Book Title: Hastlikhit Granthsuchi Part 3
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Stambhan Parshwanath Jain Trith Anand
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विद्वान उपरथी कृति माहिती द्विवर्णरत्नमालिकास्तुति-(सं.)टीका। सं. (पाकाहेम५२१२) रूद्रट-जैनेतर
रुद्रटालङ्कार सं. (पाकाहेम६६४८) लक्षण भट्ट - जुओ - भट्ट लक्षण-जैनेतर लक्ष्मण गणि-गणि
सुपार्श्वनाथचरित्र गाथाबद्ध प्रा. (जेताजि२५१, पातासंघवीजीर्ण१७, पातासंघवी४७, जेकात२८) लक्ष्मण भट्ट - जुओ - भट्ट लक्षण-जैनेतर लक्ष्मीतिलक-मुनि
श्रावकधर्मविधिप्रकरण-(सं.)वृत्ति। सं.\ ग्रं.१५३३१ (पाकाहेम६५८८) लक्ष्मीधर (श्वे.)-पण्डित
तिलकमञ्जरी कथासार पद्यबन्ध सं. श्लोक१२०० (पाकाहेम२६५८) लक्ष्मीसागरसूरि-आचार्य
चतुर्विंशतिजिनस्तवन। सं. का.२६ (पाकाहेम१२२०६) पुण्डरीकस्तव सं. का.११\ श्रीशत्रुचजयश (पाकाहेम१२१३७) लब्धिविजय-मुनि
बाहुबलिस्वाध्याय मागु.\ गा.२९ (पाकाहेम१०२२४) लीम्बो-अज्ञात
ऋषभगीत मागु. गा.८ (पाकाहेम१२३३३) वज्रसेनसूरि-आचार्य
शीलसन्धिी अप. गा.३४ (पाकाहेम७३०७) वज्रसेनसूरिशिष्य-मुनि
अजितशान्ति नमस्कार। अप. गा.१५ (पाकाहेम१२३४४) वज्रस्वामि-अज्ञात
गौतमस्वामि स्तवन सं. का.१११ स्वर्णाष्टाग्रस (पाकाहेम११२७०, पाकाहेम१३१७१) वत्सराज महामात्य-कवि कर्पूरचरितभाण। सं. ग्रं.१९०\ दास्येहं परिरम् (पाताखेत४१-१) किरातार्जुनीयव्यायोग। सं.\ श्लोक६१\ सा पातु वस्त्र् (पाताखेत४१-१) त्रिपुरदाह डिम\ सं. ग्रं.६६४\ परिकरितमिन्दुमौ (पाताखेत४१-१) रुक्मणीहरण ईहामृगः। सं. ग्रं.५०८ दरमुकुलितनेत्रा (पाताखेत५२-२) समुद्रमथन समवकार\ सं. ग्रं.६१४। गङ्गाधरो रुचिरश (पाताखेत५२-२) हास्यचूडामणिप्रहसन सं. ग्रं.३७२\ कल्याणं वितरन्त (पाताखेत४१-१) वप्पइराय - जुओ - वाक्पतिराज-जैनेतर वरदत्त-अज्ञात वइरसामिचरिउ\ अप. ग्रं.३००\ गा.९९ अहु जण! निसुणेज (पाताखेत११, पाताखेत१२, पातासंघवीजीर्ण७४,
पातासंघवी१४१-२, खंता९४) वरदराज-जैनेतर
तार्किकरक्षाव्याख्यानसारसङ्ग्रह*\ सं. (पाकाहेम१०२१९) वराहमिहिर-जैनेतर
वराहमिहिरसंहिता सं. (पातासंघवी१५८) वर्द्धमानसूरि-आचार्य
धर्मरत्नकरण्डक\ सं. श्लोक१०००० (वताहंस४४५, पाकाहेम१३९२४) महावीर पारणक\ अप. गा.४३\ जिणनिसुणउ एक्कग (पाताहेसं१६८) मुखपोतिकाकुलक\ प्रा. गा.२८ (पाकाहेम९६२२) मुखवस्त्रिका कुलक\ प्रा. गा.२८\ मोहतिमिरोहसूरं (भांता७०) वर्द्धमानसूरि-आचार्य गुरु-आचार्य अभयदेवसूरि

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