Book Title: Hastlikhit Granthsuchi Part 3
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Stambhan Parshwanath Jain Trith Anand
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Page #1 -------------------------------------------------------------------------- ________________ NA AR IVA AN मुनिराज श्री जम्बूविजयजी महाराज द्वारा प्राप्त अनेक ज्ञानभंडारों के हस्तलिखित ताडपत्रीय एवं कागजीय ग्रंथों की फोटोकॉपीयों की प्रत नाम के अकारादि क्रम से सूचि 1 भाग ३रा COM TA CAT * संपादक * पूज्यपादाचार्यदेवश्रीमद्विजयसिद्धिसूरीश्वरजीपट्टालङ्कार पूज्यपादाचार्यदेवश्रीमद्विजयमेघसूरीश्वरशिष्यरत्न पूज्यपादगुरुदेवमुनिराजश्रीभुवनविजयान्तेवासी मुनि जम्बूविजयः NA HAP AMAAYS Page #2 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भाग ३ रा मुनिराज श्री जम्बूविजयजी महाराज द्वारा प्राप्त अनेक ज्ञानभंडारों के हस्तलिखित ताडपत्रीय एवं कागजीय ग्रंथों की फोटोकॉपीयों की सूची के अन्तर्गत अन्य परिशिष्ट * संपादक पूज्यपादाचार्यदेवश्रीमद्विजयसिद्धिसूरीश्वरजीपट्टालङ्कार पूज्यपादाचार्यदेवश्रीमद्विजयमेघसूरीश्वरशिष्यरत्न पूज्यपादगुरुदेवमुनिराजश्रीभुवनविजयान्तेवासी मुनि जम्बूविजयः Page #3 --------------------------------------------------------------------------  Page #4 -------------------------------------------------------------------------- ________________ || श्री सिद्धाचलमंडन श्री ऋषभदेवस्वामिने नमः ।। श्री शान्तिनाथस्वामिने नमः । श्री शंखेश्वरपार्श्वनाथाय नमः । श्री नाकोडापार्श्वनाथाय नमः | श्री महावीरस्वामिने नमः | श्री गौतमस्वामिने नमः । ।। श्री नाकोडाभैरवाय नमः ।। पूज्यपादाचार्यमहाराजश्रीमद्विजयसिद्धि सूरीश्वरजीपादपद्मेभ्यो नमः। पूज्यपादाचार्यमहाराजश्रीमद्विजयमेघसूरीश्वरजीपादपद्मेभ्यो नमः । पूज्यपाद सद्गुरूदेवमुनिराज श्रीभुवनविजयजीपादपद्मेभ्यो नमः । प्रस्तावना विक्रम संवत् २०५८नुं अमारूं चातुर्मास नाकोडातीर्थमां थयुं ते वखतना नाकोडातीर्थना अध्यक्ष पारसमलजी भणसाली हता तेमनी उंची भावना के नाकोडातीर्थ बधी रीते समृद्ध छे मात्र ज्ञानना क्षेत्रे त्रूटी छे । आप एवं आदर्श ज्ञाननुं संशोधन केन्द्र उभुं करवा मार्गदर्शन आपो तो अमारी बधी रीते सहकार आपवा तैयारी छे। ज्ञानमंदिर तथा संशोधन करवानी अनुकूळता वाळं मोटुं मकान बनाववानो पण निर्णय कर्यो । त्यारे अमने पण थयुं के अहीं आवुं केन्द्र उभुं थाय तो सारुं तेथी अमारी पासे जे हस्तलिखित ताडपत्रीय अने कागळ उपरना ग्रंथभंडारोना ग्रंथोनी फोटोकॉपीओ हती तेनी फोटोकॉपीओ त्यां मूकवी एवं मनमां नक्की कर्तुं। साथे साथे अमने एम पण थयुं के सकळ श्री संघमां अनेक साधु-साध्वीजी तथा विद्वानों आ क्षेत्रमां कार्य करवानी इच्छा वाळा छे परन्तु मूळ हस्तलिखित ग्रंथो सरळताथी प्राप्य नथी अनेकदाच क्यांकथी प्राप्य होय तो पण मूळ प्रतिओ मोटा भागे जीर्ण अवस्थामां होवाथी तेनो उपयोग करवा जतां फाटवानी-तूटवानी संभावना होइ भविष्यमा ए ग्रंथ खोई बेसवानो वारो आवे। अने मोटाभागना ग्रंथ भंडारोमांथी ग्रंथ बहार नहीं लई जवानो ठराव पण होय छे। साधु-साध्वीजी विहारमां होय, दूर होय, घणा साथे संकळायेला होय तेथी काम करवा माटे अनेक महिनाओ सुधी ग्रंथ भंडारमां मात्र ग्रंथने माटे बेसी रहे के पहोंच पण पालवे नहीं । तेथी आ क्षेत्रमां काम करनार साधु-साध्वीने विद्वानोने आ मूळ ग्रंथो मळवा प्रायः अशक्य हता अने क्यांय मळे तो पण ग्रंथनी अवस्थाने कारणे उपयोग करवो फावे तेम न हतो। घणा साधु-साध्वीजी भगवंतो तेमज विद्वानो अमारी पासे रहेला ग्रंथनी फोटोकॉपीनी मांगणी करता हता। पण अमारी पासे एवं कोई तंत्र नहीं अने अमे फरता राम तेथी तेओ मांगे त्यारे अमे तेमने फोटोकॉपी आपी शकता न हता। अमने घणुं मनमां थतुं के आपणा पूर्वाचार्योए आ ज्ञाननो वारसो पछीनी पेढीने उपयोगमां आवे ते माटे तेमना काळमां आजना जेवी छापकामनी मशीनरी के साधनो न होवा छतां तनतोड महेनत करी दरिया जेवडा शास्त्रो लाखो रूपियानो व्यय करी लहियाओ पासे लखाव्या एटलुं ज नहिं तेने पाछा संशोधन करी शुद्ध स्वरूपमां मुक्या । आपणे अत्यारे वर्तमानमां तेने ताळाकुंचीमां कोईने पण नहीं आपवाना ठराव साथे भंडारमां ज मूकी राखीए अने तेने सुरक्षित साचवी राख्यानुं गौरव पण लईए । सारी वात छेके आ रीते साचव्या तेथी आजे पण जे बच्युं ते आपणा कब्जामां छे. आटलुं कर्या पछी हवे जो नो उपयोग ज न थाय तो तो पुद्गलना स्वभाव मुजब ५-५० वर्षे ते ज्यां छे त्यां ज सडीने के उधई लागी नाश पामी जशे . त्यारे जैन संघने राते पाणीए रोवानो वारो आवशे के आपणा समस्त संघनी जीवादोरी समान आ अमूल्य मुडीनो आपणे उपयोग कर्या विना ज नाश करी नाख्यो अने जेने आ ज्ञाननी जरुर हती ते पण जडबेसलाक सुरक्षाने कारणे तेमना ज्ञानमां अंतरायभूत बनी फोगट ज ज्ञानावरणीय कर्म बान्धी ग्रंथ न आप्या। तेथी अमने विचार आव्यो के आ अमूल्य शास्त्रवारसो नाश पामी जाय ते पहेला तेने वधु सुरक्षित अने उपयोगी पण बनाववानी जरूर छे । आ क्षेत्रमां काम करता साधु-साध्वीओने उपयोगी बनाववानी दृष्टिए तेमज संघने भविष्यमां ग्रंथनी जरूरीयात माटे मारी पासे मांगणी करवा आववुं ज न पडे माटे जे मारी पासे हस्तलिखित ग्रंथोनी फोटोकॉपीओ छे तेमांथी जे भंडारो आ ग्रंथोनी झेरोक्ष कॉपी करी जोईए तेने आपे छे तथा आपवानी संमति Page #5 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आपे छे ते ज भंडारोना ग्रंथोनी कॉपीओना १०/१२ सेटो बनावी जुदा जुदा संघो, ज्ञानभंडारोमां मूक्या होय तो भविष्यमां साधु-साध्वी के विद्वानोने सरळताथी मळी शके । तेमज कोईक एक ठेकाणे कोईपण कारणसर ग्रंथ भंडार नाश पामे तो पण तेनी संपूर्ण कॉपी कोईक ठेकाणे तो उपलब्ध थई ज जाय जेथी ग्रंथ भंडार चिरकाळ सुधी सुरक्षित पण बने। बीजुं कागळनुं लांबु आयुष्य होतुं नथी । २५/३० वर्षे कागळ पण नाश पामी जाय तेथी जो मात्र कागळ पर झेरोक्ष कॉपी ज बनाववामां आवे तो तेनी दर २५/३० वर्षे नवी कॉपी कराववी पडे। पण झेरोक्ष उपरथी पाछी कॉपी एटली स्पष्ट न आवे केटलुंक भुंसाई जाय । तेथी तेनो वारसो लांबाकाळ सुधी टकाववा माटे तेनी सीडी (कोम्प्युटर स्केनर द्वारा ) जो बनावी होय तो तेनी कॉपी वारंवार गमे तेलीवार करो तो पण ते जेवी होय तेवी ज आवे छे अने तेनी कॉपी बनाववी सरळ अने अत्यंत सस्ती पण छे. तथा घणी ओछी जग्यामां ते रही शके छे. उपयोग माटे हस्तांतरण पण सहेलुं छे। अने एना उपरथी कागळ उपर प्रीन्ट पण ज्यारे जोईए त्यारे स्पष्ट नीकळी शके छे। वळी तेमां प्रूफ रीडींग विगेरेनी पण कोई माथाकूट नहीं. जेवुं होय तेवुं ज रहे । जेथी लहिया द्वारा शास्त्रालेखनमां जे नवी भूलो गमे तेटलुं प्रूफ रीडींग करवा छता उमेराय छे ते न बने अने शास्त्रो मूळ स्वरूपमां चिरकाळ सुरक्षित अने उपयुक्त बनी जाय । आ भावनाथी नाकोडा तीर्थमां दरेक ग्रंथोना केटलाक सेटो बनाववामां आव्या तेनी सी.डी. पण बनाववामां आवी। जे संघोए, ज्ञानभंडारोए तथा साधु भगवंतोए आ सेट राखवानी तथा वहिवट करवानी अने तेनो खर्च आवे ते आपवानी तैयारी बतावी तेमने आ ग्रंथोनी कॉपीओनो सेट आपवामां आव्यो छे । तेमां मात्र खर्च ज लीधो छे। अमे तो अपार समय, शक्ति अने द्रव्यनो भोग आप्यो छे छतां श्रुतसेवा कर्यानो घणो संतोष छे। झेरोक्षना संपूर्ण एक सेटमां लगभग बे लाख कागळोनी संख्या छे । आ कार्यमां श्री नाकोडा जैन तीर्थे खूब खूब सहकार आप्यो छे । आ काम लगभग ७ (सात) महिना सुधी चाल्युं । त्यां सुधी आ तीर्थना ट्रस्टे आ काम माटे २२ (बावीस ) तो रुमो होल विगेरे फाळवी आप्या । पोष सुद दशम मेळाना त्रण दिवसोमां हजारो यात्रिकोनी अत्यंत भीड होवा छतां अने तेमने रुमोनी अत्यंत आवश्यकता होवा छतां तेमने आ भगीरथ कार्यमा रोकायेली २२ रूमोमांथी एक पण रुम खाली करी आपवा मागणी करी नथी । तेमज पांच झेरोक्ष मशीनो, सात कोम्प्युटरो, चार स्केनरो, ए. सी. आदि माटे वधु पावरनी इलेक्ट्रीक लाईननी व्यवस्था पण नाकोडातीर्थे उभी करी आपी । आ काममां काम करनारा कर्मचारीओ तथा सेवा करनारा मळी लगभग १०/२० जणानी ७ महिना सुधी खावा- पीवानी रहेवानी तमाम जवाबदारी तीर्थे उपाडी लीधी । नाकोडातीर्थना अध्यक्ष स्व. पारसमलजी भणसाली तथा नवा अध्यक्ष चंपालालजी पारख, प्रकाशजी वडेरा, रीखबचंदजी मालू, चंपालालजी मुथा मांडवला वाला आदि ट्रस्टीगण तथा बालोतरा वाला गणपतचंदजी पटवारी आदि महानुभावोनो सिंहफाळो रह्यो छे तेमज नाकोडातीर्थना मेनेजर श्री महेता साहेब तथा श्री पी. सी. जैन आदि तमाम स्टाफे पण खूब ज उदारताथी कार्यमां संपूर्ण सहकार आप्यो छे। ते माटे ते सहुने खूब खूब धन्यवाद घटे छे । आ ग्रंथोनी कॉपीओ उपर लगाववा माटेना लेबलो तैयार करवा तेना हेडींगो तैयार करवा विगेरे कामोमां कोबा (गांधीनगर)ना ज्ञानभंडार ना संचालनमां जेमनुं मुख्य नाम छे एवा प. पू. पद्मसागरसूरिजी महाराज साहेबना शिष्यरत्न मुनिराज श्री अजयसागरजी महाराज साहेब श्री ए तो आ कार्यमां खूब खूब जहमत उठावी छे। आ ग्रंथो जुदा जुदा भंडारना हता । तेथी ते ते ग्रंथनी विस्तृत माहिती अमारी पासे न हती। तो ते बधी अधूरी माहितीने पूर्ण करवा माटे आ मुनिराजश्रीए महिनाओ सुधी केटकेटला ठेकाणेथी माहितीओ एकठी करी । भारे महेनत बाद पोते पोताना कार्योंमां अत्यंत व्यस्त होवा छता समयनो भोग अने एमनी कोठासूजनो उपयोग करी आ सर्वांगसुंदर सूचीपत्र बनाववानो तमाम यश एमने फाळे जाय छे। अने एमनी पासे कोम्प्यूटरनुं पण तलस्पर्शी ज्ञान होवाथी समये समये आ कार्यना कोम्प्युटर, स्केनर विगेरेना Page #6 -------------------------------------------------------------------------- ________________ काममां सी.डी. बनाववामां, सोफ्टवेर नक्की करवामां एमणे जे मार्गदर्शन आप्युं छे ते दाद मांगी ले तेवुं छे। तेमने मारा अंतरना खूब खूब धन्यवाद आपुं छं । जितेन्द्र मणिलाल संघवी अने अशोकभाई संघवी, अजयभाई शाहे पण वारंवार ठेठ अमदावाद थी नाकोडा आवी आ कार्यने सारी रीते संभाळ्युं हतुं । मुंबई बोरीवलीथी नीतिनभाई बगडीया पण आ कार्यमां सारो एवो रस लई तेमां बधो ज सहकार आपता हता । तेमज लाकडीया (वागड-कच्छ) ना नानालालभाईए पण सी.डी. तेमज सी. डी. राईटरनी खरीदीमां खूब ज सहकार आप्यो छे । तेमज अमदावादना वतनी प्रशांतभाई सुबोधभाई चिनुभाई (हाल साउथ अमेरिका) ए पण सीडीराईटर भेट आपीने घणुं योगदान आप्युं छे । नाकोडातीर्थनी ज्ञानशाळाना संचालक श्री नरेंद्रभाई कोरडीया तथा तेमना अनेक विद्यार्थिओ पण आ कार्यमा जोडाई गया हता । अमदावादना जयेशभाई तथा सतलासणाना गुणवंतभाई तथा धीरुभाई आदिए पोताना झेरोक्ष मशीनो लावीने आ कार्यने समय के पैसानो विचार कर्या विना सारी रीते पार पाड्यं हतुं । अनेक वार मशीनो खोटवाय त्यारे ठेठ अमदावादथी मीकेनीक लावीने पण काम पार पाड्यं हतुं । अंते मारा मातुश्री साध्वी श्री मनोहरश्रीजी (सरकारी उपाश्रयवाळा ) ना शिष्या साध्वीश्री सूर्यप्रभाश्रीजी ना शिष्या साध्वीश्री जिनेन्द्रप्रभाश्रीजी आदि शिष्या प्रशिष्या परिवार तथा मारा सहवर्ति साधुओ ग्रंथोना व्यवस्थित पेकींग, लीस्टींग, प्रुफरीडींग आदि दरेक कार्योमां खूब खूब जहेमत उठावी छे। आ काममा अनेकानेक विघ्नो आवतां हतां छतां श्री नाकोडापार्श्वनाथ भगवाननी कृपा अने श्री नाकोडाभैरवदेवनी दैवी सहायथी अने उपरोक्त नामी, अनामी, जाणीता अने अजाण्या एवा अनेकना सक्रिय सहकारथी आ भगीरथ कार्य पार पड्युं छे । ते सर्वनो आ तके हुं खूब खूब आभारी छु । - आ फोटोकॉपीओ करवाना काममां प्रथम चरणथी मांडी अंतिम चरण सुधीनुं बधुं ज कार्य मारा शिष्य मुनिश्री धर्मचन्द्रविजयजीना शिष्य मुनिश्री पुंडरीकरत्नविजयजीए ज संभाळयुं छे तथा धर्मघोषविजयजी महाराजनो तमाम कामोमां संपूर्ण सहकार हतो तेथी मारा तेमने अनेक अनेक धन्यवाद घटे छे । लि. पूज्यपादाचार्यमहाराजश्रीमद्विजयसिद्धिसूरीश्वरजीपट्टालंकारपूज्यपादाचार्यमहाराजश्रीमद्विजयमेघसूरीश्वरजीशिष्य जम्बूविज श्री स्तंभन पार्श्वनाथ जैन तीर्थ C/o श्री शान्तिनाथ ताडपत्रीय जैन ज्ञानभंडार ता. २४-०८-२००५, बुधवार विक्रम संवत् २०६१ श्रावण वदि ५ पूज्यपादसद्गुरुदेवमुनिराज श्रीभुवनविजयान्तेवासी भोंयरापाडो, ऋण दरवाजा पासे, मु.पो.खंभात, जिला - आणंद, गुजराज राज्य पीन नं.३८८ ६२० Page #7 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आ फोटोकॉपीओनो संपूर्ण सेट जेमणे राखेल छे तेमनी यादी १. नमस्कारमंत्राराधक पू. पं. श्री भद्रंकरविजयजी महाराजना प्रशिष्य पं. वज्रसेनविजयजी महाराज तथा पं. श्री हेमप्रभविजयजी महाराजनी प्रेरणाथी वर्धमान तत्त्वज्ञान जैन विद्यालय मु. वांकीतीर्थ, तालुको - मुन्द्रा, जिलो - कच्छ, पीन नं.३७० ४२५ फोन नं. (०२८३८) २७८२४०, २७८२८४ २. फूलचंद कल्याणचंद जैन पौषधशाळा लालबंगला, अठवालेन्स, सूरत फोन नं.c/o संजयभाई (०२६१) ३२२१९२६ ३. आ. म. श्री अशोकचंद्रसूरिजी महाराज तथा आ. म. श्री चंद्रोदयसूरिजी महाराजनी प्रेरणाथी श्री नेमिसूरि आराधना भवन मोटी पोळ, गोपीपुरा, सूरत फोन नं. c/o अश्विनभाई (R) ७४१२८३३, (0) ७४२०४१५ ४. नमस्कारमंत्राराधक पू. पं. श्री भद्रंकरविजयजी महाराजना प्रशिष्य पं. वज्रसेनविजयजी महाराज तथा पं. श्री हेमप्रभविजयजी महाराजनी प्रेरणाथी आराधना धाम - हालार तीर्थ पोस्ट - वडालीया सिंहण, जिलो - जामनगर, पीन - ३६१ ३०५ फोन नं. (०२८३३) २५४१५६, २५४१५७ ५. श्रेयस्कर श्री अंधेरी गुजराती जैन संघ शेठ करमचंद जैन पौषधशाळा १०६, एस.वी.रोड,ईला ब्रीज, विलेपार्ले (वेस्ट) मुंबई - ४०० ०५६ फोन नं. (०२२) २६७१९३५७, २६७१२६३१ ६. आ. म. श्री पद्मसागरसूरिजी महाराजनी प्रेरणाथी श्री महावीर जैन आराधना केन्द्र मु. कोबा, जिलो - गांधीनगर, पीन नं.३८२ ००९ फोन नं. २३२७६२५२, २३२७६२०४, २३२७६२०५ ७. पंकज सोसायटी जैन संघ पंकज सोसायटी, भट्ठा, पालडी अमदावाद - ३८० ००७ फोन नं. ८. श्रुतानंद ट्रस्ट - शेठ आणंदजी कल्याणजीनी पेढी बंगला नं.-२४, वसंतकुंज सोसायटी, नवा शारदामंदिर रोड पालडी, अमदावाद, फोन नं. (०७९) २६६०८२४४ ९. रत्नाकरसूरिजी महाराज साहेब C/o श्री रंजनविजयजी जैन पुस्तकालय मु. मालवाडा, जिला - जालोर, राजस्थान पीन नं.३४३ ०३९ फोन नं. C/o अमदावाद - ०७९ - २८६०२४७ पारसगंगा ज्ञानमंदिर Page #8 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०.श्री नाकोडा जैन तीर्थ मु.पो. मेवानगर, वाया बालोतरा जिला - बाडमेर, राजस्थान, पीन नं.३४४ ०२५ फोन नं. (०२९८८) २४०००५, २४००९६, २४०७६१ ११.प. पू. भुवनभानुसूरीश्वरजी महाराजना प्रशिष्य आ. म. श्रीहेमचंद्रसूरिजी महाराज साहेबनी प्रेरणाथी श्री जिनशासन आराधना ट्रस्ट c/o पंडित चंद्रकान्त सरूपचंद संघवी B/६, अशोका कोम्प्लेक्ष, रेल्वेगरनाळा पासे, पाटण, पीन नं. ३८४ २६५ फोन नं. (०२७६६) २३१६०३ १२.शेठ मोतीशा लालबाग जैन चेरीटीझ २१२/- पांजरापोल स्ट्रीट, सी.पी.टेन्क माधवलाग, मुंबई - ४०० ००४ फोन नं. C/o राजेशभाई (०२२) २२४२८३३५, २२४२१८२९ जेमणे संपूर्ण नहिं पण आंशिक सेट राखेल छे तेमनी यादी १. भोगिलाल लहेरचंद इन्स्टीट्यूट ऑफ इन्डोलॉजी २०वाँ किलोमीटर, जी.टी.करनाल रोड, पोस्ट-अलीपुर, दिल्ली-११० ०३६ फोन नं. (०११) ७२०२०६५, ७२०२२२५ २. आचार्यमहाराज श्री मनिचंद्रसरिजी महाराज C/o श्री भद्रसूरि ज्ञानभण्डार, पार्श्वभक्ति नगर मुं. भीलडीया, वाया डीसा ३. आचार्यमहाराजश्री प्रद्युम्नसरिजी महाराज c/o कीर्तिभाई, दर्शन फ्लेट, १ले माळे अमूल सोसायटी, सुखीपुरा गार्डननी सामे पालडी, अमदावाद फोन नं. (०७९) २६६३४३०८ Page #9 --------------------------------------------------------------------------  Page #10 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १. अपभ्रं २. अभं ३. आदिवा ४. कृ.वि. ५. कृति संकेत सूची अपभ्रंश अज्ञात भंडार आदि वाक्य कृति विशेष व्यक्ति, स्थान, वस्तु, प्रसंग आदि को लक्ष्य में रखकर स्वकथ्य अथवा अपने मनोभाव को रचनात्मक शैली में प्रस्तुत की जानेवाली वस्तु को कृति अथवा रचना कहते है। रचना का क्षेत्र वटवृक्षवत् विशाल होता है। अर्थात् विद्वान जीवन में उपयुक्त विविध क्षेत्रों की कार्यप्रणाली, सैद्धान्तिक व्यवस्था तथा अपने वैचारिक दृष्टिकोण को जीवंत रखने हेतु आलेखन करते है। उसकी विविध शाखाये होती है। मूल तोर पर तथा मूलगत विषय को सुस्पष्ट करने की रचनात्मक क्रिया भी कृति कहलाती है। यह गद्य/पद्य/चम्पू/नाटक आदि रूपमें होती है। टीका, व्याख्या, अनुवाद, कथा, टबार्थ, बालावबोध आदि विविध कृति प्रकार इसके अंदर समाविष्ट है। ६. गा. गाथा ७. ग्रं. ग्रंथाग्र ८. झे.पत्र झेरोक्ष (फोटोस्टेट) पत्र संख्या ९. डतामुक्ता (डभोई) ताडपत्रीय मुक्ताबाई जैन ज्ञानमंदिर के ग्रंथ १०. डी.वी.डी. डीवीडी का अनुक्रम नंबर ११. डीवीडी ओरिजिनल इस डीवीडी में मूल ताडपत्रीय या कागजीय ग्रंथ की जैसी स्थिति है वैसे हि प्रतिबिंबित कीया गया है। इसमें कोई कोई ग्रंथ के पन्ने धब्बे आदि वाले होने से उनकी तस्वीरे साफ पढने लायक नहीं भी हो ऐसा संभव है। फिर भी उसे डीवीडी में सुरक्षित रखा गया है जिससे जिज्ञासु मूल चित्र देखकर अपनी शंका का निराकरण कर सकता है। डीवीडी ओरिजिनल याने उस डीवीडी का अनुक्रम क्रमांक। १२. डीवीडी क्लिन/ओरिजिनल इस कॉलम में पहले छपा नंबर क्लीन डीवीडी का है तथा बादमें छपा नंबर ओरिजिनल डीवीडी का है तथा उसके बाद छपा नंबर झेरोक्ष (फोटोकॉपी)के पत्रों की कुल संख्या का है १३. डीवीडी क्लीन मूल ताडपत्रीय या कागजीय ग्रंथ धब्बे वाले हो या तो जिसके मूल में धब्बे आदि के कारण अक्षर साफ पढने लायक नहीं दीखते हो उन्हें स्केन करके कोम्प्यूटरीय तकनीक द्वारा धब्बे आदि साफ कर अक्षरों को पढने लायक साफ किया गया हो उसका प्रतिबिंब (इमेज) जिस डीवीडी में लिया गया हो उस डीवीडी का अनुक्रम नंबर। इसमें कभी कभी अक्षर को साफ करते समय संभव है की किसी जगह का अक्षर अनुस्वार काना मात्रा आदि भी मिट गये हो इसलिये ऐसे पन्नों में जहाँ शंका पडे वहां उसी पन्ने का ओरीजिनल में प्रतिबिंब देख लेना चाहिए। डीवीडी क्लिन याने डीवीडी का अनुक्रम क्रमांक। १४. तालाद ताडपत्रीय लालभाई दलपतभाई विद्यामंदिर (अमदावाद) के ग्रंथ १५. पाकाभा पाटण कागजीय भाभा के पाडा का भंडार Page #11 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १६. पाकाहेम १७. पाताखेत १८. पातासंपा १९. पातासंपाजी २०. पाताहेसं २१. पृ. २२. पे. २३. पे. पत्र २४. पे. पृ. २५. पे.वि. २६. प्रत २७. प्रा. २८. भांका २९. भांता ३०. र. सं. ३१. लिंता ३२. ले.सं. ३३. वताकान्ति ३४. वताहंस ३५. वि. ३६. सं. पाटण कागजीय हेमचंद्राचार्य जैन ज्ञानभंडार पाटण ताडपत्रीय खेतरवसीय के पाडा का भंडार पाटण ताडपत्रीय संघवीपाडा का भंडार पाटण ताडपत्रीय संघवीपाडा का जीर्ण त्रुटक भंडार पाटण ताडपत्रीय हेमचंद्राचार्य संघ भंडार पृष्ठ संख्या पेटांक पेटांक पत्रसंख्या पेटांक पेटांक विशेष पृष्ठ संख्या एक या एकाधिक कृति रचनाओं को व्यवस्थित लिपिबद्ध करके लोकभोग्य की दृष्टि से तैयार की हुई वस्तु प्रत या प्रति कहलाती हैं। इसे विविध संसाधनों के द्वारा तैयार की जाती है। इसे आवश्यकतानुसार विविध साधनों पर तैयार की जाती है जैसे कि- तालपत्र पर लिखी प्रति को तालपत्र अथवा ताडपत्र, भोजपत्र पर लिखी प्रत को भोजपत्रीय प्रति, काजग पर लिखी प्रत को कागद या सीधे प्रत भी कहते हैं। इसी प्रकार अन्य भी इसके साधन है। प्रतियाँ कालक्रमानुसार विविध शैलियों में लिखी जाने की परंपरा रही है। जैसे- गंडी, कच्छली, मुष्टिका आदि। प्राकृत भांडारकर इन्स्टीट्यूट पूणे कागजीय ग्रंथ भंडार भांडारकर इन्स्टीट्यूट पूणे ताडपत्रीय ग्रंथ भंडार रचना संवत् (विक्रम) लिमडी ताडपत्रीय एवं कागजीय ग्रंथ भंडार लेखन संवत् (विक्रम) वडोदरा ताडपत्रीय कान्तिविजयजी का भंडार वडोदरा ताडपत्रीय हंसविजयजी का भंडार विक्रमसंवत् संस्कृत भाषा Page #12 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अनुक्रमणिका ग्रंथ भंडारनुं नाम ग्रंथ भंडारनुं टुंकु नाम (भंडार कोड) .......भांता भांका पातासंपा ............................. .पाताहेसं ..पाताखेत ..पातासंपाजीर्ण ....तालाद १. भांडारकर इन्स्टीट्यूट-पूणे ___ ताडपत्रीय ज्ञानभंडार..... २. भांडारकर इन्स्टीट्यूट-पूणे कागजीय ज्ञानभंडार. ३. पाटण ताडपत्रीय संघवीपाडा का ताडपत्रीय ज्ञानभंडार. ४. पाटण ताडपत्रीय हेमचंद्राचार्य संघभंडार. ५. पाटण ताडपत्रीय खेतरवसीपाडा का ज्ञानभंडार. ६. पाटण ताडपत्रीय संघवीपाडा का जीर्ण त्रुटक ग्रंथों का ज्ञानभंडार. ७. ताडपत्रीय लालभाई दलपतभाई _ विद्यामंदिर - अमदावाद भंडार.. ८. वडोदरा ताडपत्रीय कांतिविजयजी महाराज का ज्ञानभंडार...... ९. वडोदरा ताडपत्रीय हंसविजयजी महाराज का ज्ञानभंडार. १०. डभोई ताडपत्रीय मुक्ताबाई का ज्ञानभंडार............... ११. अन्य ताडपत्रीय एवं कागजीय ग्रंथ........ १२. लींमडी कागजीय ग्रंथ भंडार............ १३. पुण्यविजयजी कृत प्रेसकॉपीयाँ.. १४. पाटण कागजीय भाभा के पाडा का ज्ञानभंडार......... १५. पाटण कागजीय हस्तलिखितों का ज्ञानभंडार.. ... वताकान्ति वताहंस ...डतामुक्ता अताका .लींता ........... पुप्रे पाकाभाभा पाकाहेम Page #13 --------------------------------------------------------------------------  Page #14 -------------------------------------------------------------------------- ________________ * सूचनाओ + लीस्टोमां कृति संबंधी नाम, भाषा, कर्ता, आदिवाक्य, रचनासंवत के कृतिविशेष आदि विगतो जे ते छपाएला सूचीपत्र करतां घणी जग्याए जुदी पडशे. केमके आ विगत जुदा-जुदा सूचीपत्रोमांथी भेगी करीने भरवामां आवी छे. सामान्यपणे गायकवाडी केटलोग, भांडारकर, खंभात अने जेसलमेरना प्रथम सूचीपत्रनो आमां विशेष आधार लेवामां आव्यो छे. केटलीक विगतो कोबा ज्ञानभंडारमाथी जे ते कृतिनी मुद्रित पुस्तको जोईने पण उमेरवामां आवी छे. जेमके महावीर विद्यालयवाळु पइन्नय सुत्ताई. • जे प्रत के पेटांक माटे पृष्टनी विगत नथी मळी त्यां ?' करी देवामां आव्यां छे. पेटांकमां क्यारेक अमुक पेटांको माटे भेगी एक सरखीज पृष्ट माहिती मळी छे त्यां ते माहिती ते बधा पेटांकोमा आपी देवामां आवी * जे कृतिओ माटे नाम सिवाय कांईज माहिती मळती नथी त्यां अने कृतिनाम बाबते कोई शंका रही जती होय त्यां घणे अंशे कृतिनामना छेडे ?' करी देवामां आव्यो छे. * ज्ञानभंडार ताडपत्रीय होय पण एमांय जो कोई प्रत कागळनी होय तो प्रतस्वरूपमा एनो ए रीते उल्लेख को छे. जेसलमेर ताडपत्रीय भंडारमा आq घणी वखत बन्युं छे. * दरेक सूचीओमां सर्वप्रथम जे माहिती माटेना मथाळाओ आपवामां आव्या छे ते पैकीनी जे लागू पडती माहिती उपलब्ध हती तेटलीज नीचे सूचीमां प्रिन्ट करवामां आवी छे. जे माहिती नथी ते माटे अलगथी कोई खाली जग्या विगेरे राखवामां आवी नथी. Page #15 --------------------------------------------------------------------------  Page #16 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -: विद्वान नाम से कृति माहिती :यह सूची द्विस्तरीय है. इसमें विद्वान नाम अकारादि क्रम से है और प्रत्येक विद्वान नाम के नीचे उनकी रची हुई कृतियाँ अकारादिक्रम से दी हुई हैं. विद्वान व कृति के कोलमों का विस्तृत परिचय "कृति से प्रत माहिती" वाली सूची के परिचय में दिया गया है. आदि वाक्य यहाँ जगह की कमी के कारण और भी संक्षिप्त कर दिया गया है. __किसी विद्वान का कोई प्रचलितनाम हो तो वह भी यथास्थान अकारादि क्रम से भी आ जाएगा और उसके सामने 'जुओ' कर के विद्वान का मुख्यनाम दिया गया है, ताकि विद्वान के मुख्यनाम पर जा कर विस्तृत सूचना प्राप्त की जा सके. Page #17 --------------------------------------------------------------------------  Page #18 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विद्वान उपरथी कृति माहिती पाटण आदि ज्ञानभंडारनी पूज्य जंबूविजयजीए करावेल झेरोक्ष प्रतो माटे विद्वान नाम-स्वरूप (प्रचलित नाम)-गच्छ गौत्र, गुरु, समयगाळो, कोड कृति नाम, भाषा, आदिवाक्य अथवा विद्वान प्रचलित नाम - जुओ - विद्वान मुख्यनाम-स्वरूप अकलकदेवसूरि-आचार्य (प्र. नाम-आचार्य-अकलङ्कदेवाचार्य) चैत्यवन्दनपदपर्यायमञ्जरी। सं. (पाकाहेम६९४४) प्रत्याख्यानपदपर्यायमञ्जरी। सं. (पाकाहेम६९४४) वन्दनकपदपर्यायमञ्जरी सं. (पाकाहेम६९४४) अकलकदेवसूरि (दिगम्बर)-आचार्य लघीयस्त्रयप्रकरण सं. धर्मतीर्थकरेभ्य (भांता५४, लिंता१४) अकलङ्कदेवाचार्य - जुओ - अकलङ्कदेवसूरि-आचार्य अकलङ्कसूरि-शिष्य - जुओ - सागरचन्द्र-मुनि अजितदेव आचार्य-आचार्य मोहोन्मूलनवादस्थानक\ सं. महादिमोहमातङ्गक (अताका४८५) श्वेतपटता क्रियते मया वाक्यार्थविचारवादस्थानक सं.इह हि नैयायिकमत (अताका४८५) अजितदेवसूरि-आचार्य प्रश्नव्याकरणसूत्र-(सं.)दीपिका टीका\ सं. नमः श्रीशान्तिन (पुप्रे४१३) अजितदेवसूरि-आचार्य मुनिसुव्रतजिनस्तुति प्रा. गा.२० (पातासंघवीजीर्ण९०) अजितप्रभसूरि-आचार्य (प्र. नाम-आचार्य-अजितप्रभाचार्य) शान्तिनाथचरित्र सं.\ श्लोक१६३३१ श्रेयोरत्नाकरोद (पातासंघवीजीर्ण२४, पाताहेसं५७, पाकाहेम१६३६१) अजितप्रभाचार्य - जुओ - अजितप्रभसूरि-आचार्य अज्ञात-अज्ञात *अज्ञात कृतिओ विगत नथी (जेताजि४२३, पातासंघवीजीर्ण७७, पातासंघवीजीर्ण८५, पातासंघवीजीर्ण९५, पातासंघवीजीर्ण९६, पातासंघवीजीर्ण९७, पातासंघवीजीर्ण३२२, पाताहेसं१४९, पाताहेसं१५१, खंता१३३, तालाद३७१, तालाद३९८, अभ६, जेकाजि१२८९, पाकाहेम१४४३६) *प्रकीर्ण त्रुटित ग्रन्थसङ्ग्रह (पातासंघवीजीर्ण९०, जेकाआ२, जेकाजि५००१) २२ परीसह नाम प्रा. गा.२ खुहा पिवासासीउण (भांता७०) २४ जिन स्तुति। अप.\ गा.२५\ मङ्गलमाला पुन्न (पाताहेसं१६८) २४ जिनना पञ्चकल्याणक स्तव प्रा. गा.१३६ (पातासंघवी१९५-२) अकलकदेवाष्टक\ सं. श्लोक१० (पाकाहेम१३७५, पाकाहेम८६८८) अक्रियावाद्यादिसर्वनयादिविचार प्रा.सं.\ असीयसयं किरयाणं (भांता७०) अक्षौहिणीसेनाप्रमाण\ प्रा. गा७ गयरहहयजोहाणं सव (भांता७०) अग्निशीतत्वस्थापनवादस्थल सं. शीतोवह्निर्दाहक (पाकाहेम८८०८, भांका२१४, भांका२९२) अघटकथानक तपविषये प्रा. गा.१२२ (पातासंघवी१५७-१) अघटकुमारकथा। सं. (पाकाहेम१७७६) अङ्गचूलिका प्रा. नमो अरिहन्ताणं० (भांका८३) अङ्गलक्षणविचार सं.\ श्लोक१६\ अस्थिवर्थाः स (तालाद३३९) अङ्गविज्जा पइण्णय प्रा. ग्रं.९००० (जेताजि१४९, जेताजि४१४, पाकाहेम१००८२, पाकाहेम१४८६५) अङ्गस्फुरणविचार सं. श्लोक१० (पाकाहेम१२३२८) अङ्गारमर्दकाख्यान\ प्रा. (पातासंघवीजीर्ण८८) अङ्गारमर्दकाख्यान-(सं.)टीका। सं. (पातासंघवीजीर्ण८८) अजितनाथस्तवन यमकबन्ध-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम१२३१०, पाकाहेम१२३४५) Page #19 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विद्वान उपरथी कृति माहिती अजितशान्तिस्तोत्र-(सं.)अवचूरि। सं. (पातासंघवी२०६-२, पाकाहेम१२३७९, पाकाहेम१५०३४) अजितशान्तिस्तोत्र-(सं.)छन्दशास्त्र विवरण सं. (पाकाहेम२६३९) अजितशान्तिस्तोत्र-(सं.)टिप्पणण। सं. (पातासंघवी१३०-१) अजीवकल्पप्रकीर्णक प्रा. गा.४५\ आहारे उवहिम्मि (पातासंघवीजीर्ण६५, जेकाजि१९५१, पाकाहेम६६६, पाकाहेम९०२, पाकाहेम१००८८, पाकाहेम१०५५६, भांका२२७) अज्ञात अलङ्कार ग्रन्थ\ सं. (पातासंघवीजीर्ण८०) अञ्जनासती-हनुमानविद्याधरराजर्षिचरित्र-पद्य सं.\ श्लोक३०९ (पाकाहेम८०८०) अञ्जनासुन्दरीचरित्र अप.\ कुलभयविहवंसम्पु (पातासंघवी२०५-१) अढार पापस्थान उपर कथाओ\ प्रा. पाणिवहालियअदत्त (पातासंघवी१६१-१) अढारसहस्रशीलाङ्गरथ\ प्रा. (पाकाभाभा६) अणसण पच्चक्खाण प्रा. (पातासंघवी१९६-२) अतिचारगाथा आयरिय-उवज्झाय साथे। प्रा. गा.१२ (पातासंघवी६६-३, पातासंघवी१८२-१, पातासंघवी२०३-२, पातासंघवी२०६-२, खंता१०१, भांता२५) अतिचारगाथा\ प्रा. गा.८\ नाणम्मि दंसणम्म (पाताहेसं११०, पाताहेसं१११, भांता६४) अतिचारपाठ प्रा.,मागु.। आलोयण समत्तं वय (पाताखेत१७-२) अत्कःशल्कयुतो कूटकाव्य। सं. (पाकाहेम८६८२) अत्कःशल्कयुतो कूटकाव्य-(सं.)टीका\ सं. (पाकाहेम८६८२) अध्यात्मसार-(सं.)टिप्पणक\ सं. (पाकाभाभा१७२७) अनध्याय विधि प्रा.,सं. कालग्रहणमनधायेन (पाकाहेम१२७५५) अनन्तकाय प्रा. गा.७\ पञ्चुम्बरि चउगई (पाताखेत५) अनागतचतुर्विंशतिजिनस्तव सं. श्लोक१४ (पाकाहेम७३०७) अनाथिसन्धि। अप.\ गा.३५ (पातासंघवी५५-३, पाकाहेम९०३२) अनाथीकुलक\ मागु. गा.३६ (पाकाहेम१०२४७) अनाथीमुनि चउपइ मागु. गा.६४ (पाकाहेम१०१३६, पाकाहेम१०२३९) अनानुपूर्वीयन्त्री प्रा.सं.\ पुवाणुपुब्विह (भांता७०) अनिट्कारिका। सं. श्लोक.११ (पाकाहेम८५७१, पाकाहेम१०२०८) अनिट्कारिका-(सं.)टीका सं. (पाकाहेम८५७१) अनुमानदूषणवादस्थल सं.\ अग्निमान यं पर् (भांका२१४) अनेक कविप्रतिज्ञा काव्यसङ्ग्रह सं. (पाकाहेम८६८७) अनेक बोल विचार मागु. (पाकाहेम१०४४०, पाकाहेम१०४४१) अनेक विचार सङ्ग्रह प्रा. (पाकाहेम१०२५६) अनेकार्थध्वनिमञ्जरी। सं. ग्रं.३०३ (पाकाहेम८७३१) अनेकार्थसङ्ग्रह-(सं.)टिप्पण। सं. (अताका४७७, अताका४८६) अन्तरप्रमाण\ सं.\ श्रीऋषभदेवान् स (भांता७०) अन्तराव्याख्यान\ प्रा.। उसभ भरह. ध ५०० (भांता७०) अन्तर्वीपविचार प्रा. गा.९\ भुल्ल हिमवन्त प (पाताहेसं१६१) अन्नायउञ्छकुलक\ प्रा.\ गा.२५४ (पाकाहेम११०६३) अन्नायउञ्छकुलकी प्रा. गा.२८ (पाकाहेम७७९७) अपशब्द निराकरणवादस्थल सं. प्रमाणं स्वपरव (भांका२९२) अभयाभ्युदयमहाकाव्य सं. ग्रं.२६९ (पाकाहेम४००१) अभिज्ञानशाकुन्तलनाटक-(सं.)टिप्पणी\ सं. (पाकाहेम१६६३०) अभिधानचिन्तामणिनाममाला-(सं.)टिप्पण\ सं. (अताका४८६, पाकाहेम१०२१२) अभिधानचिन्तामणिनाममाला-(सं.)अभिधानचिन्तामणि परिशिष्ट सं. निर्वाणे स्याच (अताका४७७, अताका४८६) अमरसेन वयरसेनकथा दान, देवपूजाविषये। सं. (पाकाहेम१७७६) अमरसेनकथा गाथाबद्ध चातुर्मासिकनियमे प्रा. गा.५७ (पाकाहेम४००१) Page #20 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विद्वान उपरथी कृति माहिती अमावास्या पूर्णिमा विचार प्रा. सं. जहा गेहं पइदिवस (भांता७०) अमृताष्टमीकथा\ सं.\ श्लोक ९२ \ श्रीवीरवदनकलशः. (पातासंघवीजीर्ण८०) अम्बाईस्तुति प्रा. अप. गा.२ \ नेमि जिणन्दह ति ( तालाद३३९) अरिष्टनेमिचरित्र (पाताहेसं५०) अरिष्टनेमिस्तवन नम अक्षरद्वयमय - (सं.) अवचूरि \ सं. (पाकाहेम१२२९३) अरिहन्तविनती\ अप.\ गा. १४ \ देव पुच्छिउ दुत (भांता७२) अर्बुदाद्रिजिनस्तवन\ सं.\ श्लोक ५ \ अर्बुदाद्रौ युग (पाकाहेम १२३७८) अर्हत्स्तोत्र ) प्रा. गा. ३७ \ अरिहाण णमो पूयं (भांता७०) अर्हन्नामसहस्रसमुच्चय\ सं.\ श्लोक १११ (पाकाहेम८२२०, पाकाहेम१२२७१) अलङ्कारविवरण सं. (पातासंघवीजीर्ण८८) अल्पबहुत्व - (सं.) अवचूरि सं. (पाकाहेम १५८०९) अवन्तिकुमार सन्धि\ अप. (पातासंघवीजीर्ण७४, पातासंघवी५५-३) अव्यय सं . श्लोक १४० (पाकाहेम१४९८५) अव्यय-(सं.)अवचूरि\ सं. (पाकाहेम १४९८५) अशोकचन्द्र वर्णन\ प्रा. गा. २१ \ सङ्खक्खमालधणुबा (भांता६९) अशोकचन्द्र गुणकीर्तन\ प्रा. गा.१३ \ नमिर सुरासुरमहि (भांता६९) अशोकदत्तकथा - गद्य सं. (पाकाहेम८०७७) अष्टप्रकारी जिनपूजाकथानक प्रा. गा. ७५४ \ वरगन्धधूअचुक्खक (भांका२५४) अष्टप्रकारी जिनपूजाकथानक प्रा. (पातासंघवीजीर्ण९०, पातासंघवीजीर्ण९२) अष्टप्रवचनमातृकुलक) प्रा. गा.२८ ( पाकाहेम७७८६) अष्टप्रवचनमाताविषयककथासङ्ग्रह ) सं. (पाकाहेम८१३४) अष्टप्रवचनमातागाथा\ प्रा. गा. २० \ सज्झायसमत्तीए अ ( भांता६९) अष्टभाषाबद्धनेमिजिनस्तवन \ सं., प्रा., अप श्लोक२१ (पाकाहेम११३०८) अष्टादश दोषरहित पुरुष संसारस्वामिश्लोक सं.\ श्लोक १ \ अज्ञानारतिमानलो (भांता७२) अष्टादशजिनस्तोत्र अस्मद् युष्मद् रूपगर्भित - (सं.) अवचूरि सं. (पाकाहेम १५७१६) अष्टादशपापस्थानक\ प्रा. गा.१७ \ सव्वं भन्ते पाण (पाताहेसं१८९, भांता७२) अष्टादशप्रसूति\ सं.\ भलनं कुशलं तर्ज (भांता७०) अष्टादशविधरसवती\ प्रा. सुओ दाणा... (भांता७०) अष्टापदादितीर्थस्तुति\ अप. गा. १५ \ देव जिणवरपवरजस (पाताहेसं १६८) अष्टोत्तरीस्नात्रविधि\ प्रा. सं. (पाकाहेम१६५५९) अष्टोत्तरशतनामगर्भित महावीरद्वात्रिंशिका सं.) श्लोक ३२ ( पाकाहेम८२२२) अष्टोत्तरीस्तवन- (सं.) टीका सं. (पाकाहेम१४०२३) आउत्तकप्पजोगवाही\ प्रा. आउत्तकप्पजोगवाह (भांता७०) आगम अष्टोत्तरी प्रकरण (पाताहेसं १७१-१४) आगम मञ्जूषानी झेरोक्ष (अताका ४९३) आगमादि विविध ग्रन्थों के सूत्रवृत्ति आदि का ग्रन्थपरिमाण\ सं. (भांता७०) आगमिकवस्तुविचारसारप्रकरण प्राचीन चतुर्थ कर्मग्रन्थ षड्शीति - (सं.) अवचूरि \ सं. (पाकाहेम७६६३) आगमोद्धारगाथा\ प्रा.\ गा. ७१ \ एवं विसिट्ठकाला (जेताजि१५४, जेताजि१५६, जेकाजि१३१७, जेकाजि १३२६, पाकाहेम७७५) आगमोद्धृत अनेक विचार प्रा. (पातासंघवी ११७ -१, पाताहेसं१५८) आगमोद्धृत आहारशुद्धयादि अनेक विचार सं., प्रा. मागु. जीवा सुहेसिणो त (पातासंघवी११८-२) आङ्कना घडिया \ मागु. ( पाकाहेम ११५०३) आङ्कना पलाखां\ मागु. (पाकाहेम११५०२) आचरणशतकविचार (वताकांति४०५) आचाराङ्गसूत्र-(प्रा.)चूर्णी प्रा.सं. ग्रं. ८३०० \ मङ्गलादीणि सत्थ (जेताजि३, पाताहेसं२, खंता५, भांता३०, ३ Page #21 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विद्वान उपरथी कृति माहिती जेकाजि६१, पाकाहेम८४२, पाकाहेम६५३३, पाकाहेम६५४७, पाकाहेम९९८८, पाकाहेम१४८५१, पाकाहेम१४९३२, भांका२२८) आचाराङ्गसूत्र-(सं.)पर्याय। सं. (जेताजि१४७, पाकाहेम७१११, पाकाहेम७१११) आचाराङ्गसूत्र-(सं.)अवचूरि। सं. इह हि रागद्वेषम (पाकाहेम१०४०८, पाकाहेम१५३७७, भांका१११) आचाराङ्गसूत्र-(सं.)दीपिका टीका\ सं. ग्रं.९०००\ श्रीआचारानुयोग (भांका११२) आचाराङ्गादि आगमिक टीकाकारादि,आद्यन्तपाठ व ग्रन्थमानादिसङ्ग्रह सं. (पाकाहेम१००९८) आचार्यनामगर्भित स्तुति सं.\ श्लोक७ प्रणवहृदि यदीयं (पाकाहेम१०२३) आचार्यप्रतिष्ठा विधि प्रा. गा.२३ सिहिजोगम्मि पसत (पातासंघवी१४६-२, भांता७०) आचार्यषट्त्रिंशद्गुण सं. आयाराई अट्ठओ तह (भांता७०) आचार्यस्तुति प्रा. गा.२१\ पञ्चविह आयारं आ (भांता७०) आचार्यस्तुति। सं. श्लोक१३ धन्य स्वयं येन (भांता७०) आचार्योनी स्तुति (पातासंघवी२०६-२) आञ्चलिकमतनिरास प्रा. जइ चेइयपरिठविया (भांता७०) आतुरप्रत्याख्यानप्रकीर्णक प्रा. गा.२६ अरहन्ता मङ्गलं (पाताखेत५, पाताखेत६, पाताखेत३२-१, पाताखेत४४-१, पातासंघवी५९-२, पातासंघवी६२-२, पातासंघवी१०४-२, पाताहेसं११३, पाताहेसं११४, पाताहेसं१६१, खंता१०६, खंता११२, भांता६९, जेकाजि१३१७, जेकाजि१३२६, पाकाहेम२५९६, पाकाहेम१०५२०) आतुरप्रत्याख्यान लघु\ प्रा.\ गा.६० (पाताखेत२३, पातासंघवीजीर्ण६५, पातासंघवी१६८, पातासंघवी२०२, पातासंघवी१८१-१, पाताहेसं१६२, खंता८८,खंता९५, खंता१०७, जेकाजि१९५१) आतुरप्रत्याख्यानप्रकीर्णक बृहत्-(सं.)विवरण। सं. देशस्य त्रसकायस (वताकांति४०२, भांका१९२, भांका३०१) आतुरप्रत्याख्यानप्रकीर्णक लघु-(सं.)टीका सं. (पाकाहेम१०४५५) आतुरप्रत्याख्यानप्रकीर्णक बृहत्-(सं.)टीका\ सं. (पाकाहेम१०४२८) आतुरप्रत्याख्यानप्रकीर्णक प्रा.\ गा.१२० (पाकाहेम१०५१३, पाकाहेम१०५१४) आत्मकुलक-(मा.गु.)स्तबक मागु. ग्रं.१९६ (पाकाहेम५६३४) आत्मनिन्दाष्टक सं. श्लोक१० (पाकाहेम१३७५, पाकाहेम७९४५, पाकाहेम८६८८) आत्मशुद्धिस्तव। सं. श्लोक९ (पातासंघवी५६-२) आत्मसम्बोधकुलक प्रा. गा.२१\ तेलोक्के कूलमल् (पातासंघवी१४५-१, पाताहेसं१८९) आदिजिन पारणा\ अप.\ गा.११\ सबट्ठह जिणु अ (पाताहेसं१६८) आदिजिन स्तुति। सं.\ श्लोक८\ प्रणतनरामरभुजगे (पाताहेसं१६८) आदिजिन स्तुति प्रा. गा.९\ अमरासुरवरवन्दिय (पाताहेसं१६८) आदिजिन स्तवन\ सं. श्लोक८ प्रणमामि युगादि (पाताहेसं१६८) आदिजिन स्तुति प्रा. गा.७\ विणीय भूमीए सिर (पाताहेसं१६८) आदिजिनस्तुति अर्बुदाचलमण्डन प्रा.\ का.४\ वरमुत्तियहार... (पाकाहेम१२३६२) आदिजिनस्तुति-शत्रुञ्जयमण्डन\ सं. श्लोक४\ शैले शत्रुञ्जया (पाकाहेम१२१३३) आदिनाथ जन्माभिषेक मागु. गा.११\ वीणीयनयरि वीणीय (पाकाहेम९०२) आदिनाथ, शान्तिनाथ, नेमिनाथ, पार्श्वनाथ महावीर पञ्चस्तवी\ प्रा. गा.३१\ तं नमह पासनाहं. (जेकाजि१३१६, पाकाहेम१०२३) आदिनाथ, शान्तिनाथ, नेमिनाथ, पार्श्वनाथ, महावीरजिनस्तोत्रपञ्चक अप. (पाकाहेम१०२२) आदिनाथ, शान्तिनाथ, नेमिनाथ, पार्श्वनाथ, महावीरजिनपञ्चक षड्भाषामय स्तवनपञ्चक प्रा.,सं.अप. का.३० (पाकाहेम८२२७, पाकाहेम१७३५४) आदिनाथ, शान्तिनाथ, नेमिनाथ, पार्श्वनाथ, महावीर पञ्चक स्तोत्र-(सं.)टिप्पणी\ सं. (पाकाहेम१७३५४) आदिनाथवर्णन सं. (पाकाहेम१३६९१) आदिनाथस्तोत्र प्रा. गा.१९\ बालत्तणम्मि साम (पाताहेसं१६८, पाकाहेम१०२३) आदिनाथस्तुति कामक्रीडा छन्दोबद्ध सं. श्लोक४\ संसाराम्भोधौ का (पाकाहेम७४०६) आदिस्तव सं. श्लोक५ (पाकाहेम१२३६५) आदिस्तव। सं.\ श्लोक५ (पाकाहेम१२३६५) Page #22 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विद्वान उपरथी कृति माहिती आदीश्वरस्तुति। सं. का.४ (पाकाहेम१२१२४) आप्तमीमांसालङ्कार-अष्टसहस्री-(सं.)टिप्पण\ सं. (पाकाहेम४२८५) आभाव्यानाभाव्यविचार प्रा. गा.१७\ खेत्ताण अणुन्नव (भांता७०) आभाव्यानाभाव्यविचार प्रा.\ दो मासा पोसपुन (भांता७०) आयतनगाथा प्रा. जइ समणाण ण कप्प (भांता७०) आयतनस्वरूप प्रा. गा.१० वज्जेत्तु अणायय (भांता७०) आरात्रिक भ्रमणविधि। अप. (पातासंघवी६२-१) आराधना। प्रा. गा.८ नाणे दंसण चरणे (जेताजि१५१, पातासंघवी१६८) आराधना। सं. गा.७ (पातासंघवी२०६-२) आराधना\ प्रा.,मागु. गा.७६ (पातासंघवी१३०-२) आराधना गा.६९ (पाताखेत२९, पाताखेत५१, पाताखेत३२-१) आराधना महती प्रा. (पातासंघवीजीर्ण८६-२) आराधनाकुलक\ प्रा. गा.१६\ नमिऊण महावीरं ल (पातासंघवी१४५-१) आराधनापताका भगवती प्रा. गा.९३२ सम्मं नरिन्ददेव (पातासंघवी११७-१, भांका२५८) आराधनाप्रकरणी प्रा. गा.२८ (पाताखेत१२) आराधनाप्रकरणी प्रा. गा.१५९। अरहन्ताण पणमिऊण (पाताहेसं११३) आराधनासार प्रा. गा.४८\ सिवसुह सिरीए हे (पातासंघवी११७-१) आरामनन्दनकथा। सं. श्लोक५३५ (पाकाहेम१०१७०) आरामशोभाकथानक गद्य सं. (पाकाहेम१०१७९) आर्द्रकुमार कथानक - गद्य प्रा. ग्रं.१३० (पातासंघवी९९) आर्द्रकुमारकथा पद्य प्रा. गा.१५९\ अप्पं पि भावसल् (पातासंघवी११८-२) आर्द्रकुमारकथा\ प्रा. गा.१७० (पाताहेसं१८५) आर्द्रकुमारधवल मागु. (पाकाहेम१२१२४) आर्यअनार्यदेशगाथा प्रा. गा.१०\ रायगिहमगहवण्ण अ (भांता७०) आर्यास्वरूप सं. (पाकाहेम१२०५१) आर्षभीयचरित्रमहाकाव्य। सं. (तालाद३९१-३, अताका४७८) आलापकसङ्ग्रह\ प्रा. (पाकाहेम१०३६२) आलोचनाविधि आदि। सं. (पाकाहेम१०३२६) आवश्यक आदि विचारगाथा। प्रा. (पातासंघवी७२-३) आवश्यक द्विपञ्चाशिका मागु. गा.५२ (पाकाहेम१०७९७) आवश्यक स्वरूप प्रा. गा.३१७। जह गणहरेहिं भणि (पातासंघवी१६४) आवश्यकनियुक्ति उद्धार प्रा. (पाताहेसं१२०, खंता८८, खंता९१, खंता११३) आवश्यकप्रतिलेखनाप्रकरणी प्रा. गा.२५\ मुहणन्तयदोहावस् (पाताखेत५) आवश्यकसूत्रनो हिस्सो (प्रा.)चैत्यवन्दनासूत्र*\ प्रा. (पाताखेत५१, भांता६९) आवश्यकसूत्रनो हिस्सो चैत्यवन्दना-वन्दनक-प्रत्याख्यान*\ प्रा. (पातासंघवी१६६) आवश्यकसूत्र-(सं.)बृहद्धृत्तिनो (सं.)विषमपद पर्याय। सं. (जेताजि१४७, जेताजि१४७, पाकाहेम७१११) आवश्यकसूत्र-(प्रा.)नियुक्ति-(सं.)टीका सं. (पातासंघवीजीर्ण२५, पातासंघवीजीर्ण८८) आवश्यकसूत्रनो हिस्सो प्रत्याख्यानसूत्र-(सं.)वृत्ति। सं. ग्रं.५५० (पातासंघवी२०६-२) आवश्यकसूत्र-नियुक्ति-(सं.)टिप्पणी\ सं. (पाताहेसं१९१, पाकाहेम१०११६) आवश्यकसूत्र-(प्रा.)भाष्य प्रा. (पाकाहेम१००६६) आवश्यकसूत्र-(प्रा.)नियुक्तिनी (सं.)अवचूर्णि\ सं. (भांका३०३) आश्रव, बन्ध, उदय, उदीरणा, सत्ता, भाव, त्रिभङ्गीविषयक यन्त्रो (पाकाहेम१४८०१) आहारोपधिशय्या भावाधिकरणविचार प्रा.\ आहारउवहिसिज्जा (भांता७०) इगुणतीसीभावना। अप.\ गा.२९ (जेकाजि१३२६, पाकाहेम१२१२४) इतरसमुद्घात\ सं.,प्रा.। केवलकसायमरणे वे (भांता७०) Page #23 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६ विद्वान उपरथी कृति माहिती इन्द्रियपराजयशतक\ प्रा. ( पाकाहेम १०६२५) इलापुत्रकथा सं.\ श्लोक३६ (पाकाहेम४००१) ईर्यापथिकीकुलक\ प्रा.\ गा. १३ (पाकाहेम७७८१, पाकाहेम७७९५, पाकाहेम७७९७, पाकाहेम११०६९) ईर्यापथिकीकुलक-(मा.गु.) स्तबक मागु. (पाकाहेम११०६९) ईश्वरजगत्कतृत्ववादनिरासस्थल सं.\ इह केचिदित्थं प (पाकाहेम८७९२) ईश्वरनिराकरणवादस्थल \ सं. (पाकाहेम८७९०) ईश्वरवाद स्थल \ सं.\ किं पुनरीश्वरसद (भांका२९२) सरशिक्षाकुलक मागु.) गा. २९ ( पाकाहेम९४३०) उक्तिव्यक्तिकारिका-(सं.) वृत्ति ( सं . \ गणानां नायकं नत (पातासंघवी १९० -१) उत्तमराजचरित्रकथा गद्य सं. (पाकाहेम ८०७४) उत्तराध्ययनसूत्रनी (सं.) बृहद्वृत्तिनो (सं.) पर्याय सं. (जेताजि१४७, पाकाहेम७१११) उत्तराध्ययन सूत्र (सं.) टिप्पणी सं. ( जेकाजि१४८०, पाकाहेम६९४२) उत्तराध्ययन सूत्र (सं.) वृत्ति सं. (पातासंघवीजीर्ण३, पातासंघवीजीर्ण९०, पाताहेसं१७१-३, वताहंस४४७) उत्तराध्ययन सूत्र वृत्तिगत कथा प्रा. ग्रं. २१५० (पाकाहेम७८१) उत्तराध्ययनसूत्र-(सं.)दीपिकाटीका सं. ग्रं.८६७० \ श्रीउत्तराध्ययन (पाकाहेम७५१, पाकाहेम१०३६८, पाकाहेम१०५०७, भांका२६३) उत्तराध्ययनसूत्र (सं.) अवचूरि सं. सञ्जोगा. संयोगा (पाकाहेम१०५०९, भांका११४, भांका१६४) उत्तराध्ययन सूत्र - (मा.गु. ) अर्थ मागु. ( पाकाहेम १०५०८) उत्तराध्ययनसूत्रनो हिस्सो \ प्रा. (पातासंघवी ११७-१, पातासंघवी ११७-१, पातासंघवी ११७-१, पातासंघवी ११७-१, पातासंघवी११७-१, पातासंघवी ११७-१, पातासंघवी १८५-२, पातासंघवी १८५-२, पातासंघवी १८५-२) उत्तराध्ययनसूत्र-(सं.) बृहद्वृत्तिनो हिस्सो ( सं .) सवस्त्रधर्मव्यवस्थापनावाद स्थल सं. (पाकाहेम८७९८) उत्तराध्ययनसूत्र - (सं.) अवचूरि सं. श्रीवर्द्धमानमा (भांका२५२) उत्तराध्ययन सूत्र - (सं.) अवचूरि सं. (पाकाहेम६५७१) उत्थापनविधि\ प्रा.\ उठावणविही एसो (भांता७०) उत्थापना विधि\प्रा.सं. गुरुः शिष्यं वा (पाकाहेम१२७५५) उत्थापनाकथा\ प्रा.\ आढवइ सम्ममेसो त (भांता७०) उत्सर्गापवादषड्भङ्गीविचार सं. (पाकाहेम१२६५७) उत्सर्गापवादवचनैकान्तोपनिषत्सुविद्यातत्वे भारतीयोपदेश \ सं. समुलसत्वन्दनाचल (भांका१४४ ) उत्सर्पिणी अवसर्पिणी प्रमाण प्रा.सं.) वाणियगामे जियसत (पाकाहेम१२७५५) उदायिनृपमारककथानक प्रा. ( पातासंघवीजीर्ण ८८) उपकरणविचार प्रा. उवगरणम्मि धरेज् (भांता७०) उपखाणागर्भित जिनस्तोत्र ) प्रा. गा.३५ ( पाकाहेम८२२९) उपदेश कुलक प्रा. (पाकाहेम१७९५८) उपदेश कुलक-(मा.गु.)टबार्थ मागु. (पाकाहेम १७९५८) उपदेशकुलक प्रा. गा.१५ (पातासंघवी २०६-२) उपदेशकुलक प्रा. गा. १२ \ संसारम्मि असारे (पाताखेत२३) उपदेशमालाप्रकरण-(सं.) अवचूरि\ सं. (जेताजि२२०, जेकाजि२०१, पाकाहेम७३९१, पाकाहेम७५३२, पाकाहेम७८९२, पाकाहेम१०१५१, पाकाहेम१०३३९, पाकाभाभा४२) उपदेशमाला- (सं.) छाया उपदेशमालापर्याय छायारूप सं. (पाकाहेम८८८) उपदेशमालाप्रकरण-(मा.गु.) बालावबोध \ मागु. (तालाद३२५, पाकाहेम१११५२) उपदेशमालाविवरण बृहद्वृत्ति उद्धार प्रा. (पातासंघवी१६८) उपदेशमाला- (सं.) लघुवृत्ति \ सं. (वताकांति ३९४ ) उपदेशमाला-(सं.)विवरण सं. (पाकाभाभा ४१ ) उपदेशरत्नकोष-(सं.)अवचूरि सं. ( जेकाजि१५९४, पाकाहेम७९१७) उपदेशरत्न कोष प्रा. गा. ४१ (पाकाहेम १०५७५) Page #24 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विद्वान उपरथी कृति माहिती उपदेशरसायन प्रा. गा.२५ निद्दालीयविसमसर (पातासंघवी५९-२, पाकाहेम१११५३) उपदेशसङ्ग्रह श्लोकबद्ध सं. श्लोक४३३ (पाकाहेम५२०४) उपदेशसङ्ग्रह सं. श्लोक८५४\ अचिन्तयच्च धिगि (तालाद३२६) उपधान तप ने तेना यन्त्रो (पातासंघवी२०६-२) उपधाननन्दि। सं. अक्षताञ्जलिं भृ (भांता७०) उपधानविधि-आदि। प्रा.,सं. (पाकाहेम१०७३६, पाकाहेम१६५०७) उपधानविधि। सं.प्रा. (पाकाहेम१०३४६) उपधानविधिसामाचारी प्रा. (पाकाहेम५२६८) उपधानविधि। प्रा.\ गा.४१\ पञ्च नमोक्कारे (भांता७०) उपधानविधि निशीथोक्त प्रा. सुयं मे आउसं... (भांता७०) उपवासगणना। प्रा.\ पुरिमड्ढएगभत्तु (भांता७०) उपशमकुलक\ अप. गा.१० (पाकाहेम१५७२१) उपशमश्रेणी\ सं. तच्च छद्मस्थवीत (भांता७०) उपसर्गहरस्तोत्र पादपूर्तिस्तवन। प्रा.,सं.\ गा.२२ (पाकाहेम८२०६) उपसर्गहरस्तोत्र-(सं.)टीका\ सं. (भांका२०२) उपाधिखण्डन। सं. (पाकाहेम८८११) उपासकदशाङ्गसूत्र-(सं.)टिप्पणी\ सं. (पाकाहेम१३४) उपासकदशाङ्गसूत्र-(प्रा.)चूर्णि\ प्रा. दिसिजत्तिय गाहा (पुप्रे४५०) उपासकप्रतिमा प्रा.,सं. उपसकानां प्रतिम (भांता७०) उपासकप्रतिमानन्दि सं. नन्दिः प्रथमं क (भांता७०) ऋषभजिनजन्माभिषेक प्रा.\ गा.१४३\ जयइ जुगादि जिणि (पाताखेत६) ऋषभजिनस्तोत्र सं. श्लोक८ (पाकाहेम८७४७) ऋषभजिनस्तुति-सिद्धस्वरूपगर्भित#\ अप. पणमवि परमेसरु र (पातासंघवी१४१-२) ऋषभजिनस्तुति। अप. गा.२६\ निसुणहु लोयवावल (पातासंघवी१४१-२) ऋषभजिनस्तोत्र शत्रुञ्जयमण्डन। सं.\ श्लोक५\ आदिनाथ जगन्नाथ. (पाकाहेम१२३६१) ऋषभदेवस्तोत्र। सं. श्लोक१० (पाकाहेम७३०७) ऋषभदेवस्तुति। सं.\ श्लोक९\ येनेदं सकलं समू (तालाद३३९) ऋषभदेवस्तवन चउतीस अतिशयगर्भित मागु.\ गा.२१\ नाभिनरिन्दमलहार (पाकाहेम९०२) ऋषभदेवस्तोत्राष्टक सं. का.८ नरेन्द्रनाभिनन् (पाकाहेम१२२२०) ऋषभदेवस्तव सं. (पाकाहेम१४४३६) ऋषभादिजिनपरिवार सं. श्रीउसहनाथस्य ग (भांता७०) ऋषिदत्ताकथा अलिकविषये। सं. श्लोक४५१\ अस्तीह भरतक्षेत (पातासंघवीजीर्ण४८, पातासंघवी१२९) ऋषिदत्तामहासतीकथा\ सं. (पाकाहेम१७७६) ऋषिभाषितसङ्ग्रहणी प्रा. (पाकाहेम६७३८) ऋषिभाषितसूत्र प्रा. सोयब्वमेव वदती (पाकाहेम१००८३) ऋषिमण्डलप्रकरण प्रा. (जेताजि२७८, पातासंघवी१९९-१) ऋषिमण्डलप्रकरण प्रा. गा.२०८ भत्तिब्भर नमिर. (पातासंघवीजीर्ण८५, पातासंघवी२०२, पाताहेसं१८९) ऋषिमण्डलस्तव प्रा. ग्रं.३४०\ गा.२७१\ इसिमण्डलस्स गुण (पाताखेत५०, पातासंघवी१९३-१, खंता१२०, खंता१३१) ऋषिमण्डलस्तोत्र। सं.श्लोक८३ (पाकाहेम१२३८०) एकवृत्तमयीस्तुति चतुरर्थगर्भित#\ सं. (पाकाहेम१२०१७) एकवृत्तमयीस्तुति चतुरर्थगर्भित-(सं.)स्वोपज्ञ विवरण। सं. (पाकाहेम१२०१७) एकाक्षरीनाममाला। सं.\ श्लोक१९\ अः कृष्णः आः स् (अताका४७७, पाकाहेम८७४३, पाकाहेम८७४७) एकाक्षरीनाममालामातृकाक्षरानुक्रमेण सं. श्लोक४६ (पाकाहेम८७४३) एकाक्षरीनाममाला। सं. श्लोक३५ (पाकाहेम१४३३२) एकाक्षरीनाममाला। सं.\ श्लोक१५ (पाकाहेम८७४६) Page #25 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८ विद्वान उपरथी कृति माहिती एकादशरूद्र\ प्रा.\ भीमाउली जियसत्त (भांता७०) एकान्त नित्यानित्यवादभङ्गस्थल \ सं.\ प्रत्यादयः ध्रौ (पाकाहेम७४१२, पाकाहेम८७९२) एकेन्द्रियाणां जीवत्वस्थापना सं. वनस्पतयो जीवाजा (भांका२१४ ) एगुणतीसी भावना प्रा. गा. ३० \ संसारम्मि असारे (जेताजि१५१, पाताखेत६, पाताखेत५१, पातासंघवी१६५, पातासंघवी११७-१, पातासंघवी १४५-१, पातासंघवी १९०-२, पाताहेसं १६१, पाताहेसं१८९, खंता९०, भांका ११० ) एलकाक्षकथा (रात्रिभोजने ) प्रा. गा. ५० ( पातासंघवी १६८) ओघनिर्युक्ति-(सं.)पर्याय\ सं. (पाकाहेम७१११) ओघनिर्युक्ति-(प्रा.)सङ्क्षेप ओघनियुक्त्युद्धार प्रा. गा. ५३ ( पाताखेत १२ ) ओघनिर्युक्ति- (सं.) टिप्पणी \ सं. (पाताहेसं १६३) ओघनिर्युक्ति-(सं.)अवचूरि सं.\ प्रक्रान्तोयमाव (भांका३०५) ओघनिर्युक्त्युद्धार\ प्रा.\ गा.४३५ \ अरिहन्ते वन्दित (पाकाहेम १२७५५) औक्तिक सं., मागु. (पाकाहेम१०११५) औदयिकतिथिविचार\ मागु. (पाकाहेम१०३६२) औदयिकादिभावस्वरूप सं . तत्रौदयको भाव (भांता७०) औपदेशिक कुलक) प्रा. गा. २६ \ नमिय जिणसिद्धसा (पाताहेसं १८९) औपदेशिक गाथा\ प्रा. गा. ८ \ विरलासधम्मरया व (पातासंघवीजीर्ण९१) औपदेशिक पाठ) प्रा. गा. १३ \ भो भव्वा अथिरत् (पातासंघवीजीर्ण९१) औपदेशिक श्लोकसङ्ग्रह\ सं. (पाकाहेम१२७५५) औपदेशिकगाथा\ प्रा.\ गा.८ \ अणुरत्तो भविगओ. (पातासंघवीजीर्ण९०) औपपातिकोपाङ्गसूत्र-(सं.) सुखबोधा टीका सं. ( पाताहेसं १७१ -१८) औपपातिकोपाङ्गसूत्र-(मा.गु.) पर्याय मागु. (पाकाहेम२१४) औष्ट्रिकमतोत्सूत्रोद्घाटनकुलक (सं.) अवचूरि\ सं. (पाकाहेम११०५०) कण्टकोद्धार\ सं. (पाकाहेम८७९४) कथाकोश प्रा., सं. (पाकाहेम९६१९) कथाको प्रा. (पातासंघवीजीर्ण६९) कथाकोश - (सं.) टीका सं. (पातासंघवीजीर्ण६९) कथारत्नाकर \ सं. (अताका४६६) कथासङ्ग्रह गद्य पद्य\ सं., प्रा. ( जेकाजि१०५३, पाकाहेम८१२५, पाकाहेम८१२६, पाकाहेम१०६४९) कथासङ्ग्रह गद्य\ प्रा. ग्रं. १४०० ( पाकाहेम१०१८१, पाकाहेम१४२४१) कथासङ्ग्रह-वसतिशयनासनादिविषयकगद्य) सं. (पाकाहेम३८५२, पाकाहेम४८३४, पाकाहेम८१३२, पाकाहेम८१३३, पाकाहेम१०१८४) कथासङ्ग्रह - श्लोकबद्ध सं. (पाकाहेम८१२३) कथासङ्ग्रह गाथाबद्ध प्रा. ग्रं. १४०० (पाकाहेम८१२७) कथासङ्ग्रह\ सं. (पाकाहेम९५५८, पाकाहेम १५३९७) कथासङ्ग्रह (पातासंघवीजीर्ण८८, पाताहेसं१२६) कथासङ्ग्रह\ सं.\ यन्नैकामपि कामि (भांका९६) कन्दजातिकुलक\ प्रा.\ गा.७ \ सव्वा य कन्दजाई (पाताहेसं १४२, खंता १०६) कयवन्नाविवाहलुं\ मागु. (पाकाहेम१२१२४) करकण्डूनृपकथा-गद्य) सं. (पाकाहेम१३२०६) करगडुककथा\ सं.\ श्लोक६८ (पाकाहेम४००१) करभाष्टक सं.\ श्लोक९ ( पाकाहेम१३७५) करटक पार्श्वनाथस्तवन \ सं. (पाकाहेम १३३०५) कर्पूरप्रकर-(सं.)टीका\ सं. (अताका५०२, पाकाहेम६९५०) कर्पूरप्रतिष्टा\ प्रा.\ सयलसुरासुरमाणुस (भांता७०) कर्पूरमञ्जरीनाटिका-(सं.) लघुटीका सं. (पाकाहेम६८०५) Page #26 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विद्वान उपरथी कृति माहिती कर्मकुलक\ प्रा.\ गा.२२ ( पाकाहेम१०६१० ) कर्मग्रन्थ-(मा.गु.)बालावबोध \ मागु. ( पाकाहेम १०१४३) कर्मग्रन्थषट्क-(सं.)अवचूरि सं. (पाकाहेम१०५९०, भांका १०१ ) कर्मप्रकृतिद्वात्रिंशिका\ प्रा. गा.२९ (पाकाहेम१०९८९) कर्मप्रकृतिविषयक पाठ \ प्रा. (पातासंघवीजीर्ण८८) कर्मप्रकृतिविषयक पाठ - (सं.) टीका सं. (पातासंघवीजीर्ण८८) कर्मप्रकृतित्रोटन \ सं. (भांका२९३) कर्मबन्धगाथा\ प्रा. (पातासंघवी १६५) कर्मविपाककुलक\ प्रा.\ गा.२२ \ तियलुक्किक्कमल (पातासंघवी६२-२, पाताहेसं१६८, पाकाहेम२५९६) कर्मविपाक प्राचीन प्रथम कर्मग्रन्थ - ( सं . ) टीका \ सं. रागादिवर्गहन्ता (पातासंघवी १०२ -२, अताका५०१) कर्मविपाक प्राचीन प्रथम कर्मग्रन्थ - ( सं . ) अवचूरी \ सं. (भांका२३६) कर्मविपाक नव्य प्रथम कर्मग्रन्थ - (सं.) अवचूरि\ सं.\ श्रियाष्टाप्रात (पाकाहेम६९७३, भांका१७४) कर्मविपाक नव्य प्रथम कर्मग्रन्थ - (सं.) अवचूरि \ सं. सिरि० कर्मणं वि ( भांका२०६) कर्मस्तव प्राचीन द्वितीय कर्मग्रन्थ * \ प्रा. गा.५८ \ नमिऊण जिणवरिन्द (जेताजि१५०, जेताजि१६०, जेताजि४१५, पाताखेत११, पाताखेत२३, पाताखेत३६, पाताखेत४२, पाताखेत५०, पाताखेत५१, पातासंघवीजीर्ण४५, पातासंघवीजीर्ण४६, पातासंघवीजीर्ण७३, पातासंघवीजीर्ण९०, पातासंघवीजीर्ण९१, पातासंघवी १७४, पातासंघवी६१-२, पातासंघवी१२७-१, पातासंघवी १३०-१, पातासंघवी १४५-२, पातासंघवी१७२-१, पातासंघवी१९३-१, पाताहेसं९३, पाताहेसं९४, पाताहेसं११०, पाताहेसं११२, पाताहेसं११४, खंता९९, खंता १०२, खंता१०५, खंता११५, खंता११७, खंता१२०, खंता१२९, खंता२८३) कर्मस्तव प्राचीन द्वितीय कर्मग्रन्थ - (प्रा.) भाष्य - २ \ प्रा. गा. ३३ \ बन्धेविसुत्तरसय (पातासंघवीजीर्ण४६, पाताहेसं११०) कर्मस्तव प्राचीन द्वितीय कर्मग्रन्थ - (प्रा.) भाष्य प्रा. गा. २५ \ अहिणवगहणं बन्धो ( पाताखेत४२, पातासंघवी१५६-१, पाताहेसं११२) कर्मस्तव प्राचीन द्वितीय कर्मग्रन्थ - (प्रा.) भाष्य प्रथम प्रा . बन्धेविसोत्तरसय (पातासंघवीजीर्ण ७३) कर्मस्तव नव्य द्वितीय कर्मग्रन्थ - (सं.) अवचूरि सं.\ तथा तेन प्रकारे (भांका१७४) कर्मस्तव नव्य द्वितीय कर्मग्रन्थ - ( सं . ) अवचूरि सं.\ तह० मिथ्यात्वाद (पाकाहेम६९७३, भांका२०६) कर्मोपदेश\ प्रा.\ गा.२५) सुणेह भो भव्वजण (भांता६९) कलश\ मागु.\ गा.१३\ भुवणमण्डणु भुवण (पाकाहेम९०२) कलशस्नानगाथा\ प्रा.\ गा. ५+6 \ जम्ममज्जणि जिणह (पाकाहेम१०२३) कलावती कथा\ प्रा.\ अस्थि कलाविकुलड (पातासंघवी १४७-२) कलिकुण्डपार्श्वनाथमन्त्र \ सं. (पाकाहेम १२१२४) कलिङ्गसेनाकथा शीलविषये सं. (पाकाहेम १७७६) कल्पसूत्र-(प्रा.)चूर्णी\ प्रा.\ ग्रं . ७०० \ सम्बन्धो सत्तमा (जेताजि४०, जेताजि४३, जेताजि४५, जेताजि८२, जेतालौ३, पाताखेत९-१, पातासंघवी९९, पाताहेसं७५, पाताहेसं १८३, खंता४५, खंता ४८, खंता ४९ ) कल्पसूत्र - (मा.गु.) सङ्क्षेपसार मागु. (पाकाहेम६७६४) कल्पसूत्र-(सं.)टिप्पणी\ सं. (पातासंघवीजीर्ण९३, पाताहेसं१६४, पाताहेसं१६५, पाताहेसं१६६, वताकांति४१३, पाकाहेम१०१२०) कल्पसूत्र - (प्रा.सं.) अन्तर्वाच्य प्रा. सं. (पाकाहेम७८९, पाकाहेम१०२७७, पाकाहेम१०४७९, पाकाहेम १०५५२) कल्पसूत्र-(सं.)अन्तर्वाच्य ना ( मा.गु.) बालावबोध \ मागु. (पाकाहेम१०२७६) कल्पसूत्र - (प्रा.) निर्युक्तिनी (सं.) चूर्णि सं. पज्जोसवणा एतेसि (पातासंघवीजीर्ण९४) कल्याणक\ प्रा.\ गा.२० (पातासंघवीजीर्ण८६-२) कल्याणकस्तोत्र \ सं. गा. ३२ ( पातासंघवी२०६-२) कल्याणकस्तुति\ सं.\ का.७ \ श्रीमल्लिजन्मव् (पाकाहेम१२३८५) कल्याणमन्दिरस्तोत्र - ( सं .) अवचूरि सं. (पाकाहेम१०३९३) कवचद्वार) प्रा. गा.२९ (पाकाहेम६५६९, भांका२१६) कविरहस्य-(सं.)अवचूरि\ सं. (पाकाहेम८६८०) ९ Page #27 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १० विद्वान उपरथी कृति माहिती कविशिक्षा-(सं.)काव्यकल्पलताटीकानी (सं.)कल्पलताविवेक टीका\ सं.\ यत् पल्लवे न वि (जेताजि३१६, जेताजि३१६, जेताजि३१७, पातासंघवीजीर्ण३०) काउसग्गना एकवीस दोष गा.२१ (पातासंघवी२०६-२) काकाष्टक\ सं. श्लोक८ (पाकाहेम८६८८, पाकाहेम८६८८) कातन्त्रव्याकरणना (सं.)दुर्गसिंहीवृत्तिनी (सं.)टिप्पणी\ सं. (जेकाजि२४०, पाकाहेम६७८४, पाकाहेम१२८३७, पाकाहेम१२८३८, पाकाहेम१२८३९) कातन्त्रविभ्रमसूत्र सं. ग्रं.४०० (पाकाहेम८६७८, पाकाहेम१३१७९) कातन्त्रविभ्रमसूत्र-(सं.)टीका। सं. (पाकाहेम८६७८, पाकाहेम१३१७९) कातन्त्रव्याकरण नो हिस्सो गणपाठ सं. (पाकाहेम१२८३७, पाकाहेम१२८३८) कातन्त्रव्याकरण नो हिस्सो गणपाठ नुं (सं.)विवरण सं. (पाकाहेम१२८३७, पाकाहेम१२८३८) कातन्त्रव्याकरण-दौर्गसिंहीवृत्तिनी (सं.)अवचूरि सं. (पाकाहेम२८७१, पाकाहेम२८७२) कातन्त्रव्याकरण सन्धिसूत्रगर्भित विमलाचलस्तोत्र सं. सिद्धो वर्णसमाम (पाकाहेम७३८६) कातन्त्रव्याकरण सन्धिसूत्रगर्भित विमलाचलस्तोत्र-(सं.)अवचूरि सं. (पाकाहेम७३८६) कातन्त्रव्याकरण नो हिस्सो उणादिगण सं. (पाकाहेम९६९०) कामदुधाक्षीरसागर। सं. (पाकाहेम१३१५०) कायस्थितिप्रकरण-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम१५८०९) कायस्थितिस्तव। सं. यद्दर्शनमप्राप् (पातासंघवी५६-२) कायोत्सर्गना २१ दोष। सं. (पातासंघवी१८९-१) कारणपदार्थ\ सं.। श्लोक३६ (पातासंघवी१३५-२) कालग्रहणविचार सं.प्रा. गा.१४३ (पाकाहेम१४८०३) कालग्रहणादिविधि। सं.प्रा. (पाकाहेम१०३४५) कालचक्रकुलक प्रा. गा.२७१ चत्तारि सागरोवम (तालाद३३९, पाकाहेम७३९०) कालचक्रविचारप्रकरण प्रा. गा.८५ (पाकाहेम१०५९९) कालव्यवहार सं.प्रा. समय आवलिका उच्छ (भांता७०) कालसप्ततिकाप्रकरण-(मा.गु.)स्तबक\ मागु. (पाकाहेम१०१४५) कालिकाचार्यकथा पद्य प्रा.गा.५७ (पाकाहेम१०१७७) कालिकाचार्यकथा प्रा.\ ग्रं.२११\ जो कुणइ ससत्तीए (पाताहेसं८०, खंता५२) कालिकाचार्यकथा प्रा.\ गा.१५४ (पातासंघवीजीर्ण८७) कालिकाचार्यकथा प्रा. ग्रं.१५०\ गा.९२\ पडिसिद्धम्पि कु (पातासंघवी६५-१, खंता५४) कालिकाचार्यकथा प्रा.\ गा.१८० (पातासंघवी१६८) कालिकाचार्यकथा प्रा. (पातासंघवी१६९-१, पातासंघवी१६९-२, पाताहेसं७४, पाताहेसं१६४, खंता२८८, वताकांति४१२, ___ अभ८, जेकात२८९-२) कालिकाचार्यकथा प्रा. ग्रं.१६९\ गा.१३२\ अणुसरि आगमवयणं (पातासंघवी१९७-२, पाताहेसं१३५, पाताहेसं१८३, भांता३३) कालिकाचार्यकथा प्रा.\ ग्रं.३७६ (पाताहेसं७६) कालिकाचार्यकथा प्रा. गा.८४\ अत्थि धारावासपु (जेताजि४०, पाकाहेम१०१२६) कालिकाचार्यकथा सं. श्लोक८७\ उत्पत्तिविगमध्र (पाताहेसं७९) कालिकाचार्यकथा\ मागु. (पाकाहेम१०१३१) कालिकाचार्यकथा\ प्रा. गा.१३१ (पातासंघवीजीर्ण९४) काव्यप्रकाशसूत्र कारिका\ सं. नियतिकृतिनियमरह (पातासंघवी६२-२) काव्यानुशासनसूत्र-(सं.)टिप्पणी\ सं. (पाताहेसं१६७) किरातार्जुनीयमहाकाव्य-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम१०३८९) कुमतकदलीकृपाणिकाचउपई - लुङ्कानी हुण्डी\ मागु.। श्लोक११३५ (पाकाहेम१३०३७, पाकाहेम१४१४९) कुमारपालचरित्र सं. श्लोक२२२ (पाकाहेम७१२४) कुमारपालप्रबन्ध सं. स्वयं कृतार्थः (पातासंघवी६२-४, पुप्रे४२५) Page #28 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ११ विद्वान उपरथी कृति माहिती कुमारपालप्रबन्ध सं. (भांका९९) कुमारसम्भव-(सं.)अवचूरी\ सं. (पाकाहेम१४८७८) कुरुचन्द्रनृपादिदृष्टान्त वसतिशयनादि दानविषये (गद्य) सं. (पाकाहेम२१०६) कुलक प्रा. गा.५\ इयमच्छेरयभूयं प (पाताहेसं१४२) कुवलयानन्दकारिका-(सं.)टिप्पण। सं. (पाकाहेम१३१६०) कुसुमसारकथा तपविषये। सं. (पाकाहेम१७७६, पाकाहेम८०७७) कुसुमाञ्जली\ मागु. (पाकाहेम१२१२४) कृपणश्रेष्ठि कथा दानविषये प्रा. गा.८९ (पातासंघवी१५७-१) कृष्णराजीवविचार प्रा. गा.१४\ जम्बुद्दीवाउ अस (पाताहेसं१६१) केटलाक दर्दोनां औषध। मागु. (पाकाहेम१२३८८) केवलज्ञानविंशिका सं. श्लोक२०\ केवलज्ञानमनन्तं (पुप्रे४१८) केशीगोयमसन्धि। अप.\ ग्रं.८५\ गा.७० (पाकाहेम९०२९, पाकाहेम९०३२) कोकिलाष्टक\ सं. श्लोक८ (पाकाहेम८६८८) कौटिल्यअर्थशास्त्र-(सं.)टीका सं. (पातासंघवीजीर्ण७२) क्रियाकुलक\ अप.\ गा.३३\ दुलहु लहेविणु म (पाकाहेम९०२) क्रियाभासेन चन्द्रप्रभजिनस्तवन*\ सं.\ श्लोक३६ (पाकाहेम८२३२) क्रियाभासेन चन्द्रप्रभजिनस्तवन-(सं.)अवचूरि सं. (पाकाहेम८२३२) क्रियारत्नसमुच्चय-(सं.)बीजक सं. (पातासंघवी१०६-१) क्षणिकवाद निरास प्रकरण सं. (पातासंघवी१३५-२) क्षमापनाश्लोक सं.\ श्लोक३\ हे सभ्याः श्रृण (पाताहेसं५७) क्षामणककुलक प्रा. गा.४०\ जो कोइ मए जीवो (पातासंघवी११७-१, पातासंघवी१४५-१, पाताहेसं१६८, पाताहेसं१८९, पाकाहेम७७९१) क्षामणकसूत्र-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम२३२८) क्षामणकसूत्र प्रा. (पातासंघवीजीर्ण९०, पातासंघवी१८२-१, खंता७०, खंता७३, खंता११०, खंता७६-१, पाकाहेम९०२, पाकाहेम१००७१, पाकाहेम१०४३३, पाकाहेम१२१२४) क्षुल्लकभवावलिकाप्रकरण-(सं.)अवचूरि\ सं. (पाकाभाभा६८) क्षेत्रपालस्तुति प्रा. गा.१\ जो रक्खइ जिणभुव (तालाद३३९) क्षेत्रसमासप्रकरण-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम६९६९, भांका२१५) क्षेत्रसमासप्रकरण-(सं.)टीका। सं. (डतामुक्ता४६४) क्षेत्रसमासप्रकरण प्रा. गा.१०३ (पातासंघवीजीर्ण८०) खण्डनखण्डखाद्य-(सं.)शिष्यहितैषिणीवृत्ति। सं. (जेताजि३८४, पाताहेसं१४३) खरतर-उत्पत्तिविचार सं. (पाकाहेम८३८७) खरतरगच्छगुर्वावली\ सं. (पाकाहेम१४००५) खुड्डककुमार कथानक भावनायां प्रा. श्लोक १३५\ नवगुत्तीहिं विस (पातासंघवी९९) गउडवहोमहाकाव्य-(सं.)टिप्पण\ सं. (पाताहेसं१३३, पाताहेसं१३४) गच्छस्वरूप प्रा. जहिं णत्थि सारण (भांता७०) गच्छाचारप्रकीर्णक प्रा. गा.१३७ नमिऊण महवीरं ति (जेताजि१४६, पातासंघवीजीर्ण६५, जेकाजि१९५१, पाकाहेम६६६, पाकाहेम९०२, पाकाहेम१००८९, भांका११६, भांका११६, भांका१२३, भांका१५०, भांका२२७) गच्छाचारप्रकीर्णक-(सं.)अवचूरि। सं. नमिऊ. आदौ शास्त (भांका१५०) गजाष्टक\ सं. श्लोक९ (पाकाहेम१३७५, पाकाहेम८६८८) गजाष्टकादिसप्तदशाष्टक\ सं. (पाकाहेम१७०८२) गणकारिका-(सं.)रत्नटीका सं. (पातासंघवी१३५-२) गणधरवाद। सं.\ इह केचित्सदनुष् (भांका२९२) गणधरसत्तरी प्रा. गा.७१ (पातासंघवी६७-१) गणधरहोरा प्रा. गा.२९\ जीवाजीवयपयत्थवत (पातासंघवी१८०-२) Page #29 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विद्वान उपरथी कृति माहिती गणपतिकल्प सं. (पाकाहेम८९२१) गणियोगवाहिकल्प्याकल्प्यविधि प्रा. सक्करकासारक्खोय (भांता७०) गणिविद्याप्रकीर्णक\ प्रा. गा. ८६ \ वोच्छं बलाबलविह (जेताजि१४६, पातासंघवीजीर्ण६५, जेकाजि१९५१, पाकाहेम६६६, पाकाहेम९०२, पाकाहेम६५६९, पाकाहेम१००८८, पाकाहेम१०५१९, भांका१२३, भांका२२७) गमनागमनप्रकरण\ सं. (पातासंघवी १८०-२) गम्भीर स्तव\ सं.\ श्लोक४० \ अथ गम्भीरनिर्घो (पातासंघवी १०४ - २, पातासंघवी १४५ - १) गर्वोक्त संहितानो ४७मो ध्वजाध्याय सं. (पातासंघवी १८०-२) गर्भकुलक\ प्रा.\ गा.२२ ( पाकाहेम७७९२ ) गर्भलक्षण, वर्षालक्षण, उत्पातदर्शन) सं. (पातासंघवी १८०-२) गाथाकोश) प्रा. गा.१५३ \ निज्जरियजरामरणं ( पाताहेसं ११९, खंता९७, खंता११०, तालाद३४३, भांका१६१) गायत्री मन्त्र \ सं. (वताकांति४३६) १२ गायत्री मन्त्र - ( सं .) टीका \ सं. (वताकांति४३६) गिरनारकल्प) प्रा. गा. ३९ (पातासंघवीजीर्ण८६-२) गिरनाररास \ अप. (पातासंघवीजीर्ण७४) गिरिनारगिरिस्तुति\ सं.\ का ४ \ सत्पद्याहस्तयुक (पाकाहेम१२३६८) गिरिनारस्तवन\ सं.\ श्लोक ५ \ श्रीउज्जयन्तशैल (पाकाहेम१२३७८) गुणवर्मकुमारकथा धर्मप्रभावे \ सं. (पाकाहेम१७७६) गुणस्थानक) प्रा. गा.१६ \ जीवाइपयत्थेसु ज (पाताखेत १२, पातासंघवी १७४) गुणस्थानादि \ सं.प्रा.\ इदानीं क्षपकश्र (भांता७०) गुरुगुणकुलक प्रा. गा. २४ \ गुरुवियणविहुरेण ( पाताखेत ११, पाताखेत२३) गुरुगुणषट्त्रिंशत्षट्त्रिंशिका - (सं.) अवचूरि सं. (पाकाहेम११०६०, पाकाहेम११०६१) गुरुगुणषट्त्रिशिकानवकप्रकरण प्रा. (पाकाहेम११०६२) गुरुगुणषट्त्रिशिकानवकप्रकरण - (सं.) व्याख्या \ सं. (पाकाहेम११०६२) गुरुतत्त्वसिद्धि सं., प्रा. (पाकाहेम १४९२३, भांका १३७) गुरुतत्त्वशुद्धि प्रा. (पाकाहेम३८८१) गुरुतत्त्वव्यवस्थापनवादस्थल सं. (पाकाहेम८८०१ ) गुरुपरम्परास्तुति सं . का. १५ (पाकाहेम१२१२४) गुरुप्रदक्षिणाकुलक) प्रा. गा. १४ ( पाकाहेम १११४९) गुरुप्रदक्षिणास्तुति \ मागु गा. १३ \ सिरिवीरजिणेसरपट (पाकाहेम९०२, पाकाहेम९०२) गुरुमहिमादर्शकगाथा\ प्रा. गा. १२ \ गुरुसक्खिओहु धम (भांता७०) गुरुवन्दनकभाष्य प्रा. (पातासंघवीजीर्ण८६-२) गुरुस्तुतिचाच अप. गा. १५ \ नन्दउ पुण्डरीउ ( पाताखेत६ ) गुरुस्तुति\ प्रा.\ गा.११\ नरसुरअसुर नमसि (भांता७२) गुरुस्तुतिकुलक प्रा. गा. २३ \ गम्भीरो मद्दविओ (पाताहेसं१६८, भांता७२, पाकाहेम९०२) गुरुस्तुति\ प्रा.\ गा.४\ गुरुचित्ता... (भांता७२) गुरुस्थितिकुलक\ प्रा.\ गा.२५ (पाकाहेम११०६७) गुर्जरेश्वरकरणराजस्तुतिकाव्यादिकाव्य *\ सं. (पाकाहेम८६८३) गुर्जरेश्वरकरणराजस्तुतिकाव्यादि काव्य- (सं.) टीका \ सं. (पाकाहेम८६८३) गुर्वावली खरतरगच्छीय\ प्रा. गा.९ \ वन्दे सुहम्मा स ( पाकाहेम७७५) गृहस्थधर्मकुलक\ प्रा. वीरं नमिऊण गिहत (पाताखेत १२) गोडीपार्श्वनाथस्तुति\ सं. का. ९ \ कमलोदयमङ्गलकीर् (पाकाहेम१२२७१, पाकाहेम१२३३३) गोडीपार्श्वनाथस्तव सं. का. ५ \ श्रीमरुमण्डलसार (पाकाहेम१२३३३) गोधनकथा-माने (पाताहेसं १८५) गोमटसार प्रा. (पाकाहेम १४७९९) शब्दार्थाव्य सं . का. १ \ गोश्रावः किमयं (पाकाहेम१२२८८) Page #30 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विद्वान उपरथी कृति माहिती गोशब्दार्थकाव्य- (सं.) टिप्पणी सं. (पाकाहेम१२२८८) गौडवध-(सं.)गौडवध गाथोद्धार | प्रा. गा. १७६ \ इह ते जयन्ति कइ (पाताहेसं १८८) गौतमकुलक\ प्रा.\ गा.२० (पाकाहेम७७८८, पाकाहेम७७८९, पाकाहेम१०५७२) गौतमकुलक-(मा.गु.)स्तबक मागु. ( पाकाहेम १०५७२) गौतमचरित्रकुल अप. गा. २८ \ मगहा गोवरगामि व (पाताखेत६) गौतमनमस्कार सं. (पाकाहेम १२३७५) गौतमपृच्छा प्रकरण\ प्रा. गा. ५३ \ नमिऊण तित्थनाहं (जेताजि१५८, पाताखेत५, पाताखेत६, पाताखेत३६, पाताखेत५१, पाताखेत४४ - १, पातासंघवीजीर्ण४९, पातासंघवीजीर्ण८१, पातासंघवी १०८, पातासंघवी १६५, पातासंघवी१०४-२, पातासंघवी ११७-१, पातासंघवी १३० - १, पातासंघवी १३०-२, पातासंघवी १६१-२, पातासंघवी१८१-१, पातासंघवी १९६-२, पातासंघवी १९६-२, पातासंघवी२०६-२, पाताहेसं १६१, पाताहे १८९, खंता९४, खंता९६, खंता९७, खंता१०१, खंता १०७, खंता१२३, भांता२४, भांता२५, भांता६४, भांता७२, तालाद३२६, अताका४९७, पाकाहेम९०२, पाकाहेम१०२२, पाकाहेम१०२३, पाकाहेम२७२६, पाकाहेम६८३७, पाकाहेम९५०४, पाकाहेम९५४६, पाकाहेम१०७३४) गौतमभाषित\ प्रा.\ ग्रं.५५ \ गा. ४० \ नरिन्द देविन्दन (पातासंघवी १५६-१) गौतमवर्णनादण्डक\ प्रा. तेणं कालेणं तेण (भांता७० ) गौतमस्तुति अनुबन्धफलगर्भित सं.) श्लोक ११ \ श्रीवर्द्धमानशि (पाकाहेम१२२९६, पाकाहेम१३१६४) गौतमस्तुति अनुबन्धफलगर्भित - (सं.) अवचूरि\ सं. (पाकाहेम१२२९६) गौतमस्तुति अनुबन्धफलगर्भित - (सं.) टीप्पणी \ सं. (पाकाहेम१३१६४) गौतमस्वामिस्तवन \ सं. का. ५ (पाकाहेम११२७०) गौतमाष्टक\ सं.\ श्लोक ८ \ इन्द्रभूति वसुभ (पाकाहेम११३०८, पाकाहेम१२३४०) गौतमीयन्यायसूत्र-(सं.) वृत्ति (सं.) एवं किलात्र शब् (पाताखेत ४ ) ग्रामादिविचार प्रा. गा. १२ \ गामं नगरं खेडं. ( भांता७०) १३ घटकर्परकाव्य\ सं.\ का. २१ \ निचितं खमुपेत्य (जेताजि३४६, जेताजि३४७, जेताजि३४७, पाकाहेम६६२३) घण्टाकर्णमन्त्रस्तोत्र\ सं.\ श्लोक ४ घण्टाकर्णो महाव (पाकाहेम९७६०, पाकाहेम११०९५, पाकाहेम१२३७५) घात्याघेबरलावसी श्लोक सं. (पाकाहेम८६८३) घात्याघेबरलावसी श्लोक - (सं.) व्यरि \ सं. (पाकाहेम८६८३) चउक्साय अप. चउक्कसाय... (पाकाहेम१११५१) चउद्दसगकुलक प्रा. सं. गा. ४० जीवगुणठाणमग्गण (पातासंघवीजीर्ण५७) चक्रवाकाष्टक\ सं.\ श्लोक १० ( पाकाहेम १३७५, पाकाहेम८६८८) चतुःशरण\ सं.\ श्लोक ८ \ यदस्मिन् परस्मि (पाकाहेम१२३८८) चतुःशरण प्रा. ( पाताखेत ३४ - १, पातासंघवी १६८, खंता ९६ ) चतुःशरणप्रकीर्णक प्रा. गा. २७ \ चउसरणगमण दुक्कड (जेताजि१५१, जेताजि१५६, जेताजि१५९, पाताखेत५, पाताखेत६, पाताखेत५१, पाताखेत४४-१, पातासंघवी५९-२, पातासंघवी६२-२, पातासंघवी १३०-२, पातासंघवी १८१-१, पातासंघवी १९६-२, पाताहेसं११३, पाताहेसं११४, पाताहेसं११८, खंता९४, खंता९५, खंता १०६, भांता६९, जेकाजि१३१७, जेकाजि१३२६, पाकाहेम२५९६, पाकाहेम१०४२८) चतुःशरणप्रकीर्णक-(सं.) विषमपदविवरण सं. गा.६३ \ अर्हं चतुःशरणवि (जेताडूं९६०, जेकाजि१४२६, भांका१९२) चतुःशरणप्रकीर्णक-(सं.)अवचूरि \ सं. (पाकाहेम१००८४, पाकाहेम१०१३९, पाकाहेम१०५१२, भांका१६८, भांका१८२, भांका ३०१ ) चतुःशरणप्रकीर्णक-(सं.)टीका सं. (पाकाहेम१०४२८, पाकाहेम१०४५५) चतुःशरणप्रकीर्णक-(सं.) टिप्पणक सं. कुशलस्य पुण्यान (भांका२४६) चतुःशरणप्रकीर्णक-(मा.गु.) बालावबोध) मागु. (पाकाहेम १०५५३) चतुर्दश राजलोकवर्णनगाथा प्रा.गा. ३२ \ तिरिय सत्ता० बत (भांता७०) चतुर्दशगुणस्थानकमय महावीरस्तव सं. गा. ३४ (पाकाहेम११०३९) चतुर्दशचतुर्दशकगाथा\ प्रा. गा.१८ \ गुणमग्गणजीवअजीव (भांता७०) चतुर्धर्म कुलक प्रा. गा.३० (पातासंघवी२०६-२) Page #31 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १४ विद्वान उपरथी कृति माहिती चतुर्विंशतिजिननमस्कार\ अप.\ गा.२५\ पढमजिणवर जणमणाण (पाताखेत४२, जेकाजि१३२६, पाकाहेम८४९५) चतुर्विंशतिजिनस्तुति। सं. का.४\ नाभेयाजितवासुपू (पाकाहेम१०२२, पाकाहेम१२३६०) चतुर्विंशतिजिननमस्कार अप. श्लोक७५ (पाकाहेम१०२२) चतुर्विंशतिजिनस्तवन सं. श्लोक४\ ऋषभजिनमजितनाथं. (पाकाहेम१०२३) चतुर्विंशतिजिनचरित्र गद्य सं. (पाकाहेम३६९६) चतुर्विंशतिजिननमस्कार दण्डक छन्दोमय सं. का.२५ (पाकाहेम११३०८) चतुर्विंशतिजिनकल्याणकानि अप.\ गा.१३ (पातासंघवी१४१-२) चतुर्विंशतिजिनस्तुति। प्रा. गा.८\ अमरनररायमहिए... (पाकाहेम९०२) चतुर्विंशतिजिनस्तुति-(सं.)टिप्पण। सं. (पाकाहेम१२१९४) चतुर्विंशतिजिनस्तुति यमकालङ्कारमयी#\ सं. का.२७१ यत्राखिलश्रीश्र (पाकाहेम१२१९६, पाकाहेम१२१९७, पाकाहेम१२१९८) चतुर्विंशतिजिनस्तुति यमकालङ्कारमयी-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम१२१९७, पाकाहेम१२१९८) चतुर्विंशतिजिनस्तुति-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम१२२६३, पाकाहेम१२३५९) चतुर्विंशतिजिनस्तुति-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम१२२०३) चतुर्विंशतिजिनस्तुति। सं. का.२९ प्रथम जिनवर प्र (पाकाहेम८२५३) चतुर्विंशतिजिनस्तुति\ मागु. गा.२७ (पाकाहेम१२२०५) चतुर्विंशतिजिनस्तवन सं. ऋषभजिनमजितमथ सम (पाकाहेम१०२३) चतुर्विंशतिजिनस्तुति। सं. का.२५ (पाकाहेम१२२०५) चतुर्विंशतिजिनस्तुति-(सं.)अवचूरि\ सं. (पाकाहेम१६१८४) चतुस्त्रिंशदतिशयस्तोत्री प्रा. गा.१३\ थोस्सामि जिणवरि (जेताजि१५६, पाताहेसं१६८, खंता१३२, भांता७२, पाकाहेम१०२३, पाकाहेम१२३७४) चत्तारिअठ्ठगाथाविवरणकुलक प्रा. गा.१२ (पाकाहेम७७८९, पाकाहेम११०९४, पाकाहेम११०९५) चन्दनबालाकथा। सं. श्लोक१२२ (पाकाहेम४००१) चन्द्रगोपालकथानक दानविषये प्रा. गा.८९ (पातासंघवी१५७-१) चन्द्रधवल-धर्मदत्तकथा-(मा.गु.)टबार्थ\ मागु. (पाकाहेम१४५४८) चन्द्रप्रज्ञप्तिसूत्री प्रा. ग्रं.१८३१। जयति नवनलिणिकुव (जेताजि३४, पातासंघवी४४, पातासंघवी२९-२, खंता२२, जेकाजि२९, जेकाजि३५२, पाकाहेम६५६६, पाकाहेम६५७८, पाकाहेम१००१९, पाकाहेम१००२०, पाकाहेम१०३९२, पाकाहेम१०४७१, पाकाहेम१४८९०, पाकाहेम१४९१५, पाकाभाभा७८, पुप्रे४३५, भांका२६५) चन्द्रप्रभजिनस्तुति। सं. श्लोक४ (पाकाहेम८२१८) चन्द्रप्रभस्वामिचरित्र-(सं.)बीजक\ सं. (पाकाहेम८०४) चन्द्रप्रभस्वामिचरित्र-(सं.)पर्याय। सं. (पाकाहेम८०४) चन्द्रप्रभस्वामिमहामन्त्रमयस्तवन#\ सं. श्लोक५\ ॐचन्द्रप्रभ प् (पाकाहेम१२३६४) चन्द्रप्रभस्तोत्र सं. (पाकाहेम१४२४७) चन्द्रप्रभजिन स्तुति। अप. चन्दप्पह सामिय (पाताहेसं१६८) चन्द्रलेखाकथा। सं. (पाकाहेम१६४५७) चन्द्रवेध्यक प्रकीर्णक प्रा. गा.१७४\ जहमत्थगच्छयाणं (जेताजि१४६, पातासंघवीजीर्ण६५, खंता११३, जेकाजि१९५१, पाकाहेम६६६, पाकाहेम९०२, पाकाहेम६५६९, पाकाहेम१००८८, पाकाहेम१०५५६, भांका१२३, भांका२२७) चन्द्रसूर्यमण्डलविचारादि। प्रा.,सं. (पाकाहेम११११८) चम्पक श्रेष्ठीकथा-अनुकम्पादाने-गद्य सं. (पाकाहेम१३२०५) चाणक्यनीति-राजनीतिशास्त्र सं. (पाकाहेम२७२४) चातकाष्टक\ सं. श्लोक८ (पाकाहेम१३७५, पाकाहेम८६८८) चारित्रशुद्धि सञ्ज्ञा। सं. चतुर्दशरचहिंसार (भांका१३६) चारित्रसार-(सं.)टिप्पण। सं. (भांका१९४) चारुदत्ता विगेरेनी कथाओनो सङ्ग्रह प्रा. (पातासंघवीजीर्ण४८) Page #32 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १५ विद्वान उपरथी कृति माहिती चार्चिकप्रकरण सं.प्रा. गा.२३२ (पातासंघवी१८१-१) चिन्तामणिमन्त्रगर्भित पार्श्वनाथस्तोत्र सं.\ गा.११\ किं कर्पूरमयं स (पाकाहेम९८२९, पाकाहेम१२३२४, _पाकाहेम१२३२५, पाकाहेम१२३२६, पाकाहेम१२३२७, पाकाहेम१२३२८, पाकाहेम१३१७१) चिन्तामणिपार्श्वनाथस्तुति मागु. गा.९ अचिन्त चिन्तामण (पाकाहेम९०२) चिन्तामणिपार्श्वनाथस्तवन\ मागु. गा.७१ नमूं देवनागेन्द (पाकाहेम१२३२३) चिन्तामणिपार्श्वनाथस्तवन। सं.\ श्लोक३०\ जगद्गुरुं जगद्द (पाकाहेम१२३३५) चिन्तामणि पार्श्वनाथस्तवन मागु. गा.१४ (पाकाहेम१०२३१) चिन्तामण्यष्टक\ सं. श्लोक१० (पाकाहेम१३७५, पाकाहेम८६८८) चैत्यवन्दनविधिकुलक प्रा. गा.३३ तिन्नि निसीही त (जेकाजि१३१७, जेकाजि१३२६, पाकाहेम७७५) चैत्यवन्दनस्तोत्र सं. श्लोक१० (पाकाहेम१५५३५) चैत्यवन्दनादिभाष्यत्रय प्रा. गा.१२२२ वन्दित्तु वन्दण (पातासंघवीजीर्ण८६-१, पातासंघवी१६५, तालाद३८७, पाकाहेम१०२२) चैत्यवन्दनविधान\ प्रा.\ गा.१३\ सक्कत्थयदण्डेणं (तालाद३३९) चैत्यवन्दनादिभाष्यत्रय-(सं.)वृत्ति। सं. सूत्रं व्याख्या (तालाद३८७) चैत्यवन्दनकविधिप्रकरण प्रा. गा.३५ (पाकाहेम११०३०) चैत्यवन्दनस्तोत्र सं. श्लोक२४ (पाकाहेम१५५३५) चैत्यवन्दन स्थान\ सं. (पातासंघवी२०६-२) चैत्यवन्दन प्रत्याख्यान श्रावकप्रतिक्रमणसूत्र#\ प्रा. (पातासंघवी१३०-२) चैत्यवन्दनासूत्र-(मा.गु.)गाथार्थी मागु. (डतामुक्ता४५१) चैत्यवन्दनगाथा प्रा. गा.५९ भावजिणे दव्वजिण (पाताहेसं१०५, भांता७०) चैत्यवन्दनभाष्य-(सं.)अवचूरि। सं. वन्दित्वा वन्दन (भांका१४८) चैत्यवन्दनभाष्य-(प्रा.)कथा। प्रा. (पुप्रे४४०, पुप्रे४४१, पुप्रे४४३) चोत्रीस अतिशय पान्त्रीस वाणीगुण वर्णन मागु. (पाकाहेम१३८९६) चोरासी आशातना काव्य सं. का.४ (पाकाहेम१२२६४) चोरासी गच्छना नाम मागु. (पाकाहेम१२२२०) चौरासी आशातनागाथा प्रा. गा.४\ खेलं केलि कला क (पाताहेसं५७) छत्रीस ठाण प्रा. गा.७८ (पातासंघवी२०६-२) छन्दःकोश सं. (पाकाहेम१३९७९) छन्दःकोश-(सं.)टीका सं. (पाकाहेम१३९७९) छन्दना आठ गणनो विचार सं. (पाकाहेम१४२३४) छन्दना आठ गणनो विचार-(मा.गु.)टबार्थी मागु. (पाकाहेम१४२३४) छन्दोनुशासन-(सं.)टिप्पण। सं. (पाकाहेम७२२७, पाकाहेम९८६७) छन्दोनुशासनोद्धार सं. मस्त्रिगुरूस्त (पातासंघवी६२-२) छन्दोनुशासन सं. विभुं नाभेयमानस (पातासंघवी११०-२) छप्पन दिक्कुमारीकृत शुचिकर्म मागु. परमेश्वर श्रीसर (पाताहेसं५७) जगडुवणिक्सम्बन्ध इन्द्रमालपरिधाने। सं.\ श्लोक३३ (पाकाहेम२०९७) जगत्कतईश्वरनिरासवाद स्थल सं. (पाकाहेम८७९१) जन्मकल्याणकस्तव सं. श्लोक१६\ भुवनमोहनरूपसुसम (पाकाहेम८५१३) जन्ममहेशशक्रपञ्चरूप। प्रा.,सं. (भांता७०) जम्बूचरित्र\ अप. गा.२०\ पढमभवे भवदेशे ग (पाताखेत६, डतामुक्ता४५०) जम्बूद्वीपप्रज्ञप्तिसूत्री प्रा. ग्रं.४१४६१ नमो अरहन्ताणं.. (जेताजि२५, जेताजि३१, जेताजि३२, जेताजि३३, पातासंघवी४१-२, खंता१९, खंता२०, जेकाजि२७, जेकाजि४७७, पाकाहेम१००१७, पाकाहेम१०४२२, पाकाहेम१०४५१, पाकाभाभा८७४, पुप्रे४१२) जम्बूद्वीपप्रज्ञप्तिसूत्र-(प्रा.)चूर्णी\ प्रा.\ ग्रं.१८६९। णमिऊण विणयविरति (जेताजि२५, जेताजि३१, जेताजि३२, जेताजि३३, जेताजि३८, पातासंघवी४१-२, खंता१९, खंता२०, जेकाजि२८, पाकाहेम१००१८, पाकाहेम१०१३७, Page #33 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विद्वान उपरथी कृति माहिती पाकाहेम१०३६०, पाकाहेम१४८४५, पाकाहेम१४८४६, पाकाहेम१४९१६, पाकाभाभा३५, भांका२६७) जम्बूद्वीपगतविचारलेश\ प्रा.सं.\ विक्खम्भवग्गहह (भांता७० ) जम्बूद्वीपपदार्थसङ्ग्रह\ प्रा. सं.\ वर्ष ४२६ काञ्चन (भांता७०) जम्बूद्वीपसमास) प्रा. गा. ९४ (पातासंघवीजीर्ण९०) जम्बूवृक्षविचार\ प्रा.\ गा. १९ \ जम्बूणयामयं जम् (पाताहेसं १६१ ) जम्बूस्वामिचरित्रसम्बद्धकथासङ्ग्रह \ मागु. (पाकाहेम १०१८०) जम्बूस्वामिगीत छन्द\ मागु. (पाकाहेम१०२२५) जम्बूस्वामीकुलक प्रा. गा.१९ (पातासंघवी २०६-२) १६ जम्बूस्वामी अध्ययन-(मा.गु.)टबार्थ मागु. (भांका२५०) जयतिहुअणस्तोत्र-(सं.)अवचूरि सं. (पाकाहेम१०६५८) जयलक्ष्मीदेवीकथा शीलविषये प्रा. गा. १२६ ( पातासंघवी १५७ - १) जालीमहाविद्या सं. (पाकाहेम२८०१ ) जातकाभरण) सं. (पाकाहेम१०१२४) जिनगणधर नमस्कार अप. गा. ९ \ चुलसिय गणहर पढम (पातासंघवी७२-३) जिनगृहबिम्बविचार प्रा. गा. १० \ निस्सकड निस्सकड (भांता७०) जन्माभिषेक प्रा. गा. १८ \ नमिवि चउवीसजिणज (भांता७२) जिनदत्तकथा दानविषये । सं. (पाताहेसं १४५, पाकाहेम१७७६) जिननमस्कार मागु. का. ८ \ जासु नहि अन्नाण (पाकाहेम९०२) जिनपूजागाथा प्रा. (पातासंघवी १६५) जिनपूजासम्बन्धउपदेशसप्तक पद्य सं. (पाकाहेम८१३६) जिनपूजासमयभावना\ मागु. गा.६ (पाकाहेम९०२) जिनप्रतिमादिअधिकार मागु. ( पाकाहेम१०३६२ ) जिनबिम्बप्रवेशविधि सं.\ अर्हन्तं नमस्कृ ( पाकाहेम१५२२) जिनभवनादि गाथा प्रा. गा. ४ \ नियदव्व मउव्व ज (भांता७२) जिनराजस्तुति\ सं.\ श्रीतीर्थराजः प (पाकाहेम१२३६८) जिनशतकमहाकाव्य-(सं.) टीका सं. (पाकाहेम१०७०४) जिनशतकमहाकाव्य-(सं.) अवचूरि सं. ( जेकाजि१९६०, पाकाहेम१७१२५) जिनस्तवन \ सं.\ श्लोक १० \ शुभभावानतः स्तौ (पाकाहेम७४०६) जिनस्तवन हरिशब्दार्थगर्भित - (सं.) टिप्पणी सं. (पाकाहेम १२२८८) जिनस्तुति\ सं.\ गा.१+ 1 \ नादबिन्दु कलायु (तालाद३३९) निस्तुति प्रा.गा. २७ \ जयपयडपहावं मेघग (पातासंघवी २०२) जिनस्तुति\ सं.\ गा.२+1 \ चक्रे तीर्थङ्कर (तालाद३४९) जिनस्तुति\ सं.\ का.४\ चैत्यद्रुमः कुस (पाकाहेम१२३६४) जिनस्तुति उद्दामदण्डकछन्दोमयी सं. का. ४ \ रुचितरुचिमहा... (पाकाहेम१२३६८, पाकाहेम १२३६९) जिनस्तुति \ सं. (डतामुक्ता४५२) जिनस्तुति \ सं. मदनघनसमीरं प्रा (पातासंघवीजीर्ण९०) जिनस्तोत्र अपगा. ९ \ हेव सूसमु हूअ म ( पातासंघवी १९६-२) जिनस्तोत्र शाकभोज्यादिनामगर्भित# सं.\ का. १२ \ आम्बा रायण शेलड (पाकाहेम७३९८, पाकाहेम१२३०६) जिनेन्द्रस्तोत्र सं . का. १२ \ श्रीसिद्धार्थनर (पाकाहेम१२३४१) जिनेन्द्रस्तोत्र (सं.)अवचूरि सं. (पाकाहेम १२३४१) जीतकल्पसूत्र-(सं.)पर्याय ) सं. (पाकाहेम७१११, पाकाहेम७१११) जीतकल्पसूत्र - (प्रा.) भाष्य प्रा. गा. २७१८ ( पाकाहेम १००५६) जीतकल्पसूत्र - (प्रा.)चूर्णि प्रा.सं. पयवयणं ति वा प ( पाताहेसं १४९, खंता १०३ ) जीतकल्पसूत्रचूर्णिगतसिद्धत्थेत्यादि - (सं.) विवरण \ सं. शास्त्रारम्भे व (भांता३६) जीतकल्पसूत्र - (सं.) वृत्ति) सं. ग्रं. ६७७३ \ जयति महोदयशाली. (भांका२१८) Page #34 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विद्वान उपरथी कृति माहिती राउलागी छन्द) मागु गा.४ (पाकाहेम १०७९१) जीराउलापार्श्वनाथस्तुति\ सं.\ श्लोक १३ \ श्रीवायं विधु (पाकाहेम७३९६) पल्लिस्तवन \ अप. गा.१५ ( पाकाहेम १२३२९) जीवदयाकुलक\ प्रा.मागु. (पाकाहेम११०८२) जीवदयाप्रकरण\ प्रा. गा.११६ \ संसयतिमिरपयङ्गं (पाताखेत १२, पातासंघवीजीर्ण४५, पातासंघवीजीर्ण५९, पातासंघवी १५१, पातासंघवी १३०-२, पातासंघवी १४१-२, पातासंघवी१५६-१, पातासंघवी १८४ -१, पाताहेसं११४, पाताहेसं११९, खंता९७, भांता२५, भांता६४, तालाद३४३, अताका४९७, पाकाहेम३८९४, भांका१६१) जीवदयाविषये दामन्तककथा सं.\ श्लोक १०४ (पातासंघवी १२९) जीवद्रव्य तथा कालद्रव्य स्वरुपविचार सं. (पाकाहेम८३८५) जीवपरलोकास्तित्वस्थापनवादस्थल \ सं. (पाकाहेम८७९६) जीवविचारप्रकरण- (मा.गु.) बालावबोध \ मागु. (पाकाहेम२७२६, पाकाहेम१०५७६) जीवविचारप्रकरण- (सं.) टीका सं. (पाकाहेम६९५३) जीवसमासप्रकरण) प्रा. गा. २७० \ दस चोदस य जिणवर (जेताजि१५३, जेताजि१९१, पातासंघवी २००-२, खंता१४२, जेकाजि७८, पाकाहेम११८१, पाकाहेम११८२, पाकाहेम६९५१, पाकाहेम६९५२, भांका२६६ ) जीवसम्बोधकुलक\ प्रा. गा.११ \ रे जीव किं सुमि (भांका ११० ) जीवस्थापनाकुलक) प्रा. गा. २५ (पाकाहेम६९७०) जीवस्वरुपस्थापनाकुलक) प्रा. गा. २६ ( पाकाहेम११०४१) जीवानुट्ठि सन्धि अप. (पातासंघवी५५-३) जीवाभिगमसूत्र\ प्रा.\ ग्रं. ४७०० (जेताजि२५, पातासंघवी १०, जेकाजि२३, पाकाहेम१००१४, पाकाहेम१०१३०, पाकाहेम१०५६१, पाकाभाभा७, पाकाभाभा१२ ) जीवाभिगमसूत्र-(सं.)पर्याय सं. (जेताजि१४७, पाकाहेम७१११, पाकाहेम७१११) जीवास्तित्ववादस्थल सं. (पाकाहेम८८०५) वास्तिवादस्थल सं. इह केचिदनादिमहा (भांका २९२ ) जैनधर्मप्राचीनताविचार) सं. (पाकाहेम९५७० ) जैनमेघदूतमहाकाव्य-(सं.) टिप्पण) सं. (पाकाहेम२६६१) जैनरक्षास्तोत्र\ सं.\ श्लोक १८ (पाकाहेम८२५२, पाकाहेम११२९३) जैनसामुद्रिकशास्त्र\ सं.\ श्लोक १२६ \ आदिदेवं प्रणम्य (पाकाहेम२७९६, पाकाहेम२७९७) जैनसामुद्रिकशास्त्र - (मा.गु.) बालावबोध) मागु. \ श्लोक७०० (पाकाहेम२७९७) जैनागमविचारसारसङ्ग्रह ) सं. प्रा. \ श्लोक ७११३ ( पाकाहेम१६४० ) ज्ञाताधर्मकथाङ्गोपनयसङ्ग्रहणी \ प्रा. महुरेहिं निउणेह (पाकाहेम६७५, पाकाहेम७४४५, पाकाहेम१२७५५) ज्ञाताधर्मकथाङ्गोपनयसङ्ग्रहणी - (सं.) टीका \ सं. (पाकाहेम६७५, पाकाहेम७४४५) ज्ञाताधर्मकथाङ्गसूत्र-(मा.गु.) अर्थ मागु. (पाकाहेम १०४६६) ज्ञानकल्याणकस्तव\ सं.\ श्लोक १७ \ केवलालोक सङ्क्र (पाकाहेम८५१३) ज्ञानपञ्चमीस्तोत्र ) प्रा. गा. १५ \ लोयालोयपयासय (पाकाहेम१०२३) ज्ञानपञ्चमीस्तोत्र\ प्रा. गा. १० \ असुरवरखयरसुरविस (पाकाहेम१०२३) ज्ञानप्रकाश मागु. (पाताहेसं १६१) ज्ञान बिन्दु) सं. ( अताका४९२) ज्ञानसार अष्टक - (सं.) टिप्पण सं. (पाकाहेम७८६३) ज्ञानसार अष्टक - (मा.गु.) बालावबोधार्थ मागु. (पाकाहेम १७६८९) ज्ञानाङ्कुश\ सं.\ श्लोक२८ \ महात्मनां सत्त् (पातासंघवी१७४, पातासंघवी १६७-१) ज्ञानार्णवसारोद्धार - (सं.) टिप्पणी सं. (पाकाहेम १४८९६) ज्योतिष करणादि नामय चतुर्थ पर्व प्रा. बवं च बालवं चेव (पातासंघवीजीर्ण९०) १७ ज्योतिषमन्त्रऔषधसङ्ग्रह ) सं. मागु. ( पाकाहेम८९२३) ज्योतिषविषयकश्लोक सं.\ यस्मिन् रिक्षे ( तालाद ३४३) ज्वालामालिनीस्तोत्र सं.\ ॐ नमो भगवते श् (पाकाहेम१३१७१) Page #35 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १८ विद्वान उपरथी कृति माहिती ततार द्विजराजत्वे श्लोकनवार्थी सं.\ ततार द्विजराजत् (पाकाहेम८६८३) तत्त्वसार (मा.गु.) वृत्ति \ मागु. (पाकाहेम १०५७४) तत्त्वार्थाधिगमसूत्र-(सं.)वृत्ति सं. (भांका२२५) तत्त्वार्थाधिगमसूत्र-(सं.)अवचूरि सं. (पाकाहेम १४०९४) तन्दुलवैचारिकप्रकीर्णक\ प्रा. गा. ३४५ \ निज्जरियजरामरणं (पातासंघवीजीर्ण६५, पाताहेसं१७१-१३, जेकाजि१९५१, पाकाहेम६६६, पाकाहेम९०२, पाकाहेम६५६९, पाकाहेम१००८८, भांका १२३, भांका२२७) तपविधि सं. प्रा. (पातासंघवी ११७-१) तपसन्धि - (सं.) टिप्पणी ( पाकाहेम९०३४) तपसमा प्रा.गा.८८ (पातासंघवी २०६-२) तपागच्छ पट्टावलि सं. (पाकाहेम१२५०२) तपोयन्त्रविचार प्रा. ( पाताखेत३६, पाकाहेम१०३२५) तपोविषये दृढप्रहारीकथा सं.\ श्लोक५१ (पातासंघवी१२९) तमस्काण्डस्वरूप सं. तमस्कायस्य सर्व (भांता७०) तमोवाद स्थल सं.\ तमोनामेत्यादितम (भांका२९२) ताराकथा शीलविषये सं. ग्रं. ११६ ( पाकाहेम२१०६) तार्किकरक्षाव्याख्यानसारसङ्ग्र - (सं.) टिप्पणी \ सं. (पाकाहेम१०२१९) तिजयपहुत्तस्तोत्र\ प्रा.\ गा. १४ \ तिजयपहुत्त... (पाकाहेम१०२३, पाकाहेम१२१२४, भांका२०२) तिलकमञ्जरी - (सं.) टिप्पण सं. ( तालाद ३७७) तिहुत्तरबोल प्रश्नोत्तर\ मागु. ग्रं.८०१ (पाकाहेम१०३४०) तीर्थङ्करनामकर्मबन्धकनाम प्रा. समणस्स भगवओ महा (भांता७०) तीर्थङ्कर धनुषमान सज्झाय मागु. गा. ११ \ पणमवि पढम जिणेस (पाताहेसं १६८) तीर्थमालावन्दन\ प्रा.\ गा. १० \ जुहारि जीराउलिप (पाकाहेम९०२) तीर्थमालास्तवन प्रा. गा. १०१ ( पाकाहेम३३८४) तीर्थमालास्तव अप. गा. १०८ \ अरहन्तं भगवन्तं ( पाताहेसं १६८ ) तीर्थव्यवच्छेदाव्यवच्छेदस्वरूप# प्रा. पुरिमन्तिम अट्ठ (भांता७०) तेजसारनरेन्द्रकथा-गद्य दीपकपूजा - फलविषये । सं. ग्रं. ५०० (पाकाहेम८०७९) तैजसवाद स्थल सं.\ तेजसैवापवत्य स (भांका२९२) त्रयस्त्रिंशद्व्यञ्जनमयकाव्य सं. (पाकाहेम८६८२) त्रयस्त्रिंशद्व्यञ्जनमयकाव्य- (सं.) टीका) सं. (पाकाहेम८६८२) त्रयोविंशत्युदययुगप्रधानसूरिसङ्ख्या#\ सं. (भांता७०) त्रिंशच्चतुर्विंशतिका जिननामगर्भितस्तुति \ सं.\ श्लोक ११२ ( पाकाहेम८५०१) त्रिपुरान्यास \ सं. (पाकाहेम१२३८०) त्रिभुवनसार योगशास्त्र) सं.\ पुनर्जन्म न जाय (पातासंघवी१८०-२) त्रिषष्टिध्यानकथानकप्रकरण प्रा. गा.३७ \ नमिऊण जिणं वीरं (पातासंघवीजीर्ण५७, भांता७२, पाकाहेम१२७३. पाकाहेम८१३७) त्रिषष्ठि स्मृति - (सं.) टिप्पण सं. (भांका ८४) दढधम्मकहा\ प्रा. गा. १०१ \ जिणधम्मं लहिऊणं (पातासंघवीजीर्ण९२) दण्डकप्रकरण-(सं.)व्याख्या सं. तित्थं भन्ते इत (भांता७० ) दत्त शङ्खायणकथा सं.\ श्लोक७५ (पाकाहेम४००१) दमदन्तकथा\ सं.\ श्लोक२३ (पाकाहेम४००१) दमयन्तीचरित्र (वीस उद्देसा) प्रा. पणमह सन्तिजिणिन (पातासंघवी१९९-२) दर्शनकुलक प्रा. (पाकाहेम१८७०५) दर्शनकुलक-(सं.)अवचूरि\ सं. (पाकाहेम १८७०५) दर्शनचतुर्विंशति\ प्रा.\ गा. २४ \ चउसद्दहण तिलङ्ग (पाताखेत६, पाताहेसं १६१) दर्शनशुद्धिप्रकरण\ सं.\ गा.२८० (पातासंघवी६७-१, पातासंघवी १८१-१, पातासंघवी२०६-२) Page #36 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विद्वान उपरथी कृति माहिती ग्रं. ३५७ (पाकाहेम७८१९, पाकाहेम१०१६१) दर्शनसप्ततिकाप्रकरण - (सं.) अवचूरि सं. दशपच्चक्खाण\ प्रा.\ उग्गए सूरे चउवि (जेताजि३९७, पाताखेत५, पाताखेत२३, खंता१३८, पाकाहेम १२१२४) दशबलकारिकाधातुपाठ सं.\ श्लोक४० (पाकाहेम१०६८०) दशविधसामाचारी प्रा. ( पाताखेत २४ - २ ) दशविधसामाचारीस्वरूप प्रा. सं. पुव्वफागुणी नट् (भांता७०) दशविधावस्थितकल्प) प्रा.सं.\ आचेलक्कुद्देसिय (भांता७०) दशवीशी भावना\ प्रा. गा.२०८ (पातासंघवी १४१-२, पातासंघवी १८५-२) दशवैकालिकसूत्र- (प्रा.)चूर्णी प्रा. ग्रं. ८४०० (जेताजि८९, जेकाजि४६, पाकाहेम६५२८, पाकाहेम६५४५, पाकाहेम १००७४) दशवैकालिकसूत्र-(सं.)अवचूरि \ सं. (पाकाहेम५२६, पाकाहेम७७३, पाकाहेम७७४, पाकाहेम७५२७, पाकाहेम७५३२) दशवैकालिकसूत्र-(मा.गु.)टबार्थ मागु. (पाकाहेम६९४९) दशवैकालिकसूत्र-(मा.गु.) टिप्पण\ मागु. (पाकाहेम६९४८) दशवैकालिकसूत्र-(सं.)बृहद्वृत्तिनो (सं.) विषमपदपर्याय\ सं. (पाकाहेम७१११) दशवैकालिकसूत्र - (सं.) टिप्पण) सं. ( तालाद३८९, पाकाहेम७५२४) दशवैकालिकसूत्र-(मा.गु.)बालावबोध\ मागु. (पाकाहेम६९४६, पाकाहेम७५२८, पाकाहेम७५२९) दशवैकालिकसूत्र-(मा.गु.) स्तबक \ मागु. ( पाकाहेम१०४९९) दशवैकालिकसूत्र-(सं.)लघुवृत्ति सं. (पातासंघवीजीर्ण३४, पातासंघवी ३५-३) दशवैकालिकसूत्र-(सं.) चूलिकायुगलावचूर्णि-अक्षरार्थगमनिका सं.\ धम्मो धर्म उत् (भांका१४१) दशवैकालिकसूत्र-(सं.)अवचूरि\ सं. ग्रं. २१४३ \ इहार्थतः श्रीमह (पाकाहेम६९४३, भांका२०७) दशवैकालिकसूत्र-(सं.)अवचूरि\ सं. ग्रं. १७०० \ इहार्थतः श्रीवी (भांका२१०) दशवैकालिकसूत्र - (सं.) अवचूरि सं. जयति विजितान्यत (भांका८२) दशवैकालिकसूत्र-(सं.)बृहद्वृत्तिनी (सं.) अवचूरि \ सं.\ इहार्थतः वीरकृत (भांका१२२) दशवैकालिक परिचयगाथा प्रा. सिज्जम्भवं गणहर (पाताखेत६) दशाश्चर्यविचार प्रा. सिरिरिसहसीयलेसु (भांता७०) दशाश्रुतस्कन्ध-(प्रा.)चूर्णी प्रा. ग्रं. २२२५ \ मङ्गलादीणि सत्थ (जेताजि४१, जेताजि६१, पातासंघवी १९, खंता२३, खंता २४, पाकाहेम १००३३, पाकाहेम११३०७, पाकाभाभा३८, भांका१५३) दशाश्रुतस्कन्ध- (सं.) पर्याय सं. (पाकाहेम७१११) दशाश्रुतस्कन्ध- (सं.)टीका सं. (अताका ४६७, अताका४६८) दसकल्पद्रुम प्रा. मत्तङ्गयाय भिङ् (भांता७०) दाङ्गडउ\ अप.\ गा.२९ \ जहिं जिणधम्मु न ( जेताजि१५१, पातासंघवी २०६-२, पाताहेसं१६८, पाताहेसं १८९, पाकाहेम७३०७, पाकाहेम१२१२४) दानशील तप भावना स्वाध्याय - ( मा.गु.) स्तबक मागु. (पाकाहेम१८१३६) दानविधिकुलक\ प्रा.\ गा. २५) धम्मोवग्गहदाणं (जेताजि१५६, पाताखेत२९, पाताहेसं११९, खंता९४, खंता९७, भांता२४, तालाद३२६, जेकाजि१३२६, पाकाहेम७७५, पाकाहेम१०२३, पाकाहेम७७९४, पाकाहेम९६२०) दानविधिकुलक-(सं.)अवचूरि \ सं. (पाकाहेम७७९४) दानविषये कृतपुण्यकथा सं.\ श्लोक १४५ (पातासंघवी १२९) दानशीलतपभावनाकुलक प्रा. गा. २२ ( पाकाहेम १०२५१) दानशीलतपोभावनाकुलक) प्रा. गा.२४ \ नमवि उसभाइ चउवी (पाताहेसं १८९) दानषट्त्रिंशिका-(सं.)अवचूरि सं. (पाकाहेम७८००) दानादिकुलक\ प्रा.\ गा. २० \ आइन्नह जिणएक्कम (पाताहेसं १६८) दानादिफलविषयक विविधकथासङ्ग्रह ) सं. (पाकाहेम८१२९) दार्शनिकग्रन्थ-अज्ञात\ सं. प्रणम्य शम्भुं (पातासंघवी६२-२, तालाद ३४४ - २, डतामुक्ता४६०, जेकाजि१०५१) दिनकृत्य श्रावकसामाचारी प्रा. गा. ४९७ \ वीरं णमिऊण तिलो (पातासंघवी१८६-२) दिवाकरकथा उत्तमसेवायाम् ) प्रा. गा. १३९ ( पातासंघवी १६८) दीक्षाकल्याणकस्तव\ सं.\ श्लोक १२ \ स्तुवे चारु चार (पाकाहेम८५१३) १९ Page #37 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २० विद्वान उपरथी कृति माहिती दीक्षाप्रतिष्ठामुहूर्त-मुहूर्तराजान्तर्गत सं. श्लोक३५ (पाकाहेम१४२२३) दीपालीकाकल्प (पाताहेसं६०) दीपावलीकल्प। सं.। गुरोः श्रीवर्ट्स (पाताहेसं१६६) दुःख-सुखविपाककुलक\ प्रा. गा.२७\ अणवरयकम्म-जललहर (पाताहेसं१४२) दुःषमाव्यवच्छेदस्वरूप प्रा. गा.२६\ झद्धित्तुमियसमि (भांता७०) दुषमगण्डिका\ प्रा.ग्रं.१०४\ गा.८१\ नमिऊण जिणवराणं (पातासंघवीजीर्ण८१, पातासंघवी५४-२, पातासंघवी१८५-२, खंता१२५, तालाद३३९) दुहामात्रिका\ अप.\ गा.५८\ भले भणेविणु पणम (पाताखेत५१, पातासंघवी७२-३) दूसमपद्धति प्रा. गा.६४\ नमिऊण भुवणवीरं (पाताहेसं१६१) दृष्टान्तशतक श्लोकबद्ध सं.प्रा.,मागु. (जेताडूं९५३, पाकाहेम१७७१) दृष्टान्तशतक-(सं.)अवचूरि। सं. (भांका१०३) दृष्टिवाद सं. वन्दित्वा परमात (भांका२८६) देवकथा गद्य सं. (पाकाहेम७४३३) देवकीसुतचरित्र प्रा. गा.९७\ नमिऊण चलणजुयलं (पाताखेत११, खंता९७, खंता१२१) देवत्वे स्थविराकथा (जिनपूजा उपर)। सं.\ श्लोक८२ (पातासंघवी१६८) देवपालकथा पूजायाम् (पाताहेसं१८५) देवपूजाविषये मणिचूडकथा गद्य प्रा. (पाकाहेम२१०६) देवभद्रगुरुस्तुति। सं.प्रा. श्रीमत्तीर्थपति (पातासंघवी१९६-२) देवराज-वत्सराजकथा पद्य दानविषये। सं. ग्रं.४०० (पाकाहेम१०१७२) देवराजादिकथा अविचारितकार्ये सं. (पाकाहेम१७७६) देववन्दनादिभाष्य प्रा. (जेताजि४२४, पाकाहेम१००७, पाकाहेम९५०४, पाकाहेम१६१७८) देववन्दनादिभाष्य-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम१६१७८, पाकाहेम१९५०७) देववन्दनादिभाष्य-(सं.)टिप्पणी\ सं. (पाकाहेम९५०४) देववन्दनादिभाष्यत्रय प्रा. गा.११३ (पाकाहेम७६९९, पाकाहेम९५४६) देवा प्रभोस्तोत्र-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम१२२४४, पाकाहेम१२२४६, पाकाहेम१२२४८, पाकाहेम१२२५०, पाकाहेम१२२५१, पाकाहेम१५३३२) देवीपूजा-स्थापन-विसर्जनविधि। सं. (पाकाहेम८९२१) देशान्तरी छन्द \ मागु. (पाकाभाभा४३) देहस्वरुपकुलकी प्रा. गा.२३ (पाकाहेम७७९६, पाकाहेम९६२०, पाकाहेम११०८४) दैवाष्टक\ सं.\ श्लोक९ (पाकाहेम१३७५, पाकाहेम८६८८) द्रव्यस्तवविचार सं. (पाकाहेम८३८७) द्वात्रिंशल्लक्षण सं. त्रिषु विपुलो ग (भांता७०) द्वादशभावनास्वरुप प्रा. (पाताहेसं१०८, पाकाहेम९०२) द्वादशभावनाकुलक\ प्रा. गा.२१०\ पढममणिच्चयमसरणय (पाताखेत१७-२, पातासंघवी१५६-१, खंता११३) द्वादशभावना\ प्रा. गा.१४ (पाकाहेम११०४६) द्वादशभावना प्रा. ग्रं.१५७\ गा.१३२\ तित्थयरे भगवन्त (पातासंघवी११७-१, पातासंघवी१४५-१) द्वादशानुप्रेक्षा सं. मदमदनकषाया... (भांका२९३) द्वादशार्थविचार प्रा. गा.१४ लयसद्दा दिणमणिण (पाताखेत६) द्विचत्वारिंशद्दोषविवरण सं. द्विशतेसप्तत्यध (भांता७०) द्विविध तप निरूपण सं. बाह्याभ्यन्तरभे (भांका२९३) द्वीपसागरप्रज्ञप्तिसङ्ग्रहणी प्रा. ग्रं.२००२ गा.२२५ पुक्खरवरदीवड्ढे (जेकाजि१६७, पाकाहेम६६६, पाकाहेम६७३७, पाकाहेम१००९२, भांका१६५) द्वीपसागरप्रज्ञप्तिप्रकीर्णक प्रा.\ ग्रं.२८०\ गा.२२४\ पुक्खरवरदीवड्ढे (पातासंघवी६३-२) धनदकथा दानविषये। सं. (पाकाहेम१७७६) धनदत्तकथानक भावनाप्रभावे प्रा. गा.११२ (पातासंघवी१५७-१) Page #38 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विद्वान उपरथी कृति माहिती धनदेवधनदत्तकथा दानविषये प्रा. गा.१४१ (पातासंघवी१५७-१, पाताहेसं१८५) धनपालकवि-शोभनमुनिकथा\ सं. (पाकाहेम१७७६) धनमित्रादिकथा-विविधप्रसङ्गे। सं.\ ज्ञानवान् ज्ञान (भांका९४) धनश्रेष्ठिकथा सम्यक्त्वविषये प्रा. गा.८० (पातासंघवी१५७-१) धन्य-शालिभद्रकथा दाने। सं. श्लोक२१८ (पातासंघवी१६८) धन्यसुन्दरी कथाप्रा. (पातासंघवी१०६-३) धर्मघोषसूरिस्तोत्र अप. गा.२६\ मणवञ्छियसुहङ्कर (पाताखेत२३) धर्मजिन स्तवन\ सं. श्लोक८ अमरशेष... (पाताहेसं१६८) धर्मपाल-वस्तुपालकथा\ सं. (पातासंघवी१६८) धर्मप्रभगुरुविवाहलु मागु. (पाकाहेम१२१२४) धर्मप्रभगुरुगुणमाल मागु. गा.१८ (पाकाहेम१२१२४) धर्मप्रभसूरिधुल-धवल मागु. (पाकाहेम१२१२४) धर्मप्रभावगाथा प्रा. गा.९\ धम्मेण धणसमिद्ध (पातासंघवीजीर्ण९१) धर्मबिन्दु (जैन न्याय)। सं. (डतामुक्ता४६५) धर्ममतिभावनाकुलक\ गा.३० (पातासंघवी१८१-१) धर्मरत्नकरण्डक-(सं.)टीका\ सं. (पाकाहेम१३९२४) धर्मरसायण प्रा. गा.१५५ णमिऊण देवदेवं ध (भांका२८८) धर्मलक्षण सं. सितं चित्तं... (पातासंघवी५५-२) धर्मलक्षण (पाताखेत५१, भांता२४) धर्मलक्ष्मीमहत्तरास्तुति सं. ग्रं.२३\ श्लोक१५ (पाकाहेम७३९७) धर्मलक्ष्मीमहत्तरास्तुति-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम७३९७) धर्मसूरिस्तुति। प्रा. गा.२४\ जय तिहुयणसूरिमण (पाताखेत२३) धर्मसूरिस्तवन\ मागु. गा.२७। पहिलउं पणमउं वी (पाताखेत२३) धर्मसूरिस्तुति। अप.\ गा.५०\ तिहुयणमणिचूडामण (पाताहेसं११९) धर्माधर्मविचारकुलक\ मागु. गा.१७\ चउदहपूरवमांहि ज (पाकाहेम९०२) धर्मास्तित्वस्थापनवादस्थल सं. (पाकाहेम८७९६) धर्मोपदेश अप. श्लोक७ (पातासंघवी५६-२) धर्मोपदेशशत-(सं.)टीका सं. (पातासंघवीजीर्ण३९) धर्मोपदेशमाला। सं. (भांता२५) धर्मोपदेश अप. गा.५५ (पातासंघवीजीर्ण८१) धर्मोपदेश सं.,प्रा. धम्मो मङ्गलमुक् (भांका१४७) धर्मोपदेशमालाप्रकरण-(सं.)टीका सं. ग्रं.१३८६८ (पातासंघवीजीर्ण९०) धवलाष्टक\ सं. श्लोक९ (पाकाहेम१३७५, पाकाहेम८६८८) ध्यानविचार सं. (पाकाहेम८४९४) ध्यानशतकप्रकरण-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम३७७९) नन्दिताढ्यछन्दशास्त्र-(सं.)वृत्ति। सं. (पाकाहेम८६१०) नन्दिविधि प्रा.,सं. राजगृहम्पुरे धन (पाकाहेम१२७५५) नन्दिस्तव प्रा. गा.५ ओमिति नमो भगवओ. (पाकाहेम१२३५४, पाकाहेम१२३५५) नन्दिस्तुति प्रा. (पाकाहेम८३५९, पाकाहेम१२३५४, पाकाहेम१२३५५) नन्दिस्तुति-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम१२३५५) नन्दिस्तुति। सं. का.८ श्रुतकेवलीदंष्ट (भांता७०) नन्दीश्वरस्तवन। अप. गा.११ (जेकाजि८१७, पाकाहेम१२१२४) नन्दीश्वरस्तवन प्रा. गा.२५ वन्दिय नन्दियलो (पाकाहेम७७५) नन्दीश्वरद्वीपजिनस्तुति\ प्रा. निज्जिय दुज्जय (तालाद३३९) नन्दीश्वर पञ्चपरमेष्ठि स्तोत्र सं. गा.१३ (पातासंघवी२०६-२) Page #39 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विद्वान उपरथी कृति माहिती नन्दीश्वरस्तुति \ सं.\ का. ४ (पाकाहेम१२१२४) नन्दीश्वर-पुण्डरीक-गौतम - सर्वसिद्ध-सिद्धचक्र - सीमन्धरजिनस्तुति # \ सं.\ श्लोक९\ जयर्षभ विभो वध. (पाकाहेम१२३६३) नन्दीश्वर-पुण्डरीक-गौतम - सर्वसिद्ध-सिद्धचक्र - सीमन्धरजिनस्तुति # \ सं. का. ८ \ सुकरसुकरमो मां. (पाकाहेम१२३६३) नन्दीश्वरविचार प्रा. नन्दीसरवरस्स बह (भांता७०) नन्दीसूत्र-(सं.) विषमपदपर्याय सं. (जेताजि१४७, पाकाहेम७१११) नन्दी सूत्र - ( सं .) लघुवृत्ति सं. (पातासंघवीजीर्ण९७, पाकाहेम१००२८) नन्द्यावर्तविधान \ सं., प्रा. (पातासंघवीजीर्ण५८-३) २२ नमस्कार\ मागु.\ गा.९ (पातासंघवी २०२, पाकाहेम९४३१) नमस्कारफल कुलक । अप. गा. ३० \ पणमेवि पाय परमे (पातासंघवी १४१-२ ) नमस्कारफल कुलक) प्रा. गा.२५ (पातासंघवी १८१-१) नमुत्थुणं कल्प सं. (पाकाहेम १४५०१) नमोस्तुवर्धमानाय वीरस्तुति \ सं.\ नमोस्तुवर्धमाना (पाकाहेम७५०५, पाकाहेम७५०६, पाकाहेम१११५१) नमोस्तुवर्धमानाय वीरस्तुति - (सं.) टीका \ सं. (पाकाहेम७५०५) नमोस्तुवर्धमानाय वीरस्तुति - (सं.) अवचूरि\ सं. (पाकाहेम७५०६) नयोपदेशप्रकरण) सं. ( अताका ४७४ ) नराष्टक\सं.\ श्लोक९ (पाकाहेम१३७५, पाकाहेम८६८८) नलकथा द्युते (पाताहेसं १८५) नलदमयन्तीकथा\ सं.\ गा. ९६३ \ इहैव भरते भूमिभ (पातासंघवीजीर्ण४८) नव निधि नाम\ प्रा.\ गा. १४ \ नेसप्पे पण्डुयए (भांता७०) नवकार प्रा. (पाकाहेम१०१४१) नवकार-(मा.गु.)बालावबोध \ मागु. (पाकाहेम१०१४१, पाकाहेम१७१८०) नवकार - (सं.) व्याख्या\ सं. (भांका ८६) नवकाकुलक प्रा. गा. २०) घणघायकम्ममुक्का (जेताजि१५१, पाताखेत२९, पातासंघवी १४१ - २, पाताहेसं१११, पाताहेसं११९, खंता९४, जेकाजि१३२६, पाकाहेम७७५, पाकाहेम७७८०) नवकारफलकुलक) प्रा. गा. ३३ \ पणमेव पाय परमे (खंता ९५, जेकाजि१३१७, पाकाहेम१०२३, पाकाहेम७७५५) नवकारफलकुलक प्रा. गा. १४ ( पाताहेसं १६१, भांता२४) नवकारमन्त्रविचार \ सं. (पाकाहेम८४१३) नवकारस्तवन ) प्रा. गा.६ \ तियसिन्दनरिन्द ( पाकाहेम१०२३) नवकारस्तोत्र) प्रा. गा.३४ (पातासंघवीजीर्ण८६-२) नवकोटिविहार सं.\ हन्ति पचति झापय (भांता७० ) नवखण्डापार्श्वनाथवीनती मागु. गा.८ (पाकाहेम १२१२४) नवग्रहस्तुतिगर्भितपार्श्वनाथस्तुति - (सं.) अवचूरि\ सं. ( जेकाजि२१२०, पाकाहेम१२१७४) नवग्रहाह्वानस्तोत्र\ सं.\ श्लोक ९ \ तरुणोग्रतरकरविस (वताकांति४२८) नवचउवीसकुलक प्रा. ( पाकाहेम७७८९) नवतत्त्वप्रकरण\ प्रा.\ गा. ४९ \ जीवाजीवा पुन्नं (पाताखेत५, पाताखेत १२, पाताखेत५१, पाताहेसं १६१, पाकाहेम१०२२, पाकाहेम६९५४, पाकाहेम६९५५, पाकाहेम६९५६, पाकाहेम६९५७, पाकाहेम१०११०, पाकाहेम१०१४७, पाकाहेम१०१४८, पाकाहेम१०५६७, पाकाहेम१०५७७, पाकाहेम१०५७८) नवतत्त्वप्रकरण-(मा.गु.)बालावबोध \ मागु. (पाकाहेम६९५७, पाकाहेम१०११० ) नवतत्त्वप्रकरण- (सं.) अवचूरि सं. (पाकाहेम१०५७८) नवतत्त्वप्रकरण प्रा.गा. ५३ ( पातासंघवी १९८-२) नवतत्त्वप्रकरण\ प्रा.\ गा. २१ ( पातासंघवी १३० -२, पाताहेसं१६८, खंता८८, खंता ११२, तालाद३२६, पाकाहेम१६१८४) नवतत्त्वबोलविचार \ मागु. ( पाकाहेम६९५८) नवतत्त्वभेद (पाताखेत १२, पाताहेसं १८९) नवतत्त्वविचारसारोद्धार प्रा. अरहन्ता भगवन्तो ( पाताहेसं १८९, भांता७२) Page #40 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विद्वान उपरथी कृति माहिती नवतत्त्वविचारसारोद्धार-(सं.)वृत्ति। सं. (भांता७२) नवतत्त्वविचार प्रा. गा.१६ जीवाजीवा पुन्नं (पातासंघवी१३०-१) नवनिष्पन्नजिनबिम्बप्रतिष्ठादि विधि। सं. (पाकाहेम८१७२) नवफणा श्रीपार्श्वनाथनमस्कार अप. गा.५\ जय चिन्तामणि जय (पातासंघवी१९६-२) नवसंवादसुन्दर। सं. श्लोक३५२ (पाकाहेम२८४८) नवसंवादसुन्दर-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम२८४८) नव्यबृहत्क्षेत्रसमासप्रकरण-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम१०५८८) नष्टग्लानबद्धनक्षत्रफल प्रा. पुवतियमसल्लेस (भांता७०) नागदत्तकथानक (गद्य) सं. (पाकाहेम२१०६) नागिनीकथा मायायाम् प्रा. ग्रं.११३ (पाताहेसं१८५) नाणाचित्तप्रकरणी प्रा. गा.८१\ नमिऊण जिणं जगजी (जेताजि१५६, जेताजि१९१, पातासंघवी७२-२, पातासंघवी१९०-२, पाताहेसं११९, खंता९७, तालाद३३८, तालाद३८४, जेकाजि१३२६, पाकाहेम१०२३) नाभेय-नेमिद्विसन्धानकाव्य-(सं.)टिप्पणक\ सं. (पाकाहेम६७९०) नाभेयस्तोत्री प्रा. गा.२८\ जो पामीयरकन्तीक (भांता६९) नायकनायिकावर्णन सं. (पातासंघवीजीर्ण९०) नारी अष्टक\ सं. श्लोक९ (पाकाहेम१३७५, पाकाहेम८६८८) निगोदषट्त्रिशिका-(सं.)टीका\ सं. (पाकाहेम१५८०९) निघण्टुसक्षेप। सं. श्लोक४६ (वताकांति४०३, पाकाहेम८७३२) नित्यानित्यवादस्थापनावादस्थल सं. ग्रं.३२५ (पाकाहेम८७९३) नियाण कुलक प्रा. (पाकाहेम१७९५८) नियाण कुलक-(मा.गु.)स्तबक मागु. (पाकाहेम१७९५८) निरयावलिकादिपञ्चोपाङ्गसूत्री प्रा. ग्रं.११०० तेणं कालेणं तेण (जेताजि३२, जेताजि३९, जेतालौ३, पातासंघवी६३-२, खंता२०, जेकाजि३१, पाकाहेम६५६८, पाकाहेम६९१२, पाकाहेम१००२४, पाकाहेम१०३५९, पाकाहेम१०४१९, पाकाहेम१०४२०, पाकाहेम१०४७५, पाकाहेम१४८४९, पाकाभाभा२६) निरयावलिकादिपञ्चोपाङ्गसूत्र-(सं.)पर्याय। सं. (पाकाहेम७१११) निशीथसूत्र-(प्रा.)भाष्य प्रा. ग्रं.८४०० गा.६४३९। णवबम्भचेरमइओ अट (जेताजि६५, जेताजि६६, खंता३२, भांता२२, भांता२६, लिंता४४, पाकाहेम१००५२, पाकाहेम१४८७३) निशीथसूत्र-(प्रा.)लघुभाष्य प्रा. (जेताजि७३, पाताहेसं१३, पाताहेसं१४, पाकाहेम६५४०) निशीथसूत्र-(सं.)पर्याय सं. (पाकाहेम७१११, पाकाहेम७१११) नीरविचार सिद्धान्तोद्धृत\ प्रा.,सं. (पाकाहेम७९५५) नेमिजिन स्तुति\ अप.\ निरुवमसुहतरुकन् (पातासंघवीजीर्ण९०) नेमिजिनस्तवन मागु. गा.५\ भली भावना भेटिव (पाकाहेम९०२) नेमिजिनस्तुति। सं. श्लोक२४\ कान्तः स्तोतुं (पातासंघवी१७२-३) नेमिट्ट्यक्षरस्तव सं. (पाकाहेम११३०९) नेमिट्ट्यक्षरस्तव-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम११३०९) नेमिनाथ धवल मागु. (पाकाहेम१२१२४) नेमिनाथ बोली\ अप. गा.२४\ जयतु जयतु शश्वन (पातासंघवी२०६-२) नेमिनाथजिनस्तवन। सं. का.१५\ श्रीनेमिस्वामिन (पाकाहेम१२३७१) नेमिनाथधुल-धवल मागु. गा.७ (पाकाहेम१२१२४) नेमिनाथस्तवन। सं. श्लोक२५ (पाकाहेम७३०७) नेमिनाथस्तुति श्रीनेमिःपञ्चरूपस्तुतिपादपूर्तिरूप#\ सं. का.४\ राज्यं राजिमति (पाकाहेम१०२२, पाकाहेम१२३६८) नेमिनाथस्तवन। सं. का.१२\ श्रीरैवताचल मुक (पाकाहेम१२३७२) नेमिनाथस्तवन। अप. गा.३०\ वसुमइ सिरिसुर.. (पातासंघवी१७२-३) नेमिपञ्चाशिका\ प्रा.\ गा.४९। कुवलयदलसच्छायं (भांता६९) नेमिप्रतिमोत्पत्ति। सं. (पाकाहेम८००३) Page #41 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २४ विद्वान उपरथी कृति माहिती नेमिस्तुति विविधछन्दोबद्ध-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम१२३१२) नैयायिक प्रमाणप्रमेयवादस्थल सं. नैयायिकदर्शने त (भांका२९२) नैषधकाव्यमन्त्रोद्धार सं. (पाकाहेम८६८३) न्यायग्रन्थ सं. (जेकाजि१३३४, जेकाजि१३३५, जेकाजि१३३६, जेकाजि१३३७, पाकाहेम७३२१) न्यायतात्पर्यपरिशुद्धि-(सं.)वृत्ति। सं. (तालाद३११) न्यायदीपिका-(सं.)टिप्पण। सं. (पाकाहेम२८६९) न्यायप्रदीप-(सं.)टिप्पण। सं. (पाकाहेम१३६४३) न्यायशास्त्र-(सं.)अनेकार्थभाष्य। सं. मिलन्मन्दाकिनीम (भांका२५५) न्यायसारप्रकरण-(सं.)टिप्पणी\ सं. (पाकाहेम१०१००, पाकाहेम१०३८७) न्यायावतारसूत्रनी (सं.)वृत्तिनुं (सं.)टिप्पण\ सं. नत्वा श्रीवीरमे (पातासंघवी१०५-१, खंता२७०) पगामसज्झाय-(सं.)वृत्ति। सं. नत्वा श्रीवीरजि (जेताजि१४३, भांका१६६) पगामसज्झाय प्रा. ग्रं.५० इच्छामि पडिक्कम (पातासंघवीजीर्ण४५, पातासंघवीजीर्ण७६, पातासंघवी१६६, पातासंघवी१०४-२, पातासंघवी१८२-१, पाताहेसं१६१, खंता७६-१, पाकाहेम६६६, पाकाहेम७७५, पाकाहेम१२१२४) पच्चक्खाणविवरणगाथा। प्रा. गा.८२\ दुविहं पच्चक्खा (पातासंघवीजीर्ण५७) पच्चक्खाणविचारगाथा\ प्रा. सूरम्मि उग्गयम् (पातासंघवीजीर्ण५७) पञ्च आराधना प्रकरणी प्रा. गा.३३९ मणिरहकुमारसाहू (पाताखेत५०, पातासंघवी१९३-१, पाताहेसं११३, खंता११५) पञ्चकल्पसूत्र सं. (अताका४९४, पाकाहेम१४९२२) पञ्चकल्पसूत्र-(प्रा.)चूर्णी\ प्रा.। मङ्गलादीणि सत्थ (जेताजि४१, जेताजि४०७, पातासंघवी१९, खंता२४, अताका४९४, पाकाहेम६५५१, पाकाहेम१४९२१, भांका२७६) पञ्चकल्पसूत्र-(सं.)पर्याय) सं. (पाकाहेम७१११) पञ्चकल्याणक स्तुति\ प्रा. चवणं जम्मण निक् (पातासंघवी१५१) पञ्चकल्याणकस्तुति प्रा. नाभेयं सम्भवन्त (पाकाहेम११६८३) पञ्चचारित्रस्वरूप सं.\ एवं सम्यग्दर्शन (भांता७०) पञ्चजिनस्तव हारबन्ध-(सं.)अवचूरि सं. (पाकाहेम११२८६, पाकाहेम१२३१४) पञ्चजिनस्तुति सं. का.४ (पाकाहेम१२३६५) पञ्चतीर्थीस्तुति। सं. गा.४ (जेकाजि८१७, पाकाहेम१०२२, पाकाहेम१२१२४) पञ्चनवकार प्रा. (पातासंघवी१०४-२) पञ्चनिर्ग्रन्थसङ्ग्रहणीप्रकरण-(सं.)अवचूरि\ सं. (भांका८९) पञ्चपरमेष्ठिस्तवन। सं. गा.७ अर्हतस्त्रिजगद् (पाकाहेम१०२३) पञ्चपरमेष्ठिस्तोत्र समस्याबद्ध प्रा. (पाकाहेम८२४०) पञ्चपरमेष्ठिनमस्कारस्तवन। सं.प्रा. श्लोक८\ परमेष्ठि नमस्का (पाताखेत१२, पाकाहेम९७६०, पाकाहेम११२९३, पाकाहेम११६६६, पाकाहेम१२३४०, पाकाहेम१२३७५, पाकाहेम१२३८०) पञ्चपरमेष्ठिस्तव सं. अर्हदभ्यस्त्रि (भांता७०) पञ्चपरमेष्ठि स्तुति सं. नम्रामरेश्वरकिर (पाताहेसं१६८) पञ्चपर्वादिकुलक प्रा. गा.११\ सुयनाणपञ्चमी अट (पातासंघवी५९-२) पञ्चमहाव्रती प्रा. (पातासंघवी१७२-३) पञ्चमी स्तोत्र प्रा. गा.२२\ विगयमयमयणमुणिवइ (पाताखेत२३) पञ्चमीस्तुति। सं. का.४\ श्रीनेमिः पञ्चर (खंता१३२, पाकाहेम१२२८२, पाकाहेम१२३६८) पञ्चमीस्तुति। सं. का.४\ पञ्चानन्तक... (पाकाहेम१२३६२) पञ्चमीस्तुति। सं. पञ्चेषु प्रकटप (पाकाहेम१०२२) पञ्चवर्ग अनेकार्थ नाममाला। सं. श्लोक१३७ आर्हती भारती (अताका४७७) पञ्चवर्गव्याख्या। सं. (पाकाहेम८७३) पञ्चवस्तुकप्रकरण-(सं.)पर्याय। सं. (पाकाहेम७१११, भांका२८०) पञ्चविधव्यवहारविचार सं. (पाकाहेम८३९१) पञ्चसंसार सं. (पाकाहेम७७३५) Page #42 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विद्वान उपरथी कृति माहिती पञ्चसूत्र\ प्रा.\ नमो वीतरागाणं स ( पाताखेत३४-३, पातासंघवीजीर्ण५९, पातासंघवी १०८, पातासंघवी १६५, पातासंघवी १९८-१, पाताहेसं११४, खंता८९, खंता११५, भांता६९, अताका४९७, अभ१०, भांका१२१ ) पञ्चसूत्रनो हिस्सो पापप्रतिघातगुणबीजाधान प्रथमसूत्र | प्रा. (जेताजि१५८, जेताजि१५९, पाताखेत १२, पातासंघवी१०८, पातासंघवी६६-३, पातासंघवी६७-१, पाताहेसं११९, खंता९५, खंता१०१, खंता१३२, खंता२२६, पाकाहेम १०२३) पञ्चस्थावर निरूपण\ प्रा. किमयं भन्ते तसु (भांता७०) पञ्चाख्यानगतसुभाषित सं. (पाकाहेम१२०५०) पञ्चाव्रतकथा\सं.\ श्लोक १४५ \ सिद्धिमार्गोपदे ( पातासंघवी १६७ - १ ) पञ्चाशकटीकागतविचार प्रा. सं. ( (पाकाहेम ८३७९) पट्टावली सं.\ शिष्य श्रीगौतमस ( अताका५०७) पत्थियसमत्थस्थानकस्तवन ) प्रा. गा. १३ \ पत्थियसमत्थवत्थ (पातासंघवी५९-२) पथ्यापथ्यविनिश्चय) सं. (पाकाहेम १३२१६) पदार्थतत्त्वनिर्णय-(सं.)मिताक्षरी व्याख्या सं. (पाकाहेम १०७१२) पदार्थरत्नमञ्जूषा-(सं.)टिप्पणी \ सं. (पाकाहेम १०७४५) पद्मप्रभजिनस्तुति-एकस्वर चित्रबद्ध \ सं.\ का ४ \ धरनृपतनयमनकमख.. (पाकाहेम७४०३) पद्मप्रभजिनस्तुति-एकस्वर चित्रबद्ध - ( सं . ) अवचूरि\ सं. (पाकाहेम७४०३) पद्मानन्दमहाकाव्य-(सं.) पञ्चवर्गपरिहारसाधारणजिनस्तवन# सं.\ श्लोक ८ \ संसारसारं शैवश् (पाकाहेम१२३१४) पद्मावतीमन्त्रस्तव\ सं.\ श्लोक १३ \ श्रीमद्गीर्वाणच (पाताखेत२३. तालाद३३९, पाकाहेम७३९६. पाकाहेम१३१७१) पद्मावतीस्तोत्र सं . का. १३ (पाकाहेम७१३६) पनकस्वरूप सं.\ योजनसहस्रमानो म ( भांता७०) परद्रव्यापरहारविषये नागदत्ताकथा सं.\ श्लोक १२० (पातासंघवी १२९) परमसुखद्वात्रिंशिका - (मा.गु.) बालावबोध \ मागु. ( पाकाहेम१०१६०) परमात्मद्वात्रिंशिका\ सं. का. ३३ \ सत्वेषु मैत्रीं ( पाकाहेम १२३७४ ) परमानन्दपञ्चविंशतिका सं\ श्लोक२७ \ परमानन्दसम्पन्न (पाकाहेम११०२७, पाकाहेम१२२२८, पाकाहेम१२२२९) परम्पराप्रामाण्य आदि अनेकविचारसङ्ग्रह# \ सं. (पाकाहेम१२०१२) परिग्रहप्रमाणविषये चारूदत्तकथा सं.\ श्लोक७८ (पातासंघवी १२९) परिग्रहप्रमाण प्रा. गा. ३३ (पातासंघवीजीर्ण५४) परिग्रहप्रमाण\ प्रा.\ गा.४१ (पातासंघवीजीर्ण५४, पातासंघवीजीर्ण५४) परिग्रहप्रमाण प्रा. वित्थरिय धम्मघो (भांता७२) परित्यागकुलक\ प्रा. गा. १६ \ पडिवज्जसु सव्वन (पातासंघवी११७-१, पातासंघवी १४५-१, पाताहेसं १६८) पर्यन्ताराधनाकुलक\ प्रा. गा. ६९ ( पाताखेत २३) पर्युषणाकथा\ प्रा.\ गा.९६ \ अस्थि जम्बूदीवे (पातासंघवी६९-४) पर्युषणाविचार\ प्रा. (पाकाहेम७०४५) पर्युषणाविचार\ सं.\ पर्याया झ तुवद् (भांता७०) पल्योपमविचार प्रा. गा. १५ \ अहि पलिउवम च ति ( पाताहेसं १६१) पशुपालक प्रा.सं. गा.४२ \ भवजलहिम्मि अपार (भांका९०) पश्चाताप\ प्रा.\ हा हा दुट्टु कय (पातासंघवी ५९-२) पाक्षिक प्रतिक्रमणविचार सं., प्रा. (पाकाहेम१९५८) पाक्षिकविचार\ सं. (जेकात७०, पाकाहेम१०७७९) पाक्षिकसूत्र\ प्रा.\ ग्रं.३५० \ तित्थङ्करे य ति (जेताजि७४, जेताजि१२७, जेताजि१२८, जेताजि१२९, जेताजि१४५, ताजि४१६, पाताखेत १७-१, पातासंघवीजीर्ण४५, पातासंघवीजीर्ण६४, पातासंघवीजीर्ण७६, पातासंघवी १६६, पातासंघवी३५-२, पातासंघवी १६१-२, पातासंघवी १६७-१, पातासंघवी १८२-१, पातासंघवी२०१-१, पातासंघवी२०६-२, पाताहेसं १६१, पाताहेसं१६८, पाताहेसं१७९, पाताहेसं १८९, खंता६५, खंता६६, खंता ७०, खंता७३, खंता११०, खंता७६ - १, भांता३७, तालाद३८९, लिंता३४१७, वताकांति४१४, अताका४९९, अभ३, पाकाहेम६६६, पाकाहेम७७५, पाकाहेम९०२, पाकाहेम६९३१, पाकाहेम६९३२, पाकाहेम६९३८, पाकाहेम६९४१, २५ Page #43 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विद्वान उपरथी कृति माहिती पाकाहेम१००७१, पाकाहेम१०४३३, पाकाहेम१२१२४, पाकाहेम१४८६८, पाकाहेम१४८६९) पाक्षिकसूत्र-(प्रा.)चूर्णी\ प्रा.,सं.\ ग्रं.४१५\ नित्यं विशुद्धम (जेताजि१४४, खंता६६, अताका४९९, पाकाहेम७५३२) पाक्षिकसूत्र-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम६५७०, पाकाहेम६९३३, पाकाहेम७५०१) पाक्षिकसूत्र-(सं.)पाक्षिकविषमपदपर्यायमञ्जरी टीका\ सं. (पाकाहेम६९४५) पाक्षिकसूत्र-(सं.)अवचूर्णि\ सं. (भांका८२) पाणकविचार प्रा. (पाकाहेम१२७३७) पातालकलश-लवणशिखाविचार प्रा. गा.११\ पणनवइ सहस्साई ओ (पाताहेसं१६१) पात्रपरीक्षा सं. का.३१\ जीवादिपदार्थो य (पातासंघवी१६७-१) पादलिप्ताचार्यकथा प्रा. अत्थि इह भरहवास (पातासंघवी१३६-२) पापफलप्रतिबोधकगाथा प्रा. गा.१०\ पावेण जक्खुडीरो (पातासंघवीजीर्ण९१) पापबुद्धिनृप-धर्मबुद्धिमन्त्रिकथा-गद्य सं. (पाकाहेम१३२०७) पार्श्वचन्द्रने पूछेला बोलो\ मागु. (पाकाहेम७९६९) पार्श्वजिनस्तोत्र एकस्वरचित्रबद्ध#\ सं. श्लोक७ प्रणमदमरवरकर... (पाकाहेम१२३५८) पार्श्वजिन स्तुति प्रा. गा.९\ उद्दाममङ्गलसरोर (पाताहेसं१६८) पार्श्वजिन स्तुति प्रा. गा.१० जय जय पासजिणेसर (पाताहेसं१६८) पार्श्वजिनस्तुति सं. श्लोक१ दशावतारो वः पाय (भांता७२) पार्श्वजिन मन्त्री प्रा. नमो जिणपास विसह (भांका१३२) पार्श्वजिनस्तुति सं. श्लोक४\ मायातुङ्गी निरा (पाकाहेम१२१३३) पार्श्वनाथस्तव मागु. गा.२० (पाकाहेम९७६०, पाकाहेम१५३६०) पार्श्वनाथस्तोत्री प्रा. गा.४\ तं नमह पासनाहं (पाकाहेम१०२३) पार्श्वनाथस्तोत्र सं. नम्रामरनरश्रेणे (पाकाहेम१०२३) पार्श्वनाथस्तोत्र मन्त्रगर्भित सं. गा.८\ ॐनमो भगवते पार (पातासंघवी१७२-३, पाकाहेम१०२३, पाकाहेम११२९३, पाकाहेम१२३३२) पार्श्वनाथस्तोत्र त्रोटक छन्द प्रा. गा.७ (पाकाहेम१०२३) पार्श्वनाथस्तवन यमकालङ्कारमय-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम२००५) पार्श्वनाथस्तवन। सं.\ श्लोक११\ वाङ्मात्रेण वित (पाकाहेम७३८६) पार्श्वनाथस्तवन मन्त्रगर्भित प्रा. का.७ जस्स फणिन्दफणोह (पाकाहेम७३९६) पार्श्वनाथस्तवन मन्त्रगर्भित सं. श्लोक३ स्यात्तस्मै नम (पाकाहेम७३९६) पार्श्वनाथचरित्र सं. (पातासंघवीजीर्ण८८, तालाद३५९) पार्श्वनाथ अष्टोत्तरशतनामस्तोत्र सं. श्लोक३२ (पाकाहेम८२२१) पार्श्वनाथसमस्यास्तव-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम८२३३) पार्श्वनाथस्तोत्र-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम९७५७) पार्श्वनाथस्तोत्र सं. गा.१० (पातासंघवी२०६-२) पार्श्वनाथ अष्टक मन्त्रगर्भित सं.\ श्लोक८ श्रीमन्नागेन्द् (पातासंघवी१०४-२, पातासंघवी२०६-२, तालाद३३९) पार्श्वनाथाष्टक\ सं. का.८ (पातासंघवी२०६-२) पार्श्वनाथस्तुति मथुरावतार मागु. गा.१६। महुरं कयअवयारसा (पाकाहेम९०२) पार्श्वनाथ कलश\ मागु. (पाकाहेम९०२) पार्श्वनाथस्तुति हर्षपुरीय सं. का.४ (पाकाहेम१२१९५) पार्श्वनाथस्तोत्र अष्टोत्तरशतनामगर्भित सं. श्लोक३३\ श्रीपार्श्वः पा (पाकाहेम११२९३, पाकाहेम१२२७२, पाकाहेम१२२७३) पार्श्वनाथमन्त्राधिराजस्तव सं. का.११\ नत्वोपासितचरणं. (पाकाहेम१२३३२) पार्श्वनाथस्तोत्र सर्वलघुएकस्वरचित्रशब्दमय#\ मागु. गा.२\ सकलकर्मखलदलन... (पाकाहेम१२३५८) पार्श्वनाथस्तवन सं. श्लोकर\ श्रीपार्श्व भा (पाकाहेम१२३५९) पार्श्वनाथशर्मस्तव। सं. का.११\ शर्म प्रयच्छ सु (पाकाहेम१२३६७) पार्श्वनाथस्तुति\ प्रा. गा.४\ निहतभवनिवास... (पाकाहेम१२३६७) Page #44 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २७ विद्वान उपरथी कृति माहिती पार्श्वनाथस्तुति। सं. का.४ निष्ठुरकमठमहासु (पातासंघवीजीर्ण९०, पाकाहेम१२३६७) पार्श्वनाथस्तुति। सं. का.१\ वासवस्तुतपदो... (पाकाहेम१२३६८) पार्श्वनाथस्तुति दण्डकछन्दोमयी#\ सं. का.४\ चिदानन्दकल्याणव (पाकाहेम१२३६९) पार्श्वनाथस्तव क्रियागुप्त-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम१२३७९) पार्श्वनाथस्तव षड्भाषामय-(सं.)टीका सं. (पाकाहेम१४४३६) पार्श्वनाथचरित्र सङ्क्षिप्त\ सं. (पाकाहेम१०१६४) पार्श्वनाथयमकमयस्तव-(सं.)टीका सं. (जेता १५२, पाकाहेम१२३०८, पाकाहेम१२३०९) पार्श्वनाथस्तोत्र विधि। सं. (पाकाहेम१४००९) पार्श्वनाथाष्टक सं. श्लोक८...द्युतमणि द्य (पातासंघवीजीर्ण८८) पार्श्वनाथ संस्तवन-दशभवग्रहणनिबद्ध प्रा. गा.२६१ सयल सुरासुर नमि (पाताहेसं१६८) पार्श्वनाथ स्तवन। सं. श्लोक १०\ परिमौलिक... (पाताहेसं१६८) पार्श्वनाथपद्मावती मन्त्री सं.। सर्वसत्वहितङ्कर (भांका२९३) पार्श्वपार्श्वयोः फणसङ्ख्यास्वरूप#\ प्रा. जेणेग पञ्चनवसिर (भांता७०) पार्श्वस्थादिगाथा प्रा. गा.१९\ असञ्जयं नवं दिज (भांता७०) पासाकेवली ३ अङ्कोथी\ मागु. (पाकाहेम२७९१) पासाकेवली ४ अङ्कोथी मागु. (पाकाहेम२७९२) पिण्डनियुक्ति-(सं.)लघुवृत्ति सं. ग्रं.२९५० (जेताजि९०, जेताजि९३, तालाद३१७) पिण्डनियुक्ति-(सं.)विषमगाथाविवरण सं. (जेताजि१४७, जेताजि१४७, पाकाहेम७१११) पिण्डनियुक्ति-(प्रा.)चूर्णि)। प्रा. (तालाद३१७) पिण्डनियुक्ति-(सं.)टिप्पण। सं. (पातासंघवीजीर्ण८८) पिण्डविशुद्धिप्रकरण-(सं.)टीका सं. (पाताहेसं१७१-११) पिण्डविशुद्धिप्रकरण-(सं.)अवचूरि। सं. (भांका१८७) पिण्डस्थ पदस्थादि ध्यानगाथा। प्रा. गा.१३\ पिण्डत्थोय पदत् (भांता७०) पुण्डरीकपूजाविधि। सं. (पाकाहेम८१७५, पाकाहेम१२२३९, पाकाहेम१२२४०) पुण्यकुलक\ प्रा. गा.१०\ सम्पुण्ण इन्दिय (पाकाहेम११०७५, पाकाहेम११०७६, पाकाहेम११०८६) पुण्यकुलक-(मा.गु.)अवचूरि\ मागु. (पाकाहेम११०७५) पुण्यकुलक-(मा.गु.)स्तबक\ मागु.। सम्पुण्णं इन्दि (पाकाहेम११०७६) पुण्यसारकथा साधर्मिकवात्सल्ये। सं. (पाकाहेम१७७६) पुण्यसारकथा। सं.\ श्लोक३१ (पाकाहेम४००१) पुद्गलपरावर्तस्वरुपप्रकरण प्रा. गा.१३\ उरालिविउव्वातेय (पाकाहेम६६६, पाकाहेम११०३४, भांका१२३) पुद्गलपरावर्तस्वरुपप्रकरण-(सं.)टीका सं. (पाकाहेम११०३४) पुद्गलपरावर्तस्वरूपविषयकप्रकीर्णगाथा। सं. (पाकाहेम११०३४) पुद्गलपरावर्त प्रा. इरियासमिया जाव (भांता७०) पुद्गलपरावर्त प्रा. पोग्गल परियट्ठा (भांता७०) पुद्गलभङ्गयन्त्रविचार प्रा.,सं. (पाकाहेम४६३१) पुरन्दरराजकथा प्रा.,सं. कालम्मि अणाइए द (भांका९०) पुरन्दरीदेवीकथा शीलविषये प्रा. गा.१०२ (पातासंघवी१५७-१) पुराणगतश्लोकसङ्ग्रह सं. (पातासंघवी५५-२, खंता२८२, वताकांति४३२-१, पाकाहेम२७२१, पाकाहेम२७२२, पाकाहेम८७१५) पुराणादिगतश्लोकसङ्ग्रह सं. (पाकाहेम१२७३) पुराणोक्तस्कन्दनामानि सं. गा.७ (पातासंघवी१३५-२) पुरातनप्रबन्धसङ्ग्रह। सं. (पाकाहेम३६८८) पुरुषस्त्रीलक्षण मागु. (पाकाहेम८९१५) पुवाभिमुहो उत्तरमुहोगाथा-पार्श्वनाथचरित्रादुद्धृत\ प्रा. गा.२६ पुव्वाभिमुहो उत (पातासंघवीजीर्ण९०) पुष्पदन्तजिनस्तवन एकविंशतिचित्रबद्ध*\ सं.\ श्लोक२८ (पाकाहेम८२३०) Page #45 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २८ विद्वान उपरथी कृति माहिती पुष्पदन्तजिनस्तवन एकविंशतिचित्रबद्ध-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम८२३०) पुष्पमालाप्रकरण-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम१०७३३) पूजाष्टक\ सं. श्लोक८ कास्मीरेमलयोद (वताकांति४२८) पूर्णिमा पाक्षिक बुद्धिसूरिस्तुति#\ अप. (वताकांति४३७) पूर्वाचार्यप्रबन्धसङ्ग्रह सं. (पाकाहेम७९९७) पृथ्वीकायादिविचारगाथा प्रा. गा.२५ पुढवीकाउतिविहो (भांता७०) पैंसठ द्वार मार्गणास्थानकगत जीवस्थानविवरण प्रा. विष्फरियविमलकेव (पातासंघवीजीर्ण४६) पोलवालसङ्घप्रशस्ति। सं.....पोलवालः कनकग (पाताहेसं५७) पौषधग्रहणविधि प्रा. मुंहपोतिं पडि (भांता७०) पौषधविधिप्रकरण प्रा.\ क्षमाश्रमणं दत् (भांता७२) पौषधविधिप्रकरण-(सं.)टीका। सं. ग्रं.३५५५ (पाकाहेम१३९६४) पौषधाश्रितविचार प्रा.,सं. सव्वेवि खलु गिह (भांता७०) प्रकरण सङ्ग्रह (वताकांति४००-१) प्रकरण सङ्ग्रह) प्रा.,सं.\ ग्रं.४६०० (पातासंघवी११८-१) प्रकीर्ण श्लोक सं. (पाकाहेम७८५७) प्रकीर्णक अनेक शास्त्रीय विचार सङ्ग्रह। प्रा. (तालाद३३३) प्रकीर्णक कथाओ\ सं. (पाकाहेम८१३१) प्रकीर्णस्तुति श्लोकसङ्ग्रह सं. श्लोक९ (पाकाहेम१२३४२) प्रकृतिबन्ध (पाकाहेम१३६९८) प्रज्ञापनासूत्र-(सं.)पर्याय। सं. (जेताजि१४७, पाकाहेम७१११, पाकाहेम७१११) प्रणष्टलाभ आदि ज्योतिष प्रा. गा.२९ सिद्धे सत्ताण ह (पातासंघवी६०-३) प्रतिक्रमणगर्भहेतु। सं. (पाकाहेम१०७३५) प्रतिक्रमण, प्रत्याख्यानादि विविध धार्मिक विचारसग्रह प्रा. (पातासंघवीजीर्ण५७) प्रतिक्रमणसूत्रसङ्ग्रह प्रा.,सं. आयरिय उवज्झाए स (पाताहेसं११९, अताका४९७) प्रतिलेखनागाथा। प्रा. गा.५\ आसाढे मासे दुपय (भांता७०) प्रतिष्ठालक्षण-प्रतिष्ठाविधि। सं. (पाकाहेम१०३४७) प्रतिष्ठाविचार सं. इह हि श्रावकेणै (भांता७०) प्रत्याख्यानभाष्य प्रा. गा.५७ (पातासंघवीजीर्ण८६-२, पाकाहेम१५८१९) प्रत्याख्यानभाष्य-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम१०४३७) प्रत्याख्यानभाष्य। प्रा.\ गा.३९ (पातासंघवी२०२) प्रत्याख्यानभाष्य प्रा. गा.४५ (पाताखेत१२) प्रत्याख्यानागार मागु. (पाकाहेम१२२२०) प्रत्याख्यानसूत्री प्रा.,सं. प्रथमं गुरोद्वा (पातासंघवी१४५-१) प्रत्याख्यानगाथा। प्रा. गा.३२\ आहारा आगारा विग (पाताखेत५१, खंता१०६, भांता७०) प्रत्येकबुद्धकथा प्रा. (पातासंघवी१०६-३, पाताहेसं१८५) प्रत्येकबुद्धचरित्र। अप. ग्रं.२१४\ इह जिणुसासणि भव (पाताखेत३२-१) प्रथमकालग्रहणविधि प्रा. गा.८४ सिरिवीरजिणं नमि (भांता७०) प्रदेशी कथा प्रा. (पातासंघवी१०६-३) प्रदेशीचरित\ प्रा. गा.२०२ (पाताहेसं१८५) प्रदेशीनृपचरित (वताकांति४०२) प्रद्युम्नचरित्र गद्य प्रा. (पातासंघवी९९) प्रद्युम्न साम्बचरित्र प्रा. गा.८४९\ नमिरसुरासुरमणिम (पाताहेसं१८५) प्रभातकुलक\ सं. श्लोक १३\ प्रातरेव समुत्थ (खंता१३८, पाकाहेम१२१२४) प्रभातस्मरण प्रा. गा.०३\ कम्मभूमिहिं पढम (पाकाहेम७७५) प्रभातिकाष्टक सं.\ गा.९। सर्वज्ञ सर्वहित (पातासंघवी१६६, पुप्रे४५२) Page #46 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विद्वान उपरथी कृति माहिती प्रमाणकलिकासूत्र-(सं.)वृत्ति। सं. (पाकाहेम६६९१) प्रमाणमञ्जरी-(सं.)टिप्पण। सं. (पाकाहेम६६६९) प्रमाणमीमांसोद्धार सं. (पातासंघवी६२-२) प्रमाणसङ्ग्रह सं. श्रीमत्परमगम्भी (पातासंघवी१३५-२) प्रमादपरिहारकुलकी प्रा. गा.३१ (पाकाहेम४७४०, पाकाहेम७७९३) प्रयोगसमुच्चय। सं. (पाकाहेम६७१७) प्रयोगसमुच्चय-(सं.)वृत्ति। सं. (पाकाहेम६७१७) प्रवचनसन्दोह। प्रा. गा.३५५\ सारस्सयमाइच्चा (जेताजि१५३, जेताजि१६०, जेताजि४१५, पाताखेत४२, पातासंघवीजीर्ण४५, पातासंघवीजीर्ण५९, पातासंघवीजीर्ण७३, पातासंघवी१०४-२, पातासंघवी१८१-१, पाताहेसं११७, जेकाजि१३१७, जेकाजि१३२६) प्रवचनसन्दोह प्रा. गा.३३४ नमिऊण वद्धमाणं (पाताखेत११, पाताखेत३६, पातासंघवीजीर्ण९१, पातासंघवी१७४, पातासंघवी११०-२, पाताहेसं११९, खंता११२, तालाद३४३, वताकांति४३४, पाकाहेम७७५, भांका१६१) प्रवचनसार-(सं.)टीकानो (हि.)पद्यानुवाद हिन्दी\ सिद्ध सदन बुधि (भांका२०४) प्रवचनसार-(सं.)छाया। सं. एष सुरासुरमनुष् (भांका२०४) प्रव्रज्याविधि तथा उपस्थापनाविधि प्रा. (पाकाहेम५२६८) प्रव्रज्याविधानकुलक प्रा. गा.३०\ संसारविसमसायरभव (जेताजि१५६, जेताजि१५९, पाताखेत१२, पाताखेत५१, पातासंघवीजीर्ण४९, पातासंघवी१६५, पातासंघवी१०४-२, पातासंघवी१३०-२, पातासंघवी१६१-२, पातासंघवी१९०-२, पातासंघवी२०६-२, पाताहेसं१११, पाताहेसं११४, पाताहेसं११९, पाताहेसं१६१, खंता९०, खंता९५, खंता११८, खंता१२६, खंता७६-१, भांता२४, जेकाजि१३१७, जेकाजि१३२६, पाकाहेम७७५, पाकाहेम९०२, पाकाहेम१०२३, पाकाहेम१०६१९, पाकाहेम११०५२) प्रव्रज्याग्रहणविधि। सं. प्रथमं चैत्यभुव (पाताहेसं१८९, भांता७०) प्रव्रज्यायोग्यायोग्यविचार प्रा.,सं.\ अट्ठारसपुरिसेसु (भांता७०) प्रव्रज्याविधि। प्रा. सुत्तत्थतदुभयवि (पाकाहेम१२७५५) प्रशमरतिप्रकरण-(सं.)टीका। सं. ग्रं.२५००\ प्रशमस्थितेन ये (पातासंघवी६८-२) प्रशमरसपद्य सं. श्लोक१\ प्रशमरसनिमग्नं (भांता७२) प्रश्नव्याकरणसूत्र-(सं.)पर्याय। सं. (पाकाहेम७१११) प्रश्नव्याकरणसूत्र जयपायड प्रा. (तालाद३७८, पुप्रे४५९) प्रश्नव्याकरणसूत्र जयपायड-(सं.)चूडामणिटीका\ सं.\ ग्रं.२३९० करकमलकलित... (पातासंघवी१७७-२, तालाद३७८, पुप्रे४५९) प्रश्नव्याकरणसूत्र जयपायड-(सं.)लीलावत्यां मयूरवाहिनी\ सं. (पातासंघवी१७७-२) प्रश्नशतक-(सं.)टिप्पण। सं. (भांका२६९) प्रश्नशतक-(सं.)अवचूरि। सं. जिनन् हानि गच् (भांका२४२) प्रश्नात्मक औपदेशिकश्लोकी प्रा. गा.३\ किं सुरगिरिणो ग (पाकाहेम१०२३) प्रश्नोत्तररत्नमालिका-(सं.)समासार्थप्रकाशिनी वृत्ति। सं. (पाकाहेम१३७८) प्रश्नोत्तररत्नमालिका-(सं.)वृत्ति। सं. (पाकाहेम१४९७१) प्रश्नोत्तररत्नमालिका-(मा.गु.)टबार्थी मागु. (पाकाहेम७०१३) प्रहेलिकाजातिसङ्ग्रह सं. (पाकाहेम८६८५) प्राकृत पैङ्गलनो हिस्सो छन्दोरूपक-(सं.)टिप्पण\ सं. (पाकाहेम१२०१४) प्राकृतपद्यव्याकरण सं. (पाकाहेम८५६३) प्राकृतलक्षणसारोद्धार-(सं.)वृत्ति। सं. (पाकाहेम७३७१) प्राकृतलक्षण-(सं.)टिप्पण। सं. (पाकाहेम७३७१) प्रायश्चित्तविधि। प्रा.,सं. (पातासंघवी६९-४, खंता८७) प्रायश्चितविचार प्रा. निस्सल्लो जह हव (भांता७०) प्रायश्चित समुच्चय सं. श्लोक४२२\ संयमामलसद्रत्न (भांका१३१) प्रास्ताविकश्लोकसङ्ग्रह\ प्रा.,सं.,मागु. (पाकाहेम२७१८, पाकाहेम२७१९, पाकाहेम८६९३, पाकाहेम८६९५) Page #47 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३० विद्वान उपरथी कृति माहिती प्रास्ताविकगाथासङ्ग्रह प्रा. गा.३११ (पाकाहेम९८१७) बकुलिशप्रार्थना (मोक्षार्था)। सं. श्लोक१३ (पातासंघवी१३५-२) बत्रीस जीव परिमाण प्रा. गा.२८\ सिरिवीरजिणं नमि (पातासंघवी५४-२, पाताहेसं१८९) बन्धषट्त्रिशिका प्रकरण प्रा. (पाकाहेम४७४०) बन्धस्वामित्व प्राचीन तृतीय कर्मग्रन्थ\ प्रा. गा.५४ (जेताजि१५०, पातासंघवी११७-२, पातासंघवी११९-२, पातासंघवी१२७-२, जेकाजि२१९१) बन्धस्वामित्व नव्य तृतीयकर्मग्रन्थ-(मा.गु.)टबार्थी मागु. (पाकाहेम६९७५) बन्धस्वामित्व नव्य तृतीय कर्मग्रन्थ-(सं.)अवचूरि। सं. बन्धस्य विधानं (भांका१७४) बन्धस्वामित्व नव्य तृतीय कर्मग्रन्थ-(सं.)अवचूरि। सं. बन्धक बन्धकर्मा (पाकाहेम६९७३, भांका२०६) बन्धुराजकथानक-प्राणातिपातविरतिप्रथमातिचारविपाके प्रा.\ गा.७७ (पातासंघवीजीर्ण८८) बन्धोदयसत्ताप्रकरण-(सं.)अवचूरि सं. ग्रं.४११ (पाकाहेम१०९९४) बप्पभट्टीकथा प्रा. गा.६८५ (पातासंघवी१३६-२) बलिनरेन्द्राख्यान प्रा.,सं. बलिरिद्धिरूवजोव (भांका९७) बहुतीर्थस्तवन\ सं.\ श्लोक५\ कुल्पपाके युगाद (पाकाहेम१२३७८) बहुबुद्धिकथानक भावनाप्रभावे। प्रा. गा.११८ (पातासंघवी१५७-१) बादराकायपर्याप्ताकायप्रामाण्यवाद स्थल प्रा.,सं. ये वायर पज्जत्त (पाकाहेम८८१३) बारभावनारास मागु. गा.१८५ (पाकाहेम१०२३९) बारव्रतालापकादि प्रा. (पाकाहेम१०३३८) बालपुस्तिका सं. श्लोक७ शून्यागारे देवक (भांका२९३) बृहत् अजितशान्तिस्तवन-(सं.)टीका\ सं. (पाकाहेम१२१५७) बृहत् कल्पसूत्र-(प्रा.)बृहद्भाष्य। प्रा. (जेताजि४८, जेताजि४९, पाकाहेम३२०) बृहत् कल्पसूत्र-(प्रा.)कल्पचूर्णी\ प्रा. ग्रं.१४७८४\ मङ्गलादीणि सत्य (जेताजि५०, जेताजि५१, जेताजि५८, जेताजि३९६, पातासंघवी३६, पाताहेसं९, खंता२५, खंता२७, भांता३९, भांता४२, लिंता४३, पाकाहेम६५५२, पाकाहेम१००३९) बृहत् कल्पसूत्र-(प्रा.)विशेषचूर्णी\ प्रा. ग्रं.११००० (जेताजि५८, जेताजि५८, पाकाहेम६५५३, पाकाहेम६७६८, पाकाहेम१००४०) बृहत् कल्पसूत्र-(प्रा.सं.)पर्याय। सं. (खंता८७, पाकाहेम७१११) बृहत् कल्पसूत्र-(प्रा.)बृहत्कल्पभाष्य प्रा. ग्रं.६६०० (पातासंघवीजीर्ण१४, पातासंघवी३६, तालाद३२२) बृहत् शान्तिस्तव। सं. ॐ ह्रीं भो भो (तालाद३३९, पाकाहेम१०६५७) बृहत् श्रावकविधि अप. गा.३४ वीरजिणिन्दहपयकम (पाकाहेम१०२३) बृहत् षट्स्थानक\ प्रा.\ ग्रं.२०२\ गा.१७३\ कयवीरजिणपणामो भ (पाताखेत५०) बृहत् सङ्ग्रहणीप्रकरण-(सं.)टीका सं. (पाताहेसं१२१) बृहत्सङ्ग्रहणीप्रकरण\ प्रा. गा.३७८ (जेताजि१५५, पाताखेत३२-१, पातासंघवी५४-२, खंता८८, खंता९९, खंता१०५, खंता११६, वताकांति४३४, पाकाहेम१२१२४) बृहत्सङ्ग्रहणीप्रकरण\ प्रा. गा.५३४ (पातासंघवीजीर्ण७३) बे स्तुतिओ का.८ (पातासंघवी२०६-२) बोटिकोच्चाटनवाद स्थानक\ प्रा.\ इत्थं पुण जिणमग (भांता७०) बोधप्रदीपपञ्चाशिका सं. का.५०\ चूडोत्तंसितचारु (जेताजि२२४, पातासंघवी१७४, खंता२६४, पाकाहेम७०७१, पाकाहेम१०७०३) बोलविचार\ मागु. (पाकाहेम१०३३०) बोलसङ्ग्रह् मागु. (पाकाहेम१२१२४) ब्रह्मचर्यविषये गजसुकुमारकथा। सं. श्लोक२१ (पातासंघवी१२९) ब्रह्मदत्तचक्रिचरित्र प्रा. ग्रं.३०३० (पातासंघवीजीर्ण८८) ब्रह्मा लूनशिरा इति वृत्तद्वयव्याख्या। सं. ब्रह्मालूनशिरा (पातासंघवी१३८-१) ब्राह्मणज्ञातिनिराकरण सं. (पातासंघवी१३५-२) Page #48 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३१ विद्वान उपरथी कृति माहिती भक्तपरिज्ञाप्रकीर्णक-(सं.)टिप्पण। सं. (तालाद३८९) भक्तपरिज्ञाप्रकीर्णक-(सं.)अवचूरि। सं. भृञ् धातुर्धारण (पाकाहेम१००८६, भांका१६८, भांका१९२, भांका३०१) भक्तपरिज्ञाप्रकीर्णक-(सं.)टीका सं. (पाकाहेम१०४२८) भक्तामरस्तोत्र-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम१०१८९, पाकाहेम१२३७९) भक्तामरस्तोत्र-(मा.गु.)बालावबोध मागु. (पाकाहेम१०६५३) भक्तिस्तोत्र सं. श्लोक२० (पाकाहेम७३०७) भगवती आराधना\ प्रा. (भांका१७७, भांका१९३) भगवती आराधना-(सं.)टीका\ सं. (भांका१७७) भगवतीसूत्र-(सं.)पर्याय। सं. (जेताजि१४७, पाकाहेम७१११) भगवतीसूत्र-(प्रा.)चूर्णी\ प्रा. श्लोक३००० (पाकाहेम८५४, पाकाहेम६५३१, पाकाहेम६५४९, पाकाहेम६७३१, पाकाहेम९९९९) भगवतीसूत्र-(सं.)टिप्पनक\ सं. (पाकाहेम७४४२) भगवतीसूत्रनी (सं.)टीकानो हिस्सो पुद्गलषट्विशिका-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम१५८०९) भगवतीसूत्र-(सं.)अवचूर्णि\ सं. ग्रं.३००० (पाकाहेम६५३२) भगवतीसूत्र-(सं.)अवचूर्णि\ सं. ग्रं.३११४। तेणं कालेणं...अ (भांका२५७) भगवतीसूत्र-(प्रा.)भगवत्यङ्गयन्त्री प्रा. पठमसए उद्देसा १ (भांता७०) भगवतीसूत्र-(सं.)बीजक सं. (पाकाहेम१५४१९) भगवतीसूत्र-(प्रा.+सं.)आलापकसङ्ग्रह प्रा.,सं.। अरहन्त सिद्ध पव (भांता७०) भगवतीसूत्र-(प्रा.)दण्डकी प्रा. अहाकम्मणं भुञ्ज (भांता७०) भगवद्गीता सं. (जेताजि३८८, पाकाहेम८६६७) भङ्गकगाथा। प्रा. गा.६०\ पढमवए छब्भङ्गा (भांता७०) भयस्थितिस्तव-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम१५८०९) भयहरस्तोत्र-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम१२३७९) भयहरस्तोत्र-(सं.)टीका। सं. (पाकाहेम१२१५०, भांका२०२, भांका२४३) भयहरस्तोत्र प्रा. गा.१४\ जमजरमरणदररोयभयद (पाताहेसं१६८, भांता७२) भरतकथा। सं. श्लोक२६ (पाकाहेम४००१) भरतचक्रियात्राप्रबन्ध सं. श्लोक३८ (पाकाहेम२०९७) भरतनटादिकथाओ-औत्पत्तिक्यादिबुद्धिविषये। सं. (पाकाहेम१४९५८) भरहेसरबाहुबलिसज्झाय प्रा. गा.१२ (पाकाहेम७३०७) भवभावनाप्रकरण-(सं.)सङ्क्षिप्तवृत्ति सं. श्लोक४७२१ (पाकाहेम१४८९७) भवभावनाप्रकरण-(सं.)अवचूरि। सं. (भांका११९) भवभावनाप्रकरण-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम२३२८) भववैराग्यशतक प्रा. (पाकाहेम१०६२५) भवस्थितिकुलक-(मा.गु.)बालावबोध\ मागु. (पाकाहेम४४७२) भव्यजीवमनोरथ प्रा. गा.१२ (पातासंघवी५९-३) भारतीस्तोत्र सं. श्लोक९। राजते श्रीमती द (पाकाहेम१३१७१) भावनाकुलक प्रा. गा.२३ संसारविसमसायर भ (पाताहेसं१८९, खंता१३८) भावनाकुलक प्रा. गा.५ रे जीव पावकम्मय (पातासंघवी१४५-१) भावनाकुलक\ प्रा. गा.२६\ पढमन्ति जिणवराण (पाताहेसं१६८) भावनाकुलक\ प्रा. गा.२२ (पाताखेत४४-१) भावनात्मक देवगुर्वादिवर्णन\ सं. (पाकाहेम८३८८) भावनाप्रकरणी प्रा. गा.१८५ (पातासंघवी१८१-१) भावनाप्रकरण प्रा. गा.२०८ (पातासंघवी१८४-१, खंता१२०) भावनाप्रकरण प्रा. सवयरे भगवन्ते (पातासंघवीजीर्ण४६) भावनाविषये ईलातीपुत्रकथा। प्रा. श्लोक६८ (पातासंघवी१२९) Page #49 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विद्वान उपरथी कृति माहिती भावनासङ्ग्रह सं. (पातासंघवी१९५-१) भावनासन्धि-(मा.गु.)टबार्थी मागु. (पाकाहेम९०३७) भावनासार\ अप. गा.८६ चलु तारुन्नु अस (पातासंघवी१८८-१) भावविषयककथासङ्ग्रह) प्रा. (पाकाहेम१५३०१) भावसङ्ग्रहसूत्री प्रा. (पाकाहेम७८४८) भावाध्याय) सं. (जेकाजि१०४५, पाकाहेम१०२२३) भाष्यत्रय-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम१०५९३, पाकाहेम१५८०९) भुवनकथा जीर्णोद्धारे। सं. (पाकाहेम१७७६) भृगुकच्छ वास्तव्य श्रावक द्वादश व्रत स्वरुप (वताकांति४२४) भोगान्तराय-ज्ञानान्तराय विषयेविद्याविलासकथा श्लोकबद्ध सं. श्लोक१३७ (पाकाहेम२१०६) भौगोलिकपरिमाणगाथा प्रा. गा.५२\ सगवीसा सत्तसया (पाताहेसं११०, पाताहेसं१६१) भ्रमराष्टक\ सं. श्लोकर (पाकाहेम१३७५, पाकाहेम८६८८) मङ्गलकुलक\ प्रा.,मागु. (पाकाहेम११०८२) मङ्गलपाठ स्तुति। सं. (पाताहेसं१६८) मङ्गलवाद\ सं. (पाताखेत३४-२, पाकाहेम१३९३५, पाकाहेम१३९३७) मङ्गलस्तव। सं. श्लोक५ (पातासंघवी२०६-२) मङ्गलस्तव। सं. श्लोक१४\ वीरु पार्श्व नम (पाताहेसं१६१) मङ्गलस्तोत्र तीर्थवन्दनरूप सं. का.२५\ नित्यश्रीभुवनाध (पाकाहेम९०२) मङ्गलाष्टक सं. का.८ यत्राखिलश्रीश्र (पाकाहेम१२३७०) मणसंवरणकुलक प्रा. गा.७६\ हियय तुमे एस कओ (पातासंघवी१३०-२) मणिपरीक्षाकल्प सं.\ श्लोक३४ (पाकाहेम८९२२) मण्डपप्रतिष्ठाविधान सं.\ ॐ परमब्रह्मणे (भांका२९३) मण्डलविचार प्रा.,सं.\ इगुणवन्न मण्डला (भांता७०) मदिरावतीकथा। सं. (पाकाहेम१७७६) मधुकरमणिकल्प सं. (पाकाहेम८९२२) मनुष्यसङ्ख्या । सं. द्वयो वर्गश्चत् (भांता७०) मन्त्रस्नानस्तोत्र सं. (पाकाहेम१२३८०) मन्त्रौषधिगर्भित पार्श्वनाथस्तवन*\ अप.\ श्लोक३७ (पाकाहेम८२१०) मन्त्रौषधिगर्भित पार्श्वनाथस्तव-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम८२१०) मन्नहजिणाणं सज्झाय। प्रा.\ गा.५\ मन्नह जिणाण आणम (भांता७२, पाकाहेम१६१४०) मन्नहजिणाणं सज्झाय-(मा.गु.)टबार्थी मागु. वीतरागनी आण मान (पाकाहेम१६१४०) मयणरेहासन्धि (कडव-५)। अप. निरूवमनाणनिहाणो (पाताखेत६) मयूरशिखाकल्प सं. (पाकाहेम८९२१, पाकाहेम८९२१) मरणसमाधि प्रकीर्णक प्रा. गा.६६१\ तिहुअणसरारविन्द (जेताजि१४६, पातासंघवीजीर्ण६५, जेकाजि१९५१, पाकाहेम६६६, पाकाहेम९०२, पाकाहेम६५६९, पाकाहेम१००९०, पाकाहेम१०५५६, भांका२२७) मरुक दृष्टान्त रात्रिभोजने\ प्रा. श्लोक५५ (पातासंघवी१६८) मल्लवादी कथा प्रा. (पातासंघवी१३६-२) मल्लिनाथचरित्री प्रा. गा.१०५\ इक्खागरायवसभो प (पातासंघवी९९) मल्लिनाथस्तवन सं. श्लोक११ (पाकाहेम७३०७) मल्लिस्वामिनी चरित्र मायाविषये। सं. (पाकाहेम१७७६) महत्तरानामगर्भित आदिनाथस्तवन। सं. श्लोक८ (पाकाहेम१०२२) महर्षिकुलक प्रा. गा.३२\ निज्जियवम्महमहर (पातासंघवी६२-२, पाकाहेम२५९६) महर्षिस्तव प्रा. गा.३७ तित्थयरे तित्था (पाताखेत६) महर्षिस्तव बृहत् प्रा. गा.५९ अमरासुरनरजगडणमय (पाताखेत६) महाकविप्रतिज्ञाकाव्य। सं. (पाकाहेम८७०७) Page #50 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विद्वान उपरथी कृति माहिती महादण्डकछन्दोबद्ध विज्ञप्तिलेख ३९९६ वर्णात्मक\ सं. (पाकाहेम८०१०) महादण्डकप्रकरण\ प्रा. (पातासंघवीजीर्ण४६) महादेवलक्षण प्रा. श्लोक३२ (पातासंघवी१६७-१) महानिशीथसूत्र प्रा. ग्रं.४५४४\ ॐनमो तित्थस्स। (जेताजि७२, पातासंघवी१९, खंता३४, खंता३५, खंता३६, जेकाथा५, पाकाहेम६५४२, पाकाहेम६८९१, पाकाहेम१००५४, पाकाहेम१०४२४, भांका२११, भांका२३४, भांका२४९, भांका२७२) महानिशीथसूत्रगत आलापक प्रा. (पाकाहेम१०४२५) महापरिस्थापनिकाविधि। सं.प्रा.\ इयाणिं अचित्त स (भांता७०) महाप्रत्याख्यानप्रकीर्णक प्रा. गा.१४३\ एस करेमि पणामं (पातासंघवीजीर्ण६५, जेकाजि१९५१, पाकाहेम६६६, पाकाहेम९०२, पाकाहेम६५६९, पाकाहेम१००८८, पाकाहेम१०५५६, भांका१२३, भांका२२७) महाभयहरस्तोत्र सं. श्लोक९ तटीध्रतटताटनत्र (वताकांति४२८) महाविद्याविडम्बन-(सं.)टिप्पण। सं. (पाकाहेम६६७३) महाविद्याविडम्बन-(सं.)वृत्ति-(सं.)टिप्पणक\ सं. (पाकाहेम२४४४) महावीरकलश सं. गा.१३\ भुवणमण्डणु लच्छ (भांता७२) महावीरकालीन भावी तीर्थङ्कर, जिन मोक्षकाल व प्रमादकाल प्रा. सेणिय सुपास पुट (भांता७०) महावीरचरित्र। अप.। गा.२४\ सुमरिवि सिरिवद् (पाताखेत६) महावीरजिन जन्माभिषेक अप. कम्पिउ रयणासणु (पातासंघवी२०५-१) महावीरजिन स्नात्र महोत्सव (डतामुक्ता४५५) महावीरजिन परिग्रहप्रमाण सं. गा.३२ श्रीसिद्धार्थनर (भांता७२) महावीरद्वात्रिंशिका सं. गा.३२ स्तोष्ये जिनं म (पाकाहेम१०२३) महावीरपञ्चकल्याणकस्तोत्र प्रा. गा.१३\ ओहिन्नाणमुणियति (जेताजि१५६, पाताहेसं१४२) महावीरपञ्चकल्याणक स्तवन। मागु. (पाताहेसं१०९) महावीरविनती\ मागु. (पाकाहेम१२१२४) महावीरस्तव प्रा. गा.२१ (पाकाहेम१५३६१) महावीरस्तोत्री प्रा. गा.२१\ जइज्जा समणे भगव (पातासंघवीजीर्ण४९, पाताहेसं१६८, खंता९२, पाकाहेम९०२, पाकाहेम१०२३, पाकाहेम१२३५३, पाकाहेम१२३६५) महावीरस्तुति मागु. गा.११\ सखे एकुं मोरउं (पाकाहेम९०२) महावीरस्तुति। सं. का.४ (पाकाहेम१२१२४) महावीरस्तव यमकबन्ध सं.\ का.१४\ कलशकलशरादिप्रोल (पाकाहेम१२३११) महावीरस्तवन। सं. का.१३\ श्रीवर्धमान परि (पाकाहेम१२३५९) महावीरस्तुति। सं. का.४\ प्रणतसुरनरेन्द् (पाकाहेम१२३६१) महावीरस्तुति। सं. का.४\ विभुमशिश्रयदद्भ (पाकाहेम१२३६१) महावीरस्तुति। सं. का.४\ शीतरुचिकिरणा... (पाकाहेम१२३६१) महावीरस्तुति। सं. का.४\ चिररुचिररुचस्ते (पाकाहेम१२३७३) महावीरस्तुति। प्रा. गा.४\ नाणाइ अपिहु... (पाकाहेम१६१४०) महावीरस्वामिचरित्र-(सं.)टिप्पणी\ सं. (पाकाहेम१०३७९) महावीरस्वामीपारणुं अप. गा.४७ कन्नु धरेविणु ए (पातासंघवी१४१-२) महावीरस्वामिचरित्र-(सं.)टीका सं. (पाकाहेम१३७३७) महासता-सतीकुलकी प्रा. गा.१३\ भरहेसर बाहुबली (पाकाहेम१११५१) महासतीकुलक\ प्रा. गा.३०\ तिहुयणनमंसियाणं (पातासंघवी६२-२, पाकाहेम२५९६) महासतीकुलक\ प्रा.\ गा.१२\ बम्भी महासुन्दर (पाताहेसं१८९) महासतीलेखपद्धति। सं. (पाकाहेम८०१३) महिपालचरित्र-(सं.)टिप्पणी\ सं. (पाकाहेम१०११९) महिसाणापुरमण्डनआदिजिनस्तवन प्रातिहार्याष्टकमय सं.श्लोक१० नम्रनाकिनृपवृन् (पाकाहेम७४०६) महेश्वरस्तवन। सं.\ श्लोक१४ (पाकाहेम१०७०२) Page #51 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३४ विद्वान उपरथी कृति माहिती मातृका। अप. गा.६३\ त्रिभुवन सरणु स (पातासंघवी७२-३) मानोन्मानादिविचार प्रा.,सं. माणुम्माणपमाणाद (भांता७०) मालाआदिनाथ प्रा. गा.२४ (पातासंघवीजीर्ण८६-२) मालारोपणविधि। सं. अथ महानिशीथ प्र (भांता७०, वताकांति४१६, पाकाहेम५२६८) मालारोपणविधि। सं. नन्दिः पुनरित्थ (भांता७०) मासकल्पविचार प्रा. अप्पडिवड्ढेण सय (भांता७०) मासकल्पादि अनेक आगमोद्धृत विचारो\ प्रा.,सं. (पातासंघवी६०-३) मिच्छत्तकुलय। प्रा. (भांता७२) मिच्छाउक्कडकुलक\ प्रा. गा.१५\ जे कोवीय पाणगुण (पातासंघवीजीर्ण९१) मित्रसेनराजाकथा। सं. दानशीलतपः सम्पद (पातासंघवीजीर्ण९२) मिथ्यात्वकुलक प्रा. गा.२५ (पाकाहेम७७८२, पाकाहेम११०६६) मिथ्यात्वकुलक-(मा.गु.)बालावबोध\ मागु. (पाकाहेम७७८२) मिथ्यात्वस्थानविवरणकुलक प्रा. गा.४४ (पाकाहेम७७८३) मिथ्यात्वस्थानविवरणकुलक-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम७७८३) मिथ्यात्वकुलक-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम११०६६) मिथ्यात्वपरिहारकुलक प्रा. गा.३० नमिउं वीरजिणिन् (पाताहेसं१६८) मिथ्यात्वकुलक प्रा. गा.९ चित्तद्धिमि मह (पातासंघवी१९६-२) मिथ्यात्वगाथा प्रा. गा.६ मित्थत्तवेय तह (भांता७०) मिथ्यादुष्कृतकुलक प्रा. गा.१६\ जो को वि य पाणि (जेताजि१५१, पाताहेसं१८९) मुक्तिमार्गविषयकउपदेश सं. (पाकाहेम२१०६) मुखवस्त्रिकाप्रतिलेखनाधिकार सं.प्रा. (पाकाहेम१९५८) मुखवस्त्रिकाविचार सं. (पाकाहेम१०७७९) मुद्रागाथा। प्रा. गा.२\ दहण पलावण पडिजी (भांता७०) मुद्राविधि। सं. (पाकाहेम१२५१०) मुनिमुक्तावली\ अप.\ गा.१३\ पणमह तिसलासुयजि (पाताखेत३६) मुनिसुव्रतजिनस्तुति। सं. श्लोक४\ वाचा पुण्याय दी (पाकाहेम१०२२) मुनिसुव्रतस्वामिस्तोत्री प्रा. गा.३०\ भरुयच्छलच्छिवच् (भांता६९) मूलदेवकथा आदि ३५ कथा प्रा.,सं. (भांका१४६) मूलविशुद्धि प्रा. (पातासंघवी६७-१) मूलशुद्धि (पातासंघवीजीर्ण८०, जेकाथा११३) मृगसुन्दरीकथा। सं. श्लोक १४७ (जेकात३२०, पाकाहेम१६४५७) मृगाङ्कलेखाकथानक तपविषये। प्रा. गा.१३७ (पातासंघवी१५७-१) मृगापुत्रमहर्षिकुलक\ अप.\ गा.४२ (पातासंघवी२०२, पाकाहेम७३०७) मृत्युमहोत्सव सं. श्लोक४ (पाकाहेम११०२७) मेघदूतमहाकाव्य-(सं.)टीका सं. (पाकाहेम१०२१६) मेघदूतमहाकाव्य-(सं.)टिप्पण। सं. (पाकाहेम१०१२१) मेघमाला। सं. श्लोक४९५ (पाकाहेम१०७२२) मेघराजाकथानक प्रा. जो देइ दीवयं जि (पातासंघवीजीर्ण९१) मेघाभ्युदयकाव्य। सं. का.३८ काचित् काले प्र (जेताजि३४६, जेताजि३४७, पाकाहेम६६२३) मेघाष्टकसं.श्लोक११ (पाकाहेम१३७५, पाकाहेम८६८८) मोक्षशास्त्र-विश्वतत्त्वप्रकाश-(सं.)टिप्पण\ सं. (पाकाहेम१०७४४) मोहकुलक\ प्रा. गा.३४ (पाकाहेम७७८७) मौनएकादशीकल्याणकस्तवन। अप. गा.९\ नेमिजिणराय पणमे (पाकाहेम७३९८) यतिआराधनाप्रकरण (पाताहेसं१७१-७) यतिआराधनाविधि। प्रा.,सं. पूर्वं ग्लानसमी (भांता७०) Page #52 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३५ विद्वान उपरथी कृति माहिती यतिप्रतिमा। प्रा. गा.१३\ मासाई सत्तन्ता (भांता७०) यतिविचारकुलकी प्रा. गा.२३ (पाकाहेम११०७८) यतिविचारकुलक-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम११०७८) यतिशिक्षापञ्चाशत प्रा. गा.५० जयइ जिणसासणमिणं (पाकाहेम१३५१, भांका१९८) यथाच्छन्दच्छन्दच्छेदकउद्धृति-चित्तनिर्वृत्ति सं. ग्रं.१३१० (पाकाहेम७४१३) यमकमयजिननमस्कार सं. श्लोकर। स्तवस्तव जिनैको (पाकाहेम७३८६) यमकस्तुति-(सं.)वृत्ति सं. जाड्यध्वंसकृते (पातासंघवी५४-३) यशोधरचरित्र प्रा.गा.२५६ पयडिय दइक्कधम्म (भांका९०) यशोविजयोपाध्यायपत्र-शास्त्रीयविचारगर्भित\ मागु. (पाकाहेम१२००४) युगप्रधान आचार्यगाथा। प्रा. जुगुपहाणु सिरिअ (पाताहेसं११६) युगादिजिनस्तोत्र सं. श्लोक९ जय विश्वनयन... (पाकाहेम१०२३) युगादिदेवस्तुति मागु. गा.९ वडइं वेगि वीणा (पाकाहेम९०२) योगकल्पद्रुम सं. श्लोक६४१ अर्हन्मुनिन्दुर (पातासंघवीजीर्ण५२, पाकाहेम६५९५, पाकाहेम७८५७) योगदृष्टि समुच्चय-(सं.)टीका\ सं. (तालाद३४२) योगनन्दि विधि। प्रा. गुरू आसणसुवगओ अ (भांता७०) योगप्रदीप\ सं. श्लोक१३४ (पाकाहेम६५९५) योगप्रायश्चित्तप्रदानविधि-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम७९५२) योगबिन्दुप्रकरण-(सं.)वृत्ति। सं. सद्योगचिन्तामणि (पाताखेत१९) योगवाहिसत्ताकल्प\ प्रा. थिरकट्ठकवाडाइं (भांता७०) योगविधि प्रा.,सं. (पाकाहेम१६५०६, पाकाभाभा३१३) योगविधि प्रा. गा.६४\ नमिऊण जिणे पयओ (भांता७०) योगविधिप्रकरणी प्रा. गा.५८ (पाकाहेम५२६८) योगविधिप्रकरण। सं.। अथ योगविधिप्रकर (पाताहेसं१८८) योगविधियन्त्र। सं. (पाकाहेम१००९७, पाकाहेम१०१२८, पाकाहेम१०७३७) योगशत वैद्यकग्रन्थ\ सं. (पाकाहेम१४८७७) योगशास्त्र-(सं.)आद्यप्रकाशचतुष्क अवचूरि। सं. (पाकाहेम१०३७६, पाकाभाभा५२) योगशास्त्र-(सं.)विवरण सं. (पातासंघवी७३) योगसार\ सं. श्लोक२०६ (पातासंघवीजीर्ण३१, पाकाहेम४६५४, पाकाहेम७८५७) योगानुष्ठानविधिकुलक प्रा. गा.३० (पाकाहेम११०७२) योगारम्भदिनशुद्ध्युपाङ्गयोगविधि#\ प्रा. जोगं पुण उक्खिप (भांता७०) योगिप्रायश्चित्तविधि प्रा. उस्सङ्घटे पुत्र (भांता७०) योगोत्क्षेपनिक्षेपविधि। प्रा. पडिक्कमणपज्जत्त (भांता७०) योनिप्राभृत प्रा. तित्थं जलवत्थवक (अताका४६६, पुप्रे४४४, भांका३०२) योनिविचारगर्भविचार\ सं.प्रा.\ विध्वस्यते तु य (भांता७०) यौगिकशब्दनाममाला। सं. श्लोक५३ (पाकाहेम८७३२) रघुवंशमहाकाव्य-(सं.)टीका सं. (पाकाहेम१०२१५) रघुवंशमहाकाव्य-(सं.)टिप्पण। सं. (पाताहेसं७२, पाकाहेम१०३३४) रणशूरकथा। सं. (पाकाहेम१६४५७) रत्नकोश सं. (पाकाहेम१०७४९) रत्नत्रय प्रा.,मागु. गा.१२\ नवकारेण विवोहो (पाताहेसं१६१) रत्नत्रयकुलक प्रा.,मागु. गा.६ नवकारेण विबोहो (पाताखेत६) रत्नशेखरकथा गद्य सं. ग्रं.४२०\ प्रणम्य श्रीमहा (पाकाहेम७४३३) रत्नशेखरराजकथा विषयपरिहारे। सं. (पाकाहेम१७७६) रत्नाकरावतारिका-(सं.)टिप्पणी\ सं. (पाकाहेम१०७०६) रमतियालप्रबन्ध (पाकाहेम७१५०) Page #53 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३६ विद्वान उपरथी कृति माहिती रमतियालप्रबन्ध-(मा.गु.)बालावबोध मागु. (पाकाहेम७१५०) रमलशास्त्र मागु. (पाकाहेम१०३०८) रागदोषपृच्छाप्रकरण सं. (पाकाहेम८४१३) राजपिण्ड आदि विचार प्रा. जो मुद्धा अहिसि (पातासंघवी१८९-१, भांता७०, पाकाहेम१२७५५) राजप्रश्नीयोपाङ्गसूत्री प्रा. ग्रं.२०७९\ नमो अरिहन्ताणं । (जेताजि२४, पातासंघवीजीर्ण१३, खंता१६, भांता७३, लिंता३४१४-२, वताकांति४०६-२, वताकांति४०६-४, अताका४७१, अताका५०५, अताका५०६, जेकाजि२१, पाकाहेम२२७, पाकाहेम७४५७, पाकाहेम७४५८, पाकाहेम१००१२, पाकाहेम१०३९४, पाकाहेम१०४५०, पाकाहेम१०५४७, पाकाहेम१०५४८, पाकाभाभा२४) राजप्रश्नीयोपाङ्गसूत्र-(मा.गु.)स्तबक\ मागु. (अताका४७१) राजप्रश्नीयोपाङ्गसूत्र-राजप्रश्नीयसूत्रावतरण प्रा. जेणेव सिद्धाययण (भांता७२) राजवर्णनशतककाव्यगतकाव्यसङ्ग्रह सं. (पाकाहेम८६७६) राजहंसकथा नियमभङ्गे। सं. श्लोक२१०\ वयस्य! विश्रुतो (खंता२२३, पाकाहेम८७२) राजादि रुचादिगणविवरण सं. ग्रं.३८० (पाकाहेम५९२८) राजावलीवक्तव्यता। सं.\ श्रीमहावीरकल्या (भांता७०) रात्रिभोजनादिविषयककथासङ्ग्रह -गद्य सं.,प्रा. (पाकाहेम८१३०) रात्रिभोजनविषये वसुमित्र कथा\ सं.\ श्लोक७९ (पातासंघवी१२९) रावणवहो। प्रा. (पाताखेत१-२) रोहिणीकथा शीलविषये। सं. (पाकाहेम१७७६) रोहिणीकथा श्लोकबद्ध सं. श्लोक२८१ (पाकाहेम२१०६) रोहिणीकथानक\ प्रा.\ गा.६०\ इह कुण्डणित्ति (भांका९०) रोहिणीपर्वस्तोत्र\ अप.\ श्लोक१८\ वासुपूज्जं थुणा (पाकाहेम१०२३) लघुआराधनापताकाप्रकीर्णक प्रा. गा.२६३\ सिवसुहसिरीइ हेउ (पाकाहेम६६६, पाकाहेम६५६९) लघुउपदेशलव प्रा. गा.१४\ पणमिय पसमए सत्थ (पाताहेसं१६१) लघुउपसर्गप्रदीपिका\ सं. श्लोक२३ (पाकाहेम१४३३२) लघुकथासङ्ग्रह। सं. (पाकाहेम८१२०, पाकाहेम११२१८) लघुक्षेत्रसमासप्रकरण-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम६९६७) लघुचाणक्य-राजनीतिशास्त्र सं. (पाकाहेम२७२६) लघुचाणक्यनीतिशास्त्र सं. (पाकाहेम१०७०५) लघुचाणक्यनीतिशास्त्र-(मा.गु.)बालावबोध मागु. (पाकाहेम१०७०५) लघुजातक सं. (पाकाहेम१०७२६) लघुजातक-(सं.)टीका। सं. (पाकाहेम१०७२६) लघुपाक्षिकअतिचार मागु. (पाकाहेम१२१२४) लघुरत्नत्रय प्रा. गा.१३ (पातासंघवी१९६-२, पातासंघवी१९८-२) लघुशान्तिस्तोत्र-(मा.गु.)टबार्थी मागु. (पाकाहेम१२३७६) लब्धिविचार सं. (पाकाहेम८३९१) लब्धिस्तोत्री प्रा. (पाकाहेम१७२४४) लब्धिस्तोत्र-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम१७२४४) लुम्पकचर्चा\ प्रा.,सं. श्लोक५६८ (पाकाहेम३७४९) लेश्याप्रकरण सं. कृष्णनीलकपोतपीत (भांका२९३) लोकनालिकाद्वात्रिंशिका\ प्रा. गा.३२\ अहीपणमित्तु सुर (पाताहेसं१६१, पाकाहेम४४७२, पाकाहेम७६८९, पाकाहेम१०६००) लोकनालिकाद्वात्रिंशिका-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम४४७२, पाकाहेम७५३२, पाकाहेम७६८९) लोकनालिका गाथा प्रा. गा.१५\ तिरियं सत्तावन् (भांता७०) लोकान्तिकस्तव प्रा. गा.१६ (पाकाहेम४४७२) लोकान्तिकस्तव-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम४४७२) Page #54 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विद्वान उपरथी कृति माहिती लोचप्रवेदनविधि प्रा. सक्कत्थएण चेइया ( भांता७०) लौकिकमासकल्याणकस्तवन) प्रा. गा. १० \ नमिअ चउवीस जिण (पाकाहेम७३९८ ) वङ्कचूलकथा श्लोकबद्ध सं.\ श्लोक १०९ (पाकाहेम४००१) वङ्कचूलकथा प्रा.\ थेवो वि कओ नियम (पातासंघवी ११८-२) वङ्कचूरास मा. ग्रं. १३५ ( पाकाहेम१०१२२) वङ्कचूलिकासूत्र \ प्रा. ( पाकाभाभा ४३५ ) वज्जालग\ प्रा. (पाताहेसं५९) वनस्पतिविचार-प्रज्ञापनागत प्रा. ( भांता७०) वनस्पतिसप्ततिकाप्रकरण - (सं.) अवचूरि\ सं. (पाकाहेम१५८०९) वन्दनक भाष्य\ प्रा.\ गा.४१ (पातासंघवी २०२) वन्दनक भाष्य\ प्रा.\ गा .२५ ( पाताखेत १२, पाताखेत३६) वन्दनक भाष्य-(प्रा.)चूर्णि प्रा. (वताकांति ४१८) वन्दनकगाथा\ प्रा.\ गा.४६ \ मुहणन्तयदेहावसस (भांता७०) वन्दनकभाष्य- (सं.) अवचूरि सं . अथेत्यानन्तर्या (भांका १४८ ) वन्दनफल आदि \ सं. (पातासंघवी५७ - २) वन्दनविषये दृष्टान्तो (गद्य) सं. (पाकाहेम२१०६) वर्णनासार सं. सर्वजीवनिकायस्य (भांका२६८) वर्णमर्कटी-वर्णपताकादिविचार सं. (पाकाहेम१३१५१) वर्धमानविज्ञप्तिका\ प्रा. गा. १८ ( पाकाहेम७३०७) वर्धमानविद्यास्तव प्रा. गा. १२ ( पाकाहेम९७३१) वर्धमानविद्या प्रा.\ ॐ नमो अरहन्ताण (भांता७०) वर्धमानविद्यास्तव प्रा. गा. १७ (पाकाहेम९७३१) वर्धमानस्तुति\ प्रा.\ गा.१८ \ नमिऊण सङ्खसत्थि (पाताहेसं १६८, खंता९२, भांता७२) वसतिकालप्रवेदनविधि प्रा. सूरे उग्गए पमज् (भांता७०) वसतिविचार प्रा. मूलुत्तरगुणसुद् (भांता७०) वसुकथा\ प्रा.\ गा.६५\ कोसम्बी अत्थिपु (भांका९०) वसुधारा सं. (पाकाहेम२८००, पाकाहेम१०३३२, पाकाहेम१४१२२ ) वसुधाराप्रमाण प्रा. वसुधारा वुट्ठा (भांता७०) वसुभूति वसुमित्रकथा धर्मप्रभावे) सं. (पाकाहेम१७७६ ) वागडोदमण्डन चन्द्रप्रभ-युगादीशजिनयुगलस्तुति# \ सं. का. ४ \ धर्मं कर्तुमहो ( पाकाहेम १२३६४) वाग्भटालङ्कार - (सं.) वृत्ति) सं. ( पाकाहेम१०६८८) वामनीय लिङ्गानुशासन - (सं.) वृत्ति (सं.\ श्रेयांसं शिवमी (पाताहेसं१४७) विगइ निविग्गइ प्रकरण प्रा. गा. ११ \ पवयणमसद्दहणाए ( तालाद ३४९) विचाररत्नाकर - (सं.) बीजक सं. (पाकाहेम१६४१३) विचारशतक - (सं.) बीजक सं. (भांका १५६) विचारश्रेणि सं.\ तं १०८ वर्षाणि (भांका२५३) विचारसङ्ग्रह\ सं. (पाताहेसं १८९, पाकाहेम७०४४, पाकाहेम११०९५) विजयश्रेष्ठिकथा \ प्रा. सञ्जुत्ते जो धर (पातासंघवीजीर्ण९२) विज्ञप्तित्रिवेणी \ सं.\ श्लोक १०१२ ( पाकाहेम६६६०) विज्ञानभैरवाक्ष\ सं. (पाकाहेम८९१६) विदग्धमुखमण्डन- (सं.) टिप्पण सं. (पाकाहेम२७०८) विदग्धमुखमण्डन- (सं.) अवचूरि सं. (पाकाहेम२७०९) विद्यालय - (प्रा.) टिप्पणी प्रा. (पाकाम १५०४६) विद्यालय-(सं.)टीका\ सं. (पाकाहेम १३७३९) विद्याविलासकथा तपविषये सं. (पाकाहेम १७७६) ३७ Page #55 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३८ विद्वान उपरथी कृति माहिती विद्वानशतक-(मा.गु.)टबार्थ मागु.। हे राजन् पण्डित (भांका२४०) विधवाकुलक-विधवामहिलासामाचारी प्रकरण प्रा. गा.१० (पातासंघवी२०६-२, पाकाहेम४६२०, पाकाहेम७७९९) विधवाकुलक-विधवामहिलासामाचारी प्रकरण प्रा. गा.२२ (पाकाहेम७७८५) विधिविधान, पर्व, तप, कल्प, पदवीप्रदानादि आगमिक विचारसङ्ग्रह प्रा.,सं. (पातासंघवीजीर्ण५२) विनयपिटक पाली (पुप्रे४१५) विप्रवक्त्रमुद्गर सं. केवलज्ञानसिद्धौ (भांका२९२) विमलगिरिस्तवन। सं.कियद्दरे भ्रात (पाताखेत३) विमलदण्डनायकप्रासादप्रबन्ध सं. श्लोक३४ (पाकाहेम२०९७) विवाहपटल\ सं. (पाकाहेम१०७२५) विविध क्रियासङ्ग्रह। सं. क्रियासं पृथक् (भांका२९३) विविध तपश्चर्याविधि। प्रा. पुरिमड्डु उपवास (भांता७०) विविध धार्मिक विषयक सुभाषितसङ्ग्रह सं. (पातासंघवीजीर्ण५२) विविध विषयक सुभाषित सङ्ग्रह सं.प्रा. नमस्कारपद्धतिः (पातासंघवीजीर्ण५२) विविध विषयक प्रक्रमसङ्ग्रह। सं. (पाकाहेम१२७५५) विविधकथासङ्ग्रह सं. (पाकाहेम११२२१, पाकाहेम१२७५५) विविधछन्दोबद्धपार्श्वनाथस्तव सं. श्लोक३० (पाकाहेम८२३५) विविधछन्दोबद्धपार्श्वनाथस्तव-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम८२३५) विविधतीर्थस्तुति प्रा. गा.२८\ महन्ति जे भावजु (पाकाहेम१२२८२) विविधभाषाबद्धजिनस्तवन-(सं.)अवचूरि\ सं. (पाकाहेम७४०७) विविधयोगविधिसङ्ग्रह प्रा.,सं. सुत्ते अत्थे भो (पाताहेसं१६८, पाताहेसं१८९, पाकाहेम१२७५५) विवेकमञ्जरी प्रा. (पातासंघवी१९५-२, पातासंघवी२०६-२, पाताहेसं१२२, भांता२४) विशाललोचन-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम७५०६) विशाललोचन वीरस्तुति। सं. विशाललोचनदलं.... (पाकाहेम७५०५, पाकाहेम७५०६, पाकाहेम१११५१) विशाललोचन वीरस्तुति-(सं.)टीका सं. (पाकाहेम७५०५) विशेषणवती-(सं.)टिप्पण। सं. उतेसेधाङ्गुलमित (पुप्रे४१८) विशोपसर्गाधिकार (पाताहेसं१७१-१७) विशोपसर्गाधिकार-(सं.)टीका। सं. (पाताहेसं१७१-१७) विषमवृत्तसप्तक\ सं. (पाकाहेम८६८६) विषमवृत्तसप्तक-(सं.)व्याख्या। सं. (पाकाहेम८६८६) विषयनिन्दापञ्चाशत् प्रा. गा.५०\ पणमिय वीयरायं.. (पातासंघवी११७-१, पाकाहेम७७९९) विषयानुशासनाकुश प्रा. गा.२५\ विसमो विसयविसदु (पातासंघवी५९-२, भांता६९, पाकाहेम१११५३) विष्कम्भपरिधिमानयाय सं. (पाताहेसं११०) विहरमानजिनस्तवन। सं. श्लोक५ श्रीसीमन्धर प्र (पाकाहेम१०२३) वीतरागस्तोत्र-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम१०६६२, पाकाहेम१०६६३) वीतरागस्तोत्र-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम२३२८) वीतरागस्तोत्र सं.\ गा.९ (पातासंघवी२०६-२) वीतरागस्तोत्र-(सं.)अवचूरि। सं. अत्राद्यसार्धश् (पाकाहेम२३२४) वीतरागस्तव-(सं.)टीका सं. (पाताखेत५४-१) वीतरागस्तवन सं. श्लोक१३\ ॐकारस्फाररूपं (पाकाहेम१३१७१) वीरजन्मोत्सव मागु. (पाकाहेम१२१२४) वीरजिनतीर्थस्वरूप प्रा.\ चउसट्टिवरिससत्त (भांता७०) वीरजिनदृष्टदशस्वप्नार्थ प्रा. जेन तालपिसायं प (भांता७०) वीरजिनविज्ञप्ति। अप. गा.१३\ सिरिवीरजिणेसर त (पातासंघवी१५६-१) वीरजिनस्तव प्रा. गा.४३\ नमिऊण जिणं जयजी (पातासंघवीजीर्ण६५, जेकाजि१९५१, पाकाहेम६६६, पाकाहेम९०२, पाकाहेम६५६९. पाकाहेम१०५५६) Page #56 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विद्वान उपरथी कृति माहिती वीरजिनस्तव अष्टादशचक्रबद्ध-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम८२३१, पाकाहेम१२३१७) वीरजिनस्तवन विविधचित्रबद्ध-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम१२३१६) वीरजिनस्तुति। सं.\ का.१\ श्रीमद्वीरजिनोद (पाकाहेम१२३६१) वीरजिनस्तुति सं. का.४\ यदङ्घिनमनादेव (पाकाहेम१२३६२, पाकाहेम१२३६५) वीरजिनस्तुति प्रा. गा.४ अमहेलं अमहेलं.. (पाकाहेम१२३६७) वीरजिनस्तुति। सं. का.४\ नताशेषलेखं... (पाकाहेम१२३६७) वीरजिनस्तुति। सं. का.४\ नमत त्रिभुवनसार (पाकाहेम१२३६७) वीरजिनस्तव क्रियागुप्त। सं. का.१६ (पाकाहेम१२३७९) वीरजिनस्तव क्रियागुप्त-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम१२३७९) वीरजिनस्तवन। सं. का.७\ सिद्धमपारसुबुद् (पाकाहेम१२३८८) वीरजिनस्तव-(सं.)टिप्पणी\ सं. (पाकाहेम१२३४५) वीरजिनस्तुति। सं....नौमि वीरं... (पातासंघवीजीर्ण९०) वीरसेन-कुसुमश्री कथानक पद्य-अनर्थदण्डव्रतोपरि। सं. श्लोक३४७ (पाकाहेम१०१७३) वीरस्तवन। सं.,प्रा. श्लोक११\ सरभसनृत्यसुरयुव (पाकाहेम१२३७२) वीरस्तवप्रकीर्णक प्रा. गा.४३\ नमिऊण जिणं जय ज (भांका१२३, भांका२२७) वृक्षाष्टक\ सं. श्लोक१० (पाकाहेम१३७५, पाकाहेम८६८८) वृत्तरत्नाकर-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम१९५०) वृद्धचाणक्य-राजनीतिशास्त्र सं. (पाकाहेम२७२५, पाकाहेम२७२६, पाकाहेम१३६२१) वृश्चिकोत्तारणादिमन्त्रसङ्ग्रह सं. (पाकाहेम८९१८) वेदपुराणोक्त ऋषभादिजिनोल्लेख सन्दर्भश्लोक सं. ॐ ऋषभं पवित्रं (भांका२८३) वैक्रिय-वादिप्रमाण प्रा. श्रीउसभ १ वेउव (भांता७०) वैजनाथ (अताका४९६) वैरस्वाम्याधुत्पत्तिकाल\ प्रा. गा.४\ पञ्चसए किन्तण (भांता७०) वैराग्यकुलक\ मागु. गा.१६ (पाकाहेम९८४०) वैराग्यकुलक\ प्रा. गा.८ (पाकाहेम११०५८) वैरोट्यादेवी स्तवन प्रा. गा.३१ (पाकाहेम९५४६) वैरोट्यास्तोत्र प्रा. गा.१७ नमिउणजिणम्पासं (पाकाहेम१०२३) वोच्छेयगण्डिया प्रा.\ गा.१७३\ अह पुण सरत्थुवन (पाताखेत५०, पातासंघवी५४-२, तालाद३३९, डतामुक्ता४५७) व्यवहारचूलिका षोडश स्वप्न विचार (पाताहेसं१७१-६) व्यवहारवृत्तिगतप्रायश्चिताधिकार सं. (पाकाहेम७९५०) व्यवहारसूत्र-(प्रा.)भाष्य प्रा. ग्रं.६००० (जेताजि५९, पातासंघवी४१-१, खंता२९, खंता३०, पाकाहेम६८६, पाकाहेम६८७, पाकाहेम६८८१, पाकाहेम१००४७, पाकाहेम१००४९, पाकाहेम१००५०) व्यवहारसूत्र-(प्रा.)चूर्णी\ प्रा. ग्रं.१२०००\ उक्तः कल्पः। अध (जेताजि५९, जेताजि६०, पातासंघवी४०, खंता२८, पाकाहेम३४७४, पाकाहेम६५३७, पाकाहेम६५५४, पाकाहेम१००४८, भांका२३८) व्यवहारसूत्र-(सं.)बीजक सं. (पाकाहेम५३६३) व्यवहारसूत्र-(सं.)पर्याय। सं. (पाकाहेम७१११) व्याख्यानारम्भ मङ्गलश्लोक सं. श्लोक११ जनः सुखाभिलाषी (पाताहेसं५७) व्याख्याने अष्टमङ्गल सविवरण सं. श्लोकर। दधिचन्दनदुर्वा. (पाताहेसं५७) व्रतारोपणविधि सं. (पाकाहेम५२६८) शकुनविचार प्रकरणमां गमनागमन जीवित-मरण-शकुनविचार प्रकरणो प्रा. (पातासंघवी१८०-२) शखेश्वरपार्श्वनाथस्तोत्र सं. (पाकाहेम१२१२४, पाकाहेम१४२४७) शखेश्वरपार्श्वजिनस्तुति। सं. श्लोक२ नो वह्निर्नोरगे (पाकाहेम१२३५८) शखेश्वरपार्श्वजिनस्तुति-(सं.)टीका सं. (पाकाहेम१२३५८) शखेश्वरपार्श्वजिनस्तवन। सं. ॐनमः पार्श्वना (पाकाहेम१२३६४) शर्केश्वरपार्श्वनाथस्तवन। सं.\ का.१४\ सौभाग्यभाग्या.. (पाकाहेम१२३३१) Page #57 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ४० विद्वान उपरथी कृति माहिती शतक नव्य पञ्चम कर्मग्रन्थ-(सं.)अवचूरि। सं. नत्वा जिनं ध्रु (भांका१७४) शतक नव्य पञ्चम कर्मग्रन्थ-(सं.)अवचूरि। सं. निजहेतु सद्भावे (भांका२०६) शतक प्राचीन पञ्चम कर्मग्रन्थ-(प्रा.)भाष्य प्रा. गा.२५ नमिउण वद्धमाणं (पाताखेत४२, तालाद३६०) शतक प्राचीन पञ्चम कर्मग्रन्थ-(प्रा.)चूर्णि\ प्रा. ग्रं.२३२२\ सिद्धो निद्धयक (जेताजि१७९, जेताजि१८०, जेताजि१८१, पाताखेत४१-२, पातासंघवी१६-२, खंता१४६, वताहंस४४८) शतक प्राचीन पञ्चम कर्मग्रन्थ-(प्रा.)लघुभाष्य। प्रा.गा.२५\ नमिऊण जिणं बुच् (भांता४५) शतक प्राचीन पञ्चम कर्मग्रन्थ-(प्रा.)भाष्य प्रा. गा.२४\ सङ्खामेत्तपयट्ठ (पाताहेसं११२) शतपदीप्रकरणवृत्ति-(सं.)टिप्पणी\ सं. (पाताहेसं१०४) शतश्लोकी-(मा.गु.)बालावबोध मागु. (पाकाहेम१०७३०) शत्रुञ्जयमहातीर्थकल्प\ प्रा. गा.२४\ अइमुत्तयकेवलिणा (पाकाहेम१०२३) शत्रुञ्जयमहातीर्थस्तोत्र सं.। श्लोक२४\ नमेन्द्रमण्डलमण (पाकाहेम१०२३) शत्रुञ्जययात्राफलप्रबन्ध सं.\ श्लोक३६ (पाकाहेम२०९७) शत्रुञ्जयचैत्यपरिपाटी\ सं. का.२६ नमेन्द्रमण्डल (पाकाहेम१२१३२) शनिचक्र प्रा. (पातासंघवी१८०-२) शबरीभास मागु. गा.१५ (पाकाहेम१२१२४) शब्दपौद्गलिकत्वसिद्धिवादस्थल। सं. (पाकाहेम८७९५) शब्दप्रामाण्यवादस्थल सं. एतेन यत्कैश्चित (पाकाहेम८८१३) शब्दसञ्चय सं. ग्रं.५५० (पाकाहेम१०११५, पाकाहेम१०३८२, पाकाहेम१०३८३) शब्दाम्बरगुणत्वनिर्लोचनस्थल सं. ये केचन श्रोत्र (भांका२१४) शय्यान्तरपिण्डविचारणा\ सं. सागारि उत्ति को (पातासंघवी१८९-१, पाकाहेम१२७५५) शय्यान्तरविचार प्रा. असइ वसहीएवी मुञ (भांता७०) शय्यान्तरविचार प्रा. सागारिओ त्ति का (भांता७०) शान्तिजिन स्तुति। अप.\ देव दसविहधम्मधु (पातासंघवी५९-२) शान्तिजिनस्तुति प्रा. गा.४ (पातासंघवीजीर्ण९०) शान्तिजिन स्तुति। प्रा. गा.१४\ पणमवि परमेसर सन (पाताहेसं१६८) शान्तिजिनस्तव सं. श्लोक९। सुरराजसमाजनताह (पाकाहेम१३१७१) शान्तिनाथकलश\ अप.\ गा.१३\ तिजगदीवउ कणय सम (पाकाहेम१०२३) शान्तिनाथचरित्र-(सं.)टिप्पण। सं. (पाकाहेम४२९४) शान्तिनाथस्तवन\ प्रा. गा.१७ (पाकाहेम७३०७) शान्तिनाथस्तोत्र सं. का.१३\ सकलदेवनरेश्वरवन (पाकाहेम१२३३९) शान्तिनाथचरित्र सं. (भांता६१, अभ५) शान्तिनाथचरित्र-(सं.)टिप्पण। सं. (पाताहेसं५७) शान्तिनाथ १२भव नोन्ध मागु. (पाताहेसं५७) शाबरभाष्य। सं. अथातो धर्मजिज्ञ (जेताजि३८७, पाकाहेम१०४३२) शाम्बपञ्चाशिका-(सं.)टीका\ सं. (पाकाहेम७८७९) शारदानन्दनपण्डितकथा\ सं. (पाकाहेम५२४२) । शालिभद्रचरित्र प्रा. गा.१७५\ सुरवरकयमाणं नट (जेताजि१५५, पातासंघवीजीर्ण८१, पातासंघवी१५६-१, खंता११०, खंता१२१, खंता२२६) शालिभद्रचरित्र प्रा. गा.१८०\ इय परमपवित्तं स (पाताखेत११) शालिभद्रमाई। अप. गा.५५ (पातासंघवी२०६-२) शाश्वतचैत्यस्तोत्र प्रा. गा.३२ (पातासंघवीजीर्ण८६-२) शाश्वतजिनस्तवन प्रा. गा.७\ नमिउणं सब जिण (पाकाहेम१०२३) शाश्वतजिनचैत्यवन्दनसूत्री प्रा. (पाकाहेम१०२२८) शाश्वतजिनचैत्यवन्दनसूत्र-(मा.गु.)अर्थ मागु. (पाकाहेम१०२२८) शाश्वतजिनभवनसङ्ख्या -(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम११०१४) Page #58 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ४१ विद्वान उपरथी कृति माहिती शास्त्रप्रकारविवरण। सं. (पाताहेसं५७) शास्त्रसारसमुच्चय सं. सीमं नम्रामरस्त (भांका२९३) शास्त्रीयवादस्थल सं. (पातासंघवीजीर्ण३१) शास्वतजिनभवनस्तवन। अप. गा.१५\ कल्लाणपरम्परकार (पाकाहेम१२३९१) शास्वतजिनभवन स्तोत्र प्रा. गा.२५ वन्दिय चउवीसजिण (पाताहेसं१६८) शास्वताशास्वतचैत्यस्तवन सं. श्लोक९ सद्भक्त्या देवल (पाकाहेम१३१७१) शिक्षाशतक प्रा.\ गा.१००\ केवल अप्पसरूवं. (पाकाहेम१३५१, पाकाहेम७८७८, भांका१२९) शिशुपालवधमहाकाव्य-(सं.)टीका सं. (पाकाहेम१०१०८) शिष्यानुशास्ति। प्रा.\ गा.२०\ धन्नोसि तुमं सु (भांता७०) शीलकुलक प्रा. गा.३१ जस्स न भिन्न हि (पातासंघवीजीर्ण८५, पातासंघवी१९६-२, तालाद३८९, पाकाहेम११०५४) शीलरक्षाकुलक प्रा. गा.१० (पातासंघवी१६१-२) शीलवतीकथा शीलविषये। सं. (पाकाहेम१७७६) शीलवतीकथा श्लोकबद्ध चतुर्थ अणुव्रते\ सं.\ श्लोक३८७ (पाकाहेम४२८९) शीलविषये नर्मदासुन्दरीकथा। सं. श्लोक३२०५ (पातासंघवी१२९) शीलविषये विलासवतीकथा। सं. श्लोक५५२ (पातासंघवी१२९) शीलविषये सीताचरित्र महाकाव्य ४ सर्ग सं. का.५५५ (पातासंघवी१२९) शीलाङ्गरथ तथा सामाचारीरथ प्रा. (पाकाहेम८४०२) शीलाङ्गरथ विधि प्रा. गा.९\ गोयमसामि नमिउं (पातासंघवी१८५-२) शीलाङ्गरथस्थापनाक्रम प्रा. करणे जोए सन्ना (भांता७०) शीलोपदेशमाला-(सं.)अवचूरि सं. (पाकाहेम२३२८) शुक्लरौद्रआर्तादि धर्मध्यान विवेचन सं....बुद्धिमानपि (भांका२९३) शूरपालकथा दानविषये। सं. (पाकाहेम१७७६) शृङ्गदत्तकथा अतिलोभे\ सं. (पाकाहेम१७७६) शोकपरिहारकुलकी प्रा. गा.२४\ जइवि गुणसालिणो (पातासंघवी१४५-१) शोभनस्तुति-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम१०६६९) श्राद्धजीतकल्पसूत्र-(प्रा.)अवचूरि\ प्रा. (जेताडूं५०९, पाकाहेम१०२८१) श्राद्धजीतकल्पसूत्र-(सं.)वृत्ति। सं.\ श्रीवीरं सगणधरं (भांका१२८) श्राद्धदिनकृत्यप्रकरण-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम१०१५९) श्राद्धदिनकृत्य प्रा. गा.३४०\ वीरं नमेउण तिलो (पाताखेत४२, पातासंघवीजीर्ण४९, पातासंघवीजीर्ण८६-२, पातासंघवी१६५, पातासंघवी१६८, पातासंघवी२०२, पातासंघवी१३०-२, पाताहेसं१२२, खंता९१, खंता११९, खंता१२३, तालाद३२६, पाकाहेम१०१५८) श्राद्धप्रतिक्रमणसूत्री प्रा. (पाकाभाभा८१) श्राद्धप्रतिक्रमणसूत्र-(सं.)अवचूरि (पाकाभाभा६२) श्रावक अतिचार वर्णन\ प्रा.मागु.। ...ताडन बन्धोरज (पाताहेसं५७) श्रावक आवश्यकसूत्र प्रा.मागु. (पाकाहेम९०२) श्रावक की ११ प्रतिमा वर्णन प्रा.,सं. नमस्कारपूर्वकं (पाकाहेम१२७५५) श्रावकआराधनाप्रकरण प्रा.,मागु. (पाताहेसं१७१-७, पाकाहेम१२१२४) श्रावककुलकी प्रा. (पाताखेत१२) श्रावकक्रियाकुलक\ मागु. गा.११\ तित्थङ्करचउवीसज (पाकाहेम१११५१) श्रावकदिनकृत्यकुलक\ प्रा. (पाकाहेम११०८२) श्रावकधर्मकुलक प्रा. गा.२१\ निसाविरामे परिभ (पाताखेत२३, पातासंघवी६२-२, पातासंघवी११७-१, पातासंघवी१४५-१, पाताहेसं१११, पाताहेसं१६१, पाताहेसं१६८, पाताहेसं१८९, पाकाहेम७७५, पाकाहेम२५९६, पाकाहेम७७९८) श्रावकधर्मोपरि कथा प्रा. (पातासंघवीजीर्ण९२) श्रावकपाक्षिकअतिचार\ मागु. (खंता११८, पाकाहेम६९३९, पाकाहेम७४९६, पाकाहेम९५४६) Page #59 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ४२ विद्वान उपरथी कृति माहिती श्रावकप्रतिक्रमणसूत्री प्रा. गा.५०\ वन्दित्तु सव्वस (जेताजि१५८, जेताजि१५९, पाताखेत३२-२, पाताखेत३४-३, पातासंघवी१०८, पातासंघवी१५१, पातासंघवी१०४-२, पातासंघवी१०४-२, पातासंघवी१४१-२, पातासंघवी१६१-२, पातासंघवी१८१-१, पातासंघवी१९०-२, पातासंघवी१९५-२, पातासंघवी२०३-२, पातासंघवी२०६-२, पाताहेसं१११, पाताहेसं११३, पाताहेसं११९, खंता८८, खंता९४, खंता९५, खंता१०१, खंता१२५, खंता१३२, भांता२५, भांता५७, भांता६९, जेकाजि१३१७, पाकाहेम४३६, पाकाहेम४३७, पाकाहेम१०५५७, पाकाहेम१४८९४, पाकाहेम१४९०५, भांका२७८) श्रावकप्रतिक्रमणसूत्र-(सं.)वृत्ति। सं. (भांता५७) श्रावकप्रायश्चित (भांता३६) श्रावकवक्तव्यताप्रकरण-(सं.)व्याख्या। सं. (पातासंघवी१६०-१) श्रावकवर्षाभिग्रह प्रा. वर्षा चतुर्मासक (पातासंघवी१८५-२, पाकाहेम१११५३) श्रावकवर्णन प्रा. अहिगय जीवाजीवे (भांता७०) श्रावकविधिकुलक प्रा. गा.२१\ निसाविरामे परिभ (पाकाहेम९०२) श्रावकविधि (भांता२४) श्रावकव्रतभङ्गप्रकरण प्रा. गा.४१ (पाकाहेम११०१७, भांका२९६) श्रावकव्रतभङ्गप्रकरण-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम७४७२, पाकाहेम११०१७) श्रावकव्रतभङ्गदेवकुलिका\ सं. (पाकाहेम१४३३६) श्रावकव्रतारोपनन्दिप्रा. गा.१८ चीवन्दणवन्दणयं (भांता७०) श्रावकव्रतभङ्ग (भांका२००) श्रावकषडावश्यकसूत्री प्रा.,सं.। नमो अरहन्ताणं न (जेताजि१५४, जेताजि१५६, पातासंघवी१९६-२, खंता११८, तालाद३६२, जेकाजि१३१७, जेकाजि१३२६, पाकाहेम१०२२, पाकाहेम१०२३, पाकाहेम६९३४, पाकाहेम७४६०, पाकाहेम७४६१, पाकाहेम७४६२, पाकाहेम७४६३, पाकाहेम७४६४, पाकाहेम७४६५, पाकाहेम७४६६, पाकाहेम७४६७, पाकाहेम७४६८, पाकाहेम७४७४, पाकाहेम१०४८७, पाकाहेम१४८८२, पाकाहेम१५०१०) श्रावकषडावश्यकसूत्र-(मा.गु.)स्तबक\ मागु. (पाकाहेम७४७४, पाकाहेम१४८८२) श्रावकषडावश्यकसूत्र-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम१५०१०) श्रावकषडावश्यकसूत्र-(सं.)वन्दारूवृत्तिनी (सं.)अवचूरि। सं.\ इह तावदास्तिकेन (भांका१४५) श्रावकषडावश्यकसूत्र-(सं.)वन्दारुवृत्तिना (मा.गु.)टबार्थ\ मागु. (पाकाहेम६९३७) श्रावकसामाचारीप्रकरण-(सं.)बीजक सं. (जेताजि२७५, पातासंघवी६२-२) श्रावकसामाचारीप्रकरण-(सं.)टीका\ सं. (पाकाहेम६५९४) श्रावकसामाचारीप्रकरण-(सं.)टीका सं.। येन ध्यान समन्व (पातासंघवी१८३-१) श्रावकसामाचारी-(सं.)टीका\ सं. (पाकाहेम३३३३) श्रावकातिचार मागु. (पाकाहेम१०२२) श्रावकाराधना मागु. गा.१४३ (पाकाहेम१०२२) श्रावकालोचनासामाचारीप्रकरण-(सं.)व्याख्या। सं. (पाकाहेम७९४८) श्राविकाकर्पूरदेवीपरिग्रहपरिमाण प्रा. गा.३९ (पाकाहेम७१२४) श्राविकापाक्षिक अतिचार मागु. (पाकाहेम७४९६) श्राविकालेखपद्धति सं. (पाकाहेम८०१३) श्रीदत्तकथा उपकारविषये। सं. (पाकाहेम१७७६) श्रेष्ठिसेनकथा-पञ्चमाणुव्रतेपरिपालनदृष्टान्ते प्रा. गा.७४\ खेत्ते वत्थु हि (पातासंघवीजीर्ण९२) श्वेतरिङ्गिणीकल्प सं. (पाकाहेम५१०८) श्वेतार्ककल्प सं. (पाकाहेम५१०८, पाकाहेम८९२१) श्वेतार्कगणपतिमेखलाकल्प सं. (पाकाहेम८९२१) षट्कारक-(सं.)सम्बन्धउद्योत टीका\ सं. (पाकाहेम७३८५, पाकाहेम१०६८६) षट्कारक-(सं.)टिप्पण। सं. (पाकाहेम७३८५) षट्पञ्चाशिका-(सं.)टिप्पणी\ सं. (पाकाहेम१०४३६) षडशीति नव्य चतुर्थ कर्मग्रन्थ-(मा.गु.)टबार्थ\ मागु. (पाकाहेम६९७५) Page #60 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विद्वान उपरथी कृति माहिती षडशीति नव्य चतुर्थ कर्मग्रन्थ - (सं.) अवचूरि\ सं.\ श्रीजिनं नत्वा (भांका१७४) षडशीति नव्य चतुर्थ कर्मग्रन्थ - (सं.) अवचूरि\ सं.\ नमि० तत्र जीवन् (पाकाहेम६९७३, भांका२०६) षड्दर्शनसमुच्चय-(सं.)लघुटीका सं. (पाकाहेम१९५२) षड्दर्शनस्वरूप\ सं. (पाकाहेम८८०५) षड्दर्शनसमुच्चय-(सं.)अवचूरि सं.\ श्रीमद्वीरजिनं (भांका१०७, भांका१९५) षड्भाषामयऋषभस्तोत्र सं. प्रा. अप. का. ४० (पाकाहेम८२२८) षड्भाषामयऋषभस्तोत्र (सं.) अवचूरि\ सं. (पाकाहेम८२२८) षड्विध प्रवचनकौशल\ प्रा. गा.९ \ कयवयकम्मयभावो .. (पातासंघवी १६०-१) षड्विधलेश्या\ प्रा.\ गा. १२ \ जह जम्बुपायवेगो (पातासंघवीजीर्ण९०) षष्टिशतप्रकरण- (सं.) अवचूरि सं. (पाकाहेम११०९०) षोडशव्रतोच्चारादि ४ द्वार प्रा. भयवं भवजलहीए दु (पातासंघवी १४५ - १) संरम्भाद्यष्टोत्तरशतभङ्गविचार प्रा. संरम्भो समारम्भ (भांता७०) संलेखनाविधि प्रा. समणोवासगधम्मो व (पाताखेत६) संवरकुलक मा.गा. २७ (पाकाहेम९४३४, पाकाहेम१०८१९) संवरकुलक प्रा. (पाकाहेम१८१८१) संवरकुलक- (मा.गु.) स्तबक मागु. ( पाकाहेम १८१८१ ) संवादशतक-निगममत ग्रन्थ सं . श्लोक १०१ ( पाकाहेम १३४१) संवादसुन्दर\ सं.\ श्लोक३३३ (पाकाहेम९६६, पाकाहेम५१४६, पाकाहेम१५२४६) संवाद सुन्दर - (सं.) अवचूरि सं. (पाकाहेम५२४४) संवाद सुन्दर - (सं.) अवचूर्णि सं. (भांका२८१ ) संवेगगाथा प्रा. गा.१४ (पाकाहेम७७९९ ) संवेगचूडामणिप्रकरण\ प्रा. गा. ५२ \ नमीऊण तित्थनाहं (भांका१३२) संवेगचूडामणिप्रकरण-(मा.गु.)टबार्थ मागु.\ तीर्थनाथ श्रमण (भांका१३२) संवेगमाई\ अप.\ गा.६१ \ भले भणउ जाउ पर (पातासंघवी७२-३) संवेगशतक अप. गा. १०७ \ इह लोईयम्मिक जे ( भांका १०० ) ४३ संसक्तनिर्युक्ति\ प्रा.\ गा. ५० \ उसभाय वीरचरिमो ( पातासंघवी५९-३, पातासंघवी६२-२, पातासंघवी६३ - २, भांका१२३) संसारदावास्तुति - (सं.) अवचूरि सं. (पाकाहेम२३२८) संसारनिस्तारक गुरुगुण श्लोक सं.\ श्लोक २ \ त्रित्रेधाव्रतष (भांता७२) संसारभावनाकुलक\ प्रा. गा. २६ \ संसारम्मि असारे (पाताहेसं१६८, पाकाहेम९०२) संस्तारकप्रकीर्णक) प्रा. गा. १२४ \ काऊण नमोक्कारं (जेताजि१४६, पातासंघवीजीर्ण४६, पातासंघवीजीर्ण६५, पातासंघवीजीर्ण७८, पातासंघवीजीर्ण८५, पातासंघवी १६८, पातासंघवी२०२, पातासंघवी ११७-१, पातासंघवी १४५-१, पाताहेसं१६२, तालाद३८९, जेकाजि१९५१, पाकाहेम६६६, पाकाहेम९०२, पाकाहेम६५६९, पाकाहेम७३०७, पाकाहेम१००८७, पाकाहेम१०१४०, पाकाहेम१०४२८, पाकाहेम१०५१६, पाकाहेम१०५१७, पाकाहेम१०५१८, पाकाहेम१०५२०, पाकाहेम१०८०१, भांका१२३, भांका१६८, भांका२२३, भांका२२७, भांका२४६) संस्तारकप्रकीर्णक-(सं.) अवचूरि सं. (पाकाहेम १००८७) संस्तारकप्रकीर्णक- (सं.) टीका सं. (पाकाहेम१०४२८) सउण उवस्सुई-छाया-नाडि- निमित - जोइस सुविणय - रिट्ठदार प्रा. जालयभमरीगिहधन्न (पातासंघवी १८०-२) सगरचक्रवर्ती आख्यान \ प्रा. सुरवरकयमाणं नट् (पातासंघवी २०५ -१) सङ्क्षिप्तकथासङ्ग्रह गद्य) सं. ग्रं.४५९ (पाकाहेम १०१८३) सङ्क्षिप्तयोगविधि\ प्रा. गा. ९ \ नमिऊण वराणं गणह (भांता७०) सङ्क्षेप आराधना) प्रा. गा. २१ \ परमपयपत्ताणं जि (पातासंघवी ५९-२) सङ्क्षेप सर्वज्ञसिद्धि\ सं.\ इह हि विमलकेवला (भांका२९२) सङ्ख्यातासङ्ख्यातानन्तविचारगाथा * \ प्रा. ( पाकाहेम ११०४२) सङ्ख्यातासङ्ख्यातानन्तविचारगाथा - (सं.) विवरण सं. (पाकाहेम ११०४२) सङ्ख्येयासङ्ख्येयानन्तविचार \ सं.\ समयप्रसिद्धं सङ (भांता७०) Page #61 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ४४ विद्वान उपरथी कृति माहिती सङ्ग्रहणीप्रकरण प्रा. (पाताखेत४२, पातासंघवीजीर्ण४५, पातासंघवी६२-१, पातासंघवी१३०-२, पातासंघवी१७२-१, पाकाहेम६९६५) सङ्ग्रहणीप्रकरण-(सं.)अवचूरि। सं. ग्रं.७०० (पाकाहेम७५३२, पाकाहेम१०३७२) सङ्ग्रहणीप्रकरणयन्त्र सं. (पाकाहेम६९६४, पाकाहेम१०५७९) सङ्ग्रहणीप्रकरण-(मा.गु.)स्तबक मागु. ग्रं.४५१ (पाकाहेम१०३७३) सङ्ग्रहणीप्रकरण-(सं.)अवचूर्णि। सं. नमिउ० आदौ शास्त (भांका२४५) सङ्ग्रहणीप्रकरण-(प्रा.)नियुक्ति प्रा. (भांका९१) सङ्ग्रहणीप्रकरण-(सं.)अवचूर्णि\ सं. (पाकाहेम६९६५) सङ्ग्रहणीप्रकरण-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम१०५८१, पाकाहेम१०५८२) सङ्घकुलक\ प्रा.\ गा.२१ (पाकाहेम९६२०) सङ्घपट्टक-(सं.)टीका\ सं. (पाकाहेम६७२१, भांका२७४) सङ्घस्वरूप प्रा. सुहसीलतेण गहिए (भांता७०) सङ्घाधिपतिपदप्रदानप्रशस्ति सं. श्लोक१५\ विश्वसेनकुलोत्त (पाताहेसं५७) सज्जनचित्तवल्लभ-(मा.गु.)स्तबक\ मागु. (पाकाहेम१७९५८) सत्तानिरूपण सं. (भांका१९५) सत्पुरुषाष्टक सं. श्लोक९ (पाकाहेम१३७५, पाकाहेम८६८८) सत्यव्रतविषये ऋषिदत्ताकथा। सं. श्लोक९९ (पातासंघवी१२९) सदसद्वादस्थापनावादस्थल सं. (पाकाहेम८७९३) सद्गुरुपट्टगाथा प्रा. गा.२६। हरिसउरगच्छतिलओ (पाताहेसं११६) सद्दहणास्वरुप मागु. (पाकाहेम१०३६२) सद्भक्त्यास्तोत्र सं. गा.८\ सद्भक्त्या... (पाकाहेम१५८१७) सन्तिकरंस्तोत्रआम्नाय सं. (पाकाहेम८९१९) सप्ततिका षष्ठ प्राचीन कर्मग्रन्थ-(प्रा.)चूर्णि प्रा. ग्रं.२००० सिद्धिविवन्धव ब (पातासंघवीजीर्ण९०, तालाद३८३, वताकांति३९९) सप्ततिका षष्ठ प्राचीन कर्मग्रन्थ-(मा.गु.)टबार्थ मागु. (पाकाहेम६९७६) सप्ततिका षष्ठ प्राचीन कर्मग्रन्थ-(सं.)अवचूरि। सं. सिद्ध० सिद्धानि (भांका२०६) सप्ततिशतजिनस्तुति सं. का.४ (पाकाहेम१२१२४) सप्तनय-विवरण सं. जीवाजीवा चाश्रव (पातासंघवीजीर्ण५९, पाकाहेम६९४१) सप्तपदार्थी-(सं.)कणपोटली टीका\ सं. (पाकाहेम१०११२) सप्तविचार (भडलीना जेवू)। सं. (पातासंघवी१८०-२) सप्रपञ्चकालचक्र प्रा. गा.२३\ नमिऊण जिणं सुयद (भांता७०) सप्रपञ्चपृथ्वीकायादिविचार प्रा. कोट्ठय पत्तय चम (भांता७०) समयक्षेत्रसमास (भांता२५) समयसारप्रकरण-(मा.गु.)टबार्थी मागु. (पाकाहेम१०१४४) समवसरणगाथा\ प्रा. गा.१२\ जत्थ अपुवो सर (भांता७०) समवसरणगाथा-(सं.)टीका सं. समोसरणेत्यादि द (भांता७०) समवसरणस्तवन प्रकरण प्रा. गा.२३\ पडिवन्नचरमतणुणो (पाकाहेम१०२३) समवसरणस्तव-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम४४७२) समवसरणस्थापना प्रा.,सं. जे जम्मि जुगे त (भांता७०) समवायाङ्गसूत्र-(सं.)पर्याय सं. (जेताजि१४७, पाकाहेम७१११, पाकाहेम७१११) समवायाङ्गसूत्र-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम१४०१३) समस्याश्लोकसङ्ग्रह। सं. (पाकाहेम८६८४) समस्याश्लोकसङ्ग्रह-(सं.)टीका\ सं. (पाकाहेम८६८४) समस्यास्तवन। सं. श्लोक९ (पातासंघवी१७२-३) समासप्रकरण। सं. (पाकाहेम२६२१) Page #62 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विद्वान उपरथी कृति माहिती समासलक्षण-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम४८६१) समासविशेषभेद सं. (पाकाहेम६७१७) समुद्रदत्तकथा अनित्यताविषये। प्रा.\ गा.११८ (पातासंघवी१५७-१) समुद्राष्टक\ सं. श्लोक९ (पाकाहेम१३७५, पाकाहेम८६८८) सम्प्रति अवन्तिसुकुमालकथा। प्रा. गा.११९ (पाताहेसं१८५) सम्मूर्छितमनुष्योत्पत्तिस्थान#\ प्रा. कहं भन्ते सम्मु (भांता७०) सम्यक्त्वस्वाध्याय मागु. गा.१९ (पाकाहेम१०२३२) सम्यक्त्वारोपण विधि। सं. प्रथमं चैत्यभुव (भांता७०, पाकाहेम५२६८) सम्यक्त्वकुलक\ प्रा. गा.१७\ चउसद्दहण तिलिङ् (पाताखेत५, पाताखेत१२, पातासंघवी१३०-१, पाताहेसं१६८, पाताहेसं१८९, खंता८८, खंता११२, पाकाहेम४७३२) सम्यक्त्वविचारस्तवन प्रा. गा.२५ (पाकाहेम१०३७५) सम्यक्त्वविचारस्तवन-(मा.गु.)स्तबक मागु. (पाकाहेम१०३७५) सम्यक्त्वरत्नमहोदधि-(सं.)टीका\ सं. (पाकाहेम१०१६९) सम्यक्त्वपञ्चविंशतिका\ प्रा. गा.२५ (पाकाहेम११०५५, पाकाहेम११०५६, पाकाहेम११०५७, पाकाहेम११०५८) सम्यक्त्वपञ्चविंशतिका-(सं.)अवचूरि सं. (पाकाहेम११०५५, पाकाहेम११०५६, पाकाहेम११०५७) सम्यक्त्वविषये विक्रमसेनकथा। सं. श्लोक२२३ (पातासंघवी१२९) सम्यक्त्वविषये यन्त्रप्रकरणकथा। सं. श्लोक९९ (पातासंघवी१२९) सम्यक्त्वविषये उपदेश गाथा। प्रा. गा.२६ (पातासंघवी१३०-१) सम्यक्त्वकुलक प्रा. गा.२४\ वेसागिहेसु गमणं (पाताखेत६) सम्यक्त्वदण्डकी प्रा. अहं भन्ते तुम्ह (भांता७०) सम्यक्त्वदेशनागाथा प्रा.,सं. सम्मत्तदायगाणं (भांता७०) सम्यक्त्वद्वादशव्रतातिचार\ सं. श्रीवीरं देशकं (भांता७०) सम्यक्त्वगाथा प्रा. एगविहाई दसविहं (भांता७०) सम्यक्त्व बारव्रतकुलक\ मागु. गा.३४९ (पाकाहेम१०२४९) सम्यक्त्वपञ्चविंशतिका-(मा.गु.)स्तबक मागु. (पाकाहेम११०५५) सर्वजिन स्तुति। प्रा. गा.१०\ असुरसुरकिन्नरदे (पाताहेसं१६८) सर्वजिनस्तोत्र एकस्वरचित्रमय प्रा. गा.७\ जय जय जय जणवच्छ (पाकाहेम१०२३) सर्वजिनस्तुति प्रा. का.४\ एगे जे अरविन्दच (पाकाहेम१२३६७) सर्वजिनस्तोत्र-आदिमध्यान्त यमकमय-(सं.)अवचूरि। सं. हे मानगजसिंह पू (पाकाहेम१६१८५) सर्वजिनस्तोत्र-(सं.)अवचूरि। सं. श्रीऋषभपक्षे हे (पाकाहेम१६१८५) सर्वज्ञत्वसिद्धिवादस्थल सं.\ इह केचिदहङ्कारश (पाकाहेम८७९५, भांका२१४, भांका२९२) सर्वज्ञदेवसहस्रनामस्तोत्र। सं.\ श्लोक१२८ (पाकाहेम८२२०) सर्वज्ञपरीक्षा प्रा.\ गा.१४१\ एवं अण्णाइ कालं (तालाद३३९) सर्वज्ञवादस्थल\ सं.\ सकल प्रत्यक्षं (भांका२९२) सर्वज्ञव्यवस्थापनवादस्थल सं. (पाकाहेम८७९६) सर्वज्ञव्यवस्था प्रकरण। सं. (पातासंघवी१३५-२) सर्वज्ञव्यवस्थापननामप्रकाश (डतामुक्ता४५८) सर्वज्ञव्यवस्थापनावादस्थल सं.\ इह हि केचिदज्ञा (भांका२९२) सर्वज्ञसिद्धिप्रकरण सं. (पाकाहेम८७९४) सर्वज्ञसिद्धिनिरूपण सं. (पातासंघवीजीर्ण८८) सर्वज्ञस्तुति प्रा.मागु. (पाकाहेम११०८२) सर्वलब्धिविचार\ प्रा. आमोसहि १ विप्पो (भांता७०) सर्वविरतिप्रायश्चितसक्षेप सं. (पाकाहेम७९५१) सर्वव्यसायविधिकरणप्रक्रम सं. गा.१९१ (पातासंघवी१८०-२) सर्वव्यापिआत्मवाद निरास स्थल। सं.आत्मा सर्वगतो न (पाकाहेम८७९२) Page #63 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विद्वान उपरथी कृति माहिती सर्वसामान्य स्तोत्र सं. गा.२२ (पातासंघवी२०६-२) सर्वसिद्धान्तविषमपदर्याय। सं. (अताका५००) सर्वानुमानोत्थापनस्थल सं. ननु भोः कोविदकु (भांका२१४) सर्वार्थनिराकरणवाद स्थल सं. यः कश्चिदिहविपश (भांका२९२) सविचारस्थण्डिलचक्र प्रा.,सं. गा.१०\ अहियासियाए अन्त (भांता७०) सागरकथा लोभे\ प्रा. गा.९९ (पाताहेसं१८५) सागरकथादिकथासङ्ग्रह सं. (पाकाहेम९७५१) सागारप्रत्याख्यान विधि प्रा. गा.९\ पडिवज्जसु निस्स (पातासंघवी११७-१, पातासंघवी१४५-१) सागारप्रत्याख्यान\ प्रा. गा.५ एस करेमि पणामं (भांता७२) साधारणजिनस्तवन प्रा. गा.१२ (पाकाहेम११०८६) साधारणजिनस्तव प्रा. गा.२१ (पातासंघवी१९८-२) साधारणजिनस्तोत्र-(सं.)टिप्पण\ सं. (पाकाहेम१२२५०) साधारणजिनस्तव-(सं.)अवचूरि सं. (पाकाहेम१२२५७) साधारणजिनस्तव-(सं.)टीका सं. (पाकाहेम१२२५९, पाकाहेम१२३५८) साधारणजिनस्तवन एकद्विबहुवचनतुल्य-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम१२३०५) साधारणजिनस्तवन। सं. का.९\ शान्तो वेशः समस (पाकाहेम१२३१०) साधारणजिनस्तुति सं. गर्भे जन्मनि दी (पाकाहेम१२३७०) साधारणजिनस्तवन। सं.\ का.६\ प्रातिहार्यकलित (पाकाहेम१२३७१) साधारणजिनस्तवन-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम७४०६) साधु आहार एषणादि दोषगाथा प्रा.,सं\ आहाकम्मदेशीय पर (पातासंघवी५९-३) साधुगुण(?) श्लोक१३ (पातासंघवी५६-२) साधुगुणकुलकी प्रा. गा.२४ (पाकाहेम१२१२४) साधुत्वव्यवस्थापनवाद स्थल। सं. (पाकाहेम८८०२) साधुपाक्षिकअतिचार मागु. (पाकाहेम६९३८, पाकाहेम६९४०, पाकाहेम७४८९, पाकाहेम७४९०, पाकाहेम१०२७९) साधुप्रतिक्रमणसूत्री प्रा. गा.५३ (भांता६४, पाकाहेम१०४३३) साधुलक्षण। सं.\ श्लोक२२\ क्षुधार्तः शक्त (भांता७०) साधुवर्णन प्रा. एतेय सरीरवायर व (भांता७०) साधुश्रावकसामाचारी प्रा.,सं.\ आयारमयं वीरं... (पाताहेसं१५८, पाकाहेम२५९६, पाकाहेम७०३७, पाकाहेम७३८९, पाकाहेम७९३३, पाकाहेम११७२६) साधुश्रावकषडावश्यकसूत्रादि। प्रा.,सं.मागु. (पाकाहेम१०४५३) साधुश्रावकसामाचारी प्रा.,सं. ग्रं.२०००\ नमिऊण तिलोयगुरु (पाताहेसं१०६, खंता१३७) साधुश्रावकव्रतनिरूपण प्रा. सुदं में आउसं त (पातासंघवीजीर्ण९२) साधुषडावश्यकसूत्री प्रा.,सं. (पाकाहेम६९३५, पाकाहेम७४७५) साधुसामाचारीकुलक\ प्रा.,मागु. (पाकाहेम११०८२) साध्वीलोचविधि प्रा. अहसा भमरसन्निभे (भांता७०) सामाचारी प्रा. आयारविहीनिलओ... (पातासंघवीजीर्ण४०, पाकाहेम११७२९) सामाचारी (पातासंघवीजीर्ण६७, पाताहेसं१७१-२, वताकांति४१५) सामाचारी सं. (पातासंघवीजीर्ण७०) सामाचारी प्रा. गा.७ (पातासंघवीजीर्ण९०) सामाचारीध्यान? प्रा. गा.२६ (पातासंघवीजीर्ण९०) सामाचारीशतक-(मा.गु.)बीजक मागु. (पाकाहेम११०९८) सामान्य व्रतोच्चारण विधि। प्रा.,सं. नमस्कारपूर्वकं (पाकाहेम१२७५५) सामान्यजिनस्तुति। सं. श्लोक५ गम्भीरस्तम्भमूर (तालाद३३९) सामान्यजिनस्तुति प्रा. गा.४ समहिय समहिय... (पाकाहेम१२३६७) सामान्यजिनस्तुति। सं. (पाकाहेम१२१३३) Page #64 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विद्वान उपरथी कृति माहिती सामायिक बत्रीसदोष सज्झाय मागु गा. २९ (पाकाहेम१२१८९) सामायिकग्रहणविधि (सं. सामायिकमुखवस्तू (भांता७०) सामायिकपौषधपारणविधि सं. पौषधधारणके प्रथ (भांता ७० ) सामायिकप्रकरण\ प्रा.\ गा. १५ \ सम्मसुयदेसविरई (पाताखेत १२ ) सामुद्रिकशास्त्र\ सं.\ श्लोक १८ (पातासंघवी५७ -२, पातासंघवी६०-३, पाकाहेम१६१६७, पाकाहेम१६१६८) सामुद्रिकशास्त्र - (मा.गु.) स्तबक \ मागु. ( पाकाहेम १६१६७) सामुद्रिकविविधसङ्ग्रह\ मागु. (पाकाहेम८९१४) सामुद्रिकशास्त्र (सं.) श्लोक ११५ (पाकाहेम८९१३) सारसमुच्चयकुलक प्रा. गा.३८ \ नरनरवइदेवाणं जं (पाताखेत६) सारस्वतधातुपाठ - (सं.) अवचूरि सं. (पाका हेम १०२०७) सारस्वतव्याकरण-(सं.)टीका सं. (पाकाहेम१०२०६) सारस्वतव्याकरण-तृतीयसन्धिगत निपातसूत्र - (सं.) व्याख्या सं. (पाकाहेम५२४४) सारावली प्रकीर्णक\ प्रा. गा. ११६ \ आरम्भेसु नियत्त (खंता १२१, पाकाहेम६६६, पाकाहेम१४९३५, भांका२५८) सिंहव्याघ्रकथा क्रोधे (पाताहेसं १८५) सिंहाष्टक\सं.\ श्लोक ११ (पाकाहेम१३७५, पाकाहेम८६८८) सिद्धचक्र स्तुति सं. का. १२ ( पातासंघवी २०६-२) सिद्धदण्डिकाविचार प्रा. ( पाकाहेम १५८०९) सिद्धपञ्चाशिकाप्रकरण-(सं.) अवचूरि\ सं. (पाकाहेम१३५७६) सिद्धपञ्चाशिकाप्रकरण-(मा.गु.) बालावबोध\ मागु. (पाकाभाभा४४) सिद्धपूजाप्रक्रम, नैवेद्यप्रक्रम, प्रदीपारात्रिकप्रक्रम, पूजाप्रक्रम, मातरपूजाप्रक्रम, स्थापनाचार्यप्रक्रम, षड्विधावश्यकप्रक्रम, आर्यिका प्रक्रम सं., प्रा. मग्गे नाणाण सिव (पातासंघवी६२-२) सिद्धप्राभृतसूत्र\ प्रा.\ गा. १२१ \ तिहुयण पणए तिहु (जेताजि३२, जेताजि३३, जेताजि३८, पातासंघवी६८-३, खंता२०, तालाद४००, पाकाहेम६५५५, पाकाहेम१००९४) सिद्धप्राभृतसूत्र-(सं.)वृत्ति सं. ग्रं.८१५ \ सकलभुवनेशभूतान् (जेताजि३२, जेताजि३३, जेताजि३८, पातासंघवी६८-३, खंता २०, तालाद४०१, पाकाहेम६५५५, पाकाहेम १००९४) सिद्धविभक्तिविंशिका\सं.\ श्लोक २० \ सिद्धानां च विभ (पुप्रे४१८ ) सिद्धश्चतुर्दशकव्याख्या\ सं.\ उवओगे आहारे इत् (भांता७०) सिद्धसुख वर्णन\ सं.\ नत्वा त्रिभुवनग (पुप्रे ४ १८ ) सिद्धसेनदिवाकरचरित्र\ प्रा. सिरिसिद्धसेण पा (पातासंघवी १०६-३, पातासंघवी १३६-२) सिद्धहेमद्वितीय-तृतीयपाद सन्धिगर्भजिनस्तवन *\ सं. का. १० (पाकाहेम९७४२) सिद्धहेमद्वितीय-तृतीयपाद सन्धिगर्भजिनस्तवन- (सं.) अवचूरि\ सं. (पाकाहेम९७४२, पाकाहेम१०६७१) सिद्धहेमशब्दानुशासननी लघुवृत्ति - (सं.) अवचूरि \ सं. सर्वज्ञं सर्वदे (पाकाहेम१०२००) सिद्धहेमशब्दानुशासन नी (सं.) लघुवृत्ति नी (सं.) व्युत्पत्तिदीपिका सं. (पाकाहेम१०१९८) सिद्धहेमशब्दानुशासन-( सं .) अवचूरि सं. (पातासंघवी १८९-२, पाकाहेम८५२५, पाकाहेम१०१९९) सिद्धहेमशब्दानुशासन-(सं.) लघुवृत्तिनी (सं.) अवचूरि सं.\ सर्वज्ञं सर्वदे (पातासंघवीजीर्ण५५, पातासंघवीजीर्ण५५, पातासंघवीजीर्ण७५, पातासंघवीजीर्ण८३, पातासंघवी७२-१) सिद्धहेमशब्दानुशासन-(सं.) बृहद्वृत्तिनो सङ्क्षेप - (सं.) कक्षापट वृत्ति सं. (पाकाहेम७१७७) सिद्धहेमशब्दानुशासन-(सं.) लघुवृत्तिनी (सं.) अवचूरि ढुण्डिका सं. ग्रं. ३२०० (पाकाहेम६६०९) सिद्धहेमशब्दानुशासन-(सं.) लघुवृत्तिनी (सं.) अवचूर्णि \ सं. (पाकाहेम१०३९७) सिद्धहेमशब्दानुशासन-(सं.) दीपिका टीका सं. (पाकाहेम१०१९९) सिद्धहेमशब्दानुशासननो हिस्सो अष्टमाध्याय प्राकृतव्याकरण चतुर्थपाद - ( सं .) बृहद्वृत्ति की ( सं . + अप.) दोधक टीका सं., अप. (पाकाहेम७१९२) ४७ सिद्धहेमशब्दानुशासन-बृहद्वृत्तिनी (सं.) टिप्पणी \ सं. ( पाताहेसं १२८, पाताहेसं१२९, खंता२४३) सिद्धहेमशब्दानुशासन-लघुवृत्ति - (सं.) विवरण \ सं. (पाताहेसं १५७) सिद्धहेमशब्दानुशासननो हिस्सो अष्टमाध्याय प्राकृतव्याकरण- (सं.) अवचूरि\ सं. (पाकाहेम७१९१) Page #65 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ४८ विद्वान उपरथी कृति माहिती सिद्धहेमशब्दानुशासन-(मा.गु.)बालावबोध मागु. (पाकाहेम१०६७२) सिद्धहेमशब्दानुशासन-बृहद्वृत्तिना लघुन्यासनो लघुन्याससक्षेप सं. (पाकाहेम२१६२) सिद्धहेमशब्दानुशासन-द्व्याश्रय संस्कृत महाकाव्य-(सं.)दुर्गमार्थबोधिनी टीका। सं. (पाताहेसं१५१) सिद्धाचलमण्डन ऋषभजिनस्तवन सं. श्लोक१४ सिद्धाचलश्रीललन (पाकाहेम११६६६) सिद्धाचलस्तुति। सं. श्लोक४ (पाकाहेम१२१२४) सिद्धादेश सं.\ श्लोक६२\ सिद्धादेशं प्रव (पातासंघवी१८०-२) सिद्धान्तालापकादि प्रा. (पाकाहेम८१३९) सिद्धान्तगत लेखादिस्वरूप प्रा.,सं. (पाकाहेम८१४२) सिद्धान्तगतअनेककथासङ्ग्रह प्रा.,सं. (पाकाहेम८१४२) सिद्धान्तसारप्रकरण-आचरणोपन्यासप्रकरण सं. (पाकाहेम९६२२) सिद्धान्तगतअनेकविचारसङ्ग्रह) प्रा.,सं. (पाकाहेम११११६) सिद्धान्तविचार मागु.,सं.प्रा. (पाकाहेम१३६८७) सिद्धान्तरत्नावली-(सं.)टिप्पन सं. (भांका१९०) सिद्धिकुलक\ प्रा.\ गा.१३\ ज्झायन्तो सुहज् (पाताहेसं१६८) सियाचरित्र प्रा. कमनहकन्तिजलेण व (भांका२६०) सीतासत\ अप.। गा.२०\ पूरवि दसरथु जाण (पातासंघवी१४१-२) सीमन्धरजिनस्तुति प्रा. गा.४\ महीमण्डनं पुण्ण (पाकाहेम११६८३) सीमन्धरजिनस्तोत्री प्रा. गा.२० (पाताहेसं१६८) सीमन्धरजिनस्तुति। अप. केवलनाणसहाणं... (भांता७२) सीमन्धरस्तव भाषाष्टकमय-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम१२३०२, पाकाहेम१२३०३) सीमन्धरस्तुति। सं. का.४\ कोटाकोट्यतर... (पाकाहेम१२३८४) सीमन्धरस्वामिस्तवन प्रा. गा.२१ (पाकाहेम४६४०) सुअधम्म प्रा. गा.१० (पातासंघवीजीर्ण८६-२) सुकोशलकथा प्रा. (पातासंघवीजीर्ण८९, पातासंघवी१०६-३) सुकोशलचरित्र प्रा. गा.१०७१ अह एत्तो वीसइमे (पाताखेत१२, पाताखेत५०, खंता१२१) सुकोशलचरित्र अप. पणमं सिरिअरहन्त (पाताखेत६) सुगरिट्ठ प्रा. गा.१६ (पातासंघवीजीर्ण८६-२) सुगुणकुमारकथानक\ सं. धर्माद् धनं धनत (भांका१९७) सुगुरुसामाचारीकुलक\ अप. गा.३३ (पाकाहेम७३०७) सुदर्शनश्रेष्ठिकथादि कथाओ\ सं. (पाकाहेम८१३५) सुदर्शनाचरित्र प्रा. (खंता२२२, अताका४८९, अताका४९०) सुन्दरिदेवीकथानक- शीलव्यावर्णने। प्रा. गा.१०१ (पातासंघवीजीर्ण८८) सुबाहु आदि कथासङ्ग्रह) प्रा. (पातासंघवी९९) सुबाहुकुमारकथा प्रा. ग्रं.२७६१ गा.२१५\ अत्थेत्थ भरहवास (पातासंघवीजीर्ण८१, भांता६९, तालाद३८४) सुबाहुचरित्र प्रा. गा.२१९\ नमिऊण जिणं वीरं (जेताजि२२४, पातासंघवी६१-२, पातासंघवी१५६-१, ___ पातासंघवी१८४-१, खंता१२१, खंता२२६) सुबोधसामाचारी प्रा. (पाकाहेम५२६८) सुभद्राकथा श्लोकबद्ध सं.\ श्लोक६२ (पाकाहेम४००१) सुभद्रापरिणयनछायानाटक-(सं)टिप्पण। सं. (पाकाहेम३७३३) सुभाषितश्लोकसङ्ग्रह। सं.प्रा.,मागु. (जेताजि१९१, जेताजि४००, पाकाहेम२७१६, पाकाहेम५२३२, पाकाहेम५२३३, पाकाहेम५२५७, पाकाहेम७३९५, पाकाहेम८६८८, पाकाहेम८६९७, पाकाहेम८७००, पाकाहेम८७०१, पाकाहेम८७०२, पाकाहेम८७०३, पाकाहेम१३९४१, पाकाहेम१४९८२, भांका१००, भांका२६८) सुभाषितसारोद्धार सं.\ श्लोक४६५० (पाकाहेम२७१३) सुभाषितावली\ प्रा. गा.३१ (पाकाहेम३७८९) सुभाषितावली-(मा.गु.)स्तबक मागु. (पाकाहेम३७८९) Page #66 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विद्वान उपरथी कृति माहिती सुरनारकषड्लेश्याविचार\ सं. सुरनेरइयाण छल्ल (भांता७०) सुराश्रावकपरिग्रहपरिमाण) प्रा. गा. २७ (पाकाहेम७१२४) सुसार अप. पणमवि तित्थेसरु (पातासंघवी२०५ -१) सुवर्णरौप्यसिद्धिशास्त्र प्रा.सं.\ धम्मो मङ्गलमुक् ( तालाद३२९) सुविहाणस्तवन\ अप.\ गा.१४ (पाकाहेम३८९४) सुविहितकुलक प्रा.गा. ३४ \ सिद्धत्थपत्थिवस (भांता७०) सुव्रतऋषिकथानक-मौनएकादशीकथानकपद्य) प्रा. गा.१५९ (पाकाहेम १०१७६) ढकथा प्रा. (पाताहेसं १७१-१२) सूक्तसङ्ग्रह\ सं.\ ग्रं.९९ ( जेकाजि२६१, पाकाहेम२७१७) सूक्तसङ्ग्रह सं. जयतिसरोरूहवसतिर (पातासंघवीजीर्ण७१) सूक्तावली सं., प्रा. (पाकाहेम३७८९, पाकाहेम१०२१८) सूक्तावली सं. (पाकाहेम२७१५, पाकाहेम६११४ ) सूक्तावली - (मा.गु.) स्तबक मागु. ( पाकाहेम३७८९) सूक्ष्मार्थविचारसारप्रकरण - (प्रा.) चूर्णी प्रा. (जेताजि१६२, डतामुक्ता४५३) सूक्ष्मार्थविचारसारप्रकरण - (प्रा.) विवरण प्रा. नाणज्झाणबलेण जे (पातासंघवी १७० - १, भांता६८, जेकाजि२०८) सूक्ष्मार्थविचारसारप्रकरण - (सं.) वृत्ति \ सं. (पातासंघवी ११३-२, पातासंघवी ११४-१) सूत्रकृताङ्गसूत्र-(सं.)पर्याय सं. (जेताजि१४७, पाकाहेम७१११, पाकाहेम७१११) सूत्रकृताङ्गसूत्र-(प्रा.सं.)चूर्णी (प्रा.सं.\ श्लोक ९५०० \ णमो अरहन्ताणं.. ( तालाद३१९, जेकाजि६२, पाकाहेम६५३४, पाकाहेम६५४८, पाकाहेम९९९१, पाकाहेम१४९३८, भांका१०४, भांका२६४) सूत्रकृताङ्गसूत्रपर्याय मागु. ( पाकाहेम १०४११) सूत्रकृताङ्गसूत्र - (मा.गु.) बालावबोध) मागु. (पाकाहेम१०५२४) सूत्रकृताङ्गसूत्र- (सं.) टीका सं. (पातासंघवीजीर्ण९५) गुणस्वरूपगाथा प्रा. (पाकाहेम१२३८१) सूरिगुणस्वरूपगाथा - (सं.) टीका सं. (पाका १२३८१ ) सूरिनामगर्भित नेमिनाथस्तवन सं . श्लोक १० (पाकाहेम १०२२) सूरिविजय महामन्त्र\ प्रा. \ ॐनमो जिणाणं मन (भांता७०) सूर्य आभ्यन्तर मण्डल विवरण | प्रा.सं.\ सव्वेसिं सूराणं (पातासंघवीजीर्ण९२) सूर्यप्रज्ञप्तिसूत्र\ प्रा.\ ग्रं.२२०० \ नमो अरिहन्ताणं । (जेताजि३४, पातासंघवी२६, खंता २१, तालाद३१६, जेकाजि६४, पाकाहेम६५७६, पाकाहेम १००२२, पाकाहेम १०४१८, पाकाहेम १०४७३, पाकाभाभा १९, पुणे ४११ ) सेवालेखकाव्य-विजयप्रभसूरिप्रत्ये लखेलो लेख सं.\ श्लोक १९० ( पाकाहेम८०११) सोमसुन्दरसूरिस्तुति\ मागु. सिरितपगछनायग भु (पाकाहेम१११५१ ) सौभाग्यसुन्दरीकथा नमस्कारप्रभावे \ प्रा. गा. १२० (पातासंघवी १५७-१) स्तम्भनकपार्श्वनाथस्तुति\ मागु.) गा. १३ \ सखे थाम्भणइ पास (पाकाहेम९०२) स्तम्भनपार्श्वनाथ शृङ्खलालङ्कारमय स्तवन # \ सं. का. ८ \ स्वीमि तं पार् (पाकाहेम१२३६७) स्तम्भनपार्श्वजिनस्तवन \ सं.\ श्लोक ५ \ स्तुवे श्रीस्तम (पाकाहेम१२३७८) स्तुति द्वात्रिंशिका सं. का. ३४ (पातासंघवी२०६-२) द्वात्रिंशिका अप. गा. ३२ \ विणनयरी नाभि मर (पातासंघवी २०६ - २) स्तोत्रावली\ सं.\ नत्वा जगद्गुरुद (पातासंघवीजीर्ण८६-२, तालाद३५५) स्त्रीनिर्वाण केवलिभुक्ति\ सं.\ इह च ये स्त्रीन (पाताहेसं १८८) स्त्रीनिर्वाणसिद्धिवादस्थल सं. सर्वं वाक्यं सा ( भांका२९२ ) स्त्रीमुक्तिव्यवस्थापनवादस्थल \ सं. (पाकाहेम८८०३) ४९ स्थविरावलीयुगल-(सं.)अवचूरि\ सं. (पाकाहेम२३२८) स्थविरावलि - (सं.) वृत्ति सं. ( पाताहेसं १०५) स्थविरावली \ सं. (पातासंघवी५५-२) स्थानाङ्गसूत्र - (सं.) पर्याय सं. (जेताजि१४७, पाकाहेम७१११, पाकाहेम७१११) Page #67 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५० विद्वान उपरथी कृति माहिती स्थानाङ्गसूत्रना बोल\ मागु. (पाकाहेम१०५२७) स्थानाङ्गसूत्रनो हिस्सो (प्रा.)ठाणाङ्गगत पाठ\ प्रा. (पातासंघवीजीर्ण३१, पातासंघवी६२-२) स्थापनाकल्प-लघु सं. (पाकाहेम८२२६) स्थापनाचार्यविचार सं. (पाकाहेम१०७७९) स्थापनाचार्य प्रतिष्ठा विधि। प्रा. करेमि भन्ते साम (भांता७०) स्थूलिभद्रकथानक प्रा. गा.१२\ इत्थ भारहि... (पाताहेसं१६८) स्नात्रकुसुमाञ्जलि। सं.,प्रा.,अप. मुक्तालङ्कारविक (पाताखेत२३) स्याद्वादविरोधपरिहारवादस्थल सं. (पाकाहेम८७९३) । स्याद्वादचूलिका-(हि.)भाषाटीका हिन्दी\ भूयः अपि मनाक (भांका२८४) स्याद्वादपुष्पकलिका\ सं. श्लोक १४६ नत्वा संयमवामेय (भांका१६२) स्वप्नफल प्रा. गा.१०\ चिन्तइज... (पातासंघवी६२-२) स्वप्नसप्ततिकाप्रकरणगतगाथा प्रा. गा.३८ किञ्चोदाहरणाइं (जेताजि१५४, जेताजि२१९, पाकाहेम६५९६) स्वप्नाध्याय। सं. श्लोक४२ (पाकाहेम१६४८१) स्वयम्भूस्तोत्र-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम१६१८४) स्वरोदयवार्ता। ब्रज टेस्टीङ्ग आदिवा (जेताजि१००००, पाकाहेम१४५०८) स्वाध्यायप्रस्थापनविधि प्रा. तयाणन्तरं वाणाय (भांता७०) हंसपादकथा। सं. (पाकाहेम७४३३) हंसाष्टक\ सं.\ श्लोक९ (पाकाहेम१३७५, पाकाहेम८६८८) हरमेखलोद्धार सं. (पाकाहेम८९२१) हरस-मसा औषधादि। गुजराती (पाकाहेम५१०८) हरिणाष्टक\ सं.\ श्लोक९ (पाकाहेम१३७५, पाकाहेम८६८८) हरिवाहन चरित्र (वताहंस४४३) हस्तरेखा विज्ञान प्रा. (वताकांति४३८) हस्तिपालस्वप्नफल सं. श्लोक५० (पातासंघवी६२-२) हानर्षिगणिए हेमविमलसूरिनी शाळामां मोकलावेल प्रश्नपत्रना उत्तरो मागु. (पाकाहेम३७७०) हिताचरणप्रकरण-(सं.)बीजक सं. (पाकाहेम१४६०) हितोपदेशकुलक\ प्रा.\ गा.२५\ भो भव्वा सवणञ्ज (पातासंघवी५९-२, भांता६९, पाकाहेम१११५३) हितोपदेशकुलक\ प्रा. गा.८ (पाकाहेम११०८६) हुण्डीपत्र (जेताजि१००००, भांका९५) हेतुबिन्दुतर्क-(सं.)टीका सं. यः सञ्जात महाकृ (पातासंघवी२०१-२) हेतुबिन्दु। सं. (पातासंघवी२०१-२) हैमधातुपाठसक्षेप सं. (पाकाहेम६५९९) हैमलिङ्गानुशासन-(सं.)अवचूरि\ सं. (पाकाहेम७२२३, पाकाहेम१०२०२) हैमलिङ्गानुशासनना (सं.)विवरणनो (सं.)उद्धार सं. (पाकाहेम१०२०१) हैमविभ्रमसूत्र सं.\ श्लोक२२\ testing adivaky (जेताजि१००००, पाकाहेम८६७९, पाकाहेम८६७९) अज्ञात-मुनि ऋषिमण्डलप्रकरण-(सं.)बृहद्वृत्ति - कथासहित सं. (पातासंघवी१९९-१) कर्मग्रन्थ-(सं.)टीका *\ सं. (पातासंघवीजीर्ण८८) कालचक्र प्रा. गा.३४ (पातासंघवीजीर्ण७३) कालिकाचार्यकथा। प्रा. सयलधरासुपसिद्धं (वताकांति४२९) क्षेत्रसमासप्रकरणी प्रा. गा.९१\ वीरं कणयसरीरं प (पाताखेत३४-३) गाथाकोशोद्धार प्रा. (पाकाहेम३९९०) चन्द्रप्रभस्तुति\ प्रा. गा.४ (वताकांति४१९) चैत्यवन्दनसूत्रादि प्रा.,सं. (वताकांति४२५) चौरासी गच्छनी पट्टावली\ सं.,मागु. (अताका५०८) Page #68 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५१ विद्वान उपरथी कृति माहिती जम्बूद्वीपप्रज्ञप्तिसूत्र-(सं.)अवचूर्णि\ सं. नत्वार्हन्तं गु (पुप्रे४१२) तीर्थोद्गालिक प्रकीर्णक प्रा. ग्रं.१५६५ गा.१२३३\ जयइ ससिपायनिम्म (पातासंघवी१२४-२, पाकाहेम६६६, पाकाहेम६७३९, पाकाहेम१००९२, भांका२२१, भांका२२७) दशवैकालिकसूत्र-(प्रा.)चूर्णि\ प्रा.\ ग्रं.७९७०\ णमो अरहन्ताणं० (पाकाहेम१४९२७) दशवैकालिकसूत्र-(सं.)बृहद्वृत्त्यनुसारिणी (सं.)वृत्ति। सं. (पुप्रे४०८) धनदकथानक-चतुर्थव्रततृतीयातिचारविपाके\ प्रा.\ गा.१०४\ कक्खोरुहवयणाईरम (पातासंघवीजीर्ण९२) पढमस्सयकज्जगाथा। प्रा. गा.१५\ पढमस्सयकज्जस्सा (पातासंघवीजीर्ण९०) प्रतिष्ठाविधि। सं.प्रा. (पातासंघवीजीर्ण५८-३) योगविधानविंशिका\ सं.\ श्लोक२०\ मोक्षेण योजनाद् (पुप्रे४१८) वीरजिन सिद्धिगमन पश्चात् मोक्षगामी गणधरों का वर्षमान प्रा. वीरजिणे सिद्धिग (पाताहेसं१६६) श्रावकधर्म सम्यक्त्वरत्न प्रा. गा.३७\ पणित्तुपायकमलं (पाताखेत३६) श्रावकव्रतभङ्गभेदसङ्ख्या । सं.। श्लोक१४\ प्रणम्य समस्तपर (पुप्रे४१८) षडावश्यक प्रा. (पाताखेत६) सिद्धपञ्चाशिकाप्रकरण-(सं.)छाया। सं. सिद्धं सिद्धार् (पुप्रे४१८) अनन्तहंस-गणि दृष्टान्तरत्नाकर श्लोकबद्ध सं. (पाकाहेम१७७२) अनुभूतस्वरुप-यति प्रमाणरत्नमाला-(सं.)टीका। सं. (पाकाहेम६८०९) अनुभूतिस्वरुप-आचार्य (प्र. नाम-आचार्य-अनुभूतिस्वरूपाचार्य)-जैनेतर सारस्वतधातुपाठ। सं. (पाकाहेम१०२०७) सारस्वतव्याकरण सं. (पाताहेसं१७६, पाकाहेम१०२०४, पाकाहेम१०२०५, पाकाहेम१०३३३) अनुभूतिस्वरूपाचार्य - जुओ - अनुभूतिस्वरुप-आचार्य अन्नं भट्ट-जैनेतर तर्कसङ्ग्रह-(सं.)तर्कदीपिका टीका सं. (भांका२८६) अप्पय दीक्षित-जैनेतर कुवलयानन्दकारिका। सं. (पाकाहेम१३१६०) अभय गणि-गणि सुभद्राचरित्र अप. पणमेविणु जिणु स (पातासंघवीजीर्ण७६) अभयचन्द्र-अज्ञात लघीयस्त्रयप्रकरण-(सं.)टीका सं. (लिंता१४) अभयतिलक-गणि सिद्धहेमशब्दानुशासन-द्व्याश्रय संस्कृत महाकाव्य-(सं.)वृत्ति। सं. ग्रं.१७५७४\ श्रीभूर्भुवः स् (जेताजि३३५, जेताजि३३६, जेताजि३४०, पातासंघवीजीर्ण९०, पातासंघवी२८, पातासंघवी९५, पातासंघवी२९-१, पातासंघवी६४-१) अभयदेवसूरि-आचार्य (प्र. नाम-आचार्य-तर्कपञ्चानन) अनुत्तरौपपातिकदशाङ्गसूत्र-(सं.)वृत्ति। सं.\ ग्रं.१०५\ अथानुत्तरौपपाति (जेताजि१९, जेताजि२१, जेताजि२२, पातासंघवीजीर्ण१२, पातासंघवी३३-१, पाताहेसं६, खंता१२, खंता१३, खंता१४, जेकाजि१८, पाकाहेम१५८, पाकाहेम६९०६, पाकाहेम१०००७, पाकाहेम१४९०६, पाकाभाभा८) अन्तकृद्दशाङ्गसूत्र-(सं.)अभयदेवीय वृत्ति। सं. ग्रं.१३५६\ अथान्तकृद्दशासु (जेताजि१९, जेताजि२१, जेताजि२२, जेताजि२३, पातासंघवीजीर्ण१२, पातासंघवी३३-१, पाताहेसं६, खंता१२, खंता१३, खंता१४, जेकाजि१८, पाकाहेम१५८, पाकाहेम१०००७, पाकाहेम१४९०६, पाकाभाभा८) अष्टकप्रकरण-(सं.)टीका सं. ग्रं.३३७० (जेकाजि१५५१, जेकाजि२२०५, पाकाहेम६७४२) आदिजिनस्तवन। अप. (पाकाहेम१४९७१) उपासकदशाङ्गसूत्र-(सं.)वृत्ति। सं. ग्रं.९००\ श्रीवर्द्धमानमा (जेताजि१९, जेताजि२१, जेताजि२२, जेताजि२३, पातासंघवी३३-१, पाताहेसं६, खंता१२, खंता१३, खंता१४, जेकाजि१८, पाकाहेम६९०६, पाकाहेम१०००७, पाकाहेम१०५३८, पाकाहेम१४९०६, पाकाभाभा८, पुप्रे४५७, पुप्रे४५८) Page #69 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५२ विद्वान उपरथी कृति माहिती औपपातिकोपाङ्गसूत्र-(सं.)टीका सं. ग्रं.४३००\ श्रीवर्द्धमानमा (जेताजि२४, पातासंघवीजीर्ण१३, खंता१५, भांता७३, वताकांति४०६-१, अताका४७२, अताका५०४, जेकाजि२०, पाकाहेम२१७, पाकाहेम२१९, पाकाहेम२२२, पाकाहेम६९१३, पाकाहेम६९१५, पाकाहेम१००११, पाकाहेम१०३४४, पाकाहेम१६७३७, पाकाहेम१६७३८) जयतिहुअणस्तोत्री अप. गा.३०\ जयतिहुवण कप्परु (जेताजि१५६, पातासंघवी२०६-२, जेकाजि१३२६, पाकाहेम१०२२, पाकाहेम१०१९२, पाकाहेम१०६५८, भांका२९३) । जयन्तविजयमहाकाव्य सं. श्लोक२२२० (पाकाहेम२६०६, पाकाहेम६६४१) ज्ञाताधर्मकथाङ्गसूत्र-(सं.)वृत्ति। सं. ग्रं.४३६६। नत्वा श्रीमन्मह (जेताजि१७, जेताजि१८, जेताजि१९, जेताजि३९६, जेतालौर, पातासंघवी६, पातासंघवी४२, पाताहेसं५, खंता११, खंता१२, खंता१३, भांता५२, लिंता३४१९, अभ२, जेकाजि१६, पाकाहेम१२५, पाकाहेम६९०२, पाकाहेम१०००२, पाकाहेम१०४१३, पाकाभाभा२८, पाकाभाभा२९) नवतत्त्वप्रकरण-(प्रा.)भाष्य प्रा.\ गा.१५२\ इय पुव्वसूरिविर (जेताजि१५४, जेताजि१५५, जेताजि१७१, पाताखेत५०, पातासंघवी१४६-१, जेकाजि७४) पञ्चनिर्ग्रन्थसङ्ग्रहणीप्रकरणी प्रा. ग्रं.१३० (जेताजि१९१, पाकाहेम१०५९६) पञ्चाशकप्रकरण-(सं.)वृत्ति। सं. ग्रं.१४४२ (जेताजि२०८, जेताजि२०९, पातासंघवी२२) प्रज्ञापनातृतीयपदसङ्ग्रहणी\ प्रा. गा.१३३ (जेताजि१९१, पातासंघवी६२-२) प्रश्नव्याकरणसूत्र-(सं.)वृत्ति। सं. ग्रं.४६३० (जेताजि१९, जेताजि२१, जेताजि२२, जेताजि२३, पातासंघवी३३-१, पाताहेसं६, खंता१३, खंता१४, जेकाजि१८, पाकाहेम१८४, पाकाहेम१०००७, पाकाहेम१०४१६, पाकाहेम१४८४४, पाकाहेम१४९०६) भगवतीसूत्र-(सं.)टीका। सं. ग्रं.१८६१६। सर्वज्ञमीश्वरमन (जेताजि१२, जेताजि१३, जेताजि१४, जेताजि१५, जेताजि१६, पातासंघवी१४, पाताहेसं४, खंता१०, भांता५०, जेकाजि१४, पाकाहेम१०५, पाकाहेम१००००, पाकाहेम१४७९३, पाकाहेम१४७९४, पाकाहेम१४७९५, पाकाहेम१४८४२, पाकाभाभार, पाकाभाभा२२) भगवतीसूत्रनी (सं.)टीकानो हिस्सो मूलाकोद्देशकसङ्ग्रहणी\ सं. पण्णवण वेयरागे (पाकाहेम१२७५५) विपाकसूत्र-(सं.)वृत्ति। सं.\ ग्रं.९००\ नत्वा श्रीव (जेताजि१९, जेताजि२१, जेताजि२२, पातासंघवीजीर्ण१२, पातासंघवी३३-१, खंता१३, खंता१४, जेकाजि१८, पाकाहेम१९९, पाकाहेम२००, पाकाहेम६९११, पाकाहेम१०००९, पाकाहेम१०४१७, पाकाहेम१४८९८, पाकाहेम१४९०६) श्रावकवक्तव्यताप्रकरण प्रा. गा.१०३ कयवयकम्मयभावो स (पातासंघवी१६०-१, खंता१२९, जेकाजि१३११, जेकाजि१३१७, जेकाजि१५३४, पाकाहेम७७५) श्रावकवक्तव्यताप्रकरण-(प्रा.)भाष्य प्रा. इय पुव्वसूरिविर (पाताहेसं११९) सन्मतितर्कप्रकरण-(सं.)तत्वबोधविधायिनीवृत्ति। सं. ग्रं.२५००० (जेताजि३६३, पातासंघवी१८, पातासंघवी५८-२, जेकाजि५८, जेकाजि५९, पाकाहेम६६६१, पाकाहेम६८५४, पाकाहेम१६८९४) सप्ततिका षष्ठ प्राचीन कर्मग्रन्थ-(प्रा.)भाष्य प्रा. गा.१९० नमिऊण महावीरं क (पाताहेसं११२) समवायाङ्गसूत्र-(सं.)वृत्ति। सं. ग्रं.३५७५ वर्द्धमानमानम्य (जेताजि८, जेताजिए, खंता३७, अभ७, जेकाजि१२, पाकाहेम६८९७, पाकाहेम९९९७, पाकाहेम१०४१२, पाकाहेम१०४६२, पाकाहेम१५४२९, पाकाभाभा७९, पाकाभाभा८०) साधर्मिककुलकी प्रा. गा.२६ (पाताखेत५१, पाकाहेम४७४०) स्थानाङ्गसूत्र-(सं.)वृत्ति। सं. ग्रं.१४२५०\ श्रीवीरं जिननाथ (जेताजि६, जेताजि७, पातासंघवीजीर्ण२६, पातासंघवी३८, खंता८, जेकाजि९, जेकाजि१०, पाकाहेम९९९५, पाकाहेम१०४६१, पाकाहेम१४७९६) अभयदेवसूरि-शिष्य-अज्ञात पुष्पवतीचरित्र प्रा. गा.६४३\ मुत्तममुत्तं सु (पातासंघवी२०५-१) अभयदेवाचार्य - जुओ - अभयदेवसूरि-आचार्य अभिनन्द-कवि रामचरितमहाकाव्य। सं. (पातासंघवी१२१-१, पाकाहेम६६४०) अभिनवधर्मभूषण-आचार्य न्यायदीपिका सं. (पाकाहेम२८६९) अमरचन्द्रसूरि-आचार्य एकाक्षरीनाममाला। सं. श्लोक१९ विश्वाभिधानकोशा (अताका४७७) कविशिक्षा। सं. (पाकाहेम१०२१४, पाकाहेम१०३८५) Page #70 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विद्वान उपरथी कृति माहिती कविशिक्षा-(सं.)काव्यकल्पलता टीका\ सं. ग्रं.३३५७ (पाकाहेम१०२१४, पाकाहेम१०३८५) कविशिक्षा-(सं.)काव्यकल्पलता वृत्तिनी काव्यकल्पलता परिमल टीका सं. श्रीशारदां हृदि (पाकाहेम९७९, पाकाहेम२५४३, पाकाहेम२६४६) चतुर्विंशतिजिनेन्द्रचरित्र श्लोकबद्ध। सं. (पाकाहेम१८८६) विभक्तिप्रकरण। प्रा. गा.१४१\ निम्मलनाणपयासिय (जेताजि१५५, पातासंघवी१५७-१) सम्यक्त्वकुलक प्रा. गा.३५ देवो धम्मो मरणो (तालाद३४३) स्यादिप्रक्रम सं. ग्रं.२४४ (पाकाहेम१०११५) अमरचन्द्रसूरि-आचार्य-वायडगच्छ स्यादिसमुच्चय। सं. ग्रं.१२६७ (पाकाहेम६८६९, पाकाहेम१०१०७, पाकाहेम१०३८१) अमरप्रभसूरि-आचार्य-बृहद्गच्छीय उपदेशमाला-(सं.)टीका\ सं. (पाकाहेम६८५५) अमरमुनि-मुनि छन्दोरत्नावलि अप.,सं. (पाकाहेम९७४६) अमररत्नसूरि-आचार्य-आगमगच्छ। गुरु-आचार्य हेमरत्नसूरि चतुःपर्वीकुलक\ मागु. गा.६८\ सरसति सामिणि सम (पाकाहेम९७८९) अमरसिंह-मुनि-आगमिकगच्छ पञ्चविधदानधर्मविचार सं. (पाकाहेम७८४२) अमरसिंह पण्डित अमरकोष। सं. श्लोक२०००\ यस्यज्ञानदयासिन (पाकाहेम२५४०) एकाक्षरीनाममाला। सं. श्लोक२० (पाकाहेम८७३७) अमरसिंहसूरि-आचार्य साधारणजिनस्तवन। सं. श्लोक९\ भवभिदेनृसुरासुर (पाकाहेम७४०६) अमरहर्ष-गणि नेमिनाथस्तवन। सं. का.२६ विमलकीर्तिवधूकु (पाकाहेम१२३५६) अमितगति-आचार्य-दिगम्बर धर्मपरीक्षा सं. श्लोक १७३९ (पाकाहेम१०१२७) पञ्चसङ्ग्रहसूत्री प्रा. (पाकाहेम१०७३२) अमृतचन्द्राचार्य (दिगम्बर)-आचार्य-दिगम्बर स्याद्वादचूलिका\ सं. श्लोक३२\ अत्र स्याद्वादश (भांका२८४) अमृतसागर गणि-गणि विनयभुजङ्गमयूरी सं. (पाकाहेम२६०३, पाकाहेम७९३६) अम्बड (भाण्डशाली पार्श्वचन्द्रपुत्र)-जैनश्रावक (प्र. नाम-जैनकवि-पार्श्वचन्द्र भण्डारी पुत्र) सरस्वतीकण्ठाभरण-(सं.)पदप्रकाशवृत्ति। सं.प्रा.,अप. (पातासंघवी१०२-१) अशोकमुनि-मुनि दान शील तप भावना स्वाध्यायी प्रा. गा.४७\ देवाहिदेवं नमिऊ (पाताहेसं१६८, पाताहेसं१८९, पाकाहेम१८१३६) आजड - जुओ - अम्बड (भाण्डशाली पार्श्वचन्द्र-जैनश्रावक आनन्द-मुनि धर्मलक्ष्मीमहत्तराभास मागु. (पाकाहेम१४८७६) आनन्दघन-मुनि आनन्दघनकृत पदसङ्ग्रह। मागु. (पाकाहेम९४७५) आनन्दघनबावीसी\ मागु. (पाकाहेम५८५५) आनन्दज्ञान-मुनि तर्कसङ्ग्रह सं. (पाकाहेम६६७६) पदार्थतत्त्वनिर्णय-(सं.)तात्पर्य टीका\ सं. (पाकाहेम२८४०) पदार्थतत्त्वनिर्णय-(सं.)तत्त्वविवेक विवरण। सं. (पाकाहेम६६९३) Page #71 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५४ विद्वान उपरथी कृति माहिती आनन्दबोध-कवि न्यायमकरन्दप्रकरण सं. (पाकाहेम२८४१, पाकाहेम६६८६) आनन्दभुवन-अज्ञात (प्र. नाम-जैनेतर-आनन्दानुभव?) पदार्थतत्त्वनिर्णय। सं. (पाकाहेम६६७४, पाकाहेम१०७१०, पाकाहेम१०७११) आनन्दमुनि-अज्ञात चतुर्विंशतिजिनस्तवन। सं. का.९\ वृषभवद् वृषभं.. (पाकाहेम१२३८८) आनन्दविजय-मुनि चोवीसजिनस्तवन\ मागु. गा.२९ (पाकाहेम१०१३३) आनन्दविमलसूरि-आचार्य विहरमानजिनपञ्चकल्याणकस्तव सं. का.२२\ श्रेयांस्यवाप्त (पाकाहेम१२३६५) आनन्दसूरि (धर्मसूरिशिष्य)-आचार्य पार्श्वनाथजन्मकलश अप.\ अरि रि भवियह भ (पाताखेत२३) आनन्दानुभव? - जुओ - आनन्दभुवन-अज्ञात आर्यरक्षितसूरि-आचार्य अनुयोगद्वारसूत्री प्रा. ग्रं.२००५\ नाणं पञ्चविहं प (जेताजि७९, पातासंघवी३२, पाताहेसं७, पाताहेसं५१, खंता३९, तालाद३६९, जेकाजि५०, पाकाहेम१००२९, पाकाहेम१०४७६, पाकाभाभा१६) आशाधर-जैनश्रावक त्रिषष्ठि स्मृति। सं. ग्रं.५०५\ वीरं नत्वेन्द्र (भांका८४) आसड-अज्ञात (प्र. नाम-कवि-कविसभाश्रृङ्गार) उपदेशकन्दली प्रा. गा.१२५ तिहुयणमङ्गलतिलय (जेताजि१५८, पातासंघवी१६४, पातासंघवी२७-१, पातासंघवी७२-३, पाताहेसं३५, पाताहेसं३६, पाताहेसं१६१, पाताहेसं१७९, भांता५८, पाकाहेम१४९८४) विवेकमञ्जरीप्रकरण प्रा. गा.१४४ सिद्धिपुर सत्थव (जेताजि१५१, जेताजि१५८, जेताजि१५९, पाताखेत५, पातासंघवीजीर्ण४५, पातासंघवीजीर्ण४९, पातासंघवी१५१, पातासंघवी१६४, पातासंघवी१६५, पातासंघवी२०२, पातासंघवी६४-२, पातासंघवी१०४-२, पातासंघवी११७-१, पातासंघवी१९०-२, पातासंघवी१९६-२, पाताहेसं११९, पाताहेसं१६१, पाताहेसं१७९, खंता९०, खंता९५, खंता१०१, खंता१०९, खंता११२, खंता११४, खंता१२३, खंता१३२, खंता१७६, तालाद३२६, तालाद३८९, अताका४९७, जेकाजि१३२६, पाकाहेम७७५, पाकाहेम१०२३, पाकाहेम६७०८, पाकाहेम९५०४, पाकाहेम१०१४९, पाकाहेम१०३९९, पाकाहेम१०६१८, पाकाहेम१४९८४, पाकाहेम१६६५७) आसराज-अज्ञात कल्याणकस्तोत्र सं. श्लोक३२\ तिथिक्रमाज्जिने (पातासंघवी५९-३, पातासंघवी१२१-२, पातासंघवी२०६-२, पाकाहेम१२३७८) आह्लाद मन्त्री-अज्ञात पार्श्वनाथस्तोत्र सं. का.१०\ श्रीपार्श्वनाथ (पाकाहेम१२३५२) इन्द्रनन्दिसूरिशिष्य-अज्ञात पार्श्वनाथस्तोत्र गदबदडां शब्दगर्भित सं. गा.१२ (पाकाहेम९७५७) इन्द्रबामीदेव - जुओ - बामीदेव-जैनकवि इरुगपदण्डाधिनाथ-अज्ञात एकाक्षरकाण्ड सं. श्लोक७६ (पाकाहेम८७४६) इसिवालिय - जुओ - ऋषिपालित-मुनि ईश्वरकृष्ण-जैनेतर साङ्ख्यसप्ततिका सं. का.७०\ दुःखत्रयाभिघाता (जेताजि३९१, जेताजि३९२, जेताजि३९३, जेताजि३९४, पाकाहेम१०७२०) उत्तमचन्द्र-मुनि उपधानविधिस्तवन\ मागु. (पाकाहेम८१७६) उत्तमविजय-मुनि पीस्तालीस आगम पूजा। मागु. (पाकाभाभा३२८) Page #72 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विद्वान उपरथी कृति माहिती लुम्पकलोपकतपगच्छजयोत्पत्तिवर्णनरास मागु. ग्रं.१६० (पाकाहेम११६०८) उत्पल भट्ट-जैनेतर षट्पञ्चाशिका-(सं.)वृत्ति सं. (पाताहेसं१३८, पाकाहेम१०२२२) उदयकर-जैनेतर न्यायतत्त्वविवेक सं. (पाकाहेम६६७८) उदयधर्म-मुनि चतुर्विध आहारविषयकगाथा। सं. गा.१४ (पाकाहेम५३०३) द्वात्रिंशद्दलकमलबन्धमय महावीरस्तवन। सं.\ श्लोक१८ (पाकाहेम११२९१) वाक्यप्रकाशऔक्तिक\ सं. गा.१२४ (पाकाहेम५३०३, पाकाहेम१५३१०) उदयधर्म गणि-पं. गुरु-पण्डित लावण्यधर्म उपदेशमाला का हिस्सा दोससयमूलजालं ५१वी गाथा-(सं.)शतार्थी टीका सं. नत्वानन्तार्थदे (पुप्रे४४९) उदयनाचार्य-आचार्य उपाधिप्रकरण\ सं.\ उपाधिस्तु साधना (पाकाहेम८८११, पाकाहेम१६७९४) किरणावली-(सं.)स्वोपज्ञटीका सं. (पाकाहेम१०७२१, पाकाहेम१४५४४) न्यायकुसुमाञ्जलिप्रकरण\ सं. (पाकाहेम१०७१६) न्यायतात्पर्यपरिशुद्धि सं. मातः सरस्वती पु (तालाद३११, जेकाजि७०, जेकाजि१२७५) परिशिष्टप्रकरण सं. (तालाद३८६) उदयप्रभसूरि-आचार्य (प्र. नाम-आचार्य-उदयप्रभाचार्य)। गुरु-आचार्य माणिक्यप्रभसूरि आरम्भसिद्धि सं.\ ॐ नमः सकलारम्भ (पाताखेत३४-१) उपदेशमालाप्रकरण-(सं.)कर्णिकावृत्ति। सं.\ ग्रं.१२२७४\ अर्हस्तनोतु भु (पातासंघवीजीर्ण२, जेकाजि१६६, पाकाहेम१०३५१) दुषमोद्धारप्रकरण प्रा. गा.४७\ नमिउण भुवणवीरं. (पाताहेसं११९, पाकाहेम१०२३) धर्माभ्युदय (सङ्घपति) चरित्र सं.\ ग्रं.५२००। अहँल्लक्ष्मी (पातासंघवी९४, खंता२३०, खंता२३१) पिण्डविशुद्धिप्रकरण-(सं.)दीपिकावृत्ति सं. तं नमत श्रीवीरं (पाकाहेम१०३२७, पाकाहेम१०६२०, भांका२०३) प्रवचनसारोद्धार-(सं.)विषमपदपर्याय टीका\ सं. ग्रं.३२०३\ प्रवचनसारोद्धार (खंता१५६, जेकाजि१५४२, पाकाहेम६७२४, भांका२४७) शत्रुञ्जयमण्डन ऋषभजिनस्तुति\ सं. श्लोक४\ आनन्दानम्रकम्रत (पाकाहेम१०२२, पाकाहेम१२३६०, पाकाहेम१२३६१) शब्दब्रह्मोल्लास सं. ॐ नमः सकलाध्या (पाताखेत३४-१) उदयप्रभाचार्य - जुओ - उदयप्रभसूरि-आचार्य उदयविजय-गणि विज्ञप्तिपत्रिका सं. (पाकाहेम३७६१) उदयसिंहसूरि - जुओ - उदयसिंहाचार्य-आचार्य उदयसिंहाचार्य-आचार्य (प्र. नाम-आचार्य-उदयसिंहसूरि) पिण्डविशुद्धिप्रकरण-(सं.)टीका\ सं. ग्रं.७०३ (पाताहेसं१५९) उपाध्याय साधुरङ्ग-मुनि सूत्रकृताङ्गसूत्र-(सं.)दीपिकाटीका सं. ग्रं.१३४१६ नमः श्रीवर्धमान (भांका२०८) उमास्वाति-वाचक जम्बूद्वीपसमास प्रकरण प्रा. (पाकाभाभा३) तत्त्वार्थाधिगमसूत्र सं. सम्यग्दर्शनज्ञा (पातासंघवीजीर्ण९१, पातासंघवी१७९-१, खंता१४३, खंता१४३, भांता४९, तालाद३१३, पाकाहेम७९९, पाकाहेम८००, पाकाहेम८००, पाकाहेम१०५३, पाकाहेम१०५४, पाकाहेम१०५५, पाकाहेम१०५५, पाकाहेम१४०९४, पाकाहेम१६६२३) तत्त्वार्थाधिगमसूत्र-(सं.)भाष्य। सं. सम्यग्दर्शनशुद् (खंता१४३, लिंता९४४, अताका४७३, पाकाहेम७९९, पाकाहेम८००, पाकाहेम१०५५, पाकाहेम१६६२३) प्रशमरतिप्रकरण। सं. श्लोक३१४\ नाभेयाद्याः सिद (जेताजि१७२, पातासंघवीजीर्ण९१, पातासंघवी१५१, Page #73 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विद्वान उपरथी कृति माहिती पातासंघवी१७४, पातासंघवी६८-१, पातासंघवी१३९-२, पातासंघवी१६७-१, पातासंघवी१७९-१, पातासंघवी२०३-२, पातासंघवी२०६-२, पाताहेसं११८, पाताहेसं१८७, खंता९२, खंता१०७, खंता११८, खंता१२९, भांका१७५) श्रावकप्रज्ञप्तिप्रकरण प्रा. गा.४०१\ अरहन्ते वन्दित् (जेताजि१६०, जेताजि१९१, पातासंघवी१६०-१, खंता१३६, भांका८७) ऋद्धिविजय-मुनि-तपागच्छ विजयानन्दसूरीश्वर रास\ मागु. गा.१०२\ सुख विलसे दोगुन (पुप्रे४१९-५) ऋषभदास-जैनकवि गौतमपृच्छास्तवन मागु. गा.७७ (पाकाहेम१०१३३) नेमिनाथजिनवरस्तवन\ मागु. गा.७१ (पाकाहेम१०२२९) रोहिणीयारास मागु. (पाकाहेम१०१२५) ऋषिपालित-मुनि (प्र. नाम-मुनि-इसिवालिय) देवेन्द्रस्तव प्रकीर्णकी प्रा. गा.३८०\ अमरनरवन्दिए वन् (पातासंघवीजीर्ण६५, जेकाजि१९५१, पाकाहेम६६६, पाकाहेम९०२, पाकाहेम१००८८, पाकाहेम१०५५६, भांका१२३, भांका२२७) ऋषिवर्धनसूरि-आचार्य-अञ्चलगच्छ नेमिनाथस्तवन। सं. का.११\ समुल्लसद्भक्तिस (पाकाहेम१२३५०) कनककुशल-मुनि चतुर्विंशतिजिनस्तुति-(सं.)टीका। सं. श्लोक१६५२ (पाकाहेम१५३०६) संवादसुन्दर सं. (पाकाहेम५२४४) कनककुशलगणि-गणि सौभाग्यपञ्चमीकथा पद्य सं. श्लोक१५२ (पाकाहेम१०१७४) कनकप्रभसूरि-आचार्य सिद्धहेमशब्दानुशासन-बृहद्वृत्तिनो (सं.)लघुन्यास। सं. (जेताजि३०२, पाकाहेम२१६१, पाकाहेम१०१९६, पाकाहेम१०३८०) कमलकलशसूरि-आचार्य ऋषभदेवस्तवन। सं. का.२५\ पवित्रमन्त्रशिव (पाकाहेम१२३५१) कमलकलशसूरि-शिष्य-मुनि महावीरस्तवन बम्भणवाडामण्डन अप.मागु. गा.२१ (पाकाहेम८२४८) कमलकीर्तिदेव-अज्ञात तत्त्वसार प्रा. (पाकाहेम१०५७४) कमलप्रभ-मुनि नेमिनाथचरित्र। सं.\ श्रीमद्युगादिजि (पुप्रे४२७) कलिकालसर्वज्ञ - जुओ - हेमचन्द्रसूरि-आचार्य कल्याणविजय-उपाध्याय पार्श्वनाथस्तुति मागु. का.१\ मनवाञ्छितपूरणकल (पाकाहेम१२३६१) कल्याणसागरसूरि-आचार्य (प्र. नाम-आचार्य-धर्ममूर्ति-शिष्य) पार्श्वनाथसहस्रनामस्तोत्र सं. (पाकाहेम२००७) रावणपार्श्वनाथाष्टक अलवरपुरमण्डन#\ सं. का.९१ देवाधिदेवं कृतम (पाकाहेम१२१६७) हैमलिङ्गानुशासन-(सं.)विवरण (पद्यबद्ध)। सं. (पाकाहेम८५४०) कविसभाश्रृङ्गार - जुओ - आसड-अज्ञात कालिदास-कवि अभिज्ञानशाकुन्तलनाटक सं.\ श्लोक१३५१ (पाकाहेम१६६३०) कुमारसम्भव। सं. (पाकाहेम१०६९२, पाकाहेम१०७४२, पाकाहेम१४८७८, पाकाभाभा६०, पाकाभाभा६१, पाकाभाभा७७) मेघदूतमहाकाव्य सं. ग्रं.२००० (पाकाहेम१०१२१, पाकाहेम१०२१६) रघुवंशमहाकाव्य सं. वागर्थाविव सम्प (जेताजि३३४, पाताहेसं७२, खंता२६२, पाकाहेम१०२१५, पाकाहेम१०३३४) कीर्तिचन्द्र-उपाध्याय Page #74 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५७ विद्वान उपरथी कृति माहिती अपशब्दव्याकरण कूटखण्डन सं. (पाकाहेम७२६४) कीर्तिवल्लभ गणि-मुनि उत्तराध्ययनसूत्र-(सं.)वृत्ति। सं. श्लोक८२६०\ अहं भिक्षोर्विन (भांका१५५) कीर्तिविजयगणि-उपाध्याय-तपागच्छीय विचाररत्नाकर प्रा. (पाकाहेम१६४१३) कुन्दकुन्दाचार्य-आचार्य-दिगम्बर आचार्य प्रवचनसार प्रा. एस सुरासुरमणुसि (भांका२०४) षट्प्राभृत प्रा. (पाकाहेम१०५६९) कुमारपाल गूर्जरेश्वर - जुओ - कुमारपाल राजा-जैनश्रावक कुमारपाल भूपाल प्रतिबोधक - जुओ - हेमचन्द्रसूरि-आचार्य कुलप्रभसूरि-आचार्य तपोरत्नमालिकाप्रकरणी प्रा. गा.६७\ पढमन्तिमे जिणिन (खंता२७९, भांता७०) पार्श्वनाथस्तव सं. श्लोक१३ नत्वोपासितचरणं (पातासंघवी१७२-३, भांता७०) समवसरणस्तवन प्रा. गा.२५\ अइसयलच्छिसणाहं (भांता७०) कुलमण्डनसूरि-आचार्य पञ्चजिनस्तव हारबन्धी सं.श्लोक२३\ गरीयोगुणश्रेण्य (पाकाहेम११२८६, पाकाहेम१२३१३, पाकाहेम१२३१४) मुग्धावबोध औक्तिक सं.,मागु. (पाकाहेम२६२१, पाकाहेम१२००९) विचारामृतसङ्ग्रह सं. ग्रं.२२०० (पाकाहेम३९९३, पाकाहेम७०३६, पाकाहेम१०२५७, भांका८८) वीरजिनस्तव अष्टादशचक्रबद्ध सं. का.२१\ विश्वसिद्धरजश्छ (पाकाहेम८२३१, पाकाहेम१२३१७, पाकाहेम१२३७१) कृष्ण पण्डित-पण्डित पदार्थरत्नमञ्जूषा\ सं. ग्रं.३२०\ श्लोक३१८ नमामः संसारोरूम (पाकाहेम६६८७, पाकाहेम१०७४५) कृष्णमिश्र-जैनेतर प्रबोधचन्द्रोदयनाटक प्रा. (जेताजि३५७, पातासंघवी१७३-२) केदार भट्ट-जैनेतर वृत्तरत्नाकर सं. (जेताजि३१४, पातासंघवी५६-३, पाताहेसं१४८, पाकाहेम१९५०, पाकाहेम१०३८४, पाकाहेम१०६८४, पाकाहेम१०६८५, पाकाहेम१०६८६, पाकाहेम१३४९६) केलि-कवि मधुवर्णनकाव्य सं. का.६९ मुदमुपैतु बुधो (जेताजि३४६, पाकाहेम६६२३) विरहिणीप्रलापकाव्य। सं. का.५५ सा बोध्या भारती (जेताजि३४६, पाकाहेम६६२३) केशवमिश्र-जैनेतर तर्कपरिभाषा। सं. (पाकाहेम१०१०१, पाकाहेम१०२२०, पाकाहेम१०२२१) कोट्याचार्य-आचार्य विशेषावश्यकमहाभाष्य-(सं.)वृत्ति। सं. ग्रं.१३७०० कयपवयणप्पणामो व (जेताजि११७, पातासंघवी१५, भांता१६) कौटिल्य-जैनेतर (प्र. नाम-जैनेतर-चाणक्य) कौटिल्यअर्थशास्त्र सं. (पातासंघवीजीर्ण७२) क्षपणक-अज्ञात अनेकार्थध्वनिमञ्जरी। सं. (पाकाहेम१३९७७) क्षमाकल्याण-अज्ञात श्रावकविधिप्रकाश मागु. (पाकाहेम१४३१८) क्षमारत्न-मुनि-विधिपक्ष\ गुरु-आचार्य जयकीर्तिसूरि पिण्डनियुक्ति-(सं.)अवचूरि। सं.\ श्रीपिण्डनिर्यु (भांका२७७) क्षेमेन्द्र-अज्ञात (प्र. नाम-कवि-व्यासदास) कविकण्ठाभरण सं. (पाकाहेम६६४४) दर्पदलन\ सं. श्लोक७०० (पाकाहेम८६६०) गङ्गेश्वर भट्ट - जुओ - गङ्गेश्वर मिश्र-जैनेतर Page #75 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५८ विद्वान उपरथी कृति माहिती गङ्गेश्वर मिश्र-जैनेतर (प्र. नाम-जैनेतर-गङ्गेश्वर भट्ट) तत्त्वचिन्तामणी\ सं. ग्रं.२८११ (पाकाहेम६८५०, पाकाहेम६८५१, पाकाहेम६८५२, पाकाहेम१०४२९, पाकाहेम१०७१३, पाकाहेम१३५०७, पाकाहेम१६३५४, पाकाहेम१६३५५) तत्त्वचिन्तामणीनो हिस्सो आख्यातवाद सं. (पाकाहेम६८६६) गजसार-मुनि दण्डकप्रकरण प्रा. गा.३८ (जेकाजि२७६, पाकाहेम४४७२, पाकाहेम६९५४, पाकाहेम६९५९, पाकाहेम६९६०) दण्डकप्रकरण-(सं.)स्वोपज्ञ अवचूरि। सं. (जेकाजि२७६, पाकाहेम४४७२, पाकाहेम६९५९, पाकाहेम६९६०) गदाधर-जैनेतर नैषधचरितमहाकाव्य-(सं.)टीका\ सं. (पाकाहेम१२९२७) गद्दकवि-कवि चाम्पात देवसिङ्घ छप्पा सवैया ब्रज गा.१२ (पाकाहेम१४३३३) गर्गर्षि-आचार्य (प्र. नाम-ऋषि-गर्गर्षि) कर्मविपाक प्राचीन प्रथम कर्मग्रन्थ प्रा. गा.१६७\ ववगयकम्मकलङ्क (जेताजि१५०, जेताजि१६०, जेताजि१७५, जेताजि४१५, पाताखेत५, पाताखेत११, पाताखेत१२, पाताखेत३६, पाताखेत४२, पाताखेत५०, पाताखेत५१, पाताखेत२-२, पाताखेत२८-२, पातासंघवीजीर्ण४५, पातासंघवीजीर्ण४६, पातासंघवीजीर्ण७३, पातासंघवीजीर्ण९१, पातासंघवी१७४, पातासंघवी६१-२, पातासंघवी६७-१, पातासंघवी१२७-१, पातासंघवी१३०-१, पातासंघवी१४५-२, पातासंघवी१७२-१, पातासंघवी१९३-१, पाताहेसं११०, पाताहेसं११२, पाताहेसं११४, खंता८८, खंता९९, खंता१०२, खंता१०४, खंता१०५, खंता११५, खंता११७, खंता१२०, खंता१२९, खंता१४९, खंता२८२, खंता२८३, अताका५०१, पाकाहेम६५९६, पाकाहेम१०१११) गर्गर्षि-ऋषि पासाकेवली\ सं. (पाकाहेम१५८२४) गर्गर्षि - जुओ - गार्षि-आचार्य गुणचन्द्र गणि - जुओ - गुणचन्द्र सूरि-आचार्य गुणचन्द्रसूरि-आचार्य (प्र. नाम-गणि-गुणचन्द्र गणि) महावीरचरित्र प्रा. ग्रं.१२०२५ (जेताजि२६३, पाताहेसं४४, पाकाहेम७०३०) हैमविभ्रमसूत्र-(सं.)वृत्ति। सं. (पाकाहेम८६७९) गुणभद्रसूरि (दिगम्बर)-आचार्य (प्र. नाम-आचार्य-गुणभद्राचार्य) जिनदत्तकथासमुच्चय। सं. ग्रं.१०९०१ महामोहतमश्छन्नभ (भांका२८२) गुणभद्राचार्य - जुओ - गुणभद्रसूरि (दिगम्बर)-आचार्य गुणरत्नसूरि-आचार्य कर्मग्रन्थषट्क-(सं.)अवचूरि। सं.\ ग्रं.३१०० (पाकाहेम८८४, पाकाहेम६९७२, पाकाहेम७६५९, पाकाहेम१०३२८, पाकाहेम१०५६५) कल्याणमन्दिरस्तोत्र-(सं.)टीका\ सं. (पाकाहेम१०६५५) क्रियारत्नसमुच्चय। सं. ग्रं.५७७८ (पातासंघवी५६-१, पातासंघवी१०५-२, पातासंघवी१०६-१, पाकाहेम७२१९, पाकाहेम१०३९६) चतुःशरणप्रकीर्णक-(सं.)अवचूरि। सं.\ इदमध्ययनं परमपद (भांका३००) नवतत्त्वप्रकरण-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम६९५६) नव्यबृहत्क्षेत्रसमासप्रकरण-(सं)अवचूरि सं. श्लोक१०३६ (पाकाहेम११६६, पाकाहेम११६७, पाकाहेम१०५८९) परहेतुतमोभास्करन्नामस्थल सं. इह हि सकलतार्कि (भांका२१४) वासोन्तिकवितण्डाविडम्बनाप्रकरण\ सं. (पाकाहेम७९३१) संस्तारकप्रकीर्णक-(सं.)अवचूरि। सं.\ गा.१२२\ वसन्तपुरे गायनः (भांका१६८, भांका१९२, भांका३०१) गुणविजय-मुनि एकस्वरचित्रगर्भितसुविधिजिनस्तवन। सं. का.८ (पाकाहेम८२२६) नेमिनाथचरित्र (गद्य) सं. श्लोक५२७५ (पाकाहेम१६७२) सारङ्गशब्दषष्टिअर्थगर्भितवीरस्तवन\ सं. का.१९ (पाकाहेम८२२६) Page #76 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विद्वान उपरथी कृति माहिती गुणविजय गणि-गणि विजयप्रशस्तिमहाकाव्य-(सं.)विजयप्रदीपिका नाम सुखावबोधिका टीका सं. ग्रं.१०००० (पाकाहेम२०८०) गुणविनय-गणि कर्मचन्द्रवंशप्रबन्धी मागु. (पाकाहेम८००४) लघुशान्तिस्तोत्र-(सं.)टीका सं. (पाकाहेम८२६७) गुणसुन्दर-गणि भक्तामरस्तोत्र-(सं.)टीका सं. (पाकाहेम१०६५२) गुणसूरि-आचार्य शीलप्रशंसाकुलक\ प्रा.\ गा.४४\ तिलोयपुज्जाण जि (पातासंघवी११७-१, पाताहेसं१६१) गुणसौभाग्य-गणि नन्दिस्तुति-(सं.)व्याख्या सं. (पाकाहेम८३५९, पाकाहेम१२३५४) गुणाकरसूरि-आचार्य आश्चर्ययोगमाला-(सं.)सुखबोधा विवृत्ति। सं. गुरुचरणकमलममलां (भांका१६०) गुणाकरसूरि रुद्रल्लीय-आचार्य-रुद्रपल्लीय भक्तामरस्तोत्र-(सं.)टीका\ सं.ग्रं.१५२६ (पाकाहेम१०३७७, पाकाहेम१५००३) गुणानन्द भट्टाचार्य-जैनेतर प्रत्यक्षमणिदीधिति परिशिष्ट सं. (पाकाहेम५०८६) गोपालिक महत्तर शिष्य-मुनि उत्तराध्ययनसूत्र-(प्रा.)चूर्णि\ प्रा. ग्रं.५८५५ (जेताजि९५, पातासंघवीजीर्ण३, पातासंघवीजीर्ण७, जेकाजि५६, पाकाहेम६५३०, पाकाहेम६५४६, पाकाहेम१००८०, पाकाहेम१४८९२) गोपीकान्त वेणीदत्त याज्ञिक-जैनेतर न्यायप्रदीप। सं. नत्वा श्रीविश्व (पाकाहेम१३६४३) गोल्हण-आचार्य कातन्त्रव्याकरण-(सं.)दौर्गसिंहीवृत्तिनी (सं.)गोल्हणवृत्ति। सं. (पाकाहेम६७८४) गोविन्दाचार्य-आचार्य अजितशान्तिस्तोत्र-(सं.)टीका सं. ग्रं.३५० प्रणिपत्याजितशा (पाताहेसं१०५, भांका२४४) कर्मस्तव प्राचीन द्वितीय कर्मग्रन्थ-(सं.)वृत्ति। सं.\ ग्रं.१०९०\ कर्मबन्धोदयोदीर (जेताजि१७६, जेताजि१७७, जेताजि१७९, पातासंघवी१२७-१, पाताहेसं९३, पाताहेसं९४, खंता१४९, वताकांति४०९) गोविन्दाचार्य - जुओ - गोविन्द गणि-गणि गौडपाद-जैनेतर साङ्ख्यसप्ततिका-(सं.)भाष्य। सं. (जेताजि३९१, जेताजि३९२, पाकाहेम१०७२०) गौतमस्वामि-अज्ञात शाश्वतजिनचैत्यवन्दनविधि। अप. गा.९। जगचिन्तामणि जगन (पाकाहेम१२३३८) चक्रेश्वरसूरि-आचार्य चरणकरणमूलोत्तरगुणप्रकरण\ प्रा. ग्रं.७० वन्दिय तिजयसरन् (पाकाहेम१११५३) पदार्थस्थापना प्रकरण प्रा. गा.११९\ धम्माधम्मवर जि (पाकाहेम१११५३) पौषधविधिप्रकरण\ प्रा.,मागु. गा.९२\ सव्वविरएहिं जे (पाकाहेम१११५३) वर्धमानविद्या प्रा. गा.१२\ विलसन्तजोइवीए प (पातासंघवी१७२-३, भांता७०) वीरजिनस्तुति। सं.\ श्लोक१४\ सकलसुरासुरपूजित (पातासंघवी१७२-३) सभापञ्चकप्रकरण-देवोपत्तिस्वरूपप्रकरण प्रा. ग्रं.५३\ पञ्चसभा पन्नत (पाकाहेम१११५३) सम्यक्त्वप्रकरण-(सं.)वृत्ति सं. (पाकाहेम८०५) सिद्धान्तसारोद्धार प्रकरण प्रा. गा.२१३\ अइविसमरागकेसरि (पाकाहेम१११५३) सूक्ष्मार्थविचारसारप्रकरण-(सं.)वृत्ति \ सं. ग्रं.३७०० (जेताजि१८६, पाताहेसं१९०, पाकाहेम१०३३५, पाकाहेम१६५२५) सूक्ष्मार्थसप्ततिका प्रा. गा.७५\ सिद्धो बुद्धो अ (पाकाहेम१११५३) चक्रेश्वरसूरि-आचार्य (प्र. नाम-आचार्य-वर्धमानसूरि-शिष्य (संविग्न विहारी)) गुरु-आचार्य वर्द्धमानसूरि Page #77 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६० विद्वान उपरथी कृति माहिती शतक प्राचीन पञ्चम कर्मग्रन्थ-(प्रा.)बृहद्भाष्य प्रा. ग्रं.१४१३\ चउबन्धणुओगविहीद (पाताखेत४६) चक्रेश्वरसूरि-आचार्य गुरु-आचार्य धर्मघोषसूरि अज्ञात-अपभ्रंशस्तोत्रादि सङ्ग्रह। अप. (पातासंघवी१७२-३) चन्द्रप्रभस्तुति सं. श्लोक९ वाचावाचां पतिरप (पातासंघवी१७२-३) तीयसप्पगाथा। अप. तीयसप्पदुव्बतीय (पातासंघवी१७२-३) तीर्थङ्करस्तुति। सं.\ श्लोक८\ ध्यानाकुन्द... (पातासंघवी१७२-३) नेमिनाथस्तुति अप. गा.९\ सुथिरसुरासुर... (पातासंघवी१७२-३) पञ्चपरमेष्ठिस्तुति। सं. नाभेयादिजिनाः प (पातासंघवी१७२-३) पार्श्वजिनस्तुति। सं.। श्लोक२४\ जय श्रीस्तम्भनक (पातासंघवी१७२-३) पार्श्वनाथस्तुति। सं. श्लोक११\ श्रीनागराजफणिरत (पातासंघवी१७२-३) वीरजिनस्तुति। सं. श्लोक १० भक्तिसारकलौ... (पातासंघवी१७२-३) वीरजिनस्तुति प्रा. गा.१२\ जय जय वीरजिणेसर (पातासंघवी१७२-३) वीरजिनस्तुति। अप.\ गा.१२ (पातासंघवी१७२-३) सूक्ष्मार्थसप्ततिका-(सं.)टिप्पण। सं. नत्वा जिनं समीच (पाकाहेम१११५३) चक्रेश्वराचार्य (संविग्न विहार - जुओ - चक्रेश्वरसूरि-आचार्य चण्ड-कवि प्राकृतलक्षण\ सं. (पाकाहेम७३७१) चण्डपाल-जैनश्रावक दमयन्तीकथा-(सं.)विवरण\ सं.\ श्लोक१९०० (पातासंघवीजीर्ण६३, जेकाजि१०७९, पाकाहेम६७२२) चन्द्र महत्तर - जुओ - चन्द्रर्षि महत्तर-ऋषि चन्द्रधर्मगणि-गणि मन्त्रौषधिकल्पगर्भित देलउलामण्डन ऋषभजिनस्तवन-(सं.)टीका। सं. (पाकाहेम८२४५, पाकाहेम८२४७) चन्द्रप्रभ-मुनि ईश्वरकर्तृत्वप्रकरण सं. (पातासंघवी१३५-२) चन्द्रप्रभसूरि-आचार्य चित्तसमाधिप्रकरण\ प्रा. गा.३५४\ अन्नाणतिमिरसूरं (पाताखेत५०) दर्शनशुद्धिप्रकरण प्रा. पत्तभवन्नवतीरं (जेताजि२२३, पातासंघवीजीर्ण४५, पातासंघवी२०६-२, खंता१७२, खंता१७३, खंता१७४, पाकाहेम६५९०, पाकाहेम७०२३, पाकाहेम७०३४) प्रमेयरत्नकोष। सं. ग्रं.१४०० (पाकाहेम६६७५) सम्यक्त्वप्रकरण प्रा. (पाकाहेम८०५) सम्यक्त्वरत्नमहोदधि प्रा. (पाकाहेम१०१६९) चन्द्रप्रभसूरि-शिष्य - जुओ - हरिभद्रसूरि-आचार्य चन्द्रप्रभोपाध्याय-उपाध्याय वासुपूज्यचरित्री प्रा. सुहसिद्धिवहुवसी (पातासंघवी९१) चन्द्रर्षि महत्तर-ऋषि पञ्चसङ्ग्रह। प्रा. (जेताजि१७४, जेताजि१९०, पातासंघवी१४०, खंता१४५, भांका१३४) सप्ततिका षष्ठ प्राचीन कर्मग्रन्थ*\ प्रा. गा.९१\ सिद्धपएहिं महत् (जेताजि१५०, जेताजि१६०, जेताजि४१५, पाताखेत११, पाताखेत३६, पाताखेत४२, पाताखेत५०, पातासंघवीजीर्ण४५, पातासंघवीजीर्ण७३, पातासंघवी१, पातासंघवी१७४, पातासंघवी६१-१, पातासंघवी६७-१, पातासंघवी१४५-२, पातासंघवी१७२-१, पातासंघवी१९३-१, पाताहेसं११०, पाताहेसं११२, पाताहेसं११४, खंता९९, खंता११५, खंता१२०, खंता१२९, खंता१४८, खंता२८३, भांता४३, भांता४४, पाकाहेम६९७६) चन्द्रर्षि महत्तर-ऋषि (प्र. नाम-ऋषि-चन्द्र महत्तर) विजयचन्द्रकेवली चरित्र प्रा. श्लोक१०६० (पातासंघवीजीर्ण७९, पातासंघवी६९-४, पातासंघवी७२-४) चन्द्रशेखर-मुनि पार्श्वनाथस्तव क्रियागुप्त सं.\ श्लोक३२\ चरमजिन तं कल्या (पाकाहेम१२३७९) Page #78 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विद्वान उपरथी कृति माहिती चरणप्रमोद शिष्य-मुनि पार्श्वनाथस्तोत्र\ मागु.\ गा.३ (पाकाहेम३०३४) चाणक्य - जुओ - कौटिल्य-जैनेतर चामुण्डराय-जैनश्रावक (प्र. नाम-जैनश्रावक-रणरङ्गसिंह) चारित्रसार सं. ग्रं.१८००\ अरिहननरजोहननरहस (भांका१९४) चित्सुख मुनि-मुनि न्यायमकरन्दप्रकरण-(सं.)टीका\ सं. (पाकाहेम७२४९) चिन्निभट्ट-जैनेतर तर्कपरिभाषा-(सं.)प्रकाशिकाव्याख्या। सं. ग्रं.२७२० (पाकाहेम१०२२१) चिह्नभट्ट-जैनेतर विषमपादपञ्जिका\ सं. विघ्नान्धकार भा (पाकाहेम१६७९४) जगदेव-जैनेतर स्वप्नचिन्तामणि। सं. श्लोक३१३ (पाकाहेम१६४८१) जगमाल-गणि स्तोत्रकोष-त्रिंशच्चतुर्विंशतिकास्तुतिगर्भित\ सं. (पाकाहेम८५००) जम्बू-कवि (प्र. नाम-कवि-जम्बूगुरू) जिनशतकमहाकाव्य सं. ग्रं.५००। का.१०० (जेकाजि१९६०, पाकाहेम७२३४, पाकाहेम८६४१, पाकाहेम१०७०४, पाकाहेम१७१२५) जम्बूगुरू - जुओ - जम्बू-कवि जम्बूनाग-अज्ञात चन्द्रदूतकाव्य। सं. का.२३\ यदतिसितशराग्रग् (जेताजि३४६, जेताजि३४७, पाकाहेम६६२३) जयकीर्तिसूरि-आचार्य शीलोपदेशमाला। प्रा. गा.११६\ आबाल बम्भयारिं (पातासंघवीजीर्ण४९, पातासंघवी६६-३, पाकाहेम७७५, पाकाहेम१०२२, पाकाहेम१०२३, पाकाहेम१६२०, पाकाहेम१६२३, पाकाहेम९५४६, पाकाहेम१०१५२, पाकाहेम१०१५३, पाकाहेम१०१५४, पाकाहेम१०१५५, पाकाहेम१०३७१, पाकाहेम१०७३४, पाकाहेम१४८७६, पाकाहेम१४९८४, पाकाहेम१६६३९, पाकाभाभा५८, भांका१८८) जयकीर्ति-शिष्य-मुनि चतुर्विंशतिजिनस्तव। सं. कल्याणकोटि समसे (पाकाहेम१७०८७) जयकेसरसूरि-आचार्य-अंचलगच्छ महावीरजिनस्तुति। सं. श्लोक १७ श्रीवीतरागसमयेस (पाकाहेम१७०८७) जयकेसरीसूरि-आचार्य वर्धमानस्तवन। सं. का.१३\ आनन्दमेदुरसुरेश (पाकाहेम१२३४७) जयघोषसूरि-आचार्य तपकुलकी प्रा. (पाकाहेम९०२) दानकुलक प्रा. गा.४५ नमिऊण महियमोहं. (पातासंघवी५९-३, पातासंघवी११७-१, पाताहेसं१६८, पाकाहेम९०२) भावनाकुलक प्रा. गा.४५ (पाताहेसं१८९, पाकाहेम९०२) शीलकुलक\ प्रा. (पाकाहेम९०२) जयचन्द्रगणि-गणि प्रतिक्रमणगर्भहेतु सं. (पाकाहेम१५०६८) जयचन्द्रसूरि-आचार्य विविधभाषाबद्धजिनस्तवन प्रा.,सं.,अप. श्लोक२३ (पाकाहेम७४०७) जयतिलकसूरि-आचार्य-आगमिकगच्छ कल्पमञ्जरी कथाकोष श्लोकबद्ध सं. (पाकाहेम१७७३) पार्श्वनाथस्तवन मन्त्राधिराज सं. का.१६ (पाकाहेम१२१२४) मलयसुन्दरीचरित्र-ज्ञानरत्नोपाख्यानसं. ग्रं.२४३०\ चतुरङ्गो जयत्यर (जेकाजि१७५, पाकाहेम१०१६८, Page #79 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विद्वान उपरथी कृति माहिती पाकाहेम१०६४१, भांका९८) महावीरस्तवन। सं. का.१० (पाकाहेम१२१२४) शान्तिनाथस्तवन\ सं. का.९ (पाकाहेम१२१२४) सुलसाचरित्र सम्यक्त्वसम्भव महाकाव्य सं. श्लोक७४१ (पाकाहेम१९४०, पाकाहेम२१११) हरिविक्रमचरित्र सं. (पाताहेसं७१, जेकाथा७, पाकाहेम१०१६७) जयतिलकसूरिशिष्य-मुनि पञ्चषष्टियन्त्रस्तवन। सं.प्रा. श्लोक८ (पाकाहेम९७६०) जयदेव-जैनेतर तत्त्वचिन्तामणी-(सं.)आलोक टीका\ सं. (पाकाहेम१०७१४) जयन्त-अज्ञात न्यायकलिका\ सं. नमः स्वमायामाहा (पातासंघवी१४६-१) जयन्त भट्ट-जैनेतर काव्यप्रकाश-(सं.)दीपिका टीका\ सं. (पाकाहेम६६५०) जयराम भट्टाचार्य-जैनेतर अन्यथाख्यातिवाद सं. (तालाद३९१-२) जयराशि-अज्ञात तत्त्वोपप्लव सं. तत्त्वोपप्लवासह (पातासंघवी१७८-२) जयवल्लभ-मुनि विद्यालय प्रा. गा.७०० (पाकाहेम१३७३९, पाकाहेम१५०४६) जयशेखर-शिष्य-मुनि शीलसन्धिी अप. गा.३४ (पाकाहेम९०२, पाकाहेम९०३३) जयशेखरसूरि-आचार्य गिरिनारमण्डन नेमिजिनस्तुति मागु.\ गा.१६ लच्छिकुलहरु लच् (पाकाहेम९०२) चतुर्विंशतिजिनस्तव। अप. सिरिरिसहेसर नाभ (पाकाहेम९०२) प्रबोधचिन्तामणि सं. श्लोक१९७६ (पाकाहेम१६५४२) बृहत् अजितशान्तिस्तवन सं. का.१७। सकलसुखनिवहदानाय (पाकाहेम१२१५७) शत्रुञ्जयमण्डन युगादिदेवस्तुति#\ मागु. गा.१६\ विमलगिरिवर विमल (पाकाहेम९०२) सम्बोधप्रकरण सं. (अताका४६९) सिद्धान्तस्तवन\ प्रा. गा.११ (पाकाहेम७३०७) सीमन्धरजिनस्तुति। सं. का.११\ असुरसुरमधुपकुल. (पाकाहेम९०२) जयशेखरसूरि-आचार्य-अंचलगच्छ आत्मकुलकी प्रा. गा.४३ (पाकाहेम५६३४) उपदेशचिन्तामणी\ प्रा. (पाकाहेम६८३६, पाकाहेम८३८३) जयसागर वाचनाचार्य-उपाध्याय-खरतरगच्छ गुरु-आचार्य जिनराजसूरि पृथ्वीचन्द्रराजर्षिचरित्र। सं.\ ग्रं.२६५४\ श्रीवीरचरणाम्भो (पुप्रे४२८) सन्देहदोलावलीप्रकरण-(सं.)विधिरत्नकरण्डिका लघुवृत्ति सं. ग्रं.१५५० (पाकाहेम७००४) जयसिंहसूरि-आचार्य न्यायसारप्रकरण-(सं.)न्यायतात्पर्यदीपिका टीका। सं. (पाकाहेम६६७२) जयसिंहसूरि-आचार्य-कृष्णर्षिगच्छ कुमारपालचरित्र सं. ग्रं.६३०७\ चिदानन्दैककन्दा (भांका१३०) जयसिंहसूरि-आचार्य धर्मोपदेशमालाप्रकरण प्रा. गा.१०३\ भयवं दसन्नभद्दो (जेताजि१५८, जेताजि१५९, पाताखेत३, पाताखेत१२, पाताखेत३४-३, पातासंघवीजीर्ण४९, पातासंघवीजीर्ण८०, पातासंघवीजीर्ण८१, पातासंघवीजीर्ण८२, पातासंघवीजीर्ण९०, पातासंघवी१०८, पातासंघवी१५१, पातासंघवी१६४, पातासंघवी६४-२, पातासंघवी६६-३, पातासंघवी६७-१, पातासंघवी१४१-२, पातासंघवी१६१-२, पातासंघवी१८१-१, पातासंघवी१८२-१, Page #80 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विद्वान उपरथी कृति माहिती पातासंघवी१८४-१, पातासंघवी१९०-२, पातासंघवी१९५-२, पातासंघवी२०६-२, पाताहेसं३३, पाताहेसं३४, पाताहेसं१११, पाताहेसं११५, पाताहेसं११९, पाताहेसं१२२, खंता९०, खंता९७, खंता९९, खंता१०१, खंता१०५, खंता१११, खंता११५, खंता१२३, खंता१२७, खंता१३०, वताकांति३९७, वताकांति४४१) जयसिंहसूरि-आचार्य शान्तिनाथचरित्र सं. (पातासंघवीजीर्ण८८) जयसिंहसूरि-आचार्य धर्मोपदेशमालाप्रकरण प्रा. गा.१०१\ सिज्झउ मज्झविसु (पाताखेत१७-२, पातासंघवी११७-१, पाताहेसं११३, पाताहेसं११४, पाताहेसं१८९, भांता६४, अताका४९७, पाकाहेम७७५, पाकाहेम१०२३) जयसेन-आचार्य-सरस्वतीगच्छ धर्मरत्नाकर। सं. लक्ष्मीनिरस्तनि (भांका१८९) जयसौभाग्य-मुनि चतुर्विंशतिजिनस्तुति मागु.\ श्लोक३९ (पाकाहेम९४४६) जयानन्दसूरि-आचार्य देवाःप्रभोस्तोत्र सं. का.९। देवाः प्रभो... (पाकाहेम८१९९, पाकाहेम८२००, पाकाहेम१२२४४, पाकाहेम१२२४६, पाकाहेम१२२४७, पाकाहेम१२२४८, पाकाहेम१२२५०, पाकाहेम१२२५१, पाकाहेम१२२५६, पाकाहेम१५३३२) स्थूलभद्रस्वामिचरित्र सं. (पाकाहेम१०६४४) जल्हणदेव-अज्ञात गाथा सप्तशती-(सं.)छाया। सं. (पातासंघवी६३-१) जसघोस - जुओ - यशोघोषसूरि-आचार्य जसदेव - जुओ - यशोदेवसूरि-आचार्य जाखराज-अज्ञात षड्दर्शनसङ्ग्रहसूत्र सं. का.३४ (पाकाहेम८७५१) जिनकीर्तिसूरि-आचार्य-तपागच्छ\ गुरु-आचार्य सोमसुन्दरसूरि ज्ञानपञ्चकभेदसङ्ख्यास्तव। सं.\ श्लोक१३ (पाकाहेम११०१९) दानकल्पद्रुम-धन्यचरित्र पद्य सं.\ ग्रं.१२९२\ स श्रेयस्त्रिजग (पाकाहेम१०१७१, भांका२९९) पुण्यफलकुलक प्रा. गा.१६ (पाकाहेम११०८३) पुण्यलाभकुलक प्रा.\ गा.१६ (पाकाहेम११०७३) सामायिकपौषधकुलक\ प्रा. गा.१६\ छत्तीसदिणसहस्सा (पाकाहेम११०८१) जिनकुशलसूरि-आचार्य चैत्यवन्दनकुलक-(सं.)विवृत्ति कथासहित। सं.\ ग्रं.४४००\ श्रेयांसि बहुवि (भांता७१, पाकाहेम१०१२) जिनचन्द्र गणि-गणि जीवविभक्ति प्रा.\ गा.२५\ नमिऊण चलणजुयलं (पाताहेसं११३) श्रावकसामाचारी प्रा. (पातासंघवी६७-१, पाकाहेम३३३३) जिनचन्द्रसूरि-आचार्य क्षपक शिक्षा प्रकरणी प्रा. गा.१२३ (पातासंघवी७२-२) पार्श्वनाथलघुस्तवन। सं. गा.७ (पाकाहेम८२०६) संवेगरङ्गशाला प्रा. गा.१००५३। रेहइ जेसिं पयमह (जेताजि२३५, भांता४८, भांता७७, जेकाजि७७) जिनचन्द्रसूरि-आचार्य (प्र. नाम-आचार्य-देवगुप्तसूरि)-उपकेशगच्छ। गुरु-आचार्य कक्कसूरि नवपदप्रकरण प्रा. गा.१३८ नमिउण वद्धमाणं (जेताजि१५४, जेताजि१६०, जेताजि२२१, जेताजि२२२, पाताखेत५, पाताखेत१२, पाताखेत३६, पाताखेत१७-२, पाताखेत३२-१, पातासंघवीजीर्ण५०, पातासंघवीजीर्ण५९, पातासंघवी१५१, पातासंघवी६१-२, पातासंघवी६६-३, पातासंघवी६७-१, पातासंघवी१७२-१, पातासंघवी१८१-१, पातासंघवी१८४-१, पातासंघवी१९०-२, पाताहेसं४०, पाताहेसं११४, पाताहेसं११९, पाताहेसं१२२, खंता८८, खंता९५, खंता९७, खंता९९, खंता१०५, खंता२८३, भांता२५, भांता६४, तालाद३२६, अताका४९७) नवपदप्रकरण-(सं.)श्रावकानन्दि टीका सं. नत्वेच्छायोगतो। (पातासंघवीजीर्ण५०, पातासंघवी१२८-१, वताकांति४०८) Page #81 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विद्वान उपरथी कृति माहिती ६४ जिनचन्द्रसूरि आचार्य पौषधविधिप्रकरण-(सं.)टीका सं. ग्रं. ३५५५ (पाकाहेम२६०१, पाकाहेम६७४५) जिनदत्तसूरि-आचार्य उपदेशरसायनरासक\ अप. गा.८० (पातासंघवीजीर्ण७४, जेकाजि१३०५, जेकाजि१३१७, पाकाहेम३८९४, पाकाहेम६५९३) कालस्वरुपकुलक\ अप. गा. ३२ (जेकाजि१३१७, पाकाहेम३८९४, पाकाहेम६५९३ ) गणधरसार्द्धशतकप्रकरण) प्रा. गा. १५० \ गुणमणिरोहणगिरिण (जेताजि२८०, जेताजि२८१, जेकाजि१३१७, जेकाजि१३२६, पाकाहेम७७५, पाकाहेम२०७९, पाकाहेम६७५९) चर्चरीप्रकरण\ अप.\ गा. ४७ (जेताजि३५३, जेकाजि१३०५, जेकाजि१३१७, पाकाहेम३८९४, पाकाहेम६५९३, पाकाहेम८२१९) चैत्यवन्दनकुलक\ प्रा.\ गा. ३० \ नमिऊणमणन्तगुणं (भांता७१, जेकाजि१३१७, पाकाहेम१०१२) मन्त्रसङ्ग्रह\ सं. (पाकाहेम१४५०१) वडील अपगा. २५ (पाकाहेम३८९४) विवेकविलास\ सं. (पातासंघवी२०४-१, पातासंघवी२०६-२, जेकाजि१२३१, पाकाहेम १४९००, भांका२३३) शिक्षाकुलक प्रा. गा. ७४ ( पाकाहेम३८९४ ) सन्देहदोलावलीप्रकरण प्रा. गा. १५० \ पडिबिम्बिय पणयज (जेकाजि१३१७, जेकाजि१३२६, पाकाहेम७००४, पाकाहेम७०२५, भांका२७५) स्थितिस्थानकुलक\ प्रा.\ गा.१७ (पाकाहेम११०७९) जिनदत्तसूरि-आचार्य-पूर्णतल्लगच्छ गुरु- आचार्य वर्द्धमानसूरि ढड्ढसियचरिय प्रा. गा.२०३ (पातासंघवीजीर्ण९२) जिनदत्तसूरि जुओ जिनवल्लभ-गणि जिनदास गणि क्षमाश्रमण-गणि (प्र. नाम - अज्ञात - जिनदास गणि महत्तर) - अनुयोगद्वारसूत्र-(प्रा.)चूर्णी प्रा. ग्रं. २२६८ \ किञ्चि पञ्चविहा (जेताजि७८, जेताजि४१०, पातासंघवी१६-३, पातासंघवी५८-४, पाताहेसं७, खंता४०, खंता५८, पाकाहेम६५३६, पाकाहेम१००३०, पाकाहेम१४८५५) आवश्यकसूत्र - (प्रा.) चूर्णी\ प्रा. ग्रं. १८००० \ काऊण नमोक्कारं (जेताजि१०१, जेताजि१०२, जेताजि१०३, पातासंघवी२४, पातासंघवी ८१, पाताहेसं१५, खंता५९, खंता६०, पाकाहेम६५७९, पाकाहेम१००६५, भांका२७९) नन्दी सूत्र - (प्रा.) चूर्णि प्रा. ( जेताजि४१०, पाकाहेम १००२७) निशीथसूत्र - (प्रा.) विशेष चूर्णि प्रा. ग्रं. १७८८४ \ श्लोक२८००० \ णमिऊण रहन्ताणं (जेताजि६७, जेताजि६८, ताजि६९, जेताजि७०, जेताजि७१, पातासंघवी७६, पातासंघवी७७, पाताहेसं१३ पाताहेसं १४, खंता३२, भांता १९. भांता२०, भांता२१, भांता२२, पाकाहेम७३०, पाकाहेम७३१, पाकाहेम६५४१, पाकाहेम१००५३, पाकाहेम१०३२२, पाकाहेम१०३४२, पाकाहेम१४८५३) व्यवहारसूत्र - (प्रा.) भाष्य प्रा. (जेताजि६१, पाताहेसं१२, खंता३१) जिनदास गणि महत्तर - जुओ - जिनदास गणि क्षमाश्रमण-गणि जिनदेवसूरि आचार्य- भावडार गच्छीय क्रियाकलाप सं. (पाकाहेम६८६९) जिनपतिसूरि-आचार्य पञ्चलिङ्गीप्रकरण-(सं.) वृत्ति ( सं .) श्लोक ६६०० (पाकाहेम६५८७) निपाल उपाध्याय (प्र. नाम - अज्ञात - जिनपाल गणि) उपदेशरसायनरासक-(सं.) टीका सं. ( जेकाजि १३०५, पाकाहेम६५९३) कालस्वरूपकुलक- (सं.) विवरण सं. ( जेकाजि१३०५, पाकाहेम६५९३) चर्चरीप्रकरण- (सं.)टीका सं. (जेताजि३५३, जेकाजि१३०५, पाकाहेम६५९३, पाकाहेम८२१९ ) द्वादशकुलक- (सं.) विवरण सं. ग्रं. ३३६३ (जेताजि२१८, पाकाहेम६५९७) पञ्चलिङ्गीप्रकरण- (सं.) टिप्पण\ सं. ग्रं. २०३ (पाकाहेम६५८७) स्वप्नाष्टकविचार - (सं.) टीका सं. (पाकाहेम६५९६) निपाल गणि- जुओ - जिनपाल उपाध्याय Page #82 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विद्वान उपरथी कृति माहिती जिनप्रभसूरि-आचार्य अजितनाथस्तवन यमकबन्धी सं. श्लोक२१\ विश्वेश्वरं मथि (पाताखेत११, पाकाहेम११३०८, पाकाहेम१२३१०, पाकाहेम१२३४५) अजितशान्तिस्तोत्र-(सं.)बोधदीपिका वृत्ति सं. ग्रं.७४० (तालाद३३६, जेकाजि२१२०, भांका१८६) अनाथिसन्धि (कडव-२) अप.\ गा.१३\ जस्सज्जवि माहप (पाताखेत६) अन्तरङ्गरास\ अप. गा.११\ पणमिउ पढमजिणिन् (पाताखेत६) अन्तरङ्गविवाह धवल अप. पमायगुणठाणु पाट (पाताखेत६) आत्मसम्बोधकुलक प्रा. गा.३३\ मोक्खमुक्खे माय (पाताखेत६, पाताहेसं१६१) उपदेशकुलक\ अप. गा.३२\ सुगुरु न सेविउ (जेताजि१५१, पाताखेत६, पाताहेसं१६१) उपसर्गहरस्तोत्र-(सं.)वृत्ति सं. ग्रं.२७१ (तालाद३३६, जेकाजि२१२०) ऋषभचरितस्तवन चरितकुलक\ अप. गा.२७ पणमिय पढम जिणिन (पाताखेत६) कल्पसूत्र-(सं.)सन्देहविषौषधिवृत्ति। सं. ग्रं.२१६८ (जेताजि४४, जेताजि४२६, पाकाहेम१००३५, पाकाहेम१०११८, पाकाहेम१०४३४, पाकाहेम१०४५२) गुणानुरागकुलक स्तवन\ प्रा. गा.३५ (पाकाहेम३६१७) गौतमस्वामिस्तोत्र सं. श्लोक९\ ॐनमस्त्रिजगन्न (पाकाहेम७३०७, पाकाहेम१२३६३, पाकाहेम१२३७४, पाकाहेम१३१७१) चतुर्विंशतिजिनस्तुति। सं. श्लोक५०१ (पाकाहेम१५३०६) चतुर्विंशतिजिनस्तुति। सं. का.२९\ ऋषभ नम्रसुरासुर (पाकाहेम१२१८८, पाकाहेम१२१८९, पाकाहेम१२१९०) चतुर्विंशतिजिनस्तुति सं. का.८ जिनर्षभ प्रीणित (पाकाहेम१२२३१, पाकाहेम१२२६३, पाकाहेम१२३५९, पाकाहेम१२३६४) चाचरिस्तुति अप. गा.३६ जयउ जयउ सिरिरिस (पाताखेत६) चैत्यपरिपाटी\ अप. जयइ जयइ जिणधम्म (पाताखेत६) जिनजन्ममहोत्सव प्रा. सो जयउ जस्स कल (पाताखेत६) जिनजन्ममहोत्सवस्तवन। अप. गा.२५ नमिवि सिरिपासना (पाताखेत६) जिनजन्माभिषेक भासरागेण अप.। गा.१५\ सुरनरखयरिन्दा द (पाताखेत६) जीवानुशास्तिसन्धि। अप.। गा.१८\ जस्स पहाणज्जवि (पाताखेत६) जैनागमस्तव सं. का.४६ नत्वा गुरुभ्यः (पाकाहेम७३०७, पाकाहेम१२३६५, पाकाहेम१२३८१, पाकाहेम१२३८२, पाकाहेम१२३८३) ज्ञानप्रकाशकुलक\ अप.\ गा.११३\ देवहं देवु सु ज (पातासंघवी१६४, पातासंघवी७२-३) तपोटमतकुट्टनशत\ सं. श्लोक११०\ निर्लोठितशठकमठं (जेताजि२८४, पाकाहेम७११९, पाकाहेम१४०२४, पाकाहेम१५३१८) व्याश्रयमय वीरस्तवन\ सं.\ श्लोक१७ (पाकाहेम११३०८) धर्माधर्मविचारकुलकी अप.। गा.१९। अह जण निसुणिज्ज (पाताखेत६, पाताहेसं१६१, पाताहेसं१६८, पाताहेसं१८९) नयगमस्तव प्रा. गा.११\ नयगमभङ्गपहाणा व (पातासंघवी१९६-२, पाकाहेम१२३१८) नर्मदासुन्दरीसन्धि। अप. गा.७१\ अज्जवि जस्स पहा (पातासंघवी७२-३) नवग्रहस्तुतिगर्भितपार्श्वनाथस्तुति प्रा. गा.१०\ दोसावहारदक्खो .. (पाकाहेम१२१७४, पाकाहेम१४९७१) नेमिनाथजन्माभिषेक। अप. गा.१०) मरगयमणिवन्नह ति (पाताखेत६) नेमिनाथरास\ अप. नन्दउ नेमिजिणिन (पाताखेत६) पगामसज्झाय-(सं.)वृत्ति सं. ग्रं.५४८ (पाकाहेम१००७०) पञ्चपरमेष्ठिस्तव। सं. श्लोक५। स्वश्रियः श्रीम (पाकाहेम१२३७५) पार्श्वनाथजन्माभिषेक\ अप. गा.११\ जय जय जगनायग सि (पाताखेत६) पिण्डालोचनाविधानप्रकरण प्रा. गा.७३ (पाकाहेम११०२५) भयहरस्तोत्र-(सं.)वृत्ति। सं. ग्रं.३०० (तालाद३३६, जेकाजि२१२०) भवियकुटुम्बचरित्र। अप. गा.३७\ पढम जिणिन्दह पा (पाताखेत६, पाकाहेम७३०७) भव्यचरित अप. गा.४४\ भविय सुणउ भवजीव (पाताखेत६) Page #83 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विद्वान उपरथी कृति माहिती भावनाकुलक अप. गा. ११ \ सुमरिवि पञ्चपरम (पाताखेत६) मल्लिनाथचरित्र अप. गा. ५० \ पणमवि सिरि उसहा (पाताखेत६ ) ६६ मुनिसुव्रतस्वामिस्तोत्र जन्माभिषेक \ अप. गा. १३ \ जयसिरिसमलङ्किय ( पाताखेत६ ) मोहराजविजय\ अप. तिहुअण पणमिअपाउ (पाताखेत६) लक्षणशास्त्रमय महावीरस्तवन \ सं.\ श्लोक १७ \ निस्तीर्णविस्ती (पाकाहेम७४०६) वयरसामिचरित्र अप. गा.६० \ नमवि जिणवर निज् (पातासंघवी७२-३) विवेककुलक\ अप.\ गा. ३२ \ धणिणो कविणो जइण (पाताखेत६) वीरजिनस्तवन विविधचित्रबद्ध सं.\ श्लोक२८ \ चित्रैः स्तोष्य (पाकाहेम११३०८, पाकाहेम१२३१६) जनस्तव सं. लोक२५ (पाकाहेम१००८८, पाकाहेम११३०८) वीर जनस्तव सं. का. १५ (पाकाहेम१२३४५) शारदाष्टक\सं.\ श्लोक ८ \ ॐनमस्त्रिदसवन् (पाकाहेम८२५३) शाश्वताशाश्वतचैत्यमाला अप. गा. २४ (पातासंघवी७२-३) श्रावकविधिकुलक\ अप. गा. ३२ \ वीरजिणिन्दह पयक ( पाताखेत५, पाताखेत५, पाताखेत६, पाताहेसं १६१, खंता११२) समवसरणस्तवन \ सं.\ श्लोक ३४ ( पाकाहेम११३०८) साधर्मिकवात्सल्यकुलक\ प्रा. गा.२४ \ साहम्मियवच्छलं (पाताखेत६) हैमविभ्रमसूत्र-(सं.)वृत्ति\ सं . \ श्लोक १९६ ( पाकाहेम १५०२५) जिनप्रभसूरि (आगमिक) - आचार्य (प्र. नाम - आचार्य - जिनप्रभाचार्य (आगमिक)) परमसुखद्वात्रिंशिका\ सं.\ श्लोक ३२ \ धर्माधर्मान्तरं (पातासंघवी १९८-२, पाताहेसं १६१, पाकाहेम९०२, पाकाहेम४६५४, पाकाहेम१०१६०, भांका२१७) जिनप्रभाचार्य (आगमिक) - जुओ जिनप्रभसूरि (आगमिक) - आचार्य - जिनभद्र गणि क्षमाश्रमण-गणि जम्बूद्वीपसमासप्रकरण\ प्रा. गा.८६ \ नमिउण सजल जलहर (जेताजि१५८, जेताजि१६०, जेताजि१६२, जेताजि१९६, पाताखेत३, पाताखेत५, पाताखेत१२, पाताखेत२३, पाताखेत३६, पाताखेत५१, पाताखेत १७- २, पाताखेत३२-१, पातासंघवीजीर्ण४९, पातासंघवीजीर्ण५९, पातासंघवीजीर्ण७३, पातासंघवीजीर्ण८५, पातासंघवीजीर्ण९०, पातासंघवी१५१, पातासंघवी १६४, पातासंघवी १६५, पातासंघवी १६६, पातासंघवी५४-२, पातासंघवी५९-३, पातासंघवी७२-३, पातासंघवी १०४-२, पातासंघवी ११७-१, पातासंघवी १३० - १, पातासंघवी१५६ - १, पातासंघवी१६१-२, पातासंघवी १८१-१, पातासंघवी १८४-१, पातासंघवी १९०-२, पातासंघवी १९५-२, पातासंघवी१९६-२, पातासंघवी२०६-२, पाताहेसं६९, पाताहेसं११४, पाताहेसं११९, पाताहेसं१८९, खंता८८, खंता९०, खंता९४, खंता९७, खंता९९, खंता१०१, खंता १०५, खंता १०७, खंता११०, खंता११२, खंता ११३, खंता ११८, खंता१२३, खंता१३२, खंता १४१, भांता७२, तालाद३२६, अताका४९७, जेकाजि१३२६, पाकाहेम १०२३, पाकाहेम६९६८, पाकाहेम६९६९) जीतकल्पसूत्र प्रा. ग्रं. १३० \ गा. १०५ \ कयपवयणप्पणामो व (जेताजि४१७, जेताजि४१८, जेताजि४१८, पाताखेत४५, पातासंघवी१९, पातासंघवी५८-१, पातासंघवी६२-२, पाताहेसं१४९, पाताहेसं १७३, खंता१०३, खंता१०३, भांता३६, अताका४८८, पाकाहेम८५७, पाकाहेम१००५५, पाकाहेम१००५९, पाकाहेम१०३२३, पाकाहेम१०४८२, पाकाहेम१४०२६, भांका११७, भांका२१८) जीतकल्पसूत्र - (प्रा.) स्वोपज्ञ भाष्य प्रा. गा. २६०६ \ पवयण दुवालसङ्गं (पातासंघवी५८-१) ध्यानशतकप्रकरण\ प्रा.\ गा. १०६ \ वीरं सुक्कज्झाण (पाताखेत२९, पाताखेत५०, पाताखेत२४ -२, खंता १२०, खंता १२८, पाकाहेम३७७९) बृहत् क्षेत्रसमासप्रकरण\ प्रा. ग्रं. ८७५ \ गा. ६४० \ नमिऊण सजलजलहरनि (जेताजि१५०, जेताजि१९२, जेताजि१९३, जेताजि१९४, जेताजि१९५, पातासंघवीजीर्ण४६, पातासंघवी १८३ - २, पातासंघवी १८८-१, पाताहेसं७३, खंता२८६, खंता२८९, भांता५१, पाकाहेम११५३, पाकाहेम११५४, पाकाहेम६७३०) बृहत् क्षेत्रसमासप्रकरण-(प्रा.) सङ्क्षिप्तक्षेत्रसमासप्रकरण) प्रा. गा.८५ \ नमिऊण सजलजलहरनि (पाताहेसं १६१, भांता६४) बृहत् सङ्ग्रहणीप्रकरण\ प्रा. गा. ५७९ \ नियट्ठवियअट्ठकम (जेताजि१५०, जेताजि१५७, जेताजि१९८, जेताजि१९९, ताजि२००, जेताजि२०१, जेताजि२०२, जेताजि४१५, पाताखेत११, पाताखेत३६, पाताखेत५०, पाताखेत३४-३, Page #84 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६७ विद्वान उपरथी कृति माहिती पातासंघवीजीर्ण८८, पातासंघवी१७४, पातासंघवी६७-१, पातासंघवी७२-३, पाताहेसं१००, पाताहेसं१२१, पाताहेसं१५०, पाताहेसं१८१, खंता९०, खंता११३, खंता११५, खंता११९, खंता१२९, खंता१५०, तालाद३२६, वताकांति४००-२, डतामुक्ता४६१, जेकाजि१२८६, जेकाजि१२८९, जेकाजि१३१५, पाकाहेम७७५, पाकाहेम६९६१, पाकाहेम१०३५६, पाकाहेम१०४३८) विशेषणवती प्रा. ग्रं.४१९\ गा.३४८\ उस्सेहङगुलमेगं (पातासंघवी६२-२, पुप्रे४१८) विशेषावश्यकमहाभाष्य प्रा. गा.४३१४ (जेताजि१०९, जेताजि११६, जेताजि१२०, जेताजि१२१, पाताहेसं२२, पाताहेसं२३, भांता१५, भांता१६, जेकाजि५७, पाकाहेम१४८४३) सङ्ग्रहणीप्रकरण\ प्रा. गा.३६७\ निट्ठवियअट्ठकम् (पातासंघवीजीर्ण४६, पातासंघवीजीर्ण८०, पातासंघवी१२३-२, पातासंघवी१६०-१, पातासंघवी१९३-१, पाताहेसं११०, पाताहेसं११४, पाताहेसं११८, पाताहेसं११९, खंता१४१) जिनभद्रसूरि-आचार्य-खरतरगच्छ पञ्चवर्गपरिहारनाममाला सं. ग्रं.३६०१ गा.१३३ नत्वा पञ्चेषु प (जेकाजि९४४, पाकाहेम८७३४) पञ्चवर्गपरिहारनाममाला\ सं. श्लोक२१७\ अपवर्गपदाध्यासि (अताका४७७) पञ्चवर्गपरिहारनाममाला सं. श्लोक६१\ अनेकार्था... (अताका४७७) जिनभद्रसूरि-आचार्य गुरु-आचार्य शालिभद्रसूरि उपदेशमालाकथासमास प्रा. ग्रं.३६१३\ गा.२८९०। अरहन्तमरिहमरुहं (पातासंघवी७०-२, खंता२३४) कथाकोश-(सं) विवरण प्रा. गा.३० (पाकाहेम१७७५) द्वादशाङ्गीपदप्रमाणकुलक प्रा. गा.२१\ नमिऊण जिणङ्गाणं (पाकाहेम१२३६५) जिनमण्डनगणि-गणि कुमारपालप्रबन्ध सं. (पाकाहेम१४८७०) जिनमुनि-मुनि आचार्यचूलिका सिद्धान्त प्रा. गा.८७\ तं नमह रिसहनाहं (पाकाहेम१४९३५) जिनलाभसूरि-शिष्य - जुओ - रामविजय-पाठक जिनवर्धनसूरि-आचार्य पडिलेहणाकुलक प्रा. गा.३६१ भयवं दसनभद्दो.. (पाकाहेम७७५) महावीरस्तवन। सं. श्रीसत्यपुरपत्त (पाकाहेम७७५) वाग्भटालङ्कार-(सं.)टीका। सं. (पाकाहेम१०४०५) जिनवल्लभ-गणि (प्र. नाम-आचार्य-जिनदत्तसूरि) आगमिकवस्तुविचारसारप्रकरण प्राचीन चतुर्थ कर्मग्रन्थ षड्शीति*\ प्रा. गा.८६ निच्छिन्नमोहपास (जेताजि१५०, जेताजि१६२, जेताजि१७८, जेताजि१८८, जेताजि४१५, पाताखेत२३, पाताखेत३६, पाताखेत४२, पाताखेत५०, पातासंघवीजीर्ण४५, पातासंघवीजीर्ण४६, पातासंघवीजीर्ण४६, पातासंघवीजीर्ण७३, पातासंघवीजीर्ण८०, पातासंघवी१७४, पातासंघवी१२७-१, पातासंघवी१२७-२, पातासंघवी१७२-१, पाताहेसं९५, पाताहेसं११०, पाताहेसं११२, पाताहेसं११४, खंता९९, खंता१०५, खंता११५, खंता११७, खंता१४७, खंता२८७, भांता६९, जेकाजि१३२४, पाकाहेम६५९२, पाकाहेम७६६३) आदिनाथचरित्र प्रा. गा.२० (पाकाहेम२०५४) आवश्यकविधि प्रकरण\ प्रा.\ गा.१४० (पातासंघवी७२-२) ऋषभजिनस्तोत्र चरित्र प्रा. गा.२५ नमिय जिणमुसभमुभ (पाकाहेम७७५) जिनस्तवनचतुर्विंशतिका प्रा. ग्रं.१५५ (पाकाहेम८४९४) द्वादशकुलक प्रा. गा.२३३ (जेताजि२१८, जेकाजि१३१७, जेकाजि१३२६, पाकाहेम६५९७, पाकाहेम७३०७) नन्दीश्वरस्तोत्री प्रा. गा.२५\ वन्दियनन्दियलोय (पाकाहेम१०२३) नाभेयजिनस्तोत्री प्रा. गा.२०\ नाभियजिणमुसभ (डतामुक्ता४५७, पाकाहेम१०२३, पाकाहेम१०१६६) नेमिनाथस्तोत्रचरित्र प्रा. गा.१५\ मयनाहि सरिसबलसि (पाकाहेम७७५, पाकाहेम२०५४, पाकाहेम१०१६६) पञ्चकल्याणकस्तव। सं. का.१२\ प्रीतद्वात्रिंश (जेताजि२२४, डतामुक्ता४५७) पञ्चकल्याणकस्तोत्र प्रा. गा.३३१ सम्म नमिऊण जिण (पाकाहेम७७५) पार्श्वजिनस्तोत्र सं.श्लोक१० (डतामुक्ता४५७) पार्श्वनाथचरित्रस्तोत्री प्रा. गा.१५ वन्दे मन्दर नन् (पाकाहेम१०२३, पाकाहेम२०५४) Page #85 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६८ विद्वान उपरथी कृति माहिती पार्श्वनाथस्तोत्रचरित्र प्रा. गा.१५ गुणमणिनिहिणो जस (पाकाहेम७७५) पार्श्वस्तुति-चक्राष्टकेन। सं. श्लोक८\ चक्रे यस्य नतिः (डतामुक्ता४५७) पिण्डविशुद्धिप्रकरण प्रा. गा.१०४१ देविन्दविन्दवन् (जेताजि१५४, जेताजि२०५, जेताजि२१०, पाताखेत५, पाताखेत६, पाताखेत१२, पाताखेत३६, पाताखेत५१, पाताखेत३२-१, पाताखेत३४-३, पातासंघवीजीर्ण४६, पातासंघवीजीर्ण४९, पातासंघवीजीर्ण७८, पातासंघवीजीर्ण८५, पातासंघवी१६४, पातासंघवी१६६, पातासंघवी२०२, पातासंघवी३५-२, पातासंघवी६४-२, पातासंघवी६७-१, पातासंघवी११७-१, पातासंघवी१३०-१, पातासंघवी१८१-१, पातासंघवी१८९-१, पातासंघवी२०६-२, पाताहेसं११९, पाताहेसं१२२, पाताहेसं१५९, पाताहेसं१६१, पाताहेसं१७९, पाताहेसं१८९, पाताहेसं१७१-११, खंता८८, खंता९१, खंता९५, खंता११२, खंता१२३, खंता७६-१, भांता६९, भांता७५, तालाद३२६, तालाद३८९, लिंता३४१६, जेकाजि१३२६, पाकाहेम७७५, पाकाहेम१०२३, पाकाहेम९५४६, पाकाहेम१४९८४, पाकाभाभा३३, भांका२०३, भांका२९८) पौषधविधिप्रकरण प्रा. (जेताजि१५४, पाकाहेम९३१, पाकाहेम२६०१, पाकाहेम६७४५, पाकाहेम१३९६४) प्रश्नशतक\ सं. श्लोक १६१ क्रमनखदशकोट्यद (भांका२४२, भांका२६९) भावारिवारणस्तोत्र सं.प्रा. का.३०\ भावारिवारणनिवार (डतामुक्ता४५७, पाकाहेम७३०७, पाकाहेम१०६६५, पाकाहेम१०६६६) महावीरस्तोत्र प्रा. गा.१३\ भत्तिब्भरनमिरसु (पाकाहेम१०२३) महावीरस्वामिचरित्री प्रा. गा.४४\ दुरियरयसमीरं मो (पाकाहेम७७५, पाकाहेम२०५४, पाकाहेम१०३७९, पाकाहेम१३७३७, पाकाहेम१५७१५) लघुअजितशान्तिस्तव प्रा. गा.१७\ उल्लसिक्कमनक्ख. (जेताजि१५४, जेताजि१५६, पाताखेत३२-२, डतामुक्ता४५७, जेकाजि१३१७, जेकाजि१३२६, पाकाहेम१०२३, पाकाहेम७३०७) शान्तिनाथस्तोत्री प्रा. गा.३३ अप्पडिहयधम्मचक् (पाकाहेम७७५, पाकाहेम१०२३) शान्तिनाथचरित्र\ प्रा.\ गा.२३ (पाकाहेम२०५४, पाकाहेम१०१६६) षष्टिशतकप्रकरण प्रा. (पाकाहेम१०६२८) सङ्घपट्टक\ सं. ग्रं.७५ (पाकाहेम६७२१, पाकाहेम७९४५, भांका१०८, भांका१०९, भांका२९७) सप्ततिकाप्रकरणी प्रा. साहूण अणुग्गहट् (पाताहेसं९७) सर्वजिनकल्याणकस्तोत्र\ सं.श्लोक८\ पुरन्दरपुरस्पर (पाताखेत२३, डतामुक्ता४५७) सूक्ष्मार्थविचारसारप्रकरण प्रा. गा.१६४५ सयलन्तरायवीरं व (जेताजि१५०, जेताजि१६२, जेताजि१८६, जेताजि४००, जेताजि४१५, पाताखेत२३, पाताखेत३६, पाताखेत४२, पाताखेत५०, पातासंघवीजीर्ण४५, पातासंघवीजीर्ण४६, पातासंघवी१७४, पातासंघवी७१-३, पातासंघवी११३-२, पातासंघवी१६०-१, पातासंघवी१७०-१, पातासंघवी१७२-१, पाताहेसं११०, खंता११७, भांता६८, भांता६९, जेकाजि२०८, पाकाहेम१०३३५, पाकाहेम१६५२५) स्वप्नाष्टकविचार प्रा. (जेताजि१००००, पाकाहेम६५९६) जिनवल्लभसूरि - जुओ - जिनवल्लभ-गणि जिनसागर-मुनि आदिजिनस्तवन खाद्यपदार्थनामगर्भित राणकपुरमण्डन#\ सं. श्लोक११\ श्रीसचे बरसाक (पाकाहेम१२३०७) जिनसिंहसूरि-आचार्य नेमिनाथ पञ्चासिका। प्रा. गा.५२\ पणमिय नेमिजिणिन (पाताहेसं१६८) जिनसूर-मुनि-तपागच्छ। गुरु-आचार्य सुधानन्दनसूरि उपसर्गहरस्तोत्र-(सं.)टीका+कथा\ सं. वंशाब्जश्रीकरो (पुप्रे४१९-२) जीवानुशास्तिकुलक प्रा. गा.३३\ जिणेसराणं पयपङ् (पाताखेत६, पातासंघवी६२-२, पाकाहेम२५९६) रूपसेननरेन्द्रकथा गद्य-पद्य सं. (पाकाहेम१०१७८) जिनसूरि-आचार्य जल्पमञ्जरी\ सं. वसुधानन्दनरूपं (भांका१३८) जिनसोमसूरि-आचार्य अजितनाथस्तव तारणदुर्गमण्डन\ सं. का.८ विजयाजितशत्रुनन (पाकाहेम१२३७७) ऋषभ-वर्धमानस्तव सं. का.९ श्रीऋषभवर्धमानौ (पाकाहेम१२३७७) महावीरस्तोत्र सं. का.७। जय जय जगदानन्दन (पाकाहेम१२३७७) Page #86 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विद्वान उपरथी कृति माहिती स्तम्भनकपार्श्वनाथस्तोत्र सं. का.११\ श्रीस्तम्भनं पा (पाकाहेम१२३७७) जिनहंससूरि-आचार्य आचाराङ्गसूत्र-(सं.)दीपिका टीका\ सं.\ ग्रं.१०५००\ शासनाधीश्वरो जी (पाताहेसं१७१-४, जेकाजि३४०, पाकाहेम६८९४, पाकाहेम१०४०९, पु४०४, भांका२९१) जिनहर्ष-मुनि अवन्तिसुकुमालना ढाळियां मागु. गा.१०५ (पाकाहेम१०१३३, पाकाहेम१०२३३, पाकाहेम१०२३४) रत्नशेखरनृपतिकथानक प्रा. (पाकाहेम७२९६, पाकाहेम१५२७०) श्रीपालनृपरास\ मागु.। गा.३०२ (पाकाहेम१०२२६, पाकाहेम१०२३७) जिनहर्ष गणि-गणि सीमन्धरस्तव भाषाष्टकमय सं.प्रा.,अप. का.२७ श्रीसर्वज्ञसमग् (पाकाहेम१२३०२, पाकाहेम१२३०३) जिनेन्द्रइन्द्र-अज्ञात पञ्चकल्याणकप्रकरण प्रा. गा.१३७ तित्थं पवयण सुय (पाताखेत३, पाताखेत१२, पाताखेत१७-२, पातासंघवीजीर्ण८१, पातासंघवीजीर्ण८२, पातासंघवी१०८, पातासंघवी६६-३, पातासंघवी७१-३, पातासंघवी१९०-२, पाताहेसं११४, खंता९७, खंता१०१, खंता१०५, खंता११०, खंता११५, खंता१२३, अताका४९७) जिनेन्द्रप्रभसूरि-आचार्य छ वयणाणि\ प्रा. बपु रि कन्दप्प- (पातासंघवी७२-३) जिनेश्वरसूरि-आचार्य (प्र. नाम-अज्ञात-जिनेश्वराचार्य) अष्टकप्रकरण-(सं.)टीका सं. (पातासंघवी१३८-१) उपदेशमणिमालाकुलक प्रा. गा.१५\ जीवदयाइ रमिज्जइ (पातासंघवी१९६-२, जेकाजि१३२६) उपदेशरत्नकोष सं. गा.२६\ उवएसरयणकोसं नास (जेकाजि१५९४, पाकाहेम७७५, पाकाहेम२६६४, पाकाहेम७९१७) चन्द्रप्रभचरित्र प्रा. गा.४१\ चरियं भणिमो चन् (पाकाहेम७७५, पाकाहेम२०५४) चन्द्रप्रभचरित्र-(सं.)विषमपदविवृति\ सं. (पाकाहेम१०१२३) छन्दोनुशासन प्रा. गा.२३\ नमिऊण छन्दलक्षण (डतामुक्ता४५६) द्वादशभावनाकुलकी अप.\ गा.३२\ धणु जुव्वणु जीव (पातासंघवी२०६-२) पञ्चलिङ्गीप्रकरण\ प्रा. गा.१०१\ उवसम संवेगो विय (जेताजि१५४, जेताजि१५६, जेकाजि२१०, जेकाजि१३१७, जेकाजि१३२६, पाकाहेम७७५, पाकाहेम११०२९, भांका३०८) श्रावकधर्मप्रकरण\ सं.\ ग्रं.२५०\ का.२४५\ भेजुर्यस्यांह्र (जेताजि१६१, पाकाहेम६५८८) श्रावकवक्तव्यताप्रकरणी प्रा. गा.१०३\ कयवयकम्मपभावो स (जेताजि१५४, जेताजि१५६, पाताहेसं११९, तालाद३२६, जेकाजि१२८९, जेकाजि१३२६) जिनेश्वराचार्य-आचार्य कथानककोशसूत्र गाथाबद्ध प्रा. (जेताजि१५६, जेताजि२४३, तालाद३९३, जेकाजि१३१७, जेकाजि१३२६, पाकाहेम१७७५) जिनेश्वराचार्य - जुओ - जिनेश्वरसूरि-आचार्य जीवदेवमुनि-मुनि भावनासन्धि। अप.\ गा.६३ (पाकाहेम९०२, पाकाहेम९०३६, पाकाहेम९०३७) जैत्रसूरि-आचार्य वीतरागस्तवन सं. का.८ शान्तं शिवं शिव (पाकाहेम१२३७४) ज्ञानचन्द्र-मुनि रत्नाकरावतारिका-(सं.)टिप्पणक\ सं.\ ग्रं.२१०४ (पाकाहेम२४५७, पाकाहेम६६९०) ज्ञानभूषण - जुओ - सुमतिकीर्ति-मुनि ज्ञानविमल-उपाध्याय शब्दभेदप्रकाश नाममाला-(सं.)वृत्ति। सं. ग्रं.३७००\ श्रीमन्तं भगवन् (पाकाहेम९५७८, पुप्रे४३०) ज्ञानविमलसूरि-आचार्य आनन्दघनबावीसी-(मा.गु.)बालावबोध मागु. (पाकाहेम५८५५) भाष्यत्रय-(मा.गु.)बालावबोध। मागु. (पाकाभाभा६७) Page #87 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ७० विद्वान उपरथी कृति माहिती श्रीपाल चरित्र सं. सकलकुशलवल्ली से (पुप्रे४१९-१) सीमन्धरजिन स्तवन-(मा.गु.)बालावबोध मागु. (पुप्रे४१९-४) ज्ञानसागरसूरि-आचार्य आवश्यकसूत्र-(प्रा.)नियुक्तिनी (सं.)अवचूर्णी\ सं. ग्रं.९००५। जयति इन्द्रियवि (पाकाहेम६९२८, पाकाहेम१०४८५, भांका१६३) आवश्यकसूत्र-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम१०४८६) इलाकुमारचोपाई\ मागु. (पाकाहेम१०२२७) उत्तराध्ययनसूत्र-(सं.)अवचूरि। सं.\ श्लोक५२५०\ कय. एषा पूर्वाच (जेकाजि१४८०, भांका३०४) ओघनियुक्ति-(सं.)अवचूरि। सं. प्रकान्तोयमावश् (पाकाहेम४८९, पाकाहेम१०४९२, पाकाहेम१०४९३, भांका२३७) कल्याणमन्दिरस्तोत्र-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम१२३७९) चैत्यवन्दनभाष्य-(सं.)अवचूर्णि\ सं. वन्दि. वन्दनीया (भांका२२४) नेमिनाथचन्द्राउलास्तवन\ मागु. गा.७३ (पाकाहेम१०७९०) ज्ञानसोम-मुनि विमलसोमसूरि गुरु बारहमासा मागु. गा.३७\ चुवीसइ जिनपय नम (पुप्रे४५५-६) तर्कपञ्चानन - जुओ - अभयदेवसूरि-आचार्य तिलक पण्डित-अज्ञात उक्तिसङ्ग्रह। सं. (पाकाहेम८६०२) तिलकसूरि-आचार्य (प्र. नाम-आचार्य-शिवप्रभसूरि-शिष्य) आवश्यकसूत्र-(सं.)लघुवृत्ति। सं. श्लोक १२३२५\ यो मन्दरागेण न (जेताजि११४, जेताजि११५, पातासंघवी२३, पातासंघवी२०६-२, खंता६३, जेकाजि३६, जेकाजि२१२०, पाकाहेम२३, पाकाहेम६५५६, पाकाहेम१०३४८) आवश्यकसूत्र-(सं.)वृत्ति। सं. (पातासंघवी२३) चैत्यवन्दना वन्दनक प्रत्याख्यान-(सं.)लघुवृत्ति सं. ग्रं.५५०१ श्रीवीरजिनवरेन् (पातासंघवी१२१-२, पातासंघवी१८९-१) जीतकल्पसूत्र-(सं.)वृत्ति सं. ग्रं.१८०० वन्दे वीरं तपोव (जेताजि४१८, पाताखेत४५, पातासंघवी१९, पाताहेसं१७३, पाकाहेम८५७, पाकाहेम१००५९, पाकाहेम१०३२३, पाकाहेम१४०२६, भांका११७) दशवैकालिकसूत्र-(सं.)टीका सं.! ग्रं.७०००\ अर्हन्तः प्रथयन (जेताजि८२, पाताहेसं२५, खंता८०, पाकाहेम१४९२६, पुप्रे४०७) पौषधिकप्रायश्चित्तसामाचारी प्रा. गा.१०\ पोसहिओ न करेइ आ (पाताहेसं१७३) पौषधिकप्रायश्चित्तसामाचारी-(सं.)वृत्ति। सं. (पाताहेसं१७३) योगप्रायश्चित्तप्रदानविधि। प्रा.\ गा.३ (पाकाहेम७९५२) श्राद्धलघुजीतकल्प-(सं.)वृति। सं. (पाकाहेम१०३२३) श्रावकप्रतिक्रमणसूत्र-(सं.)लघुवृत्ति सं. ग्रं.२००। प्रणिधाय श्रीवी (पातासंघवी१२१-२, पातासंघवी२०६-२, पाताहेसं१०५, जेकाजि२१२०, पाकाहेम७४७३) श्रावकसामाचारीप्रकरण प्रा. गा.३८ सिरिवीरजिणं नमि (जेताजि२७५, जेताजि४१८, जेताजि४१८, पातासंघवी६२-२, पातासंघवी१८३-१, पाताहेसं१७३, पाकाहेम६५९४, पाकाहेम७९४८, पाकाहेम७९५२, पाकाहेम१०३२३) श्रावकसामाचारीप्रकरण-(सं.)श्रावकसामाचारीवृत्ति। सं.। प्रणिपत्य जिनं (जेताजि४१८, पाताहेसं१७३) तिलकाचार्य - जुओ - तिलकसूरि-आचार्य तेजपाल-जैनश्रावक सम्भवनाथचरित्र अप. (भांका२१९) तेजसिङ्घ-आचार्य विद्वानशतक। सं. श्लोक२६\ श्रृणु विद्वान् (भांका२४०) त्रिलोकचनदास - जुओ - त्रिलोचनदास-जैनेतर त्रिलोचनदास-जैनेतर (प्र. नाम-जैनेतर-त्रिलोकचनदास) कातन्त्रव्याकरणनी (सं.)दुर्गसिंहवृत्तिनुं (सं.)पञ्जिकाविवरण सं. प्रणम्य सर्वकर् (जेताजि२८५, जेताजि२८६, जेताजि२८७, जेताजि२८८, जेताजि२८८, पातासंघवीजीर्ण६२, पातासंघवी८३-१, पातासंघवी८३-२) Page #88 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विद्वान उपरथी कृति माहिती ७१ त्रिविक्रम भट्ट-जैनेतर कातन्त्रव्याकरण-(सं.)वृत्ति नी पञ्जिका नी उद्योतवृत्ति। सं. (पाताहेसं१४६, पाकाहेम६७८२) वृत्तरत्नाकर-(सं.)टीका सं. (पाताहेसं१४८) त्रिविक्रम भट्ट-जैनेतर (प्र. नाम-जैनेतर-त्रिविक्रम भट्ट) दमयन्तीकथा। सं. ग्रं.२५०० (पातासंघवी१७९-२, पाताहेसं५२, जेकाजि१३१४) त्रिविक्रम भट्ट - जुओ - त्रिविक्रम भट्ट-जैनेतर दयानन्द-मुनि प्राशुकपानीयषट्त्रिंशिकाप्रकरणी प्रा. गा.३७ (पाकाहेम७९५४) दयासिंह-गणि लघुक्षेत्रसमासप्रकरण-(मा.गु.)बालावबोधी मागु. (पाकाहेम१०३३६, पाकाहेम१०३७४) सङ्ग्रहणीप्रकरण-(मा.गु.)बालावबोध\ मागु.\ ग्रं.१७५७ (पाकाहेम१०४३९) दशरथ राजा-जैनेतर शनैश्चरस्तुति स्कन्दपुराणगत\ सं. (पाकाहेम८२५९) दामोदर-पण्डित (प्र. नाम-अज्ञात-दामोदर गुप्त) उक्तिव्यक्तिकारिका। सं. का.५०\ नानाप्रपञ्चरचना (पातासंघवी१९०-१) कुट्टनीमत-शुम्भलीमत सं. ग्रं.१२९०१ श्लोक १०३९। स जयति सङ्कल्पभ (पातासंघवी२०३-१, खंता२७२) यन्त्रचिन्तामणिमहाकल्प सं. (पाकाहेम१३३२०) दामोदर गुप्त - जुओ - दामोदर-पण्डित दिग्नाग-आचार्य न्यायप्रवेशसूत्र सं. (जेताजि३७४, जेताजि३७५, पातासंघवी६२-२, पातासंघवी१७१-२) दिवाकर-कवि किरणावली-(सं.)टीका सं. (पाकाहेम१०१०२) दुर्गसिंह-जैनेतर कातन्त्रव्याकरण-(सं.)दौर्गसिंहीवृत्ति सं. देवदेवं प्रणम्य (पातासंघवीजीर्ण९५, जेकाजि२४०, जेकाजि२४५, जेकाजि२४९, जेकाजि१०२०, जेकालौ५०५, जेकालौ५४१-B, पाकाहेम९०३, पाकाहेम९०४, पाकाहेम१०३६, पाकाहेम१०३७, पाकाहेम२८७१, पाकाहेम२८७२, पाकाहेम३८१३, पाकाहेम३९३४, पाकाहेम६७८४, पाकाहेम१०४३०, पाकाहेम१०४३१, पाकाहेम१०६७४, पाकाहेम१२८३७, पाकाहेम१२८३८, पाकाहेम१२८३९, पाकाहेम१८७८९) कातन्त्रव्याकरण नो हिस्सो उणादिगणनी (सं.)दौर्गसिंही वृत्ति। सं. (पाकाहेम९६९०) कातन्त्रव्याकरण परिभाषासूत्र-(सं.)टीका। सं. सम्पूर्ण मण्डला (वताकांति४४०) दुर्गात्मज-जैनेतर कातन्त्रलिङ्गानुशासन सं. (पाकाहेम१०६७७) दुर्लभराज-अज्ञात-नृसिंहपुत्र सामुद्रतिलक-नरलक्षणशास्त्र सं. (पाकाहेम१०४४२) देपाल-कवि जीराउलारास मागु. गा.४१ (पाकाहेम१०२२, पाकाहेम१२१२४) देवगुप्तसूरि-आचार्य तत्त्वार्थाधिगमसूत्र-सम्बन्धकारिका-(सं.)टीका सं. वीरं प्रणम्य सर (भांता४९) नवतत्त्वप्रकरण प्रा. गा.१३९ (जेताजि१५४, जेताजि१५५, पातासंघवी१४६-१, जेकाजि७४) देवगुप्तसूरि - जुओ - जिनचन्द्रसूरि-आचार्य देवचन्द-अज्ञात एकाक्षरस्तुति प्रा. जय अमरनय चरणमय. (पातासंघवी२०५-१) देवचन्द्र-मुनि (प्र. नाम-गणि-देवचन्द्र गणि) जम्बूपृच्छारास\ मागु. (पाकाहेम६२३५) नवतत्त्वनी चोपई स्तवन मागु. ग्रं.३०२ गा.२०८ (पाकाहेम५४०९) नेमिनाथजिनबारमासा। मागु. गा.१५ (पाकाहेम३१४२) Page #89 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ७२ ०) विद्वान उपरथी कृति माहिती पृथ्वीचन्द्रकुमाररास\ मागु. गा.१७४ (पाकाहेम५९७०, पाकाहेम१०२३५) देवचन्द्र गणि - जुओ - देवचन्द्र-मुनि देवचन्द्रसूरि-आचार्य कालिकाचार्यकथा-मूलशुद्धिप्रकरणटीकान्तर्गता। प्रा.\ ग्रं.३९५\ अत्थि इहेव जम्ब (जेताजि४०, जेताजि४२, जेताजि४३, पाताखेत५७, पाताखेत९-१, पातासंघवीजीर्ण४१, पातासंघवी१९४-१, पाताहेसं७७, पाताहेसं७८, पाताहेसं८२, पाताहेसं१६६, खंता४२, खंता४३, खंता४९, खंता५०, खंता५१, खंता८१, भांता३२, तालाद३३७, तालाद३६४) मूलशुद्धिप्रकरण-(सं.)विवरण सं. ग्रं.१३००० (पाकाहेम७०७३) शान्तिनाथचरित्र (गद्यपद्यबद्ध) प्रा. श्लोक १२१०० (जेताजि२५५, पातासंघवीजीर्ण१८, पाताहेसं४२, पाकाहेम१६६७) देवप्रभसूरि-आचार्य (प्र. नाम-आचार्य-देवभद्रसूरि (?)) अनर्घराघवनाटक-(सं.)रहस्यादर्शटिप्पणी\ सं. ग्रं.७१०० (पाताखेत२५) पार्श्वनाथचरित्र प्रा. ग्रं.९००० (पातासंघवी७५) श्रेयांसजिनचरित्री प्रा. ग्रं.११००० (पातासंघवी४८) देवप्रभसूरि मलधारी-आचार्य-हर्षपुरीयगच्छ धर्मसार-मृगावतीचरित्र सं. (पाताहेसं५४-१) पाण्डवचरित्रमहाकाव्य सं. ग्रं.९८८४\ श्रियं विश्वत्र (जेताजि४१९, पाताहेसं६५, पाताहेसं६६, पाताहेसं१२३, खंता२२०, खंता२२१, भांका२९४) देवप्रभसूरि(?) - जुओ - देवभद्रसूरि-आचार्य देवभद्रसूरि-आचार्य (प्र. नाम-आचार्य-देवप्रभसूरि(?))। गुरु-आचार्य प्रसन्नचन्द्रसूरि उपदेशसारप्रकरणी प्रा. का.१०१। नमिऊण विजियदुज् (पातासंघवी१६०-१) कहारयणकोस प्रा. पडिबिम्बियपणयजा (खंता२३२, वताकांति३९५) पार्श्वनाथस्तव-द्वात्रिंशिका सं. गा.३२ (पातासंघवी१८२-१) संवेगमञ्जरीप्रकरणी प्रा. गा.३२१ सद्देसणमलयानिलम (जेताजि१५१, पाताखेत५, पाताहेसं११४, खंता८८, पाकाहेम१३५१, पाकाहेम३८९४) देवभद्रसूरि-आचार्य गुरु-आचार्य विमलसूरि अनन्तनाथस्तोत्र प्रा. गा.२१\ सम्पत्तनाणदंसणव (पाताखेत५४-१) दर्शनशुद्धिप्रकरण-(सं.)टीका\ सं.श्लोक३८००\ नत्वा श्रीवर्ट्स (जेताजि२२३, पातासंघवी१४८, खंता१७४, पाकाहेम६५९०) देवभद्रसूरि-आचार्य गुरु-आचार्य श्रीचन्द्रसूरि सङ्ग्रहणीप्रकरण-(सं.)टीका सं.ग्रं३५००\ अत्यद्भुतं योगि (जेताजि८२, जेताजि२०३, खंता१५१, पाकाहेम६९६६, पाकाहेम१०३२९, पाकाहेम१०५८३) देवभद्रसूरि-आचार्य प्रमाणप्रकाश सं.। श्लोक८२\ सन्न्यायनगरारम् (पाताखेत५४-१) वीतरागस्तव प्रा. (पाताखेत५४-१) स्तम्भनपार्श्वनाथस्तोत्री प्रा. गा.१६ लच्छीलीलाभवणं थ (पाताखेत५४-१) देवभद्रसूरि (?) - जुओ - देवप्रभसूरि-आचार्य देवभद्रसूरि मलधारी-आचार्य-हर्षपुरगच्छीय न्यायावतारसूत्र-(सं.)वृत्तिनुं (सं.)टीप्पणक\ सं. (जेताजि३८१, पाकाहेम२४४८, पाकाहेम२४४९, पाकाहेम६६७१) पोसहविधिप्रकरण प्रा. गा.११८ (पातासंघवी६१-२) देवमूर्ति-उपाध्याय-कासहदगच्छीय विक्रमचरित्रमहाकाव्य सं. श्लोक६२६६ (पाकाहेम६८६३) देववाचक-वाचक नन्दीसूत्र प्रा. ग्रं.७००\ जयइ जगजीवजोणीवि (जेताजि७७, पाताखेत३४-२, पातासंघवीजीर्ण१९, पातासंघवीजीर्ण९७, पातासंघवी३७, पातासंघवी१४६-२, खंता३८, भांता५९, भांता७०, जेकाजि४८, पाकाहेम१००२६, पाकाहेम१०८२०, भांका२५९) नन्दीसूत्रनो हिस्सो (प्रा.)स्थविरावली प्रा. गा.५० जयइ जगजीवजोणी..(जेताजि१५६, जेताजि१५८, जेताजि१६०, Page #90 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ७३ विद्वान उपरथी कृति माहिती पाताखेत६, पाताखेत१२, पाताखेत२३, पातासंघवीजीर्ण४६, पातासंघवीजीर्ण४९, पातासंघवी१०४-२, पातासंघवी१९०-२, पाताहेसं११४, पाताहेसं११९, खंता८८, खंता९५, खंता९६, खंता१०७, खंता११०, खंता११२, खंता११८, खंता१२३, खंता१२६, खंता७६-१, भांता२४, तालाद३२६, पाकाहेम७७५, पाकाहेम१०२२, पाकाहेम१०२२, पाकाहेम१०२३, पाकाहेम९५४६, पाकाहेम१२१२४) देवविजय-मुनि भक्तामरस्तोत्र रागमाला मागु. (पाकाहेम१०३०७) देवसमुद्र-उपाध्याय रत्नसिंहसूरिरास (बृहत्तपागच्छीय) मागु. गा.५१ (पाकाहेम१०२२) देवसागर-गणि-आञ्चलिक अभिधानचिन्तामणिनाममाला-(सं.)व्युत्पत्तिरत्नाकर टीका। सं. (पाकाहेम१३०५१, पाकाहेम१३९४०) देवसुन्दरसूरि-आचार्य साधारणजिनस्तवन सं. का.११\ कलाभवन्तं सकलाध (पाकाहेम१२३७१) स्तम्भनपार्श्वनाथस्तव सं. का.२५ स्फुरत्केवलज्ञा (पाकाहेम८५१३, पाकाहेम१२१३६, पाकाहेम१२३३०) देवसुन्दरसूरि शिष्य-मुनि यमकालङ्कारमय जिनस्तव। सं. (पाकाहेम८२३४) देवसूरि-आचार्य (प्र. नाम-आचार्य-देवाचार्य) उपमितिभवप्रपञ्चसारोद्धार सं. ग्रं.२३२८ नत्वा श्रीमन्मह (पातासंघवी१९३-२) धरणोरगेन्द्रस्तव सं. ग्रं.३९ गा.३६\ धरणोरगेन्द्रसुर (पाताखेत२३, पातासंघवी१०४-२, पातासंघवी१४५-१, पातासंघवी२०३-२, पातासंघवी२०६-२, खंता१३४, वताकांति४२१, पाकाहेम११२६८, पाकाहेम१२३३२, पाकाहेम१२३३४) पार्श्वनाथस्तवन। सं. गा.९\ जयति त्रिजगद्रक (पाकाहेम१०२३) सामाचारी-यतिदिनचर्या प्रा. गा.३९२\ तं जयइ सुहं कम् (पाकाहेम७९५३) देवसूरि - जुओ - वादिदेवसूरि-आचार्य देवसूरि#-आचार्य-जालिहरगच्छ पद्मप्रभस्वामिचरित्र प्रा. मङ्गलमाइजिणेसरभ (पातासंघवी३४-२, पाकाहेम१८८७) देवसूरि-शिष्य-मुनि श्रावकव्रत\ प्रा.\ गा.५७\ तिहुअणकयबहुमाणे (पातासंघवी५९-२, पाकाहेम१११५३) देवसेन (दिगम्बर)-आचार्य तत्त्वसार प्रा. गा.७४ (जेकाजि२५९, पाकाहेम११०२७) देवाचार्य - जुओ - देवसूरि-आचार्य देवानन्दसूरि-आचार्य अजितनाथ चरित्र सं. श्लोक१७३४\ अर्हन् पादाम्बु (पुप्रे४२१) सङ्ग्रहणीप्रकरण-(प्रा.)चूर्णि\ प्रा. (भांका१५१) समयसारप्रकरण। सं. (पाकाहेम६७१९, पाकाहेम१०१४४, पाकाहेम१७१००) समयसारप्रकरण-(सं.)स्वोपज्ञ टीका। सं. (पाकाहेम६७१९) देवेन्द्र गणि - जुओ - नेमिचन्द्रसूरि-आचार्य देवेन्द्रसूरि-आचार्य उपमितिभवप्रपञ्चकथासारोद्धार सं. (पातासंघवी११२) कर्मग्रन्थषट्क प्रा. सिरिवीरजिणं वन् (पाकाहेम६९७०, पाकाहेम६९७१, पाकाहेम१०१४३, पाकाहेम१०५९०, पाकाहेम१०५९१) कर्मविपाक नव्य प्रथम कर्मग्रन्थ प्रा. गा.६१\ सिरिवीरजिणं वन् (पातासंघवी१, पातासंघवी६३-३, खंता१४८, पाकाहेम६९७४) कर्मविपाक नव्य प्रथम कर्मग्रन्थ-(सं.)वृत्ति। सं. ग्रं.१७८२ (पातासंघवी१, पातासंघवी६३-३, खंता१४८) कर्मस्तव नव्य द्वितीय कर्मग्रन्थ प्रा. गा.३४ तह थुणिमो वीरजि (पातासंघवी१, पातासंघवी५९-३, खंता१४८, पाकाहेम६९७४) Page #91 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ७४ विद्वान उपरथी कृति माहिती कर्मस्तव नव्य द्वितीय कर्मग्रन्थ-(सं.)वृत्ति। सं. ग्रं.८३०\ बन्धोदयोदीरणसत् (पातासंघवी१, पातासंघवी५९-३, खंता१४८, भांता८०) चतुःशरण प्रकीर्णक-वृद्ध प्रा. गा.९०\ जिणे सिद्धे नम (पातासंघवी१४५-१, खंता९५, खंता१०६) चत्तारिअट्ठदसदोयसूत्र-(सं.)वृत्ति सं. (जेकाजि२१२०, पाकाहेम१५८१७) चैत्यवन्दनभाष्य। प्रा. गा.६३\ तिण्णि निसिही.. (जेताजि२०७, पातासंघवीजीर्ण८५, पातासंघवीजीर्ण८६-२, पातासंघवी२०२, खंता१५२, पुप्रे४४०, पुप्रे४४१, पुप्रे४४३) चैत्यवन्दनभाष्य। प्रा. गा.५१\ वन्दित्तु वन्दण (जेकाजि१०८९, भांका१४८) दानकुलकी प्रा. गा.२०\ नमिउण महियमोहं. (पाकाहेम७७८१) दानशीलतपभावनाकुलक चतुष्टय प्रा. गा.८१ (पाकाहेम७७७८, पाकाहेम७७७९, पाकाहेम७७८०, पाकाहेम१०५७१) धर्मकुलक\ प्रा. गा.२२ (पातासंघवी१६८) धर्मरत्नप्रकरण-(सं.)बृहद्वृत्ति। सं.\ ग्रं.९७००\ सज्ज्ञानलोचनविल (जेताजि२३४, खंता१७५, खंता२८०, पाकाहेम१४८७४, पाकाभाभा५७) धर्मोपदेशकुलक प्रा. गा.२२जम्मजरामरणजले न (जेताजि१५१, पाताखेत२३, पातासंघवी६२-२, पातासंघवी७२-३, पातासंघवी११७-१, पातासंघवी१४५-१, पाताहेसं१६८, पाताहेसं१८९, खंता८८, खंता९५, पाकाहेम२५९६) प्रत्याख्यानभाष्य प्रा. गा.४८ सदपच्चक्खाण चउव (भांका१४८) बन्धस्वामित्व नव्य तृतीय कर्मग्रन्थ\ प्रा. बन्धविहाणविमुक् (पातासंघवी१, खंता१४८, पाकाहेम६९७५) भाष्यत्रय प्रा. (पाकाहेम१०५६८, पाकाहेम१०५९२, पाकाहेम१०५९३, पाकाभाभा६७) मिथ्यात्वसप्ततिकाप्रकरणी प्रा. गा.७४ (पाकाहेम७८०१) वन्दनकभाष्य प्रा. गा.५० नमिऊण महावीरं ब (खंता१३४, भांका१४८) शतक नव्य पञ्चम कर्मग्रन्थ प्रा. नमिअ जिणं धुवबन (जेताजि१८७, पातासंघवी१, पातासंघवी६१-१, खंता१४८) शतक नव्य पञ्चम कर्मग्रन्थ-(सं.)वृत्ति सं.\ ग्रं.४३४० (जेताजि१८७, पातासंघवी१, पातासंघवी६१-१, खंता१४८) शत्रुञ्जयमहातीर्थस्तोत्री प्रा. गा.२५ सयलसुरासुरनमियं (पाकाहेम१०२३) शाश्वतजिनचैत्यस्तोत्र प्रा. गा.३२\ तिपयपयसियतिजयं (पाकाहेम१०२३) शाश्वतजिनभवनसङ्ख्या प्रा. गा.२५ (पाकाहेम११०१४) श्राद्धदिनकृत्यप्रकरण-(सं.)बृहद्वृत्ति। सं.\ गा.१२८०\ गोभिर्येन जगत्त (जेताजि२२६, पातासंघवी१७५, खंता१७०, खंता१७१) श्रावकषडावश्यकसूत्र-(सं.)वन्दारु वृत्ति। सं.\ ग्रं.२७७०\ वृन्दारुवृन्दार (पातासंघवीजीर्ण५६, पातासंघवी१५०, पातासंघवी१६८, पातासंघवी७८-१, जेकाजि७८२, पाकाहेम६९३७, पाकाहेम७४७०, पाकाहेम१०४८७, पाकाहेम१७७१७, भांका१४५) षडशीति नव्य चतुर्थ कर्मग्रन्थ प्रा. गा.८६ नमिअ जिणं जिअमग (पातासंघवी१, खंता१४८, पाकाहेम६९७५) सिद्धपञ्चाशिकाप्रकरणी प्रा.गा.५०\ सिद्धं सिद्धत्थ (पाकाहेम१०५९८, पाकाहेम१३५७६, पाकाहेम१६१८४, पाकाभाभा४४) देवेन्द्रसूरि-आचार्य-नागेन्द्रगच्छ चन्द्रप्रभस्वामिचरित्र श्लोकगाथाबद्ध सं.प्रा. ग्रं.५३२५५ दृष्टोपि हृष्टज (जेताजि२५३, पाकाहेम८०४, पाकाहेम१८७२, भांका१२७, भांका१५८, भांका२३९) देवेन्द्रसूरि-शिष्य - जुओ - साधुरत्नसूरि-आचार्य देवेन्द्रसूरि-शिष्य - जुओ - साधुरत्नसूरि-आचार्य देशल-पण्डित कातन्त्रव्याकरण-(सं.)पञ्जिकानी (सं.)प्रदीप टीका\ सं. (पाकाहेम६७८३) द्रोणाचार्य-आचार्य ओघनियुक्ति-(सं.)वृत्ति। सं. ग्रं.७००० (जेताजि८४, जेताजि१२३, जेताजि१२४, जेताजि१२५, जेताजि१२६, पातासंघवी१७-१, पाताहेसं३०, जेकाजि४२, जेकाजि१४५३, पाकाहेम६५५९, पाकाहेम१००६९, पाकाहेम१०५६२, पाकाहेम१४८५६, पाकाहेम१४८५७, पाकाहेम१४८७५, पाकाभाभा६३, भांका१३९) द्विजपार्श्वदेव गणि-गणि उपसर्गहरस्तोत्र-(सं.)टीका सं. धरणेन्द्र नमस्क (भांका१५२) Page #92 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विद्वान उपरथी कृति माहिती ७५ धनचन्द्र-पं. सिद्धहेमशब्दानुशासन-(सं.)लघुवृत्तिनी (सं.)अवचूरि\ सं. (पातासंघवी१७३-१, पाताहेसं१३१) धनञ्जय-मुनि-दिगम्बर द्विसन्धानमहाकाव्य सं. (भांका१७१) धनद-जैनश्रावक (प्र. नाम-जैन श्रावक-धनदराज सङ्घपति) धनदत्रिशती\ सं.\ ग्रं.३०० (पाकाहेम६७९४, पाकाहेम९४९४) धनदराज सङ्घपति - जुओ - धनद-जैनश्रावक धनपाल-कवि ऋषभपञ्चाशिका प्रा.गा.५०\ जय जन्तुकप्पपाय (पाताखेत११, पाताखेत२८-२, पाताखेत३२-१, पातासंघवीजीर्ण८५, पातासंघवीजीर्ण८६-२, पातासंघवी५५-२, पातासंघवी१८८-१, पातासंघवी१९०-२, पातासंघवी२०६-२, पाताहेसं१०५, पाताहेसं१६१, पाताहेसं१६८, खंता९०, खंता१२६, खंता२७९, भांता२४, पाकाहेम९५०४, पाकाहेम१०६६४) तिलकमञ्जरी\ सं. स वः पातु जिनः. (जेताजि४०२, पातासंघवी१०७, तालाद३७७, डतामुक्ता४५९) पाइयलच्छीनाममाला। प्रा. गा.२८० नमिऊण परमपुरिसं (अताका४७७) श्रावकविधिप्रकरण\ प्रा. गा.२२\ जत्थ पुरे जिणभव (जेताजि१९१, जेताजि४००, पाताखेत२९, पातासंघवी५६-२, पातासंघवी१४१-२, पाताहेसं११९, खंता९०, खंता९४, खंता९७, खंता१०९, तालाद३२६, जेकाजि१३२६, पाकाहेम७७५, पाकाहेम१०२३, पाकाहेम७७९८) धनविजय-मुनि कर्मविपाक नव्य प्रथम कर्मग्रन्थ-(मा.गु.)स्तबक मागु. (पाकाहेम६९७४) कर्मस्तव नव्य द्वितीय कर्मग्रन्थ-(मा.गु.)स्तबक मागु. (पाकाहेम६९७४) धनेश्वरसूरि-आचार्य गुरुवेयणकुलकी प्रा. गा.१५ (पातासंघवी१९०-२) चारित्रमनोरथमाला। प्रा.,सं. गा.३० (पातासंघवी५९-३, पाकाहेम१६२०, पाकाहेम१०५०५, पाकाहेम१३३०५) शत्रुञ्जयमाहात्म्य। सं.\ ग्रं.८८१२ (जेकाजि२४२, पाकाहेम१५०३२, पाकाभाभा४९) धनेश्वरसूरि-शिष्य - जुओ - श्रीचन्द्रसूरि-आचार्य धर्मकीर्ति (बौद्ध)-आचार्य न्यायबिन्दु। सं. (जेताजि३६४, जेताजि३७६, पातासंघवीजीर्ण६४, पातासंघवीजीर्ण६४) धर्मकुमार-जैनश्रावक शालिभद्रचरित्र-पद्य सं. ग्रं.१२४२\ श्रीदानधर्मकल्प (खंता२२५, पाकाहेम१०६४०) धर्मघोषसूरि-आचार्य अतीत-अनागत-वर्तमानचतुर्विंशतिका विहरमान जिननामगर्भित स्तुति प्रा. गा.१२। देविन्दवन्दियपए (पाकाहेम१२३४९) ऋषिमण्डलप्रकरणी प्रा. ग्रं.२५४१ गा.२१० (खंता१२३, खंता१२६, खंता१३२, पाकाहेम१०६१६) ऋषिमण्डलप्रकरण\ प्रा. गा.२२३ (पाकाहेम१०१६३, पाकाहेम१०६१७, पाकाहेम११०९४) ऋषिमण्डलस्तव प्रा. गा.१६२\ भत्तिभरनमिरसुरव (पातासंघवी११७-१, पातासंघवी१३४-२, पातासंघवी१४५-१, पाताहेसं१६१, पाकाहेम१०१४९) कालसप्ततिकाप्रकरण प्रा. ग्रं.९०१ गा.७४ (पातासंघवीजीर्ण८६-२, पाकाहेम१०१४५, पाकाहेम१०१४६, पाकाहेम१०५९७) चतुर्विंशतिजिनस्तुति। सं.\ गा.२८\ जय वृषभजिनाभिष् (पाकाहेम१२२०२, पाकाहेम१२२०३, पाकाहेम१२२०४, पाकाहेम१५७८६) चैत्यवन्दनभाष्य-(सं.)सङ्घाचारटीका सं. ग्रं.७८०८ देवेन्द्रवृन्दस (जेताजि२०७, पातासंघवी८७, खंता१५२, पुप्रे४४०, पुप्रे४४१, पुप्रे४४३) धर्मोपदेशशत प्रा. (पातासंघवीजीर्ण३९) परिग्रहपरिमाण प्रा. गा.८४ पणमिय परमपयत्थं (पाताहेसं११३) पार्श्वनाथस्तोत्र सं. का.१६ कस्तुरीतिलकं भु (पाकाहेम९०२, पाकाहेम१२३२१, पाकाहेम१२३२२) भवस्थितिकुलक\ प्रा.\ गा.२५ (पाकाहेम४४७२) Page #93 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विद्वान उपरथी कृति माहिती शतपदीप्रकरण\ सं.,प्रा. ( पातासंघवी १२६, खंता १९९, वताकांति४०१, भांका२५६) श्राद्धजीतकल्पसूत्र\ प्रा. गा. १३७ \ कयपवयणप्पणामो.. (जेताडूं५०९, पातासंघवी६२-२, पाकाहेम१००६२, पाकाहेम१०२८१, पाकाहेम१०४८३, भांका१२८) समवसरणस्तव\ अप.\ गा. २४ \ थुणिमो केवलिवत् (पातासंघवीजीर्ण८५, पातासंघवीजीर्ण८६-२, खंता९२, पाकाहेम४४७२, पाकाहेम७३०७) सर्वजनस्तव सं.\ श्लोक ४ \ स्रस्ताशर्मावृत (पाकाहेम७३८६) साधारणजिनस्तवन एकद्विबहुवचनतुल्य# सं. का. ४ \ श्रस्ताशर्मावृत (पाकाहेम१२३०५) सामायिकपौषधफलकुलक प्रा. गा. १६ ( पाकाहेम७७९०) ७६ धर्मदास - कवि विदग्धमुखमण्डन \ सं. (पाकाहेम२७०८, पाकाहेम२७०९) धर्मदास गणि-गणि उपदेशमाला\ प्रा.\ गा. ५४४ \ नमिऊण जिणवरिन्द (जेताजि१५६, जेताजि१५७, जेताजि१५८, जेताजि१५९, ताजि१६०, जेताजि१६५, जेताजि२२८, जेताजि२२९, जेताजि२३०, पाताखेत३, पाताखेत५, पाताखेत६, पाताखेत१२, पाताखेत५१, पाताखेत १७ - २, पाताखेत३२ -२, पातासंघवीजीर्ण४६, पातासंघवीजीर्ण४९, पातासंघवीजीर्ण८१, पातासंघवीजीर्ण८२, पातासंघवीजीर्ण८५, पातासंघवीजीर्ण८८, पातासंघवी५०, पातासंघवी १०८, पातासंघवी१५१, पातासंघवी १६४, पातासंघवी १६५, पातासंघवी १७४, पातासंघवी५६-२, पातासंघवी६१-२, पातासंघवी६४-२, पातासंघवी६७-१, पातासंघवी ११७-१, पातासंघवी १३४-२ पातासंघवी १४१-२, पातासंघवी१५६ - १, पातासंघवी १६१-२, पातासंघवी १८१-१, पातासंघवी१८२-१, पातासंघवी १८४-१, पातासंघवी १९०-२, पातासंघवी१९५-२, पातासंघवी१९६-२, पातासंघवी२०६-२, पाताहेसं३१, पाताहेसं३२, पाताहेसं५६, पाताहेसं१०१, पाताहेसं१११, पाताहेसं११३, पाताहेसं११४, पाताहेसं११५, पाताहेसं११६, पाताहेसं११९, पाताहेसं१२२, पाताहेसं१५१, पाताहेसं१६१, पाताहेसं१७९, खंता८८, खंता९०, खंता९१, खंता९६, खंता९७, खंता९९, खंता१०१, खंता१०५, खंता १०७, खंता १११, खंता११२, खंता११४, खंता११५, खंता११८, खंता१२०, खंता१२५, खंता१२६, खंता१७८, खंता१७९, भांता२३, भांता२४, भांता२५, भांता६४, तालाद३२१, तालाद३२५, तालाद३२८, तालाद३५०, अताका४९७, अभ६, जेकाजि१६६, जेकाजि२०१, जेकाजि१२९०, जेकाजि १३१७, जेकाजि१३२६, पाकाहेम७७५, पाकाहेम१०२२, पाकाहेम१०२३, पाकाहेम४६४०, पाकाहेम६७०६, पाकाहेम६८५५, पाकाहेम७८९२, पाकाहेम९५४६, पाकाहेम१०१०९, पाकाहेम१०११७, पाकाहेम१०१५०, पाकाहेम१०३३९, पाकाहेम१०३५१, पाकाहेम१०५७०, पाकाहेम१०६०२, पाकाहेम१०६०३, पाकाहेम१०६०४, पाकाहेम१०६०५, पाकाहेम१११५२, पाकाभाभा४१, पाकाभाभा४२) उपदेशमाला-(प्रा.)हिस्सा दोससयमूलजालं ५१वी गाथा | प्रा. गा. १ \ दोससयमूलजालं पु (पुप्रे४४९) धर्मप्रभसूरि-आचार्य अन्तरङ्गसन्धि\ अप.\ ग्रं. २०६ \ परमवि दुहखण्डण (पाताहेसं१७७) चतुर्विंशतितीर्थङ्करकलश \ मागु.) गा. १६ \ कलुसु निसुणौ कल (पाकाहेम९०२) धर्ममूर्ति-शिष्य - जुओ - कल्याणसागरसूरि-आचार्य धर्मवर्धन-मुनि पार्श्वनाथस्तव षड्भाषामय) सं. (पाकाहेम १४४३६) धर्मशेखर-मुनि चतुर्विंशतिजिनस्तोत्र \ सं. का. १३ \ दीप्रज्ञानरमैक. (पाकाहेम १२२६४) धर्मशेखर-गणि क्षुल्लकभवावलिकाप्रकरण प्रा. (पाकाभाभा६८) धर्मसमुद्र-वाचक रात्रिभोजन \ मा. गा. २५६ ( पाकाहेम १०८००) धर्मसागर-उपाध्याय औष्ट्रिकमतोत्सूत्रोद्घाटनकुलक) प्रा. गा.१७ (पाकाहेम११०४९, पाकाहेम११०५०) कल्पसूत्र - (सं.) किरणावलीटीका सं. (पाकाहेम १०२७५, पाकाहेम१६३०७) गुरुतत्त्वप्रदीप उत्सूत्रकन्दकुद्दाल - (सं.) स्वोपज्ञ टीका सं. ग्रं. २२०८ ( पाकाहेम२५९९) Page #94 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विद्वान उपरथी कृति माहिती ७७ गुरुतत्त्वप्रदीप उत्सूत्रकन्दकुद्दाल*\ सं. श्लोक२४५ (पाकाहेम२५९९, पाकाहेम७०७५) तपागच्छगुर्वावलि\ प्रा. (जेकाजि६८८, पाकाहेम४७९७) तपागच्छगुर्वावलि-(सं.)स्वोपज्ञ टीका। सं. (जेकाजि६८८, पाकाहेम४७९७) पट्टावली तपागच्छीय-(सं.)टीका सं. अथ गुरुपरिपाटी (अताका५०३) सर्वज्ञशतक प्रा. गा.११२ पणमिय सिरिवीरजि (भांका१९९) धर्मसूरि-आचार्य मङ्गल्यस्तोत्र सं.\ श्लोक१४ (पाकाहेम१५८१७) शाश्वतजिनस्तव सं. गा.१४ (पातासंघवी१६६) धर्मसूरि(दि०)-आचार्य गुरु-मुनि स्वर्णनन्दी (दि.) अध्यात्मतरङ्गिणी-(सं.)टीका\ सं. गुरुं प्रणम्य ल (पातासंघवी७०-३) धर्मसेनगणि महत्तर-गणि वसुदेवहिण्डी-मध्यमखण्ड\ प्रा. ग्रं.१७००० (खंता२११, पाकाहेम६७०५, पाकाहेम७२७५, पाकाहेम१००९६) धाहिल-अज्ञात पउमसिरिचरित्र अप. धाहिलु दिव्वदिह (पातासंघवी२०५-१) नगा-गणि वीरजिनविनन्तिस्तवन\ मागु. (पाकाहेम१०२३०) नन्दिगुरू - जुओ - नन्दिवच्छ-अज्ञात नन्दिताढ्य-कवि नन्दिताढ्यछन्दशास्त्री प्रा. गा.९३ (पाकाहेम२००१, पाकाहेम१०६८६, पाकाहेम१५२६१) नन्दिवच्छ-अज्ञात (प्र. नाम-अज्ञात-नन्दिगुरू) योगसङ्ग्रहसार सं.श्रीनन्दिनं गुर (पातासंघवी१४६-१) नन्दिषेण-आचार्य अजितशान्तिस्तोत्र प्रा. गा.४०\ अजियं जियसवभय (जेताजि१५४, जेताजि१५६, जेताजि१५८, जेताजि१५९, पाताखेत५, पाताखेत६, पाताखेत३६, पाताखेत५१, पाताखेत३२-२, पाताखेत३४-३, पातासंघवीजीर्ण७६, पातासंघवीजीर्ण८५, पातासंघवीजीर्ण८६-२, पातासंघवी१०८, पातासंघवी१६५, पातासंघवी१६६, पातासंघवी६७-१, पातासंघवी१०४-२, पातासंघवी११७-१, पातासंघवी१३०-१, पातासंघवी१८२-१, पातासंघवी२०६-२, पाताहेसं१०५, पाताहेसं११४, पाताहेसं१६१, पाताहेसं१६८, पाताहेसं१८९, खंता९२, खंता९४, खंता९५, खंता९६, खंता१०७, खंता११२, खंता११८, खंता१२१, खंता१२६, खंता२२६, खंता७६-१, भांता२४, भांता७२, तालाद३३६, तालाद३८९, जेकाजि१३१६, जेकाजि१३१७, जेकाजि१३२६, पाकाहेम९०२, पाकाहेम१०२२, पाकाहेम१०२३, पाकाहेम२६३९, पाकाहेम९५४६, पाकाहेम१०१८८, पाकाहेम१०६५१, पाकाहेम१२१२४, पाकाहेम१२३७९, पाकाहेम१५०३४, भांका१८६, भांका२४४) नमिसाधु-मुनि रुद्रटालङ्कार-(सं.)टिप्पनक\ सं.श्लोक३०००\ अथेदानीं यमकलक् (जेताजि३३२, पाकाहेम६६२९, पाकाहेम६६४८) श्रावकषडावश्यकसूत्र-(सं.)वृत्ति सं. श्लोक१५५० (जेताजि१३६, जेताजि१३७, पाकाहेम६९३६, पाकाहेम७४६९) नयकुञ्जर-उपाध्याय प्रवचनविचारसार प्रा.,सं.\ श्रीशान्तिः शान (पाकाहेम७०३५, भांका१३३) नयचन्द्रसूरि-आचार्य चतुर्विंशतिजिन पारणकविधिस्तोत्री प्रा. गा.१७\ नमवि चउवीसतित्थ (पाकाहेम१०२३) पार्श्वनाथ अष्टक सं. श्लोक९\ भुजगेन्द्ररम्यं (पाकाहेम१०२३) शत्रुञ्जयमहातीर्थस्तोत्री प्रा. गा.९\ जत्थ सिरिपुण्डर (पाकाहेम१०२३) शान्तिनाथस्तवन सं. गा.९\ यस्सजा चितनात्स (पाकाहेम१०२३) स्तम्भनपार्श्वनाथस्तोत्र हरिशब्दार्थगर्भित#\ सं. का.९\ सेढीतटस्तम्भनकप (पाकाहेम१२३२३) नयनसुन्दरवाचक-वाचक आत्मप्रतिबोध मागु. गा.८२ (पाकाहेम१५६१७) नयप्रभ-अज्ञात Page #95 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ७८ विद्वान उपरथी कृति माहिती नाभेयस्तव क्रियागुप्त यमकादिमय#\ सं.\ श्लोक१३ (पाकाहेम१२३६५) नयसुन्दर-मुनि नलायनउद्धाररास मागु. (पाकाहेम१०३००) शत्रुञ्जयोद्धार मागु. (लिंता३३०६) नरचन्द्रसूरि मलधारी-आचार्य कथारत्नसागर सं. (पातासंघवीजीर्ण८०, पातासंघवी१३७-१) सिद्धहेमशब्दानुशासननो हिस्सो अष्टम अध्याय प्राकृतव्याकरण-(सं.)प्राकृतप्रबोधवृत्ति। सं. (पातासंघवी१४२-२, पाकाहेम१०६७३) नरचन्द्रसूरि मलधारी-आचार्य नारचन्द्र ज्योतिष सं. (अताका४९८) नरहरि भट्ट-जैनेतर विदग्धमुखमण्डन-(सं.)श्रवणभूषणटीका। सं. (पाकाहेम६७९२) नरेन्द्रप्रभ मलधारी-मुनि विवेककलिका\ सं. (पातासंघवीजीर्ण५२) सूक्तमाला सं. प्रणिपत्य परं ज (पातासंघवीजीर्ण५२) नरेन्द्रसेन-आचार्य प्रमाणप्रमेयकलिका\ सं. ननु भवतां प्रमा (भांका२९२) नागराज-अज्ञात भावशतक\ सं. का.१०४ (जेकाजि१९५, पाकाहेम१०७०१, पाकाहेम१२००७) नागार्जुन-आचार्य (प्र. नाम-आचार्य-भास्कर-शिष्य) आश्चर्ययोगमाला। सं. श्लोक१४०\ विमलमतिकिरणनिकर (भांका१६०) नारद देवर्षि-ऋषि नारदीय सामुद्रिकशास्त्र सं.प्रा. श्लोक७६\ आदिदेवं प्रणम्य (पातासंघवी१८०-२) नित्यलाभ-अज्ञात सदेवच्छ-सावलिङ्गाचोपाई मागु. (पाकाहेम१३१९५) नेमिकुमार-अज्ञात जीवोपालम्भकुलक प्रा. गा.२५\ धम्मोवएसजुत्तं (पाताखेत२३, पातासंघवी५९-२, पातासंघवी६२-२, पातासंघवी१९०-२, पाताहेसं११३, खंता९४, पाकाहेम२५९६) नेमिचन्द्र-गणि ऋषभपञ्चाशिका-(सं.)टीका\ सं. नत्वा जिनेन्द्र (पाताहेसं१०५) नेमिचन्द्र (दिगम्बर)-आचार्य कर्मग्रन्थ प्रा. गा.१६१ (पाकाहेम१०१४२) द्विसन्धानमहाकाव्य-(सं.)पादकौमुदी टीका\ सं. ग्रं.१२०००\ श्रीमान् शिवानन (भांका१७१) नेमिचन्द्र भण्डारी-जैनश्रावक षष्टिशतप्रकरण प्रा. गा.१६० (जेकाजि१३२६, पाकाहेम११०९०, पाकाहेम१५२६९) नेमिचन्द्र सूरि-आचार्य (प्र. नाम-गणि-देवेन्द्र गणि)। गुरु-आचार्य आम्रदेवसूरि अष्टप्रकारीपूजाकथा-अनन्तनाथजिनचरितान्तर्गत प्रा. ग्रं.१८७०\ गा.१५२५ जयइ जुगाइजिणिन् (पाताखेत२-१, खंता२२३, वताकांति४३७, भांका२०५) उत्तराध्ययनसूत्र-(सं.)सुखबोधावृत्ति। सं.,प्रा.,अप.। ग्रं.१२०००। प्रणम्य विघ्नसङ (जेताजि९८, जेताजि९९, जेताजि१००, पातासंघवीजीर्ण१६, पातासंघवीजीर्ण९७, पातासंघवी११, पातासंघवी११, पातासंघवी४३, पाताहेसं२८, पाताहेसं२९, पाताहेसं१९३. खंता८३, खंता८४, खंता८५, खंता८६, भांता८, भांताए, भांता१०, पाकाहेम१०१०४, पाकाहेम१०१३८, पाकाहेम१०५०६) जिनपूजाधुपदेश (रत्नचूडादिकथा)। प्रा. ग्रं.३५००\ पणमिय नमिरनरवरस (पाताखेत२८-१) जीवसङ्ख्याप्रकरण प्रा. गा.१६ नमिउं नेमिं एगा (तालाद३४९) महावीरचरित्र प्रा. ग्रं.३००० गा.२४००\ पणमह पढमजिणिन्द (जेताजि२४८, पाताखेत७, पाताहेसं१२४, खंता२०५) Page #96 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ७९ विद्वान उपरथी कृति माहिती नेमिचन्द्रसूरि-आचार्य प्रवचनसारोद्धार प्रा. ग्रं.२०००\ गा.१५९९। नमिऊण जुगाइजिणं (जेताजि१५२, जेताजि१६१, जेताजि१६७, जेताजि२०६, पाताखेत२४-१, पातासंघवीजीर्ण२९, पातासंघवीजीर्ण४२, पातासंघवीजीर्ण८४, पातासंघवी१५०, पातासंघवी१४७-१, पातासंघवी१५७-२, खंता१५४, खंता१५५, पाकाहेम१०३६१, पाकाहेम१०५६४) नेमिचन्द्रसूरि - जुओ - देवभद्र-मुनि पउम-अज्ञात (प्र. नाम-अज्ञात-पद्म) शालिभद्रकारको अप. गा.६९\ भलि भञ्जण कम्मा (पाताखेत१२, पातासंघवी७२-३) पङ्कजनन्दि-मुनि स्नानाष्टक सं. श्लोका सन्माल्यादि यदी (भांका२९३) पण्डरीक विट्ठल-जैनेतर-कर्णाटक ज्ञातीय नर्तननिर्णय। सं. (पाकाहेम८६३५) पतञ्जलि-ऋषि पाणिनिव्याकरण-(सं.)महाभाष्य। सं. (पाकाहेम९३७, पाकाहेम९३८, पाकाहेम९३९, पाकाहेम९४०, पाकाहेम९४१, पाकाहेम९४२, पाकाहेम९४३) पातञ्जलयोगसूत्र सं.। अथ योगानुशासनम् (तालाद३४४-१) पद्म - जुओ - पउम-अज्ञात पद्मचन्द्रसूरि शिष्य-मुनि सम्यक्त्वोपरि विक्रमसेनचरित्रआदि कथाओ। सं. तिसकुच्छिसरोवरक (पातासंघवी६५-४) पद्मनन्दि-अज्ञात पद्मनन्दिपञ्चाशिका सं. श्लोक५१ (पाकाहेम६५९५) पार्श्वनाथयमकमयस्तव सं. का.९ लक्ष्मीर्महस्तु (जेताडूं१५२, पाकाहेम१२३०८, पाकाहेम१२३०९) पद्मनन्दिदेव-मुनि-दिगम्बर चतुस्त्रिंशतिकास्तोत्र सं.\ शुद्धप्रकाशमहिम (पाकाहेम७४०२) धर्मरसायण\ प्रा. गा.१९५\ णमियूण वड्ढमाणं (भांका२८७) धर्मोपदेशामृत सं. श्लोक३४\ निःशेषामलशीलसद् (भांका२९३) पद्मप्रभसूरि-आचार्य भुवनदीपक\ सं. श्लोक१८७ (पाकाहेम६८१५, पाकाहेम१०७२४) मुनिसुव्रतस्वामिचरित्र पद्य सं. ग्रं.५५६८ (जेताजि२५६, जेताजि२५७, जेताजि२५८, पाकाहेम७०२८) पद्मप्रभसूरि-आचार्य कुन्थुनाथचरित्र। सं. श्रिये देवाधिदे (पुप्रे४२६) पद्मसागर-गणि नयप्रकाशस्तव सं. श्लोक७४०\ तस्मै नमः श्रीज (पाकाहेम८७५९, पाकाहेम१२६७७, भांका१८४) नयप्रकाशस्तव-(सं.)स्वोपज्ञ टीका सं. प्रमाणवाक्यं नय (पाकाहेम८७५९, पाकाहेम१२६७७, भांका१८४) युक्तिप्रकाश सं. श्लोक२८ प्रणपत्यव्यक्तभ (पाकाहेम५०९४, भांका२८५) युक्तिप्रकाश-(सं.)स्वोपज्ञ विवरण\ सं. प्रणम्य श्रीमहा (पाकाहेम५०९४, भांका२८५) पद्मसुन्दर-उपाध्याय-नागपुर तपागच्छ जम्बूस्वामी अध्ययन प्रा. तेणं कालेणं. रा (भांका२५०) ज्ञानचन्द्रोदयनाटक श्लोकबद्ध सं. (पाकाहेम७३८२) प्रमाणसुन्दरप्रकरण। सं. (पाकाहेम२४४६) राजप्रश्नीयोपाङ्ग अन्तर्गत नाट्यपदभजिका सं. (पाकाहेम१०५४९) पद्मसुन्दर-पण्डित गुरु-पण्डित पद्ममेरु पार्श्वनाथचरित्र सं. भास्वद्भोगीन्द् (पुप्रे४२९) रायमल्लाभ्युदयमहाकाव्य सं. स श्रीमान्नाभिस (पुप्रे४३२) पद्मानन्द-कवि पदमानन्दशतक-वैराग्यशतक सं. का.१०३ (पाकाहेम८६६९) Page #97 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८० विद्वान उपरथी कृति माहिती पद्मानन्दसूरि-शिष्य-मुनि श्रावकविधिरास\ अप. गा.५० (पाकाहेम१०२२) परमानन्दसूरि-आचार्य कर्मविपाक प्राचीन प्रथम कर्मग्रन्थ-(सं.)वृत्ति। सं.\ ग्रं.९२२\ निःशेषकर्मोदयमे (पातासंघवी१२७-१, खंता१४९, पाकाहेम१०१११) पाणिनि-ऋषि-जैनेतर पाणिनिव्याकरण सं. (पाकाहेम१०२०३) पातु-अज्ञात छोतीविचारस्वाध्याय मागु. गा.६१ (पाकाहेम९४१३) पातो-मुनि छोतीमिथ्यात्वकुलक\ गुजराती\ गा.६९ (पाकाहेम९४२९) पादलिप्तसूरि-आचार्य (प्र. नाम-अज्ञात-पादलिप्ताचार्य) आदि-वीरस्तुति\ प्रा. सयलसुरासुरनमियं (पातासंघवी१०४-२) ज्योतिष्करण्डकसूत्री प्रा. ग्रं.४०५\ कातूण णमोक्कारं (जेताजि३४, जेताजि३४, जेताजि१४८, जेकाजि६०, __ पाकाहेम६५७२, पाकाहेम१००९३, भांका२२९) महावीरस्तोत्र प्रा. गा.४\ गाहाजुयलेण जिणं (पाकाहेम१०२३) वर्धमानस्वामिस्तवन प्रा. गा.६\ जयइ नवनलिणि कुव (पाकाहेम९०२) शत्रुञ्जयतीर्थकल्प प्रा. गा.३९ (पातासंघवीजीर्ण८५, पातासंघवीजीर्ण८६-२, पाकाहेम१०१९३) पादलिप्ताचार्य - जुओ - पादलिप्तसूरि-आचार्य पार्श्वचन्द्र-पं. (प्र. नाम-अज्ञात-पासचन्द्र) अमरसत्तरी मागु. गा.७५ (पाकाहेम१०७९६) आगमषट्त्रिशिका मागु. गा.३६ (पाकाहेम१०३६२) उपदेशरत्नकोष मागु. गा.४१ (पाकाहेम९४३५, पाकाहेम१०३६२) उपदेशरहस्यषट्त्रिशिका मागु. गा.३६ (पाकाहेम१०३३१) एषणाशतक\ मागु. गा.१०१ (पाकाहेम१०३६२, पाकाहेम१०७७७, पाकाहेम१०७७८) चारित्रमनोरथमाला मागु. गा.४१ (पाकाहेम१०३६२) जिनप्रतिमास्थापनरास मागु. गा.४३ (पाकाहेम१०८०१) पाखीछत्रीसी\ मागु. गा.३७ (पाकाहेम१०३६२) ब्रह्मचर्यदशसमाधिस्थानकुलक\ मागु. गा.४२ (पाकाहेम९४३१, पाकाहेम१०३६२, पाकाहेम१५६०३) महावीरस्तवन सद्दहणाविचारगर्भित मागु. गा.७० (पाकाहेम१०७८९) महावीरस्तोत्र। सं.\ कल्याणमालामणिसं (पाकाहेम१२३४६) मुहपत्तिछत्रीसी\ मागु. गा.३६ (पाकाहेम१०३६२) शखेश्वरपार्श्वनाथस्तवन। मागु. गा.१७ (पाकाहेम१०७८९) सङ्ख्यातासङ्ख्यातानन्तविचारगाथा-(मा.गु.)बालावबोध\ मागु. (पाकाहेम१०३६२) सातनयनो विचार\ मागु. (पाकाहेम१०३६२) साधुवन्दना\ मागु. गा.५६ (पाकाहेम१०३६२) सिद्धान्तआराधना एकोनचत्वारिंशतिका मागु. गा.४० (पाकाहेम१०३६२) स्थापनाद्विपञ्चाशिका मागु. गा.५२ (पाकाहेम१०३६२) पार्श्वचन्द्र-मुनि (प्र. नाम-मुनि-श्रीचन्द्राचार्य-शिष्य) हस्तकाण्ड लक्षणविषयक सं. श्लोक९९ (पाकाहेम८७३, पाकाहेम१९६३) पार्श्वचन्द्र भण्डारी पुत्र - जुओ - अम्बड (भाण्डशाली पार्श्वचन्द्र-जैनश्रावक पार्श्वचन्द्रशिष्य-मुनि निशीथसूत्र-(सं.)लघुवृत्ति प्रा. (पाकाहेम१०३६७) पार्श्वचन्द्रसूरि-शिष्य - जुओ - ब्राह्मणमुनि-मुनि पार्श्वदेव-गणि (प्र. नाम-आचार्य-श्रीचन्द्रसूरि(?)) Page #98 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८१ विद्वान उपरथी कृति माहिती न्यायप्रवेशसूत्र-(सं.)टीकानी पञ्जिकावृत्ति। सं. दुर्वारमारकरिकु (जेताजि३६४, पाताखेत३८-२, खंता२७०) पार्श्वनाग (दिगम्बर)-आचार्य आत्मानुशासन सं.\ श्लोक७७\ सकलत्रिभुवनतिलक (जेताजि१५८, पाताखेत२३, पातासंघवी१६४, पातासंघवी१७४, पातासंघवी६४-२, पातासंघवी७१-३, पातासंघवी७२-२, पातासंघवी७२-३, पातासंघवी१०४-२, पातासंघवी१३४-२, पातासंघवी१४५-१, पातासंघवी१६७-१, पातासंघवी१८१-१, पातासंघवी२०६-२, पाताहेसं१६१, खंता८८, खंता९५, खंता११४, खंता११८, खंता१२९, खंता१३४, तालाद३२६, पाकाहेम७७५, पाकाहेम११०८५) पार्श्वसाधु-मुनि पगामसज्झाय-(सं.)वृत्ति। सं. अथ प्रतिक्रमणमि (पातासंघवी१६०-२) श्रावकप्रतिक्रमणसूत्र-(सं.)वृत्ति। सं. श्लोक५७७१ देवेन्द्रवन्ध (पातासंघवी१६०-२, पातासंघवी१८९-१, पाकाहेम७०६) पासचन्द्र - जुओ - पार्श्वचन्द्र-पं. पिङ्गलाचार्य-आचार्य प्राकृत पैङ्गलनो हिस्सो छन्दोरूपक#\ अप. (पाकाहेम१२०१४) पुण्यकीर्ति-गणि-कृष्णर्षिगच्छ\ गुरु-आचार्य कमलचन्द्रसूरि शीलोपदेशमाला-(सं.)पञ्जिका टीका। सं. सर्वसिद्धिप्रदा (भांका१६९) पुण्यनन्दी-उपाध्याय रूपकमाला मागु. (पाकाहेम९४२६, पाकाहेम९४२७, पाकाहेम९४२८) पुण्यरत्न-मुनि-विधिपक्ष द्विवर्णरत्नमालिकास्तुति सं. श्लोक२६ (पाकाहेम५२१२) पुण्यरत्नसूरि-आचार्य पार्श्वनाथ यमकमय स्तोत्र सं.\ श्लोक१५ (पाकाहेम११२८१) पार्श्वनाथ यमकमय स्तोत्र-(सं.)स्वोपज्ञ टीका सं.\ श्लोक१५ (पाकाहेम११२८१) पुरुषोत्तमदेव-जैनेतर ज्ञापकसमुच्चय। सं. (पाकाहेम७३१५) पुलिन्द्र भट्ट-कवि कादम्बरी-(सं.)कादम्बरीशेष। सं. (पाताखेत३३) पुष्पदन्त-अज्ञात हरिवंशपुराण\ अप. ग्रं.११५००\ पणवेवि गुरूपयइ (भांका३१०) पूज्यपाद-आचार्य-दिगम्बर समाधिशतकसं. (पाकाहेम१३३९) समाधिशतक-(सं)टीका सं. (पाकाहेम१३३९) पूर्णचन्द्रसूरि-आचार्य आमेरु महामन्त्री प्रा. गा.१३\ इय एए उवएसो सम् (भांता७०) उपसर्गहरस्तोत्र-(सं.)टीका। सं. नमस्कृत्य परं प (भांका२४३) पृथुयशा-जैनेतर षट्पञ्चाशिका सं. (पाताहेसं१३८, पाकाहेम१०१०३, पाकाहेम१०२२२, पाकाहेम१०४३६) प्रतिष्ठासोम-मुनि सोमसौभाग्यकाव्य श्लोकबद्ध सं. (पाकाहेम२०८८, पाकाहेम८००६) प्रद्युम्न श्रेष्ठी-जैनश्रावक कालिकाचार्यकथा। सं. श्लोक७४\ पर्वेदं भाद्रपत्र (पातासंघवी१९४-२) प्रद्युम्नसूरि-आचार्य प्रव्रज्याविधानकुलक-(सं.)वृत्ति। सं. (पातासंघवी७९-१) मूलशुद्धिप्रकरण\ प्रा. गा.२१४\ वन्दामि सबन्न (पाताखेत३, पाताखेत१२, पाताखेत३६, पाताखेत१७-२, पातासंघवीजीर्ण५९, पातासंघवीजीर्ण८१, पातासंघवीजीर्ण८२, पातासंघवी१०८, पातासंघवी१५१, पातासंघवी१६४, पातासंघवी६४-२, पातासंघवी६६-३, पातासंघवी१३४-२, पातासंघवी१४१-२, पातासंघवी१५६-१, पातासंघवी१६१-२, पातासंघवी१८१-१, पातासंघवी१८४-१, पातासंघवी१९०-२, पातासंघवी१९५-२, पातासंघवी२०६-२, पाताहेसं११३, Page #99 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८२ विद्वान उपरथी कृति माहिती पाताहेसं११४, पाताहेसं११५, पाताहेसं१२२, खंता९७, खंता९९, खंता१०१, खंता१०५, खंता११०, खंता११५, खंता१२३, तालाद३८४, अताका४९७, पाकाहेम७०७३) प्रबन्धशतकर्तु-महाकवि - जुओ - रामचन्द्र-कवि प्रबोधचन्द्र गणि-गणि सन्देहदोलावलीप्रकरण-(सं.)टीका\ सं. ग्रं.४७५०\ श्रीवर्द्धमानं (पाकाहेम७०२५, भांका२७५) प्रभाचन्द्रसूरि-आचार्य प्रभावकचरित्र सं. (पाताहेसं१६९) प्रभाचन्द्रसूरि (दिगम्बर)-आचार्य परीक्षामुखसूत्र-(सं.)प्रमेयकमलमार्तण्ड टीका\ सं. सिद्धेर्धाम महा (पातासंघवी५, भांता५३, तालाद३१४) लघीयस्त्रयप्रकरण-(सं.)न्यायकुमुदचन्द्र टीका\ सं. सिद्धिप्रदं प्र (भांता५४) प्रभानन्दसूरि-आचार्य (प्र. नाम-अज्ञात-प्रभानन्दाचार्य) ऋषभपञ्चाशिका-(सं.)वृत्ति। सं.\ श्लोक१०००\ जयति विजितान्तर (पातासंघवी१९२-१) वीतरागस्तोत्र-(सं.)टीका सं. (पाताखेत४७-२, तालाद३३६) वीतरागस्तोत्र-(सं.)अवचूरि सं. ग्रं.६२५\ यः किल परात्मा (पाकाहेम१६७७२) प्रभानन्दाचार्य - जुओ - प्रभानन्दसूरि-आचार्य प्रशस्तपादाचार्य-आचार्य वैशेषिकदर्शन-(सं.)पदार्थधर्मसङ्ग्रह टीका\ सं. श्लोक७७७\ प्रणम्य हेतुमीश (जेताजि३८३, पातासंघवी१४४-१, __ पाकाहेम६६८४, पाकाहेम१६७९४) प्रसन्नचन्द्रसूरि-आचार्य ज्ञानपञ्चमीस्तोत्री प्रा. उच्छलियविमलकिरण (पाकाहेम१०२३) प्रह्लादन-कवि पार्थपराक्रमव्यायोग। सं. श्लोक४३२ (पाकाहेम३९९१, पाकाहेम६६५७) बप्पभट्टसूरि-आचार्य (प्र. नाम-आचार्य-बप्पभट्टी) अनुभूतसिद्धसारस्वतस्तव। सं.\ श्लोक१३\ कलमरालविहङ्गमवा (पाकाहेम१३१७१) आमराजयात्राप्रबन्ध सं. (पाकाहेम८००७) चतुर्विंशतिजिनस्तुति। सं. का.९६ नमेन्द्रमौलिग (पाकाहेम१६१८४) बप्पभट्टी - जुओ - बप्पभट्टसूरि-आचार्य बाण भट्ट-कवि चण्डिकाशतक\ सं. श्लोक१०४ (पाकाहेम१०७०२) बालचन्द्रसूरि-आचार्य (प्र. नाम-आचार्य-बालचन्द्राचार्य) उपदेशकन्दली-(सं.)वृत्ति। सं. ग्रं.७६००\ यन्नाभीनासिकाभ् (पातासंघवी९२, पातासंघवी२७-१, पाताहेसं३५, पाताहेसं३६, भांता५८) विवेकमञ्जरीप्रकरण-(सं.)वृत्ति सं. ग्रं.८०००\ नाभिनन्दनविभोर (खंता१७६, पाकाहेम६७०८) स्नातस्या-वीरस्तुति। सं. का.४ स्नातस्या प्रति (खंता११८, पाकाहेम१०२२, पाकाहेम१०६५०, पाकाहेम१२३७०) बालचन्द्राचार्य - जुओ - बालचन्द्रसूरि-आचार्य बिल्हण-कवि (प्र. नाम-जैनेतर-बिल्हण भट्ट) जिनपति स्तोत्र अष्टक\ सं. का.८ (पातासंघवी२०६-२) पार्श्वनाथस्तोत्र सं. श्लोक९ जयति भुजगराज प् (पाताहेसं१११) पार्श्वनाथस्तोत्र सं. का.९\ श्रीपार्श्वनाथ (पाकाहेम७३०७, पाकाहेम१२१२४, पाकाहेम१२३५२) बिल्हणपञ्चाशिका\ सं.\ का.५० (पाकाहेम८६६६) विक्रमाङ्ककाव्य। सं. ग्रं.२५४५\ भुजप्रभादण्ड इव (जेताजि३४६, पाकाहेम६६२३) बिल्हण भट्ट - जुओ - बिल्हण-कवि बुद्धिसागरसूरि-आचार्य-तपागच्छ बुद्धिसागरव्याकरण-पञ्चग्रन्थी\ सं. ग्रं.७००० (जेताजि२९२, पाकाहेम६६०८, पाकाहेम६८३३) बोधकशिष्य - जुओ - सुमतिसूरि-आचार्य Page #100 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विद्वान उपरथी कृति माहिती बोपदेव-कवि कविकल्पद्रुमधातुपाठ पद्य सं.\ ग्रं.४०० (पाकाहेम१०६७८, पाकाहेम१०६७९) मुग्धबोध व्याकरण सं. (पाताखेत५३-२, पाकाहेम७०६०) शतश्लोकी। सं. (पाकाहेम१०७३०) ब्रह्मचन्द्र - जुओ - विमलसूरि-आचार्य ब्रह्मर्षि-अज्ञात (प्र. नाम-मुनि-ब्राह्मणमुनि) दशाश्रुतस्कन्ध-(सं.)जनहिता टीका\ सं. ग्रं.५१५२\ यथास्थिताशेषपदा (लिंता२०४, लिंता४५६, भांका२७१) ब्रह्मानन्द-जैनेतर कृष्णबारमासा\ मागु. गा.८७ (पाकाहेम१०७९५) ब्राह्मणमुनि-मुनि (प्र. नाम-मुनि-पार्श्वचन्द्रसूरि-शिष्य) जम्बूद्वीपप्रज्ञप्तिसूत्र-(सं.)विवृत्ति सं. अपारे किल संसार (भांका१७६) ब्राह्मणमुनि - जुओ - ब्रह्मर्षि-अज्ञात भट्ट लक्षण-जैनेतर (प्र. नाम-जैनेतर-लक्ष्मण भट्ट) प्रश्नव्याकरणसूत्र जयपायड-(सं.)चूडामणिटीका की प्रश्नचूडामणिसार टीका\ सं. (पातासंघवी१७७-२) भद्रबाहु-गणि पार्श्वजिनस्तव प्रा. गा.५\ चउकसाय पडिमल्लइ (भांका१३२) भद्रबाहुस्वामी-आचार्य आचाराङ्गसूत्र-(प्रा.)नियुक्ति प्रा.\ ग्रं.४७०\ गा.३६५१ वन्दित्तु सब्बस (जेताजि१, जेताजि२, पाताखेत१४, पातासंघवी३१-१, पातासंघवी१३५-१, पातासंघवी१८६-२, खंता१, खंता३, भांता२८, भांता३१, जेकाजिर, जेकाजि१३००, जेकाजि१३४८, पाकाहेम६५७३, पाकाहेम९९८७, पाकाहेम१०४५७) आवश्यकसूत्र-(प्रा.)नियुक्ति प्रा. ग्रं.३१००\ गा.२५००\ जयइ जगजीवजोणी व (जेताजि९४, जेताजि१०४, जेताजि१३०, जेताजि१३१, जेताजि१३३, जेताजि१३४, जेताजि१३५, पाताखेत१२, पाताखेत५६, पाताखेत३४-२, पाताखेत५२-१, पातासंघवीजीर्ण३७, पातासंघवीजीर्ण५४, पातासंघवीजीर्ण८८, पातासंघवी९०, पातासंघवी१६६, पातासंघवी६२-१, पातासंघवी६४-२, पातासंघवी६८-४, पातासंघवी७२-३, पातासंघवी१७१-१, पातासंघवी२००-२, पाताहेसं८९, पाताहेसं१५२, पाताहेसं१७७, खंता५५, खंता५६, खंता५७, खंता२८२, खंता२८३, डतामुक्ता४६३, अताका४७०, जेकाजि३५, पाकाहेम६५२६, पाकाहेम६५७४, पाकाहेम६९२७, पाकाहेम६९२८, पाकाहेम७५०९, पाकाहेम१००६४, पाकाहेम१००६६, पाकाहेम१०११६, पाकाहेम१०३६९, पाकाभाभा१७, भांका१९६) आवश्यकसूत्र-(प्रा.)नियुक्तिनो हिस्सो @\ प्रा. (पाताखेत५१, पाताखेत५१, पाताखेत५१, पाताखेत५१, पाताखेत५१, पाताखेत२४-२, पाताखेत२४-२, पाताखेत२४-२, पाताखेत२४-२, पाताखेत२४-२, पाताखेत२४-२, पाताखेत२४-२, पाताखेत२४-२, खंता११२, खंता१२६, खंता१२६) उत्तराध्ययनसूत्र-(प्रा.)नियुक्ति प्रा. ग्रं.६०७१ गा.५९६ (पातासंघवीजीर्ण३, पातासंघवीजीर्ण७, पातासंघवीर, पातासंघवी१८६-२, जेकाजि५४, जेकाजि१३००, पाकाहेम६५६५, पाकाहेम१००७९, पाकाहेम१०३१३, पाकाहेम१०४२७, पाकाहेम१४८६४, भांका११५) उपसर्गहरस्तोत्र प्रा. गा.५\ उवसग्गहरं... (तालाद३३६, पाकाहेम९०२, पुप्रे४१९-२, भांका१५२, भांका२०२, भांका२४३) ओघनियुक्ति प्रा. ग्रं.१४३२\ गा.११६३\ दुविहोवक्कमकालो (जेताजि१२३, जेताजि१२६, पाताखेत३८-१, पातासंघवीजीर्ण८५, पातासंघवीजीर्ण८८, पातासंघवीजीर्ण९२, पातासंघवी९०, पातासंघवी१६६, पातासंघवी१७-२, पातासंघवी१७-३, पातासंघवी६४-२, पातासंघवी१८५-२, पातासंघवी१९७-१, पाताहेसं३०, पाताहेसं५१, पाताहेसं५८, पाताहेसं९०, पाताहेसं९१, पाताहेसं१६३, पाताहेसं१७९, खंता७०, खंता७१, भांता७८, तालाद३१८, तालाद३४५, वताकांति४३१-२, जेकाजि४०, जेकाजि१४५३, पाकाहेम९०२, पाकाहेम६५४३, पाकाहेम६५५८, पाकाहेम६९२९, पाकाहेम६९३०, पाकाहेम७५०८, पाकाहेम१००६८, पाकाहेम१००६९, पाकाहेम१०४८८, पाकाहेम१०४८९, पाकाहेम१०४९०, पाकाहेम१०४९१, पाकाहेम१०५६२, पाकाहेम१४८५६, पाकाहेम१४८५७, पाकाहेम१४८५८, पाकाहेम१४८७५, पाकाहेम१४८७९, पाकाहेम१६४०५, पाकाभाभा६३, भांका१३९, भांका२३७) कल्पसूत्र प्रा. ग्रं.१२८० नमो अरिहन्ताणं. (जेताजि४०, जेताजि४२, जेताजि४३, जेताजि८२, जेताजि४२०, जेताजि४२५, जेतालौ३, पाताखेत५७, पाताखेत१-१, पाताखेत९-१, पाताखेत४०-२, पाताखेत४७-१, Page #101 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विद्वान उपरथी कृति माहिती पातासंघवीजीर्ण३३, पातासंघवीजीर्ण४१, पातासंघवीजीर्ण५३, पातासंघवीजीर्ण६८, पातासंघवीजीर्ण८७, पातासंघवीजीर्ण९०, पातासंघवीजीर्ण९३, पातासंघवीजीर्ण९४, पातासंघवीजीर्ण९४, पातासंघवीजीर्ण९६, पातासंघवी९९, पातासंघवी६५-१, पातासंघवी १६९-१, पातासंघवी १६९-२, पातासंघवी १९४ - १, पातासंघवी १९४ -२, पातासंघवी१९७-२, पाताहेसं६०, पाताहेसं७४, पाताहेसं७५, पाताहेसं७६, पाताहेसं७७, पाताहेसं७८, पाताहेसं७९, पाताहेसं८०, पाताहेसं८१, पाताहेसं८३, पाताहेसं८५, पाताहेसं१६४, पाताहेसं१६५, पाताहेसं१६६, पाताहेसं१८३, खंता४१, खंता ४२, खंता४४, खंता४५, खंता४७, खंता४९, खंता५०, खंता५१, खंता५२, खंता५३, खंता५४, खंता२८८, भांता३२, भांता३३, तालाद३३७, वताकांति४१२, डतामुक्ता४५४, अताका४८७, अभ९, पाकाहेम१०१२०, पाकाहेम१०२७५, पाकाहेम१०४७८, पाकाहेम१०५५१, पाकाहेम१४८९५, पाकाहेम १६३०७, पाकाभाभा७३, भांका १७९ ) कल्पसूत्र- (प्रा.)निर्युक्ति\ प्रा. गा. ६७ \ पज्जोसमणाए अक्ख (जेताजि४०, जेताजि८२, जेतालौ३, पाताखेत९-१, पातासंघवीजीर्ण५३, पातासंघवीजीर्ण९४, पाताहेसं७५, पाताहेसं१८३, खंता४५, खंता४८, खंता४९, पाकाहेम१००३४) दशवैकालिकसूत्र - (प्रा.) नियुक्ति प्रा. ग्रं. ४४६ \ गा.४४० \ सिद्धगतिमुवगयाण (जेताजि८३, जेताजि८४, जेताजि८७, जेताजि८८, जेताजि८९, पाताखेत२८-२, पातासंघवी७४, पातासंघवी३५-१, पातासंघवी७२-२, पातासंघवी १८६-२, खंता७२, खंता७९, खंता७६-२, भांता७२, जेकाजि४४, जेकाजि १३००, पाकाहेम६५२९, पाकाहेम६५६२, पाकाहेम१००७३, पाकाहेम १०३२४, पुप्रे४०८, भांका १४२ ) दशाश्रुतस्कन्ध\ प्रा.\ ग्रं. २०९६ \ नमो अरहन्ताणं.. (जेता जि४१, जेताजि६१, पातासंघवी १९, पाताहेसं १७१-९, खंता२३, ८४ खंता२४, पाकाहेम१००३१, पाकाहेम१०३५८, पाकाहेम१०४७७, पाकाहेम११३०७, भांका १५३) दशाश्रुतस्कन्ध-(प्रा.) नियुक्ति प्रा. ग्रं. १८० \ गा. १५४ \ वन्दामि भद्दबाह (जेताजि४१, जेताजि६१, पातासंघवी १९, खंता२४, पाकाहेम १००३२, पाकाहेम११३०७, भांका१५३) निशीथसूत्र\ प्रा.\ गा.८१२ \ जे भिक्खू हत्थक (जेताजि६५, जेताजि६८, पातासंघवी६०-२, पाताहेसं१३, पाताहे १४, खंता३२, खंता३३, भांता१७, भांता१८, भांता १९, पाकाहेम६५४०, पाकाहेम१००५१, पाकाहेम१०३२१, पाकाहेम१०४२३, पाकाहेम१०४८०, पाकाहेम१०४८१, पाकाहेम१४८७२) पिण्डनिर्युक्ति\ प्रा.\ गा.६९७ \ पिण्डे उग्गम उप (जेताजि९०, जेताजि९०, जेताजि९१, जेताजि९३, पाताखेत३८-१, पातासंघवीजीर्ण८८, पातासंघवी९०, पातासंघवी १६६, पातासंघवी १७-२, पातासंघवी१७-३, पातासंघवी १९७-१, पाताहेसं३०, पाताहेसं५८, पाताहेसं९१, पाताहेसं १६३, खंता७१, भांता७४, तालाद३९४, जेकाजि४७, पाकाहेम९०२, पाकाहेम६५४४, पाकाहेम६५६०, पाकाहेम६५७५, पाकाहेम१००७६, पाकाहेम१००७७, पाकाहेम१४८५९. पाकाहेम१४८६०, भांका२२६) बृहत् कल्पसूत्र प्रा. णो कप्पइ णिग्गन (जेताजि४७, पातासंघवी १९, पाताहेसं८, पाताहेसं९, खंता२६, खंता२७, भांता३९, भांता४०, भांता४१, तालाद३६६, तालाद३७६, लिंता६३, जेकाजि३२, जेकाजि३३, जेकाजि३४, पाकाहेम१००३६, पाकाहेम१००३७, पाकाहेम१००४१, पाकाहेम१००४२, पाकाहेम१००४३, पाकाहेम१०३१४, पाकाहेम१०३१५, पाकाहेम१०३१६, पाकाहेम१०३१७, पाकाहेम१०३१८, पाकाभाभा७०, पाकाभाभा७१, पाकाभाभा७२) बृहत् कल्पसूत्र - (प्रा.) नियुक्ति प्रा. ( जेकाजि३२, जेकाजि३३, जेकाजि३४, पाकाहेम१००४१, पाकाहेम१००४२, पाकाहेम१००४३, पाकाहेम१००४४, पाकाहेम१०३१५, पाकाहेम१०३१६, पाकाहेम१०३१७, पाकाहेम १०३१८, पाकाभाभा७०, पाकाभाभा७१, पाकाभाभा७२) बृहद्ग्रहशान्तिस्तोत्र\ सं.\ श्लोक२८ \ जगद्गुरुं नमस्क (पाकाहेम१३१७१) व्यवहारसूत्र\ प्रा.\ ग्रं.६८८ \ जे भिक्खू मासिय (जेताजि५९, जेताजि६०, पातासंघवी६० - २, खंता२९, खंता३०, खंता३१, खंता३१, भांता१, भांतार, भांता५, भांता६, पाकाहेम६८६, पाकाहेम६८७, पाकाहेम६८८१, पाकाहेम१००४५, पाकाहेम१००४६, पाकाहेम१०३१९, पाकाहेम १०३२०, पुप्रे४३९) व्यवहारसूत्र - (प्रा.) नियुक्ति प्रा. ( खंता२९, खंता३०, खंता३१, पाकाहेम६८६, पाकाहेम६८७, पाकाहेम६८८१, पाकाहेम१००४९, पाकाहेम १००५०) सूत्रकृताङ्गसूत्र- (प्रा.) नियुक्ति प्रा. गा. २०८ \ तित्थयरे य जिणव (जेताजि५, पाताखेत५३ - १, पातासंघवीजीर्ण१०, पातासंघवी३१-३, पाताहेसं३, खंता६, खंता६, खंता७, जेकाजि६, जेकाजि १३००, जेकाजि१३५५, पाकाहेम९९९०, पाकाहेम१०४५९, पाकाहेम१०४६०, पाकाहेम१४८६२) भद्रेश्वरसूरि-आचार्य अष्टप्रकारीपूजा) प्रा. गा. ९ \ परिमलमिलन्तभसला (पाकाहेम१०२३) Page #102 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विद्वान उपरथी कृति माहिती कथावली\ प्रा.\ ग्रं.१२६०० \ नमिऊण नाहिणियं (पातासंघवी ८, पातासंघवी८, पातासंघवी९, पातासंघवी ९) भर्तृहरि-जैनेतर वाक्यपदीय) सं. (पाकाहेम७३१२, पाकाहेम७३१३, पाकाहेम७३१४) भवनतुङ्गसूरि जुओ भुवनतुङ्गसूरि ( महेन्द्र सूरिशिष- आचार्य भारती-अज्ञात नेमिनाथस्तोत्र \ सं.\ श्लोक २३ (पाकाहेम७३०७) भारद्वाज मुनि - न्यायसूत्रना (सं.) न्यायभाष्यनी (सं.) न्यायवार्तिक टीका सं. ( तालाद३२०, जेकाजि६८, जेकाजि१२७५) भारवि-व किरातार्जुनीयमहाकाव्य ) सं. ( पाताखेत४० - १, पाकाहेम १०३८९) भावदेवसूरि-आचार्य कालिकाचार्यकथा\ प्रा. ग्रं. १०० \ अत्थित्थ भारहे (जेताजि४२१, पाताहेसं६०, खंता४४ ) पार्श्वनाथचरित्रमहाकाव्य श्लोकबद्ध सं. ग्रं. ६०७४ (पातासंघवीजीर्ण४७, पातासंघवी५९-१) पार्श्वनाथचरित्रमहाकाव्य श्लोकबद्ध नो हिस्सो हरिश्चन्द्रराजकथानक \ सं. (पाकाहेम८०७६) यतिदिनचर्या\ प्रा.\ गा. १५४ \ वीरं नमिऊण जिणं (पाकाहेम१०३३) भावदेवसूरि आचार्य - खण्डिल्लगच्छ पार्श्वनाथचरित्र \ सं. ग्रं. ८०७४ \ नाभेयाय नमस्तस् (पाकाहेम७३७०, भांका१०६) भावप्रभसूरि-आचार्य महावीरस्तोत्र-(सं.)टीका सं. (पाकाहेम१२३४६) भावप्रभसूरि-आचार्य\ गुरु-आचार्य महिमाप्रभसूरि गोधूलिका सं.\ नत्वा पार्श्वजि (पाकाहेम३३१४) भावविजयजी मुनि ध्यानस्वरूपनिरूपणप्रबन्ध मागु. ग्रं. २७५ \ गा. ३०० (पाकाहेम९०३९, पाकाहेम१६७२५, पाकाहेम१७३१९) भावविजयजी - उपाध्याय अन्तरीक्ष पार्श्वनाथ छन्द) मागु.) गा. ५१ (पाकाहेम१७५३८) भावविश्वेश्वर- अज्ञात सप्तपदार्थी सं. (पाकाहेम१०११३) भावसेन-अज्ञात मोक्षशास्त्र - विश्वतत्त्वप्रकाश सं. (पाकाहेम १०७४४) भासर्वज्ञ-जैनेतर गणकारिका सं. (पातासंघवी १३५-२) न्यायसारप्रकरण\ सं. (पाकाहेम२५०२, पाकाहेम६६७२, पाकाहेम१०१००, पाकाहेम१०३८७) भास्कर - शिष्य- जुओ - नागार्जुन आचार्य भुवनतुङ्ग-मुनि महासती कुलक प्रा.गा. ३१ \ पवरगुणनियरवित्त (पाताहेसं १६८) भुवनतुङ्गसूरि-आचार्य -अञ्चलगच्छ आत्मसम्बोधनकुलक\ प्रा. गा. ४३ \ नमिरसुर असुरविन् (पाताहेसं१६८, पाताहेसं १८९) भुवनतुङ्गसूरि (महेन्द्रसूरिशिष्य) - आचार्य (प्र. नाम-आचार्य-भवनतुङ्गसूरि) आतुरप्रत्याख्यानप्रकीर्णक बृहत् - ( सं .) अवचूरि \ सं.\ श्लोक ८५० \ नत्वा वीरजिनं व (पाकाहेम१००८५, भांका१६८, भांका२०१, भांका२७३ ) राम-लक्ष्मण चरित्र) प्रा. गा. २०८ \ भणियं सीयाचरियं (पातासंघवी९९) संस्तारकप्रकीर्णक-(सं.) विवरण सं. ग्रं. १२०९ \ शमित निःशेषकर्म (पाकाहेम१०५१६, भांका२२३) सीता चरित्र प्रा.गा. ४४१ \ जस्स पयपउमनहचन् (पातासंघवी९९) भुवनरत्नाचार्य-आचार्य आलोचनाविधि (सं.) टिप्पण सं. (पाकाहेम७९४८) ८५ Page #103 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८६ विद्वान उपरथी कृति माहिती भुवनसुन्दरसूरि-आचार्य परमब्रह्मोत्थापनवादस्थल सं.\ श्रीवीरं जिनमान (भांका२१४) युगादिजिनस्तवन कुल्पपाकमण्डन। सं. महाभाग्यसौभाग्य (पाकाहेम१२१४३) भूपाल-जैनकवि चतुर्विंशतिकास्तोत्र सं. श्रीलीलायतनं मह (पाकाहेम७४०२) भूषणभट्टसुत-जैनेतर लीलावती\ अप. श्लोक१८००\ नमह सरोससुअरिसण (पातासंघवी६६-२) भोजदेव महाराजा-जैनेतर सरस्वतीकण्ठाभरण। सं.प्रा. (पातासंघवी१०२-१) मङ्गलसूरि-आचार्य महावीरकलश अप. गा.१७ श्रेयः पल्लवयन् (पाकाहेम१०२३) मणिकण्ठ मिश्र-जैनेतर न्यायरत्न सं.\ श्लोक१४७५ (पाकाहेम७२५०) मण्डन-कवि अलङ्कारमण्डन। सं. (पाकाहेम९४९१) उपसर्गमण्डन\ सं. श्लोक४४५ (पाकाहेम६८०२, पाकाहेम६८०३, पाकाहेम९४८९) काव्यमनोहर सं. (पाकाहेम६८०४) चन्द्रविजयप्रबन्ध सं. (पाकाहेम९४९२) चम्पूमण्डन। सं. (पाकाहेम६८०१, पाकाहेम९४९०) शृङ्गारमण्डन। सं. (पाकाहेम९४८८) मण्डन मन्त्री-जैनेतर मण्डनकादम्बरीदर्पण सं. सहस्रन्मङ्गलं न (पाकाहेम९४८७) मतिनन्दन गणि-उपाध्याय-खरतरगच्छ\ गुरु-उपाध्याय धर्मचन्द्र गणि धर्मविलास\ सं. विश्वत्रयीजन्तु (पुप्रे४१७) मनोहर (दिग.)-मुनि धर्मपरीक्षा हिन्दी\ गा.१०८३ पणमुं अरहन्तदेव (भांका२९०) मन्मथ सिंह- विद्यासिंहपुत्र-जैनश्रावक सूक्तरत्नाकर सं.\ श्लोक४३४०\ जीयाज्जगन्मङ्गल (पातासंघवी१४९) मम्मट-कवि (प्र. नाम-अज्ञात-राजानक मम्मट) काव्यप्रकाश सं. नियतिकृतिनियमरह (जेताजि३२२, जेताजि३२३, पातासंघवीजीर्ण७७, तालाद३९१-२) मयूर-कवि सूर्यशतक\ सं. ग्रं.२६२\ का.१०० (पाकाहेम१०७००) मलयगिरिसूरि-आचार्य आगमिकवस्तुविचारसारप्रकरण प्राचीन चतुर्थ कर्मग्रन्थ षड्शीति-(सं.)वृत्ति सं. (पातासंघवी६५-२, पातासंघवी१२७-२) कर्मप्रकृति-(सं.)टीका\ सं. प्रणम्य कर्मद्र (जेताजि१७३, पाताहेसं१७२, खंता१४४, जेकाजि१२८४, भांका१२०, भांका२३१) चन्द्रप्रज्ञप्तिसूत्र-(सं.)वृत्ति। सं. ग्रं.९५०० मुक्ताफलमिव करत (जेताजि३७, पातासंघवी२०, पातासंघवी४४, पातासंघवी३४-१, खंता२२, जेकाजि३०, पाकाहेम६५६७, पाकाहेम१००२१, पाकाहेम१०४०२, पाकाहेम१०४७२, पाकाहेम१४९१५, भांका२६५) जीवाभिगमसूत्र-(सं.)वृत्ति। सं. ग्रं.१४००० (जेताजि२६, पातासंघवी१०, जेकाजि२४, पाकाहेम१४८५४, पाकाभाभा१३) ज्योतिष्करण्डकसूत्र-(सं.)वृत्ति। सं. ग्रं.५००० स्पष्टं चराचरं (जेताजि१४८, पातासंघवीजीर्ण६९, जेकाजि६०, पाकाहेम६५७२, पाकाहेम१००९३, भांका२२९) धर्मसङ्ग्रहणीप्रकरण-(सं.)वृत्ति सं.\ यथास्थिताशेषपदा (पातासंघवीजीर्ण६, पातासंघवी४५, जेकाजि७५, पाकाहेम६६६२) नन्दीसूत्र-(सं.)वृत्ति। सं. ग्रं.७७३२\ जयति भुवनैकभानु (जेताजि७७, पातासंघवीजीर्ण१९, पातासंघवी३७, खंता३८, Page #104 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विद्वान उपरथी कृति माहिती ८७ भांता५९, जेकाजि४९, पाकाहेम७०२, पाकाहेम३५४५, भांका२५९) पञ्चसङ्ग्रह-(सं.)टीका\ सं. ग्रं.४६३१ (जेताजि१७४, पातासंघवी१४०, पाताहेसं९२, खंता१४५) पिण्डनियुक्ति-(सं.)बृहद्वृत्ति। सं. ग्रं.७२५० (जेताजि९०, जेताजि९१, पातासंघवी१६-१, पाताहेसं३०, जेकाजि४७, पाकाहेम६५६०, पाकाहेम१००७७, पाकाहेम१४८६०) प्रज्ञापनासूत्र-(सं.)बृहद्वृत्ति। सं.\ ग्रं.१६०००। जयति नमदमरमकुटप (जेताजि२८, जेताजि३०, पातासंघवीजीर्ण२३, खंता१८, जेकाजि२६, पाकाहेम१००१६, पुप्रे४०५) बृहत् कल्पसूत्र-(सं.)वृत्ति सं.प्रा. प्रकटीकृतनिःश्र (जेताजि५२, जेताजि५३, जेताजि५४, जेताजि५५, जेताजि५६, जेताजि५७, जेताजि५८, जेताजि५८, पाताहेसं१०, पाताहेसं११, भांता४१, जेकाजि३२, जेकाजि३३, जेकाजि३४, पाकाहेम१००४१, पाकाहेम१००४२, पाकाहेम१००४३, पाकाहेम१००४४, पाकाहेम१०३१५, पाकाहेम१०३१६, पाकाहेम१०३१७, पाकाहेम१०३१८, पाकाभाभा७०, पाकाभाभा७१, पाकाभाभा७२) बृहत् क्षेत्रसमासप्रकरण-(सं.)टीका\ सं. ग्रं.७६६०\ जयति जिनवचनमवित (जेताजि१९२, जेताजि१९३, जेताजि१९४, पाताहेसं७३, खंता२८६, खंता२८९, भांता५१) बृहत् सङ्ग्रहणीप्रकरण-(सं.)टीका\ सं. ग्रं.५००० (जेताजि१९८, जेताजि१९९, पातासंघवी९६, पातासंघवी१०३, पातासंघवी१०९, खंता१५०, पाकाहेम१०३५६) मलयगिरिशब्दानुशासन सं. (पातासंघवीजीर्ण५८-१, पाकाहेम७०६१) मलयगिरिशब्दानुशासन-(सं.)वृत्ति। सं.\ श्लोक४३०० (पाकाहेम७०६१) राजप्रश्नीयोपाङ्गसूत्र-(सं.)वृत्ति। सं. ग्रं.३७००\ प्रणमत वीरजिनेश (जेताजि२४, पातासंघवीजीर्ण१३, खंता१६, भांता७३, अताका५०५, अताका५०६, जेकाजि२२, जेकाजि१२७६, पाकाहेम२३१, पाकाहेम६९१७, पाकाहेम१००१३) व्यवहारसूत्र-(सं.)वृत्ति। सं. ग्रं.१३७१९\ प्रणमत नेमिजिने (जेताजि६२, जेताजि६३, जेताजि६४, पाताहेसं१२, खंता२९, खंता३०, खंता३१, भांता१, भांतार, भांता३, भांता४, भांता५, भांता६, भांता७, वताहंस४४४, वताहंस४४६, वताकांति३९६, पाकाहेम६८६, पाकाहेम६८७, पाकाहेम६८८१, पाकाहेम१००४९, पाकाहेम१००५०) सप्ततिका षष्ठ प्राचीन कर्मग्रन्थ-(सं.)टीका सं. ग्रं.३७८०\ अशेषकर्मांशतमः (पातासंघवी१, पातासंघवी६१-१, पातासंघवी१५३-१, खंता१४८, भांता४३, भांता४४) सप्ततिकाप्रकरण-(प्रा.)चूर्णी\ प्रा. ग्रं.२००० (पाताहेसं९६) सूर्यप्रज्ञप्तिसूत्र-(सं.)वृत्ति। सं. ग्रं.९१२५\ यथास्थितं जगत्स (जेताजि३५, जेताजि३६, पातासंघवी२६, खंता२१, भांता५५, जेकाजि६५, पाकाहेम६५३८, पाकाहेम६५७७, पाकाहेम१००२३, पाकाहेम१०४७४, पाकाभाभा१८) मलयहंस-मुनि आरामशोभाकथा श्लोकबद्ध सं. श्लोक३५१ (पाकाहेम२१०८) मल्लवादी क्षमाश्रमण-आचार्य न्यायबिन्दुनी-(सं.)टीका--(सं.)धर्मोत्तरटिप्पनक\ सं. ग्रं.१३००। प्रणिपत्य जिना (जेताजि३७०, जेताजि३७१, पाताहेसं१४४, तालाद३४७) मल्लिषेणाचार्य-आचार्य अन्ययोगव्यवच्छेदवीरद्वात्रिंशिका-(सं.)स्याद्वादमञ्जरी टीका। सं. श्लोक२८०० (पातासंघवी१११, पाकाहेम१०७०७, पाकाहेम१०७०८) सज्जनचित्तवल्लभ सं. (पाकाहेम१७९५८) महीप-जैनेतर अनेकार्थतिलक सं. ग्रं.९५० (पाकाहेम१०२१३) महीमेरु-अज्ञात जिनस्तुतिगर्भित क्रियागुप्त पञ्चविंशतिका सं. श्लोक५३ (पाकाहेम११२८०) महीसागर-उपाध्याय नेमिनाथस्तवन। सं. श्लोक१३\ श्रीशैवेयममेयश (पाकाहेम१२३२०) नेमिनाथस्तवन-(सं.)स्वोपज्ञ अवचूरि। सं. (पाकाहेम१२३२०) महेन्द्रसिंहसूरि-आचार्य गुरु-आचार्य धर्मघोषसूरि अनेकार्थसङ्ग्रह-(सं.)अनेकार्थकैरवाकरकौमुदी टीका\ सं. ग्रं.१००००\ परमात्मानमानम्य (जेताजि३०९, जेताजि३१०, जेताजि३११, जेताजि३१२, पाताखेत२२, पाकाहेम६६१८, पाकाहेम१०६८२) Page #105 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८८ विद्वान उपरथी कृति माहिती अष्टोत्तरीस्तवन प्रा. (पाकाहेम१४०२३) आयुःसङ्ग्रह। प्रा. गा.८२\ सट्ठी कम्माभावे (पातासंघवी११८-२) कर्मस्तव प्राचीन द्वितीय कर्मग्रन्थ-(प्रा.)भाष्य-१\ प्रा. गा.७०\ नमिऊण वद्धमाणं (पातासंघवीजीर्ण४६) जीरापल्लीपार्श्वजिनस्तुति। सं.\ का.४५\ प्रभुं जीरिकापल (पाकाहेम९०२) पार्श्वनाथस्तोत्री प्रा. गा.८\ निलुप्पल इह देह (पाकाहेम१०२३) मनःस्थिरीकरण प्रकरणी प्रा. गा.१६७\ नमिऊण वद्धमाणं (पातासंघवी११८-२, पातासंघवी१३४-१) मनःस्थिरीकरण प्रकरण-(सं.)वृत्ति। सं. ग्रं.२३००\ प्रणिपत्य जिनं (पातासंघवी१३४-१) विचारसप्ततिकाप्रकरणी प्रा. पडिमा मिच्छा को (पातासंघवी११७-१, पातासंघवी११८-२, पाकाहेम७६८३) शतपदीप्रकरण-(सं.)वृत्ति। सं. ग्रं.५२००। त्रिभुवनगृहप्रद (पाताहेसं१०४, खंता१९९, वताकांति४०१, पाकाहेम७०७४) षण्णवति जिनस्तवन। सं.\ का.२९। सच्चक्रलोचनसुधा (पाकाहेम९०२) महेश्वर-कवि काव्यमनोहर-मण्डनमन्त्रीचरित्र सं. (पाकाहेम९४९३) शब्दभेदप्रकाश नाममाला। सं. श्लोक१९२१ प्रबोधमाधातुमशा (जेताजि३५०, अताका४७७, पाकाहेम८७४८, पाकाहेम९५७८, पुप्रे४३०) महेश्वरसूरि-आचार्य ज्ञानपञ्चमी कथा प्रा. गा.२००० (पातासंघवी७०-१, पातासंघवी१८२-२) संयममञ्जरीप्रकरण अप. गा.३५ नमिऊण नमिरतियसि (जेताजि१५१, जेताजि१९१, पातासंघवीजीर्ण७४, पातासंघवी१६५, पातासंघवी१९०-२, खंता९०, खंता९७, जेकाजि१३२६, पाकाहेम१०२३, पाकाहेम११०८३, भांका१४३) माघ-कवि शिशुपालवध सं. (पातासंघवीजीर्ण२८, पातासंघवीजीर्ण६६, पातासंघवी६९-३, पाकाहेम१०१०८) माणिक्यचन्द्रसूरि-आचार्य काव्यप्रकाश-(सं.)काव्यप्रकाशसङ्केत टीका\ सं.\ ग्रं.३२४४\ वर्णनाविषयीचक्र (पातासंघवी६३-४, पातासंघवी६९-२, पाकाहेम६६५१) शान्तिनाथचरित्र महाकाव्य सं. श्लोक५५७४\ तेपि ब्रह्मादयो (पातासंघवी५७-१, पातासंघवी५७-१, भांता६२, पाकाहेम८६५) माणिक्यदेव-आचार्य नलायन - कुबेरपुराण। सं.\ ग्रं.४७२४ (पाकाहेम१०३८८, भांका१७८) माणिक्यप्रभसूरि-शिष्य - जुओ - उदयप्रभसूरि-आचार्य माणिक्यशेखरसूरि-आचार्य गुरु-आचार्य मेरुतुङ्गसूरि आवश्यकसूत्र-(प्रा.)नियुक्तिनी (सं.)दीपिका टीका\ सं. श्रीआवश्यकसूत्र (पाकाहेम१०४८४, भांका२२०) ओघनियुक्ति-(सं.)दीपिकाटीका। सं. श्लोक५८०० (पाकाहेम१६४०५) माणिक्यशेखरसूरि-आचार्य-अञ्चलगच्छ पिण्डनियुक्ति-(सं.)विवेचन। सं.\ श्रीआचाराङ्गे द (भांका२२६) माणिक्यसुन्दरसूरि-आचार्य चन्द्रधवल-धर्मदत्तकथा। सं. (पाकाहेम१४५४८) पार्श्वनाथस्तवन यमकालङ्कारमय सं. का.९ नतसुरमुकुटाली.. (पाकाहेम२००५) शुकराजनृपकथा-गद्य सं.\ ग्रं.५०० (पाकाहेम८०५७) श्रीधरचरित्रकाव्य सं. श्लोक१६८९ यस्मिन्नाभिनरेन (पाकाहेम८७१, पुप्रे४२४) माणिक्यसुन्दरसूरि-आचार्य-अंचलगच्छ गुणवर्माचरित्र सं. ग्रं.१८०८\ विजयतां जिनवाक् (पाकाहेम१०१०५, भांका२२२) मानतुङ्गसूरि-आचार्य नवकारसारस्तव प्रा. गा.३१। भत्तिभरअमरपणयं (जेताजि१५८, पातासंघवी१७२-३, पाकाहेम१२३८९) भक्तामरस्तोत्र सं. का.४४ भक्तामरप्रणतमौल (जेताजि१५८, जेताजि३९७, पातासंघवी१०८, पातासंघवी७२-३, पातासंघवी१०४-२, पातासंघवी१४५-१, पातासंघवी१९८-२, पातासंघवी२०६-२, पाताहेसं१११, पाताहेसं११९, Page #106 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विद्वान उपरथी कृति माहिती पाताहेसं १६८, पाताहेसं १८९, खंता११८, खंता१२६, खंता२७८, भांता२४, भांता७२, तालाद३२६, तालाद३५२, जेकाजि१३२६, पाकाहेम१०२२, पाकाहेम१०२३, पाकाहेम९५४६, पाकाहेम१०१८९, पाकाहेम१०१९०, पाकाहेम१०३७७, पाकाहेम१०६५२, पाकाहेम१०६५३, पाकाहेम१२१२४, पाकाहेम१२३७९, पाकाहेम १५००३) भयहरस्तोत्र\ प्रा.\ गा.२३ \ नमिऊण पणयसुरगणच (जेताजि१५६, पातासंघवीजीर्ण८५, पातासंघवी१६५, पातासंघवी१९०-२, पातासंघवी२०३ - २, पातासंघवी२०६-२, पाताहेसं११९, पाताहेसं१६८, पाताहेसं१८९, खंता९२, खंता१२६, भांता७२, तालाद३३६, तालाद३५२, अताका ४९७, जेकाजि१३२६, पाकाहेम९०२, पाकाहेम१०२२, पाकाहेम१०२३, पाकाहेम३०३४, पाकाहेम९५४६, पाकाहेम१०६५०, पाकाहेम१२१२४, पाकाहेम१२१५०, पाकाहेम१२३७९, भांका२०२, भांका२४३) मानदेवसूरि-आचार्य अरिहाणस्तोत्र\ प्रा.\ गा. १० \ रेगोपुण... (भांता७०) उपधानविधिप्रकरण) प्रा. गा. ५४ (वताकांति ४१६, पाकाहेम५२६८) मालारोपणसमयवाच्यगाथा \ प्रा. गा. ४३ \ तत्तो जिणपडिमाए (भांता७०) लघुशान्तिस्तोत्र\ सं.\ गा. १७ \ शान्ति शान्तिन (जेताजि१५६, पातासंघवी२०३-२, पातासंघवी२०६ - २, खंता९७, पाकाहेम१०२२, पाकाहेम१०२३, पाकाहेम८२६७, पाकाहेम१२१२४, पाकाहेम१२३७५, पाकाहेम१२३७६) मानदेवसूरिशिष्य जुओ- शीलाङ्काचार्य - आचार्य मानसागर-मुनि-तपागच्छ\ गुरु- आचार्य बुद्धिसागरसूरि योगशास्त्र के द्वितीय प्रकाश का हिस्सा परिग्रहारम्भ श्लोक - (सं.) शतार्थी टीका सं. प्रणम्य परमप्री (पुप्रे४१६ ) मानाङ्क-कवि - वृन्दावनमहाकाव्य . का . ५२ वरदाय नमो हारये (जेताजि३४६, जेताजि३४७, पाकाहेम६६२३) मालदेव-अज्ञात पुरन्दरकथारास\ मागु. गा. ३६७ (पाकाहेम१०२४३) मालमुनि-मुनि वैराग्यसज्झाय\ मागु.\ गा.१० (पाकाहेम१०१३३) मुनिचन्द्र-मुनि-पौर्णमीय रसाउलओ - गाथाकोष ) प्रा. गा. ३५३ ( पाकाहेम१४८०६) मुनिचन्द्र-मुनि चतुर्विंशतिजिनपञ्चकल्याणकस्तोत्र अप नमिवि सिरिवीरजि (पातासंघवी १०४-२) मुनिचन्द्रसूरि-आचार्य आवश्यकसप्ततिका प्रा. गा. ७० \ देविन्दविन्दवन् ( भांता६९) आवश्यकसूत्रनो हिस्सो चैत्यवन्दनसूत्र की ललितविस्तराटीका - (सं.) पञ्जिका टीका सं. ग्रं. २०५० \ नत्वानुयोगवृद्ध (पातासंघवी१६३, पातासंघवी १९२-२, पाताहेसं९९, भांता६६) आशातनासमास\ प्रा. गा. ७३ \ आसायणायणासण सोह (भांता६९) उपदेशकुलक\ प्रा.\ गा.२५ \ निसुणन्तु खणं प ( पातासंघवी५९-२, भांता६९, पाकाहेम१११५३) उपदेशपदप्रकरण- (सं.) टीका सं.\ श्लोक ११७४ (पाकाहेम१४१३, पाकाहेम६५८१) ८९ उपदेशामृतप्रकरण\ प्रा. गा. ३२ \ वरहेमसमसरीरो वी (पातासंघवी५९-२, पाकाहेम१११५३) कलिकुण्डपार्श्वनाथस्तवन \ सं.\ श्लोक १० \ नमामि श्रीपार्श (पातासंघवी१७२- ३, पाकाहेम१२३३५, पाकाहेम१२३३६) कालविचारशतक\ प्रा.\ गा. १०१ \ नमियजियकालकीलङ् (भांता६९) चैत्यवन्दनाधिकारस्तोत्र ) प्रा. गा. १४ \ नमिऊण सयलतियसिन (भांता६९ ) छन्दोनुशासन-(सं.)विवरण \ सं. ग्रं. २४३ \ नत्वा सर्वसमीची (डतामुक्ता४५६) जीवगुणस्थान १४ प्रभेद निरूपण प्रा. सव्वगुणाणं ठाण (भांता६९) जीवसप्तति प्रा.गा. ७१ \ उसभाइए जिणिन्दे ( भांता६९ ) जीवोपदेशपञ्चाशिका\ प्रा. गा. ५० \ जिणिन्दचन्दाणकम (जेताजि१७१, पातासंघवी५९-२, पाकाहेम१११५३) त्रिदशतरङ्गिणी-तपागच्छगुर्वावली \ सं. (पाकाहेम७९८७, पाकाहेम७९८८) धर्मबिन्दुप्रकरण-(सं.)वृत्ति ( सं . ग्रं. ३००० \ शुद्धन्यायवशायत (जेताजि२२५, खंता२७६, तालाद३३५, लिंता९६७, अभ४, पाकाहेम६५८४) Page #107 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विद्वान उपरथी कृति माहिती धर्मोपदेशकुलक\ प्रा. गा.२५\ भुवणजणवन्दणिज्ज (पातासंघवी५९-२, पाकाहेम१११५३) धर्मोपदेशकुलकी प्रा. का.१०\ लद्धुत्तममाणुसत (पातासंघवी५९-२, पाकाहेम१११५३) प्राभातिक स्तुति। सं. का.९\ येर्हन् प्रभातस (पातासंघवी५९-२, पाकाहेम१११५३) भावनालेशकुलक प्रा. गा.१२\ एत्तं परम्परोवण (पातासंघवी५९-२) मोक्षोपदेशपञ्चाशिका सं. श्लोक५१\ शुद्धध्यानलवित् (पातासंघवी१७४, पातासंघवी५९-२, पातासंघवी१३५-२, पाकाहेम११०४६, पाकाहेम१११५३) रत्नत्रयकुलक प्रा. गा.३१\ चन्दद्धसमनिडालं (पातासंघवी५९-२, खंता९४, भांता६९, पाकाहेम१११५३) वनस्पतिसप्ततिकाप्रकरणी प्रा. गा७७ (पाकाहेम७६८३, पाकाहेम१६४८७) शङ्खश्वरपार्श्वनाथस्तवन सं. का.१०\ समस्तकल्याणनिधा (पाकाहेम१२३६५) शतक प्राचीन पञ्चम कर्मग्रन्थ-(प्रा.)चूर्णितुं (सं.)विषमपद टिप्पण। सं. ग्रं.९५५ प्रणिपत्यविमल क (तालाद३८२) शुभभावना उपदेश प्रा. गा.३३\ सुहभावणावसाओ सो (पातासंघवी५९-२, पाकाहेम१११५३) सम्यक्त्वोपायविधि प्रा. गा.२९ भुवणजणवन्दणिज्ज (पातासंघवी५९-२, पाकाहेम१११५३) हितोपदेशकुलक प्रा. गा.२५ सुणेह भो भव्वजण (जेताजि१७१, जेताजि१७१, पातासंघवी५९-२, पाकाहेम१११५३) मुनिचन्द्रसूरि-शिष्य - जुओ - वादिदेवसूरि-आचार्य मुनिदेवसूरि-आचार्य-बृहद्गच्छीय धर्मोपदेशमाला-(सं.)वृत्ति। सं. (पातासंघवी८८, पातासंघवी८९) शान्तिनाथचरित्र श्लोकबद्ध सं. श्लोक५०५५ वेश्मरत्ननिशारत (पातासंघवी१७२-२, खंता२०१, खंता२०२, वताकांति३९२, पाकाहेम१६७०, पाकाहेम४२९४, पाकाहेम६८४०, पाकाहेम२०६३८) मुनिरत्नसूरि-आचार्य ज्ञानपञ्चमीस्तोत्री प्रा. गा.२७१ नमवि सिरिनेमिजि (पाकाहेम१०२३) पार्श्वनाथस्तोत्र प्रा. गा.१६ सयलसिरीण निवासं (पाकाहेम१०२३) भावश्रावक लक्षण प्रा. गा.२९ (पातासंघवी२०६-२) मुनिसुन्दरसूरि-आचार्य-तपागच्छ उपदेशरत्नाकर प्रा. (पाकाहेम१४९१७) उपदेशरत्नाकर-(सं.)स्वोपज्ञटीका सं. ग्रं.७६७५ (पाकाहेम१४९१७) जिनस्तोत्ररत्नकोश प्रथमप्रस्ताव। सं.\ श्लोक११५० (पाकाहेम१०१८७) त्रैविद्यगोष्ठी\ सं.\ ग्रं.८७५ (पाकाहेम१०३८६, भांका१८५) पट्टावली तपागच्छीय प्रा. सिरिमन्तो सुहहे (अताका५०३) मन्त्रौषधिकल्पगर्भित देलउलामण्डन ऋषभजिनस्तवन\ अप. श्लोक२५ (पाकाहेम८२४५, पाकाहेम८२४७) महावीरमङ्गलशब्दार्थवाचकस्तवन सं. का.२४\ जय श्रीविलासालय (पाकाहेम१२२८५, पाकाहेम१२३६०) युगादिजिनस्तवन इलदुर्गमण्डन। सं. का.२४\ जय श्रीमन्नाभिप (पाकाहेम१२१४५) सन्तिकरस्तवन प्रा. गा.१४\ सन्तिकरं... (पाकाहेम३०३४) साधारणजिनस्तव सं. श्लोक५ जयश्रीजिनकल्याण (पाकाहेम१२२५६, पाकाहेम१२२५७, पाकाहेम१२२५९, पाकाहेम१२३५८, पाकाहेम१२३६१) मुनिसुन्दरसूरि-शिष्य-मुनि उत्तराध्ययनसूत्रकथा। सं.। अर्हतः सर्वसिद् (भांका११३) मुम्मण - जुओ - मुम्मणिदेव (शैवभट्टारक)-जैनेतर मेघप्रभाचार्य-आचार्य धर्माभ्युदय छायानाट्यप्रबन्ध सं. यः शक्रेण मुदाभ (पाताहेसं१४७) सूक्तमुक्तावली\ सं. श्रीवर्द्धमानमभ (पाताहेसं१४७) मेघराज-गणि राजप्रश्नीयोपाङ्गसूत्र-(मा.गु.)टबार्थ मागु. देवदेवं जिनं नत (वताकांति४०६-४) मेघविजय-उपाध्याय मेघदूतसमस्यालेख-मेघदूतपादपूर्ति रूपविजयप्रभसूरिविज्ञप्तिका। सं. श्लोक१३१ (पाकाहेम८००८) हस्तसञ्जीवनी\ सं.\ श्लोक५२५ (जेताजि१००००, पाकाहेम१३५८०) Page #108 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विद्वान उपरथी कृति माहिती मेरुतुङ्गसूरि-आचार्य-अंचलगच्छीय(विधि कातन्त्रव्याकरण-(सं.)बालावबोधवृत्ति। सं. ग्रं.५०९ (जेकाजि२४१, पाकाहेम९७२, पाकाहेम९७३, पाकाहेम३७०१) कातन्त्रव्याकरण-(सं.)बालावबोधवृत्तिनो (सं.)टिप्पनक\ सं. (पाकाहेम९७४, पाकाहेम९७५, पाकाहेम९७६, पाकाहेम२५५८, पाकाहेम३७०२, पाकाहेम३७०३, पाकाहेम८५६५, पाकाहेम९६४८) कामदेवकथा गद्य सं. ग्रं.७४८ (पाकाहेम१०४०४) चतुर्विंशतिप्रबन्ध सं. (पाकाहेम८००५) जैनमेघदूतमहाकाव्य। सं.\ श्लोक४१८ (पाकाहेम२६६१, पाकाहेम२६६२) प्रासुकाम्बुविचार सं.\ ग्रं.१८७\ इह किल प्रासुको (भांका२४८) स्तम्भनपार्श्वनाथ प्रबन्ध सं. (पाकाहेम१४९६५) मेरुसुन्दर-मुनि अजितशान्तिस्तोत्र-(मा.गु.)बालावबोध मागु. अजिय० अजितनाथ ब (पाकाहेम१०६५१) पार्श्वनाथलघुस्तवन\ अप. गा.८ (पाकाहेम१२३६६) पार्श्वनाथस्तवन। अप.\ गा.५ (पाकाहेम१२३६६) पार्श्वनाथस्तोत्र सं.\ श्लोक७ (पाकाहेम१२३६६) भक्तामरस्तोत्र-(मा.गु.)बालावबोध मागु. (पाकाहेम१०१९०) भावारिवारणस्तोत्र-(सं.)टीका सं. (पाकाहेम१०६६६) शान्तिस्तवन प्रा. गा.३ (पाकाहेम१२३६६) सम्भवस्तोत्र प्रा. गा.३ (पाकाहेम१२३६६) स्तम्भनकपार्श्वनाथस्तवन। अप.\ गा.५ (पाकाहेम१२३६६) मेरुसुन्दर-उपाध्याय सम्बोधसप्ततिकाप्रकरण-(मा.गु.)बालावबोध मागु. ग्रं.१७२७ (पाकाहेम१०१६२) मोक्षाकर गुप्त-जैनेतर तर्कभाषा सं. श्लोक८७० (पातासंघवी१४६-१, पातासंघवी१५५-२) मोहनविजय-मुनि रत्नपालरास\ मागु. (पाकाहेम१०२९९) यशःसोम-अज्ञात बारभावनावेलि\ मागु. (पाकाहेम१०१३४) यशश्चन्द्र-कवि राजीमतीप्रबोधनाटक प्रा. (पाकाहेम२७४०) यशस्वीगणि-शिष्य-मुनि-लुङ्कागच्छ प्रज्ञाप्रकाशषट्त्रिशिका सं.\ श्लोक३७ प्रज्ञाप्रकाशाय (भांका१८३) मुद्रित कुमुदचन्द्रनाटक\ सं. (पाकाहेम८६३१) यशोकीर्ति-पण्डित चन्द्रप्रभचरित्र प्रा. नमिऊण विमलकेवलल (भांका२१३) प्रबोधसार\ सं. ग्रं.५७८\ अकारादि णकारान् (भांका१६७) यशोघोषसूरि-आचार्य (प्र. नाम-आचार्य-जसघोस) आराधनाप्रकरणी प्रा. गा.१००। मयणग्गि समणमेहं (पातासंघवी१४५-१) क्षमाकुलक प्रा. गा.२५ नमिऊण पुनपुरि (पाताखेत६, पातासंघवी५९-२, पातासंघवी५९-३, पातासंघवी६२-२, पातासंघवी१०४-२, खंता१०६, पाकाहेम१३५१, पाकाहेम२५९६) यशोदेव - जुओ - यशोदेवसूरि-आचार्य यशोदेवसूरि-आचार्य (प्र. नाम-मुनि-जसदेव) आवश्यकसूत्रनो हिस्सो चैत्यवन्दनासूत्र-(प्रा.)चूर्णी\ प्रा.\ ग्रं.८४०\ इच्छामि पडिक्कम (जेताजि१३९, जेताजि१४०, पातासंघवीजीर्ण७९, पातासंघवी१३८-२) आवश्यकसूत्रनो हिस्सो वन्दनकसूत्र-(प्रा.)चूर्णी\ प्रा.! ग्रं.७०७\ सुयसागरपारगए अण (जेताजि१३९, जेताजि१४०, पातासंघवी१३८-२) Page #109 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विद्वान उपरथी कृति माहिती आवश्यकसूत्रनो हिस्सो प्रत्याख्यानसूत्र - (प्रा.) चूर्णि ) प्रा. ग्रं. ४०० \ गा. ३२९ \ तवझाणानलनिद्दड् (जेताजि१३९, जेताजि१४०, पातासंघवीजीर्ण७९, पातासंघवी १३८-२) ९२ नवपदप्रकरण-(सं.)बृहद्वृत्ति सं. ग्रं. ९५०० (जेताजि२२१, पाताहेसं४०) पञ्चाशकप्रकरण-(प्रा.)चूर्णी प्रा. (जेताजि२१२, तालाद३३४) पाक्षिकसूत्र-(सं.)वृत्ति\ सं.\ श्लोक २७०० \ शिवशर्मैकनिमित् (जेताजि१२७, जेताजि१२८, जेताजि१२९, जेताजि१४५, जेताजि४१६, पाताहेसं२४, खंता६५, खंता६६, भांता३७, भांता३८, तालाद३८५, लिंता३४१७, अताका४९९, अभ३, पाकाहेम१४८६८) पिण्डविशुद्धिप्रकरण-(सं.) सुबोधा टीका सं. ग्रं. २८०० \ यदुदितलवयोगाद्द (जेताजि२०५, जेताजि२१०, पातासंघवी१६२, पातासंघवी १८४-२, पातासंघवी १८८-२, भांता७५, तालाद३८१) यशोभद्रसूरि-आचार्य गुरु - आचार्य श्रीचन्द्रसूरि आगमिकवस्तुविचारसारप्रकरण प्राचीन चतुर्थ कर्मग्रन्थ षड्शीति - (सं.) वृत्ति \ सं. आगमिकवस्तुगोचर (पाताहेसं९५) षोडशकप्रकरण-(सं.)वृत्ति सं. ग्रं. १५०० ( जेकाजि१५५३, पाकाहेम६७४४, पाकाहेम १५५०२) सप्ततिकाप्रकरण- (सं.) वृत्ति सं. ग्रं. ३८०० (पाताहेसं९७) यशोभद्रसूरि-आचार्य क्षामणकसूत्र - (सं.) अवचूर्णि सं. (भांका ८२) यशोवर्धन-अज्ञात कारकन्यायकन्दली \ सं. ( तालाद३४०) यशोविजयजी गणि-उपाध्याय-तपागच्छीय अध्यात्मसार\ सं. (पाकाभाभा१७२७) अस्पृशद्गतिवाद) सं. (पाकाहेम८७६२) आठ दृष्टि स्वाध्याय) मागु. शिवसुख कारण उपद ( तालाद३९१-१, तालाद३९१-४, अताका ४९१) ऋषभजिनस्तवन\ मागु.\ गा. ९ \ समरथ साहिब समता (अताका४७९) औपदेशिक गीत\ मागु. गा.८ \ चेतन जो तुं ग्य (पाकाहेम६१९७, पाकाहेम६१९८) औपदेशिक गीत\ मागु. गा.७ \ सब लया छाक मोह (पाकाहेम६१९७, पाकाहेम६१९८) औपदेशिक गीत मागु. \ गा. ५ \ चेतन अब मोहिं द (पाकाहेम६१९७, पाकाहेम६ १९८) औपदेशिक गीत मागु.) गा. ५ \ चेतन राह चले उल (पाकाहेम६१९७, पाकाहेम६ १९८) औपदेशिक गीत\ मागु.\ गा. ५) सज्जन राख तरीत (पाकाहेम६१९७, पाकाहेम६१९८) औपदेशिक गीत मागु.) गा. ५) अजब गति चिदानन् (पाकाहेम६१९७, पाकाहेम६१९८) औपदेशिक गीत\ मागु.\ गा. ५ \ प्रभु मेरी अयसी (पाकाहेम६१९८) औपदेशिक गीत\ मागु.\ गा.७ \ अब में साचो साह (पाकाहेम६१९७, पाकाहेम६१९८) औपदेशिक पद\ मागु.\ गा.\ परम गुरु जैन कह (पाकाहेम६१९७, पाकाहेम६१९८) औपदेशिक पद\मागु. गा७ \ चतुर नर सामाइक (पाकाहेम६१९७, पाकाहेम६१९८) औपदेशिक पद\ मागु. गा. ५ \ परम प्रभु सब जन (पाकाहेम६१९७, पाकाहेम६१९८) औपदेशिक पद\मागु.) गा. ५ \ जब लग आवई नहीं (पाकाहेम६१९६) औपदेशिक पद\मागु.) गा.६ \ चेतन ममता छारि (पाकाहेम६१९६) औपदेशिक पद\ मागु.\ गा.६ \ चेतन ज्ञान की द (पाकाहेम६१९६) औपदेशिक पद\ मागु.\ गा. ६ \ कन्त विण कहो कु ( पाकाहेम६१९६) औपदेशिक पद\ मागु.\ गा. ५ \ धर्म के विलास व (पाकाहेम६१९६) औपदेशिक स्वाध्याय) मागु. गा.४१ (पाकाहेम६ १९७) काव्यप्रकाश - (सं.) टीका सं. ( तालाद३९१-२ ) जम्बूस्वामि ब्रह्मगीता स्वाध्याय \ मागु.) गा. २९ \ समरीय सरसती विश (पाकाभाभा६२८) जिनप्रतिमास्थापन सज्झाय मागु. गा. १५ (पाकाभाभा६२८) जिनप्रतिमावन्दन स्वाध्याय मा. गा. १५ \ जिन जिन प्रतिमा (पाकाहेम६१९७) ज्ञानसार अष्टक\ सं.\ ऐन्द्र श्रीसुखमग (पाकाहेम७८६३, पाकाहेम११३६८, पाकाहेम१७६८९, पाकाभाभा२९९) ज्ञानसार अष्टक-(मा.गु.)टबार्थ मागु. \ ऐन्द्रवृन्दनतं (पाकाहेम११३६८) Page #110 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विद्वान उपरथी कृति माहिती ज्ञानसार अष्टक-(मा.गु.)बालावबोध मागु. (पाकाभाभा२९९) ज्ञानार्णवप्रकरण सं. ऐन्दवीं तां कला (अताका४७९) ज्ञानार्णवप्रकरण-(सं.)स्वोपज्ञ विवरण। सं.स्पष्टः तत्र पू (अताका४७९) तिङन्वयोक्ति सं. ऐन्द्रव्रजाभ्यर (अताका४७९) द्वात्रिंशद्वात्रिंशिकाप्रकरण*\ सं. (अताका४७६, पाकाहेम१४५८) द्वात्रिंशद्वात्रिंशिकाप्रकरण-(सं.)स्वोपज्ञ वृत्ति सं. (पाकाहेम१४५८) धर्मपरीक्षा-(सं.)स्वोपज्ञ टीका सं. श्लोक५५५० (पाकाहेम१५२५३) धर्मपरीक्षा प्रा. (पाकाहेम१५२५३) पार्श्वजिन अमृतध्वनि। मागु. (पाकाहेम९८२९) महावीरजिनस्तोत्र सं. श्लोक११\ ऐन्द्रं ज्योतिः (पाकाहेम१३१७१) सडसठ बोल समकित स्वाध्याय मागु. गा.६५ (तालाद३९१-२) सत्तरभेदपूजास्थापना सज्झाय मागु. गा.९। सत्तरभेदपूजाफल (पाकाहेम६१९७, पाकाभाभा६२८) सद्गुरु सेवन सज्झाय मागु. गा.३९। सेवउ सद्गुरु गु (पाकाभाभा६२८) सद्गुरु सेवन सज्झाय मागु. गा.४१ (पाकाभाभा६२८) सम्यक्त्व चोपई। मागु. गा.१२५ (तालाद३९१-१, तालाद३९१-४) सीमन्धरजिन स्तवन\ मागु. श्रीसीमन्धर साह (पुप्रे४१९-४) सीमन्धरजिन स्तवन मागु. गा.१२५ स्वामि सीमन्धर (पाकाहेम६१९७) हरियाली\ मागु. गा.८\ एक पुरुष अति दी (अताका४७९) योगीन्द्र-जैनेतर (प्र. नाम-जैनेतर-योगेन्द्र) कामरूपपञ्चाशिका प्रा. गा.९१ (पाकाहेम३९९६) सद्बोधचन्द्रोदयपञ्चाशिका सं. का.५० (पाकाहेम७०७१, पाकाहेम१०७०३) योगीन्द्रदेव (दिगम्बर)-आचार्य अमृताशीति। सं. श्लोक७९ विश्वप्रकाशिमहि (वताकांति४१९) योगेन्द्र - जुओ - योगीन्द्र-जैनेतर रघुनाथ-जैनेतर विवेकधैर्याश्रय सं. (पाकाहेम१४९७३) रघुनाथ वर्मा उदासीन-जैनेतर लौकिकन्यायरत्नाकर सं.\ यस्माज्जातं निख (पुप्रे४००, पुप्रे४०१, पुप्रे४०२, पुप्रे४०३) रघुनाथ शिरोमणि भट्टाचार्य-जैनेतर (प्र. नाम-जैनेतर-शिरोमणि भट्टाचार्य) आख्यातविवेक सं. आख्यातस्य यन्नो (पाकाहेम१३१८०) रङ्गविजय-मुनि वैराग्यसज्झाय मागु. (पाकाहेम१०३०४) रणरङ्गसिंह - जुओ - चामुण्डराय-जैनश्रावक रत्नचन्द्र-मुनि-माण्डव्यपुरगच्छ नन्दिताढ्यछन्दशास्त्र-(सं.)टीका\ सं. (पाकाहेम२००१) रत्ननन्दि (दिगम्बर)-मुनि भद्रबाहुचरित्र सं. सद्बोधभानुना... (भांका२५१) रत्नप्रभसूरि-आचार्य (प्र. नाम-अज्ञात-रत्नप्रभाचार्य) अरिष्टनेमिचरित्र प्रा. ग्रं.१३६००। जयइ निरञ्जणमिच (पातासंघवी२५) उपदेशमालाप्रकरण-(सं.)दोघट्टीवृत्ति सं.प्रा.,अप. ग्रं.११७६४\ यस्यारघट्टस्य घ (जेताजि२२७, पातासंघवी५०, पाताहेसं५६, खंता१८१, भांता२३, जेकाजि१२९०, पाकाहेम६७०६) गौतमस्वामिस्तुति। सं.\ श्लोक२५ (पाताखेत३) नेमिनाथस्तोत्र षड्भाषामय प्रा.,सं.,अप. श्लोक१७। अमन्दभन्दोदयकन् (पाकाहेम१०२३) नेमिनाथस्तवन\ सं. (पाकाहेम११३०८) पार्श्वनाथचरित्रगत दशदृष्टान्त सं. श्लोक९५७ (पाकाहेम२१०६, पाकाहेम१०१६५) Page #111 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ९४ विद्वान उपरथी कृति माहिती प्रमाणनयतत्त्वालोकालङ्कार-(सं.)रत्नाकरावतारिका टीका\ सं.\ ग्रं.५००० (जेताजि३६८, तालाद३२७, पाकाहेम८७५४, पाकाहेम१०७०६) रत्नप्रभाचार्य - जुओ - रत्नप्रभसूरि-आचार्य रत्नमण्डनसूरि-आचार्य समासलक्षण सं. (पाकाहेम४८६१) रत्नरङ्ग-उपाध्याय रूपकमाला-(मा.गु.)बालावबोध\ मागु. (पाकाहेम९४२६, पाकाहेम९४२७, पाकाहेम९४२८) रत्नशेखरसूरि-आचार्य गुणस्थानकक्रमारोह सं. ग्रं.६४ (पाकाहेम१३६९८) गुणस्थानकक्रमारोह-(सं.)टीका\ सं. (पाकाहेम१३६९८) गुरुगुणषट्त्रिंशत्षट्त्रिशिकाकुलक*\ प्रा. गा.४० (पाकाहेम११०६०, पाकाहेम११०६१) चतुर्विंशतिजिनस्तव सं.\ का.२६ (पाकाहेम८४९८) लघुक्षेत्रसमासप्रकरण प्रा. गा.२६२वीरं जयसेहरय पइ (पाकाहेम६९६७, पाकाहेम६९७०, पाकाहेम१०३३६, पाकाहेम१०३४१, पाकाहेम१०३७४, पाकाहेम१०५८५, पाकाहेम१०५८६) लघुक्षेत्रसमासप्रकरण-(सं.)वृत्ति। सं. (पाकाहेम१०३४१) श्राद्धप्रतिक्रमणसूत्र-(सं.)अर्थदीपिका वृत्ति। सं. (पाकाभाभा८१) श्रावकप्रतिक्रमणसूत्र-(सं.)अर्थदीपिकावृत्ति। सं.\ ग्रं.६६४४ (पाकाहेम१०५५७, पाकाहेम१४९०५) श्रावकव्रतभङ्गविकल्पकुलक प्रा. गा.१२ (पाकाहेम११०६५) श्रीपालचरित्र प्रा.\ गा.१३४१ (पाकाहेम६८६२) सम्बोधसप्ततिकाप्रकरणी प्रा. गा.७४ (पाकाहेम१०१६२, पाकाहेम१०१६३, पाकाहेम१०६२७) सुभाषित सं. (पाकाहेम१५२३१) रत्नसागरसूरि-आचार्य चतुर्विधधर्मचउपई काकबन्धी मागु. गा.६९ (पाकाहेम१०२२) रत्नसिंह-मुनि वीरजिनस्तोत्र-जैत्रपुरमण्डन\ सं.\ श्लोक८\ तुभ्यं नमः शुभ (पाकाहेम१३१७१) सर्वजिनस्तोत्र। सं.। श्लोक८ नमस्तेस्तदानन्द (पाकाहेम१३१७१) रत्नसिंहसूरि-आचार्य आगमतत्त्वचिन्ताभावनाचूलिका\ सं. श्लोक२४ (पाकाहेम११०२६) आत्मतत्त्वचिन्ताभावनाचूलिका सं. श्लोक२४\ कल्याणशस्यपायोद (पाकाहेम१११५३) आत्मविज्ञप्ति। प्रा.\ गा.३०\ जयजयभुवणदिवायर (पाकाहेम१११५३) आत्महितकुलक प्रा. गा.३२\ नियगुरुपायपसाया (पाकाहेम१११५३) आत्मानुशास्तिपञ्चविंशतिका सं. श्लोक२५ प्राकृतः संस्कृ (पाकाहेम१११५३) आत्मानुशासनकुलक\ प्रा. गा.५६\ सिरिधम्मसूरिसुग (पाकाहेम१११५३) उपदेशकुलक प्रा. गा.२६\ चिन्तसु उवायमेय (पाकाहेम१११५३) धर्माचार्यबहुमानप्रकरणी प्रा. गा.३४\ नमिऊं गुरुपयपउम (पाकाहेम१११५३) पर्यन्ताराधनाकुलक\ प्रा. गा.१६\ सुहिओ वा दुहिओ (पाकाहेम१११५३) मनोनिग्रहभावनाकुलक प्रा. गा.४४\ सिरिधम्मसूरिपहु (पाकाहेम१११५३) संवेगरत्नमाला प्रा. गा.१५०\ भावम्मि समाही प (पाकाहेम१११५३) संवेगामृतभावना। सं.\ श्लोक२५ (पाकाहेम११०२६) संवेगामृतपद्धति। सं. श्लोक४३\ शिष्याः श्रीधर (पाकाहेम११०२६, पाकाहेम१११५३) संवेगामृतपद्धति प्रा. गा.१२२\ शिष्याः श्रीधर् (पाकाहेम१११५३) समवसरणविचार मागु. गा.३१ (पाकाहेम१०२२) रत्नसिंहसूरिशिष्य-मुनि स्तम्भनकपार्श्वनाथस्तवन। सं. श्लोक९ यन्मूर्तिःस्वर् (पाकाहेम७४०४) रत्नाकर मुनि-मुनि Page #112 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विद्वान उपरथी कृति माहिती आदिनाथ वीनति मागु.\ गा.१६\ शेत्रुञ्जमण्डणस (पाकाहेम९०२) रत्नाकरसूरि-आचार्य रत्नाकरपच्चीशी\ सं. का.२५ (पाकाहेम१२१२४, पाकाहेम१२२३१, पाकाहेम१२३५९) रभसनन्द-अज्ञात षट्कारक\ सं. (पाकाहेम६६५८, पाकाहेम७३८५) रवि-अज्ञात भोज्यनामगर्भित शान्तिनाथस्तवन। सं.\ श्लोक२० (पाकाहेम८२२३) रविप्रभसूरि-आचार्य धर्मघोषसूरिस्तुति। सं.। श्लोक३३\ श्रीधर्मघोषसूरी (पाताहेसं११९) रविवर्धन-पं. आसराजादिप्रबन्ध सं. (पाकाहेम७९९८) रविसागर-गणि प्रद्युम्नचरित्र श्लोकबद्ध सं. श्लोक७२०० (पाकाहेम१७१६) मौनएकादशीमाहात्म्यकथा पद्य सं.\ श्लोक२०० (पाकाहेम१०१७५, पाकाहेम१३६४६) रविसिंहसूरि-आचार्य तीर्थमालास्तोत्र अप. गा.२३\ पयतियसपणासणु सं (पाकाहेम१०२३) राजकुण्ड-कवि रघुवंश-कुमारसम्भव-मेघदूत-किरातार्जुनीयमहाकाव्यगत दुर्घटसङ्ग्रह। सं. श्लोक१०१६ (पाकाहेम९५९४) राजशेखर-जैनेतर काव्यमीमांसा\ सं. (जेताजि३१८, पाताहेसं१४२, पाकाहेम६६२६) राजशेखर-कवि कर्पूरमञ्जरीनाटिका सं.प्रा. (जेकाजि२४६, पाकाहेम६८०५, पाकाहेम७३७६) छन्दशेखर\ सं. द्विगुणो यद्यवल (तालाद३९०) राजशेखरसूरि-आचार्य चतुर्विंशतिजिनप्रबन्ध सं. श्लोक३८०० (पाकाहेम१४९५४) दानषटिंत्रशिका सं. का.३६ (पाकाहेम७८००) राजानक मम्मट - जुओ - मम्मट-कवि राजानक महिम-जैनेतर व्यक्तिविवेक काव्यालङ्कार सं.अनुमानान्तर्भाव (जेताजि३२५, पाकाहेम६६४३) रामचन्द्र-कवि (प्र. नाम-कवि-प्रबन्धशतकर्तु-महाकवि) निर्भयभीमव्यायोग। सं.,प्रा. तपोभिर्दुस्तपैर (खंता२६८, पाकाहेम२७४१, पाकाहेम६६५६) रामचन्द्रसूरि-आचार्य द्रव्यालङ्कार सं. (जेताजि३६६, जेताजि३६६, अताका४८१, अताका४८२, अताका४८३, अताका४८४, जेकाजि१५०, जेकाजि१५१) विक्रमचरित्र सं.\ श्लोक६०२० (पाकाहेम१४८९९) रामचन्द्रसूरि-आचार्य कुमारविहारशतक\ सं. गा.११६ (जेकाजि१९५७, पाकाहेम१०२१७) रघुविलास सं. (पातासंघवी१९१-१) रामचन्द्राचार्य-अज्ञात प्रक्रियाकौमुदी। सं. (पाकाहेम१०२८५) रामदेव गणि-गणि आगमिकवस्तुविचारसारप्रकरण प्राचीन चतुर्थ कर्मग्रन्थ षड्शीति-(प्रा.)टिप्पनक प्रा. (वताकांति४१०, जेकाजि१३२४) रामदेव व्यास-जैनेतर सुभद्रापरिणयनछायानाटक सं. (पाकाहेम३७३३) रामर्षि-मुनि Page #113 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विद्वान उपरथी कृति माहिती द्विवर्णरत्नमालिकास्तुति-(सं.)टीका। सं. (पाकाहेम५२१२) रूद्रट-जैनेतर रुद्रटालङ्कार सं. (पाकाहेम६६४८) लक्षण भट्ट - जुओ - भट्ट लक्षण-जैनेतर लक्ष्मण गणि-गणि सुपार्श्वनाथचरित्र गाथाबद्ध प्रा. (जेताजि२५१, पातासंघवीजीर्ण१७, पातासंघवी४७, जेकात२८) लक्ष्मण भट्ट - जुओ - भट्ट लक्षण-जैनेतर लक्ष्मीतिलक-मुनि श्रावकधर्मविधिप्रकरण-(सं.)वृत्ति। सं.\ ग्रं.१५३३१ (पाकाहेम६५८८) लक्ष्मीधर (श्वे.)-पण्डित तिलकमञ्जरी कथासार पद्यबन्ध सं. श्लोक१२०० (पाकाहेम२६५८) लक्ष्मीसागरसूरि-आचार्य चतुर्विंशतिजिनस्तवन। सं. का.२६ (पाकाहेम१२२०६) पुण्डरीकस्तव सं. का.११\ श्रीशत्रुचजयश (पाकाहेम१२१३७) लब्धिविजय-मुनि बाहुबलिस्वाध्याय मागु.\ गा.२९ (पाकाहेम१०२२४) लीम्बो-अज्ञात ऋषभगीत मागु. गा.८ (पाकाहेम१२३३३) वज्रसेनसूरि-आचार्य शीलसन्धिी अप. गा.३४ (पाकाहेम७३०७) वज्रसेनसूरिशिष्य-मुनि अजितशान्ति नमस्कार। अप. गा.१५ (पाकाहेम१२३४४) वज्रस्वामि-अज्ञात गौतमस्वामि स्तवन सं. का.१११ स्वर्णाष्टाग्रस (पाकाहेम११२७०, पाकाहेम१३१७१) वत्सराज महामात्य-कवि कर्पूरचरितभाण। सं. ग्रं.१९०\ दास्येहं परिरम् (पाताखेत४१-१) किरातार्जुनीयव्यायोग। सं.\ श्लोक६१\ सा पातु वस्त्र् (पाताखेत४१-१) त्रिपुरदाह डिम\ सं. ग्रं.६६४\ परिकरितमिन्दुमौ (पाताखेत४१-१) रुक्मणीहरण ईहामृगः। सं. ग्रं.५०८ दरमुकुलितनेत्रा (पाताखेत५२-२) समुद्रमथन समवकार\ सं. ग्रं.६१४। गङ्गाधरो रुचिरश (पाताखेत५२-२) हास्यचूडामणिप्रहसन सं. ग्रं.३७२\ कल्याणं वितरन्त (पाताखेत४१-१) वप्पइराय - जुओ - वाक्पतिराज-जैनेतर वरदत्त-अज्ञात वइरसामिचरिउ\ अप. ग्रं.३००\ गा.९९ अहु जण! निसुणेज (पाताखेत११, पाताखेत१२, पातासंघवीजीर्ण७४, पातासंघवी१४१-२, खंता९४) वरदराज-जैनेतर तार्किकरक्षाव्याख्यानसारसङ्ग्रह*\ सं. (पाकाहेम१०२१९) वराहमिहिर-जैनेतर वराहमिहिरसंहिता सं. (पातासंघवी१५८) वर्द्धमानसूरि-आचार्य धर्मरत्नकरण्डक\ सं. श्लोक१०००० (वताहंस४४५, पाकाहेम१३९२४) महावीर पारणक\ अप. गा.४३\ जिणनिसुणउ एक्कग (पाताहेसं१६८) मुखपोतिकाकुलक\ प्रा. गा.२८ (पाकाहेम९६२२) मुखवस्त्रिका कुलक\ प्रा. गा.२८\ मोहतिमिरोहसूरं (भांता७०) वर्द्धमानसूरि-आचार्य गुरु-आचार्य अभयदेवसूरि Page #114 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विद्वान उपरथी कृति माहिती आदिनाथचरित्र गाथाबद्ध पञ्चावसरमय प्रा. ग्रं.११०००१ नमह जुगाइजिणिन् (जेताजि२५०, पातासंघवी१३९-१, पाताहेसं४१) वर्द्धमानसूरि-आचार्य गुरु-आचार्य विजयसिंहसूरि वासुपूज्यस्वामिचरित्र पद्य सं. ग्रं.५४९४१ मत्ये पतिर्दध्य (जेताजि२५४, पाताहेसं७०, जेकाजि२१७१, भांका३०९) वासुपूज्यचरित्र सर्थनकं सं. अहँ नौमि... (भांका१४९) वर्धमानसूरि-शिष्य - जुओ - सागरचन्द्र-मुनि वर्धमानसूरि-शिष्य (संविग्न विह - जुओ - चक्रेश्वरसूरि-आचार्य वल्लभ - जुओ - श्रीवल्लभोपाध्याय-उपाध्याय वल्लभदेव-अज्ञात शिशुपालवधमहाकाव्य-(सं.)सन्देहविषौषधि टीका। सं. (पातासंघवीजीर्ण२८) वसन्तराज-अज्ञात वसन्तराज शाकुनिकशास्त्र सं. (पातासंघवीजीर्ण३१, पातासंघवी६६-४, पाकाहेम२७९३) वसुनन्दी (दिगम्बर)-आचार्य आप्तमीमांसा-(सं.)टीका\ सं. (पाकाहेम१८२२४) वस्तुपाल-जैनश्रावक नरनारयणानन्दमहाकाव्य। सं.। श्लोक१२५० (पाकाहेम२६५७) वाक्पतिराज-जैनेतर (प्र. नाम-कवि-वप्पइराय) गउडवहोमहाकाव्य प्रा. ग्रं.१४९०\ गा.११६८\ पढमं चिय धवलकओव (जेताजि३५४, पाताखेत९-२, पातासंघवी२०५-२, पाताहेसं१३३, पाताहेसं१३४, खंता२६३, पाकाहेम६६३०) वाग्भट (दिगम्बर)-कवि काव्यानुशासनसूत्र सं. (पाताहेसं१६७) काव्यानुशासनसूत्र-(सं.)अलङ्कारतिलक टीका\ सं.\ यथा च कर्पूरधूल (पाताहेसं१३९, पाताहेसं१६७) छन्दोनुशासन-(सं.)विवरण। सं. ग्रं.५४०\ प्रणिपत्य प्रभु (पातासंघवी११०-२) वाग्भटालङ्कार सं. (पाकाहेम२६५२, पाकाहेम१०४०५, पाकाहेम१०६८७) वाचस्पति मिश्र-जैनेतर न्यायसूत्रना (सं.)न्यायभाष्यनी (सं.)न्यायवार्तिक टीकानी (सं.)तात्पर्यवृत्ति सं. (तालाद३२०, जेकाजि६९, जेकाजि१२७४, जेकाजि१२७४) वाढेश्वर-अज्ञात उपाधिप्रकरणविडम्बन\ सं. (पाकाहेम८८११) वादिदेवसूरि-आचार्य (प्र. नाम-आचार्य-मुनिचन्द्रसूरि-शिष्य) कुरुकुल्लास्तव सं. श्लोक९ (पाकाहेम११२६८) जीवानुशासनप्रकरण प्रा. (पाताहेसं१०३) । जीवानुशासनप्रकरण-(सं.)स्वोपज्ञ टीका\ सं. (पाताहेसं१०३) नेमिनाथस्तोत्री प्रा. गा.१०\ जायवकुलसरवर (पाकाहेम१०२३) पार्श्वनाथस्तोत्री प्रा. गा.१५ मङ्गलकमलजलाशय.. (पाकाहेम१०२३) पुण्डरीकस्तोत्री प्रा. गा.८ सिरिभरहचक्किनन् (पाकाहेम१०२३) प्रमाणनयतत्त्वालोकालङ्कार प्रा. (पातासंघवी१४६-१, भांता५६, पाकाहेम६६८९, पाकाहेम८७५४, भांका१२६) प्रमाणनयतत्त्वालोकालङ्कार-(सं.)स्याद्वादरत्नाकरवृत्ति सं. ग्रं.७२८४ (जेताजि४०५, पातासंघवी२१, पातासंघवी४६, भांता५६, जेकाजि१३४२, पाकाहेम२४५६, पाकाहेम६६८९) प्राभातिक जीवानुशासन प्रा. गा.२३ तिहुअणपणमियचलणं (पातासंघवी५९-२, पाकाहेम१११५३) मुनिचन्द्रसूरिस्तुति। अप.\ गा.२५\ नाणु चरणु सम्मत (पातासंघवी५९-२, पाकाहेम१११५३) मुनिचन्द्रसूरि विरह प्रा. गा.५५\ निव्वाणगमणकल्ला (पातासंघवी५९-२, भांता६९, पाकाहेम१११५३) सीमन्धरजिनस्तोत्री प्रा. गा.९ निज्जियमोहं सम् (पाकाहेम१०२३) वादीन्द्र भट्ट-जैनेतर महाविद्याविडम्बन सं. (पाकाहेम६६७३) Page #115 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ९८ विद्वान उपरथी कृति माहिती वानर्षि-गणि देवा प्रभोस्तोत्र-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम८१९९, पाकाहेम८२००) पडिलेहणाकुलक-(मा.गु.)स्तबक मागु. (पाकाहेम४६२७, पाकाहेम१५७२३) वामदेव - जुओ - बामीदेव-जैनकवि वामध्वज-जैनेतर परिशिष्टप्रकरण-(सं.)टिप्पनकसं. तमीशानं वन्दे न (तालाद३८६) वामन-जैनेतर वामनीय काव्यालङ्कारसं. (जेताजि३३३, पातासंघवी१८७-१) वामनीय काव्यालङ्कार-(सं.)वृत्ति। सं.\ प्रणम्य परमं ज् (जेताजि३३३, पातासंघवी१८७-१, तालाद३६३) वामनीय लिङ्गानुशासन सं. गा.२५\ सिद्धं विबुधजने (पाताहेसं१४७, खंता२५६) वामीदेव - जुओ - बामीदेव-जैनकवि वामेश्वरध्वज-जैनेतर न्यायकुसुमाञ्जलिप्रकरण-(सं.)टीका सं. यद् योगिमुख्यैर (पातासंघवी१९१-२) वाल्मीकि-ऋषि रामायण। सं. (तालाद३३१, वताकांति४०७) विक्रम कवि-कवि नेमिदूतकाव्य। सं. श्लोक१२६ (पाकाहेम२६६४) विजयचन्द-मुनि कल्याणकस्तोत्र प्रा. गा.१६ (पाताहेसं१६८) विजयदानसूरिशिष्य-मुनि प्रत्याख्यानफलकुलकी प्रा. गा.७ (पाकाहेम७७९०) विजयदेवसूरि-आचार्य पार्श्वनाथस्तवन नारङ्गपुरमण्डन#\ मागु. गा.११ (पाकाहेम१२३८४) विजयप्रभस्वामि-आचार्य देवपत्तनजिनस्तवन। का७ (पाकाहेम११२७०) विजयभद्र-मुनि कमलावतीसज्झाय मागु. गा.४४ (पाकाहेम१०१३५, पाकाहेम१०७९४) विजयविमल गणि-गणि गच्छाचारप्रकीर्णक-(सं.)विवृत्ति। सं. श्लोक५८५० उदबोधो विदधेब (भांका११६) पडिलेहणाकुलक प्रा. गा.३४ (पाकाहेम४६२७, पाकाहेम४७४०, पाकाहेम१५७२३) बन्धोदयसत्ताप्रकरण प्रा. गा.२४ (पाकाहेम१०९९४) विजयसिंहसूरि-आचार्य गुरु-मुनि शान्तिमुनि जम्बूद्वीपसमास प्रकरण-(सं.)टीका सं. (पाकाभाभा३) धर्मोपदेशमालाप्रकरण-(सं.)टीका\ सं. ग्रं.१४४७१\ नृपत्वतीर्थाधिप (पाताहेसं३३, पाताहेसं३४) नेमिनाथजिनस्तोत्र सं. का.२४\ नेमिस्समाहितधिय (पाकाहेम१२३१९) श्रावकप्रतिक्रमणसूत्र-(प्रा.)चूर्णि प्रा. श्लोक४५९०\ सिद्ध सिद्धत्थ (पाकाहेम४३६, पाकाहेम४३७, पाकाहेम१४८९४, भांका२७८) साम्यशतक\ सं. श्लोक३०४ (पातासंघवी१७०-२) विजयानन्द-मुनि क्रियाकलाप सं. (पाकाहेम१०२०९) विजयानन्द - जुओ - विद्यानन्द-पं. विद्याचन्द्र-अज्ञात आदिनाथजिनस्तुति सं. श्लोक४ (पाकाहेम८२१८) विद्यातिलक - जुओ - सोमतिलकसूरि-आचार्य विद्याधर-पण्डित Page #116 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विद्वान उपरथी कृति माहिती नैषधचरितमहाकाव्य-(सं.)साहित्यविद्याधरीटीका सं. (जेताजि३४३, जेताजि३४४, जेताजि३४५, पाकाहेम१०४००) विद्यानन्द-पं. (प्र. नाम-अज्ञात-विजयानन्द) कातन्त्रव्याकरण-(सं.)विद्यानन्दीवृत्ति। सं. (जेताजि२९०, जेताजि२९०, जेताजि२९०, जेताजि२९१, पाताखेत१-३, पाकाहेम६६५८) विद्यानन्दसूरि-आचार्य-दिगम्बर आप्तमीमांसा-(सं.)आप्तमीमांसालङ्कार टीका\ सं. (पाकाहेम४२८५) विनयचन्द्र-मुनि आनन्द श्रावकसन्धि। अप.\ गा.७५ (पाकाहेम९०३२) कथानक कोश\ प्रा.ग्रं.५१४०\ वन्दित्तु भुवणन (पातासंघवी१५४-२) कथानक कोश-(सं.)टीका सं. आसां व्याख्या व (पातासंघवी१५४-२) कविशिक्षा। सं. नत्वा श्रीभारती (पातासंघवी१७६-२) कालिकाचार्यकथा प्रा.गा.७८\ देविन्दविन्द नम (पाताखेत४०-२, पाताहेसं८१) विनयचन्द्रसूरि-आचार्य आदिनाथचरित्रमहाकाव्य। सं. श्लोक४२७८ (पाकाहेम८०१९) कल्पसूत्र-(सं.)टिप्पण। सं. ग्रं.४१८१ सौवर्णः सूत्रभृ (पातासंघवीजीर्ण९४, पातासंघवी१६९-२) पार्श्वनाथचरित्रमहाकाव्य। सं.श्लोक३९८५ (पाकाहेम१९६८) मल्लिनाथचरित्र महाकाव्य सं. ग्रं.४७५० (पाताहेसं५३, भांका३०६) मल्लिनाथचरित्र महाकाव्य-(सं.)विद्याविलास कथा। सं.\ अस्ति स्त्रीस्प (पुप्रे४५१) विनयदेवसूरि-आचार्य प्रथमआश्रवद्वार कुलक\ मागु. गा.९२ (पाकाहेम१६११६) बाणुजिननामस्तवन\ मागु. गा.३१ (पाकाहेम१६११६) विनयप्रभ-उपाध्याय गौतमस्वामिरास\ मागु. गा.८१ (पाकाहेम८९६६, पाकाहेम१०२३६) नरवर्मनृपकथा सं. (पाकाभाभा३६) विनयवर्धन-मुनि विनयवर्धनलिखितपत्र सं. (पाकाहेम८०१२) विनयविजय-उपाध्याय-तपागच्छ चत्तारिअठ्ठदसदोयसूत्र-(प्रा.)विवरण प्रा. गा.२७ (पाकाहेम१२१८१) विजयप्रभसूरिविज्ञप्तिलेख सं. (पाकाहेम८००९) शत्रुञ्जयमण्डन ऋषभदेवविनती\ मागु. गा.५८ (पाकाहेम१०३०५) विबुधचन्द्र मलधारी-मुनि सूक्तसमुच्चय। सं.\ गा.४२१\ छायाविश्रान्तसं (पातासंघवीजीर्ण५२) विमलगणि-गणि दर्शनशुद्धिप्रकरण-(सं.)टीका सं. श्लोक१२००० चञ्चच्चन्द्रमरी (खंता१७२, पाकाहेम७०२३, पाकाहेम७०३४) विमलसूरि-आचार्य (प्र. नाम-आचार्य-ब्रह्मचन्द्र) चित्ताधारपञ्चाशिका\ सं. का.५२ (पाकाहेम१०७०३) त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र गद्य सं.\ देवः स वः स्वपद (जेताजि२४६, पाताखेत३९) देशीनाममाला उद्धार सं. श्लोक१२०० (पाकाहेम२३००, पाकाहेम८७२५) धर्मलक्षणप्रकरण सं. श्लोक२२\ धर्मार्थं क्लिश (जेताजि१५४, जेताजि१५८, पाताखेत५, पाताखेत१२, पाताखेत४४-१, पातासंघवी१०८, पातासंघवी५९-३, पातासंघवी१०४-२, पातासंघवी१४५-१, पातासंघवी१६७-१, पातासंघवी१७९-१, पातासंघवी१९६-२, पातासंघवी१९८-२, पातासंघवी२०६-२, पाताहेसं१६१, पाताहेसं१६८, पाताहेसं१८९, खंता८८, खंता९५, खंता९७, खंता१०१, खंता१०७, खंता१०९, खंता११४, खंता११८, खंता१३२, भांता७२, तालाद३२६, अताका४९७, जेकाजि१३२६, पाकाहेम१०२२, पाकाहेम१०२३) नेमिजिन बिरुदावली (स्तोत्र) सं. का.४५\ जय श्रीनेमिजिनव (पातासंघवी२०६-२) पउमचरियं गाथाबद्ध प्रा. ग्रं.१०३०० (जेताजि२६४, पातासंघवी७, पाकाहेम६६९८, पाकाहेम१०१८५) Page #117 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विद्वान उपरथी कृति माहिती प्रश्नोत्तररत्नमालिका\ सं. का.२८ \ कः खलु नालङ्क (जेताजि१५४, जेताजि१५८, जेताजि१७१, जेताजि२१७, पाताखेत५, पाताखेत१२, पाताखेत५१, पाताखेत४४-१, पातासंघवी १०८, पातासंघवी५५-२, पातासंघवी५९-२, पातासंघवी१०४-२, पातासंघवी १४५-१, पातासंघवी १६७-१, पातासंघवी १७९-१, पातासंघवी १९६-२, पातासंघवी१९८-२, पातासंघवी२०६-२, पाताहेसं १६१, पाताहेसं १६८, पाताहेसं१८९, खंता८८, खंता९२, खंता९४, खंता९५, खंता९७, खंता १०१, खंता१०७, खंता१०९, खंता११४, खंता११८, खंता १२३, खंता१२६, खंता१३२, खंता२८३, भांता२४, भांता७२, तालाद३२६, अताका४९७, जेकाजि १३१७, जेकाजि१३२६, पाकाहेम१०२२, पाकाहेम१०२३, पाकाहेम१३७८, पाकाहेम७०१३, पाकाहेम११०९९, पाकाहेम१२१२४, पाकाहेम१४९७१, भांका२३२) संवेगद्रुमकन्दली\ सं.\ गा. ५२ ( पाकाहेम६७१७, भांका१७३) विमलाचार्य - जुओ - विमलसूरि-आचार्य विरोचन - जैनेतर १०० लक्षणसमुच्चय शिल्पशास्त्र) सं. (पातासंघवी १३३-२) विशाखदत्त जुओ - विशाखदेव-जैनेतर विशालराज- अज्ञात जिनस्तवन हरिशब्दार्थगर्भित ( सं . का. १० \ इन्द्रेभास्वशुक (पाकाहेम१२२८८) विशालराजशिष्य-मुनि जैनागमस्तव-(सं.)टीका सं. (पाकाहेम८२१२, पाकाहेम१२३८१, पाकाहेम१२३८३) तपसन्धि अप. गा. ५२ ( पाकाहेम९०३४) वीतरागस्तोत्र (सं.)अवचूरि सं. ग्रं. ६२५ \ जयति श्रीजिनो व (पाकाहेम१६७७३) विशालसुन्दरसूरि-शिष्य-मुनि सत्तररिसय जिनस्तवन \ मागु. गा. ६५ ( पाकाहेम१४८३६) विशुद्धमुनि षड्गोचर- शिष्य-अज्ञात यमप्रकरण\ सं.\ गा.२१ (पातासंघवी १३५ - २) विश्वनाथाश्रम-जैनेतर तर्कदीपिका सं. (पाकाहेम८७८०) न्यायसारप्रकरण-(सं.)न्यायकलानिधि टिप्पण\ सं. (पाकाहेम६८१०) विश्वशम्भु-जैनेतर एकाक्षरीनाममाला\सं.\ श्लोक ११५ (पाकाहेम८७३९) वीरगणि-गणि (प्र. नाम आचार्य-समुद्रघोषसूरि (?)) लघुअजितशान्तिस्तव\ अप. गा. ८ \ गब्भअवयारि सोहम (पातासंघवी६४ -२, पातासंघवी १३० - १, पातासंघवी१७२-३, पातासंघवी१९६-२, पाताहेसं१६८, पाताहेसं१८९, खंता१२६, पाकाहेम९०२, पाकाहेम१२१२४) वीरचन्द्र शिष्य मुनि दोहापाहुड) अप. गा. ३३३ ( भांका १०२ ) वीरदेवगण-गणि महिपालचरित्र प्रा. ग्रं. २२०० \ गा. १८१६ ( जेकात३२८, पाकाहेम १०११९, पाकाहेम१०६३९ ) वीरदेवसूरि-आचार्य जीवानुशासन प्रा.गा. २५ (पातासंघवी २०६ - २) समवसरणस्थितचतुर्मुखमहावीरस्तवमहावीरशब्द गर्भित #सं. का ३५ श्रियां परं धाम (पाकाहेम१२३८४) वीरप्रभसूर-आचार्य शान्ति स्तुति) प्रा. गा. ८ \ सन्तिजिण तुम्भ ( पाताहेसं १६८ ) वीरभद्र - गणि आतुरप्रत्याख्यानप्रकीर्णक बृहत् ) प्रा. गा. ७१ \ सिक्कदेसविरओ (जेताजि१४६, जेताजि१५१, जेताजि१५४, पाताखेत४२, पातासंघवीजीर्ण४६, पातासंघवी १६८, पातासंघवी११७-१, पातासंघवी १४५-१, पाताहेसं १७१-१५, खंता११३, तालाद३८९, पाकाहेम६६६, पाकाहेम९०२, पाकाहेम६५६९, पाकाहेम७३०७, पाकाहेम१००८५, पाकाहेम१०१४०, पाकाहेम १०४२८, पाकाहेम१०५१५, पाकाहेम१०५५४, पाकाहेम१०५५५, पाकाहेम१०५५६, भांका१२३, भांका१६८, भांका२०१, भांका२२७, भांका२४६, भांका२७३) Page #118 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विद्वान उपरथी कृति माहिती १०१ आराधनापताका\ प्रा. गा.९९०\ नियसुचरियगुणमाह (पाकाहेम६६६, पाकाहेम१००९१) चतुःशरणप्रकीर्णक प्रा. गा.६३२ सावज्जजोगविरई उ (जेताजि१४६, जेताजि१४६, जेताडूं९६०, पाताखेत२३, पाताखेत२९, पाताखेत४२, पाताखेत३२-१, पातासंघवीजीर्ण४६, पातासंघवीजीर्ण४९, पातासंघवीजीर्ण६५, पातासंघवीजीर्ण८५, पातासंघवी१६८, पातासंघवी२०२, पातासंघवी६२-२, पातासंघवी७२-३, पातासंघवी११७-१, पातासंघवी१४५-१, पातासंघवी१९८-२, पाताहेसं१६१, पाताहेसं१६२, खंता११३, खंता१२६, भांता७२, तालाद३८९, जेकाजि१९५१, पाकाहेम६६६, पाकाहेम९०२, पाकाहेम६५६९, पाकाहेम७३०७, पाकाहेम१००८४, पाकाहेम१०५१०, पाकाहेम१०५११, पाकाहेम१०५१२, पाकाहेम१०५५३, पाकाहेम१०६१०, भांका१२३, भांका१६८, भांका२२७, भांका२४६, भांका३००) भक्तपरिज्ञाप्रकीर्णक\ प्रा. ग्रं.१७१\ गा.१७२\ नमिऊण महाइसयंम (जेताजि१४६, पातासंघवीजीर्ण४६, पातासंघवीजीर्ण६५, पातासंघवीजीर्ण७८, पातासंघवीजीर्ण८५, पातासंघवी१६८, पातासंघवी२०२, पातासंघवी११७-१, पातासंघवी१४५-१, पाताहेसं१६२, तालाद३८९, जेकाजि१९५१, पाकाहेम६६६, पाकाहेम९०२, पाकाहेम६५६९, पाकाहेम७३०७, पाकाहेम१००८६, पाकाहेम१०४२८, पाकाहेम१०५२०, पाकाहेम१०५५६, भांका१२३, भांका१६८, भांका२२७, भांका२४६) वीरविजय-मुनि नवाणुप्रकारीपूजा। मागु. (लिंता२४३२-१) पर्युषणपर्व स्तवन\ मागु. गा.४\ परब पजुसण पुन्य (पाकाहेम१०२३३) वीरसूरि - जुओ - वीरगणि-गणि वोम्मीदेव-अज्ञात वैशेषिकदर्शन-(सं.)पदार्थधर्मसङ्ग्रह टीकानी (सं.)न्यायकन्दली टीकानी (सं.)न्यायकुसुमोद्गमोदयव्याख्या। सं. नित्यज्ञानदयैश् (पाकाहेम६६८२) व्यास-ऋषि पातञ्जलयोगसूत्र-(सं.)पातञ्जलयोगदर्शनभाष्य। सं.। अथेत्ययमधिकारार (जेताजि३९५, तालाद३४४-१) व्यासदास - जुओ - क्षेमेन्द्र-अज्ञात शङ्कराचार्य-यति हरिमीडेस्तोत्र सं. श्लोक४४ स्तोष्ये भक्त्य (भांका८५) शकुक - जुओ - सकुक-अज्ञात शङ्खधर-जैनेतर लटकमेलकप्रहसन सं. (जेकाजि१२२४, पाकाहेम३७३४) शय्यम्भवसूरि-आचार्य दशवैकालिकसूत्री प्रा. ग्रं.७००\ धम्मो मङ्गलमुक् (जेताजि७४, जेताजि८२, जेताजि८३, पाताखेत५१, पाताखेत१७-१, पाताखेत४४-३, पातासंघवीजीर्ण४२, पातासंघवीजीर्ण७६, पातासंघवीजीर्ण७८, पातासंघवीजीर्ण८५, पातासंघवी१६६, पातासंघवी१७४, पातासंघवी३३-३, पातासंघवी३५-१, पातासंघवी३५-२, पातासंघवी६४-२, पातासंघवी१८२-१, पातासंघवी१९८-२, पातासंघवी२०१-१, पातासंघवी२०६-२, पाताहेसं२५, पाताहेसं१६१, पाताहेसं१६८, पाताहेसं१७९, पाताहेसं१८९, पाताहेसं१७१-८, खंता७३, खंता७४, खंता७५, खंता८०, खंता११८, खंता७६-१, तालाद३८९, वताकांति४१४, वताकांति४३१-१, जेकाजि४३, पाकाहेम७७३, पाकाहेम७७४, पाकाहेम७७५, पाकाहेम९०२, पाकाहेम६५६१, पाकाहेम६९४६, पाकाहेम६९४७, पाकाहेम६९४८, पाकाहेम६९४९, पाकाहेम७५१६, पाकाहेम७५१७, पाकाहेम७५१८, पाकाहेम७५१९, पाकाहेम७५२४, पाकाहेम७५२५, पाकाहेम७५२६, पाकाहेम७५२७, पाकाहेम७५२८, पाकाहेम७५२९, पाकाहेम१००७२, पाकाहेम१०४३३, पाकाहेम१०४९४, पाकाहेम१०४९५, पाकाहेम१०४९६, पाकाहेम१०४९७, पाकाहेम१०४९८, पाकाहेम१०४९९, पाकाहेम१४७९७, पाकाहेम१५२५२, पाकाभाभा७४, पुप्रे४०७, पुप्रे४०८, भांका२०७, भांका२१०, भांका२६२) शर्ववर्मदेव-जैनेतर कातन्त्रव्याकरण। सं. सिद्धो वर्णसमाम (वताकांति४३९, अताका४७५, जेकाजि२४०, जेकाजि२४९, जेकालौ५०५, पाकाहेम९०३, पाकाहेम९०४, पाकाहेम९७१, पाकाहेम२८७१, पाकाहेम२८७२, पाकाहेम३८१३, पाकाहेम८५६४, पाकाहेम९६८३, पाकाहेम९६९९, पाकाहेम१२८३७, पाकाहेम१२८३८, पाकाहेम१२८३९) कातन्त्रव्याकरण परिभाषासूत्र सं. (वताकांति४४०) Page #119 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०२ विद्वान उपरथी कृति माहिती शशध-जैनेतर न्यायसिद्धान्तद्वीप। सं.\ श्लोक२५०० (लिंता१४६५) शशधर शर्मा-जैनेतर शशधरप्रकरण सं. (पाकाहेम१०७१९, पाकाहेम१६६७०) शाकटायन भदन्तपाद-आचार्य-यापनीय केवलीभुक्ति सं.श्लोक३३ (पातासंघवी१३५-२, खंता२७३) स्त्रीनिर्वाण सं. श्लोक४५ प्रणिपत्य भुक्त (पातासंघवी१३५-२, खंता२७३) शान्तिमन्दिरशिष्य-अज्ञात थम्भणपासविवाहलुं। मागु. गा.३२ (पाकाहेम१०७९१) शान्तिमाला गणिनी-साध्वीजी समस्याकाव्यत्रय। सं. (पाकाहेम८४९८) शान्तिसूरि-आचार्य (प्र. नाम-आचार्य-शान्त्याचार्य) जीवविचारप्रकरणी प्रा. गा.५१\ भुवणपईवं वीरं न (पाताखेत१२, पाताखेत५१, पातासंघवी२०२, पातासंघवी६६-३, पातासंघवी७१-३, पातासंघवी१०४-२, पातासंघवी११७-१, पातासंघवी१३०-१, पाताहेसं११४, पाताहेसं११९, पाताहेसं१२२, पाताहेसं१६१, पाताहेसं१८९, खंता८८, तालाद३३९, डतामुक्ता४६२, पाकाहेम१०२२, पाकाहेम२७२६, पाकाहेम३८९४, पाकाहेम६९५३, पाकाहेम६९५४, पाकाहेम९५०४, पाकाहेम९५४६, पाकाहेम१०५६६, पाकाहेम१०५७६) धर्मरत्नप्रकरण प्रा. गा.१४५ नमिउण सयल गुणरय (जेताजि१५५, जेताजि२३४, पाताखेत२९, पाताखेत४२, पातासंघवी२०२, पातासंघवी६२-१, पातासंघवी६६-३, पाताहेसं१७५, खंता९१, खंता१७५, खंता२८०, तालाद३२६, जेकाथा४, पाकाहेम१०२३, पाकाहेम१४८७४) धर्मरत्नप्रकरण-(सं.)वृत्ति सं. (पाताहेसं१७५, जेकाथा४) पिण्डैषणाशतक प्रा. गा.१०८ (पाकाहेम९५५१) प्रमाणकलिकासूत्र सं.। श्लोक५७ (पाकाहेम६६९१) प्रमाणवार्तिकसूत्र-(सं.)वृत्ति सं. नमः स्वतः प्रमा (जेताजि३७२, पाताखेत२६, पातासंघवी१५४-१, पातासंघवी१८७-१) सीमन्धरजिनस्तवन। अप. गा.८ (पाकाहेम१२१२४) शान्तिसूरि-आचार्य-पूर्णतलगच्छीय तिलकमञ्जरी-(सं.)टीप्पण। सं. श्लोक १०५० सम्यक् नत्वा मह (पातासंघवी६४-३, पुप्रे४३४) शान्तिसूरि वादिवेताल-आचार्य उत्तराध्ययनसूत्र-(सं.)बृहद्वृत्ति। सं.प्रा. श्लोक १३३४५ शिवदाः सन्तु ती (जेताजि९६, जेताजि९७, पातासंघवीजीर्ण७, पातासंघवीर, पातासंघवी३, पाताहेसं२६, पाताहेसं२७, पाताहेसं६८, खंता८२, जेकाजि५५, पाकाहेम१००८१, पाकाहेम१४७९०, पाकाहेम१४८५२, पाकाहेम१४८८९, पाकाभाभा३४) बृहत् शान्तिस्तोत्र सं. भो भो भव्याः श् (खंता१२५, पाकाहेम१०२३, पाकाहेम१२१२४) शान्त्याचार्य - जुओ - शान्तिसूरि-आचार्य शाम्ब साधु-मुनि जिनशतकमहाकाव्य-(सं.)पञ्जिका टीका\ सं.\ श्लोक १०२५ (पाकाहेम७२३४, पाकाहेम८६४१) शाम्बपञ्चाशिका सं.श्लोक५३ (पाकाहेम७८७९) शालिभद्रसूरि-आचार्य बुद्धिरास मागु. श्लोक७३ (पाकाहेम१०२२, पाकाहेम१२१२४) बृहत् सङ्ग्रहणीप्रकरण-(सं.)टीका सं. ग्रं.२५००\ केवलविमलज्ञानाव (जेताजि२००, जेताजि२०१, जेताजि२०२, पाताहेसं१००, पाताहेसं१८१, तालाद३३२) शाली आगमिक-पं. अरिष्टनेमिस्तवन नम अक्षरद्वयमय#\ सं. का.९\ मानेनानूनमानेन. (पाकाहेम१२२९३) शिरोमणि भट्टाचार्य - जुओ - रघुनाथ शिरोमणि भट्टाचार्य-जैनेतर शिवप्रभसूरि-शिष्य - जुओ - तिलकसूरि-आचार्य शिवलक्ष्मी-अज्ञात आदौ नेमिजिन स्तोत्र सं. का.९\ आदौ नेमिजिनं... (पाकाहेम११६६६, पाकाहेम१२२१७) Page #120 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विद्वान उपरथी कृति माहिती १०३ नेमिनाथस्तुति विविधछन्दोबद्ध \ सं. का.४६\ श्रीशैवेयं शिवश (पाकाहेम१२३१२) शिवशर्मसूरि-आचार्य कर्मप्रकृति प्रा. गा.४७५ सिद्धं सिद्धत्थ (जेताजि१५४, जेताजि१७३, जेताजि४१५, पाताखेत३८-२, पाताहेसं११२, पाताहेसं१७२, खंता१४४, खंता२८२, तालाद३३८, तालाद३४३, तालाद३८१, जेकाजि१२८४) शतक प्राचीन पञ्चम कर्मग्रन्थ प्रा. गा.११११ अरहन्ते भगवन्ते (जेताजि१५०, जेताजि१६०, जेताजि१८२, जेताजि१८३, जेताजि१८५, जेताजि४१५, पाताखेत११, पाताखेत४२, पाताखेत५०, पातासंघवीजीर्ण४५, पातासंघवीजीर्ण४६, पातासंघवीजीर्ण७३, पातासंघवी१७४, पातासंघवी६७-१, पातासंघवी१४५-२, पातासंघवी१९३-१, पाताहेसं११०, पाताहेसं११२, पाताहेसं११४, खंता९९, खंता११५, खंता१२०, खंता१२९, खंता२८३, भांता४५, जेकाजि१२९८) शिवसुन्दर-अज्ञात पार्श्वनाथ यमकमय स्तव सं. का.७ वरसंवरसंवर... (पाकाहेम७४०३, पाकाहेम१२३६२) शीलचन्द-मुनि द्वितीयकालग्रहणविधि। प्रा.\ गा.८४\ चउरासीगाहाण वाण (भांता७०) शीलरत्नसूरि-आचार्य जैनमेघदूतमहाकाव्य-(सं.)टीका सं. (पाकाहेम२६६२) शीलाकाचार्य-आचार्य (प्र. नाम-आचार्य-मानदेवसूरिशिष्य) आचाराङ्गसूत्र-(सं.)वृत्ति। सं. ग्रं.१२०००। जयति समस्तवस्तु (जेताजि१, जेताजि२, पातासंघवीजीर्ण४, पातासंघवीजीर्ण५, पातासंघवी३०, खंतार, खंता४, भांता२९, जेकाजि३, जेकाजि४, जेकाजि१३४९, पाकाहेम९९८९, पाकाहेम१४९२८, पुप्रे४२०) सूत्रकृताङ्गसूत्र-(सं.)वृत्ति। सं.\ ग्रं.१२८५३\ स्वपरसमयार्थसूच (जेताजि४, जेताजि५, पातासंघवीजीर्ण१०, पातासंघवी३९, पाताहेसं३, खंता६, खंता७, जेकाजि७, जेकाजि१३५६, पाकाहेम९९९२, पाकाहेम९९९३, पाकाहेम१०४१०, पाकाहेम१०४६०, पाकाहेम१४७९२) शुभचन्द्राचार्य (दिगम्बर)-आचार्य चन्द्रप्रभपुराण\ सं.\ ग्रं.१५६० (भांका१३५) ज्ञानार्णवसारोद्धार सं. ग्रं.६२२ (जेकाजि५१५, पाकाहेम१४८९६) ज्ञानार्णव सं. (पातासंघवी१४६-१) योगप्रदीप\ सं. (पाकाहेम७००८) शुभशील-मुनि पुण्यसारकथा पद्य सं.\ ग्रं.१३११ (पाकाहेम१०१८२) शुभशील-गणि अरजिन चरित्र सं. येनादौ पद्धतिर (पुप्रे४२२) कविशिक्षा-(सं.)काव्यकल्पलता टीकानी (सं.)काव्यकल्पलतामकरन्द टीका सं. (पाकाहेम१२९५८) विद्याविलास कथानक सं.। श्लोक६२४\ द्वीपेत्र भरतेक (पुप्रे४२३) शेरशाह - जुओ - सेरसहि-अज्ञात शोभन-मुनि शोभनस्तुति। सं.\ का.९६१ भव्याम्भोजविबोध (खंता१०९, खंता७६-१, पाकाहेम१०६६९, पुप्रे४१९-३) श्यामाचार्य-आचार्य प्रज्ञापनासूत्र प्रा. ग्रं.७८८७ नमो अरिहन्ताणं। (जेताजि२७, जेताजि२९, खंता१७, जेकाजि२५, पाकाहेम१००१५, पाकाहेम१०३६६, पाकाहेम१०५५०, पाकाभाभा२७, पुप्रे४०५) श्रीकण्ठ पण्डित-जैनेतर न्यायटिप्पनक श्रीकण्ठीय। सं.संसारिचेतनवर्ग (तालाद३१२, जेकाजि७१) वृत्तरत्नाकर-(सं.)वृत्ति। सं. (पातासंघवी५६-३) । श्रीचन्द्रसूस्-िआचार्य (प्र. नाम-आचार्य-धनेश्वरसूरि-शिष्य)। गुरु-आचार्य धनेश्वरसूरि अनागतचतुर्विंशतिजिनस्तोत्र प्रा. वीरवरस्स भगवओ.. (पाकाहेम१०२३) जीतकल्पसूत्रनी (प्रा.)चूर्णी- (सं.)टिप्पनक\ सं. ग्रं.११२०\ नत्वा श्रीमन्मह (जेताजि४१७, पाताहेसं१४९, Page #121 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०४ विद्वान उपरथी कृति माहिती ___ पाकाहेम६७५६, पाकाहेम१००५८) नन्दीसूत्र-(सं.)दुर्गपदवृत्ति। सं.\ ग्रं.३३००। सम्यगित्येवं गु (जेताजि७६, भांका२०९) निरयावलिकादिपञ्चोपाङ्गसूत्र-(सं.)वृत्ति। सं. ग्रं.६४०\ पार्श्वनाथं नमस (जेताजि३९, जेतालौ३, पातासंघवी६३-२, खंता२०, जेकाजि३१, पाकाहेम६५६८, पाकाहेम१००२५, पाकाहेम१०४२१, पाकाहेम१४८६१) निशीथसूत्र-(प्रा.)विशेषचूर्णीनी (सं.)विंशोद्देशकव्याख्या। सं. श्लोक११००\ प्रणम्य वीरं सु (जेताजि७५, खंता३२, भांता२१, पाकाहेम७३१, पाकाहेम६५४१, पाकाहेम१००५३, पाकाहेम१०३२२) पिण्डविशुद्धिप्रकरण-(सं.)टीका\ सं. ग्रं.४४००\ नमानेकसुरासुर (भांका२९८) मुनिसुव्रतस्वामिचरित्र गाथाबद्ध प्रा. गा.१०९९४ (जेताजि४०६, पाताहेसं४३, पाकाहेम१८९५) श्रावकप्रतिक्रमणसूत्र-(सं.)वृत्ति। सं. ग्रं.१९५०\ श्रीवर्धमानमानम (जेताजि१४१, पातासंघवी१४३-१) सुखबोधासमाचारी प्रा. ग्रं.१३११ (जेताजि२८२, पाताहेसं१५८) श्रीचन्द्रसूरि मलधारि-आचार्य (प्र. नाम-आचार्य-हेमचन्द्रसूरिशिष्य)। गुरु-आचार्य हेमचन्द्रसूरि सङ्ग्रहणीप्रकरण प्रा. गा.२७३\ नमिउं अरहन्ताइ (जेताजि८२, जेताजि२०३, पातासंघवीजीर्ण८६-२, पातासंघवी१६४, पातासंघवी२०२, पातासंघवी५४-३, पातासंघवी५६-२, पातासंघवी५९-३, पातासंघवी६१-२, पातासंघवी६६-३, पातासंघवी१०४-२, पातासंघवी११७-१, पातासंघवी१३०-१, पातासंघवी१९०-२, पातासंघवी१९८-२, पातासंघवी२०६-२, पाताहेसं११६, पाताहेसं१६१, पाताहेसं१७९, खंता९२, खंता९५, खंता११४, खंता११८, खंता१५१, जेकाजि१२८०, पाकाहेम१००७, पाकाहेम१०२३, पाकाहेम६९६२, पाकाहेम६९६३, पाकाहेम६९६६, पाकाहेम६९६८, पाकाहेम९५०४, पाकाहेम९५४६, पाकाहेम१०११४, पाकाहेम१०३२९, पाकाहेम१०३७३, पाकाहेम१०४३९, पाकाहेम१०५८०, पाकाहेम१०५८३, पाकाहेम१०५८४, पाकाहेम१४९८४, भांका२९५) श्रीचन्द्रसूरि(?) - जुओ - पार्श्वदेव-गणि श्रीचन्द्राचार्य-शिष्य - जुओ - पार्श्वचन्द्र-मुनि श्रीदिवाकर-उपाध्याय न्यायकुसुमाञ्जलिप्रकरण-(सं.)परिमल टीका सं. (पाकाहेम६६८५) श्रीधर भट्ट-जैनेतर वैशेषिकदर्शन-(सं.)पदार्थधर्मसङ्ग्रह टीका की (सं.)न्यायकन्दलीटीका\ सं.\ ग्रं.३७१६। अनादिनिधनं देवं (जेताजि३६५, जेताजि३७९, जेताजि३८०, जेताजि३८३, पातासंघवीजीर्ण५९, पातासंघवी१४४-१, पाकाभाभा१२५४) श्रीधराचार्य-जैनेतर गणितसार सं. (पाकाहेम१०७२७, पाकाहेम१०७२८) त्रिशतीगणितपाटी\ सं. (पाकाहेम१०३४९) श्रीपति-अज्ञात ज्योतिषरत्नमाला। सं. (पाकाहेम१०७२३) श्रीपाल कविचक्रवर्ती-जैनश्रावक चतुर्विंशतिजिनस्तुति। सं.\ श्लोक२९ (पाकाहेम११२९०) श्रीवल्लभोपाध्याय-उपाध्याय (प्र. नाम-अज्ञात-वल्लभ) न्यायलीलावती सं. (पाकाहेम१०७१८) पार्श्वनाथयमकमयस्तोत्र सं. का.१४\ जिनवरेन्द्र वरे (पाकाहेम१२३५७) पार्श्वनाथसमस्यामयस्तोत्र सं. का.१२\ श्रीपार्श्वनाथज (पाकाहेम१२३२९, पाकाहेम१२३५७) श्रुतसागर(दिगम्बर)-मुनि गुरु-मुनि विद्यानन्दि व्रतकथाकोष सं. ग्रं.२२५० श्लोक५०\ ज्येष्टं जिनं प (भांका१८०) सकलकीर्ति भट्टारक (दिगम्बर)-आचार्य वर्धमानचरित्र सं.\ ग्रं.३०३५\ जिनेशे विश्वनाथ (भांका१५९) सकलचन्द्र-उपाध्याय-खरतर शाम्बप्रद्युम्नरास मागु. (पाकाहेम१०२३८) सकलचन्द्र-मुनि जिनस्तवन\ मागु.\ गा.१० (पाकाहेम१०१३३) Page #122 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विद्वान उपरथी कृति माहिती १०५ सकलचन्द्र-उपाध्याय-तपागच्छ गुरु-आचार्य दानसूरि सीमन्धरजिन स्तवन\ मागु. गा.३२\ परममुणि झाणवणगह (पाकाभाभा६२८) हिताचरणप्रकरण प्रा. श्लोक१२४३९ (पाकाहेम१४६०) हिताचरणप्रकरण-(सं.)स्वोपज्ञ टीका\ सं. ग्रं.१२४३९ (पाकाहेम१४६०) सङ्गदेव-अज्ञात पिण्डविशुद्धिप्रकरण-(सं.)वृत्ति सं. (लिंता३४१६) सङ्ग्रामसिंह-जैनश्रावक-ओशवाल तीर्थमालास्तवन सं. श्लोक२२ पञ्चानुत्तरसरणा (पाकाहेम१०२३) बुद्धिसागर सं. मोहध्वान्तैकभान (भांका२४१) सङ्घतिलकसूरि-आचार्य दर्शनसप्ततिकाप्रकरण-(सं.)टीका। सं. सच्चामीकरबन्धुर (जेकाजि६६, पाकाहेम१४९२४) सङ्घदास गणि क्षमाश्रमण-गणि पञ्चकल्पसूत्र-(प्रा.)महाभाष्य प्रा. ग्रं.३१२५ गा.२५७४\ वन्दामि भद्दबाह (जेताजि४१, जेताजि४०७, पातासंघवी१९, खंता२४, अताका४९४, पाकाहेम६५५०, पाकाहेम१४८६३, पाकाहेम१४९२०, पाकाहेम१४९२२, भांका१४०) बृहत् कल्पसूत्र-(प्रा.)लघुभाष्य प्रा. गा.६६००\ काऊण नमोक्कारं (जेताजि४६, जेताजि४७, जेताजि५८, जेताजि३९६, पाताहेसं८, खंता२६, खंता२७, भांता३९, भांता४०, भांता४१, जेकाजि३२, जेकाजि३३, जेकाजि३४, पाकाहेम१००३८, पाकाहेम१००४१, पाकाहेम१००४२, पाकाहेम१००४३, पाकाहेम१००४४, पाकाहेम१०३१५, पाकाहेम१०३१६, पाकाहेम१०३१७, पाकाहेम१०३१८) वसुदेवहिण्डी\ प्रा. णमो विणयपणयसुरि (जेताजि४०९, खंता२०९, खंता२१०, तालाद३१५, पाकाहेम१००९५, पाकाभाभा५) समन्तभद्र-आचार्य-दिगम्बर आप्तमीमांसा\ सं. (पाकाहेम१८२२४) स्वयम्भूस्तोत्र सं. स्वयम्भुवा भूतह (पाकाहेम८५१५, पाकाहेम१०६६८, पाकाहेम१६१८४) समयसुन्दरजी-मुनि गाथासहस्री प्रा. श्लोक१६०० (पाकाहेम१३५९०) दशवैकालिकसूत्र-(सं.)टीका। सं. (पाताहेसं१७१-८, पाकाहेम१५२५२) समयसुन्दरजी गणि-गणि विचारशतक\ सं. पार्श्वनाथं जिन (भांका१५६) श्रावकाराधना। सं.। श्लोक२११ (पाकाहेम१४४३३) समरचन्द्रसूरि-आचार्य-पार्श्वचन्द्रीय आतुरप्रत्याख्यानप्रकीर्णक बृहत्-(मा.गु.)बालावबोध मागु. ग्रं.१६०८ (पाकाहेम१०५१५) समरसिंह-अज्ञात आराधना मागु. ग्रं.५८ (पाकाहेम१०७९३) उपदेशसाररत्नस्वाध्याय मागु. गा.६१ (पाकाहेम१०८०१) किरियाठाण सज्झाय मागु. ग्रं.१२० (पाकाहेम१०७९३) जिनअन्तरढाल मागु. गा.६७ (पाकाहेम१०७९२) पञ्चविंशतिभावनास्वाध्याय मागु. ग्रं.११५ (पाकाहेम१०७९३) प्रत्याख्यानचतुस्सप्ततिका मागु. गा.७४ (पाकाहेम१०७९८) साधुगुणरत्नसमुच्चय मागु. गा.३९८ (पाकाहेम१०७९९) समुद्रघोषसूरि(?) - जुओ - वीरगणि-गणि सरस्वती-अज्ञात गिरिनारतीर्थकल्प सं.\ का.२३ (पाकाहेम१२१३४) सर्वदेवसूरि-आचार्य स्वप्नसप्ततिकाप्रकरण-(सं.)वृत्ति। सं. ग्रं.९७० (पाकाहेम६५९६) सर्वधर-उपाध्याय Page #123 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०६ विद्वान उपरथी कृति माहिती त्याद्यन्तप्रक्रिया। सं. (पाकाहेम२८७५) सर्वाणन्दसूरि - जुओ - सर्वानन्दसूरि-आचार्य सर्वानन्दसूरि-आचार्य (प्र. नाम-आचार्य-सर्वाणन्दसूरि) उपदेशमाला-(सं.)विवरण-कथासक्षेप सं. (पाताहेसं१५१) चन्द्रप्रभस्वामिचरित्र पद्य सं.। श्लोक६१४१ (पाताखेत३०, पाकाहेम१८९०, पाकाहेम१०६३६) दीपोत्सवकल्प सं. (वताकांति४०४) पार्श्वनाथचरित्र\ सं. श्लोक१३०६ (पातासंघवीजीर्ण२७) सहजकुशल-मुनि श्रुतास्वादशिक्षाप्रकरण प्रा. श्लोक१६८ (पाकाहेम१३००, पाकाहेम७७५३, पाकाहेम७७५४) सागरचन्द्र-मुनि (प्र. नाम-मुनि-अकलङ्कसूरि-शिष्य)। गुरु-आचार्य अकलङ्कदेवसूरि (दिगम्बर) क्रियागुप्तस्तुतिचतुर्विंशतिका विविध छन्दोमयी। सं. श्लोक२५ (पाताहेसं१६८, पाकाहेम११३०८) सीयाहरणु। अप.\ गा.८०\ नवकारिविसुयएवि. (तालाद३८४) सागरचन्द्र-मुनि (प्र. नाम-मुनि-वर्धमानसूरि-शिष्य)। गुरु-आचार्य वर्द्धमानसूरि नेमिनाथचरिउ\ अप. (तालाद३८४) सीयादेवीचरिउ\ अप. सीयचरिउ निसुणेह (तालाद३८४) सागरचन्द्र-मुनि महावीरस्तुति विविधछन्दोबद्ध क्रियागुप्त#\ सं. का.२५ जगति जडिमभाजि.. (पाकाहेम१२३४३) सागरचन्द्रसूरि-आचार्य नारचन्द्र ज्योतिष-(सं.)टिप्पनक\ सं. (पाकाभाभा७६) साधुरत्नसूरि-आचार्य (प्र. नाम-पं.-देवेन्द्रसूरि-शिष्य) नवतत्त्वप्रकरण-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम६९५५) यतिजीतकल्पसूत्र नव्य-(सं.)वृत्ति। सं. श्लोक५७००\ जयति महोदयशाली (पाकाहेम३४३, पाकाहेम१००६१, पाकाहेम१४९०७, भांका११८, भांका१५७) यमकालङ्कारमय जिनस्तव-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम८२३४) साधुसुन्दर-पं.-खरतर उक्तिरत्नाकर सं.,मागु. (पाकाहेम१२०१०) साधुसुन्दरगणि-उपाध्याय धातुरत्नाकर। सं.\ श्रीदं स्तात्पर (पाकाहेम७२१३, पाकाहेम१४५५५) धातुरत्नाकर-(सं.)स्वोपज्ञ क्रियाकलापवृत्ति। सं.। श्रीमान् स श्री (पाकाहेम७२१३, पाकाहेम१४५५५) शब्दरत्नाकर-शब्दप्रभेदनाममाला। सं. (पाकाहेम७२२६) साधुसोमगणि-गणि आदिनाथचरित्र-(सं.)टीका\ सं. (पाकाहेम२०५४) चन्द्रप्रभचरित्र-(सं.)टीका सं. (पाकाहेम२०५४) नेमिनाथचरित्र-(सं.)टीका सं. (पाकाहेम२०५४) पार्श्वनाथचरित्र-(सं.)टीका\ सं. (पाकाहेम२०५४) पुष्पमालाप्रकरण-(सं.)टीका\ सं. ग्रं.१५१२ (पाकाहेम१४८७१) महावीरस्वामिचरित्र-(सं.)टीका। सं. (पाकाहेम२०५४) शान्तिनाथचरित्र-(सं.)टीका सं. (पाकाहेम२०५४) सिंहतिलकसूरि-आचार्य भुवनदीपक-(सं.)वृत्ति। सं. (पाकाहेम१०७२४) मन्त्रराजरहस्य। सं. ग्रं.६३२ (पाकाहेम८९१७) सिंहदेवगणि-गणि वाग्भटालङ्कार-(सं.)टीका सं. (पाकाहेम२६५२) सिंहसूरि क्षमाश्रमण-आचार्य द्वादशार नयचक्र-(सं.)न्यायागमानुसारिणी टीका सं. ग्रं.१८०००\ जयति नयचक्रनिर् (पाकाहेम१६१६०) Page #124 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विद्वान उपरथी कृति माहिती १०७ सिद्ध साधु-मुनि (प्र. नाम-आचार्य-सिद्धव्याख्यानिक) न्यायावतारसूत्र-(सं.)टीका सं. (जेताजि३६४, पातासंघवी१७१-२, खंता२६९, खंता२७१, पाकाहेम२४४८, पाकाहेम६८०८) सिद्धर्षि गणि-गणि उपदेशमालाप्रकरण-(सं.)बृहद्वृत्ति हेयोपादेयाटीका-(प्रा.)कथा सहित। सं.,प्रा. ग्रं.९५००\ हेयोपादेयार्थोप (जेताजि२२८, जेताजि२२९, जेताजि२३०, पाताखेत३१, पातासंघवी५५-१, पाताहेसं३१, पाताहेसं३२, खंता१७९, खंता१८०, तालाद३२१) उपदेशमालाप्रकरण-(सं.)हेयोपादेया टीका-कथा रहित सं. ग्रं.४०६१। हेयोपदेयार्थोपद (पातासंघवीजीर्ण२१, पातासंघवी१२२, पाताहेसं१०१, खंता१७७, खंता१७८, तालाद३२८, जेकाथा६, पाकाहेम१०१०९, पाकाहेम१०११७) उपमितिभवप्रपञ्चा कथा। सं. ग्रं.१६००० नमो निर्नाशिताश (पातासंघवी९७, पाताहेसं१८४, खंता१८५, भांता७६, वताहंस४४२, वताकांति४१७, पाकाहेम१४९०३) सिद्धव्याख्याता - जुओ - सिद्ध साधु-मुनि सिद्धव्याख्यानिक - जुओ - सिद्ध साधु-मुनि सिद्धसूरि-आचार्य लघुअजितशान्तिस्तव सं. श्लोक२२ (पाकाहेम११३०८) सिद्धसूरि-आचार्य-उकेशगच्छ बृहत् क्षेत्रसमासप्रकरण-(सं.)बृहत् टीका सं. ग्रं.३००० नत्वा वीरं वक्ष (जेताजि१९५, पातासंघवी१८३-२, पाकाहेम६७३०) बृहत् क्षेत्रसमासप्रकरण-(सं.)लघुटीका\ सं. ग्रं.११९० (पातासंघवी१८८-१) सिद्धसेन-गणि तत्त्वार्थाधिगमसूत्र-(सं.)स्वोपज्ञभाष्य नी (सं.)टीका\ सं.\ ग्रं.२२२८२\ वीरं प्रणम्य सर (खंता१४३, भांता४९, तालाद३१३, लिंता६०१, पाकाहेम८००, पाकाहेम१०५५, पाकाहेम१६७६४) सिद्धसेन दिवाकर सूरि-आचार्य कल्याणमन्दिरस्तोत्र सं. का.४४\ कल्याणमन्दिरमुद (खंता११८, खंता१३२, पाकाहेम१०२२, पाकाहेम१०१९१, पाकाहेम१०३९३, पाकाहेम१०६५४, पाकाहेम१०६५५, पाकाहेम१२१२४, पाकाहेम१२१६७, पाकाहेम१२३७९) द्वात्रिंशद्वात्रिंशिका सं. स्वयम्भुवं भूतस (पातासंघवी१९८-२, भांता६७) न्यायावतारसूत्र सं. श्लोक३२\ प्रमाणं स्वपराभ (जेताजि३६४, जेताजि३६४, पातासंघवीजीर्ण७७, पातासंघवी१४६-१, पातासंघवी१७१-२, पाकाहेम१६७९४) प्रमाणवार्तिकसूत्र सं. नमो हितार्थसम्प (पाताखेत२६, पातासंघवी१५४-१, पातासंघवी१८७-१, पाकाभाभा५३) प्रमाणवार्तिकसूत्र-(सं.)स्वोपज्ञ वृत्ति सं. (पाकाभाभा५३) सन्मतितर्कप्रकरण प्रा. सिद्धं सिद्धट्ठ (जेताजि३६३, तालाद३७४, जेकाजि५८, जेकाजि५९, पाकाहेम६६६१, पाकाहेम६८५४, पाकाहेम१६८९४, भांका२३०) सिद्धसेन सरस्वती - जुओ - सिद्धसेनाचार्य-आचार्य सिद्धसेनसूरि-आचार्य (प्र. नाम-अज्ञात-सिद्धसेनाचार्य) आराधनाकुलक प्रा. गा.११२\ सिद्धिपत्ते नमि (पातासंघवी१४५-१) आलोचनाप्रकीर्णक प्रा. गा.१२२ (पाकाहेम७९४९) एकविंशतिस्थानप्रकरण प्रा. गा.६६ चवण विमाणा नयरी (पाताखेत१२, पाताखेत३६, पातासंघवी६१-२, पातासंघवी६७-२, पातासंघवी७२-२, पातासंघवी१०४-२, पातासंघवी१४१-२, पातासंघवी१८१-१, पातासंघवी१९८-२, पातासंघवी१९८-२, पाताहेसं११९, पाताहेसं१६१, खंता८८, खंता९७, खंता११५, खंता१२५, खंता१२९, भांता२४, भांता२५, भांता६४, भांता७२, तालाद३२६, पाकाहेम१०२३, पाकाहेम१०५६३, पाकाहेम१२१२४) कल्प्याकल्प्यविचारचतुर्विंशतिका\ प्रा. (पाकाहेम७७०६) जीतकल्पसूत्र-(प्रा.)चूर्णी\ प्रा. ग्रं.११००\ सिद्धत्थसिद्धसा (जेताजि४१७, भांता३४, भांता३५, पाकाहेम६७५६, पाकाहेम१००५७, पाकाहेम१४९१०) तीर्थमाला स्तोत्र प्रा. गा.३५ संसारतारयाणं ति (पातासंघवी५६-२, पाकाहेम१०२३) प्रवचनसारोद्धार-(सं.)तत्त्वज्ञानविकाशिनीवृत्ति सं. ग्रं.१८०००। सन्नद्धैरपि यत् (जेताजि२०४, जेताजि२०६, Page #125 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०८ विद्वान उपरथी कृति माहिती ___ पातासंघवी१०१, पातासंघवी११५, पातासंघवी१३२, पातासंघवी७१-१, पाताहेसं१०२, पाताहेसं१९२, खंता१५४, खंता१५५, भांता४७, जेकाजि१२९२, जेकाजि१२९३) विकृतिनिर्विकृतिचतुर्विंशतिका\ प्रा. (पाकाहेम७७०६) सिद्धन्तजुत्तीप्रकरण\ प्रा. गा.७२\ नमिऊण महावीरं द (तालाद३४९) सिद्धसेनाचार्य-आचार्य (प्र. नाम-आचार्य-सिद्धसेन सरस्वती) नमस्कारमाहात्म्य अष्टप्रकाशात्मक सं. ग्रं.२१७ (पाकाहेम४९००) सिद्धसेनाचार्य - जुओ - सिद्धसेनसूरि-आचार्य सिद्धान्तरुचि-गणि पार्श्वनाथस्तवन क्रियागुप्त जयराजपुरीश सं. का.१७१ शश्वच्छासनवैरिद (पाकाहेम१२३६७) सिद्धिचन्द्रगणि-गणि अमरकोष-(सं.)टीका सं. (पाकाहेम२५४०) तिजयपहुत्तस्तोत्र-(सं.)टीका। सं. (भांका२०२) नानार्थनामसङ्ग्रह। सं.\ ग्रं.२५८ (पाकाहेम८७३५) नानार्थनामसङ्ग्रह-(सं.)स्वोपज्ञवृत्ति। सं. (पाकाहेम८७३६) सिद्धिसेनसूरि-आचार्य मिथ्यात्वपरिहारकुलक प्रा. गा.३०\ नमिऊण महावीरं म (पातासंघवी१३०-१, पाताहेसं१८९, भांका११०) सुखसागर-मुनि पाक्षिकसूत्र-(मा.गु.)बालावबोध मागु. श्लोक१७०३ (पाकाहेम६९४१) सुधर्मास्वामी-आचार्य अनुत्तरौपपातिकदशाङ्गसूत्र प्रा. ग्रं.१९२१ तेणं कालेणं तेण (जेताजि२०, जेताजि२२, पाताखेत२७, पाताखेत२९, पातासंघवी३३-१, पातासंघवी१२४-१, पाताहेसं६, पाताहेसं५१, पाताहेसं१७१-५, खंता१२, खंता१३, खंता१४, जेकाजि१७, पाकाहेम१५७, पाकाहेम१०००५, पाकाहेम१०४१५, पाकाहेम१०५४१, पाकाहेम१०५४२, पाकाभाभा११, पाकाभाभा१४, पाकाभाभा१५, पुप्रे४५५-३) अन्तकृद्दशाङ्गसूत्र प्रा. ग्रं.८९०१ तेणं कालेणं तेण (जेताजि२०, जेताजि२२, पाताखेत२७, पाताखेत२९, पातासंघवी३३-१, पातासंघवी१२४-१, पाताहेसं१७१-१५, खंता१२, खंता१३, खंता१४, जेकाजि१७, पाकाहेम१५२, पाकाहेम१५३, पाकाहेम१५७, पाकाहेम६९०७, पाकाहेम६९०८, पाकाहेम६९०९, पाकाहेम७४५०, पाकाहेम१०००४, पाकाहेम१०१३२, पाकाहेम१०४१४, पाकाहेम१०५३९, पाकाहेम१०५४०, पाकाभाभा१०, पुप्रे४५५-२) आचाराङ्गसूत्री प्रा. ग्रं.२६४४\ सुयं मे आउसं ते (जेताजि१, जेताजि२, पाताखेत१४, पातासंघवीजीर्ण४, पातासंघवी३१-१, पातासंघवी१३५-१, पाताहेसं१७१-४, खंता१, खंता३, भांता२७, तालाद३६८, तालाद३८०, जेकाजि१, जेकाजि२३५, जेकाजि१३४६, पाकाहेम१२, पाकाहेम९९८६, पाकाहेम१०३०९, पाकाहेम१०३९५, पाकाहेम१०४०७, पाकाहेम१०४०८, पाकाहेम१०४३५, पाकाहेम१०४५६, पाकाहेम१५३७७, पुप्रे४०४, पुप्रे४२०) आवश्यकसूत्र प्रा. (पाताखेत१७-२, पातासंघवी२०६-२, खंता८८, खंता१३८, पाकाहेम३९९, पाकाहेम७३५, पाकाहेम६५५६, पाकाहेम७५१४, पाकाहेम१०३५२, पाकाहेम१०३५३) उत्तराध्ययनसूत्र प्रा. ग्रं.२०९५१ सञ्जोगाविप्पमुक (जेताजि९४, जेताजि९८, जेताजि९९, पाताखेत४३, पातासंघवीजीर्ण३, पातासंघवीजीर्ण७, पातासंघवीजीर्ण७८, पातासंघवीजीर्ण९०, पातासंघवीजीर्ण९३, पातासंघवीजीर्ण९४, पातासंघवीजीर्ण९७, पातासंघवी११, पातासंघवी१६६, पातासंघवी१६८, पातासंघवी४-३, पातासंघवी३३-२, पातासंघवी५७-२, पातासंघवी६७-३, पातासंघवी९८-२, पातासंघवी१३३-१, पाताहेसं२६, पाताहेसं२७, पाताहेसं२८, पाताहेसं२९, पाताहेसं५८, पाताहेसं६७, पाताहेसं१६२, पाताहेसं१८२, पाताहेसं१८९, पाताहेसं१८९, पाताहेसं१७१-३, खंता७७, खंता७८, खंता८३, खंता८४, खंता८५, खंता८६, खंता९८, भांता१०, भांता११, भांता१२, भांता१३, जेकाजि५३, जेकाजि१२३८, पाकाहेम७५१, पाकाहेम६५६४, पाकाहेम६९४२, पाकाहेम१००७८, पाकाहेम१००८१, पाकाहेम१०१०४, पाकाहेम१०१३८, पाकाहेम१०३४३, पाकाहेम१०४५४, पाकाहेम१०५००, पाकाहेम१०५०१, पाकाहेम१०५०२, पाकाहेम१०५०३, पाकाहेम१०५०४, पाकाहेम१०५०५, पाकाहेम१०५०६, पाकाहेम१०५०८, पाकाभाभा३२, भांका१५५) उपासकदशाङ्गसूत्री प्रा. ग्रं.८१२१ तेणं कालेणं तेण (जेताजि२०, जेताजि२२, पाताखेत२७, पाताखेत२९, पातासंघवी३३-१, पातासंघवी१२४-१, पाताहेसं१७१-१६, खंता१२, खंता१३, खंता१४, खंता८८, जेकाजि१७, Page #126 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विद्वान उपरथी कृति माहिती १०९ पाकाहेम१२९, पाकाहेम१३०, पाकाहेम१३४, पाकाहेम६७६, पाकाहेम६९०४, पाकाहेम६९०५, पाकाहेम१०००३, पाकाहेम१०३१२, पाकाहेम१०४४७, पाकाहेम१०४६८, पाकाहेम१०४६९, पाकाहेम१०५३४, पाकाहेम१०५३५, पाकाहेम१०५३६, पाकाहेम१०५३७, पाकाहेम१४९०१, पुप्रे४४६, पुप्रे४५६, पुप्रे४५७, पुप्रे४५८, पुप्रे४५५-१) औपपातिकोपाङ्गसूत्री प्रा. ग्रं.११६७१ तेणं कालेणं तेण (जेताजि२४, पातासंघवीजीर्ण१३, पाताहेसं१७१-१८, खंता१५, भांता७३, लिंता३४१४-१, वताकांति४०६-१, वताकांति४०६-३, अताका४७२, जेकाजि१९, पाकाहेम२०७, पाकाहेम२१४, पाकाहेम६९१३, पाकाहेम६९१४, पाकाहेम१००१०, पाकाहेम१०४७०, पाकाहेम१०५४६, पाकाहेम१०५६०, पाकाहेम१६७३४, पाकाहेम१६७३६, पाकाहेम१६७३७, पाकाहेम१६७३८, पुप्रे४४५) ज्ञाताधर्मकथाङ्गसूत्री प्रा. ग्रं.५०००। तेणं कालेणं तेण (जेताजि१७, जेताजि१८, जेताजि३९६, जेतालौ१, पातासंघवी६, पातासंघवी४२, पाताहेसं५, पाताहेसं८७, खंता११, खंता१२, खंता१३, भांता५२, लिंता३४१८, अभ२, जेकाजि१५, पाकाहेम१०९, पाकाहेम६८९९, पाकाहेम६९००, पाकाहेम६९०१, पाकाहेम६९०३, पाकाहेम१०००१, पाकाहेम१०२८९, पाकाहेम१०३१०, पाकाहेम१०३११, पाकाहेम१०४६६, पाकाहेम१०४६७, पाकाहेम१०५३१, पाकाहेम१०५३२, पाकाहेम१०५३३, पाकाहेम१०५५९, पाकाभाभा६५) प्रश्नव्याकरणसूत्र प्रा. ग्रं.१३५०१ नमो अरहन्ताणं। (जेताजि२०, जेताजि२२, पाताखेत२७, पाताखेत२९, पातासंघवीजीर्ण१२, पातासंघवी३३-१, पातासंघवी१२४-१, पाताहेसं६, खंता१३, खंता१४, जेकाजि१७, पाकाहेम१७३, पाकाहेम१७६, पाकाहेम१७८, पाकाहेम६९१०, पाकाहेम१०००६, पाकाहेम१०४४८, पाकाहेम१०५४३, पाकाहेम१४८४८, पाकाभाभा९, पाकाभाभा५४, पुप्रे४१३, पुप्रे४५५-४) भगवतीसूत्र प्रा. ग्रं.१६००० नमो अरिहन्ताणं. (जेताजि१०, जेताजि११, जेतालौ४, पातासंघवीजीर्ण९, खंताए, खंता२८५, वताकांति३९३, डतामुक्ता४४९, जेकाजि१३, पाकाहेम९९९८, पाकाहेम१०१०६, पाकाहेम१०३५०, पाकाहेम१०३५५, पाकाहेम१०४६३, पाकाहेम१०४६४, पाकाहेम१०४६५, पाकाहेम१४७९४, पाकाहेम१४७९५, पाकाभाभा१, पाकाभाभा४८, पाकाभाभा५५, पुप्रे४१०, पुप्रे४५३) भगवतीसूत्र-(प्रा.)हिस्सा प्रा. (पातासंघवी१७-३, पाकाहेम६८९८, पाकाहेम१०४४६) विपाकसूत्री प्रा. ग्रं.१३१६। तेणं कालेणं तेण (जेताजि२०, जेताजि२२, पाताखेत२७, पाताखेत२९, पातासंघवीजीर्ण१२, पातासंघवीजीर्ण८९, पातासंघवीजीर्ण९६, पातासंघवी३३-१, पातासंघवी१२४-१, पाताहेसंह, खंता१३, खंता१४, जेकाजि१७, पाकाहेम१८९, पाकाहेम१९८, पाकाहेम१९९, पाकाहेम२००, पाकाहेम१०००८, पाकाहेम१०३३७, पाकाहेम१०३६५, पाकाहेम१०३९८, पाकाहेम१०४४९, पाकाहेम१०५४४, पाकाहेम१०५४५, पाकाभाभा३१, पाकाभाभा४०, पाकाभाभा६९, पुप्रे४५५-५) समवायाङ्गसूत्री प्रा. ग्रं.१६६७ (जेताजि८, जेताजि९, खंता३७, अभ७, जेकाजि११, पाकाहेम९९९६, पाकाहेम१०३६४, पाकाहेम१०५२८, पाकाहेम१०५२९, पाकाहेम१०५३०, पाकाहेम१४०१३, पाकाहेम१५४२६) सूत्रकृताङ्गसूत्र प्रा.\ ग्रं.२२००\ बुज्झिज्ज तिउट (जेताजि५, पाताखेत५३-१, पातासंघवीजीर्ण१०, पातासंघवी३१-३, पातासंघवी१८६-२, पाताहेसं३, पाताहेसं५१, पाताहेसं१७१-१, खंता६, खंता७, जेकाजि५, जेकाजि२३३, जेकाजि१३५२, पाकाहेम६८९५, पाकाहेम९९९०, पाकाहेम१०१२९, पाकाहेम१०२६२, पाकाहेम१०३५४, पाकाहेम१०४५८, पाकाहेम१०५२१, पाकाहेम१०५२२, पाकाहेम१०५२३, भांका२०८, भांका२६१) सूत्रकृताङ्गसूत्र-(प्रा.)हिस्सा महावीरस्तवन प्रा. (पाकाहेम७३०७) स्थानाङ्गसूत्री प्रा. ग्रं.३३००\ सुयं मे आउसं ते (जेताजि७, जेताडूं४३०, पातासंघवी३१-२, पाताहेसं८६, पाताहेसं१७१-१०, खंता२८४, भांता६०, जेकाजि८, जेकाथा११३, पाकाहेम९९९४, पाकाहेम१०३६३, पाकाहेम१०४४५, पाकाहेम१०५२५, पाकाहेम१०५२६, पाकाहेम१०५५८, पाकाहेम१४८४७) सुधाकलश-गणि एकाक्षरीनाममाला। सं. श्लोक५० (पाकाहेम८७४०, पाकाहेम१४३३२, पाकाहेम१७२९४) सुधानन्दसूरि-आचार्य जीराउलापार्श्वनाथस्तवन\ अप.\ गा.४५ (पाकाहेम९७४९) सुबन्धु-कवि वासवदत्ता सं. (जेताजि३४८, पाकाहेम१०६९८) सुमति-गणि गणधरसार्द्धशतकप्रकरण-(सं.)बृहद्वृत्ति। सं. (जेताजि२८०, जेताजि२८१, पाकाहेम२०७९, पाकाहेम६७५९) जिनदत्ताख्यान प्रा. ग्रं.७५० (जेताजि२६०, वताकांति४३५) Page #127 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ११० विद्वान उपरथी कृति माहिती सुमतिकल्लोल-मुनि स्थानाङ्गसूत्र-(सं.)वृत्तिगत गाथाविवरण। सं. ग्रं.११००० (लिंता४३२, पाकाहेम६८९६) सुमतिकीर्ति-मुनि (प्र. नाम-मुनि-ज्ञानभूषण) भावसङ्ग्रहसूत्र-(सं.)टीका\ सं. (पाकाहेम७८४८) सुमतिकुशल-पण्डित-तपागच्छ प्रतिक्रमणफल सज्झाय मागु. गा.१५\ वीरजिनवर पासे प (पाकाभाभा६२८) सुमतिसूरि-आचार्य (प्र. नाम-आचार्य-बोधकशिष्य) गुरु-अज्ञात बोधक दशवैकालिकसूत्र-(सं.)लघुवृत्ति। सं.\ ग्रं.२६५०\ जयति विजितान्यत (जेताजि८८, जेताजि४०१, पातासंघवी४-२, पाताहेसं८८, पाकाहेम७५२६, पाकाहेम१००७५, पाकाभाभा७४, भांका२६२) सुल्हण - जुओ - सोलण-जैनश्रावक सूराचार्य-अज्ञात दानादिप्रकरण। सं. श्लोक५२६ (पातासंघवीजीर्ण८९, पातासंघवी२०५-१) सोमचन्द्र-जैनेतर वृत्तरत्नाकर-(सं.)टीका सं. (पाकाहेम१३४९६) सोमतिलकसूरि-आचार्य (प्र. नाम-मुनि-विद्यातिलक)-रूद्रपल्लीय शीलोपदेशमाला-(सं.)शीलतरङ्गिणीवृत्ति। सं.\ ग्रं१२९४ (पाकाहेम१६२३, पाकाहेम१०३७१, पाकाभाभा५८) षड्दर्शनसमुच्चय-(सं.)लघुवृत्ति। सं. ग्रं.१२५२ सज्ज्ञानदर्पणतल (जेकाजि१७९८, पाकाहेम६६९२, भांका२८६) सोमतिलकसूरि-आचार्य (प्र. नाम-अज्ञात-सोमतिलकाचार्य) तीर्थराजपदपद्मसेवास्तुति सं. का.१ (पाकाहेम१२३०५) तीर्थराजपदपद्मसेवास्तुति-(सं.)स्वोपज्ञ अवचूरि। सं. (पाकाहेम१२३०५) नव्यबृहत्क्षेत्रसमासप्रकरण प्रा. गा.३८६\ सिरिनिलयं... (पाकाहेम११६४, पाकाहेम१०५८७, पाकाहेम१०५८८, भांका१७०) युगादिजिनस्तवन पेथडकारितप्रासादसम्बद्ध#\ सं. का.३२\ श्रीनाभिसम्भव व (पाकाहेम१२३४८) श्राद्धजीतकल्पसूत्र-(सं.)वृत्ति सं. ग्रं.२६४७ (जेकात१६, पाकाहेम१००६३) सोमतिलकसूरि-आचार्य-आगमिकगच्छ लक्षणशास्त्रमय महावीरस्तवन-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम७४०६) सोमतिलकाचार्य - जुओ - सोमतिलकसूरि-आचार्य सोमदेव-अज्ञात भवभावनाकुलक प्रा. गा.२४\ नमिऊण नरिन्दसुर (जेताजि१५१, पातासंघवी५९-३, पातासंघवी१४५-१, पाताहेसं१६८, खंता१०६) सोमदेव गणि-गणि (प्र. नाम-गणि-सोमसुन्दरसूरि-शिष्य) युष्मदस्मदष्टादशस्तवी-(सं.)अवचूरि। सं. बहुब्रीहेरेकवचन (भांका१८१) स्तोत्रसङ्ग्रह युष्मदस्मद्रूपगर्भित-(सं.)टीका\ सं. (पाकाहेम१२२९४) सोमदेवसूरि(दि.)-आचार्य नीतिवाक्यामृत सं. (पातासंघवी६७-४, पातासंघवी१९८-२, पाकाहेम६६५९) सोमप्रभसूरि-आचार्य (प्र. नाम-अज्ञात-सोमप्रभाचार्य) कुमारपालप्रतिबोध प्रा. (पातासंघवी५२, पाताहेसं४९) चतुर्विंशतिजिनस्तुति। सं. का.२७ जनेन येन क्रियत (पातासंघवीजीर्ण८५, पाकाहेम१०२२, पाकाहेम८४९९, __ पाकाहेम१२१२४, पाकाहेम१२१९२, पाकाहेम१२१९३, पाकाहेम१२१९४, पाकाहेम१२१९५, पाकाहेम१२३७०) युष्मदस्मद्गर्भितजिनस्तोत्र। सं. श्लोक८\ श्रीमन्धर्म... (पाकाहेम७३८६) साधारणजिनस्तोत्र सं. का.८ श्रीमान् धर्म.. (पाकाहेम१२२५०, पाकाहेम१२२५१) सिन्दूरप्रकर। सं. सिन्दूरप्रकरस्त (पातासंघवी५५-२, पातासंघवी१४५-१, पाकाभाभा४५) सोमप्रभाचार्य - जुओ - सोमप्रभसूरि-आचार्य सोममण्डन-गणि आदिनाथ देशना सं.श्रीमानादिजिनः (भांका९०) Page #128 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १११ विद्वान उपरथी कृति माहिती जीवदयाकुलक\ मागु. गा.१५ (पाकाहेम९४३२) सोमसुन्दरसूरि-आचार्य-तपागच्छ अष्टादशजिनस्तोत्र अस्मद् युष्मद् रूपगर्भित*\ सं. (पाकाहेम१२२९४, पाकाहेम१५७१६) ऋषभजिनकुन्तलपञ्चविंशतिकास्तवन सं. का.२५\ ॐकारः सकलत्रिल (पाकाहेम८२२७, पाकाहेम१२२२७) ऋषभजिनस्तवन - अर्बुदमण्डन। सं. श्लोक३३\ श्रीअर्बुदाचलवि (पाकाहेम८५१३) गुणानुरागकुलक\ प्रा. गा.२८ (पाकाहेम११०७१) चतुर्विंशतिजिनस्तवन सं. का.२५\ सकलनाकिनिकायनमस (पाकाहेम१२२०७) चैत्यवन्दनादिभाष्यत्रय-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम७७०३) च्यवनकल्याणकस्तव। सं. श्लोक९। गर्भावतार्ण भवव (पाकाहेम८५१३) जिनकल्याणकदिनस्तुतयः-कार्तिकादिमासानुक्रमेण सं. श्लोक१०३ यथोगतः शम्भवतीर (पाकाहेम८५१३) जिननिर्वाणकल्याणकस्तव। सं. श्लोक१२ प्राप्तमुक्तिवन (पाकाहेम८५१३) जिनपञ्चकल्याणकस्तवपञ्चक\ सं. (पाकाहेम८१९८) देववन्दनादिभाष्यत्रय-(सं.)अवचूरि। सं. ग्रं.८५० (पाकाहेम१०५९५, पाकाहेम११०३२) नेमिनाथजिनस्तवन गिरिनारमहातीर्थमण्डन#\ सं. का.१७\ श्रीमदैवतकाभि (पाकाहेम८५१३, पाकाहेम१२१३६) पञ्चतीर्थङ्करस्तुति। सं. श्लोक९। जय श्रीऋषभ श्रे (पाकाहेम१२३७३) पार्श्वनाथस्तव-नवखण्डा। सं. श्लोक९। स्फूर्जन्नागफणा (पाकाहेम८५१३) प्रत्याख्यानभाष्य-(सं.)अवचूर्णि\ सं. अथ प्रत्याख्यान (भांका१४८, भांका२२४) मङ्गलशब्दार्थमयस्तवन सं. श्लोक६ जय श्रीजिनकल्या (पाकाहेम१२३७३) युगादिदेवस्तवन\ सं. श्लोक६। श्रेयसां पद जिन (पाकाहेम१२३७३) युष्मदस्मदष्टादशस्तवी\ सं. स्तुवे पार्वं (भांका१८१) वन्दनकभाष्य-(सं.)अवचूर्णि\ सं. गुरूवन्दण. अथेत (भांका२२४) शत्रुञ्जयमण्डन-युगादिदेवस्तोत्र सं.\ श्लोक१६\ यस्य स्कन्धान (पाकाहेम८५१३) षष्टिशतकप्रकरण-(मा.गु.)बालावबोध मागु. ग्रं.१४९६ (पाकाहेम१०६२८) संविज्ञसाधुयोग्यनियमकुलक प्रा. गा.४५ (पाकाहेम७७८४) साधारणजिनकल्याणकस्तुति। सं. का.४\ सर्वे धुलोकाग (पाकाहेम१२३७३) साधारणजिन पञ्चकल्याणकस्तव सं. श्लोक कल्याणकारीणि जि (पाकाहेम८५१३) साधुसामाचारीकुलक\ प्रा.\ गा.४६ (पाकाहेम१०२५२, पाकाहेम११०५३) स्तुतिस्तोत्रसमुच्चय सं. (पाकाहेम८५१२) सोमसुन्दरसूरि-शिष्य-मुनि समवसरणविचारस्तव मागु. गा.३३ (पाकाहेम७७९७) सोमसुन्दरसूरि-शिष्य - जुओ - सोमदेव गणि-गणि सोमसूरि-आचार्य आराधनाकुलक प्रा. गा.६९। नमिऊण भणइ एवं भ (जेताजि१५१, पाताखेत५, पाताखेत६, पातासंघवीजीर्ण४९, पातासंघवी१६५, पातासंघवी१६५, पातासंघवी१६८, पातासंघवी५५-३, पातासंघवी६२-२, पातासंघवी७२-३, पातासंघवी१४५-१, पातासंघवी१९६-२, पाताहेसं१६१, खंता८८, खंता९१, खंता११२, तालाद३२६, पाकाहेम२५९६, पाकाहेम९५४६) द्वादशभावनाकुलक\ प्रा. गा.१२ मण मक्कड निअ मण (पाताहेसं१६१, पाकाहेम७७९१) बृहत् आराधना। प्रा. गा.६९ (पातासंघवी२०२) यतिजीतकल्पसूत्र नव्य\ प्रा. गा.३३३\ कयपवयणप्पणामो व (पाकाहेम३४३, पाकाहेम१००६०, पाकाहेम१००६१, पाकाहेम१४९०७, भांका११८, भांका१५७, भांका१९१) यमकस्तुति। सं. (पातासंघवी५४-३) सोमेश्वर भट्ट-कवि (प्र. नाम-कवि-सोमेश्वरदेव) काव्यादर्श सं. पदार्थकुमुदवा (जेताजि३१९, जेताजि३२०, पाताखेत४९, पाताहेसं१४१) कीर्तिकौमुदीमहाकाव्य सं. (पाकाहेम७२७४, पाकाहेम१०६९९) सोमेश्वर भट्ट - जुओ - सोमेश्वर भट्ट-कवि Page #129 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ११२ सोमेश्वरदेव जुओ- सोमेश्वर भट्ट - कवि सोलण-जैन श्रावक (प्र. नाम - जैन श्रावक - सुल्हण ) चच्चरिउ ( अप. गा. ३८ \ जिण चउवीस नमेवि (पातासंघवी १४१ -२ ) वृत्तरत्नाकर - (सं.) सुकविहृदयानन्दिनी टीका सं. (पाकाहेम १०३८४ ) सोलहण - जुओ- सोलण- जैन श्रावक सौभाग्यसागर-मुनि विद्वान उपरथी कृति माहिती - सिद्धहेमशब्दानुशासननो हिस्सो अष्टमाध्याय प्राकृतव्याकरण- (सं.) दुण्डिकावृत्ति सं. (पाकाहेम७१९०) सौभाग्यसागरसूरि-आचार्य बृहत् कल्पसूत्र-(सं.)बृहट्टीकानुसारी सङ्क्षिप्तअर्थ सं. (पाकाहेम १०३५७) व्यवहारसूत्र - (सं.) अवचूरि \ सं.\ य इति सर्वनाम अ ( पुप्रे४३८) शोभनस्तुति-(सं.)टीका\ सं. ग्रं. ३१२५ \ श्रीमज्जिनेन्द् ( पुप्रे४१९-३) स्थिरदेवकवि-कवि मेघदूतमहाकाव्य-(सं.)टीका सं. ग्रं. १५०० (पाकाहेम१०६९७) स्वयम्प्रकाशस्वामि-यति हरिमीडेस्तोत्र (सं.)टीका सं.\ नित्यं निजानन्द (जेताजि१००००, भांका८५) हरिचन्द्र (दि.)-कवि धर्मशर्माभ्युदय\ सं.\ श्रीनाभिसूनोश्च (पातासंघवी६०-१, पातासंघवी१८६-१) हरिप्रसाद जैनेतर काव्यालोक सं. (पाकाहेम १३१९६) भद्रसूरि आचार्य (प्र. नाम - आचार्य - हरिभद्राचार्य) अनेकान्तवादप्रवेशप्रकरण सं. ग्रं. ७३० (पाकाहेम५०८९, पाकाहेम१०७०९) अष्टकप्रकरण\ सं.\ का. २५६ ( पातासंघवी १३८-१, पातासंघवी १६७-१, जेकाजि१५५१, जेकाजि२२०५, पाकाहेम६७४२) आवश्यकसूत्र-(सं.)शिष्यहितावृत्ति \ सं. प्रा. ग्रं. २२००० \ प्रणिपत्य जिनवर (जेताजि१०४, जेताजि१०५, जेताजि१०६, ताजि१०७, पाताखेत६, पाताहेसं१६, पाताहेसं१७, पाताहेसं१८, पाताहेसं१९, पाताहेसं २०, खंता६१, खंता६२, खंता२९०, जेकाजि३७, जेकाजि३८, पाकाहेम७५१४, पाकाहेम१००६६, पाकाहेम१०३५२, पाकाहेम१०३५३, पाकाहेम१४७९१, पाकाहेम१४८६६) आवश्यक सूत्रनो हिस्सो चैत्यवन्दनसूत्र - ( सं .) ललितविस्तरावृत्ति संप्रणम्य भुवनालो (पातासंघवीजीर्ण८९, पातासंघवी १९२-२, पाताहेसं १६० ) उपदेशपदप्रकरण) प्रा. गा. १०४० \ नमिऊण महाभागं त ( जेताजि१५३, जेताजि१६३, जेताजि१६६, जेताजि१६८, पातासंघवी६५-५, पातासंघवी १५२-१, पाताहेसं१०७, खंता१०८, खंता १२४, खंता१२९, पाकाहेम१४१३, पाकाहेम६५८१) जिनस्तव सं . श्लोक२० \ त्वत्सेवानिरतां (पातासंघवी५६-२) जीवाभिगमसूत्र - (सं.) लघुवृत्ति सं. ग्रं. १२०० (जेताजि२५, पातासंघवी६८-३) ज्ञानपञ्चकविवरणप्रकरण प्रा. गा. २६ ( पाकाहेम११०२०) दर्शनसप्ततिकाप्रकरण) प्रा. गा. ७० \ दंसणसुद्धिपयासं (पाताखेत१२, पाताखेत२९, पाताखेत३२-१, पातासंघवीजीर्ण९०, पाताहेसं १३५, खंता९५, जेकाजि६६, जेकाजि१६७९, पाकाहेम७६८३. पाकाहेम७८१९, पाकाहेम१०१६१, पाकाहेम१०६०१, पाकाहेम१४९२४) दशवैकालिकसूत्र-(सं.)बृहद्वृत्ति सं. ग्रं.७५५० \ जयति विजितान्यत (जेताजि८३, जेताजि८४, जेताजि८५, ताजि८६, जेताजि८७, जेताजि८८, पातासंघवी७४, पातासंघवी८४, पातासंघवी३५-१, पातासंघवी १२८-२, खंता७९, जेकाजि४५, पाकाहेम६५३९, पाकाहेम६५६३, पाकाहेम१०४०३, पाकाहेम१४७९७) द्विजवदनचपेटा-वेदाङ्कुश सं. (पाकाहेम७९४६) धर्मबिन्दुप्रकरण\ सं.\ प्रणम्य परमात्म (जेताजि२२४, जेताजि२२५, जेताडूं४५५, खंता२७६, खंता२७६, तालाद३३५, लिता९६७, अभ४, पाकाहेम६५८४) धर्मसङ्ग्रहणीप्रकरण\ प्रा. ( जेकाजि७५, पाकाहेम६६६२) धूर्ताख्यान\ सं. (भांका१२४) Page #130 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विद्वान उपरथी कृति माहिती ११३ न्यायप्रवेशसूत्र-(सं.)टीका\ सं.\ ग्रं.५००। सम्यग् न्यायस्य (जेताजि३७५, पातासंघवी१७१-२, जेकाजि८६४) पञ्चवस्तुकप्रकरण\ प्रा. गा.१९०० (जेताजि१६४, पातासंघवी१७६-१, पातासंघवी१७७-१, भांता७९, जेकाजि१३१२) पञ्चसूत्र-(सं.)टीका। सं.ग्रं.८८० (पातासंघवी१९८-१, भांका१२१) पञ्चाशकप्रकरण\ प्रा.\ ग्रं.११८२१ गा.१०००\ नमिऊण वद्धमाणं (जेताजि२१२, जेताजि४१५, जेताडूं४५५, पाताखेत२९, पातासंघवीजीर्ण६४, पातासंघवी२२, पातासंघवी१७४, पातासंघवी५८-३, पातासंघवी६९-१, पातासंघवी१४५-२, पातासंघवी१४६-२, पातासंघवी१५२-१, पातासंघवी१५६-१, पातासंघवी१९३-१, खंता९३, खंता१००, खंता१०८, खंता१२९, तालाद३३४, तालाद३८४, जेकाआ१, जेकाजि१२८९, जेकाथाप) पञ्चाशकप्रकरण-(प्रा.)हिस्सो उपधानविधिपञ्चाशकप्रकरण-२०\ प्रा. गा.५०\ नमिऊण वद्धमाणं (पातासंघवी१५३-२, खंता१२९) पिण्डनियुक्ति-(सं.)शिष्यहिता टीका। सं. ग्रं.७६७१\ नम्रामरेश्वरकिर (जेताजि९२, भांता७४, पाकाहेम६५४४) प्रज्ञापनासूत्र-(सं.)लघुवृत्ति। सं. ग्रं.३९३८ (जेताजि२९, भांता६५, पुप्रे४०५) बोटिकप्रतिषेध सं. (पातासंघवी१३५-२) यतिदिनकृत्यप्रकरण सं. श्लोक४२० (पाकाहेम५३१६) योगदृष्टिसमुच्चय। सं. (तालाद३४२) योगबिन्दुप्रकरण सं. ग्रं.३६२० (जेताडूं४५५, तालाद३४६, पाकाहेम७०२७) विंशतिविंशिका प्रकरण\ प्रा. नमिऊण वीयरायं स (भांका२७०) शास्त्रवार्तासमुच्चय सं. (पाताखेत४४-२, भांका२३५) श्रावकधर्मविधितन्त्रप्रकरणी प्रा. गा.१२०\ नमिऊण वद्धमाणं (जेताजि१३६, जेताजि१५६, जेताजि४००, पातासंघवी१५६-१, पातासंघवी१९८-२, जेकाजि१३१७, जेकाजि१३२६, पाकाहेम७७५) षड्दर्शनसमुच्चय। सं.\ श्लोक८७\ सद्दर्शनं जिनं (वताकांति४३२-२, जेकाजि१७९८, पाकाहेम१९५२, पाकाहेम६६९२, पाकाहेम६६९२, भांका१०७, भांका१२५, भांका१९५, भांका२८६) षोडशकप्रकरण\ सं. श्लोक२९६ (पातासंघवी१६७-१, जेकाजि१०६३, जेकाजि१५५२, पाकाहेम१५५०२) संसारदावास्तुति। सं.प्रा. का.४\ संसारदावानलदाहन (पातासंघवीजीर्ण८५, पातासंघवी२०३-२, खंता९२, खंता११८) समराइच्चकहा। प्रा. ग्रं.१००००\ पणमह विजियसुदुज (जेताजि२६५, पाताहेसं४८, खंता२१२) सम्बोधप्रकरण प्रा. नमिऊण वीयरायं स (भांका१०५) स्थविरावलि प्रा. (पातासंघवी१८८-१, पाताहेसं१०५) स्थितास्थितकल्प विधि प्रा. गा.५२ नमिऊण जिणं वीरं (पाकाहेम१२७५५) हिंसाष्टक\ सं. अविधायापि हि हि (पाकाहेम११३६८) हिंसाष्टक-(सं.)स्वोपज्ञ टीका सं. अपारावारावारसंस (पाकाहेम११३६८) हरिभद्रसूरि-आचार्य-बृहद्गच्छीय आगमिकवस्तुविचारसारप्रकरण प्राचीन चतुर्थ कर्मग्रन्थ षड्शीति-(सं.)वृत्ति। सं. ग्रं.८५० नत्वा जिनं विधा (जेताजि१७६, जेताजि१७८, जेताजि१८८, पातासंघवी१२७-१, खंता१४७, खंता२८७, पाकाहेम६५९२) जम्बूद्वीपसङ्ग्रहणी प्रा. ग्रं.१५०\ गा.३१\ वन्दिवि जिणं सव (पातासंघवीजीर्ण८१, पातासंघवी६२-२, पातासंघवी१३०-१, पातासंघवी१८८-१, पाताहेसं१६१, पाताहेसं१७९, खंता९७, भांता७०) जम्बूद्वीपसङ्ग्रहणी-(सं.)टीका सं. (पातासंघवी१८८-१) प्रशमरतिप्रकरण-(सं.)वृत्ति सं. श्लोक १८००\ उदयस्थितमरुणकरं (पातासंघवी६८-१) बन्धस्वामित्व प्राचीन तृतीय कर्मग्रन्थ-(सं.)वृत्ति। सं. ग्रं.५६० (जेताजि१७८, पातासंघवी११७-२, पातासंघवी११९-२, पातासंघवी१२७-२) लघुसङ्ग्रहणीप्रकरणी प्रा. गा.२५\ नमिऊण जिणममोहं (पाकाहेम१०२३) श्रावकप्रज्ञप्तिप्रकरण-(सं.)दिक्प्रदा टीका सं. स्मरणं यस्य सत् (भांका८७) हरिभद्रसूरि-आचार्य (प्र. नाम-आचार्य-चन्द्रप्रभसूरि-शिष्य)। गुरु-आचार्य चन्द्रसूरि चन्द्रप्रभचरित्र प्रा. ग्रं.८०३२। सहलियसयलसुयासो (पातासंघवी५१) हरिभद्राचार्य - जुओ - हरिभद्रसूरि-आचार्य हरिवृषभ-जैनेतर वाक्यपदीय-(सं.)टीका सं. (पाकाहेम७३११) Page #131 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ११४ विद्वान उपरथी कृति माहिती हरिश्चन्द्र गणि-गणि प्रश्नपद्धति। सं. (तालाद३२४) हरिषेण-मुनि कर्पूरप्रकर\ सं. (अताका५०२) धर्मपरीक्षा अप. ग्रं.२०७०\ सिद्धिपुरन्धिहि (भांका२८९) हर्ष कवि-कवि (प्र. नाम-कवि-हर्षदेव) नागानन्द नाटक प्रा.,सं. (जेताजि३६०, पाताहेसं१४०) नैषधचरितमहाकाव्य सं. प्रिया ह्रियालङ (जेताजि३४१, जेताजि३४२, पातासंघवी११४-२, पातासंघवी१३१-१, पातासंघवी१३१-१, पातासंघवी१८७-२, पाकाहेम१०४००, पाकाहेम१२९२७) हर्षकीर्तिसूरि-आचार्य बृहत् शान्तिस्तव-(सं.)अवचूरि। सं. श्लोक२१५ (पाकाहेम८२८१) हर्षकुलगणि-गणि गुरु-आचार्य हेमविमलसूरि चतुर्विध आहारविषयकगाथा-(सं.)टीका सं. (पाकाहेम५३०३) वाक्यप्रकाशौक्तिक-(सं.)टीका सं. (पाकाहेम५३०३, पाकाहेम१५३१०) सूत्रकृताङ्गसूत्र-(सं.)दीपिकाटीका\ सं. श्लोक६६००\ प्रणम्य श्रीजिन (भांका२६१) हर्षदेव - जुओ - हर्ष कवि-कवि हर्षभूषण-मुनि श्राद्धविधिविनिश्चय-अञ्चलमतसदउत्तर सं. ग्रं.१२८३ (पाकाहेम७९३०) हर्षराज-पण्डित सुरसेनकुमाररास\ मागु. गा.८८१ (पाकाहेम१०८०३) हर्षवर्द्धन गणि-पं. सर्वजिनस्तोत्र-आदिमध्यान्त यमकमय। सं. श्लोक२८\ मानवा जिनवर त्व (पाकाहेम१६१८५) सर्वजिनस्तोत्र। सं. श्लोक५\ श्रीनाभिजात सुम (पाकाहेम१६१८५) हलायुध भट्ट-जैनेतर कविरहस्य। सं. ग्रं.२९९। जयन्ति मुरजित्प (जेताजि३३७, जेकाजि१०७९, पाकाहेम८६८०) छन्दोवृत्ति अमृतसञ्जीवनी। सं. श्लोक१२३४ (पातासंघवी६२-५) हीरविजयसूरि-आचार्य जम्बूद्वीपप्रज्ञप्तिसूत्र-(सं.)टीका सं.\ ग्रं.१८४०० (पाकाभाभा८७४) हीरविजयसूरिना १२ बोल\ मागु. (पाकाहेम५९२९) हीरानन्दसूरि-आचार्य सम्यक्त्वमूलबारव्रत रास\ मागु. श्लोक६७ (पाकाहेम१०२२) हेमकुञ्ज-उपाध्याय यशोधरचरित्र (गद्य) सं. (पाकाहेम२१०५) हेमचन्द्रसूरि-आचार्य (प्र. नाम-आचार्य-हेमाचार्य) अनेकार्थसङ्ग्रह। सं.\ ग्रं.१८२७\ ध्यात्वार्हतः क (जेताजि३०९, जेताजि३१०, जेताजि३११, जेताजि३१२, पाताखेत२३, पातासंघवी८२-१, पातासंघवी१७८-१, पाताहेसं१३६, पाताहेसं१३७, अताका४७७, अताका४८६, पाकाहेम६६१८, पाकाहेम८७२३, पाकाहेम१०३९१, पाकाहेम१०४०१, पाकाहेम१०६८२) अन्ययोगव्यवच्छेदवीरद्वात्रिंशिका*\ सं. का.३२ (पातासंघवी१७९-१, खंता११८, पाकाहेम१०७०७, पाकाहेम१०७०८) अभिधानचिन्तामणिनाममाला। सं. ग्रं.२६३०\ प्रणिपत्यार्हतः (जेताजि३१३, जेताजि३१३, पातासंघवी१२०, पातासंघवी१७९-१, पातासंघवी१८५-१, खंता२५८, खंता२५९, खंता२६०, तालाद३४१, अताका४८६, पाकाहेम१००९९, पाकाहेम१०२१०, पाकाहेम१०२११, पाकाहेम१०२१२, पाकाहेम१३०५१) अभिधानचिन्तामणिनाममाला-(सं.)टीका सं.\ ग्रं.१००००\ धर्मतीर्थकृतां (जेताजि३१३, जेताजि३१३, पातासंघवीजीर्ण३६, पातासंघवी१२०, खंता२५९, खंता२६०, पाकाहेम१०२११) आप्तपरीक्षाद्वात्रिंशिका\ सं. का.३२ (पातासंघवी१७९-१) काव्यानुशासनसूत्र। सं. (पातासंघवी६२-२, पाताहेसं१८६) Page #132 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विद्वान उपरथी कृति माहिती ११५ काव्यानुशासनसूत्र-(सं.)टीका सं. (पाताहेसं१८६) छन्दोनुशासन सं. (जेताजि३१५, पाताहेसं१८६, पाकाहेम७२२७, पाकाहेम९८६७) छन्दोनुशासन-(सं.)छन्दश्चूडामणिवृत्ति। सं.\ ग्रं.३००० (जेताजि३१५, पाताहेसं१८६, पाकाहेम७२२७, पाकाहेम९८६७) त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्रमहाकाव्य*\ सं. (जेताजि२३८, जेताजि२३९, जेताजि२३९, जेताजि२४०, जेताजि२४१, जेताजि२४२, जेताजि२४४, जेताजि४११, जेताजि४१२, पाताखेत१६, पाताखेत३७, पातासंघवीजीर्ण४८, पातासंघवी१३, पातासंघवी१३, पातासंघवी५३, पातासंघवी८५, पातासंघवी८६, पातासंघवी८६, पातासंघवी१००, पातासंघवी४-१, पातासंघवी५४-१, पातासंघवी६५-३, पातासंघवी११९-१, पातासंघवी१४२-१, पातासंघवी१७९-१, पाताहेसं१, पाताहेसं२४, पाताहेसं४५, पाताहेसं४६, पाताहेसं४७, पाताहेसं५१, पाताहेसं५५, पाताहेसं६१, पाताहेसं६२, पाताहेसं६३, पाताहेसं६४, पाताहेसं१५३, पाताहेसं५४-२, खंता१८६, खंता१८७, खंता१८८, खंता१८९, खंता१९१, खंता१९२, खंता१९३, खंता१९४, खंता१९५, खंता१९६, खंता१९७, खंता१९८, खंता२८१, तालाद३३०, जेकाजि१२७९, जेकाजि१२८१, जेकाजि१३०२, पाकाहेम२३५७, पाकाहेम२३५८, पाकाहेम२३६०, पाकाहेम२३६५, पाकाहेम२३६८, पाकाहेम२३६९, पाकाहेम६६९७, पाकाहेम६८४५, पाकाहेम७०३२, पाकाहेम८०१७, पाकाहेम१०७३१, पाकाभाभा५९, भांका१५४, भांका३०७) देशीनाममाला। प्रा. (पातासंघवी१५२-२, पातासंघवी१५५-१, पाकाहेम७२२५) देशीनाममाला-(सं.)स्वोपज्ञ रत्नावली वृत्ति। सं. (पातासंघवी१५५-१, पाकाहेम७२२५) धातुपारायण। सं. ग्रं.५५०० (जेताजि३०८, पाताखेत५५, पातासंघवी९३, पातासंघवी१४३-२) धातुपारायण-(सं.)स्वोपज्ञ विवरण। सं. (पातासंघवी९३, पातासंघवी१५९, पातासंघवी१४३-२) नाभेय-नेमिद्विसन्धानकाव्य। सं. (पाकाहेम६७९०) परिशिष्टपर्व\ सं. श्लोक३५००\ श्रीमते वीरनाथा (पातासंघवीजीर्ण२४, पातासंघवीजीर्ण९०, पातासंघवी८०, पातासंघवी१३६-१, पाताहेसं१२५, खंता१९०, पाकाहेम८९३, पाकाहेम२३५७, पाकाहेम२३७०, पाकाहेम८०१८, पाकाभाभा३९, भांका१७२) प्रमाणमीमांसा\ सं. (जेताजि३६७, तालाद३३६) महादेवस्तोत्रद्वात्रिंशिका सं. ग्रं.३५\ श्लोक३५\ प्रशान्तं दर्शन (पाताखेत५१, खंता११८, खंता१३४, तालाद३३९, पाकाहेम१२२३७, पाकाहेम१२२३८) योगशास्त्रान्तर्गत श्लोक। सं. (पातासंघवीजीर्ण६२, पातासंघवी२७-३, खंता११८, वताकांति४३०, भांका९२) योगशास्त्र चतुःप्रकाशान्तर्गतसुभाषितसमुच्चय। सं. गा.४३७ (पातासंघवी१७९-१) योगशास्त्र सं. नमो दुर्वाररागा (जेताजि१५७, जेताजि१५८, जेताजि२१६, जेताजि४०४, पाताखेत११, पाताखेत४२, पाताखेत५१, पातासंघवीजीर्ण४५, पातासंघवीजीर्ण७४, पातासंघवीजीर्ण८५, पातासंघवीजीर्ण९६, पातासंघवीजीर्ण५८-२, पातासंघवी७३, पातासंघवी१०८, पातासंघवी१५१, पातासंघवी१७४, पातासंघवी१७४, पातासंघवी२७-२, पातासंघवी५५-२, पातासंघवी६४-२, पातासंघवी१०४-२, पातासंघवी१३०-२, पातासंघवी१४२-१, पातासंघवी१४५-१, पातासंघवी१६१-२, पातासंघवी१७०-२, पातासंघवी१९६-१, पातासंघवी१९८-२, पातासंघवी२०३-२, पातासंघवी२०४-२, पातासंघवी२०६-२, पाताहेसं३७, पाताहेसं३८, पाताहेसं५१, पाताहेसं१११, पाताहेसं११६, पाताहेसं११७, पाताहेसं१६१, पाताहेसं१७९, खंता८८, खंता९०, खंता९४, खंता९५, खंता१०१, खंता११४, खंता११८, खंता१५७, खंता१५८, खंता१५९, खंता१६०, खंता१६१, खंता१६२, खंता१६३, खंता१६४, खंता१६५, खंता१६६, खंता१६७, खंता१६८, भांता२४, भांता२५, भांता६४, भांता७२, अताका४९७, पाकाहेम१०२२, पाकाहेम१०२३, पाकाहेम९५४६, पाकाहेम१०१५६, पाकाहेम१०१५७, पाकाहेम१०४०६, पाकाहेम१०५७३, पाकाहेम१२१२४, पाकाहेम१४८६७, पाकाभाभा४, पाकाभाभा५२) योगशास्त्र-(सं.)स्वोपज्ञ वृत्ति। सं. ग्रं.१२०००। प्रणम्य सिद्धाद (जेताजि२१६, जेताजि४०४, पाताखेत१३, पाताखेत१५, पातासंघवीजीर्ण९६, पातासंघवीजीर्ण५८-२, पातासंघवी२७-२, पातासंघवी७१-२, पातासंघवी११३-१, पातासंघवी१३१-२, पातासंघवी१४४-२, पाताहेसं३७, पाताहेसं३८, पाताहेसं५१, खंता९४, खंता१६०, खंता१६१, खंता१६२, खंता१६३, खंता१६४, खंता१६५, खंता१६६, खंता१६७, खंता१६८, पाकाहेम१४८६७, पाकाभाभा४) योगशास्त्रनो हिस्सो जीवादिस्वरूप। सं. (वताकांति४३३) योगशास्त्र-(सं.)हिस्सा परिग्रहारम्भ श्लोक सं. परिग्रहारम्भ मग (पुप्रे४१६) वीतरागस्तोत्र सं. ग्रं.१८७१ यः परात्मा परञ् (पाताखेत२९, पातासंघवीजीर्ण६०, पातासंघवीजीर्ण६७, पातासंघवीजीर्ण८५, पातासंघवी१०८, पातासंघवी१५१, पातासंघवी१७४, पातासंघवी५५-२, पातासंघवी६४-२, Page #133 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ११६ विद्वान उपरथी कृति माहिती पातासंघवी७२-३, पातासंघवी१०४-२, पातासंघवी१७०-२, पातासंघवी१९६-१, पातासंघवी१९८-२, पातासंघवी२०३-२, पातासंघवी२०६-२, पाताहेसं११६, पाताहेसं१६१, पाताहेसं१७९, खंता९०, खंता११८, खंता१३२, खंता१४०, भांता२४, भांता७२, तालाद३२६, तालाद३३६, अताका४९७, पाकाहेम१०२२, पाकाहेम१०२३, पाकाहेम२३२४, पाकाहेम९५४६, पाकाहेम१०१८६, पाकाहेम१०६६०, पाकाहेम१०६६१, पाकाहेम१२१२४, पाकाहेम१६७७२, पाकाहेम१६७७३) श्लोकसप्तशती हेमचन्द्राचार्यकृतिगत श्लोकसङ्ग्रह। सं.\ ग्रं.७०० (पाकाहेम८६७४) षड्विधावश्यकविवरण सं. श्लोक१३०० (पातासंघवी१०६-२) सकलाहतस्तोत्र सं. ग्रं.२६१ श्लोक२४\ सकलार्हत्प्रतिष (पाताहेसं१६८, खंता११८, खंता१३८, पाकाहेम१२१२४) सिद्धहेमचन्द्रशब्दानुशासन-द्व्याश्रय प्राकृत महाकाव्य\ प्रा. श्लोक९५० (पातासंघवी१४२-२, जेकाजि१९६१) सिद्धहेमशब्दानुशासन-(सं.)बृहद्वृत्ति सं. (जेताजि२९३, जेताजि२९४, जेताजि२९५, जेताजि२९६, जेताजि२९६, पाताखेत८, पाताखेत१८, पाताखेत३५, पाताखेत४८, पाताखेत४४-१, पातासंघवीजीर्ण३२, पातासंघवीजीर्ण३५, पातासंघवीजीर्ण४३, पातासंघवीजीर्ण५१, पातासंघवी४९, पातासंघवी४९, पातासंघवी११६, पातासंघवी९८-१, पातासंघवी११०-१, पाताहेसं१२८, पाताहेसं१२९, पाताहेसं१३०, पाताहेसं१५१, पाताहेसं१५४, पाताहेसं१५५, पाताहेसं१५६, पाताहेसं१७८, खंता२४१, खंता२४२, खंता२४३, खंता२४४, खंता२४५, खंता२४६, खंता२४७, खंता२४८, खंता२४९, तालाद३८८, पाकाहेम६६०३) सिद्धहेमशब्दानुशासन-(सं.)लघुवृत्ति। सं. ग्रं.३३००\ प्रणम्य परमात्म (जेताजि२९७, जेताजि२९८, जेताजि२९९, जेताजि३००, पाताखेत५४-२, पातासंघवी७०-४, पातासंघवी७९-२, पातासंघवी८२-२, पातासंघवी१०४-१, पातासंघवी१३७-२, पातासंघवी१४१-१, पातासंघवी१५६-२, पातासंघवी१६७-२, पातासंघवी१८०-१, पातासंघवी१८९-२, पातासंघवी२०६-१, पाताहेसं१२७, पाताहेसं१३१, पाताहेसं१५७, पाताहेसं१८०, खंता२५०, खंता२५१, खंता२५२, जेकाजि७६, पाकाहेम६६००, पाकाहेम६७८०, पाकाहेम१०१९८, पाकाहेम१०४४३, पाकाहेम१०४४४, पाकाहेम१०७४१) सिद्धहेमशब्दानुशासन-उणादिगणसूत्र-(सं.)विवरण सं. श्रीसिद्धहेमचन् (जेताजि३०७, पातासंघवीजीर्ण६०, पातासंघवी४९, पातासंघवी६६-१, खंता२५७, पाकाहेम६७८१) सिद्धहेमशब्दानुशासन-द्व्याश्रय संस्कृत महाकाव्य सं. ग्रं.२८२८\ अर्हमित्यक्षरं (जेताजि३३५, जेताजि३३६, जेताजि३४०, पातासंघवी२८, पातासंघवी१२५, पातासंघवी२९-१, पातासंघवी६२-३, भांता६३, पाकाहेम२३०८) सिद्धहेमशब्दानुशासन-उणादिगणसूत्र*\ सं. (जेताजि३०७, पातासंघवी४९, पाताहेसं१८०, खंता२३७, खंता२५७, पाकाहेम६७८१) सिद्धहेमशब्दानुशासन\ सं.\ अहँ। सिद्धिः (पाताहेसं१२७, पाताहेसं१३२, पाताहेसं१५४, पाताहेसं१५५, पाताहेसं१५६, पाताहेसं१७८, पाताहेसं१८०, खंता२३७, खंता२३८, खंता२३९, खंता२४१, खंता२४२, खंता२४३, खंता२४४, खंता२४५, खंता२४६, खंता२४८, खंता२४९, खंता२५०, खंता२५१, खंता२५२, अताका४९५, पाकाहेम६५९८, पाकाहेम१०१९४, पाकाहेम१०१९५, पाकाहेम१०१९७, पाकाहेम१०६७०, पाकाहेम१०६७२) सिद्धहेमशब्दानुशासननो हिस्सो अष्टम अध्याय प्राकृतव्याकरण*\ सं.प्रा. अथ प्राकृतं... (खंता२४०, खंता२५४, __पाकाहेम६७८०, पाकाहेम७१९०, पाकाहेम९४९८, भांका९३) सिद्धहेमशब्दानुशासननो हिस्सो अष्टम अध्याय प्राकृतव्याकरण-(सं.)बृहद्वृत्ति सं. ग्रं.२५००\ अथ शब्द आनन्तर् (पातासंघवी१८१-२, खंता२५४, पाकाहेम६७८०, पाकाहेम७१९०, पाकाहेम९४९८, भांका९३) सिद्धहेमशब्दानुशासननो हिस्सो अष्टम अध्याय प्राकृतव्याकरणनी (सं.)बृहद्वृत्तिनी (सं.)प्राकृतदीपिका वृत्ति। सं. (पाकाहेम६६१३) सिद्धहेमशब्दानुशासननो हिस्सो अष्टमाध्याय प्राकृतव्याकरण चतुर्थपाद-(सं.)बृहद्वृत्ति। सं. (पाकाहेम७१९२) हैमधातुपाठ। सं. भू सत्तायाम् । प (पातासंघवी५६-३, खंता२३७, खंता२३८, खंता२३९) हैमलिङ्गानुशासन\ सं. ग्रं.३३८४ (जेताजि३०६, जेताजि१००००, पातासंघवी५६-३, खंता२३७, खंता२५५, पाकाहेम७२२३, पाकाहेम१०२०२, पाकाभाभा७५) हैमलिङ्गानुशासन-(सं.)विवरण सं. सिद्धहेमचन्द्रव (जेताजि३०६, पाताखेत४५, खंता२५५, पाकाभाभा७५) हेमचन्द्रसूरि मलधारी-आचार्य अनुयोगद्वारसूत्र-(सं.)वृत्ति। सं. ग्रं.५८८८१ सम्यक्सुरेन्द्र (जेताजि८०, जेताजि८१, पातासंघवी३२, पाताहेसं७, खंता३९, भांता५९, जेकाजि५१, पाकाहेम६५३५, पाकाभाभा३७) Page #134 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विद्वान उपरथी कृति माहिती ११७ आवश्यकसूत्रना (सं.)शिष्यहितावृत्तिनुं (सं.)प्रदेशव्याख्या टिप्पण\ सं. ग्रं.४६४०\ जगत्त्रयमतिक्रम (जेताजि१०८, जेताजि१३२, पातासंघवी१२३-१, खंता६४, वताकांति३९८, जेकाजि३९, पाकाहेम६५२७, पाकाहेम६५५७, पाकाहेम१००६७, पाकाहेम१०३७०) जीवसमासप्रकरण-(सं.)बृहद्वृत्ति सं. ग्रं.६६२७। यः स्फारकेवलकरै (खंता१४२, जेकाजि७८, पाकाहेम११८२, पाकाहेम६९५१, भांका८१, भांका२६६) पुष्पमालाप्रकरणी प्रा. गा.५०५ सिद्धमकम्ममविग् (जेताजि१५५, जेताजि१५७, जेताजि१५८, पाताखेत१०, पाताखेत२-२, पातासंघवीजीर्ण४९, पातासंघवीजीर्ण९७, पातासंघवी१०८, पातासंघवी१६४, पातासंघवी१६५, पातासंघवी२०२, पातासंघवी६६-३, पातासंघवी१२३-२, पातासंघवी१९०-२, पातासंघवी१९६-२, पातासंघवी२०४-२, पाताहेसं३९, पाताहेसं११६, पाताहेसं११९, पाताहेसं१२२, पाताहेसं१६१, पाताहेसं१७९, खंता९०, खंता९१, खंता११९, खंता१२२, खंता१२३, खंता१२४, खंता१२९, खंता१८३, खंता१८४, पाकाहेम७७५, पाकाहेम७३९०, पाकाहेम१०६१०, पाकाहेम१४८७१) पुष्पमालाप्रकरण-(सं.)वृत्ति। सं. ग्रं.१३८६८\ येन प्रबोधपरिनि (पाताखेत१०, पातासंघवीजीर्ण११, पातासंघवीजीर्ण१५, पातासंघवीजीर्ण९७, पातासंघवी१२, पाताहेसं३९, खंता१८३, खंता१८४) भवभावनाप्रकरण प्रा. गा.५३११ नमिऊण नमिरसुरवर (जेताजि२३१, जेताजि२३२, जेताजि२३३, जेताजि४१५, पाताखेत१२, पाताखेत४२, पाताखेत२-२, पातासंघवीजीर्ण४९, पातासंघवीजीर्ण६४, पातासंघवी२०२, पातासंघवी६७-२, पाताहेसं११३, पाताहेसं११६, पाताहेसं१२२, पाताहेसं१६१, पाताहेसं१७९, खंता१३२, खंता१३५, खंता१८२, भांता२५, भांता६४, लिंता३४१५, जेकाजि१२८९, पाकाहेम६५८०) भवभावनाप्रकरण-(सं.)वृत्ति सं.\ ग्रं.१३००० येनादौ नयसम्पदः (जेताजि२३१, जेताजि२३२, जेताजि२३३, खंता१८२, पाकाहेम६५८०) भवभावनाप्रकरणनी (सं.)वृत्तिनोहिस्सो-बलिनरेन्द्रकथा\ सं. (पाकाहेम७४११, पाकाहेम१०३७८) विशेषावश्यकमहाभाष्य-(सं.)शिष्यहिता वृत्ति। सं.\ ग्रं.२८०००\ श्रीसिद्धार्थनर (जेताजि११८, जेताजि११९, जेताजि१२०, जेताजि१२१, पातासंघवीजीर्ण१, पाताहेसं२२, पाताहेसं२३, भांता१४, पाकाहेम१४८४३) शतक प्राचीन पञ्चम कर्मग्रन्थ-(सं.)विनेयहिता टीका\ सं.\ ग्रं.३७००\ जयत्यभिप्रेतसमृ (जेताजि१८२, जेताजि१८३, जेताजि१८४, जेताजि१८५, भांता४५, भांता४६, जेकाजि१२९८) हेमचन्द्रसूरिशिष्य - जुओ - श्रीचन्द्रसूरि मलधारि-आचार्य हेमचन्द्राचार्य - जुओ - हेमचन्द्रसूरि-आचार्य हेमविजय-गणि कथारत्नाकर गद्यबद्ध सं. श्लोक७४०० (पाकाहेम१७७४) कीर्तिकल्लोलिनी-विजयसेनसूरिचरित्र। सं. (पाकाहेम८००२) विजयप्रशस्तिमहाकाव्य सं. (पाकाहेम२०८०) हेमविमलसूरिशिष्य-अज्ञात नवखण्डापार्श्वनाथस्तवन\ सं.\ का.२६\ विपुलमङ्गलमण्डल (पाकाहेम१२३३७) हेमसमुद्रगणि-गणि-मुनिसुन्दरसूरिश सूर्यशतक-(सं.)अवचूरि सं. (पाकाहेम१०७००) हेमसार-अज्ञात उपदेशसन्धि। अप.। गा.१८ (पाकाहेम९०३२, पाकाहेम९०३३) हेमसूरि-शिष्य-मुनि-खरतरगच्छ सिद्धान्तरत्नावली\ सं. श्लोक३२\ कुग्राहनिवारणे (भांका१९०) हेमहंसगणि-गणि न्यायार्थमञ्जूषा सं. श्लोक १०९२ (पाकाहेम१०६८१) हेमाचार्य - जुओ - हेमचन्द्रसूरि-आचार्य हेलाराज-अज्ञात\ गुरु-मुनि स्वर्णनन्दी (दि.) वाक्यपदीय-(सं.)प्रकाश टीका सं. (पाकाहेम७३१२, पाकाहेम७३१३, पाकाहेम७३१४) शाश्वताशाश्वतजिनचैत्यवन्दन। सं.\ श्लोक१३\ नित्ये श्रीभवना (पाताहेसं१८९, पाकाहेम१३१७१, पुप्रे४५२) Page #135 --------------------------------------------------------------------------  Page #136 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -: प्रतिलेखन वर्ष से प्रत क्रमांक :प्रत के प्रतिलेखन वर्ष के अनुक्रम से प्रत की माहिती इसमें दी गई है. यह प्रतिलेखन वर्ष विक्रम का लिया गया है. इस्वी, शक आदि अन्य वर्ष प्राप्त करने के लिए जरूरी वर्ष घटाने/बढाने होंगे. जहाँ सदी अनुमानित हैं वहाँ 15वीं, 16वीं आदि लिखा गया है. 15वीं = वि. सं 1401 से 1500 तक. Page #137 --------------------------------------------------------------------------  Page #138 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प्रतिलेखन वर्ष १०५० १११६ ११३८ ११४६ ११५१ ११५४ ११५७ ११६४ ११६६ ११७८ ११७९ ११८० ११८५ ११८७ ११८८ ११९१ ११९२ ११९८ ११९९ १२मी १२वी १२०८ १२१२ १२१३ १२१६ १२१८ १२१९ १२२० १२२१ १२२३ १२२८ १२३१ १२३२ १२३६ १२३७ १२४२ १२४४ १२४८ १२५५ १२५८ प्रतिलेखन वर्ष उपरथी प्रत माहिती पाटण आदि ज्ञानभंडारनी पूज्य जंबूविजयजीए करावेल झेरोक्ष प्रतों माटे प्रतिलेखन वर्ष, प्रत नंबर प्रत नंबर पातासंघवी-६४-३ तालाद - ३२४, तालाद-३४७ भांता-१६ भांता-२२, तालाद- ३४२ तालाद- ३१८ पाताहेसं - ९० पातासंघवी-७६, पातासंघवी-७७ भांता - ९ पातासंघवी-१५४-२ पातासंघवी - १८७-२ पातासंघवी-४-३, तालाद- ३९० अताका ४९९ पातासंघवीजीर्ण-८९ पातासंघवी - १८७-१ पातासंघवी-४-२ पातासंघवीजीर्ण-३७, पातासंघवीजीर्ण-६४, पातासंघवी - २०५-१ वताकांति - ४१९ पातासंघवी २००-२ पातासंघवी-७५ भांता-३५ डतामुक्ता-४५७ पाताखेत २८-१ पातासंघवी-६८-४ पाताखेत ५० पातासंघवी-६३-४ भांता-४२ तालाद- ३२८ पातासंघवी - २०१-१ पातासंघवी-१३७-२, पातासंघवी - १५३-१ पातासंघवी-५१ पातासंघवी - १९६-१, पाताहेसं-२९ पातासंघवीजीर्ण-६० पाताखेत-४१-२ पातासंघवी-१२२ पातासंघवी-६७-१ पातासंघवी - १४४-१ पातासंघवी-१४८ पाताहेसं ८८ पातासंघवी - १४४-२ तालाद- ३७७ पातासंघवी-६५-२, पातासंघवी-१२३-१, पाताहेसं-११२, पाताहेसं-१४० ११९ Page #139 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १२० १२५९ १२६१ १२६२ १२६५ १२७१ १२७२ १२७३ १२७४ १२७५ १२७८ १२७९ १२८२ १२८४ १२८६ १२८७ १२८८ १२८९ १२९० १२९१ १२९२ १२९३ १२९४ १२९५ १२९६ १२९७ १२९८ १२९९ १३मी १३वी १३०० १३०१ १३०३ १३०६ १३०७ १३०९ १३१३ १३१४ १३२२ १३२६ १३२७ १३२९ १३३० १३३१ १३३२ १३३३ पाताखेत ३८-१ पाताहेसं १८४ पातासंघवी-१७७-१, भांता - ४७ तालाद- ३८९ पाताहेसं १७५ पातासंघवीजीर्ण-७३ प्रतिलेखन वर्ष उपरथी प्रत माहिती पाताहेसं १४७ पातासंघवी - १८३-२ पातासंघवी-१२०, पातासंघवी - १०२-२, पातासंघवी - ११९-१, भांता-३८ पाताखेत - ११ पातासंघवी - १८१-१, पाताहेसं-३१ पाताखेत- ३३ पातासंघवी- ५४-२, पातासंघवी - १३४-१ पातासंघवीजीर्ण-४६, पातासंघवी-२०५-२ पातासंघवी - १८६-१ पातासंघवी-६९-१, पातासंघवी - १२७-१ पातासंघवी - १६३, पाताहेसं - ४१ पातासंघवी - ९६ पातासंघवी - १३६-२ पाताखेत - ३, पाताखेत ४५, पातासंघवी - ११८-१, तालाद - ३८० पातासंघवी- ५०, भांता - २३, भांता-५२ पातासंघवी- ५४-१, भांता - २१ पाताखेत-१७-२, पातासंघवीजीर्ण-४२, पातासंघवी - १०६-२ पातासंघवी-६९-३, पाताहेसं - ३६ पातासंघवी - १७१-१, पाताहेसं १७८ पातासंघवी-६८-१, पातासंघवी-१५२-२, पातासंघवी-१८९-१ पातासंघवी - १४३-१, भांका- १५४ भांता-३४, तालाद - ३३०, तालाद - ३३४, तालाद - ३४५, तालाद-३४६, तालाद- ३८१, तालाद-३८३, तालाद- ३४४-१ पातासंघवी-५६-२ पातासंघवी - ११३-१, पाताहेसं १०४, भांता-७५ लिंता-३४१७, अताका-४९७ पातासंघवी - १०० पातासंघवीजीर्ण-३१ पातासंघवी-१५९ पातासंघवी-६३-२, पातासंघवी- १८५-२, पुणे- ४३९ पातासंघवी - १२, पातासंघवी- १८२-२ पातासंघवी - १८५-१ पातासंघवी-१७२-२ पातासंघवीजीर्ण-५०, पातासंघवी-८४ पाताहेसं-२४ पातासंघवी - २०४-२ पातासंघवी - १३०-२, पाताहेसं - १३ पाताहेसं-३२ पातासंघवी-१२७-२, भांता-११ भांका-३०५ Page #140 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १३३४ १३३५ १३३६ १३३७ १३३९ १३४० १३४२ १३४३ १३४४ १३४५ १३४६ १३४७ १३४८ १३४९ १३५४ १३५७ १३५९ १३६० १३६४ १३६८ १३६९ १३६? १३७० १३७२ १३७७ १३७८ १३७९ १३८१ १३८४ १३८८ १३८९ १३९१ १३९२ १३९३ १३९४ १३९६ १३९८ १४मी १४०० १४०३ १४०७ १४०९ १४१२ १४१४ १४२४ १४२५ प्रतिलेखन वर्ष उपरथी प्रत माहिती १२१ भाता-३९, तालाद-३८२ पातासंघवीजीर्ण-६८, पातासंघवी-६२-३ पाताहेसं-७८ पातासंघवीजीर्ण-३६ पातासंघवी-१२९, पातासंघवी-१३७-१ भांता-१३ पातासंघवी-१९१-१, भांता-८ पाताहेसं-२७ पाताहेसं-७६, भांता-३ पातासंघवी-९९ पातासंघवीजीर्ण-२६ पातासंघवी-१४९ भांता-२७, भांता-२८, भांता-२९ पातासंघवी-१७८-२ पाताखेत-३४-३ पातासंघवी-१११ भांता-२० पातासंघवी-६५-१ पाताहेसं-७९ पाताहेसं-४६ पातासंघवीजीर्ण-८६-२, पाताहेसं-१६२ पातासंघवीजीर्ण-२७ पाताहेसं-१२७ पातासंघवी-४-१, पाताहेसं-१७९ पातासंघवी-२४, पाताहेसं-१८३ भांता-७० पातासंघवीजीर्ण-४७ पातासंघवी-५७-२ पाताहेसं-५७ पातासंघवी-१९६-२, भांता-७१ पाताहेसं-१६१, भांता-५५ पाताहेसं-१९१, भांता-६ पाताहेसं-१७७ पातासंघवी-१५८ पाताहेसं-५६ वताकांति-३९३ पाताहेसं-१८५ तालाद-३३८, तालाद-३४०, तालाद-३४१, तालाद-३८४, तालाद-३८५, तालाद-३८६, तालाद-३८७ पातासंघवी-११, पाताहेसं-१५२ पाताहेसं-१३१ पाताहेसं-३८ पातासंघवी-१७५ भांता-२, वताकांति-३९२ पातासंघवी-१३८-२ पाकाहेम-१४९६५ पाताहेसं-३९ Page #141 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १२२ १४२६ १४३६ १४३७ १४४१ १४४२ १४४४ १४४५ १४४६ १४५० १४५१ १४५२ १४५३ १४५४ १४५५ १४५६ १४५८ १४६१ १४६२ १४६३ १४६४ १४६५ १४६६ १४६७ १४६८ १४६९ १४७० १४७१ १४७३ १४७४ १४७५ १४७६ १४७७ १४७८ १४७९ १४८० १४८१ १४८२ १४८३ १४८४ १४८५ १४८६ प्रतिलेखन वर्ष उपरथी प्रत माहिती पाकाहेम-३९९१ पाताहेसं-५४-२, पाकाहेम-१७६, भांका-१३९ पातासंघवी-४५ पाकाहेम-२१६२, भांका- ३१० पातासंघवी - २२, पाताहेसं १९ पातासंघवी - १०, पातासंघवी-६८-३ भांका - ९८ पातासंघवी- १८ भांता-३०, पाकाहेम-८६५ भांका-२९४ पातासंघवी - १२४-२ पातासंघवीजीर्ण- १, पाकाहेम - ९३७ पाताहेसं-३, पाकाहेम-४२८५, भांका- १५९, भांका-३०७ पातासंघवी-३३-१ पातासंघवी - १९, पाताहेसं -७, पाकाहेम- १४९०० पाताहे ४९ पाकाभाभा-४, भांका - २९३ पाकाहेम- ११६७, भांका - २३९ पातासंघवी-५९-१, पाकाहेम-७५०९, पाकाहेम-१०२५७, पाकाहेम-१०४९२ पाकाहेम- १०५९३ पाकाहेम-१०४८८ पातासंघवी- १०६-१, पाकाहेम-८०५, पाकाहेम - ७६५९, पाकाहेम - १०४०१ पातासंघवी-३० पातासंघवी-३१-३, पाकाहेम - २६०६, भांका-२४६ पाकाहेम - ९७६, भांका-३०९ पातासंघवी-२५, पातासंघवी - ४०, पातासंघवी - ४८, पातासंघवी-५७-१, पाकाहेम - ७०६, पाकाहेम- १०४३१, पाकाहेम- १०६७४ पाकाहेम- १९६८, पाकाहेम-१०५८३ पाकाहेम- १४७९१, पाकाहेम - १४७९७ पाकाहेम-२६५८, पाकाहेम-१०१००, भांका-२५९ पातासंघवी - ६२-४, पाकाहेम-८४२, भांका-२५४ पातासंघवी-२१, पाकाहेम- १०७१२, पाकाहेम-१६१८४, भांका- १७२, भांका- १८६ पाकाहेम-१०९, पाकाहेम-२६५७ पाकाहेम-६९६१ पातासंघवी - ४४, पातासंघवी - ३४-२, पातासंघवी - ४१-२, पाकाहेम - १०४३८ पातासंघवी-३२, पातासंघवी-२९-२, पाकाहेम-८७२, पाकाहेम - ९०३, पाकाहेम - २८४१, पाकाभाभा ५७ पातासंघवी-२६, पाकाहेम-६५३९, पाकाहेम-६५५७, पाकाहेम-६५६३, पाकाहेम - ६५७४, भांका- १०६, भांका - २०३ पाकाहेम-६५५९, पाकाहेम-६५६०, पाकाहेम-६५७९, पाकाहेम- १०६४४, भांका-९९, भांका- १३० पाकाहेम-५०८९, पाकाहेम-१०७१८, पाकाहेम- १२३७९, भांका-१९६ पाकाहेम - ६५७७, पाकाहेम - ६६६० पातासंघवी - २८, पाकाहेम-२८७५, पाकाहेम-६५४१, पाकाहेम-६६७२, पाकाहेम-६८६९, पाकाहेम-६९३३, पाकाहेम-१००९९, पाकाहेम- १२३४१ पातासंघवी-२३, पातासंघवी - २९-१, तालाद- ३१३, पाकाहेम-६५४६, पाकाहेम-६५४७, पाकाहेम-६७०५, पाकाहेम-७३९१, पाकाहेम-७९८८, पाकाहेम-८२३१, पाकाहेम-८६६०, पाकाहेम- १०३२८, पाकाहेम - १०४९१, भांका - २२२ Page #142 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १२३ १४८७ १४८८ १४८९ १४९ १४९० १४९१ १४९२ १४९३ १४९४ १४९५ १४९६ १४९७ १४९८ १४९९ १५मी प्रतिलेखन वर्ष उपरथी प्रत माहिती पातासंघवी-६८-२, पाकाहेम-७७३, पाकाहेम-६६५१, पाकाहेम-६६९८, पाकाहेम-६८६२, पाकाहेम-१०७००, भांका-१४९ पाकाहेम-६५७२ पातासंघवी-२, पातासंघवी-३, पातासंघवी-३७, पातासंघवी-७४, तालाद-३२०, पाकाहेम-६५५३, पाकाहेम-१२३१४, भांका-२४५ पाकाहेम-८०१८ भांता-४३, भांता-४५, पाकाहेम-६५४३, पाकाहेम-७४७०, पाकाहेम-८६८० तालाद-३१९, पाकाहेम-६६२६, पाकाहेम-८७५४, भांका-१२३, भांका-३०६ पातासंघवी-५६-१, पाताहेसं-३७, तालाद-३१२, तालाद-३१४, पाकाहेम-६५५२, पाकाहेम-७५२७, पाकाभाभा-३९, भांका-१४२, भांका-२१० पाकाहेम-६५२६, पाकाहेम-६५२७, पाकाहेम-६५३०, पाकाहेम-६५३८, पाकाहेम-१२८३८ पाकाहेम-२६६२, पाकाहेम-६५२८, पाकाहेम-६५२९, पाकाहेम-६५३४, पाकाहेम-६५३५, पाकाहेम-६५३७, भांका-१५८ पाकाहेम-६५३१, पाकाहेम-६५३३, पाकाहेम-६५३६, पाकाहेम-१०३८१, पाकाभाभा-४९ पाकाहेम-१०१०५ पातासंघवी-८, पातासंघवी-९, पाकाहेम-१७२९४, भांका-९६, भांका-१६६, भांका-२९९ पाकाहेम-१४८९४, भांका-९७ पाकाहेम-८२१९, पाकाहेम-१००७५ तालाद-३११, तालाद-३१७, तालाद-३२५, तालाद-३२७, तालाद-३३३, तालाद-३३५, तालाद-३३६, तालाद-३३७, तालाद-३३९, तालाद-३४३, तालाद-३४९, पाकाहेम-११६४, पाकाहेम-११६६, पाकाहेम-१८७२, पाकाहेम-१८८७, पाकाहेम-१८९०, पाकाहेम-१९४०, पाकाहेम-२३२८, पाकाहेम-२८७१, पाकाहेम-३३८४, पाकाहेम-३९९६, पाकाहेम-६५३२, पाकाहेम-६५४०, पाकाहेम-६५४२, पाकाहेम-६५४४, पाकाहेम-६५४५, पाकाहेम-६५४८, पाकाहेम-६५४९, पाकाहेम-६५५०, पाकाहेम-६५५१, पाकाहेम-६५५४, पाकाहेम-६५५५, पाकाहेम-६५५६, पाकाहेम-६५५८, पाकाहेम-६५६१, पाकाहेम-६५६२, पाकाहेम-६५६४, पाकाहेम-६५६६, पाकाहेम-६५६७, पाकाहेम-६५६८, पाकाहेम-६५६९, पाकाहेम-६५७०, पाकाहेम-६५७१, पाकाहेम-६५७३, पाकाहेम-६५७५, पाकाहेम-६५७६, पाकाहेम-६५७८, पाकाहेम-६५८०, पाकाहेम-६५८१, पाकाहेम-६५८४, पाकाहेम-६५८७, पाकाहेम-६५८८, पाकाहेम-६५९०, पाकाहेम-६५९२, पाकाहेम-६५९३, पाकाहेम-६५९४, पाकाहेम-६५९५, पाकाहेम-६५९६, पाकाहेम-६५९७, पाकाहेम-६५९९, पाकाहेम-६६०३, पाकाहेम-६६०८, पाकाहेम-६६०९, पाकाहेम-६६१३, पाकाहेम-६६१८, पाकाहेम-६६२३, पाकाहेम-६६२९, पाकाहेम-६६४०, पाकाहेम-६६४१, पाकाहेम-६६४३, पाकाहेम-६६४८, पाकाहेम-६६४४, पाकाहेम-६६५०, पाकाहेम-६६५७, पाकाहेम-६६५८, पाकाहेम-६६५९, पाकाहेम-६६६१, पाकाहेम-६६६२, पाकाहेम-६६६९, पाकाहेम-६६७१, पाकाहेम-६६७३, पाकाहेम-६६७४, पाकाहेम-६६७५, पाकाहेम-६६७६, पाकाहेम-६६७८, पाकाहेम-६६८२, पाकाहेम-६६८४, पाकाहेम-६६८५, पाकाहेम-६६८६, पाकाहेम-६६८७, पाकाहेम-६६८९, पाकाहेम-६६९०, पाकाहेम-६६९१, पाकाहेम-६६९३, पाकाहेम-६६९७, पाकाहेम-६७०६, पाकाहेम-६७०८, पाकाहेम-६७१७, पाकाहेम-६७१९, पाकाहेम-६७२१, पाकाहेम-६७२२, पाकाहेम-६७२४, पाकाहेम-६७३०, पाकाहेम-६७३१, पाकाहेम-६७३९, पाकाहेम-६७४२, पाकाहेम-६७४४, पाकाहेम-६७५९, पाकाहेम-६७६८, पाकाहेम-६७६४, पाकाहेम-६७८३, पाकाहेम-६७८४, पाकाहेम-६७८०, पाकाहेम-६७८१, पाकाहेम-६७८२, पाकाहेम-६७९२, पाकाहेम-६७९०, पाकाहेम-६८५५, पाकाहेम-६९६७, पाकाहेम-७०२५, पाकाहेम-७०३०, पाकाहेम-७०३२, पाकाहेम-७१२४, पाकाहेम-७३०७, पाकाहेम-७३७०, पाकाहेम-७३७१, पाकाहेम-७३७६, पाकाहेम-७३८९, पाकाहेम-७३९०, पाकाहेम-७३९५, पाकाहेम-७३९६, पाकाहेम-७३९७, पाकाहेम-७३९८, पाकाहेम-७४०२, पाकाहेम-७४०४, पाकाहेम-७४११, पाकाहेम-७४१२, पाकाहेम-७४१३, पाकाहेम-७८५७, पाकाहेम-८१३०, पाकाहेम-८२२०, पाकाहेम-९५०४, पाकाहेम-९६१९, Page #143 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १२४ १५वी १५०१ १५०२ १५०३ १५०४ १५०५ १५०६ १५०७ १५०८ १५०९ १५१० १५११ १५१२ १५१४ १५१५ १५१६ १५१७ १५१८ १५१९ प्रतिलेखन वर्ष उपरथी प्रत माहिती पाकाहेम-९८६७, पाकाहेम-१०१०२, पाकाहेम-१०१०१, पाकाहेम-१०१०३, पाकाहेम-१०१०७, पाकाहेम-१०१०९, पाकाहेम-१०११०, पाकाहेम-१०१११, पाकाहेम-१०१२०, पाकाहेम-१०१९८, पाकाहेम-१०२००, पाकाहेम-१०२०१, पाकाहेम-१०२०२, पाकाहेम-१०३२९, पाकाहेम-१०३३७, पाकाहेम-१०३३८, पाकाहेम-१०३४८, पाकाहेम-१०३४९, पाकाहेम-१०३८२, पाकाहेम-१०३९७, पाकाहेम-१०४००, पाकाहेम-१०४०६, पाकाहेम-१०४४३, पाकाहेम-१०४४४, पाकाहेम-१०४९४, पाकाहेम-१०५९१, पाकाहेम-१०६४१, पाकाहेम-१०७०९, पाकाहेम-१०७३५, पाकाहेम-१०७४१, पाकाहेम-११०२९, पाकाहेम-११२८०, पाकाहेम-१२१२४, पाकाहेम-१२२९६, पाकाहेम-१२३०५, पाकाहेम-१२३४५, पाकाहेम-१२३५२, पाकाहेम-१२३६४, पाकाहेम-१२३७०, पाकाहेम-१२३७१, पाकाहेम-१२३७२, पाकाहेम-१२७५५, पाकाहेम-१२८३७, पाकाहेम-१२८३९, पाकाहेम-१३३०५, पाकाहेम-१४९५४, पाकाहेम-१४९५८, पाकाहेम-१४९७१, पाकाहेम-१५०३२, पाकाहेम-१५३०१ भांता-४६, पाकाहेम-३५४५, पाकाहेम-३९९०, पाकाहेम-६५९८, पाकाहेम-७३२१, पाकाहेम-७४०३, पाकाहेम-१०७४५, पाकाभाभा-३ पाकाहेम-७५१, पाकाहेम-६९४४, पाकाहेम-७२१९, पाकाहेम-१०३८५, पाकाहेम-१०३८९, पाकाहेम-११७२६ पाकाहेम-१४८४५, पाकाहेम-१४८४६ पाकाहेम-१०४६५, पाकाहेम-१०४७२, पाकाहेम-१०४७३, पाकाहेम-१७१०० पाकाहेम-६८०४, पाकाहेम-७०३४, पाकाहेम-९४८७, पाकाहेम-९४८८, पाकाहेम-९४८९, पाकाहेम-९४९०, पाकाहेम-९४९१, पाकाहेम-९४९२, पाकाहेम-९४९३, पाकाहेम-९४९४, पाकाहेम-१४९८४, पाकाहेम-१४९८५ पाकाहेम-४८९, पाकाहेम-९०३४, पाकाहेम-१४८६५, पाकाहेम-१८७८९ पाकाहेम-१०४८४, पाकाहेम-१६४०५ पाकाहेम-२००१, पाकाहेम-१०३८७, भांका-२०६ पाकाहेम-१०३१५, पाकाहेम-१२१५० पाकाहेम-१०३८० पाकाहेम-६९५६, भांका-१२२ पाकाहेम-६९७३, भांका-२६६ भांका-१६४ पाकाहेम-६८६३ पाकाहेम-१०११२, भांका-१७९, भांका-२०७ पाकाहेम-७४३३, पाकाहेम-१०५६४ पाकाहेम-७०२७, पाकाहेम-१०५०२ पाकाहेम-१२३८१, भांका-१०७ पाकाहेम-१०३८६, पाकाहेम-११०२५ पाकाहेम-८१२५, पाकाहेम-१०११७, भांका-११३ पाकाहेम-६९३६, पाकाहेम-७१७७, पाकाहेम-१०३७३, पाकाहेम-१०६४० पाकाहेम-७२९६, पाकाहेम-१६७७३ पाकाहेम-२५०२, पाकाहेम-११०७८ पाकाहेम-७०२३ पाकाभाभा-७७ पाकाहेम-६९५१, पाकाहेम-८९१३ पाकाहेम-७०६१, पाकाहेम-१०१९६, पाकाहेम-१०४६०, भांका-२३७ पाकाहेम-३६८८, पाकाहेम-१०३८४, पाकाहेम-१०५९० पाकाहेम-७८१, पाकाभाभा-६३ पाकाहेम-१०३४५, पाकाभाभा-३५ पाकाहेम-१००१३, पाकाहम-११०१९ पाकाहेम-१०३७१, पाकाहेम-१०५८७, पाकाहेम-१०६७१, पाकाहेम-१२१३७ १५२० १५२१ १५२२ १५२३ १५२४ १५२५ १५२६ १५२७ १५२८ १५२९ १५३० १५३१ १५३४ Page #144 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १२५ १५३५ १५३६ १५३८ १५३९ १५४१ १५४२ १५४३ १५४४ १५४५ १५४६ १५४७ १५४८ १५४९ १५५० १५५१ १५५२ १५५३ १५५४ १५५५ १५५७ १५५९ १५६० १५६१ १५६२ १५६३ १५६४ १५६५ १५६६ १५६७ १५६९ १५७१५७० १५७१ प्रतिलेखन वर्ष उपरथी प्रत माहिती पाकाहेम-१०६६२ पाकाहेम-७४६९ पाकाहेम-६६६, पाकाहेम-१४८५२, पाकाहेम-१४८७३, पाकाहेम-१४९०६, पाकाहेम-१४९०७, पाकाहेम-१४९१०, पाकाहेम-१४९२०, पाकाहेम-१४९२१, पाकाहेम-१४९२८, पाकाहेम-१४९३२, पाकाहेम-१४९३८ पाकाहेम-७३० पाकाहेम-७८७८, पाकाहेम-१०४३६, पाकाहेम-१६६७०, पुप्रे-४२३ पाकाभाभा-७५ पाकाहेम-९३८, पाकाहेम-९३९, पाकाहेम-९४०, पाकाहेम-९४३ पाकाहेम-१४९१७ पाकाहेम-७३१ पाकाहेम-१०५२१, पाकाहेम-१०७३१, पाकाभाभा-७८ पाकाहेम-१०१५३, पाकाहेम-१०३५१, पाकाहेम-१०६०२ पाकाहेम-१६७०, पाकाहेम-१४८७० पाकाहेम-१०३११, पाकाहेम-१४८६७, पाकाहेम-१४८७१, पाकाहेम-१४९०५, पाकाहेम-१४९२२, पाकाहेम-१४९२४ पाकाहेम-१०२७७, भांका-१९४ पाकाहेम-६७३८, पाकाहेम-१०४९७ पाकाहेम-१०४६७ पाकाहेम-६७३७, पाकाहेम-१०३४१, पाकाहेम-१०४१९ पाकाहेम-१०४१४, पाकाहेम-१०४१५, पाकाहेम-१०५५६, पाकाहेम-१५२४६ भांका-१६९ पाकाहेम-१०४३९, पाकाहेम-१४८९० पाकाहेम-१०५३२ पाकाहेम-२३६० लिंता-४४, पाकाहेम-१०१२९ पाकाहेम-१४८९९, पाकाभाभा-२२, भांका-२२४ लिंता-४३, पाकाहेम-१०५४३, पाकाहेम-१४८५३, पाकाहेम-१४८६८, पुप्रे-४४६ पाकाहेम-१०५४४, पाकाहेम-१४९१५ लिंता-१४, पाकाहेम-७०२ भांका-२३८, भांका-२४९ पाकाहेम-१६२३, पाकाहेम-१०१६५, पाकाहेम-१०३१० पाकाहेम-१००२६, पाकाहेम-१००२९ पाकाहेम-१००६२ पाकाहेम-१०००६, पाकाहेम-१००६१, पाकाहेम-१४८५७ पाकाहेम-१००११, पाकाहेम-१००१५, पाकाहेम-१००१६, पाकाहेम-१०११८, पाकाहेम-१४८४८, पाकाहेम-१४८६१ पाकाहेम-१००२२, पाकाहेम-१००२३, पाकाहेम-१००२४, पाकाहेम-१००५४, पाकाहेम-१४८४९, पाकाहेम-१४८५४, भांका-१८१ पाकाहेम-८००, पाकाहेम-८०७७, पाकाहेम-१००१८, पाकाहेम-१००३१, पाकाहेम-१००४१, पाकाहेम-१००६३, पाकाहेम-१००८५, पाकाहेम-१४८७६, पाकाहेम-१४९०३ पाकाहेम-९९८८, पाकाहेम-१००००, पाकाहेम-१००३०, पाकाहेम-१००३९, पाकाहेम-१००४२. पाकाहेम-१००४८, पाकाहेम-१००६५, पाकाहेम-१००८२, पाकाहेम-१००९२, पाकाहेम-१००९४ पुप्रे-४५६ पाकाहेम-१०३४४ पाकाहेम-१४८५१ १५७२ १५७३ १५७४ १५७५ १५७८ १५८० Page #145 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १२६ १५८३ १५८४ १५८५ १५८६ १५८७ १५८९ १५९० १५९१ १५९२ १५९३ १५९४ १५९५ १५९६ प्रतिलेखन वर्ष उपरथी प्रत माहिती पाकाहेम-१०३४३ पाकाहेम-१५३७७ पाकाहेम-१४७९३, पाकाहेम-१४७९५, पाकाहेम-१४८४३, पाकाहेम-१४८४४, पाकाहेम-१४८५५, पाकाहेम-१६७३६ पाकाहेम-१०५७० पाकाहेम-१०३६५, पाकाहेम-१०४०९, भांका-२१३ पाकाहेम-१६६५७ पाकाहेम-६९१४, पाकाहेम-१०३५२ पाकाहेम-३४७४ पाकाहेम-४२८९, पाकाहेम-६९७२, पाकाहेम-१०३५३, पाकाहेम-१०७३० पाकाहेम-१०४५२, पाकाहेम-१०७२३, पाकाहेम-१०७३२, पाकाभाभा-७६, भांका-८७ पाकाहेम-४३७, भांका-८४, भांका-२७२ वताकांति-४०६-१, पाकाहेम-१०२३९, भांका-२८९ पाकाहेम-११०५३ पाकाहेम-१२९, पाकाहेम-१०३५०, पाकाहेम-१०३९५, पाकाहेम-१०५२५, पाकाहेम-१०५३५, पाकाहेम-१११४९ पाकाहेम-१०३४०, पाकाहेम-१०४०२, पाकाहेम-१०४१२, पाकाहेम-१०४२१ १५९७ १५९८ Page #146 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १२७ भंडारकोड-ग्रंथांक क्लिन/ओरिजिनल डीवीडी भंडारकोड -ग्रंथांक पाताखेत-१-१ पाताखेत-१-२ पाताखेत-१-३ पाताखेत-२-१ पाताखेत-२-२ पाताखेत-३ पाताखेत-४ पाताखेत-५ पाताखेत-६ पाताखेत-७ पाताखेत-८ पाताखेत-९-१ पाताखेत-९-२ पाताखेत-१० पाताखेत-११ पाताखेत-१२ पाताखेत-१३ पाताखेत-१४ पाताखेत-१५ पाताखेत-१६ पाताखेत-१७-१ पाताखेत-१७-२ पाताखेत-१८ पाताखेत-१९ पाताखेत-२२ पाताखेत-२३ पाताखेत-२४-१ पाताखेत-२४-२ पाताखेत-२५ पाताखेत-२६ पाताखेत-२७ पाताखेत-२८-१ पाताखेत-२८-२ पाताखेत-३० पाताखेत-३२-१ पाताखेत-३२-२ पाताखेत-३३ पाताखेत-३४-१ पाताखेत-३४-२ पाताखेत-३४-३ पाताखेत-३६ क्लिन/ओरि. डीवीडी ६१/६३ ६१/६३ ६१/६३ ६१/६३ ६१/६३ ६१/६३ ६१/६३ ६१/६३ ६१/६३ ६१/६३ ६१/६३ ६१/६३ ६१/६३ ६१/६३ ६१/६३ ६१/६३ ६१/६३ ६१/६३ ६१/६३ ६१/६३ ६१/६३ ६१/६३ ६१/६३ ६१/६३ ६१/६३ ६१/६३ ६१/६३ ६१/६३ ६२/६४ भंडारकोड क्लिन/ओरि. -ग्रंथांक डीवीडी पाताखेत-३७ ६२/६४ पाताखेत-३८-१ ६२/६४ पाताखेत-३८-२ ६२/६४ पाताखेत-३९ ६२/६४ पाताखेत-४०-१ ६२/६४ पाताखेत-४१-१ ६२/६४ पाताखेत-४१-२ ६२/६४ पाताखेत-४२ ६२/६४ पाताखेत-४४-१ ६२/६४ पाताखेत-४४-२ ६२/६४ पाताखेत-४४-३ ६२/६४ पाताखेत-४५ ६२/६४ पाताखेत-४६ ६२/६४ पाताखेत-४९ ६२/६४ पाताखेत-५० ६२/६४ पाताखेत-५२-१ ६२/६४ पाताखेत-५२-२ ६२/६४ पाताखेत-५३-१ ६२/६४ पाताखेत-५३-२ ६२/६४ पाताखेत-५४-१ ६२/६४ पाताखेत-५४-२ ६२/६४ पाताखेत-५५ ६२/६४ पाताखेत-५६ ६२/६४ पाताखेत-५७६२/६४ पातासंघवीजीर्ण-१ ५६/५९ पातासंघवीजीर्ण-२ ५६/५९ पातासंघवीजीर्ण-२३ ५६/५९ पातासंघवीजीर्ण-२६ ५६/५९ पातासंघवीजीर्ण-२७ ५६/५९ पातासंघवीजीर्ण-२८ ५६/५९ पातासंघवीजीर्ण-३० ५६/५९ पातासंघवीजीर्ण-३१ ५६/५९ पातासंघवीजीर्ण-३२ ५६/५९ पातासंघवीजीर्ण-३३ ५६/५९ पातासंघवीजीर्ण-३४ ५६/५९ पातासंघवीजीर्ण-३५ ५६/५९ पातासंघवीजीर्ण-३६ ५७/५९ पातासंघवीजीर्ण-३७ ५७/५९ पातासंघवीजीर्ण-३९ ५७/५९ पातासंघवीजीर्ण-४० ५७/५९ पातासंघवीजीर्ण-४१ ५७/६० भंडारकोड क्लिन/ओरि. -ग्रंथांक डीवीडी पातासंघवीजीर्ण-४२ ५७/६० पातासंघवीजीर्ण-४३ ५७/६० पातासंघवीजीर्ण-४५ ५७/६० पातासंघवीजीर्ण-४६ ५७/६० पातासंघवीजीर्ण-४७ ५७/६० पातासंघवीजीर्ण-४८ ५७/६० पातासंघवीजीर्ण-४९ ५७/६० पातासंघवीजीर्ण-५० ५७/६० पातासंघवीजीर्ण-५१ ५७/६० पातासंघवीजीर्ण-५२ ५७/६० पातासंघवीजीर्ण-५४ ५७/६० पातासंघवीजीर्ण-५५ ५७/६० पातासंघवीजीर्ण-५६ ५७/६० पातासंघवीजीर्ण-५७ ५७/६० पातासंघवीजीर्ण-५८-१५७/६० पातासंघवीजीर्ण-५८-२५७/६० पातासंघवीजीर्ण-५८-३५७/६० पातासंघवीजीर्ण-५९ ५७/६० पातासंघवीजीर्ण-६० ५७/६० पातासंघवीजीर्ण-६२ ५८/६० पातासंघवीजीर्ण-६३ ५८/६० पातासंघवीजीर्ण-६४ ५८/६० पातासंघवीजीर्ण-६५ ५८/६० पातासंघवीजीर्ण-६८ ५८/६० पातासंघवीजीर्ण-६९ ५८/६० पातासंघवीजीर्ण-७० ५८/६० पातासंघवीजीर्ण-७१ ५८/६० पातासंघवीजीर्ण-७२ ५८/६० पातासंघवीजीर्ण-७३ ५८/६० पातासंघवीजीर्ण-७४ ५८/६० पातासंघवीजीर्ण-७५ ५८/६० पातासंघवीजीर्ण-७६ ५८/६० पातासंघवीजीर्ण-८० ५८/६० पातासंघवीजीर्ण-८१ ५८/६० पातासंघवीजीर्ण-८४ ५८/६० पातासंघवीजीर्ण-८६-१ पातासंघवीजीर्ण-८६-२ पातासंघवीजीर्ण-८७ ५८/६० पातासंघवीजीर्ण-८८ ५८/६० पातासंघवीजीर्ण-८९ ५८/६० पातासंघवीजीर्ण-९० ५८/६० ६२/६४ ६२/६४ ६२/६४ ६२/६४ ६२/६४ ६२/६४ ६२/६४ ६२/६४ ६२/६४ ६२/६४ ६२/६४ Page #147 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १२८ क्लिन/ओरि. डीवीडी २५/४४ २५/४४ २५/४४ २५/४४ २६/४४ २६/४४ २६/४५ २६/४५ भंडारकोड क्लिन/ओरि. -ग्रंथांक डीवीडी पातासंघवीजीर्ण-९१ ५८/६० पातासंघवीजीर्ण-९२ ५८/६० पातासंघवीजीर्ण-९४ ५८/६० पातासंघवीजीर्ण-९५ पातासंघवीजीर्ण-९६ ५८/६० पातासंघवीजीर्ण-९७ ५८/६० पातासंघवी-२ २०/३९ पातासंघवी-३ २०/३९ पातासंघवी-४-१ २०/३९ पातासंघवी-४-२ २०/३९ पातासंघवी-४-३ २०/३९ पातासंघवी-८ २०/३९ पातासंघवी-९ २१/३९ पातासंघवी-१० २१/४० पातासंघवी-११ २१/४० पातासंघवी-१२ २१/४० पातासंघवी-१६-१ २२/४० पातासंघवी-१६-२ २२/४० पातासंघवी-१६-३ २२/४० पातासंघवी-१७-१ २२/४१ पातासंघवी-१७-२ २२/४१ पातासंघवी-१७-३ २२/४१ पातासंघवी-१८ २२/४१ पातासंघवी-१९ २२/४१ पातासंघवी-२१ २२/४१ पातासंघवी-२२ २३/४१ पातासंघवी-२३ २३/४१ पातासंघवी-२४ २३/४२ पातासंघवी-२५ २३/४२ पातासंघवी-२६ २४/४२ पातासंघवी-२७-१ २४/४२ पातासंघवी-२८ २४/४२ पातासंघवी-२९-१ २४/४३ पातासंघवी-२९-२ २४/४३ पातासंघवी-३० २४/४३ पातासंघवी-३१-१ २५/४३ पातासंघवी-३१-२ २५/४३ पातासंघवी-३१-३ २५/४३ पातासंघवी-३२ २५/४३ पातासंघवी-३३-१ २५/४३ पातासंघवी-३३-३ २५/४३ पातासंघवी-३४-१ २५/४४ पातासंघवी-३४-२ २५/४४ भंडारकोड -ग्रंथांक पातासंघवी-३५-१ पातासंघवी-३५-२ पातासंघवी-३६ पातासंघवी-३७ पातासंघवी-३८ पातासंघवी-३९ पातासंघवी-४० पातासंघवी-४१-१ पातासंघवी-४१-२ पातासंघवी-४२ पातासंघवी-४३ पातासंघवी-४४ पातासंघवी-४५ पातासंघवी-४६ पातासंघवी-४७ पातासंघवी-४८ पातासंघवी-४९ पातासंघवी-५० पातासंघवी-५१ पातासंघवी-५२ पातासंघवी-५३ पातासंघवी-५४-१ पातासंघवी-५४-२ पातासंघवी-५४-३ पातासंघवी-५५-२ पातासंघवी-५५-३ पातासंघवी-५६-१ पातासंघवी-५६-२ पातासंघवी-५६-३ पातासंघवी-५७-१ पातासंघवी-५७-२ पातासंघवी-५८-१ पातासंघवी-५८-२ पातासंघवी-५८-३ पातासंघवी-५८-४ पातासंघवी-५९-१ पातासंघवी-५९-२ पातासंघवी-५९-३ पातासंघवी-६०-१ पातासंघवी-६०-२ पातासंघवी-६०-३ पातासंघवी-६१-१ पातासंघवी-६१-२ भंडारकोड -ग्रंथांक पातासंघवी-६२-१ पातासंघवी-६२-२ पातासंघवी-६२-३ पातासंघवी-६२-४ पातासंघवी-६२-५ पातासंघवी-६३-१ पातासंघवी-६३-२ पातासंघवी-६३-३ पातासंघवी-६३-४ पातासंघवी-६४-१ पातासंघवी-६४-२ पातासंघवी-६४-३ पातासंघवी-६५-१ पातासंघवी-६५-२ पातासंघवी-६५-३ पातासंघवी-६५-४ पातासंघवी-६५-५ पातासंघवी-६६-१ पातासंघवी-६६-२ पातासंघवी-६६-३ पातासंघवी-६६-४ पातासंघवी-६७-१ पातासंघवी-६७-२ पातासंघवी-६७-३ पातासंघवी-६७-४ पातासंघवी-६८-१ पातासंघवी-६८-२ पातासंघवी-६८-३ पातासंघवी-६८-४ पातासंघवी-६९-१ पातासंघवी-६९-२ पातासंघवी-६९-३ पातासंघवी-६९-४ पातासंघवी-७०-१ पातासंघवी-७०-२ पातासंघवी-७०-३ पातासंघवी-७०-४ पातासंघवी-७१-१ पातासंघवी-७१-२ पातासंघवी-७१-३ पातासंघवी-७२-१ पातासंघवी-७२-२ पातासंघवी-७२-३ क्लिन/ओरि. डीवीडी ३०/४९ ३०/४९ ३०/४९ ३०/४९ ३०/४९ ३०/४९ ३०/४९ ३०/४९ ३०/४९ ३०/४९ ३०/४९ ३०/४९ ३०/४९ ३०/४९ ३०/४९ ३०/४९ ३०/४९ ३०/४९ ३०/४९ ३०/४९ ३०/४९ ३०/४९ ३०/४९ ३०/४९ २६/४५ २७/४५ २७/४५ २७/४६ २७/४६ २७/४६ २८/४६ २८/४६ २८/४७ २८/४७ २८/४७ २९/४७ २९/४७ २९/४७ २९/४७ २९/४७ २९/४७ २९/४८ २९/४८ २९/४८ २९/४८ २९/४८ २९/४८ २९/४८ २९/४८ २९/४८ २९/४८ २९/४८ २९/४८ ३०/४८ ३०/४८ ३०/४८ ३०/४९ ३०/४९ ३०/४९ ३०/४९ ३०/४९ ३०/४९ ३१/४९ ३१/४९ ३१/४९ ३१/४९ ३१/४९ ३१/४९ ३१/४९ ३१/४९ ३१/५० ३१/५० ३१/५० ३१/५० ३१/५० ३१/५० Page #148 -------------------------------------------------------------------------- ________________ J भंडारकोड क्लिन/ओरि. -ग्रंथांक डीवीडी पातासंघवी-७२-४ ३१/५० पातासंघवी-७३ ३१/५० पातासंघवी-७४ ३१/५० पातासंघवी-७५ ३१/५० पातासंघवी-७६ ३१/५० पातासंघवी-७७ ३१/५० पातासंघवी-७८-१ ३१/५० पातासंघवी-७९-१ ३१/५० पातासंघवी-७९-२ ३१/५० पातासंघवी-८० ३१/५० पातासंघवी-८१ ३२/५० पातासंघवी-८२-१ ३२/५० पातासंघवी-८२-२ ३२/५० पातासंघवी-८३-१ पातासंघवी-८३-२ पातासंघवी-८४ ३२/५० पातासंघवी-८५ ३२/५० पातासंघवी-८६ ३२/५० पातासंघवी-८७ ३२/५० पातासंघवी-८८ ३२/५१ पातासंघवी-८९ ३२/५१ पातासंघवी-९० ३२/५१ पातासंघवी-९१ ३२/५१ पातासंघवी-९२ ३२/५१ पातासंघवी-९३ ३२/५१ पातासंघवी-९४ ३२/५१ पातासंघवी-९५ ३२/५१ पातासंघवी-९६ ३३/५१ पातासंघवी-९७ ३३/५१ पातासंघवी-९८-१ ३३/५१ पातासंघवी-९८-२ ३३/५१ पातासंघवी-९९ ३३/५१ पातासंघवी-१०० ३३/५१ पातासंघवी-१०१ ३३/५१ पातासंघवी-१०२-१ ३३/५१ पातासंघवी-१०२-२ ३३/५१ पातासंघवी-१०३ ३३/५१ पातासंघवी-१०४-१ ३३/५१ पातासंघवी-१०४-२ ३३/५१ पातासंघवी-१०५-१ पातासंघवी-१०५-२ पातासंघवी-१०६-१ पातासंघवी-१०६-२ ३३/५१ भंडारकोड क्लिन/ओरि. -ग्रंथांक डीवीडी पातासंघवी-१०६-३ ३३/५१ पातासंघवी-१०७ ३३/५१ पातासंघवी-१०८ ३३/५२ पातासंघवी-१०९ ३३/५२ पातासंघवी-११०-१ ३३/५२ पातासंघवी-११०-२ ३३/५२ पातासंघवी-१११ ३३/५२ पातासंघवी-११२ ३३/५२ पातासंघवी-११३-१ ३३/५२ पातासंघवी-११३-२ ३३/५२ पातासंघवी-११४-१ ३३/५२ पातासंघवी-११५ ३३/५२ पातासंघवी-११६ ३३/५२ पातासंघवी-११७-१ ३४/५२ पातासंघवी-११७-२ ३४/५२ पातासंघवी-११८-१ ३४/५२ पातासंघवी-११८-२ ३४/५२ पातासंघवी-११९-१ ३४/५२ पातासंघवी-११९-२ पातासंघवी-१२० ३४/५२ पातासंघवी-१२१-१ ३४/५२ पातासंघवी-१२१-२ ३४/५२ पातासंघवी-१२२ ३४/५२ पातासंघवी-१२३-१ ३४/५२ पातासंघवी-१२३-२ ३४/५२ पातासंघवी-१२४-१ ३४/५२ पातासंघवी-१२४-२ ३४/५२ पातासंघवी-१२५ ३४/५२ पातासंघवी-१२६ ३४/५२ पातासंघवी-१२७-१ ३४/५२ पातासंघवी-१२७-२ ३४/५२ पातासंघवी-१२८-१ ३४/५२ पातासंघवी-१२८-२ ३४/५२ पातासंघवी-१२९ ३४/५२ पातासंघवी-१३०-१ ३४/५२ पातासंघवी-१३०-२ ३४/५२ पातासंघवी-१३१-१ ३४/५२ पातासंघवी-१३१-२ ३४/५२ पातासंघवी-१३२ ३४/५२ पातासंघवी-१३३-१ ३४/५२ पातासंघवी-१३३-२ ३४/५२ पातासंघवी-१३४-१ ३४/५२ पातासंघवी-१३४-२ ३४/५२ १२९ भंडारकोड क्लिन/ओरि. -ग्रंथांक डीवीडी पातासंघवी-१३५-१ ३४/५३ पातासंघवी-१३५-२ ३४/५३ पातासंघवी-१३६-१ ३४/५३ पातासंघवी-१३६-२ ३४/५३ पातासंघवी-१३७-१ ३५/५३ पातासंघवी-१३७-२ ३५/५३ पातासंघवी-१३८-१ ३५/५३ पातासंघवी-१३८-२ ३५/५३ पातासंघवी-१३९-१ ३५/५३ पातासंघवी-१३९-२ ३५/५३ पातासंघवी-१४० ३५/५३ पातासंघवी-१४१-१ ३५/५३ पातासंघवी-१४१-२ ३५/५३ पातासंघवी-१४२-१ ३५/५३ पातासंघवी-१४२-२ ३५/५३ पातासंघवी-१४३-१ ३५/५३ पातासंघवी-१४३-२ ३५/५३ पातासंघवी-१४४-१ ३५/५३ पातासंघवी-१४४-२ ३५/५३ पातासंघवी-१४५-१ ३५/५३ पातासंघवी-१४५-२ ३५/५३ पातासंघवी-१४६-१ ३५/५३ पातासंघवी-१४६-२ ३५/५३ पातासंघवी-१४७-१ ३५/५३ पातासंघवी-१४७-२ ३५/५३ पातासंघवी-१४८ ३५/५३ पातासंघवी-१४९ ३५/५३ पातासंघवी-१५० ३५/५३ पातासंघवी-१५१ ३५/५३ पातासंघवी-१५२-१ ३५/५३ पातासंघवी-१५२-२ ३५/५३ पातासंघवी-१५३-१ ३५/५३ पातासंघवी-१५३-२ ३५/५३ पातासंघवी-१५४-१ ३५/५३ पातासंघवी-१५४-२ ३५/५३ पातासंघवी-१५५-१ ३५/५३ पातासंघवी-१५५-२ ३५/५३ पातासंघवी-१५६-१ ३६/५३ पातासंघवी-१५६-२ ३६/५३ पातासंघवी-१५७-१ ३६/५३ पातासंघवी-१५७-२ ३६/५३ पातासंघवी-१५८ ३६/५३ पातासंघवी-१५९ ३६/५३ Page #149 -------------------------------------------------------------------------- ________________ क्लिन/ओरि. डीवीडी १/११ १/११ १/११ २/१२ २/१२ २/१२ २/१२ २/१२ २/१२ २/१२ २/१२ २/१२ ३/१२ ३/१३ ३/१३ ३/१३ ३/१३ १३० भंडारकोड क्लिन/ओरि. -ग्रंथांक डीवीडी पातासंघवी-१६०-१ ३६/५३ पातासंघवी-१६०-२ ३६/५३ पातासंघवी-१६१-१ ३६/५३ पातासंघवी-१६१-२ ३६/५३ पातासंघवी-१६२ ३६/५३ पातासंघवी-१६३ ३६/५३ पातासंघवी-१६४ ३६/५३ पातासंघवी-१६५ ३६/५४ पातासंघवी-१६६ ३६/५४ पातासंघवी-१६७-१ ३६/५४ पातासंघवी-१६७-२ ३६/५४ पातासंघवी-१६८ ३६/५४ पातासंघवी-१६९-१ ३६/५४ पातासंघवी-१६९-२ ३६/५४ पातासंघवी-१७०-१ ३६/५४ पातासंघवी-१७०-२ ३६/५४ पातासंघवी-१७१-१ ३६/५४ पातासंघवी-१७१-२ ३६/५४ पातासंघवी-१७२-१ ३६/५४ पातासंघवी-१७२-२ ३६/५४ पातासंघवी-१७२-३ ३६/५४ पातासंघवी-१७३-१ ३६/५४ पातासंघवी-१७३-२ ३६/५४ पातासंघवी-१७४ ३६/५४ पातासंघवी-१७५ ३६/५४ पातासंघवी-१७६-१ ३६/५४ पातासंघवी-१७६-२ ३६/५४ पातासंघवी-१७७-१ ३६/५४ पातासंघवी-१७७-२ ३६/५४ पातासंघवी-१७८-१ ३६/५४ पातासंघवी-१७८-२ ३६/५४ पातासंघवी-१७९-१ ३६/५४ पातासंघवी-१७९-२ ३६/५४ पातासंघवी-१८०-१ ३६/५४ पातासंघवी-१८०-२ ३६/५४ पातासंघवी-१८१-१ ३७/५४ पातासंघवी-१८१-२ ३७/५४ पातासंघवी-१८२-१ ३७/५४ पातासंघवी-१८२-२ ३७/५४ पातासंघवी-१८३-१ ३७/५४ पातासंघवी-१८३-२ ३७/५४ पातासंघवी-१८४-१ ३७/५४ पातासंघवी-१८४-२ ३७/५४ भंडारकोड क्लिन/ओरि. -ग्रंथांक डीवीडी पातासंघवी-१८५-१ ३७/५४ पातासंघवी-१८५-२ ३७/५४ पातासंघवी-१८६-१ ३७/५४ पातासंघवी-१८६-२ ३७/५४ पातासंघवी-१८७-१ ३७/५४ पातासंघवी-१८७-२ ३७/५४ पातासंघवी-१८८-१ ३७/५४ पातासंघवी-१८८-२ ३७/५४ पातासंघवी-१८९-१ ३७/५४ पातासंघवी-१८९-२ पातासंघवी-१९०-१ पातासंघवी-१९०-२ ३७/५४ पातासंघवी-१९१-१ ३७/५४ पातासंघवी-१९१-२ ३७/५४ पातासंघवी-१९२-१ ३७/५४ पातासंघवी-१९२-२ ३७/५४ पातासंघवी-१९३-१ ३७/५४ पातासंघवी-१९३-२ ३७/५४ पातासंघवी-१९४-१ ३७/५४ पातासंघवी-१९४-२ ३७/५४ पातासंघवी-१९५-१ ३७/५४ पातासंघवी-१९५-२ ३७/५५ पातासंघवी-१९६-१ ३७/५५ पातासंघवी-१९६-२ ३७/५५ पातासंघवी-१९७-१ ३७/५५ पातासंघवी-१९८-२ ३८/५५ पातासंघवी-१९९-१ ३८/५५ पातासंघवी-१९९-२ ३८/५५ पातासंघवी-२००-२ ३८/५५ पातासंघवी-२०१-१ ३८/५५ पातासंघवी-२०१-२ ३८/५५ पातासंघवी-२०२ ३८/५५ पातासंघवी-२०३-१ ३८/५५ पातासंघवी-२०३-२ ३८/५५ पातासंघवी-२०४-१ ३८/५५ पातासंघवी-२०४-२ ३८/५५ पातासंघवी-२०५-१ ३८/५५ पातासंघवी-२०५-२ ३८/५५ पातासंघवी-२०६-१ ३८/५५ पातासंघवी-२०६-२ ३८/५५ पाताहेसं-२ पाताहेसं-३ १/११ पाताहेसं-५ १/११ भंडारकोड -ग्रंथांक पाताहेसं-६ पाताहेसं-७ पाताहेसं-८ पाताहेसं-९ पाताहेसं-१० पाताहेसं-११ पाताहेसं-१२ पाताहेसं-१३ पाताहेसं-१४ पाताहेसं-१५ पाताहेसं-१६ पाताहेसं-१७ पाताहेसं-१८ पाताहेसं-१९ पाताहेसं-२० पाताहेसं-२२ पाताहेसं-२३ पाताहेसं-२४ पाताहेसं-२५ पाताहेसं-२६ पाताहेसं-२७ पाताहेसं-२८ पाताहेसं-२९ पाताहेसं-३१ पाताहेसं-३२ पाताहेसं-३३ पाताहेसं-३४ पाताहेसं-३५ पाताहेसं-३६ पाताहेसं-३७ पाताहेसं-३८ पाताहेसं-३९ पाताहेसं-४० पाताहेसं-४१ पाताहेसं-४२ पाताहेसं-४३ पाताहेसं-४४ पाताहेसं-४५ पाताहेसं-४६ पाताहेसं-४८ पाताहेसं-४९ पाताहेसं-५० पाताहेसं-५१ ३/१३ ३/१३ ३/१३ ३/१३ ४/१३ ४/१३ ४/१४ ४/१४ ४/१४ ४/१४ ४/१४ ५/१४ ५/१४ ५/१४ ५/१४ ५/१४ ५/१५ ५/१५ ५/१५ ५/१५ ५/१५ ५/१५ ५/१५ ६/१५ Page #150 -------------------------------------------------------------------------- ________________ क्लिन/ओरि. डीवीडी ६/१५ ६/१५ ६/१५ क्लिन/ओरि. डीवीडी ७/१६ ७/१६ ७/१६ ७/१६ ७/१६ ७/१६ ७/१६ ७/१६ ६/१५ ६/१५ ६/१५ ६/१५ ६/१५ ६/१५ ६/१५ ६/१५ ६/१५ ६/१५ ६/१५ ६/१५ ६/१६ भंडारकोड -ग्रंथांक पाताहेसं-५२ पाताहेसं-५३ पाताहेसं-५४-१ पाताहेसं-५४-२ पाताहेसं-५५ पाताहेसं-५६ पाताहेसं-५७ पाताहेसं-५८ पाताहेसं-५९ पाताहेसं-६० पाताहेसं-६१ पाताहेसं-६२ पाताहेसं-६३ पाताहेसं-६४ पाताहेसं-६५ पाताहेसं-६६ पाताहेसं-६७ पाताहेसं-६९ पाताहेसं-७० पाताहेसं-७१ पाताहेसं-७४ पाताहेसं-७५ पाताहेसं-७६ पाताहेसं-७७ पाताहेसं-७८ पाताहेसं-७९ पाताहेसं-८० पाताहेसं-८१ पाताहेसं-८२ पाताहेसं-८३ पाताहेसं-८५ पाताहेसं-८६ पाताहेसं-८८ पाताहेसं-८९ पाताहेसं-९० पाताहेसं-९१ पाताहेसं-९२ पाताहेसं-९३ पाताहेसं-९४ पाताहेसं-९५ पाताहेसं-९६ पाताहेसं-९७ पाताहेसं-९९ ६/१६ १३१ क्लिन/ओरि. डीवीडी ८/१७ ८/१७ ८/१७ ८/१७ ८/१७ ८/१७ ८/१७ ८/१७ ८/१७ ८/१७ ८/१८ ८/१८ ८/१८ ८/१८ ८/१८ ८/१८ ८/१८ ८/१८ ८/१८ ८/१८ ८/१८ ८/१८ ९/१८ ९/१८ ९/१८ भंडारकोड -ग्रंथांक पाताहेसं-१०० पाताहेसं-१०१ पाताहेसं-१०२ पाताहेसं-१०३ पाताहेसं-१०४ पाताहेसं-१०५ पाताहेसं-१०६ पाताहेसं-१०७ पाताहेसं-१०८ पाताहेसं-१०९ पाताहेसं-११० पाताहेसं-१११ पाताहेसं-११२ पाताहेसं-११३ पाताहेसं-११४ पाताहेसं-११६ पाताहेसं-११७ पाताहेसं-११८ पाताहेसं-११९ पाताहेसं-१२० पाताहेसं-१२१ पाताहेसं-१२२ पाताहेसं-१२३ पाताहेसं-१२४ पाताहेसं-१२५ पाताहेसं-१२६ पाताहेसं-१२७ पाताहेसं-१२८ पाताहेसं-१२९ पाताहेसं-१३० पाताहेसं-१३१ पाताहेसं-१३२ पाताहेसं-१३३ पाताहेसं-१३४ पाताहेसं-१३५ पाताहेसं-१३६ पाताहेसं-१३७ पाताहेसं-१३८ पाताहेसं-१३९ पाताहेसं-१४० पाताहेसं-१४१ पाताहेसं-१४२ पाताहेसं-१४३ ६/१६ ६/१६ ६/१६ ६/१६ ६/१६ ६/१६ ७/१६ ७/१६ ७/१६ ७/१७ ७/१७ ७/१७ ७/१७ ७/१७ ७/१७ ७/१७ ७/१७ ७/१७ ७/१७ ७/१७ ७/१७ ७/१७ ८/१७ ८/१७ ८/१७ ८/१७ भंडारकोड -ग्रंथांक पाताहेसं-१४४ पाताहेसं-१४५ पाताहेसं-१४६ पाताहेसं-१४७ पाताहेसं-१४८ पाताहेसं-१४९ पाताहेसं-१५० पाताहेसं-१५१ पाताहेसं-१५२ पाताहेसं-१५३ पाताहेसं-१५४ पाताहेसं-१५५ पाताहेसं-१५६ पाताहेसं-१५७ पाताहेसं-१५८ पाताहेसं-१५९ पाताहेसं-१६० पाताहेसं-१६१ पाताहेसं-१६२ पाताहेसं-१६३ पाताहेसं-१६४ पाताहेसं-१६५ पाताहेसं-१६६ पाताहेसं-१६७ पाताहेसं-१६८ पाताहेसं-१६९ पाताहेसं-१७१-१ पाताहेसं-१७१-२ पाताहेसं-१७१-३ पाताहेसं-१७१-४ पाताहेसं-१७१-५ पाताहेसं-१७१-६ पाताहेसं-१७१-७ पाताहेसं-१७१-८ पाताहेसं-१७१-९ पाताहेसं-१७१-१० पाताहेसं-१७१-११ पाताहेसं-१७१-१२ पाताहेसं-१७१-१३ पाताहेसं-१७१-१४ पाताहेसं-१७१-१५ पाताहेसं-१७१-१६ पाताहेसं-१७१-१७ ६/१६ ९/१८ ८/१७ ६/१६ ७/१६ ७/१६ ७/१६ ७/१६ ७/१६ ७/१६ ७/१६ ७/१६ ७/१६ ७/१६ ७/१६ ७/१६ ७/१६ ७/१६ ७/१६ ७/१६ ७/१६ ७/१६ ८/१७ ८/१७ ८/१७ ८/१७ ८/१७ ८/१७ ९/१८ ९/१८ ९/१८ ९/१८ ९/१८ ९/१८ ९/१८ ९/१८ ९/१८ ९/१८ ९/१८ ९/१८ ९/१८ ९/१८ ९/१८ ९/१८ ९/१८ ८/१७ ८/१७ ८/१७ ८/१७ ८/१७ ८/१७ ८/१७ ८/१७ Page #151 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १३२ ९/१९ भंडारकोड क्लिन/ओरि. -ग्रंथांक डीवीडी पाताहेसं-१७१-१८ ९/१८ पाताहेसं-१७२ पाताहेसं-१७३ पाताहेसं-१७५ ९/१९ पाताहेसं-१७६ ९/१९ पाताहेसं-१७७ ९/१९ पाताहेसं-१७८ ९/१९ पाताहेसं-१७९ ९/१९ पाताहेसं-१८० ९/१९ पाताहेसं-१८१ १०/१९ पाताहेसं-१८२ १०/१९ पाताहेसं-१८३ १०/१९ पाताहेसं-१८४ १०/१९ पाताहेसं-१८५ १०/१९ पाताहेसं-१८६ १०/१९ पाताहेसं-१८७ १०/१९ पाताहेसं-१८८ १०/१९ पाताहेसं-१८९ १०/१९ पाताहेसं-१९० १०/१९ पाताहेसं-१९१ १०/१९ पाताहेसं-१९२ १०/१९ पाताहेसं-१९३ १०/१८ भांता-१ ६५/७४ भांता-२ ६५/७४ भांता-३ ६५/७४ भांता-४ ६५/७४ भांता-५ ६५/७४ भांता-६ ६६/७५ भांता-७ ६६/७५ भांता-८ ६६/७५ ६६/७५ भांता-१० ६६/७५ भांता-११ ६६/७६ भांता-१२ ६६/७६ भांता-१३ ६६/७६ भांता-१४ ६७/७६ भांता-१५ ६७/७६ भांता-१६ ६७/७६ भांता-१७ ६७/७६ भांता-१८ ६७/७६ भांता-१९ ६७/७६ भांता-२० ६८/७६ भांता-२१ ६८/७७ भंडारकोड -ग्रंथांक भांता-२२ भांता-२३ भांता-२४ भांता-२५ भांता-२६ भांता-२७ भांता-२८ भांता-२९ भांता-३० भांता-३१ भांता-३२ भांता-३३ भांता-३४ भांता-३५ भांता-३६ भांता-३७ भांता-३८ भांता-३९ भांता-४० भांता-४१ भांता-४२ भांता-४३ भांता-४४ भांता-४५ भांता-४६ भांता-४७ भांता-४८ भांता-४९ भांता-५० भांता-५१ भांता-५२ भांता-५३ भांता-५४ भांता-५५ भांता-५६ भांता-५७ भांता-५८ भांता-५९ भांता-६० भांता-६१ भांता-६२ भांता-६३ भांता-६४ क्लिन/ओरि. डीवीडी ६८/७७ ६८/७७ ६८/७७ ६९/७७ ६९/७७ ६९/७७ ६९/७७ ६९/७८ ६९/७८ ६९/७८ ६९/७८ ६९/७८ ६९/७८ ६९/७८ ६९/७८ ६९/७८ ६९/७८ ७०/७९ ७०/७९ ७०/७९ ७०/७९ ७०/७९ ७०/८० ७०/८० ७०/८० ७१/८० ७१/८० ७१/८० ७१/८० ७१/८० ७१/८१ ७२/८१ ७२/८१ ७२/८१ ७२/८१ ૭૨/૮૧ ७२/८१ ७२/८१ ७२/८१ ७२/८१ ७२/८१ ७२/८१ ७२/८१ भंडारकोड -ग्रंथांक भांता-६५ भांता-६६ भांता-६७ भांता-६८ भांता-६९ भांता-७० भांता-७१ भांता-७२ भांता-७३ भांता-७४ भांता-७५ भांता-७६ भांता-७७ भांता-७८ भांता-७९ भांता-८० तालाद-३११ तालाद-३१२ तालाद-३१३ तालाद-३१४ तालाद-३१५ तालाद-३१६ तालाद-३१७ तालाद-३१८ तालाद-३१९ तालाद-३२० तालाद-३२१ तालाद-३२४ तालाद-३२५ तालाद-३२६ तालाद-३२७ तालाद-३२८ तालाद-३२९ तालाद-३३० तालाद-३३२ तालाद-३३३ तालाद-३३४ तालाद-३३५ तालाद-३३६ तालाद-३३७ तालाद-३३८ तालाद-३३९ तालाद-३४० क्लिन/ओरि. डीवीडी ७२/८२ ७२/८२ ७२/८२ ७२/८२ ७२/८२ ७२/८२ ७२/८२ ७३/८२ ७३/८२ ७३/८२ ७३/८२ ७३/८२ ७३/८२ ७३/८३ ७३/८३ ७३/८३ ९३/९५ ९३/९५ ९३/९५ ९३/९५ ९३/९५ ९३/९५ ९३/९५ ९३/९५ ९३/९५ ९३/९५ ९३/९५ ९३/९५ ९४/९५ ९४/९६ ९४/९६ ९४/९६ ९४/९६ ९४/९६ ९४/९६ ९४/९६ ९४/९६ ९४/९६ ९४/९६ ९४/९६ ९४/९६ ९४/९६ ९४/९६ भांता-९ Page #152 -------------------------------------------------------------------------- ________________ क्लिन/ओरि. डीवीडी ९४/९६ ९४/९६ ९४/९६ ९४/९६ ९४/९६ ९४/९६ क्लिन/ओरि. डीवीडी ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ भंडारकोड -ग्रंथांक तालाद-३४१ तालाद-३४२ तालाद-३४३ तालाद-३४४-१ तालाद-३४४-२ तालाद-३४५ तालाद-३४६ तालाद-३४७ तालाद-३४९ तालाद-३६६ तालाद-३६८ तालाद-३७६ तालाद-३७७ तालाद-३८० तालाद-३८१ तालाद-३८२ तालाद-३८३ तालाद-३८४ तालाद-३८५ तालाद-३८६ तालाद-३८७ तालाद-३८९ तालाद-३९० तालाद-३९१-१ तालाद-३९१-२ तालाद-३९१-३ तालाद-३९१-४ वताहंस-४४२ वताहंस-४४३ वताहंस-४४४ वताहंस-४४५ वताहंस-४४६ वताहंस-४४७ वताहंस-४४८ वताकांति-३९२ वताकांति-३९३ वताकांति-३९४ वताकांति-३९५ वताकांति-३९६ वताकांति-३९७ वताकांति-३९८ वताकांति-३९९ वताकांति-४००-१ भंडारकोड -ग्रंथांक वताकांति-४००-२ वताकांति-४०१ वताकांति-४०२ वताकांति-४०३ वताकांति-४०४ वताकांति-४०५ वताकांति-४०६-१ वताकांति-४०६-२ वताकांति-४०६-३ वताकांति-४०६-४ वताकांति-४०७ वताकांति-४०८ वताकांति-४०९ वताकांति-४१० वताकांति-४१२ वताकांति-४१३ वताकांति-४१४ वताकांति-४१५ वताकांति-४१६ वताकांति-४१७ वताकांति-४१८ वताकांति-४१९ वताकांति-४२१ वताकांति-४२४ वताकांति-४२५ वताकांति-४२८ वताकांति-४२९ वताकांति-४३० वताकांति-४३१-१ वताकांति-४३१-२ वताकांति-४३२-१ वताकांति-४३२-२ वताकांति-४३३ वताकांति-४३४ वताकांति-४३५ वताकांति-४३६ वताकांति-४३७ वताकांति-४३८ वताकांति-४३९ वताकांति-४४० वताकांति-४४१ डतामुक्ता-४४९ डतामुक्ता-४५० ९४/९६ ९४/९६ ९४/९६ ९४/९६ ९४/९६ ९४/९६ ९४/९६ ९४/९६ ९४/९६ ९४/९६ ९४/९६ ९४/९६ ९४/९६ ९४/९६ ९४/९६ ९४/९६ ९४/९६ ९४/९६ ९४/९६ ९४/९६ ९९/१०० ९९/१०० ९९/१०० ९९/१०० ९९/१०० ९९/१०० ९९/१०० ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ भंडारकोड -ग्रंथांक डतामुक्ता-४५१ डतामुक्ता-४५२ डतामुक्ता-४५३ डतामुक्ता-४५४ डतामुक्ता-४५५ डतामुक्ता-४५६ डतामुक्ता-४५७ डतामुक्ता-४५८ डतामुक्ता-४५९ डतामुक्ता-४६० डतामुक्ता-४६१ डतामुक्ता-४६२ डतामुक्ता-४६३ डतामुक्ता-४६४ डतामुक्ता-४६५ अताका-४६६ अताका-४६७ अताका-४६८ अताका-४६९ अताका-४७० अताका-४७१ अताका-४७२ अताका-४७३ अताका-४७४ अताका-४७५ अताका-४७६ अताका-४७७ अताका-४७९ अताका-४८१ अताका-४८२ अताका-४८३ अताका-४८४ अताका-४८५ अताका-४८६ अताका-४८७ अताका-४८८ अताका-४८९ अताका-४९० अताका-४९२ अताका-४९३ अताका-४९४ अताका-४९५ अताका-४९६ १३३ क्लिन/ओरि. डीवीडी १०१/१०२ १०१/१०२ १०१/१०२ १०१/१०२ १०१/१०२ १०१/१०२ १०१/१०२ १०१/१०२ १०१/१०२ १०१/१०२ १०१/१०२ १०१/१०२ १०१/१०२ १०१/१०२ १०१/१०२ १०३/१०४ १०३/१०४ १०३/१०४ १०३/१०४ १०३/१०४ १०३/१०४ १०३/१०४ १०३/१०४ १०३/१०४ १०३/१०४ १०३/१०४ १०३/१०४ १०३/१०४ १०३/१०४ १०३/१०४ १०३/१०४ १०३/१०४ १०३/१०४ १०३/१०४ १०३/१०४ १०३/१०४ १०३/१०४ १०३/१०४ १०३/१०४ १०३/१०४ १०३/१०४ १०३/१०४ १०३/१०४ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ १०१/१०२ १०१/१०२ Page #153 -------------------------------------------------------------------------- ________________ क्लिन/ओरि. डीवीडी क्लिन/ओरि. डीवीडी ८४ ८४ ८४ क्लिन/ओरि. डीवीडी १०३/१०४ १०३/१०४ १०३/१०४ १०३/१०४ १०३/१०४ १०३/१०४ १०३/१०४ १०३/१०४ १०३/१०४ १०३/१०४ १०३/१०४ १०३/१०४ ७३/८३ ८४ ८५ १३४ भंडारकोड -ग्रंथांक अताका-४९७ अताका-४९८ अताका-४९९ अताका-५०० अताका-५०१ अताका-५०२ अताका-५०३ अताका-५०४ अताका-५०५ अताका-५०६ अताका-५०७ अताका-५०८ भांका-८१ भांका-८२ भांका-८३ भांका-८४ भांका-८५ भांका-८६ भांका-८७ भांका-८८ भांका-८९ भांका-९० भांका-९१ भांका-९२ भांका-९३ भांका-९४ भांका-९५ भांका-९६ भांका-९७ भांका-९८ भांका-९९ भांका-१०० भांका-१०१ भांका-१०२ भांका-१०३ भांका-१०४ भांका-१०५ भांका-१०६ भांका-१०७ भांका-१०८ भांका-१०९ भांका-११० भांका-१११ भंडारकोड -ग्रंथांक भांका-११२ भांका-११३ भांका-११४ भांका-११५ भांका-११६ भांका-११७ भांका-११८ भांका-११९ भांका-१२० भांका-१२१ भांका-१२२ भांका-१२३ भांका-१२४ भांका-१२५ भांका-१२६ भांका-१२७ भांका-१२८ भांका-१२९ भांका-१३० भांका-१३१ भांका-१३२ भांका-१३३ भांका-१३४ भांका-१३५ भांका-१३६ भांका-१३७ भांका-१३८ भांका-१३९ भांका-१४० भांका-१४१ भांका-१४२ भांका-१४३ भांका-१४४ भांका-१४५ भांका-१४६ भांका-१४७ भांका-१४८ भांका-१४९ भांका-१५० भांका-१५१ भांका-१५२ भांका-१५३ भांका-१५४ भंडारकोड -ग्रंथांक भांका-१५५ भांका-१५६ भांका-१५७ भांका-१५८ भांका-१५९ भांका-१६० भांका-१६१ भांका-१६२ भांका-१६३ भांका-१६४ भांका-१६५ भांका-१६६ भांका-१६७ भांका-१६८ भांका-१६९ भांका-१७० भांका-१७१ भांका-१७२ भांका-१७३ भांका-१७४ भांका-१७५ भांका-१७६ भांका-१७७ भांका-१७८ भांका-१७९ भांका-१८० भांका-१८१ भांका-१८२ भांका-१८३ भांका-१८४ भांका-१८५ भांका-१८६ भांका-१८७ भांका-१८८ भांका-१८९ भांका-१९० भांका-१९१ भांका-१९२ भांका-१९३ भांका-१९४ भांका-१९५ भांका-१९६ भांका-१९७ ८५ ८५ ८५ Page #154 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १३५ क्लिन/ओरि. डीवीडी क्लिन/ओरि. डीवीडी क्लिन/ओरि. डीवीडी ८७ भंडारकोड -ग्रंथांक भांका-१९८ भांका-१९९ भांका-२०० भांका-२०१ भांका-२०२ भांका-२०३ भांका-२०४ भांका-२०५ भांका-२०६ भांका-२०७ भांका-२०८ भांका-२०९ भांका-२१० भांका-२११ भांका-२१३ भांका-२१४ भांका-२१५ भांका-२१६ भांका-२१७ भांका-२१८ भांका-२१९ भांका-२२० भांका-२२१ भांका-२२२ भांका-२२३ भांका-२२४ भांका-२२५ भांका-२२६ भांका-२२७ भांका-२२८ भांका-२२९ भांका-२३० भांका-२३१ भांका-२३२ भांका-२३३ भांका-२३४ भांका-२३५ भांका-२३६ भांका-२३७ भांका-२३८ भांका-२३९ भांका-२४० भांका-२४१ भांका-२४२ भंडारकोड -ग्रंथांक भांका-२४३ भांका-२४४ भांका-२४५ भांका-२४६ भांका-२४७ भांका-२४८ भांका-२४९ भांका-२५० भांका-२५१ भांका-२५२ भांका-२५३ भांका-२५४ भांका-२५५ भांका-२५६ भांका-२५७ भांका-२५८ भांका-२५९ भांका-२६० भांका-२६१ भांका-२६२ भांका-२६३ भांका-२६४ भांका-२६५ भांका-२६६ भांका-२६७ भांका-२६८ भांका-२६९ भांका-२७० भांका-२७१ भांका-२७२ भांका-२७३ भांका-२७४ भांका-२७५ भांका-२७६ भांका-२७७ भांका-२७८ भांका-२७९ भांका-२८० भांका-२८१ भांका-२८२ भांका-२८३ भांका-२८४ भांका-२८५ भांका-२८६ भंडारकोड -ग्रंथांक भांका-२८७ भांका-२८८ भांका-२८९ भांका-२९० भांका-२९१ भांका-२९२ भांका-२९३ भांका-२९४ भांका-२९५ भांका-२९६ भांका-२९७ भांका-२९८ भांका-२९९ भांका-३०० भांका-३०१ भांका-३०२ भांका-३०३ भांका-३०४ भांका-३०५ भांका-३०६ भांका-३०७ भांका-३०८ भांका-३०९ भांका-३१० Page #155 --------------------------------------------------------------------------  Page #156 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १३७ ५/१५ ७/१६ १/११ ७/१६ ७/१६ ७/१६ ६/१५ ६/१५ २/१२ ७/१६ क्लिन/ओरिजिनल डीवीडी ग्रंथांक-भंडारकोड क्लिन/ओरि. ग्रंथांकक्लिन/ओरि. ग्रंथांक क्लिन/ओरि. ग्रंथांकडीवीडी भंडारकोड डीवीडी भंडारकोड डीवीडी भंडारकोड १/११ २-पाताहेसं ४५-पाताहेसं ७/१६ ९१-पाताहेसं १/११ ३-पाताहेसं ५/१५ ४६-पाताहेसं ७/१६ ९२-पाताहेसं १/११ ५-पाताहेसं ५/१५ ४८-पाताहेसं ९३-पाताहेसं १/११ ६-पाताहेसं ५/१५ ४९-पाताहेसं ७/१६ ९४-पाताहेसं १/११ ७-पाताहेसं ५/१५ ५०-पाताहेसं ७/१६ ९५-पाताहेसं ८-पाताहेसं ६/१५ ५१-पाताहेसं ९६-पाताहेसं १/११ ९-पाताहेसं ६/१५ ५२-पाताहेसं ९७-पाताहेसं १/११ १०-पाताहेसं ६/१५ ५३-पाताहेसं ७/१६ ९७-पाताहेसं २/१२ ११-पाताहेसं ६/१५ ५४-१-पातासं ९९-पाताहेसं २/१२ १२-पाताहेसं ६/१५ ५४-२-पाताहेसं ७/१६ १००-पाताहेसं २/१२ १३-पाताहेसं ६/१५ ५५-पाताहेसं ७/१६ १०१-पाताहेसं २/१२ १४-पाताहेसं ६/१५ ५६-पाताहेसं ७/१६ १०२-पाताहेसं २/१२ १५-पाताहेसं ५७-पाताहेसं ७/१६ १०३-पाताहेसं २/१२ १६-पाताहेसं ५८-पाताहेसं ७/१६ १०४-पाताहेसं २/१२ १७-पाताहेसं ६/१५ ५९-पाताहेसं ७/१६ १०५-पाताहेसं १८-पाताहेसं ६/१५ ६०-पाताहेसं ७/१६ १०६-पाताहेसं २/१२ १९-पाताहेसं ६/१५ ६१-पाताहेसं १०७-पाताहेसं ३/१२ २०-पाताहेसं ६/१५ ६२-पाताहेसं ७/१६ १०८-पाताहेसं ३/१३ २२-पाताहेसं ६/१५ ६३-पाताहेसं ७/१६ १०९-पाताहेसं २३-पाताहेसं ६४-पाताहेसं ७/१६ ११०-पाताहेसं २४-पाताहेसं ६/१५ ६५-पाताहेसं ७/१७ १११-पाताहेसं ३/१३ २५-पाताहेसं ६६-पाताहेसं ७/१७ ११२-पाताहेसं ३/१३ २६-पाताहेसं ६७-पाताहेसं ७/१७ ११३-पाताहेसं ३/१३ २७-पाताहेसं ६/१६ ६९-पाताहेसं ७/१७ ११४-पाताहेसं ३/१३ २८-पाताहेसं ६/१६ ७०-पाताहेसं ७/१७ ११६-पाताहेसं ३/१३ २९-पाताहेसं ६/१६ ७१-पाताहेसं ७/१७ ११७-पाताहेसं ४/१३ ३०-पाताहेसं ६/१६ ७४-पाताहेसं ७/१७ ११८-पाताहेसं ४/१३ ३१-पाताहेसं ६/१६ ७५-पाताहेसं ७/१७ ११९-पाताहेसं ४/१३ ३२-पाताहेसं ७६-पाताहेसं ७/१७ १२०-पाताहेसं ४/१४ ३३-पाताहेसं ६/१६ ७७-पाताहेसं ७/१७ १२१-पाताहेसं ४/१४ ३४-पाताहेसं ६/१६ ७८-पाताहेसं ७/१७ १२२-पाताहेसं ४/१४ ३५-पाताहेसं ७/१६ ७९-पाताहेसं ७/१७ १२३-पाताहेसं ४/१४ ३६-पाताहेसं ७/१६ ८०-पाताहेसं ७/१७ १२४-पाताहेसं ४/१४ ३७-पाताहेसं ७/१६ ८१-पाताहेसं ८/१७ १२५-पाताहेसं ५/१४ ३८-पाताहेसं ७/१६ ८२-पाताहेसं ८/१७ १२६-पाताहेसं ५/१४ ३९-पाताहेसं ७/१६ ८३-पाताहेसं ८/१७ १२७-पाताहेसं ५/१४ ४०-पाताहेसं ७/१६ ८५-पाताहेसं ८/१७ १२८-पाताहेसं ५/१४ ४१-पाताहेसं ७/१६ ८६-पाताहेसं ८/१७ १२९-पाताहेसं ५/१४ ४२-पाताहेसं ७/१६ ८८-पाताहेसं ८/१७ १३०-पाताहेसं ५/१५ ४३-पाताहेसं ७/१६ ८९-पाताहेसं ८/१७ १३१-पाताहेसं ५/१५ ४४-पाताहेसं ७/१६ ९०-पाताहेसं ८/१७ १३२-पाताहेसं ६/१५ ३/१३ ३/१३ ६/१६ ६/१६ ६/१६ Page #157 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ९/१८ ९/१८ ९/१९ १३८ क्लिन/ओरि. ग्रंथांकडीवीडी भंडारकोड ८/१७ १३३-पाताहेसं ८/१७ १३४-पाताहेसं ८/१७ १३५-पाताहेसं ८/१७ १३६-पाताहेसं ८/१७ १३७-पाताहेसं ८/१७ १३८-पाताहेसं ८/१७ १३९-पाताहेसं ८/१७ १४०-पाताहेसं ८/१७ १४१-पाताहेसं ८/१७ १४२-पाताहेसं ८/१७ १४३-पाताहेसं ८/१७ १४४-पाताहेसं ८/१७ १४५-पाताहेसं ८/१७ १४६-पाताहेसं ८/१७ १४७-पाताहेसं ८/१७ १४८-पाताहेसं ८/१७ १४९-पाताहेसं ८/१७ १५०-पाताहेसं ८/१७ १५१-पाताहेसं ८/१७ १५२-पाताहेसं ८/१७ १५३-पाताहेसं ८/१८ १५४-पाताहेसं ८/१८ १५५-पाताहेसं ८/१८ १५६-पाताहेसं ८/१८ १५७-पाताहेसं ८/१८ १५८-पाताहेसं ८/१८ १५९-पाताहेसं ८/१८ १६०-पाताहेसं ८/१८ १६१-पाताहेसं ८/१८ १६२-पाताहेसं ८/१८ १६३-पाताहेसं ८/१८ १६४-पाताहेसं ८/१८ १६५-पाताहेसं ९/१८ १६६-पाताहेसं ९/१८ १६७-पाताहेसं ९/१८ १६८-पाताहेसं ९/१८ १६९-पाताहेसं ९/१८ १७१-१-पाताहेसं ९/१८ १७१-२-पाताहेसं ९/१८ १७१-३-पाताहेसं ९/१८ १७१-४-पाताहेसं ९/१८ १७१-५-पाताहेसं ९/१८ १७१-६-पाताहेसं क्लिन/ओरि. ग्रंथांकडीवीडी भंडारकोड ९/१८ १७१-७-पाताहेसं ९/१८ १७१-८-पाताहेसं ९/१८ १७१-९-पाताहेसं १७१-१०-पाताहेसं ९/१८ १७१-११-पाताहेसं ९/१८ १७१-१२-पाताहेसं ९/१८ १७१-१३-पाताहेसं ९/१८ १७१-१४-पाताहेसं ९/१८ १७१-१५-पाताहेसं ९/१८ १७१-१६-पाताहेसं १७१-१७-पाताहेसं ९/१८ १७१-१८-पाताहेसं ९/१९ १७३-पाताहेसं १७५-पाताहेसं ९/१९ १७६-पाताहेसं ९/१९ १७७-पाताहेसं ९/१९ १७८-पाताहेसं ९/१९ १७९-पाताहेसं ९/१९ १८०-पाताहेसं १०/१८ १९३-पाताहेसं १०/१९ १८१-पाताहेसं १०/१९ १८२-पाताहेसं १०/१९ १८३-पाताहेसं १०/१९ १८४-पाताहेसं १०/१९ १८५-पाताहेसं १०/१९ १८६-पाताहेसं १०/१९ १८७-पाताहेसं १०/१९ १८८-पाताहेसं १०/१९ १८९-पाताहेसं १०/१९ १९०-पाताहेसं १०/१९ १९१-पाताहेसं १०/१९ १९२-पाताहेसं २०/३९ २-पातासंघवी २०/३९ ३-पातासंघवी २०/३९ ४-१-पातासंघवी २०/३९ ४-२-पातासंघवी २०/३९ ४-३-पातासंघवी २०/३९ ८-पातासंघवी ९-पातासंघवी २१/४० १०-पातासंघवी २१/४० ११-पातासंघवी २१/४० १२-पातासंघवी २२/४० १६-१-पातासंघवी क्लिन/ओरि. ग्रंथांकडीवीडी भंडारकोड २२/४० १६-२-पातासंघवी २२/४० १६-३-पातासंघवी २२/४१ १७-१-पातासंघवी १७-२-पातासंघवी २२/४१ १७-३-पातासंघवी २२/४१ १८-पातासंघवी २२/४१ १९-पातासंघवी २२/४१ २१-पातासंघवी २३/४१ २२-पातासंघवी २३/४१ २३-पातासंघवी २३/४२ २४-पातासंघवी २३/४२ २५-पातासंघवी २४/४२ २६-पातासंघवी २४/४२ २७-१-पातासंघवी २४/४२ २८-पातासंघवी २४/४३ २९-१-पातासंघवी २४/४३ २९-२-पातासंघवी २४/४३ ३०-पातासंघवी २५/४३ ३१-१-पातासंघवी २५/४३ ३१-२-पातासंघवी २५/४३ ३१-३-पातासंघवी २५/४३ ३२-पातासंघवी २५/४३ ३३-१-पातासंघवी २५/४३ ३३-३-पातासंघवी २५/४४ ३४-१-पातासंघवी २५/४४ ३४-२-पातासंघवी २५/४४ ३५-१-पातासंघवी २५/४४ ३५-२-पातासंघवी २५/४४ ३६-पातासंघवी २५/४४ ३७-पातासंघवी २६/४४ ३८-पातासंघवी २६/४४ ३९-पातासंघवी २६/४५ ४०-पातासंघवी २६/४५ ४१-१-पातासंघवी २६/४५ ४२-पातासंघवी २६/४५ ४२-२-पातासंघवी २७/४५ ४३-पातासंघवी २७/४५ ४४-पातासंघवी २७/४६ ४५-पातासंघवी २७/४६ ४६-पातासंघवी २७/४६ ४७-पातासंघवी २८/४६ ४८-पातासंघवी २८/४६ ४९-पातासंघवी २१/३९ Page #158 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३०/४९ क्लिन/ओरि. ग्रंथांकडीवीडी भंडारकोड २८/४७ ५०-पातासंघवी २८/४७ ५१-पातासंघवी २८/४७ ५२-पातासंघवी २९/४७ ५३-पातासंघवी २९/४७ ५४-१-पातासंघवी २९/४७ ५४-२-पातासंघवी २९/४७ ५४-३-पातासंघवी २९/४७ ५५-२-पातासंघवी २९/४७ ५५-३-पातासंघवी २९/४८ ५६-१-पातासंघवी २९/४८ ५६-२-पातासंघवी २९/४८ ५६-३-पातासंघवी २९/४८ ५७-१-पातासंघवी २९/४८ ५७-२-पातासंघवी २९/४८ ५८-१-पातासंघवी २९/४८ ५८-२-पातासंघवी २९/४८ ५८-३-पातासंघवी २९/४८ ५८-४-पातासंघवी २९/४८ ५९-१-पातासंघवी २९/४८ ५९-२-पातासंघवी २९/४८ ५९-३-पातासंघवी ३०/४८ ६०-१-पातासंघवी ३०/४८ ६०-२-पातासंघवी ३०/४८ ६०-३-पातासंघवी ३०/४९ ६१-१-पातासंघवी ३०/४९ ६१-२-पातासंघवी ३०/४९ ६२-१-पातासंघवी ३०/४९ ६२-२-पातासंघवी ३०/४९ ६२-३-पातासंघवी ३०/४९ ६२-४-पातासंघवी ३०/४९ ६२-५-पातासंघवी ३०/४९ ६३-१-पातासंघवी ३०/४९ ६३-२-पातासंघवी ३०/४९ ६३-३-पातासंघवी ३०/४९ ६३-४-पातासंघवी ३०/४९ ६४-१-पातासंघवी ३०/४९ ६४-२-पातासंघवी ३०/४९ ६४-३-पातासंघवी ३०/४९ ६५-१-पातासंघवी ३०/४९ ६५-२-पातासंघवी ३०/४९ ६५-३-पातासंघवी ३०/४९ ६५-४-पातासंघवी ३०/४९ ६५-५-पातासंघवी क्लिन/ओरि. ग्रंथांकडीवीडी भंडारकोड ३०/४९ ६६-१-पातासंघवी ३०/४९ ६६-२-पातासंघवी ३०/४९ ६६-३-पातासंघवी ३०/४९ ६६-४-पातासंघवी ३०/४९ ६७-१-पातासंघवी ३०/४९ ६७-२-पातासंघवी ३०/४९ ६७-३-पातासंघवी ३०/४९ ६७-४-पातासंघवी ३०/४९ ६८-१-पातासंघवी ६८-२-पातासंघवी ३०/४९ ६८-३-पातासंघवी ३०/४९ ६८-४-पातासंघवी ३१/४९ ६९-१-पातासंघवी ३१/४९ ६९-२-पातासंघवी ३१/४९ ६९-३-पातासंघवी ३१/४९ ६९-४-पातासंघवी ३१/४९ ७०-१-पातासंघवी ३१/४९ ७०-२-पातासंघवी ३१/४९ ७०-३-पातासंघवी ३१/४९ ७०-४-पातासंघवी ३१/५० ७१-१-पातासंघवी ३१/५० ७१-२-पातासंघवी ३१/५० ७१-३-पातासंघवी ३१/५० ७२-१-पातासंघवी ३१/५० ७२-२-पातासंघवी ३१/५० ७२-३-पातासंघवी ३१/५० ७२-४-पातासंघवी ३१/५० ७३-पातासंघवी ३१/५० ७४-पातासंघवी ३१/५० ७५-पातासंघवी ३१/५० ७६-पातासंघवी ३१/५० ७७-पातासंघवी ३१/५० ७८-१-पातासंघवी ३१/५० ७९-१-पातासंघवी ३१/५० ७९-२-पातासंघवी ३१/५० ८०-पातासंघवी ३२/५० ८१-पातासंघवी ३२/५० ८२-१-पातासंघवी ३२/५० ८२-२-पातासंघवी ३२/५० ८३-पातासंघवी ३२/५० ८४-पातासंघवी ३२/५० ८५-पातासंघवी ३२/५० ८६-पातासंघवी १३९ क्लिन/ओरि. ग्रंथांकडीवीडी भंडारकोड ३२/५० ८७-पातासंघवी ३२/५१ ८८-पातासंघवी ३२/५१ ८९-पातासंघवी ३२/५१ ९०-पातासंघवी ३२/५१ ९१-पातासंघवी ३२/५१ ९२-पातासंघवी ३२/५१ ९३-पातासंघवी ३२/५१ ९४-पातासंघवी ३२/५१ ९५-पातासंघवी ३३/५१ ९६-पातासंघवी ३३/५१ ९७-पातासंघवी ३३/५१ ९८-१-पातासंघवी ३३/५१ ९८-२-पातासंघवी ३३/५१ ९९-पातासंघवी ३३/५१ १००-पातासंघवी ३३/५१ १०१-पातासंघवी ३३/५१ १०२-१-पातासंघवी ३३/५१ १०२-२-पातासंघवी ३३/५१ १०३-पातासंघवी ३३/५१ १०४-१-पातासंघवी ३३/५१ १०४-२-पातासंघवी ३३/५१ १०६-२-पातासंघवी ३३/५१ १०६-३-पातासंघवी ३३/५१ १०७-पातासंघवी ३३/५२ १०८-पातासंघवी ३३/५२ १०९-पातासंघवी ३३/५२ ११०-१-पातासंघवी ३३/५२ ११०-२-पातासंघवी ३३/५२ १११-पातासंघवी ३३/५२ ११२-पातासंघवी ३३/५२ ११३-१-पातासंघवी ३३/५२ ११३-२-पातासंघवी ३३/५२ ११४-१-पातासंघवी ३३/५२ ११५-पातासंघवी ३३/५२ ११६-पातासंघवी ३४/५२ ११७-१-पातासंघवी ३४/५२ ११७-२-पातासंघवी ३४/५२ ११८-१-पातासंघवी ३४/५२ ११८-२-पातासंघवी ३४/५२ ११९-१-पातासंघवी ३४/५२ १२०-पातासंघवी ३४/५२ १२१-१-पातासंघवी ३४/५२ १२१-२-पातासंघवी Page #159 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १४० क्लिन/ओरि. ग्रंथांक क्लिन/ओरि. ग्रंथांकडीवीडी भंडारकोड डीवीडी भंडारकोड ३४/५२ १२२-पातासंघवी ३५/५३ १४६-२-पातासंघवी ३४/५२ १२३-१-पातासंघवी ३५/५३ १४७-१-पातासंघवी ३४/५२ १२३-२-पातासंघवी ३५/५३ १४७-२-पातासंघवी ३४/५२ १२४-१-पातासंघवी ३५/५३ १४८-पातासंघवी ३४/५२ १२४-२-पातासंघवी ३५/५३ १४९-पातासंघवी ३४/५२ १२५-पातासंघवी ३५/५३ १५०-पातासंघवी ३४/५२ १२६-पातासंघवी ३५/५३ १५१-पातासंघवी ३४/५२ १२७-१-पातासंघवी ३५/५३ १५२-१-पातासंघवी ३४/५२ १२७-२-पातासंघवी ३५/५३ १५२-२-पातासंघवी ३४/५२ १२८-१-पातासंघवी ३५/५३ १५३-१-पातासंघवी ३४/५२ १२८-२-पातासंघवी ३५/५३ १५३-२-पातासंघवी ३४/५२ १२९-पातासंघवी ३५/५३ १५४-१-पातासंघवी ३४/५२ १३०-१-पातासंघवी ३५/५३ १५४-२-पातासंघवी ३४/५२ १३०-२-पातासंघवी ३५/५३ १५५-१-पातासंघवी ३४/५२ १३१-१-पातासंघवी ३५/५३ १५५-२-पातासंघवी ३४/५२ १३१-२-पातासंघवी ३६/५३ १५६-१-पातासंघवी ३४/५२ १३२-पातासंघवी ३६/५३ १५६-२-पातासंघवी ३४/५२ १३३-१-पातासंघवी ३६/५३ १५७-१-पातासंघवी ३४/५२ १३३-२-पातासंघवी ३६/५३ १५७-२-पातासंघवी ३४/५२ १३४-१-पातासंघवी ३६/५३ १५८-पातासंघवी ३४/५२ १३४-२-पातासंघवी ३६/५३ १५९-पातासंघवी ३४/५३ १३५-१-पातासंघवी ३६/५३ १६०-१-पातासंघवी ३४/५३ १३५-२-पातासंघवी ३६/५३ १६०-२-पातासंघवी ३४/५३ १३६-१-पातासंघवी ३६/५३ १६१-१-पातासंघवी ३४/५३ १३६-२-पातासंघवी ३६/५३ १६१-२-पातासंघवी ३५/५३ १३७-१-पातासंघवी ३६/५३ १६२-पातासंघवी ३५/५३ १३७-२-पातासंघवी ३६/५३ १६३-पातासंघवी ३५/५३ १३८-१-पातासंघवी ३६/५३ १६४-पातासंघवी ३५/५३ १३८-२-पातासंघवी ३६/५४ १६५-पातासंघवी ३५/५३ १३९-१-पातासंघवी ३६/५४ १६६-पातासंघवी ३५/५३ १३९-२-पातासंघवी ३६/५४ १६७-१-पातासंघवी ३५/५३ १४०-पातासंघवी ३६/५४ १६७-२-पातासंघवी ३५/५३ १४१-१-पातासंघवी ३६/५४ १६८-पातासंघवी ३५/५३ १४१-२-पातासंघवी ३६/५४ १६९-१-पातासंघवी ३५/५३ १४२-१-पातासंघवी ३६/५४ १६९-२-पातासंघवी ३५/५३ १४२-२-पातासंघवी ३६/५४ १७०-१-पातासंघवी ३५/५३ १४३-१-पातासंघवी ३६/५४ १७०-२-पातासंघवी ३५/५३ १४३-२-पातासंघवी ३६/५४ १७१-१-पातासंघवी ३५/५३ १४४-१-पातासंघवी ३६/५४ १७१-२-पातासंघवी ३५/५३ १४४-२-पातासंघवी ३६/५४ १७२-१-पातासंघवी ३५/५३ १४५-१-पातासंघवी ३६/५४ १७२-२-पातासंघवी ३५/५३ १४५-२-पातासंघवी ३६/५४ १७२-३-पातासंघवी ३५/५३ १४६-१-पातासंघवी ३६/५४ १७३-१-पातासंघवी क्लिन/ओरि. ग्रंथांकडीवीडी भंडारकोड ३६/५४ १७३-२-पातासंघवी ३६/५४ १७४-पातासंघवी ३६/५४ १७५-पातासंघवी ३६/५४ १७६-१-पातासंघवी ३६/५४ १७६-२-पातासंघवी ३६/५४ १७७-१-पातासंघवी ३६/५४ १७७-२-पातासंघवी ३६/५४ १७८-१-पातासंघवी ३६/५४ १७८-२-पातासंघवी ३६/५४ १७९-१-पातासंघवी ३६/५४ १७९-२-पातासंघवी ३६/५४ १८०-१-पातासंघवी ३६/५४ १८०-२-पातासंघवी ३७/५४ १८१-१-पातासंघवी ३७/५४ १८१-२-पातासंघवी ३७/५४ १८२-१-पातासंघवी ३७/५४ १८२-२-पातासंघवी ३७/५४ १८३-१-पातासंघवी ३७/५४ १८३-२-पातासंघवी ३७/५४ १८४-१-पातासंघवी ३७/५४ १८४-२-पातासंघवी ३७/५४ १८५-१-पातासंघवी ३७/५४ १८५-२-पातासंघवी ३७/५४ १८६-१-पातासंघवी ३७/५४ १८६-२-पातासंघवी ३७/५४ १८७-१-पातासंघवी ३७/५४ १८७-२-पातासंघवी ३७/५४ १८८-१-पातासंघवी ३७/५४ १८८-२-पातासंघवी ३७/५४ १८९-१-पातासंघवी ३७/५४ १९०-२-पातासंघवी ३७/५४ १९१-१-पातासंघवी ३७/५४ १९१-२-पातासंघवी ३७/५४ १९२-१-पातासंघवी ३७/५४ १९२-२-पातासंघवी ३७/५४ १९३-१-पातासंघवी ३७/५४ १९३-२-पातासंघवी ३७/५४ १९४-१-पातासंघवी ३७/५४ १९४-२-पातासंघवी ३७/५४ १९५-१-पातासंघवी ३७/५५ १९५-२-पातासंघवी ३७/५५ १९६-१-पातासंघवी ३७/५५ १९६-२-पातासंघवी Page #160 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १४१ क्लिन/ओरि. ग्रंथांकक्लिन/ओरि. ग्रंथांक क्लिन/ओरि. ग्रंथांकडीवीडी भंडारकोड डीवीडी भंडारकोड डीवीडी भंडारकोड ३७/५५ १९७-१-पातासंघवी ५७/६० ५४-पातासंघवीजीर्ण ६१/६३ ७-पाताखेत ३८/५५ १९८-२-पातासंघवी ५७/६० ५५-पातासंघवीजीर्ण ६१/६३ ८-पाताखेत ३८/५५ १९९-१-पातासंघवी ५६-पातासंघवीजीर्ण ६१/६३ ९-१-पाताखेत ३८/५५ १९९-२-पातासंघवी ५७/६० ५७-पातासंघवीजीर्ण ६१/६३ ९-२-पाताखेत ३८/५५ २००-२-पातासंघवी ५७/६० ५८-१-पातासंघवीजीर्ण ६१/६३ १०-पाताखेत ३८/५५ २०१-१-पातासंघवी ५७/६० ५८-२-पातासंघवीजीर्ण ६१/६३ ११-पाताखेत ३८/५५ २०१-२-पातासंघवी ५७/६० ५८-३-पातासंघवीजीर्ण ६१/६३ १२-पाताखेत ३८/५५ २०२-पातासंघवी ५७/६० ५९-पातासंघवीजीर्ण ६१/६३ १३-पाताखेत ३८/५५ २०३-१-पातासंघवी ५७/६० ६०-पातासंघवीजीर्ण ६१/६३ १४-पाताखेत ३८/५५ २०३-२-पातासंघवी ५८/६० ६२-पातासंघवीजीर्ण ६१/६३ १५-पाताखेत ३८/५५ २०४-१-पातासंघवी ५८/६० ६३-पातासंघवीजीर्ण ६१/६३ १६-पाताखेत ३८/५५ २०४-२-पातासंघवी ५८/६० ६४-पातासंघवीजीर्ण ६१/६३ १७-१-पाताखेत ३८/५५ २०५-१-पातासंघवी ५८/६० ६५-पातासंघवीजीर्ण ६१/६३ १७-२-पाताखेत ३८/५५ २०५-२-पातासंघवी ५८/६० ६८-पातासंघवीजीर्ण ६१/६३ १८-पाताखेत ३८/५५ २०६-१-पातासंघवी ५८/६० ६९-पातासंघवीजीर्ण ६१/६३ १९-पाताखेत ३८/५५ २०६-२-पातासंघवी ५८/६० ७०-पातासंघवीजीर्ण ६१/६३ २२-पाताखेत ५६/५९ १-पातासंघवीजीर्ण ५८/६० ७१-पातासंघवीजीर्ण ६१/६३ २३-पाताखेत ५६/५९ २-पातासंघवीजीर्ण ५८/६० ७२-पातासंघवीजीर्ण ६१/६३ २४-१-पाताखेत ५६/५९ २३-पातासंघवीजीर्ण ५८/६० ७३-पातासंघवीजीर्ण ६१/६३ २४-२-पाताखेत ५६/५९ २६-पातासंघवीजीर्ण ५८/६० ७४-पातासंघवीजीर्ण ६२/६४ २५-पाताखेत ५६/५९ २७-पातासंघवीजीर्ण ५८/६० ७५-पातासंघवीजीर्ण ६२/६४ २७-पाताखेत ५६/५९ २८-पातासंघवीजीर्ण ५८/६० ७६-पातासंघवीजीर्ण ६२/६४ २८-१-पाताखेत ५६/५९ ३०-पातासंघवीजीर्ण ५८/६० ८०-पातासंघवीजीर्ण ६२/६४ २८-२-पाताखेत ५६/५९ ३१-पातासंघवीजीर्ण ५८/६० ८१-पातासंघवीजीर्ण ६२/६४ ३०-पाताखेत ५६/५९ ३२-पातासंघवीजीर्ण ५८/६० ८४-पातासंघवीजीर्ण ६२/६४ ३२-१-पाताखेत ५६/५९ ३३-पातासंघवीजीर्ण ५८/६० ८७-पातासंघवीजीर्ण ६२/६४ ३२-२-पाताखेत ५६/५९ ३४-पातासंघवीजीर्ण ५८/६० ८८-पातासंघवीजीर्ण ६२/६४ ३३-पाताखेत ५६/५९ ३५-पातासंघवीजीर्ण ५८/६० ८९-पातासंघवीजीर्ण ६२/६४ ३४-१-पाताखेत ५७/५९ ३६-पातासंघवीजीर्ण ५८/६० ९०-पातासंघवीजीर्ण ६२/६४ ३४-२-पाताखेत ५७/५९ ३७-पातासंघवीजीर्ण ५८/६० ९१-पातासंघवीजीर्ण ६२/६४ ३४-३-पाताखेत ५७/५९ ३९-पातासंघवीजीर्ण ५८/६० ९२-पातासंघवीजीर्ण ६२/६४ ३६-पाताखेत ५७/५९ ४०-पातासंघवीजीर्ण ५८/६० ९४-पातासंघवीजीर्ण ६२/६४ ३७-पाताखेत ५७/६० ४१-पातासंघवीजीर्ण ५८/६० ९६-पातासंघवीजीर्ण ६२/६४ ३८-१-पाताखेत ५७/६० ४२-पातासंघवीजीर्ण ५८/६० ९७-पातासंघवीजीर्ण ६२/६४ ३८-२-पाताखेत ५७/६० ४३-पातासंघवीजीर्ण ६१/६३ १-१-पाताखेत ६२/६४ ३९-पाताखेत ५७/६० ४५-पातासंघवीजीर्ण ६१/६३ १-२-पाताखेत ६२/६४ ४०-१-पाताखेत ५७/६० ४६-पातासंघवीजीर्ण ६१/६३ १-३-पाताखेत ६२/६४ ४१-१-पाताखेत ५७/६० ४७-पातासंघवीजीर्ण ६१/६३ २-१-पाताखेत ६२/६४ ४१-२-पाताखेत ५७/६० ४८-पातासंघवीजीर्ण ६१/६३ २-२-पाताखेत ६२/६४ ४२-पाताखेत ५७/६० ४९-पातासंघवीजीर्ण ६१/६३ ३-पाताखेत ६२/६४ ४४-१-पाताखेत ५७/६० ५०-पातासंघवीजीर्ण ६१/६३ ४-पाताखेत ६२/६४ ४४-२-पाताखेत ५७/६० ५१-पातासंघवीजीर्ण ६१/६३ ५-पाताखेत ६२/६४ ४४-३-पाताखेत ५७/६० ५२-पातासंघवीजीर्ण ६१/६३ ६-पाताखेत ६२/६४ ४५-पाताखेत Page #161 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १४२ क्लिन/ओरि. ग्रंथांकडीवीडी भंडारकोड ६२/६४ ४६-पाताखेत ६२/६४ ४९-पाताखेत ६२/६४ ५०-पाताखेत ६२/६४ ५२-१-पाताखेत ६२/६४ ५२-२-पाताखेत ६२/६४ ५३-१-पाताखेत ६२/६४ ५३-२-पाताखेत ६२/६४ ५४-१-पाताखेत ६२/६४ ५४-२-पाताखेत ६२/६४ ५५-पाताखेत ६२/६४ ५६-पाताखेत ६२/६४ ५७-पाताखेत ६५/७४ १-भांता ६५/७४ २-भांता ६५/७४ ३-भांता ६५/७४ ४-भांता ६५/७४ ५-भांता ६६/७५ ६-भांता ६६/७५ ७-भांता ६६/७५ ८-भांता ६६/७५ ९-भांता ६६/७५ १०-भांता ६६/७६ ११-भांता ६६/७६ १२-भांता ६६/७६ १३-भांता ६७/७६ १४-भांता ६७/७६ १५-भांता ६७/७६ १६-भांता ६७/७६ १७-भांता ६७/७६ १८-भांता ६७/७६ १९-भांता ६८/७६ २०-भांता ६८/७७ २१-भांता ६८/७७ २२-भांता ६८/७७ २३-भांता ६८/७७ २४-भांता ६९/७७ २५-भांता ६९/७७ २६-भांता ६९/७७ २७-भांता ६९/७७ २८-भांता ६९/७८ २९-भांता ६९/७८ ३०-भांता ६९/७८ ३१-भांता क्लिन/ओरि. ग्रंथांकडीवीडी भंडारकोड ६९/७८ ३२-भांता ६९/७८ ३३-भांता ६९/७८ ३४-भांता ६९/७८ ३५-भांता ६९/७८ ३६-भांता ६९/७८ ३७-भांता ६९/७८ ३८-भांता ७०/७९ ३९-भांता ७०/७९ ४०-भांता ७०/७९ ४१-भांता ७०/७९ ४२-भांता ७०/७९ ४३-भांता ७०/८० ४४-भांता ७०/८० ४५-भांता ७०/८० ४६-भांता ७१/८० ४७-भांता ७१/८० ४८-भांता ७१/८० ४९-भांता ७१/८० ५०-भांता ७१/८० ५१-भांता ७१/८१ ५२-भांता ७२/८१ ५३-भांता ७२/८१ ५४-भांता ७२/८१ ५५-भांता ७२/८१ ५६-भांता ७२/८१ ५७-भांता ७२/८१ ५८-भांता ७२/८१ ५९-भांता ७२/८१ ६०-भांता ७२/८१ ६१-भांता ७२/८१ ६२-भांता ७२/८१ ६३-भांता ७२/८१ ६४-भांता ७२/८२ ६५-भांता ७२/८२ ६६-भांता ७२/८२ ६७-भांता ७२/८२ ६८-भांता ७२/८२ ६९-भांता ७२/८२ ७०-भांता ७२/८२ ७१-भांता ७३/८२ ७२-भांता ७३/८२ ७३-भांता ७३/८२ ७४-भांता क्लिन/ओरि. ग्रंथांकडीवीडी भंडारकोड ७३/८२ ७५-भांता ७३/८२ ७६-भांता ७३/८२ ७७-भांता ७३/८३ ७८-भांता ७३/८३ ७९-भांता ७३/८३ ८०-भांता ७३/८३ ८१-भांका ८२-भांका ८३-भांका ८४-भांका ८५-भांका ८६-भांका ८७-भांका ८८-भांका ८९-भांका ९०-भांका ९१-भांका ९२-भांका ९३-भांका ९४-भांका ९५-भांका ९६-भांका ९७-भांका ९८-भांका ९९-भांका १००-भांका १०१-भांका १०२-भांका १०३-भांका १०४-भांका १०५-भांका १०६-भांका १०७-भांका १०८-भांका १०९-भांका ११०-भांका १११-भांका ११२-भांका ११३-भांका ११४-भांका ११५-भांका ११६-भांका ११७-भांका Page #162 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १४३ क्लिन/ओरि. ग्रंथांकडीवीडी भंडारकोड ११८-भांका ११९-भांका १२०-भांका १२१-भांका १२२-भांका १२३-भांका १२४-भांका १२५-भांका १२६-भांका १२७-भांका १२८-भांका १२९-भांका १३०-भांका १३१-भांका १३२-भांका १३३-भांका १३४-भांका १३५-भांका १३६-भांका १३७-भांका १३८-भांका १३९-भांका १४०-भांका १४१-भांका १४२-भांका १४३-भांका १४४-भांका १४५-भांका १४६-भांका १४७-भांका १४८-भांका १४९-भांका १५०-भांका १५१-भांका १५२-भांका १५३-भांका १५४-भांका १५५-भांका १५६-भांका १५७-भांका १५८-भांका १५९-भांका १६०-भांका क्लिन/ओरि. ग्रंथांकडीवीडी भंडारकोड १६१-भांका १६२-भांका १६३-भांका १६४-भांका १६५-भांका १६६-भांका १६७-भांका १६८-भांका १६९-भांका १७०-भांका १७१-भांका १७२-भांका १७३-भांका १७४-भांका १७५-भांका १७६-भांका १७७-भांका १७८-भांका १७९-भांका १८०-भांका १८१-भांका १८२-भांका १८३-भांका १८४-भांका १८५-भांका १८६-भांका १८७-भांका १८८-भांका १८९-भांका १९०-भांका १९१-भांका १९२-भांका १९३-भांका १९४-भांका १९५-भांका १९६-भांका १९७-भांका १९८-भांका १९९-भांका २००-भांका २०१-भांका २०२-भांका २०३-भांका क्लिन/ओरि. ग्रंथांकडीवीडी भंडारकोड ८७ २०४-भांका २०५-भांका २०६-भांका २०७-भांका २०८-भांका २०९-भांका २१०-भांका २११-भांका २१३-भांका २१४-भांका २१५-भांका २१६-भांका २१७-भांका २१८-भांका २१९-भांका २२०-भांका २२१-भांका २२२-भांका २२३-भांका २२४-भांका २२५-भांका २२६-भांका २२७-भांका २२८-भांका २२९-भांका २३०-भांका २३१-भांका २३२-भांका २३३-भांका २३४-भांका २३५-भांका २३६-भांका २३७-भांका २३८-भांका २३९-भांका २४०-भांका २४१-भांका २४२-भांका २४३-भांका २४४-भांका २४५-भांका २४६-भांका २४७-भांका Page #163 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १४४ क्लिन / ओरि डीवीडी * * * * * * * * * * * * * * * &&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&& ८९ ८९ ८९ ८९ ८९ ८९ ८९ ८९ ८९ ८९ ८९ ८९ ८९ ८९ ८९ ८९ ९० ९० ९० ९० ९० ९० ९० ९० ९० ९० ९० ९० ९० ९० ९० ९० ९० ९० ९० ९० ९१ ९१ ९१ ९१ ९१ ९१ ९१ ग्रंथांक भंडारकोड २४८ - भांका २४९-भांका २५० - भांका २५१-भांका २५२- भांका २५३- भांका २५४-भांका २५५-भांका २५६-भांका २५७-भांका २५८-भांका २५९-भांका २६०- भांका २६१-भांका २६२-भांका २६३-भांका २६४-भांका २६५-भांका २६६-भांका २६७- भांका २६८- भांका २६९-भांका २७०-भांका २७१-भांका २७२- भांका २७३ - भांका २७४ - भांका २७५-भांका २७६ - भांका २७७-भांका २७८-भांका २७९-भांका २८० - भांका २८१-भांका २८२-भांका २८३-भांका २८४-भांका २८५-भांका २८६-भांका २८७- भांका २८८-भांका २८९-भांका २९० - भांका क्लिन / ओरि डीवीडी ९१ ९१ ९१ ९१ ९१ ९१ ९१ ९१ ९१ ९१ ९२ ९२ ९२ ९२ ९२ ९२ ९२ ९२ ९२ ९२ ९३/९५ ९३/९५ ९३/९५ ९३/९५ ९३/९५ ९३/९५ ९३/९५ ९३/९५ ९३/९५ ९३/९५ ९३/९५ ९३/९५ ९४/९५ ९४/९६ ९४/९६ ९४/९६ ९४/९६ ९४/९६ ९४/९६ ९४ / ९६ ९४/९६ ९४/९६ ९४/९६ ग्रंथांक भंडारकोड २९१-भांका २९२- भांका २९३ - भांका २९४-भांका २९५-भांका २९६ - भांका २९७ - भांका २९८-भांका २९९-भांका ३००- भांका ३०१ - भांका ३०२- भांका ३०३-भांका ३०४ - भांका ३०५- भांका ३०६ - भांका ३०७-भांका ३०८ - भांका ३०९ - भांका ३१० - भांका ३११-तालाद ३१२- तालाद ३१३- तालाद ३१४- तालाद ३१५- तालाद ३१६- तालाद ३१७-तालाद ३१८ - तालाद ३१९ - तालाद ३२० - तालाद ३२१- तालाद ३२४- तालाद ३२५- तालाद ३२६- तालाद ३२७-तालाद ३२८ - तालाद ३२९- तालाद ३३०- तालाद ३३२- तालाद ३३३- तालाद ३३४- तालाद ३३५- तालाद ३३६- तालाद क्लिन / ओरि डीवीडी ९४/९६ ९४ / ९६ ९४/९६ ९४/९६ ९४ / ९६ ९४ / ९६ ९४ / ९६ ९४ / ९६ ९४ / ९६ ९४ / ९६ ९४/९६ ९४ / ९६ ९४/९६ ९४ / ९६ ९४ / ९६ ९४ / ९६ ९४ / ९६ ९४/९६ ९४ / ९६ ९४/९६ ९४ / ९६ ९४ / ९६ ९४/९६ ९४ / ९६ ९४ / ९६ ९४ / ९६ ९४/९६ ९४ / ९६ ९४ / ९६ ९४/९६ ९४ / ९६ ९४ / ९६ ९४ / ९६ ९४/९६ ९४ / ९६ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ग्रंथांक भंडारकोड ३३७- तालाद ३३८- तालाद ३३९- तालाद ३४० - तालाद ३४१ - तालाद ३४२ - तालाद ३४३- तालाद ३४४ - १ - तालाद ३४४-२- तालाद ३४५- तालाद ३४७ - तालाद ३४९- तालाद ३५०-तालाद ३६६- तालाद ३६८- तालाद ३७६- तालाद ३७७-तालाद १३८०-तालाद ३८१ - तालाद ३८२ - तालाद ३८३- तालाद ३८४ - तालाद ३८५- तालाद ३८६- तालाद ३८७-तालाद ३८९ - तालाद ३९०-तालाद ३९१ - तालाद ३९१-१- तालाद ३९१-२- तालाद ३९१-२ - तालाद ३९१-२- तालाद ३९१-३- तालाद ३९१-४- तालाद ३९१-४- तालाद ३९२ - वताकांति ३९३-वताकांति ३९४ - वताकांति ३९५-वताकांति ३९६-वताकांति ३९७ - वताकांति ३९८-वताकांति ३९९-वताकांति Page #164 -------------------------------------------------------------------------- ________________ क्लिन / ओरि डीवीडी ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९७/९८ ९९/१०० ९९/१०० ग्रंथांक भंडारकोड ४००-१-वताकांति ४००-२-वताकांति ४०१-वताकांति ४०२ - वताकांति ४०२-२-वताकांति ४०३ - वताकांति ४०४-वताकांति ४०५-वताकांति ४०६-१-वताकांति १०१/१०२ ४०६-२-वताकांति १०१/१०२ ४०६-३-वताकांति १०१/१०२ ४०६-४-वताकांति १०१/१०२ ४०७ - वताकांति १०१/१०२ ४०८-वताकांति ४०९-वताकांति ४१०-वताकांति ४१२ - वताकांति ४१३-वताकांति ४१४-वताकांति ४१५-वताकांति ४१६-वताकांति ४१७-वताकांति ४१८-वताकांति १०३/१०४ ४१९-वताकांति १०३/१०४ ४२१-वताकांति १०३/१०४ ४२४-वताकांति १०३/१०४ ४२८-वताकांति १०३/१०४ ४३०-वताकांति १०३/१०४ ४३१-१-वताकांति १०३/१०४ ४३१-२-वताकांति १०३/१०४ १०३/१०४ १०३/१०४ १०३/१०४ १०३/१०४ १०३/१०४ ४३२-१-वताकांति ४३२-२-वताकांति ४३३-वताकांति ४३४ - वताकांति ४३५-वताकांति ४३६-वताकांति क्लिन / ओरि डीवीडी ९९/१०० ९९/१०० ९९/१०० ९९/१०० ९९/१०० १०१/१०२ १०१/१०२ १०१/१०२ ४३७-वताकांति ४३८-वताकांति ४३९-वताकांति ४४०-वताकांति ४४१-वताकांति ४४२ - वताहंस ४४३ - वताहंस १०१/१०२ १०१/१०२ १०१/१०२ १०१/१०२ १०१/१०२ १०१/१०२ १०१/१०२ १०१/१०२ १०१/१०२ १०३/१०४ १०३/१०४ १०३/१०४ १०३/१०४ १०३/१०४ १०३/१०४ १०३/१०४ १०३/१०४ ग्रंथांकभंडारकोड ४४४ - वताहंस ४४५-वताहंस ४४६ - वताहंस ४४७-वताहंस ४४८ - वताहंस ४४९-डतामुक्ता ४५०-डतामुक्ता ४५१-डतामुक्ता ४५२ - डतामुक्ता ४५३-डतामुक्ता ४५४-डतामुक्ता ४५५-डतामुक्ता ४५६-डतामुक्ता ४५७-डतामुक्ता ४५८-डतामुक्ता ४५९-डतामुक्ता ४६०-डतामुक्ता ४६१-डतामुक्ता ४६२-डतामुक्ता ४६३-डतामुक्ता ४६४-डतामुक्ता ४६५-डतामुक्ता ४६६-अताका ४६७-अताका ४६८-अताका ४६९-अताका ४७०-अताका ४७१-अताका ४७२- अताका ४७३- अताका ४७४-अताका ४७५-अताका ४७६-अताका ४७७-अताका ४७९-अताका ४७९-अताका ४७९ - अताका ४८१- अताका ४८२ - अताका ४८३- अताका ४८४-अताका ४८५-अताका ४८६-अताका क्लिन / ओरि डीवीडी १०३/१०४ १०३/१०४ १०३/१०४ १०३/१०४ १०३/१०४ १०३/१०४ १०३/१०४ १०३/१०४ १०३/१०४ १०३/१०४ १०३/१०४ १०३/१०४ १०३/१०४ १०३/१०४ १०३/१०४ १०३/१०४ १०३/१०४ १०३/१०४ १०३/१०४ १०३/१०४ १०३/१०४ ग्रंथांक भंडारकोड ४८७-अताका ४८८-अताका ४८९ - अताका ४९०-अताका ४९२- अताका ४९३ - अताका ४९४- अताका ४९५-अताका ४९६-अताका ४९७- अताका ४९८-अताका ४९९ - अताका ५०० - अताका ५०१- अताका ५०२ - अताका ५०३ - अताका ५०४-अताका ५०५- अताका ५०६ - अताका ५०७- अताका ५०८-अताका १४५ Page #165 -------------------------------------------------------------------------- _