Book Title: Hastlikhit Granthsuchi Part 3
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Stambhan Parshwanath Jain Trith Anand

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Page 105
________________ ८८ विद्वान उपरथी कृति माहिती अष्टोत्तरीस्तवन प्रा. (पाकाहेम१४०२३) आयुःसङ्ग्रह। प्रा. गा.८२\ सट्ठी कम्माभावे (पातासंघवी११८-२) कर्मस्तव प्राचीन द्वितीय कर्मग्रन्थ-(प्रा.)भाष्य-१\ प्रा. गा.७०\ नमिऊण वद्धमाणं (पातासंघवीजीर्ण४६) जीरापल्लीपार्श्वजिनस्तुति। सं.\ का.४५\ प्रभुं जीरिकापल (पाकाहेम९०२) पार्श्वनाथस्तोत्री प्रा. गा.८\ निलुप्पल इह देह (पाकाहेम१०२३) मनःस्थिरीकरण प्रकरणी प्रा. गा.१६७\ नमिऊण वद्धमाणं (पातासंघवी११८-२, पातासंघवी१३४-१) मनःस्थिरीकरण प्रकरण-(सं.)वृत्ति। सं. ग्रं.२३००\ प्रणिपत्य जिनं (पातासंघवी१३४-१) विचारसप्ततिकाप्रकरणी प्रा. पडिमा मिच्छा को (पातासंघवी११७-१, पातासंघवी११८-२, पाकाहेम७६८३) शतपदीप्रकरण-(सं.)वृत्ति। सं. ग्रं.५२००। त्रिभुवनगृहप्रद (पाताहेसं१०४, खंता१९९, वताकांति४०१, पाकाहेम७०७४) षण्णवति जिनस्तवन। सं.\ का.२९। सच्चक्रलोचनसुधा (पाकाहेम९०२) महेश्वर-कवि काव्यमनोहर-मण्डनमन्त्रीचरित्र सं. (पाकाहेम९४९३) शब्दभेदप्रकाश नाममाला। सं. श्लोक१९२१ प्रबोधमाधातुमशा (जेताजि३५०, अताका४७७, पाकाहेम८७४८, पाकाहेम९५७८, पुप्रे४३०) महेश्वरसूरि-आचार्य ज्ञानपञ्चमी कथा प्रा. गा.२००० (पातासंघवी७०-१, पातासंघवी१८२-२) संयममञ्जरीप्रकरण अप. गा.३५ नमिऊण नमिरतियसि (जेताजि१५१, जेताजि१९१, पातासंघवीजीर्ण७४, पातासंघवी१६५, पातासंघवी१९०-२, खंता९०, खंता९७, जेकाजि१३२६, पाकाहेम१०२३, पाकाहेम११०८३, भांका१४३) माघ-कवि शिशुपालवध सं. (पातासंघवीजीर्ण२८, पातासंघवीजीर्ण६६, पातासंघवी६९-३, पाकाहेम१०१०८) माणिक्यचन्द्रसूरि-आचार्य काव्यप्रकाश-(सं.)काव्यप्रकाशसङ्केत टीका\ सं.\ ग्रं.३२४४\ वर्णनाविषयीचक्र (पातासंघवी६३-४, पातासंघवी६९-२, पाकाहेम६६५१) शान्तिनाथचरित्र महाकाव्य सं. श्लोक५५७४\ तेपि ब्रह्मादयो (पातासंघवी५७-१, पातासंघवी५७-१, भांता६२, पाकाहेम८६५) माणिक्यदेव-आचार्य नलायन - कुबेरपुराण। सं.\ ग्रं.४७२४ (पाकाहेम१०३८८, भांका१७८) माणिक्यप्रभसूरि-शिष्य - जुओ - उदयप्रभसूरि-आचार्य माणिक्यशेखरसूरि-आचार्य गुरु-आचार्य मेरुतुङ्गसूरि आवश्यकसूत्र-(प्रा.)नियुक्तिनी (सं.)दीपिका टीका\ सं. श्रीआवश्यकसूत्र (पाकाहेम१०४८४, भांका२२०) ओघनियुक्ति-(सं.)दीपिकाटीका। सं. श्लोक५८०० (पाकाहेम१६४०५) माणिक्यशेखरसूरि-आचार्य-अञ्चलगच्छ पिण्डनियुक्ति-(सं.)विवेचन। सं.\ श्रीआचाराङ्गे द (भांका२२६) माणिक्यसुन्दरसूरि-आचार्य चन्द्रधवल-धर्मदत्तकथा। सं. (पाकाहेम१४५४८) पार्श्वनाथस्तवन यमकालङ्कारमय सं. का.९ नतसुरमुकुटाली.. (पाकाहेम२००५) शुकराजनृपकथा-गद्य सं.\ ग्रं.५०० (पाकाहेम८०५७) श्रीधरचरित्रकाव्य सं. श्लोक१६८९ यस्मिन्नाभिनरेन (पाकाहेम८७१, पुप्रे४२४) माणिक्यसुन्दरसूरि-आचार्य-अंचलगच्छ गुणवर्माचरित्र सं. ग्रं.१८०८\ विजयतां जिनवाक् (पाकाहेम१०१०५, भांका२२२) मानतुङ्गसूरि-आचार्य नवकारसारस्तव प्रा. गा.३१। भत्तिभरअमरपणयं (जेताजि१५८, पातासंघवी१७२-३, पाकाहेम१२३८९) भक्तामरस्तोत्र सं. का.४४ भक्तामरप्रणतमौल (जेताजि१५८, जेताजि३९७, पातासंघवी१०८, पातासंघवी७२-३, पातासंघवी१०४-२, पातासंघवी१४५-१, पातासंघवी१९८-२, पातासंघवी२०६-२, पाताहेसं१११, पाताहेसं११९,

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