Book Title: Hastlikhit Granthsuchi Part 3
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Stambhan Parshwanath Jain Trith Anand
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विद्वान उपरथी कृति माहिती समासलक्षण-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम४८६१) समासविशेषभेद सं. (पाकाहेम६७१७) समुद्रदत्तकथा अनित्यताविषये। प्रा.\ गा.११८ (पातासंघवी१५७-१) समुद्राष्टक\ सं. श्लोक९ (पाकाहेम१३७५, पाकाहेम८६८८) सम्प्रति अवन्तिसुकुमालकथा। प्रा. गा.११९ (पाताहेसं१८५) सम्मूर्छितमनुष्योत्पत्तिस्थान#\ प्रा. कहं भन्ते सम्मु (भांता७०) सम्यक्त्वस्वाध्याय मागु. गा.१९ (पाकाहेम१०२३२) सम्यक्त्वारोपण विधि। सं. प्रथमं चैत्यभुव (भांता७०, पाकाहेम५२६८) सम्यक्त्वकुलक\ प्रा. गा.१७\ चउसद्दहण तिलिङ् (पाताखेत५, पाताखेत१२, पातासंघवी१३०-१, पाताहेसं१६८,
पाताहेसं१८९, खंता८८, खंता११२, पाकाहेम४७३२) सम्यक्त्वविचारस्तवन प्रा. गा.२५ (पाकाहेम१०३७५) सम्यक्त्वविचारस्तवन-(मा.गु.)स्तबक मागु. (पाकाहेम१०३७५) सम्यक्त्वरत्नमहोदधि-(सं.)टीका\ सं. (पाकाहेम१०१६९) सम्यक्त्वपञ्चविंशतिका\ प्रा. गा.२५ (पाकाहेम११०५५, पाकाहेम११०५६, पाकाहेम११०५७, पाकाहेम११०५८) सम्यक्त्वपञ्चविंशतिका-(सं.)अवचूरि सं. (पाकाहेम११०५५, पाकाहेम११०५६, पाकाहेम११०५७) सम्यक्त्वविषये विक्रमसेनकथा। सं. श्लोक२२३ (पातासंघवी१२९) सम्यक्त्वविषये यन्त्रप्रकरणकथा। सं. श्लोक९९ (पातासंघवी१२९) सम्यक्त्वविषये उपदेश गाथा। प्रा. गा.२६ (पातासंघवी१३०-१) सम्यक्त्वकुलक प्रा. गा.२४\ वेसागिहेसु गमणं (पाताखेत६) सम्यक्त्वदण्डकी प्रा. अहं भन्ते तुम्ह (भांता७०) सम्यक्त्वदेशनागाथा प्रा.,सं. सम्मत्तदायगाणं (भांता७०) सम्यक्त्वद्वादशव्रतातिचार\ सं. श्रीवीरं देशकं (भांता७०) सम्यक्त्वगाथा प्रा. एगविहाई दसविहं (भांता७०) सम्यक्त्व बारव्रतकुलक\ मागु. गा.३४९ (पाकाहेम१०२४९) सम्यक्त्वपञ्चविंशतिका-(मा.गु.)स्तबक मागु. (पाकाहेम११०५५) सर्वजिन स्तुति। प्रा. गा.१०\ असुरसुरकिन्नरदे (पाताहेसं१६८) सर्वजिनस्तोत्र एकस्वरचित्रमय प्रा. गा.७\ जय जय जय जणवच्छ (पाकाहेम१०२३) सर्वजिनस्तुति प्रा. का.४\ एगे जे अरविन्दच (पाकाहेम१२३६७) सर्वजिनस्तोत्र-आदिमध्यान्त यमकमय-(सं.)अवचूरि। सं. हे मानगजसिंह पू (पाकाहेम१६१८५) सर्वजिनस्तोत्र-(सं.)अवचूरि। सं. श्रीऋषभपक्षे हे (पाकाहेम१६१८५) सर्वज्ञत्वसिद्धिवादस्थल सं.\ इह केचिदहङ्कारश (पाकाहेम८७९५, भांका२१४, भांका२९२) सर्वज्ञदेवसहस्रनामस्तोत्र। सं.\ श्लोक१२८ (पाकाहेम८२२०) सर्वज्ञपरीक्षा प्रा.\ गा.१४१\ एवं अण्णाइ कालं (तालाद३३९) सर्वज्ञवादस्थल\ सं.\ सकल प्रत्यक्षं (भांका२९२) सर्वज्ञव्यवस्थापनवादस्थल सं. (पाकाहेम८७९६) सर्वज्ञव्यवस्था प्रकरण। सं. (पातासंघवी१३५-२) सर्वज्ञव्यवस्थापननामप्रकाश (डतामुक्ता४५८) सर्वज्ञव्यवस्थापनावादस्थल सं.\ इह हि केचिदज्ञा (भांका२९२) सर्वज्ञसिद्धिप्रकरण सं. (पाकाहेम८७९४) सर्वज्ञसिद्धिनिरूपण सं. (पातासंघवीजीर्ण८८) सर्वज्ञस्तुति प्रा.मागु. (पाकाहेम११०८२) सर्वलब्धिविचार\ प्रा. आमोसहि १ विप्पो (भांता७०) सर्वविरतिप्रायश्चितसक्षेप सं. (पाकाहेम७९५१) सर्वव्यसायविधिकरणप्रक्रम सं. गा.१९१ (पातासंघवी१८०-२) सर्वव्यापिआत्मवाद निरास स्थल। सं.आत्मा सर्वगतो न (पाकाहेम८७९२)

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