Book Title: Hastlikhit Granthsuchi Part 3
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Stambhan Parshwanath Jain Trith Anand
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विद्वान उपरथी कृति माहिती बोपदेव-कवि कविकल्पद्रुमधातुपाठ पद्य सं.\ ग्रं.४०० (पाकाहेम१०६७८, पाकाहेम१०६७९) मुग्धबोध व्याकरण सं. (पाताखेत५३-२, पाकाहेम७०६०)
शतश्लोकी। सं. (पाकाहेम१०७३०) ब्रह्मचन्द्र - जुओ - विमलसूरि-आचार्य ब्रह्मर्षि-अज्ञात (प्र. नाम-मुनि-ब्राह्मणमुनि)
दशाश्रुतस्कन्ध-(सं.)जनहिता टीका\ सं. ग्रं.५१५२\ यथास्थिताशेषपदा (लिंता२०४, लिंता४५६, भांका२७१) ब्रह्मानन्द-जैनेतर
कृष्णबारमासा\ मागु. गा.८७ (पाकाहेम१०७९५) ब्राह्मणमुनि-मुनि (प्र. नाम-मुनि-पार्श्वचन्द्रसूरि-शिष्य)
जम्बूद्वीपप्रज्ञप्तिसूत्र-(सं.)विवृत्ति सं. अपारे किल संसार (भांका१७६) ब्राह्मणमुनि - जुओ - ब्रह्मर्षि-अज्ञात भट्ट लक्षण-जैनेतर (प्र. नाम-जैनेतर-लक्ष्मण भट्ट)
प्रश्नव्याकरणसूत्र जयपायड-(सं.)चूडामणिटीका की प्रश्नचूडामणिसार टीका\ सं. (पातासंघवी१७७-२) भद्रबाहु-गणि
पार्श्वजिनस्तव प्रा. गा.५\ चउकसाय पडिमल्लइ (भांका१३२) भद्रबाहुस्वामी-आचार्य आचाराङ्गसूत्र-(प्रा.)नियुक्ति प्रा.\ ग्रं.४७०\ गा.३६५१ वन्दित्तु सब्बस (जेताजि१, जेताजि२, पाताखेत१४, पातासंघवी३१-१, पातासंघवी१३५-१, पातासंघवी१८६-२, खंता१, खंता३, भांता२८, भांता३१, जेकाजिर,
जेकाजि१३००, जेकाजि१३४८, पाकाहेम६५७३, पाकाहेम९९८७, पाकाहेम१०४५७) आवश्यकसूत्र-(प्रा.)नियुक्ति प्रा. ग्रं.३१००\ गा.२५००\ जयइ जगजीवजोणी व (जेताजि९४, जेताजि१०४,
जेताजि१३०, जेताजि१३१, जेताजि१३३, जेताजि१३४, जेताजि१३५, पाताखेत१२, पाताखेत५६, पाताखेत३४-२, पाताखेत५२-१, पातासंघवीजीर्ण३७, पातासंघवीजीर्ण५४, पातासंघवीजीर्ण८८, पातासंघवी९०, पातासंघवी१६६, पातासंघवी६२-१, पातासंघवी६४-२, पातासंघवी६८-४, पातासंघवी७२-३, पातासंघवी१७१-१, पातासंघवी२००-२, पाताहेसं८९, पाताहेसं१५२, पाताहेसं१७७, खंता५५, खंता५६, खंता५७, खंता२८२, खंता२८३, डतामुक्ता४६३, अताका४७०, जेकाजि३५, पाकाहेम६५२६, पाकाहेम६५७४, पाकाहेम६९२७, पाकाहेम६९२८, पाकाहेम७५०९, पाकाहेम१००६४, पाकाहेम१००६६, पाकाहेम१०११६, पाकाहेम१०३६९, पाकाभाभा१७, भांका१९६) आवश्यकसूत्र-(प्रा.)नियुक्तिनो हिस्सो @\ प्रा. (पाताखेत५१, पाताखेत५१, पाताखेत५१, पाताखेत५१, पाताखेत५१, पाताखेत२४-२, पाताखेत२४-२, पाताखेत२४-२, पाताखेत२४-२, पाताखेत२४-२, पाताखेत२४-२, पाताखेत२४-२,
पाताखेत२४-२, खंता११२, खंता१२६, खंता१२६) उत्तराध्ययनसूत्र-(प्रा.)नियुक्ति प्रा. ग्रं.६०७१ गा.५९६ (पातासंघवीजीर्ण३, पातासंघवीजीर्ण७, पातासंघवीर, पातासंघवी१८६-२, जेकाजि५४, जेकाजि१३००, पाकाहेम६५६५, पाकाहेम१००७९, पाकाहेम१०३१३,
पाकाहेम१०४२७, पाकाहेम१४८६४, भांका११५) उपसर्गहरस्तोत्र प्रा. गा.५\ उवसग्गहरं... (तालाद३३६, पाकाहेम९०२, पुप्रे४१९-२, भांका१५२, भांका२०२,
भांका२४३) ओघनियुक्ति प्रा. ग्रं.१४३२\ गा.११६३\ दुविहोवक्कमकालो (जेताजि१२३, जेताजि१२६, पाताखेत३८-१, पातासंघवीजीर्ण८५, पातासंघवीजीर्ण८८, पातासंघवीजीर्ण९२, पातासंघवी९०, पातासंघवी१६६, पातासंघवी१७-२, पातासंघवी१७-३, पातासंघवी६४-२, पातासंघवी१८५-२, पातासंघवी१९७-१, पाताहेसं३०, पाताहेसं५१, पाताहेसं५८, पाताहेसं९०, पाताहेसं९१, पाताहेसं१६३, पाताहेसं१७९, खंता७०, खंता७१, भांता७८, तालाद३१८, तालाद३४५, वताकांति४३१-२, जेकाजि४०, जेकाजि१४५३, पाकाहेम९०२, पाकाहेम६५४३, पाकाहेम६५५८, पाकाहेम६९२९, पाकाहेम६९३०, पाकाहेम७५०८, पाकाहेम१००६८, पाकाहेम१००६९, पाकाहेम१०४८८, पाकाहेम१०४८९, पाकाहेम१०४९०, पाकाहेम१०४९१, पाकाहेम१०५६२, पाकाहेम१४८५६, पाकाहेम१४८५७, पाकाहेम१४८५८,
पाकाहेम१४८७५, पाकाहेम१४८७९, पाकाहेम१६४०५, पाकाभाभा६३, भांका१३९, भांका२३७) कल्पसूत्र प्रा. ग्रं.१२८० नमो अरिहन्ताणं. (जेताजि४०, जेताजि४२, जेताजि४३, जेताजि८२, जेताजि४२०,
जेताजि४२५, जेतालौ३, पाताखेत५७, पाताखेत१-१, पाताखेत९-१, पाताखेत४०-२, पाताखेत४७-१,

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