Book Title: Hastlikhit Granthsuchi Part 3
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Stambhan Parshwanath Jain Trith Anand
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विद्वान उपरथी कृति माहिती वानर्षि-गणि
देवा प्रभोस्तोत्र-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम८१९९, पाकाहेम८२००) पडिलेहणाकुलक-(मा.गु.)स्तबक मागु. (पाकाहेम४६२७, पाकाहेम१५७२३) वामदेव - जुओ - बामीदेव-जैनकवि वामध्वज-जैनेतर
परिशिष्टप्रकरण-(सं.)टिप्पनकसं. तमीशानं वन्दे न (तालाद३८६) वामन-जैनेतर वामनीय काव्यालङ्कारसं. (जेताजि३३३, पातासंघवी१८७-१) वामनीय काव्यालङ्कार-(सं.)वृत्ति। सं.\ प्रणम्य परमं ज् (जेताजि३३३, पातासंघवी१८७-१, तालाद३६३) वामनीय लिङ्गानुशासन सं. गा.२५\ सिद्धं विबुधजने (पाताहेसं१४७, खंता२५६) वामीदेव - जुओ - बामीदेव-जैनकवि वामेश्वरध्वज-जैनेतर
न्यायकुसुमाञ्जलिप्रकरण-(सं.)टीका सं. यद् योगिमुख्यैर (पातासंघवी१९१-२) वाल्मीकि-ऋषि
रामायण। सं. (तालाद३३१, वताकांति४०७) विक्रम कवि-कवि
नेमिदूतकाव्य। सं. श्लोक१२६ (पाकाहेम२६६४) विजयचन्द-मुनि
कल्याणकस्तोत्र प्रा. गा.१६ (पाताहेसं१६८) विजयदानसूरिशिष्य-मुनि
प्रत्याख्यानफलकुलकी प्रा. गा.७ (पाकाहेम७७९०) विजयदेवसूरि-आचार्य
पार्श्वनाथस्तवन नारङ्गपुरमण्डन#\ मागु. गा.११ (पाकाहेम१२३८४) विजयप्रभस्वामि-आचार्य
देवपत्तनजिनस्तवन। का७ (पाकाहेम११२७०) विजयभद्र-मुनि
कमलावतीसज्झाय मागु. गा.४४ (पाकाहेम१०१३५, पाकाहेम१०७९४) विजयविमल गणि-गणि
गच्छाचारप्रकीर्णक-(सं.)विवृत्ति। सं. श्लोक५८५० उदबोधो विदधेब (भांका११६) पडिलेहणाकुलक प्रा. गा.३४ (पाकाहेम४६२७, पाकाहेम४७४०, पाकाहेम१५७२३) बन्धोदयसत्ताप्रकरण प्रा. गा.२४ (पाकाहेम१०९९४) विजयसिंहसूरि-आचार्य गुरु-मुनि शान्तिमुनि
जम्बूद्वीपसमास प्रकरण-(सं.)टीका सं. (पाकाभाभा३) धर्मोपदेशमालाप्रकरण-(सं.)टीका\ सं. ग्रं.१४४७१\ नृपत्वतीर्थाधिप (पाताहेसं३३, पाताहेसं३४) नेमिनाथजिनस्तोत्र सं. का.२४\ नेमिस्समाहितधिय (पाकाहेम१२३१९) श्रावकप्रतिक्रमणसूत्र-(प्रा.)चूर्णि प्रा. श्लोक४५९०\ सिद्ध सिद्धत्थ (पाकाहेम४३६, पाकाहेम४३७, पाकाहेम१४८९४,
भांका२७८) साम्यशतक\ सं. श्लोक३०४ (पातासंघवी१७०-२) विजयानन्द-मुनि
क्रियाकलाप सं. (पाकाहेम१०२०९) विजयानन्द - जुओ - विद्यानन्द-पं. विद्याचन्द्र-अज्ञात
आदिनाथजिनस्तुति सं. श्लोक४ (पाकाहेम८२१८) विद्यातिलक - जुओ - सोमतिलकसूरि-आचार्य विद्याधर-पण्डित

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