Book Title: Hastlikhit Granthsuchi Part 3
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Stambhan Parshwanath Jain Trith Anand

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Page 121
________________ १०४ विद्वान उपरथी कृति माहिती ___ पाकाहेम६७५६, पाकाहेम१००५८) नन्दीसूत्र-(सं.)दुर्गपदवृत्ति। सं.\ ग्रं.३३००। सम्यगित्येवं गु (जेताजि७६, भांका२०९) निरयावलिकादिपञ्चोपाङ्गसूत्र-(सं.)वृत्ति। सं. ग्रं.६४०\ पार्श्वनाथं नमस (जेताजि३९, जेतालौ३, पातासंघवी६३-२, खंता२०, जेकाजि३१, पाकाहेम६५६८, पाकाहेम१००२५, पाकाहेम१०४२१, पाकाहेम१४८६१) निशीथसूत्र-(प्रा.)विशेषचूर्णीनी (सं.)विंशोद्देशकव्याख्या। सं. श्लोक११००\ प्रणम्य वीरं सु (जेताजि७५, खंता३२, भांता२१, पाकाहेम७३१, पाकाहेम६५४१, पाकाहेम१००५३, पाकाहेम१०३२२) पिण्डविशुद्धिप्रकरण-(सं.)टीका\ सं. ग्रं.४४००\ नमानेकसुरासुर (भांका२९८) मुनिसुव्रतस्वामिचरित्र गाथाबद्ध प्रा. गा.१०९९४ (जेताजि४०६, पाताहेसं४३, पाकाहेम१८९५) श्रावकप्रतिक्रमणसूत्र-(सं.)वृत्ति। सं. ग्रं.१९५०\ श्रीवर्धमानमानम (जेताजि१४१, पातासंघवी१४३-१) सुखबोधासमाचारी प्रा. ग्रं.१३११ (जेताजि२८२, पाताहेसं१५८) श्रीचन्द्रसूरि मलधारि-आचार्य (प्र. नाम-आचार्य-हेमचन्द्रसूरिशिष्य)। गुरु-आचार्य हेमचन्द्रसूरि सङ्ग्रहणीप्रकरण प्रा. गा.२७३\ नमिउं अरहन्ताइ (जेताजि८२, जेताजि२०३, पातासंघवीजीर्ण८६-२, पातासंघवी१६४, पातासंघवी२०२, पातासंघवी५४-३, पातासंघवी५६-२, पातासंघवी५९-३, पातासंघवी६१-२, पातासंघवी६६-३, पातासंघवी१०४-२, पातासंघवी११७-१, पातासंघवी१३०-१, पातासंघवी१९०-२, पातासंघवी१९८-२, पातासंघवी२०६-२, पाताहेसं११६, पाताहेसं१६१, पाताहेसं१७९, खंता९२, खंता९५, खंता११४, खंता११८, खंता१५१, जेकाजि१२८०, पाकाहेम१००७, पाकाहेम१०२३, पाकाहेम६९६२, पाकाहेम६९६३, पाकाहेम६९६६, पाकाहेम६९६८, पाकाहेम९५०४, पाकाहेम९५४६, पाकाहेम१०११४, पाकाहेम१०३२९, पाकाहेम१०३७३, पाकाहेम१०४३९, पाकाहेम१०५८०, पाकाहेम१०५८३, पाकाहेम१०५८४, पाकाहेम१४९८४, भांका२९५) श्रीचन्द्रसूरि(?) - जुओ - पार्श्वदेव-गणि श्रीचन्द्राचार्य-शिष्य - जुओ - पार्श्वचन्द्र-मुनि श्रीदिवाकर-उपाध्याय न्यायकुसुमाञ्जलिप्रकरण-(सं.)परिमल टीका सं. (पाकाहेम६६८५) श्रीधर भट्ट-जैनेतर वैशेषिकदर्शन-(सं.)पदार्थधर्मसङ्ग्रह टीका की (सं.)न्यायकन्दलीटीका\ सं.\ ग्रं.३७१६। अनादिनिधनं देवं (जेताजि३६५, जेताजि३७९, जेताजि३८०, जेताजि३८३, पातासंघवीजीर्ण५९, पातासंघवी१४४-१, पाकाभाभा१२५४) श्रीधराचार्य-जैनेतर गणितसार सं. (पाकाहेम१०७२७, पाकाहेम१०७२८) त्रिशतीगणितपाटी\ सं. (पाकाहेम१०३४९) श्रीपति-अज्ञात ज्योतिषरत्नमाला। सं. (पाकाहेम१०७२३) श्रीपाल कविचक्रवर्ती-जैनश्रावक चतुर्विंशतिजिनस्तुति। सं.\ श्लोक२९ (पाकाहेम११२९०) श्रीवल्लभोपाध्याय-उपाध्याय (प्र. नाम-अज्ञात-वल्लभ) न्यायलीलावती सं. (पाकाहेम१०७१८) पार्श्वनाथयमकमयस्तोत्र सं. का.१४\ जिनवरेन्द्र वरे (पाकाहेम१२३५७) पार्श्वनाथसमस्यामयस्तोत्र सं. का.१२\ श्रीपार्श्वनाथज (पाकाहेम१२३२९, पाकाहेम१२३५७) श्रुतसागर(दिगम्बर)-मुनि गुरु-मुनि विद्यानन्दि व्रतकथाकोष सं. ग्रं.२२५० श्लोक५०\ ज्येष्टं जिनं प (भांका१८०) सकलकीर्ति भट्टारक (दिगम्बर)-आचार्य वर्धमानचरित्र सं.\ ग्रं.३०३५\ जिनेशे विश्वनाथ (भांका१५९) सकलचन्द्र-उपाध्याय-खरतर शाम्बप्रद्युम्नरास मागु. (पाकाहेम१०२३८) सकलचन्द्र-मुनि जिनस्तवन\ मागु.\ गा.१० (पाकाहेम१०१३३)

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