Book Title: Hastlikhit Granthsuchi Part 3
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Stambhan Parshwanath Jain Trith Anand
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विद्वान उपरथी कृति माहिती ग्रं. ३५७ (पाकाहेम७८१९, पाकाहेम१०१६१)
दर्शनसप्ततिकाप्रकरण - (सं.) अवचूरि सं.
दशपच्चक्खाण\ प्रा.\ उग्गए सूरे चउवि (जेताजि३९७, पाताखेत५, पाताखेत२३, खंता१३८, पाकाहेम १२१२४) दशबलकारिकाधातुपाठ सं.\ श्लोक४० (पाकाहेम१०६८०)
दशविधसामाचारी प्रा. ( पाताखेत २४ - २ )
दशविधसामाचारीस्वरूप प्रा. सं. पुव्वफागुणी नट् (भांता७०)
दशविधावस्थितकल्प) प्रा.सं.\ आचेलक्कुद्देसिय (भांता७०)
दशवीशी भावना\ प्रा. गा.२०८ (पातासंघवी १४१-२, पातासंघवी १८५-२)
दशवैकालिकसूत्र- (प्रा.)चूर्णी प्रा. ग्रं. ८४०० (जेताजि८९, जेकाजि४६, पाकाहेम६५२८, पाकाहेम६५४५,
पाकाहेम १००७४)
दशवैकालिकसूत्र-(सं.)अवचूरि \ सं. (पाकाहेम५२६, पाकाहेम७७३, पाकाहेम७७४, पाकाहेम७५२७, पाकाहेम७५३२)
दशवैकालिकसूत्र-(मा.गु.)टबार्थ मागु. (पाकाहेम६९४९)
दशवैकालिकसूत्र-(मा.गु.) टिप्पण\ मागु. (पाकाहेम६९४८)
दशवैकालिकसूत्र-(सं.)बृहद्वृत्तिनो (सं.) विषमपदपर्याय\ सं. (पाकाहेम७१११)
दशवैकालिकसूत्र - (सं.) टिप्पण) सं. ( तालाद३८९, पाकाहेम७५२४)
दशवैकालिकसूत्र-(मा.गु.)बालावबोध\ मागु. (पाकाहेम६९४६, पाकाहेम७५२८, पाकाहेम७५२९)
दशवैकालिकसूत्र-(मा.गु.) स्तबक \ मागु. ( पाकाहेम१०४९९)
दशवैकालिकसूत्र-(सं.)लघुवृत्ति सं. (पातासंघवीजीर्ण३४, पातासंघवी ३५-३)
दशवैकालिकसूत्र-(सं.) चूलिकायुगलावचूर्णि-अक्षरार्थगमनिका सं.\ धम्मो धर्म उत् (भांका१४१) दशवैकालिकसूत्र-(सं.)अवचूरि\ सं. ग्रं. २१४३ \ इहार्थतः श्रीमह (पाकाहेम६९४३, भांका२०७) दशवैकालिकसूत्र-(सं.)अवचूरि\ सं. ग्रं. १७०० \ इहार्थतः श्रीवी (भांका२१०)
दशवैकालिकसूत्र - (सं.) अवचूरि सं. जयति विजितान्यत (भांका८२)
दशवैकालिकसूत्र-(सं.)बृहद्वृत्तिनी (सं.) अवचूरि \ सं.\ इहार्थतः वीरकृत (भांका१२२)
दशवैकालिक परिचयगाथा प्रा. सिज्जम्भवं गणहर (पाताखेत६)
दशाश्चर्यविचार प्रा. सिरिरिसहसीयलेसु (भांता७०)
दशाश्रुतस्कन्ध-(प्रा.)चूर्णी प्रा. ग्रं. २२२५ \ मङ्गलादीणि सत्थ (जेताजि४१, जेताजि६१, पातासंघवी १९, खंता२३,
खंता २४, पाकाहेम १००३३, पाकाहेम११३०७, पाकाभाभा३८, भांका१५३)
दशाश्रुतस्कन्ध- (सं.) पर्याय सं. (पाकाहेम७१११)
दशाश्रुतस्कन्ध- (सं.)टीका सं. (अताका ४६७, अताका४६८)
दसकल्पद्रुम प्रा. मत्तङ्गयाय भिङ् (भांता७०)
दाङ्गडउ\ अप.\ गा.२९ \ जहिं जिणधम्मु न ( जेताजि१५१, पातासंघवी २०६-२, पाताहेसं१६८, पाताहेसं १८९,
पाकाहेम७३०७, पाकाहेम१२१२४)
दानशील तप भावना स्वाध्याय - ( मा.गु.) स्तबक मागु. (पाकाहेम१८१३६)
दानविधिकुलक\ प्रा.\ गा. २५) धम्मोवग्गहदाणं (जेताजि१५६, पाताखेत२९, पाताहेसं११९, खंता९४, खंता९७, भांता२४, तालाद३२६, जेकाजि१३२६, पाकाहेम७७५, पाकाहेम१०२३, पाकाहेम७७९४, पाकाहेम९६२०) दानविधिकुलक-(सं.)अवचूरि \ सं. (पाकाहेम७७९४)
दानविषये कृतपुण्यकथा सं.\ श्लोक १४५ (पातासंघवी १२९)
दानशीलतपभावनाकुलक प्रा. गा. २२ ( पाकाहेम १०२५१)
दानशीलतपोभावनाकुलक) प्रा. गा.२४ \ नमवि उसभाइ चउवी (पाताहेसं १८९)
दानषट्त्रिंशिका-(सं.)अवचूरि सं. (पाकाहेम७८००)
दानादिकुलक\ प्रा.\ गा. २० \ आइन्नह जिणएक्कम (पाताहेसं १६८)
दानादिफलविषयक विविधकथासङ्ग्रह ) सं. (पाकाहेम८१२९)
दार्शनिकग्रन्थ-अज्ञात\ सं. प्रणम्य शम्भुं (पातासंघवी६२-२, तालाद ३४४ - २, डतामुक्ता४६०, जेकाजि१०५१)
दिनकृत्य श्रावकसामाचारी प्रा. गा. ४९७ \ वीरं णमिऊण तिलो (पातासंघवी१८६-२)
दिवाकरकथा उत्तमसेवायाम् ) प्रा. गा. १३९ ( पातासंघवी १६८)
दीक्षाकल्याणकस्तव\ सं.\ श्लोक १२ \ स्तुवे चारु चार (पाकाहेम८५१३)
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