Book Title: Hastlikhit Granthsuchi Part 3
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Stambhan Parshwanath Jain Trith Anand

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Page 92
________________ विद्वान उपरथी कृति माहिती ७५ धनचन्द्र-पं. सिद्धहेमशब्दानुशासन-(सं.)लघुवृत्तिनी (सं.)अवचूरि\ सं. (पातासंघवी१७३-१, पाताहेसं१३१) धनञ्जय-मुनि-दिगम्बर द्विसन्धानमहाकाव्य सं. (भांका१७१) धनद-जैनश्रावक (प्र. नाम-जैन श्रावक-धनदराज सङ्घपति) धनदत्रिशती\ सं.\ ग्रं.३०० (पाकाहेम६७९४, पाकाहेम९४९४) धनदराज सङ्घपति - जुओ - धनद-जैनश्रावक धनपाल-कवि ऋषभपञ्चाशिका प्रा.गा.५०\ जय जन्तुकप्पपाय (पाताखेत११, पाताखेत२८-२, पाताखेत३२-१, पातासंघवीजीर्ण८५, पातासंघवीजीर्ण८६-२, पातासंघवी५५-२, पातासंघवी१८८-१, पातासंघवी१९०-२, पातासंघवी२०६-२, पाताहेसं१०५, पाताहेसं१६१, पाताहेसं१६८, खंता९०, खंता१२६, खंता२७९, भांता२४, पाकाहेम९५०४, पाकाहेम१०६६४) तिलकमञ्जरी\ सं. स वः पातु जिनः. (जेताजि४०२, पातासंघवी१०७, तालाद३७७, डतामुक्ता४५९) पाइयलच्छीनाममाला। प्रा. गा.२८० नमिऊण परमपुरिसं (अताका४७७) श्रावकविधिप्रकरण\ प्रा. गा.२२\ जत्थ पुरे जिणभव (जेताजि१९१, जेताजि४००, पाताखेत२९, पातासंघवी५६-२, पातासंघवी१४१-२, पाताहेसं११९, खंता९०, खंता९४, खंता९७, खंता१०९, तालाद३२६, जेकाजि१३२६, पाकाहेम७७५, पाकाहेम१०२३, पाकाहेम७७९८) धनविजय-मुनि कर्मविपाक नव्य प्रथम कर्मग्रन्थ-(मा.गु.)स्तबक मागु. (पाकाहेम६९७४) कर्मस्तव नव्य द्वितीय कर्मग्रन्थ-(मा.गु.)स्तबक मागु. (पाकाहेम६९७४) धनेश्वरसूरि-आचार्य गुरुवेयणकुलकी प्रा. गा.१५ (पातासंघवी१९०-२) चारित्रमनोरथमाला। प्रा.,सं. गा.३० (पातासंघवी५९-३, पाकाहेम१६२०, पाकाहेम१०५०५, पाकाहेम१३३०५) शत्रुञ्जयमाहात्म्य। सं.\ ग्रं.८८१२ (जेकाजि२४२, पाकाहेम१५०३२, पाकाभाभा४९) धनेश्वरसूरि-शिष्य - जुओ - श्रीचन्द्रसूरि-आचार्य धर्मकीर्ति (बौद्ध)-आचार्य न्यायबिन्दु। सं. (जेताजि३६४, जेताजि३७६, पातासंघवीजीर्ण६४, पातासंघवीजीर्ण६४) धर्मकुमार-जैनश्रावक शालिभद्रचरित्र-पद्य सं. ग्रं.१२४२\ श्रीदानधर्मकल्प (खंता२२५, पाकाहेम१०६४०) धर्मघोषसूरि-आचार्य अतीत-अनागत-वर्तमानचतुर्विंशतिका विहरमान जिननामगर्भित स्तुति प्रा. गा.१२। देविन्दवन्दियपए (पाकाहेम१२३४९) ऋषिमण्डलप्रकरणी प्रा. ग्रं.२५४१ गा.२१० (खंता१२३, खंता१२६, खंता१३२, पाकाहेम१०६१६) ऋषिमण्डलप्रकरण\ प्रा. गा.२२३ (पाकाहेम१०१६३, पाकाहेम१०६१७, पाकाहेम११०९४) ऋषिमण्डलस्तव प्रा. गा.१६२\ भत्तिभरनमिरसुरव (पातासंघवी११७-१, पातासंघवी१३४-२, पातासंघवी१४५-१, पाताहेसं१६१, पाकाहेम१०१४९) कालसप्ततिकाप्रकरण प्रा. ग्रं.९०१ गा.७४ (पातासंघवीजीर्ण८६-२, पाकाहेम१०१४५, पाकाहेम१०१४६, पाकाहेम१०५९७) चतुर्विंशतिजिनस्तुति। सं.\ गा.२८\ जय वृषभजिनाभिष् (पाकाहेम१२२०२, पाकाहेम१२२०३, पाकाहेम१२२०४, पाकाहेम१५७८६) चैत्यवन्दनभाष्य-(सं.)सङ्घाचारटीका सं. ग्रं.७८०८ देवेन्द्रवृन्दस (जेताजि२०७, पातासंघवी८७, खंता१५२, पुप्रे४४०, पुप्रे४४१, पुप्रे४४३) धर्मोपदेशशत प्रा. (पातासंघवीजीर्ण३९) परिग्रहपरिमाण प्रा. गा.८४ पणमिय परमपयत्थं (पाताहेसं११३) पार्श्वनाथस्तोत्र सं. का.१६ कस्तुरीतिलकं भु (पाकाहेम९०२, पाकाहेम१२३२१, पाकाहेम१२३२२) भवस्थितिकुलक\ प्रा.\ गा.२५ (पाकाहेम४४७२)

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