Book Title: Hastlikhit Granthsuchi Part 3
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Stambhan Parshwanath Jain Trith Anand
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विद्वान उपरथी कृति माहिती
१०७ सिद्ध साधु-मुनि (प्र. नाम-आचार्य-सिद्धव्याख्यानिक) न्यायावतारसूत्र-(सं.)टीका सं. (जेताजि३६४, पातासंघवी१७१-२, खंता२६९, खंता२७१, पाकाहेम२४४८,
पाकाहेम६८०८) सिद्धर्षि गणि-गणि उपदेशमालाप्रकरण-(सं.)बृहद्वृत्ति हेयोपादेयाटीका-(प्रा.)कथा सहित। सं.,प्रा. ग्रं.९५००\ हेयोपादेयार्थोप (जेताजि२२८,
जेताजि२२९, जेताजि२३०, पाताखेत३१, पातासंघवी५५-१, पाताहेसं३१, पाताहेसं३२, खंता१७९, खंता१८०, तालाद३२१) उपदेशमालाप्रकरण-(सं.)हेयोपादेया टीका-कथा रहित सं. ग्रं.४०६१। हेयोपदेयार्थोपद (पातासंघवीजीर्ण२१,
पातासंघवी१२२, पाताहेसं१०१, खंता१७७, खंता१७८, तालाद३२८, जेकाथा६, पाकाहेम१०१०९, पाकाहेम१०११७) उपमितिभवप्रपञ्चा कथा। सं. ग्रं.१६००० नमो निर्नाशिताश (पातासंघवी९७, पाताहेसं१८४, खंता१८५, भांता७६,
वताहंस४४२, वताकांति४१७, पाकाहेम१४९०३) सिद्धव्याख्याता - जुओ - सिद्ध साधु-मुनि सिद्धव्याख्यानिक - जुओ - सिद्ध साधु-मुनि सिद्धसूरि-आचार्य
लघुअजितशान्तिस्तव सं. श्लोक२२ (पाकाहेम११३०८) सिद्धसूरि-आचार्य-उकेशगच्छ बृहत् क्षेत्रसमासप्रकरण-(सं.)बृहत् टीका सं. ग्रं.३००० नत्वा वीरं वक्ष (जेताजि१९५, पातासंघवी१८३-२,
पाकाहेम६७३०) बृहत् क्षेत्रसमासप्रकरण-(सं.)लघुटीका\ सं. ग्रं.११९० (पातासंघवी१८८-१) सिद्धसेन-गणि तत्त्वार्थाधिगमसूत्र-(सं.)स्वोपज्ञभाष्य नी (सं.)टीका\ सं.\ ग्रं.२२२८२\ वीरं प्रणम्य सर (खंता१४३, भांता४९,
तालाद३१३, लिंता६०१, पाकाहेम८००, पाकाहेम१०५५, पाकाहेम१६७६४) सिद्धसेन दिवाकर सूरि-आचार्य कल्याणमन्दिरस्तोत्र सं. का.४४\ कल्याणमन्दिरमुद (खंता११८, खंता१३२, पाकाहेम१०२२, पाकाहेम१०१९१,
पाकाहेम१०३९३, पाकाहेम१०६५४, पाकाहेम१०६५५, पाकाहेम१२१२४, पाकाहेम१२१६७, पाकाहेम१२३७९) द्वात्रिंशद्वात्रिंशिका सं. स्वयम्भुवं भूतस (पातासंघवी१९८-२, भांता६७) न्यायावतारसूत्र सं. श्लोक३२\ प्रमाणं स्वपराभ (जेताजि३६४, जेताजि३६४, पातासंघवीजीर्ण७७, पातासंघवी१४६-१,
पातासंघवी१७१-२, पाकाहेम१६७९४) प्रमाणवार्तिकसूत्र सं. नमो हितार्थसम्प (पाताखेत२६, पातासंघवी१५४-१, पातासंघवी१८७-१, पाकाभाभा५३) प्रमाणवार्तिकसूत्र-(सं.)स्वोपज्ञ वृत्ति सं. (पाकाभाभा५३) सन्मतितर्कप्रकरण प्रा. सिद्धं सिद्धट्ठ (जेताजि३६३, तालाद३७४, जेकाजि५८, जेकाजि५९, पाकाहेम६६६१,
पाकाहेम६८५४, पाकाहेम१६८९४, भांका२३०) सिद्धसेन सरस्वती - जुओ - सिद्धसेनाचार्य-आचार्य सिद्धसेनसूरि-आचार्य (प्र. नाम-अज्ञात-सिद्धसेनाचार्य)
आराधनाकुलक प्रा. गा.११२\ सिद्धिपत्ते नमि (पातासंघवी१४५-१) आलोचनाप्रकीर्णक प्रा. गा.१२२ (पाकाहेम७९४९) एकविंशतिस्थानप्रकरण प्रा. गा.६६ चवण विमाणा नयरी (पाताखेत१२, पाताखेत३६, पातासंघवी६१-२,
पातासंघवी६७-२, पातासंघवी७२-२, पातासंघवी१०४-२, पातासंघवी१४१-२, पातासंघवी१८१-१, पातासंघवी१९८-२, पातासंघवी१९८-२, पाताहेसं११९, पाताहेसं१६१, खंता८८, खंता९७, खंता११५, खंता१२५, खंता१२९, भांता२४,
भांता२५, भांता६४, भांता७२, तालाद३२६, पाकाहेम१०२३, पाकाहेम१०५६३, पाकाहेम१२१२४) कल्प्याकल्प्यविचारचतुर्विंशतिका\ प्रा. (पाकाहेम७७०६) जीतकल्पसूत्र-(प्रा.)चूर्णी\ प्रा. ग्रं.११००\ सिद्धत्थसिद्धसा (जेताजि४१७, भांता३४, भांता३५, पाकाहेम६७५६,
पाकाहेम१००५७, पाकाहेम१४९१०) तीर्थमाला स्तोत्र प्रा. गा.३५ संसारतारयाणं ति (पातासंघवी५६-२, पाकाहेम१०२३) प्रवचनसारोद्धार-(सं.)तत्त्वज्ञानविकाशिनीवृत्ति सं. ग्रं.१८०००। सन्नद्धैरपि यत् (जेताजि२०४, जेताजि२०६,

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