Book Title: Hastlikhit Granthsuchi Part 3
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Stambhan Parshwanath Jain Trith Anand

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Page 85
________________ ६८ विद्वान उपरथी कृति माहिती पार्श्वनाथस्तोत्रचरित्र प्रा. गा.१५ गुणमणिनिहिणो जस (पाकाहेम७७५) पार्श्वस्तुति-चक्राष्टकेन। सं. श्लोक८\ चक्रे यस्य नतिः (डतामुक्ता४५७) पिण्डविशुद्धिप्रकरण प्रा. गा.१०४१ देविन्दविन्दवन् (जेताजि१५४, जेताजि२०५, जेताजि२१०, पाताखेत५, पाताखेत६, पाताखेत१२, पाताखेत३६, पाताखेत५१, पाताखेत३२-१, पाताखेत३४-३, पातासंघवीजीर्ण४६, पातासंघवीजीर्ण४९, पातासंघवीजीर्ण७८, पातासंघवीजीर्ण८५, पातासंघवी१६४, पातासंघवी१६६, पातासंघवी२०२, पातासंघवी३५-२, पातासंघवी६४-२, पातासंघवी६७-१, पातासंघवी११७-१, पातासंघवी१३०-१, पातासंघवी१८१-१, पातासंघवी१८९-१, पातासंघवी२०६-२, पाताहेसं११९, पाताहेसं१२२, पाताहेसं१५९, पाताहेसं१६१, पाताहेसं१७९, पाताहेसं१८९, पाताहेसं१७१-११, खंता८८, खंता९१, खंता९५, खंता११२, खंता१२३, खंता७६-१, भांता६९, भांता७५, तालाद३२६, तालाद३८९, लिंता३४१६, जेकाजि१३२६, पाकाहेम७७५, पाकाहेम१०२३, पाकाहेम९५४६, पाकाहेम१४९८४, पाकाभाभा३३, भांका२०३, भांका२९८) पौषधविधिप्रकरण प्रा. (जेताजि१५४, पाकाहेम९३१, पाकाहेम२६०१, पाकाहेम६७४५, पाकाहेम१३९६४) प्रश्नशतक\ सं. श्लोक १६१ क्रमनखदशकोट्यद (भांका२४२, भांका२६९) भावारिवारणस्तोत्र सं.प्रा. का.३०\ भावारिवारणनिवार (डतामुक्ता४५७, पाकाहेम७३०७, पाकाहेम१०६६५, पाकाहेम१०६६६) महावीरस्तोत्र प्रा. गा.१३\ भत्तिब्भरनमिरसु (पाकाहेम१०२३) महावीरस्वामिचरित्री प्रा. गा.४४\ दुरियरयसमीरं मो (पाकाहेम७७५, पाकाहेम२०५४, पाकाहेम१०३७९, पाकाहेम१३७३७, पाकाहेम१५७१५) लघुअजितशान्तिस्तव प्रा. गा.१७\ उल्लसिक्कमनक्ख. (जेताजि१५४, जेताजि१५६, पाताखेत३२-२, डतामुक्ता४५७, जेकाजि१३१७, जेकाजि१३२६, पाकाहेम१०२३, पाकाहेम७३०७) शान्तिनाथस्तोत्री प्रा. गा.३३ अप्पडिहयधम्मचक् (पाकाहेम७७५, पाकाहेम१०२३) शान्तिनाथचरित्र\ प्रा.\ गा.२३ (पाकाहेम२०५४, पाकाहेम१०१६६) षष्टिशतकप्रकरण प्रा. (पाकाहेम१०६२८) सङ्घपट्टक\ सं. ग्रं.७५ (पाकाहेम६७२१, पाकाहेम७९४५, भांका१०८, भांका१०९, भांका२९७) सप्ततिकाप्रकरणी प्रा. साहूण अणुग्गहट् (पाताहेसं९७) सर्वजिनकल्याणकस्तोत्र\ सं.श्लोक८\ पुरन्दरपुरस्पर (पाताखेत२३, डतामुक्ता४५७) सूक्ष्मार्थविचारसारप्रकरण प्रा. गा.१६४५ सयलन्तरायवीरं व (जेताजि१५०, जेताजि१६२, जेताजि१८६, जेताजि४००, जेताजि४१५, पाताखेत२३, पाताखेत३६, पाताखेत४२, पाताखेत५०, पातासंघवीजीर्ण४५, पातासंघवीजीर्ण४६, पातासंघवी१७४, पातासंघवी७१-३, पातासंघवी११३-२, पातासंघवी१६०-१, पातासंघवी१७०-१, पातासंघवी१७२-१, पाताहेसं११०, खंता११७, भांता६८, भांता६९, जेकाजि२०८, पाकाहेम१०३३५, पाकाहेम१६५२५) स्वप्नाष्टकविचार प्रा. (जेताजि१००००, पाकाहेम६५९६) जिनवल्लभसूरि - जुओ - जिनवल्लभ-गणि जिनसागर-मुनि आदिजिनस्तवन खाद्यपदार्थनामगर्भित राणकपुरमण्डन#\ सं. श्लोक११\ श्रीसचे बरसाक (पाकाहेम१२३०७) जिनसिंहसूरि-आचार्य नेमिनाथ पञ्चासिका। प्रा. गा.५२\ पणमिय नेमिजिणिन (पाताहेसं१६८) जिनसूर-मुनि-तपागच्छ। गुरु-आचार्य सुधानन्दनसूरि उपसर्गहरस्तोत्र-(सं.)टीका+कथा\ सं. वंशाब्जश्रीकरो (पुप्रे४१९-२) जीवानुशास्तिकुलक प्रा. गा.३३\ जिणेसराणं पयपङ् (पाताखेत६, पातासंघवी६२-२, पाकाहेम२५९६) रूपसेननरेन्द्रकथा गद्य-पद्य सं. (पाकाहेम१०१७८) जिनसूरि-आचार्य जल्पमञ्जरी\ सं. वसुधानन्दनरूपं (भांका१३८) जिनसोमसूरि-आचार्य अजितनाथस्तव तारणदुर्गमण्डन\ सं. का.८ विजयाजितशत्रुनन (पाकाहेम१२३७७) ऋषभ-वर्धमानस्तव सं. का.९ श्रीऋषभवर्धमानौ (पाकाहेम१२३७७) महावीरस्तोत्र सं. का.७। जय जय जगदानन्दन (पाकाहेम१२३७७)

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