Book Title: Hastlikhit Granthsuchi Part 3
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Stambhan Parshwanath Jain Trith Anand

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Page 114
________________ विद्वान उपरथी कृति माहिती आदिनाथचरित्र गाथाबद्ध पञ्चावसरमय प्रा. ग्रं.११०००१ नमह जुगाइजिणिन् (जेताजि२५०, पातासंघवी१३९-१, पाताहेसं४१) वर्द्धमानसूरि-आचार्य गुरु-आचार्य विजयसिंहसूरि वासुपूज्यस्वामिचरित्र पद्य सं. ग्रं.५४९४१ मत्ये पतिर्दध्य (जेताजि२५४, पाताहेसं७०, जेकाजि२१७१, भांका३०९) वासुपूज्यचरित्र सर्थनकं सं. अहँ नौमि... (भांका१४९) वर्धमानसूरि-शिष्य - जुओ - सागरचन्द्र-मुनि वर्धमानसूरि-शिष्य (संविग्न विह - जुओ - चक्रेश्वरसूरि-आचार्य वल्लभ - जुओ - श्रीवल्लभोपाध्याय-उपाध्याय वल्लभदेव-अज्ञात शिशुपालवधमहाकाव्य-(सं.)सन्देहविषौषधि टीका। सं. (पातासंघवीजीर्ण२८) वसन्तराज-अज्ञात वसन्तराज शाकुनिकशास्त्र सं. (पातासंघवीजीर्ण३१, पातासंघवी६६-४, पाकाहेम२७९३) वसुनन्दी (दिगम्बर)-आचार्य आप्तमीमांसा-(सं.)टीका\ सं. (पाकाहेम१८२२४) वस्तुपाल-जैनश्रावक नरनारयणानन्दमहाकाव्य। सं.। श्लोक१२५० (पाकाहेम२६५७) वाक्पतिराज-जैनेतर (प्र. नाम-कवि-वप्पइराय) गउडवहोमहाकाव्य प्रा. ग्रं.१४९०\ गा.११६८\ पढमं चिय धवलकओव (जेताजि३५४, पाताखेत९-२, पातासंघवी२०५-२, पाताहेसं१३३, पाताहेसं१३४, खंता२६३, पाकाहेम६६३०) वाग्भट (दिगम्बर)-कवि काव्यानुशासनसूत्र सं. (पाताहेसं१६७) काव्यानुशासनसूत्र-(सं.)अलङ्कारतिलक टीका\ सं.\ यथा च कर्पूरधूल (पाताहेसं१३९, पाताहेसं१६७) छन्दोनुशासन-(सं.)विवरण। सं. ग्रं.५४०\ प्रणिपत्य प्रभु (पातासंघवी११०-२) वाग्भटालङ्कार सं. (पाकाहेम२६५२, पाकाहेम१०४०५, पाकाहेम१०६८७) वाचस्पति मिश्र-जैनेतर न्यायसूत्रना (सं.)न्यायभाष्यनी (सं.)न्यायवार्तिक टीकानी (सं.)तात्पर्यवृत्ति सं. (तालाद३२०, जेकाजि६९, जेकाजि१२७४, जेकाजि१२७४) वाढेश्वर-अज्ञात उपाधिप्रकरणविडम्बन\ सं. (पाकाहेम८८११) वादिदेवसूरि-आचार्य (प्र. नाम-आचार्य-मुनिचन्द्रसूरि-शिष्य) कुरुकुल्लास्तव सं. श्लोक९ (पाकाहेम११२६८) जीवानुशासनप्रकरण प्रा. (पाताहेसं१०३) । जीवानुशासनप्रकरण-(सं.)स्वोपज्ञ टीका\ सं. (पाताहेसं१०३) नेमिनाथस्तोत्री प्रा. गा.१०\ जायवकुलसरवर (पाकाहेम१०२३) पार्श्वनाथस्तोत्री प्रा. गा.१५ मङ्गलकमलजलाशय.. (पाकाहेम१०२३) पुण्डरीकस्तोत्री प्रा. गा.८ सिरिभरहचक्किनन् (पाकाहेम१०२३) प्रमाणनयतत्त्वालोकालङ्कार प्रा. (पातासंघवी१४६-१, भांता५६, पाकाहेम६६८९, पाकाहेम८७५४, भांका१२६) प्रमाणनयतत्त्वालोकालङ्कार-(सं.)स्याद्वादरत्नाकरवृत्ति सं. ग्रं.७२८४ (जेताजि४०५, पातासंघवी२१, पातासंघवी४६, भांता५६, जेकाजि१३४२, पाकाहेम२४५६, पाकाहेम६६८९) प्राभातिक जीवानुशासन प्रा. गा.२३ तिहुअणपणमियचलणं (पातासंघवी५९-२, पाकाहेम१११५३) मुनिचन्द्रसूरिस्तुति। अप.\ गा.२५\ नाणु चरणु सम्मत (पातासंघवी५९-२, पाकाहेम१११५३) मुनिचन्द्रसूरि विरह प्रा. गा.५५\ निव्वाणगमणकल्ला (पातासंघवी५९-२, भांता६९, पाकाहेम१११५३) सीमन्धरजिनस्तोत्री प्रा. गा.९ निज्जियमोहं सम् (पाकाहेम१०२३) वादीन्द्र भट्ट-जैनेतर महाविद्याविडम्बन सं. (पाकाहेम६६७३)

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