Book Title: Hastlikhit Granthsuchi Part 3
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Stambhan Parshwanath Jain Trith Anand

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Page 35
________________ १८ विद्वान उपरथी कृति माहिती ततार द्विजराजत्वे श्लोकनवार्थी सं.\ ततार द्विजराजत् (पाकाहेम८६८३) तत्त्वसार (मा.गु.) वृत्ति \ मागु. (पाकाहेम १०५७४) तत्त्वार्थाधिगमसूत्र-(सं.)वृत्ति सं. (भांका२२५) तत्त्वार्थाधिगमसूत्र-(सं.)अवचूरि सं. (पाकाहेम १४०९४) तन्दुलवैचारिकप्रकीर्णक\ प्रा. गा. ३४५ \ निज्जरियजरामरणं (पातासंघवीजीर्ण६५, पाताहेसं१७१-१३, जेकाजि१९५१, पाकाहेम६६६, पाकाहेम९०२, पाकाहेम६५६९, पाकाहेम१००८८, भांका १२३, भांका२२७) तपविधि सं. प्रा. (पातासंघवी ११७-१) तपसन्धि - (सं.) टिप्पणी ( पाकाहेम९०३४) तपसमा प्रा.गा.८८ (पातासंघवी २०६-२) तपागच्छ पट्टावलि सं. (पाकाहेम१२५०२) तपोयन्त्रविचार प्रा. ( पाताखेत३६, पाकाहेम१०३२५) तपोविषये दृढप्रहारीकथा सं.\ श्लोक५१ (पातासंघवी१२९) तमस्काण्डस्वरूप सं. तमस्कायस्य सर्व (भांता७०) तमोवाद स्थल सं.\ तमोनामेत्यादितम (भांका२९२) ताराकथा शीलविषये सं. ग्रं. ११६ ( पाकाहेम२१०६) तार्किकरक्षाव्याख्यानसारसङ्ग्र - (सं.) टिप्पणी \ सं. (पाकाहेम१०२१९) तिजयपहुत्तस्तोत्र\ प्रा.\ गा. १४ \ तिजयपहुत्त... (पाकाहेम१०२३, पाकाहेम१२१२४, भांका२०२) तिलकमञ्जरी - (सं.) टिप्पण सं. ( तालाद ३७७) तिहुत्तरबोल प्रश्नोत्तर\ मागु. ग्रं.८०१ (पाकाहेम१०३४०) तीर्थङ्करनामकर्मबन्धकनाम प्रा. समणस्स भगवओ महा (भांता७०) तीर्थङ्कर धनुषमान सज्झाय मागु. गा. ११ \ पणमवि पढम जिणेस (पाताहेसं १६८) तीर्थमालावन्दन\ प्रा.\ गा. १० \ जुहारि जीराउलिप (पाकाहेम९०२) तीर्थमालास्तवन प्रा. गा. १०१ ( पाकाहेम३३८४) तीर्थमालास्तव अप. गा. १०८ \ अरहन्तं भगवन्तं ( पाताहेसं १६८ ) तीर्थव्यवच्छेदाव्यवच्छेदस्वरूप# प्रा. पुरिमन्तिम अट्ठ (भांता७०) तेजसारनरेन्द्रकथा-गद्य दीपकपूजा - फलविषये । सं. ग्रं. ५०० (पाकाहेम८०७९) तैजसवाद स्थल सं.\ तेजसैवापवत्य स (भांका२९२) त्रयस्त्रिंशद्व्यञ्जनमयकाव्य सं. (पाकाहेम८६८२) त्रयस्त्रिंशद्व्यञ्जनमयकाव्य- (सं.) टीका) सं. (पाकाहेम८६८२) त्रयोविंशत्युदययुगप्रधानसूरिसङ्ख्या#\ सं. (भांता७०) त्रिंशच्चतुर्विंशतिका जिननामगर्भितस्तुति \ सं.\ श्लोक ११२ ( पाकाहेम८५०१) त्रिपुरान्यास \ सं. (पाकाहेम१२३८०) त्रिभुवनसार योगशास्त्र) सं.\ पुनर्जन्म न जाय (पातासंघवी१८०-२) त्रिषष्टिध्यानकथानकप्रकरण प्रा. गा.३७ \ नमिऊण जिणं वीरं (पातासंघवीजीर्ण५७, भांता७२, पाकाहेम१२७३. पाकाहेम८१३७) त्रिषष्ठि स्मृति - (सं.) टिप्पण सं. (भांका ८४) दढधम्मकहा\ प्रा. गा. १०१ \ जिणधम्मं लहिऊणं (पातासंघवीजीर्ण९२) दण्डकप्रकरण-(सं.)व्याख्या सं. तित्थं भन्ते इत (भांता७० ) दत्त शङ्खायणकथा सं.\ श्लोक७५ (पाकाहेम४००१) दमदन्तकथा\ सं.\ श्लोक२३ (पाकाहेम४००१) दमयन्तीचरित्र (वीस उद्देसा) प्रा. पणमह सन्तिजिणिन (पातासंघवी१९९-२) दर्शनकुलक प्रा. (पाकाहेम१८७०५) दर्शनकुलक-(सं.)अवचूरि\ सं. (पाकाहेम १८७०५) दर्शनचतुर्विंशति\ प्रा.\ गा. २४ \ चउसद्दहण तिलङ्ग (पाताखेत६, पाताहेसं १६१) दर्शनशुद्धिप्रकरण\ सं.\ गा.२८० (पातासंघवी६७-१, पातासंघवी १८१-१, पातासंघवी२०६-२)

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