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विद्वान उपरथी कृति माहिती लुम्पकलोपकतपगच्छजयोत्पत्तिवर्णनरास मागु. ग्रं.१६० (पाकाहेम११६०८) उत्पल भट्ट-जैनेतर
षट्पञ्चाशिका-(सं.)वृत्ति सं. (पाताहेसं१३८, पाकाहेम१०२२२) उदयकर-जैनेतर न्यायतत्त्वविवेक सं. (पाकाहेम६६७८) उदयधर्म-मुनि चतुर्विध आहारविषयकगाथा। सं. गा.१४ (पाकाहेम५३०३) द्वात्रिंशद्दलकमलबन्धमय महावीरस्तवन। सं.\ श्लोक१८ (पाकाहेम११२९१) वाक्यप्रकाशऔक्तिक\ सं. गा.१२४ (पाकाहेम५३०३, पाकाहेम१५३१०) उदयधर्म गणि-पं. गुरु-पण्डित लावण्यधर्म
उपदेशमाला का हिस्सा दोससयमूलजालं ५१वी गाथा-(सं.)शतार्थी टीका सं. नत्वानन्तार्थदे (पुप्रे४४९) उदयनाचार्य-आचार्य
उपाधिप्रकरण\ सं.\ उपाधिस्तु साधना (पाकाहेम८८११, पाकाहेम१६७९४) किरणावली-(सं.)स्वोपज्ञटीका सं. (पाकाहेम१०७२१, पाकाहेम१४५४४) न्यायकुसुमाञ्जलिप्रकरण\ सं. (पाकाहेम१०७१६) न्यायतात्पर्यपरिशुद्धि सं. मातः सरस्वती पु (तालाद३११, जेकाजि७०, जेकाजि१२७५) परिशिष्टप्रकरण सं. (तालाद३८६) उदयप्रभसूरि-आचार्य (प्र. नाम-आचार्य-उदयप्रभाचार्य)। गुरु-आचार्य माणिक्यप्रभसूरि
आरम्भसिद्धि सं.\ ॐ नमः सकलारम्भ (पाताखेत३४-१) उपदेशमालाप्रकरण-(सं.)कर्णिकावृत्ति। सं.\ ग्रं.१२२७४\ अर्हस्तनोतु भु (पातासंघवीजीर्ण२, जेकाजि१६६,
पाकाहेम१०३५१) दुषमोद्धारप्रकरण प्रा. गा.४७\ नमिउण भुवणवीरं. (पाताहेसं११९, पाकाहेम१०२३) धर्माभ्युदय (सङ्घपति) चरित्र सं.\ ग्रं.५२००। अहँल्लक्ष्मी (पातासंघवी९४, खंता२३०, खंता२३१) पिण्डविशुद्धिप्रकरण-(सं.)दीपिकावृत्ति सं. तं नमत श्रीवीरं (पाकाहेम१०३२७, पाकाहेम१०६२०, भांका२०३) प्रवचनसारोद्धार-(सं.)विषमपदपर्याय टीका\ सं. ग्रं.३२०३\ प्रवचनसारोद्धार (खंता१५६, जेकाजि१५४२,
पाकाहेम६७२४, भांका२४७) शत्रुञ्जयमण्डन ऋषभजिनस्तुति\ सं. श्लोक४\ आनन्दानम्रकम्रत (पाकाहेम१०२२, पाकाहेम१२३६०,
पाकाहेम१२३६१) शब्दब्रह्मोल्लास सं. ॐ नमः सकलाध्या (पाताखेत३४-१) उदयप्रभाचार्य - जुओ - उदयप्रभसूरि-आचार्य उदयविजय-गणि
विज्ञप्तिपत्रिका सं. (पाकाहेम३७६१) उदयसिंहसूरि - जुओ - उदयसिंहाचार्य-आचार्य उदयसिंहाचार्य-आचार्य (प्र. नाम-आचार्य-उदयसिंहसूरि) पिण्डविशुद्धिप्रकरण-(सं.)टीका\ सं. ग्रं.७०३ (पाताहेसं१५९) उपाध्याय साधुरङ्ग-मुनि
सूत्रकृताङ्गसूत्र-(सं.)दीपिकाटीका सं. ग्रं.१३४१६ नमः श्रीवर्धमान (भांका२०८) उमास्वाति-वाचक जम्बूद्वीपसमास प्रकरण प्रा. (पाकाभाभा३) तत्त्वार्थाधिगमसूत्र सं. सम्यग्दर्शनज्ञा (पातासंघवीजीर्ण९१, पातासंघवी१७९-१, खंता१४३, खंता१४३, भांता४९, तालाद३१३, पाकाहेम७९९, पाकाहेम८००, पाकाहेम८००, पाकाहेम१०५३, पाकाहेम१०५४, पाकाहेम१०५५,
पाकाहेम१०५५, पाकाहेम१४०९४, पाकाहेम१६६२३) तत्त्वार्थाधिगमसूत्र-(सं.)भाष्य। सं. सम्यग्दर्शनशुद् (खंता१४३, लिंता९४४, अताका४७३, पाकाहेम७९९, पाकाहेम८००,
पाकाहेम१०५५, पाकाहेम१६६२३) प्रशमरतिप्रकरण। सं. श्लोक३१४\ नाभेयाद्याः सिद (जेताजि१७२, पातासंघवीजीर्ण९१, पातासंघवी१५१,