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विद्वान उपरथी कृति माहिती
१०५ सकलचन्द्र-उपाध्याय-तपागच्छ गुरु-आचार्य दानसूरि सीमन्धरजिन स्तवन\ मागु. गा.३२\ परममुणि झाणवणगह (पाकाभाभा६२८) हिताचरणप्रकरण प्रा. श्लोक१२४३९ (पाकाहेम१४६०) हिताचरणप्रकरण-(सं.)स्वोपज्ञ टीका\ सं. ग्रं.१२४३९ (पाकाहेम१४६०) सङ्गदेव-अज्ञात
पिण्डविशुद्धिप्रकरण-(सं.)वृत्ति सं. (लिंता३४१६) सङ्ग्रामसिंह-जैनश्रावक-ओशवाल
तीर्थमालास्तवन सं. श्लोक२२ पञ्चानुत्तरसरणा (पाकाहेम१०२३) बुद्धिसागर सं. मोहध्वान्तैकभान (भांका२४१) सङ्घतिलकसूरि-आचार्य
दर्शनसप्ततिकाप्रकरण-(सं.)टीका। सं. सच्चामीकरबन्धुर (जेकाजि६६, पाकाहेम१४९२४) सङ्घदास गणि क्षमाश्रमण-गणि पञ्चकल्पसूत्र-(प्रा.)महाभाष्य प्रा. ग्रं.३१२५ गा.२५७४\ वन्दामि भद्दबाह (जेताजि४१, जेताजि४०७, पातासंघवी१९,
खंता२४, अताका४९४, पाकाहेम६५५०, पाकाहेम१४८६३, पाकाहेम१४९२०, पाकाहेम१४९२२, भांका१४०) बृहत् कल्पसूत्र-(प्रा.)लघुभाष्य प्रा. गा.६६००\ काऊण नमोक्कारं (जेताजि४६, जेताजि४७, जेताजि५८,
जेताजि३९६, पाताहेसं८, खंता२६, खंता२७, भांता३९, भांता४०, भांता४१, जेकाजि३२, जेकाजि३३, जेकाजि३४, पाकाहेम१००३८, पाकाहेम१००४१, पाकाहेम१००४२, पाकाहेम१००४३, पाकाहेम१००४४, पाकाहेम१०३१५,
पाकाहेम१०३१६, पाकाहेम१०३१७, पाकाहेम१०३१८) वसुदेवहिण्डी\ प्रा. णमो विणयपणयसुरि (जेताजि४०९, खंता२०९, खंता२१०, तालाद३१५, पाकाहेम१००९५,
पाकाभाभा५) समन्तभद्र-आचार्य-दिगम्बर
आप्तमीमांसा\ सं. (पाकाहेम१८२२४) स्वयम्भूस्तोत्र सं. स्वयम्भुवा भूतह (पाकाहेम८५१५, पाकाहेम१०६६८, पाकाहेम१६१८४) समयसुन्दरजी-मुनि गाथासहस्री प्रा. श्लोक१६०० (पाकाहेम१३५९०) दशवैकालिकसूत्र-(सं.)टीका। सं. (पाताहेसं१७१-८, पाकाहेम१५२५२) समयसुन्दरजी गणि-गणि विचारशतक\ सं. पार्श्वनाथं जिन (भांका१५६)
श्रावकाराधना। सं.। श्लोक२११ (पाकाहेम१४४३३) समरचन्द्रसूरि-आचार्य-पार्श्वचन्द्रीय
आतुरप्रत्याख्यानप्रकीर्णक बृहत्-(मा.गु.)बालावबोध मागु. ग्रं.१६०८ (पाकाहेम१०५१५) समरसिंह-अज्ञात
आराधना मागु. ग्रं.५८ (पाकाहेम१०७९३) उपदेशसाररत्नस्वाध्याय मागु. गा.६१ (पाकाहेम१०८०१) किरियाठाण सज्झाय मागु. ग्रं.१२० (पाकाहेम१०७९३) जिनअन्तरढाल मागु. गा.६७ (पाकाहेम१०७९२) पञ्चविंशतिभावनास्वाध्याय मागु. ग्रं.११५ (पाकाहेम१०७९३) प्रत्याख्यानचतुस्सप्ततिका मागु. गा.७४ (पाकाहेम१०७९८) साधुगुणरत्नसमुच्चय मागु. गा.३९८ (पाकाहेम१०७९९) समुद्रघोषसूरि(?) - जुओ - वीरगणि-गणि सरस्वती-अज्ञात
गिरिनारतीर्थकल्प सं.\ का.२३ (पाकाहेम१२१३४) सर्वदेवसूरि-आचार्य
स्वप्नसप्ततिकाप्रकरण-(सं.)वृत्ति। सं. ग्रं.९७० (पाकाहेम६५९६) सर्वधर-उपाध्याय