Book Title: Hastlikhit Granthsuchi Part 3
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Stambhan Parshwanath Jain Trith Anand

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Page 49
________________ विद्वान उपरथी कृति माहिती भावनासङ्ग्रह सं. (पातासंघवी१९५-१) भावनासन्धि-(मा.गु.)टबार्थी मागु. (पाकाहेम९०३७) भावनासार\ अप. गा.८६ चलु तारुन्नु अस (पातासंघवी१८८-१) भावविषयककथासङ्ग्रह) प्रा. (पाकाहेम१५३०१) भावसङ्ग्रहसूत्री प्रा. (पाकाहेम७८४८) भावाध्याय) सं. (जेकाजि१०४५, पाकाहेम१०२२३) भाष्यत्रय-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम१०५९३, पाकाहेम१५८०९) भुवनकथा जीर्णोद्धारे। सं. (पाकाहेम१७७६) भृगुकच्छ वास्तव्य श्रावक द्वादश व्रत स्वरुप (वताकांति४२४) भोगान्तराय-ज्ञानान्तराय विषयेविद्याविलासकथा श्लोकबद्ध सं. श्लोक१३७ (पाकाहेम२१०६) भौगोलिकपरिमाणगाथा प्रा. गा.५२\ सगवीसा सत्तसया (पाताहेसं११०, पाताहेसं१६१) भ्रमराष्टक\ सं. श्लोकर (पाकाहेम१३७५, पाकाहेम८६८८) मङ्गलकुलक\ प्रा.,मागु. (पाकाहेम११०८२) मङ्गलपाठ स्तुति। सं. (पाताहेसं१६८) मङ्गलवाद\ सं. (पाताखेत३४-२, पाकाहेम१३९३५, पाकाहेम१३९३७) मङ्गलस्तव। सं. श्लोक५ (पातासंघवी२०६-२) मङ्गलस्तव। सं. श्लोक१४\ वीरु पार्श्व नम (पाताहेसं१६१) मङ्गलस्तोत्र तीर्थवन्दनरूप सं. का.२५\ नित्यश्रीभुवनाध (पाकाहेम९०२) मङ्गलाष्टक सं. का.८ यत्राखिलश्रीश्र (पाकाहेम१२३७०) मणसंवरणकुलक प्रा. गा.७६\ हियय तुमे एस कओ (पातासंघवी१३०-२) मणिपरीक्षाकल्प सं.\ श्लोक३४ (पाकाहेम८९२२) मण्डपप्रतिष्ठाविधान सं.\ ॐ परमब्रह्मणे (भांका२९३) मण्डलविचार प्रा.,सं.\ इगुणवन्न मण्डला (भांता७०) मदिरावतीकथा। सं. (पाकाहेम१७७६) मधुकरमणिकल्प सं. (पाकाहेम८९२२) मनुष्यसङ्ख्या । सं. द्वयो वर्गश्चत् (भांता७०) मन्त्रस्नानस्तोत्र सं. (पाकाहेम१२३८०) मन्त्रौषधिगर्भित पार्श्वनाथस्तवन*\ अप.\ श्लोक३७ (पाकाहेम८२१०) मन्त्रौषधिगर्भित पार्श्वनाथस्तव-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम८२१०) मन्नहजिणाणं सज्झाय। प्रा.\ गा.५\ मन्नह जिणाण आणम (भांता७२, पाकाहेम१६१४०) मन्नहजिणाणं सज्झाय-(मा.गु.)टबार्थी मागु. वीतरागनी आण मान (पाकाहेम१६१४०) मयणरेहासन्धि (कडव-५)। अप. निरूवमनाणनिहाणो (पाताखेत६) मयूरशिखाकल्प सं. (पाकाहेम८९२१, पाकाहेम८९२१) मरणसमाधि प्रकीर्णक प्रा. गा.६६१\ तिहुअणसरारविन्द (जेताजि१४६, पातासंघवीजीर्ण६५, जेकाजि१९५१, पाकाहेम६६६, पाकाहेम९०२, पाकाहेम६५६९, पाकाहेम१००९०, पाकाहेम१०५५६, भांका२२७) मरुक दृष्टान्त रात्रिभोजने\ प्रा. श्लोक५५ (पातासंघवी१६८) मल्लवादी कथा प्रा. (पातासंघवी१३६-२) मल्लिनाथचरित्री प्रा. गा.१०५\ इक्खागरायवसभो प (पातासंघवी९९) मल्लिनाथस्तवन सं. श्लोक११ (पाकाहेम७३०७) मल्लिस्वामिनी चरित्र मायाविषये। सं. (पाकाहेम१७७६) महत्तरानामगर्भित आदिनाथस्तवन। सं. श्लोक८ (पाकाहेम१०२२) महर्षिकुलक प्रा. गा.३२\ निज्जियवम्महमहर (पातासंघवी६२-२, पाकाहेम२५९६) महर्षिस्तव प्रा. गा.३७ तित्थयरे तित्था (पाताखेत६) महर्षिस्तव बृहत् प्रा. गा.५९ अमरासुरनरजगडणमय (पाताखेत६) महाकविप्रतिज्ञाकाव्य। सं. (पाकाहेम८७०७)

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