Book Title: Hastlikhit Granthsuchi Part 3
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Stambhan Parshwanath Jain Trith Anand
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विद्वान उपरथी कृति माहिती पाताहेसं११४, पाताहेसं११५, पाताहेसं१२२, खंता९७, खंता९९, खंता१०१, खंता१०५, खंता११०, खंता११५,
खंता१२३, तालाद३८४, अताका४९७, पाकाहेम७०७३) प्रबन्धशतकर्तु-महाकवि - जुओ - रामचन्द्र-कवि प्रबोधचन्द्र गणि-गणि
सन्देहदोलावलीप्रकरण-(सं.)टीका\ सं. ग्रं.४७५०\ श्रीवर्द्धमानं (पाकाहेम७०२५, भांका२७५) प्रभाचन्द्रसूरि-आचार्य
प्रभावकचरित्र सं. (पाताहेसं१६९) प्रभाचन्द्रसूरि (दिगम्बर)-आचार्य परीक्षामुखसूत्र-(सं.)प्रमेयकमलमार्तण्ड टीका\ सं. सिद्धेर्धाम महा (पातासंघवी५, भांता५३, तालाद३१४)
लघीयस्त्रयप्रकरण-(सं.)न्यायकुमुदचन्द्र टीका\ सं. सिद्धिप्रदं प्र (भांता५४) प्रभानन्दसूरि-आचार्य (प्र. नाम-अज्ञात-प्रभानन्दाचार्य)
ऋषभपञ्चाशिका-(सं.)वृत्ति। सं.\ श्लोक१०००\ जयति विजितान्तर (पातासंघवी१९२-१) वीतरागस्तोत्र-(सं.)टीका सं. (पाताखेत४७-२, तालाद३३६) वीतरागस्तोत्र-(सं.)अवचूरि सं. ग्रं.६२५\ यः किल परात्मा (पाकाहेम१६७७२) प्रभानन्दाचार्य - जुओ - प्रभानन्दसूरि-आचार्य प्रशस्तपादाचार्य-आचार्य वैशेषिकदर्शन-(सं.)पदार्थधर्मसङ्ग्रह टीका\ सं. श्लोक७७७\ प्रणम्य हेतुमीश (जेताजि३८३, पातासंघवी१४४-१, __ पाकाहेम६६८४, पाकाहेम१६७९४) प्रसन्नचन्द्रसूरि-आचार्य
ज्ञानपञ्चमीस्तोत्री प्रा. उच्छलियविमलकिरण (पाकाहेम१०२३) प्रह्लादन-कवि
पार्थपराक्रमव्यायोग। सं. श्लोक४३२ (पाकाहेम३९९१, पाकाहेम६६५७) बप्पभट्टसूरि-आचार्य (प्र. नाम-आचार्य-बप्पभट्टी)
अनुभूतसिद्धसारस्वतस्तव। सं.\ श्लोक१३\ कलमरालविहङ्गमवा (पाकाहेम१३१७१) आमराजयात्राप्रबन्ध सं. (पाकाहेम८००७) चतुर्विंशतिजिनस्तुति। सं. का.९६ नमेन्द्रमौलिग (पाकाहेम१६१८४) बप्पभट्टी - जुओ - बप्पभट्टसूरि-आचार्य बाण भट्ट-कवि
चण्डिकाशतक\ सं. श्लोक१०४ (पाकाहेम१०७०२) बालचन्द्रसूरि-आचार्य (प्र. नाम-आचार्य-बालचन्द्राचार्य) उपदेशकन्दली-(सं.)वृत्ति। सं. ग्रं.७६००\ यन्नाभीनासिकाभ् (पातासंघवी९२, पातासंघवी२७-१, पाताहेसं३५,
पाताहेसं३६, भांता५८) विवेकमञ्जरीप्रकरण-(सं.)वृत्ति सं. ग्रं.८०००\ नाभिनन्दनविभोर (खंता१७६, पाकाहेम६७०८) स्नातस्या-वीरस्तुति। सं. का.४ स्नातस्या प्रति (खंता११८, पाकाहेम१०२२, पाकाहेम१०६५०, पाकाहेम१२३७०) बालचन्द्राचार्य - जुओ - बालचन्द्रसूरि-आचार्य बिल्हण-कवि (प्र. नाम-जैनेतर-बिल्हण भट्ट) जिनपति स्तोत्र अष्टक\ सं. का.८ (पातासंघवी२०६-२) पार्श्वनाथस्तोत्र सं. श्लोक९ जयति भुजगराज प् (पाताहेसं१११) पार्श्वनाथस्तोत्र सं. का.९\ श्रीपार्श्वनाथ (पाकाहेम७३०७, पाकाहेम१२१२४, पाकाहेम१२३५२) बिल्हणपञ्चाशिका\ सं.\ का.५० (पाकाहेम८६६६)
विक्रमाङ्ककाव्य। सं. ग्रं.२५४५\ भुजप्रभादण्ड इव (जेताजि३४६, पाकाहेम६६२३) बिल्हण भट्ट - जुओ - बिल्हण-कवि बुद्धिसागरसूरि-आचार्य-तपागच्छ
बुद्धिसागरव्याकरण-पञ्चग्रन्थी\ सं. ग्रं.७००० (जेताजि२९२, पाकाहेम६६०८, पाकाहेम६८३३) बोधकशिष्य - जुओ - सुमतिसूरि-आचार्य

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