Book Title: Hastlikhit Granthsuchi Part 3
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Stambhan Parshwanath Jain Trith Anand

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Page 110
________________ विद्वान उपरथी कृति माहिती ज्ञानसार अष्टक-(मा.गु.)बालावबोध मागु. (पाकाभाभा२९९) ज्ञानार्णवप्रकरण सं. ऐन्दवीं तां कला (अताका४७९) ज्ञानार्णवप्रकरण-(सं.)स्वोपज्ञ विवरण। सं.स्पष्टः तत्र पू (अताका४७९) तिङन्वयोक्ति सं. ऐन्द्रव्रजाभ्यर (अताका४७९) द्वात्रिंशद्वात्रिंशिकाप्रकरण*\ सं. (अताका४७६, पाकाहेम१४५८) द्वात्रिंशद्वात्रिंशिकाप्रकरण-(सं.)स्वोपज्ञ वृत्ति सं. (पाकाहेम१४५८) धर्मपरीक्षा-(सं.)स्वोपज्ञ टीका सं. श्लोक५५५० (पाकाहेम१५२५३) धर्मपरीक्षा प्रा. (पाकाहेम१५२५३) पार्श्वजिन अमृतध्वनि। मागु. (पाकाहेम९८२९) महावीरजिनस्तोत्र सं. श्लोक११\ ऐन्द्रं ज्योतिः (पाकाहेम१३१७१) सडसठ बोल समकित स्वाध्याय मागु. गा.६५ (तालाद३९१-२) सत्तरभेदपूजास्थापना सज्झाय मागु. गा.९। सत्तरभेदपूजाफल (पाकाहेम६१९७, पाकाभाभा६२८) सद्गुरु सेवन सज्झाय मागु. गा.३९। सेवउ सद्गुरु गु (पाकाभाभा६२८) सद्गुरु सेवन सज्झाय मागु. गा.४१ (पाकाभाभा६२८) सम्यक्त्व चोपई। मागु. गा.१२५ (तालाद३९१-१, तालाद३९१-४) सीमन्धरजिन स्तवन\ मागु. श्रीसीमन्धर साह (पुप्रे४१९-४) सीमन्धरजिन स्तवन मागु. गा.१२५ स्वामि सीमन्धर (पाकाहेम६१९७) हरियाली\ मागु. गा.८\ एक पुरुष अति दी (अताका४७९) योगीन्द्र-जैनेतर (प्र. नाम-जैनेतर-योगेन्द्र) कामरूपपञ्चाशिका प्रा. गा.९१ (पाकाहेम३९९६) सद्बोधचन्द्रोदयपञ्चाशिका सं. का.५० (पाकाहेम७०७१, पाकाहेम१०७०३) योगीन्द्रदेव (दिगम्बर)-आचार्य अमृताशीति। सं. श्लोक७९ विश्वप्रकाशिमहि (वताकांति४१९) योगेन्द्र - जुओ - योगीन्द्र-जैनेतर रघुनाथ-जैनेतर विवेकधैर्याश्रय सं. (पाकाहेम१४९७३) रघुनाथ वर्मा उदासीन-जैनेतर लौकिकन्यायरत्नाकर सं.\ यस्माज्जातं निख (पुप्रे४००, पुप्रे४०१, पुप्रे४०२, पुप्रे४०३) रघुनाथ शिरोमणि भट्टाचार्य-जैनेतर (प्र. नाम-जैनेतर-शिरोमणि भट्टाचार्य) आख्यातविवेक सं. आख्यातस्य यन्नो (पाकाहेम१३१८०) रङ्गविजय-मुनि वैराग्यसज्झाय मागु. (पाकाहेम१०३०४) रणरङ्गसिंह - जुओ - चामुण्डराय-जैनश्रावक रत्नचन्द्र-मुनि-माण्डव्यपुरगच्छ नन्दिताढ्यछन्दशास्त्र-(सं.)टीका\ सं. (पाकाहेम२००१) रत्ननन्दि (दिगम्बर)-मुनि भद्रबाहुचरित्र सं. सद्बोधभानुना... (भांका२५१) रत्नप्रभसूरि-आचार्य (प्र. नाम-अज्ञात-रत्नप्रभाचार्य) अरिष्टनेमिचरित्र प्रा. ग्रं.१३६००। जयइ निरञ्जणमिच (पातासंघवी२५) उपदेशमालाप्रकरण-(सं.)दोघट्टीवृत्ति सं.प्रा.,अप. ग्रं.११७६४\ यस्यारघट्टस्य घ (जेताजि२२७, पातासंघवी५०, पाताहेसं५६, खंता१८१, भांता२३, जेकाजि१२९०, पाकाहेम६७०६) गौतमस्वामिस्तुति। सं.\ श्लोक२५ (पाताखेत३) नेमिनाथस्तोत्र षड्भाषामय प्रा.,सं.,अप. श्लोक१७। अमन्दभन्दोदयकन् (पाकाहेम१०२३) नेमिनाथस्तवन\ सं. (पाकाहेम११३०८) पार्श्वनाथचरित्रगत दशदृष्टान्त सं. श्लोक९५७ (पाकाहेम२१०६, पाकाहेम१०१६५)

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