Book Title: Hastlikhit Granthsuchi Part 3
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Stambhan Parshwanath Jain Trith Anand
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१४
विद्वान उपरथी कृति माहिती चतुर्विंशतिजिननमस्कार\ अप.\ गा.२५\ पढमजिणवर जणमणाण (पाताखेत४२, जेकाजि१३२६, पाकाहेम८४९५) चतुर्विंशतिजिनस्तुति। सं. का.४\ नाभेयाजितवासुपू (पाकाहेम१०२२, पाकाहेम१२३६०) चतुर्विंशतिजिननमस्कार अप. श्लोक७५ (पाकाहेम१०२२) चतुर्विंशतिजिनस्तवन सं. श्लोक४\ ऋषभजिनमजितनाथं. (पाकाहेम१०२३) चतुर्विंशतिजिनचरित्र गद्य सं. (पाकाहेम३६९६) चतुर्विंशतिजिननमस्कार दण्डक छन्दोमय सं. का.२५ (पाकाहेम११३०८) चतुर्विंशतिजिनकल्याणकानि अप.\ गा.१३ (पातासंघवी१४१-२) चतुर्विंशतिजिनस्तुति। प्रा. गा.८\ अमरनररायमहिए... (पाकाहेम९०२) चतुर्विंशतिजिनस्तुति-(सं.)टिप्पण। सं. (पाकाहेम१२१९४) चतुर्विंशतिजिनस्तुति यमकालङ्कारमयी#\ सं. का.२७१ यत्राखिलश्रीश्र (पाकाहेम१२१९६, पाकाहेम१२१९७,
पाकाहेम१२१९८) चतुर्विंशतिजिनस्तुति यमकालङ्कारमयी-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम१२१९७, पाकाहेम१२१९८) चतुर्विंशतिजिनस्तुति-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम१२२६३, पाकाहेम१२३५९) चतुर्विंशतिजिनस्तुति-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम१२२०३) चतुर्विंशतिजिनस्तुति। सं. का.२९ प्रथम जिनवर प्र (पाकाहेम८२५३) चतुर्विंशतिजिनस्तुति\ मागु. गा.२७ (पाकाहेम१२२०५) चतुर्विंशतिजिनस्तवन सं. ऋषभजिनमजितमथ सम (पाकाहेम१०२३) चतुर्विंशतिजिनस्तुति। सं. का.२५ (पाकाहेम१२२०५) चतुर्विंशतिजिनस्तुति-(सं.)अवचूरि\ सं. (पाकाहेम१६१८४) चतुस्त्रिंशदतिशयस्तोत्री प्रा. गा.१३\ थोस्सामि जिणवरि (जेताजि१५६, पाताहेसं१६८, खंता१३२, भांता७२,
पाकाहेम१०२३, पाकाहेम१२३७४) चत्तारिअठ्ठगाथाविवरणकुलक प्रा. गा.१२ (पाकाहेम७७८९, पाकाहेम११०९४, पाकाहेम११०९५) चन्दनबालाकथा। सं. श्लोक१२२ (पाकाहेम४००१) चन्द्रगोपालकथानक दानविषये प्रा. गा.८९ (पातासंघवी१५७-१) चन्द्रधवल-धर्मदत्तकथा-(मा.गु.)टबार्थ\ मागु. (पाकाहेम१४५४८) चन्द्रप्रज्ञप्तिसूत्री प्रा. ग्रं.१८३१। जयति नवनलिणिकुव (जेताजि३४, पातासंघवी४४, पातासंघवी२९-२, खंता२२,
जेकाजि२९, जेकाजि३५२, पाकाहेम६५६६, पाकाहेम६५७८, पाकाहेम१००१९, पाकाहेम१००२०, पाकाहेम१०३९२, पाकाहेम१०४७१, पाकाहेम१४८९०, पाकाहेम१४९१५, पाकाभाभा७८, पुप्रे४३५, भांका२६५) चन्द्रप्रभजिनस्तुति। सं. श्लोक४ (पाकाहेम८२१८) चन्द्रप्रभस्वामिचरित्र-(सं.)बीजक\ सं. (पाकाहेम८०४) चन्द्रप्रभस्वामिचरित्र-(सं.)पर्याय। सं. (पाकाहेम८०४) चन्द्रप्रभस्वामिमहामन्त्रमयस्तवन#\ सं. श्लोक५\ ॐचन्द्रप्रभ प् (पाकाहेम१२३६४) चन्द्रप्रभस्तोत्र सं. (पाकाहेम१४२४७) चन्द्रप्रभजिन स्तुति। अप. चन्दप्पह सामिय (पाताहेसं१६८) चन्द्रलेखाकथा। सं. (पाकाहेम१६४५७) चन्द्रवेध्यक प्रकीर्णक प्रा. गा.१७४\ जहमत्थगच्छयाणं (जेताजि१४६, पातासंघवीजीर्ण६५, खंता११३,
जेकाजि१९५१, पाकाहेम६६६, पाकाहेम९०२, पाकाहेम६५६९, पाकाहेम१००८८, पाकाहेम१०५५६, भांका१२३, भांका२२७) चन्द्रसूर्यमण्डलविचारादि। प्रा.,सं. (पाकाहेम११११८) चम्पक श्रेष्ठीकथा-अनुकम्पादाने-गद्य सं. (पाकाहेम१३२०५) चाणक्यनीति-राजनीतिशास्त्र सं. (पाकाहेम२७२४) चातकाष्टक\ सं. श्लोक८ (पाकाहेम१३७५, पाकाहेम८६८८) चारित्रशुद्धि सञ्ज्ञा। सं. चतुर्दशरचहिंसार (भांका१३६) चारित्रसार-(सं.)टिप्पण। सं. (भांका१९४) चारुदत्ता विगेरेनी कथाओनो सङ्ग्रह प्रा. (पातासंघवीजीर्ण४८)

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