Book Title: Hastlikhit Granthsuchi Part 3
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Stambhan Parshwanath Jain Trith Anand

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Page 45
________________ २८ विद्वान उपरथी कृति माहिती पुष्पदन्तजिनस्तवन एकविंशतिचित्रबद्ध-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम८२३०) पुष्पमालाप्रकरण-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम१०७३३) पूजाष्टक\ सं. श्लोक८ कास्मीरेमलयोद (वताकांति४२८) पूर्णिमा पाक्षिक बुद्धिसूरिस्तुति#\ अप. (वताकांति४३७) पूर्वाचार्यप्रबन्धसङ्ग्रह सं. (पाकाहेम७९९७) पृथ्वीकायादिविचारगाथा प्रा. गा.२५ पुढवीकाउतिविहो (भांता७०) पैंसठ द्वार मार्गणास्थानकगत जीवस्थानविवरण प्रा. विष्फरियविमलकेव (पातासंघवीजीर्ण४६) पोलवालसङ्घप्रशस्ति। सं.....पोलवालः कनकग (पाताहेसं५७) पौषधग्रहणविधि प्रा. मुंहपोतिं पडि (भांता७०) पौषधविधिप्रकरण प्रा.\ क्षमाश्रमणं दत् (भांता७२) पौषधविधिप्रकरण-(सं.)टीका। सं. ग्रं.३५५५ (पाकाहेम१३९६४) पौषधाश्रितविचार प्रा.,सं. सव्वेवि खलु गिह (भांता७०) प्रकरण सङ्ग्रह (वताकांति४००-१) प्रकरण सङ्ग्रह) प्रा.,सं.\ ग्रं.४६०० (पातासंघवी११८-१) प्रकीर्ण श्लोक सं. (पाकाहेम७८५७) प्रकीर्णक अनेक शास्त्रीय विचार सङ्ग्रह। प्रा. (तालाद३३३) प्रकीर्णक कथाओ\ सं. (पाकाहेम८१३१) प्रकीर्णस्तुति श्लोकसङ्ग्रह सं. श्लोक९ (पाकाहेम१२३४२) प्रकृतिबन्ध (पाकाहेम१३६९८) प्रज्ञापनासूत्र-(सं.)पर्याय। सं. (जेताजि१४७, पाकाहेम७१११, पाकाहेम७१११) प्रणष्टलाभ आदि ज्योतिष प्रा. गा.२९ सिद्धे सत्ताण ह (पातासंघवी६०-३) प्रतिक्रमणगर्भहेतु। सं. (पाकाहेम१०७३५) प्रतिक्रमण, प्रत्याख्यानादि विविध धार्मिक विचारसग्रह प्रा. (पातासंघवीजीर्ण५७) प्रतिक्रमणसूत्रसङ्ग्रह प्रा.,सं. आयरिय उवज्झाए स (पाताहेसं११९, अताका४९७) प्रतिलेखनागाथा। प्रा. गा.५\ आसाढे मासे दुपय (भांता७०) प्रतिष्ठालक्षण-प्रतिष्ठाविधि। सं. (पाकाहेम१०३४७) प्रतिष्ठाविचार सं. इह हि श्रावकेणै (भांता७०) प्रत्याख्यानभाष्य प्रा. गा.५७ (पातासंघवीजीर्ण८६-२, पाकाहेम१५८१९) प्रत्याख्यानभाष्य-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम१०४३७) प्रत्याख्यानभाष्य। प्रा.\ गा.३९ (पातासंघवी२०२) प्रत्याख्यानभाष्य प्रा. गा.४५ (पाताखेत१२) प्रत्याख्यानागार मागु. (पाकाहेम१२२२०) प्रत्याख्यानसूत्री प्रा.,सं. प्रथमं गुरोद्वा (पातासंघवी१४५-१) प्रत्याख्यानगाथा। प्रा. गा.३२\ आहारा आगारा विग (पाताखेत५१, खंता१०६, भांता७०) प्रत्येकबुद्धकथा प्रा. (पातासंघवी१०६-३, पाताहेसं१८५) प्रत्येकबुद्धचरित्र। अप. ग्रं.२१४\ इह जिणुसासणि भव (पाताखेत३२-१) प्रथमकालग्रहणविधि प्रा. गा.८४ सिरिवीरजिणं नमि (भांता७०) प्रदेशी कथा प्रा. (पातासंघवी१०६-३) प्रदेशीचरित\ प्रा. गा.२०२ (पाताहेसं१८५) प्रदेशीनृपचरित (वताकांति४०२) प्रद्युम्नचरित्र गद्य प्रा. (पातासंघवी९९) प्रद्युम्न साम्बचरित्र प्रा. गा.८४९\ नमिरसुरासुरमणिम (पाताहेसं१८५) प्रभातकुलक\ सं. श्लोक १३\ प्रातरेव समुत्थ (खंता१३८, पाकाहेम१२१२४) प्रभातस्मरण प्रा. गा.०३\ कम्मभूमिहिं पढम (पाकाहेम७७५) प्रभातिकाष्टक सं.\ गा.९। सर्वज्ञ सर्वहित (पातासंघवी१६६, पुप्रे४५२)

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