Book Title: Hastlikhit Granthsuchi Part 3
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Stambhan Parshwanath Jain Trith Anand
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विद्वान उपरथी कृति माहिती
१०१ आराधनापताका\ प्रा. गा.९९०\ नियसुचरियगुणमाह (पाकाहेम६६६, पाकाहेम१००९१) चतुःशरणप्रकीर्णक प्रा. गा.६३२ सावज्जजोगविरई उ (जेताजि१४६, जेताजि१४६, जेताडूं९६०, पाताखेत२३, पाताखेत२९, पाताखेत४२, पाताखेत३२-१, पातासंघवीजीर्ण४६, पातासंघवीजीर्ण४९, पातासंघवीजीर्ण६५, पातासंघवीजीर्ण८५, पातासंघवी१६८, पातासंघवी२०२, पातासंघवी६२-२, पातासंघवी७२-३, पातासंघवी११७-१, पातासंघवी१४५-१, पातासंघवी१९८-२, पाताहेसं१६१, पाताहेसं१६२, खंता११३, खंता१२६, भांता७२, तालाद३८९, जेकाजि१९५१, पाकाहेम६६६, पाकाहेम९०२, पाकाहेम६५६९, पाकाहेम७३०७, पाकाहेम१००८४, पाकाहेम१०५१०, पाकाहेम१०५११, पाकाहेम१०५१२, पाकाहेम१०५५३, पाकाहेम१०६१०, भांका१२३, भांका१६८, भांका२२७,
भांका२४६, भांका३००) भक्तपरिज्ञाप्रकीर्णक\ प्रा. ग्रं.१७१\ गा.१७२\ नमिऊण महाइसयंम (जेताजि१४६, पातासंघवीजीर्ण४६,
पातासंघवीजीर्ण६५, पातासंघवीजीर्ण७८, पातासंघवीजीर्ण८५, पातासंघवी१६८, पातासंघवी२०२, पातासंघवी११७-१, पातासंघवी१४५-१, पाताहेसं१६२, तालाद३८९, जेकाजि१९५१, पाकाहेम६६६, पाकाहेम९०२, पाकाहेम६५६९, पाकाहेम७३०७, पाकाहेम१००८६, पाकाहेम१०४२८, पाकाहेम१०५२०, पाकाहेम१०५५६, भांका१२३, भांका१६८,
भांका२२७, भांका२४६) वीरविजय-मुनि
नवाणुप्रकारीपूजा। मागु. (लिंता२४३२-१) पर्युषणपर्व स्तवन\ मागु. गा.४\ परब पजुसण पुन्य (पाकाहेम१०२३३) वीरसूरि - जुओ - वीरगणि-गणि वोम्मीदेव-अज्ञात वैशेषिकदर्शन-(सं.)पदार्थधर्मसङ्ग्रह टीकानी (सं.)न्यायकन्दली टीकानी (सं.)न्यायकुसुमोद्गमोदयव्याख्या। सं.
नित्यज्ञानदयैश् (पाकाहेम६६८२) व्यास-ऋषि
पातञ्जलयोगसूत्र-(सं.)पातञ्जलयोगदर्शनभाष्य। सं.। अथेत्ययमधिकारार (जेताजि३९५, तालाद३४४-१) व्यासदास - जुओ - क्षेमेन्द्र-अज्ञात शङ्कराचार्य-यति
हरिमीडेस्तोत्र सं. श्लोक४४ स्तोष्ये भक्त्य (भांका८५) शकुक - जुओ - सकुक-अज्ञात शङ्खधर-जैनेतर
लटकमेलकप्रहसन सं. (जेकाजि१२२४, पाकाहेम३७३४) शय्यम्भवसूरि-आचार्य दशवैकालिकसूत्री प्रा. ग्रं.७००\ धम्मो मङ्गलमुक् (जेताजि७४, जेताजि८२, जेताजि८३, पाताखेत५१,
पाताखेत१७-१, पाताखेत४४-३, पातासंघवीजीर्ण४२, पातासंघवीजीर्ण७६, पातासंघवीजीर्ण७८, पातासंघवीजीर्ण८५, पातासंघवी१६६, पातासंघवी१७४, पातासंघवी३३-३, पातासंघवी३५-१, पातासंघवी३५-२, पातासंघवी६४-२, पातासंघवी१८२-१, पातासंघवी१९८-२, पातासंघवी२०१-१, पातासंघवी२०६-२, पाताहेसं२५, पाताहेसं१६१, पाताहेसं१६८, पाताहेसं१७९, पाताहेसं१८९, पाताहेसं१७१-८, खंता७३, खंता७४, खंता७५, खंता८०, खंता११८, खंता७६-१, तालाद३८९, वताकांति४१४, वताकांति४३१-१, जेकाजि४३, पाकाहेम७७३, पाकाहेम७७४, पाकाहेम७७५, पाकाहेम९०२, पाकाहेम६५६१, पाकाहेम६९४६, पाकाहेम६९४७, पाकाहेम६९४८, पाकाहेम६९४९, पाकाहेम७५१६, पाकाहेम७५१७, पाकाहेम७५१८, पाकाहेम७५१९, पाकाहेम७५२४, पाकाहेम७५२५, पाकाहेम७५२६, पाकाहेम७५२७, पाकाहेम७५२८, पाकाहेम७५२९, पाकाहेम१००७२, पाकाहेम१०४३३, पाकाहेम१०४९४, पाकाहेम१०४९५, पाकाहेम१०४९६, पाकाहेम१०४९७, पाकाहेम१०४९८, पाकाहेम१०४९९, पाकाहेम१४७९७,
पाकाहेम१५२५२, पाकाभाभा७४, पुप्रे४०७, पुप्रे४०८, भांका२०७, भांका२१०, भांका२६२) शर्ववर्मदेव-जैनेतर कातन्त्रव्याकरण। सं. सिद्धो वर्णसमाम (वताकांति४३९, अताका४७५, जेकाजि२४०, जेकाजि२४९, जेकालौ५०५, पाकाहेम९०३, पाकाहेम९०४, पाकाहेम९७१, पाकाहेम२८७१, पाकाहेम२८७२, पाकाहेम३८१३, पाकाहेम८५६४,
पाकाहेम९६८३, पाकाहेम९६९९, पाकाहेम१२८३७, पाकाहेम१२८३८, पाकाहेम१२८३९) कातन्त्रव्याकरण परिभाषासूत्र सं. (वताकांति४४०)

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