Book Title: Hastlikhit Granthsuchi Part 3
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Stambhan Parshwanath Jain Trith Anand

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Page 52
________________ ३५ विद्वान उपरथी कृति माहिती यतिप्रतिमा। प्रा. गा.१३\ मासाई सत्तन्ता (भांता७०) यतिविचारकुलकी प्रा. गा.२३ (पाकाहेम११०७८) यतिविचारकुलक-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम११०७८) यतिशिक्षापञ्चाशत प्रा. गा.५० जयइ जिणसासणमिणं (पाकाहेम१३५१, भांका१९८) यथाच्छन्दच्छन्दच्छेदकउद्धृति-चित्तनिर्वृत्ति सं. ग्रं.१३१० (पाकाहेम७४१३) यमकमयजिननमस्कार सं. श्लोकर। स्तवस्तव जिनैको (पाकाहेम७३८६) यमकस्तुति-(सं.)वृत्ति सं. जाड्यध्वंसकृते (पातासंघवी५४-३) यशोधरचरित्र प्रा.गा.२५६ पयडिय दइक्कधम्म (भांका९०) यशोविजयोपाध्यायपत्र-शास्त्रीयविचारगर्भित\ मागु. (पाकाहेम१२००४) युगप्रधान आचार्यगाथा। प्रा. जुगुपहाणु सिरिअ (पाताहेसं११६) युगादिजिनस्तोत्र सं. श्लोक९ जय विश्वनयन... (पाकाहेम१०२३) युगादिदेवस्तुति मागु. गा.९ वडइं वेगि वीणा (पाकाहेम९०२) योगकल्पद्रुम सं. श्लोक६४१ अर्हन्मुनिन्दुर (पातासंघवीजीर्ण५२, पाकाहेम६५९५, पाकाहेम७८५७) योगदृष्टि समुच्चय-(सं.)टीका\ सं. (तालाद३४२) योगनन्दि विधि। प्रा. गुरू आसणसुवगओ अ (भांता७०) योगप्रदीप\ सं. श्लोक१३४ (पाकाहेम६५९५) योगप्रायश्चित्तप्रदानविधि-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम७९५२) योगबिन्दुप्रकरण-(सं.)वृत्ति। सं. सद्योगचिन्तामणि (पाताखेत१९) योगवाहिसत्ताकल्प\ प्रा. थिरकट्ठकवाडाइं (भांता७०) योगविधि प्रा.,सं. (पाकाहेम१६५०६, पाकाभाभा३१३) योगविधि प्रा. गा.६४\ नमिऊण जिणे पयओ (भांता७०) योगविधिप्रकरणी प्रा. गा.५८ (पाकाहेम५२६८) योगविधिप्रकरण। सं.। अथ योगविधिप्रकर (पाताहेसं१८८) योगविधियन्त्र। सं. (पाकाहेम१००९७, पाकाहेम१०१२८, पाकाहेम१०७३७) योगशत वैद्यकग्रन्थ\ सं. (पाकाहेम१४८७७) योगशास्त्र-(सं.)आद्यप्रकाशचतुष्क अवचूरि। सं. (पाकाहेम१०३७६, पाकाभाभा५२) योगशास्त्र-(सं.)विवरण सं. (पातासंघवी७३) योगसार\ सं. श्लोक२०६ (पातासंघवीजीर्ण३१, पाकाहेम४६५४, पाकाहेम७८५७) योगानुष्ठानविधिकुलक प्रा. गा.३० (पाकाहेम११०७२) योगारम्भदिनशुद्ध्युपाङ्गयोगविधि#\ प्रा. जोगं पुण उक्खिप (भांता७०) योगिप्रायश्चित्तविधि प्रा. उस्सङ्घटे पुत्र (भांता७०) योगोत्क्षेपनिक्षेपविधि। प्रा. पडिक्कमणपज्जत्त (भांता७०) योनिप्राभृत प्रा. तित्थं जलवत्थवक (अताका४६६, पुप्रे४४४, भांका३०२) योनिविचारगर्भविचार\ सं.प्रा.\ विध्वस्यते तु य (भांता७०) यौगिकशब्दनाममाला। सं. श्लोक५३ (पाकाहेम८७३२) रघुवंशमहाकाव्य-(सं.)टीका सं. (पाकाहेम१०२१५) रघुवंशमहाकाव्य-(सं.)टिप्पण। सं. (पाताहेसं७२, पाकाहेम१०३३४) रणशूरकथा। सं. (पाकाहेम१६४५७) रत्नकोश सं. (पाकाहेम१०७४९) रत्नत्रय प्रा.,मागु. गा.१२\ नवकारेण विवोहो (पाताहेसं१६१) रत्नत्रयकुलक प्रा.,मागु. गा.६ नवकारेण विबोहो (पाताखेत६) रत्नशेखरकथा गद्य सं. ग्रं.४२०\ प्रणम्य श्रीमहा (पाकाहेम७४३३) रत्नशेखरराजकथा विषयपरिहारे। सं. (पाकाहेम१७७६) रत्नाकरावतारिका-(सं.)टिप्पणी\ सं. (पाकाहेम१०७०६) रमतियालप्रबन्ध (पाकाहेम७१५०)

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