Book Title: Hastlikhit Granthsuchi Part 3
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Stambhan Parshwanath Jain Trith Anand

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Page 76
________________ विद्वान उपरथी कृति माहिती गुणविजय गणि-गणि विजयप्रशस्तिमहाकाव्य-(सं.)विजयप्रदीपिका नाम सुखावबोधिका टीका सं. ग्रं.१०००० (पाकाहेम२०८०) गुणविनय-गणि कर्मचन्द्रवंशप्रबन्धी मागु. (पाकाहेम८००४) लघुशान्तिस्तोत्र-(सं.)टीका सं. (पाकाहेम८२६७) गुणसुन्दर-गणि भक्तामरस्तोत्र-(सं.)टीका सं. (पाकाहेम१०६५२) गुणसूरि-आचार्य शीलप्रशंसाकुलक\ प्रा.\ गा.४४\ तिलोयपुज्जाण जि (पातासंघवी११७-१, पाताहेसं१६१) गुणसौभाग्य-गणि नन्दिस्तुति-(सं.)व्याख्या सं. (पाकाहेम८३५९, पाकाहेम१२३५४) गुणाकरसूरि-आचार्य आश्चर्ययोगमाला-(सं.)सुखबोधा विवृत्ति। सं. गुरुचरणकमलममलां (भांका१६०) गुणाकरसूरि रुद्रल्लीय-आचार्य-रुद्रपल्लीय भक्तामरस्तोत्र-(सं.)टीका\ सं.ग्रं.१५२६ (पाकाहेम१०३७७, पाकाहेम१५००३) गुणानन्द भट्टाचार्य-जैनेतर प्रत्यक्षमणिदीधिति परिशिष्ट सं. (पाकाहेम५०८६) गोपालिक महत्तर शिष्य-मुनि उत्तराध्ययनसूत्र-(प्रा.)चूर्णि\ प्रा. ग्रं.५८५५ (जेताजि९५, पातासंघवीजीर्ण३, पातासंघवीजीर्ण७, जेकाजि५६, पाकाहेम६५३०, पाकाहेम६५४६, पाकाहेम१००८०, पाकाहेम१४८९२) गोपीकान्त वेणीदत्त याज्ञिक-जैनेतर न्यायप्रदीप। सं. नत्वा श्रीविश्व (पाकाहेम१३६४३) गोल्हण-आचार्य कातन्त्रव्याकरण-(सं.)दौर्गसिंहीवृत्तिनी (सं.)गोल्हणवृत्ति। सं. (पाकाहेम६७८४) गोविन्दाचार्य-आचार्य अजितशान्तिस्तोत्र-(सं.)टीका सं. ग्रं.३५० प्रणिपत्याजितशा (पाताहेसं१०५, भांका२४४) कर्मस्तव प्राचीन द्वितीय कर्मग्रन्थ-(सं.)वृत्ति। सं.\ ग्रं.१०९०\ कर्मबन्धोदयोदीर (जेताजि१७६, जेताजि१७७, जेताजि१७९, पातासंघवी१२७-१, पाताहेसं९३, पाताहेसं९४, खंता१४९, वताकांति४०९) गोविन्दाचार्य - जुओ - गोविन्द गणि-गणि गौडपाद-जैनेतर साङ्ख्यसप्ततिका-(सं.)भाष्य। सं. (जेताजि३९१, जेताजि३९२, पाकाहेम१०७२०) गौतमस्वामि-अज्ञात शाश्वतजिनचैत्यवन्दनविधि। अप. गा.९। जगचिन्तामणि जगन (पाकाहेम१२३३८) चक्रेश्वरसूरि-आचार्य चरणकरणमूलोत्तरगुणप्रकरण\ प्रा. ग्रं.७० वन्दिय तिजयसरन् (पाकाहेम१११५३) पदार्थस्थापना प्रकरण प्रा. गा.११९\ धम्माधम्मवर जि (पाकाहेम१११५३) पौषधविधिप्रकरण\ प्रा.,मागु. गा.९२\ सव्वविरएहिं जे (पाकाहेम१११५३) वर्धमानविद्या प्रा. गा.१२\ विलसन्तजोइवीए प (पातासंघवी१७२-३, भांता७०) वीरजिनस्तुति। सं.\ श्लोक१४\ सकलसुरासुरपूजित (पातासंघवी१७२-३) सभापञ्चकप्रकरण-देवोपत्तिस्वरूपप्रकरण प्रा. ग्रं.५३\ पञ्चसभा पन्नत (पाकाहेम१११५३) सम्यक्त्वप्रकरण-(सं.)वृत्ति सं. (पाकाहेम८०५) सिद्धान्तसारोद्धार प्रकरण प्रा. गा.२१३\ अइविसमरागकेसरि (पाकाहेम१११५३) सूक्ष्मार्थविचारसारप्रकरण-(सं.)वृत्ति \ सं. ग्रं.३७०० (जेताजि१८६, पाताहेसं१९०, पाकाहेम१०३३५, पाकाहेम१६५२५) सूक्ष्मार्थसप्ततिका प्रा. गा.७५\ सिद्धो बुद्धो अ (पाकाहेम१११५३) चक्रेश्वरसूरि-आचार्य (प्र. नाम-आचार्य-वर्धमानसूरि-शिष्य (संविग्न विहारी)) गुरु-आचार्य वर्द्धमानसूरि

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