Book Title: Hastlikhit Granthsuchi Part 3
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Stambhan Parshwanath Jain Trith Anand

View full book text
Previous | Next

Page 57
________________ ४० विद्वान उपरथी कृति माहिती शतक नव्य पञ्चम कर्मग्रन्थ-(सं.)अवचूरि। सं. नत्वा जिनं ध्रु (भांका१७४) शतक नव्य पञ्चम कर्मग्रन्थ-(सं.)अवचूरि। सं. निजहेतु सद्भावे (भांका२०६) शतक प्राचीन पञ्चम कर्मग्रन्थ-(प्रा.)भाष्य प्रा. गा.२५ नमिउण वद्धमाणं (पाताखेत४२, तालाद३६०) शतक प्राचीन पञ्चम कर्मग्रन्थ-(प्रा.)चूर्णि\ प्रा. ग्रं.२३२२\ सिद्धो निद्धयक (जेताजि१७९, जेताजि१८०, जेताजि१८१, पाताखेत४१-२, पातासंघवी१६-२, खंता१४६, वताहंस४४८) शतक प्राचीन पञ्चम कर्मग्रन्थ-(प्रा.)लघुभाष्य। प्रा.गा.२५\ नमिऊण जिणं बुच् (भांता४५) शतक प्राचीन पञ्चम कर्मग्रन्थ-(प्रा.)भाष्य प्रा. गा.२४\ सङ्खामेत्तपयट्ठ (पाताहेसं११२) शतपदीप्रकरणवृत्ति-(सं.)टिप्पणी\ सं. (पाताहेसं१०४) शतश्लोकी-(मा.गु.)बालावबोध मागु. (पाकाहेम१०७३०) शत्रुञ्जयमहातीर्थकल्प\ प्रा. गा.२४\ अइमुत्तयकेवलिणा (पाकाहेम१०२३) शत्रुञ्जयमहातीर्थस्तोत्र सं.। श्लोक२४\ नमेन्द्रमण्डलमण (पाकाहेम१०२३) शत्रुञ्जययात्राफलप्रबन्ध सं.\ श्लोक३६ (पाकाहेम२०९७) शत्रुञ्जयचैत्यपरिपाटी\ सं. का.२६ नमेन्द्रमण्डल (पाकाहेम१२१३२) शनिचक्र प्रा. (पातासंघवी१८०-२) शबरीभास मागु. गा.१५ (पाकाहेम१२१२४) शब्दपौद्गलिकत्वसिद्धिवादस्थल। सं. (पाकाहेम८७९५) शब्दप्रामाण्यवादस्थल सं. एतेन यत्कैश्चित (पाकाहेम८८१३) शब्दसञ्चय सं. ग्रं.५५० (पाकाहेम१०११५, पाकाहेम१०३८२, पाकाहेम१०३८३) शब्दाम्बरगुणत्वनिर्लोचनस्थल सं. ये केचन श्रोत्र (भांका२१४) शय्यान्तरपिण्डविचारणा\ सं. सागारि उत्ति को (पातासंघवी१८९-१, पाकाहेम१२७५५) शय्यान्तरविचार प्रा. असइ वसहीएवी मुञ (भांता७०) शय्यान्तरविचार प्रा. सागारिओ त्ति का (भांता७०) शान्तिजिन स्तुति। अप.\ देव दसविहधम्मधु (पातासंघवी५९-२) शान्तिजिनस्तुति प्रा. गा.४ (पातासंघवीजीर्ण९०) शान्तिजिन स्तुति। प्रा. गा.१४\ पणमवि परमेसर सन (पाताहेसं१६८) शान्तिजिनस्तव सं. श्लोक९। सुरराजसमाजनताह (पाकाहेम१३१७१) शान्तिनाथकलश\ अप.\ गा.१३\ तिजगदीवउ कणय सम (पाकाहेम१०२३) शान्तिनाथचरित्र-(सं.)टिप्पण। सं. (पाकाहेम४२९४) शान्तिनाथस्तवन\ प्रा. गा.१७ (पाकाहेम७३०७) शान्तिनाथस्तोत्र सं. का.१३\ सकलदेवनरेश्वरवन (पाकाहेम१२३३९) शान्तिनाथचरित्र सं. (भांता६१, अभ५) शान्तिनाथचरित्र-(सं.)टिप्पण। सं. (पाताहेसं५७) शान्तिनाथ १२भव नोन्ध मागु. (पाताहेसं५७) शाबरभाष्य। सं. अथातो धर्मजिज्ञ (जेताजि३८७, पाकाहेम१०४३२) शाम्बपञ्चाशिका-(सं.)टीका\ सं. (पाकाहेम७८७९) शारदानन्दनपण्डितकथा\ सं. (पाकाहेम५२४२) । शालिभद्रचरित्र प्रा. गा.१७५\ सुरवरकयमाणं नट (जेताजि१५५, पातासंघवीजीर्ण८१, पातासंघवी१५६-१, खंता११०, खंता१२१, खंता२२६) शालिभद्रचरित्र प्रा. गा.१८०\ इय परमपवित्तं स (पाताखेत११) शालिभद्रमाई। अप. गा.५५ (पातासंघवी२०६-२) शाश्वतचैत्यस्तोत्र प्रा. गा.३२ (पातासंघवीजीर्ण८६-२) शाश्वतजिनस्तवन प्रा. गा.७\ नमिउणं सब जिण (पाकाहेम१०२३) शाश्वतजिनचैत्यवन्दनसूत्री प्रा. (पाकाहेम१०२२८) शाश्वतजिनचैत्यवन्दनसूत्र-(मा.गु.)अर्थ मागु. (पाकाहेम१०२२८) शाश्वतजिनभवनसङ्ख्या -(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम११०१४)

Loading...

Page Navigation
1 ... 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165