Book Title: Hastlikhit Granthsuchi Part 3
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Stambhan Parshwanath Jain Trith Anand

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Page 128
________________ १११ विद्वान उपरथी कृति माहिती जीवदयाकुलक\ मागु. गा.१५ (पाकाहेम९४३२) सोमसुन्दरसूरि-आचार्य-तपागच्छ अष्टादशजिनस्तोत्र अस्मद् युष्मद् रूपगर्भित*\ सं. (पाकाहेम१२२९४, पाकाहेम१५७१६) ऋषभजिनकुन्तलपञ्चविंशतिकास्तवन सं. का.२५\ ॐकारः सकलत्रिल (पाकाहेम८२२७, पाकाहेम१२२२७) ऋषभजिनस्तवन - अर्बुदमण्डन। सं. श्लोक३३\ श्रीअर्बुदाचलवि (पाकाहेम८५१३) गुणानुरागकुलक\ प्रा. गा.२८ (पाकाहेम११०७१) चतुर्विंशतिजिनस्तवन सं. का.२५\ सकलनाकिनिकायनमस (पाकाहेम१२२०७) चैत्यवन्दनादिभाष्यत्रय-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम७७०३) च्यवनकल्याणकस्तव। सं. श्लोक९। गर्भावतार्ण भवव (पाकाहेम८५१३) जिनकल्याणकदिनस्तुतयः-कार्तिकादिमासानुक्रमेण सं. श्लोक१०३ यथोगतः शम्भवतीर (पाकाहेम८५१३) जिननिर्वाणकल्याणकस्तव। सं. श्लोक१२ प्राप्तमुक्तिवन (पाकाहेम८५१३) जिनपञ्चकल्याणकस्तवपञ्चक\ सं. (पाकाहेम८१९८) देववन्दनादिभाष्यत्रय-(सं.)अवचूरि। सं. ग्रं.८५० (पाकाहेम१०५९५, पाकाहेम११०३२) नेमिनाथजिनस्तवन गिरिनारमहातीर्थमण्डन#\ सं. का.१७\ श्रीमदैवतकाभि (पाकाहेम८५१३, पाकाहेम१२१३६) पञ्चतीर्थङ्करस्तुति। सं. श्लोक९। जय श्रीऋषभ श्रे (पाकाहेम१२३७३) पार्श्वनाथस्तव-नवखण्डा। सं. श्लोक९। स्फूर्जन्नागफणा (पाकाहेम८५१३) प्रत्याख्यानभाष्य-(सं.)अवचूर्णि\ सं. अथ प्रत्याख्यान (भांका१४८, भांका२२४) मङ्गलशब्दार्थमयस्तवन सं. श्लोक६ जय श्रीजिनकल्या (पाकाहेम१२३७३) युगादिदेवस्तवन\ सं. श्लोक६। श्रेयसां पद जिन (पाकाहेम१२३७३) युष्मदस्मदष्टादशस्तवी\ सं. स्तुवे पार्वं (भांका१८१) वन्दनकभाष्य-(सं.)अवचूर्णि\ सं. गुरूवन्दण. अथेत (भांका२२४) शत्रुञ्जयमण्डन-युगादिदेवस्तोत्र सं.\ श्लोक१६\ यस्य स्कन्धान (पाकाहेम८५१३) षष्टिशतकप्रकरण-(मा.गु.)बालावबोध मागु. ग्रं.१४९६ (पाकाहेम१०६२८) संविज्ञसाधुयोग्यनियमकुलक प्रा. गा.४५ (पाकाहेम७७८४) साधारणजिनकल्याणकस्तुति। सं. का.४\ सर्वे धुलोकाग (पाकाहेम१२३७३) साधारणजिन पञ्चकल्याणकस्तव सं. श्लोक कल्याणकारीणि जि (पाकाहेम८५१३) साधुसामाचारीकुलक\ प्रा.\ गा.४६ (पाकाहेम१०२५२, पाकाहेम११०५३) स्तुतिस्तोत्रसमुच्चय सं. (पाकाहेम८५१२) सोमसुन्दरसूरि-शिष्य-मुनि समवसरणविचारस्तव मागु. गा.३३ (पाकाहेम७७९७) सोमसुन्दरसूरि-शिष्य - जुओ - सोमदेव गणि-गणि सोमसूरि-आचार्य आराधनाकुलक प्रा. गा.६९। नमिऊण भणइ एवं भ (जेताजि१५१, पाताखेत५, पाताखेत६, पातासंघवीजीर्ण४९, पातासंघवी१६५, पातासंघवी१६५, पातासंघवी१६८, पातासंघवी५५-३, पातासंघवी६२-२, पातासंघवी७२-३, पातासंघवी१४५-१, पातासंघवी१९६-२, पाताहेसं१६१, खंता८८, खंता९१, खंता११२, तालाद३२६, पाकाहेम२५९६, पाकाहेम९५४६) द्वादशभावनाकुलक\ प्रा. गा.१२ मण मक्कड निअ मण (पाताहेसं१६१, पाकाहेम७७९१) बृहत् आराधना। प्रा. गा.६९ (पातासंघवी२०२) यतिजीतकल्पसूत्र नव्य\ प्रा. गा.३३३\ कयपवयणप्पणामो व (पाकाहेम३४३, पाकाहेम१००६०, पाकाहेम१००६१, पाकाहेम१४९०७, भांका११८, भांका१५७, भांका१९१) यमकस्तुति। सं. (पातासंघवी५४-३) सोमेश्वर भट्ट-कवि (प्र. नाम-कवि-सोमेश्वरदेव) काव्यादर्श सं. पदार्थकुमुदवा (जेताजि३१९, जेताजि३२०, पाताखेत४९, पाताहेसं१४१) कीर्तिकौमुदीमहाकाव्य सं. (पाकाहेम७२७४, पाकाहेम१०६९९) सोमेश्वर भट्ट - जुओ - सोमेश्वर भट्ट-कवि

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