (पाकाहेम१७७६) अङ्गचूलिका प्रा. नमो अरिहन्ताणं० (भांका८३) अङ्गलक्षणविचार सं.\ श्लोक१६\ अस्थिवर्थाः स (तालाद३३९) अङ्गविज्जा पइण्णय प्रा. ग्रं.९००० (जेताजि१४९, जेताजि४१४, पाकाहेम१००८२, पाकाहेम१४८६५) अङ्गस्फुरणविचार सं. श्लोक१० (पाकाहेम१२३२८) अङ्गारमर्दकाख्यान\ प्रा. (पातासंघवीजीर्ण८८) अङ्गारमर्दकाख्यान-(सं.)टीका। सं. (पातासंघवीजीर्ण८८) अजितनाथस्तवन यमकबन्ध-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम१२३१०, पाकाहेम१२३४५)

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