Book Title: Hastlikhit Granthsuchi Part 3
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Stambhan Parshwanath Jain Trith Anand
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विद्वान उपरथी कृति माहिती नवतत्त्वविचारसारोद्धार-(सं.)वृत्ति। सं. (भांता७२) नवतत्त्वविचार प्रा. गा.१६ जीवाजीवा पुन्नं (पातासंघवी१३०-१) नवनिष्पन्नजिनबिम्बप्रतिष्ठादि विधि। सं. (पाकाहेम८१७२) नवफणा श्रीपार्श्वनाथनमस्कार अप. गा.५\ जय चिन्तामणि जय (पातासंघवी१९६-२) नवसंवादसुन्दर। सं. श्लोक३५२ (पाकाहेम२८४८) नवसंवादसुन्दर-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम२८४८) नव्यबृहत्क्षेत्रसमासप्रकरण-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम१०५८८) नष्टग्लानबद्धनक्षत्रफल प्रा. पुवतियमसल्लेस (भांता७०) नागदत्तकथानक (गद्य) सं. (पाकाहेम२१०६) नागिनीकथा मायायाम् प्रा. ग्रं.११३ (पाताहेसं१८५) नाणाचित्तप्रकरणी प्रा. गा.८१\ नमिऊण जिणं जगजी (जेताजि१५६, जेताजि१९१, पातासंघवी७२-२,
पातासंघवी१९०-२, पाताहेसं११९, खंता९७, तालाद३३८, तालाद३८४, जेकाजि१३२६, पाकाहेम१०२३) नाभेय-नेमिद्विसन्धानकाव्य-(सं.)टिप्पणक\ सं. (पाकाहेम६७९०) नाभेयस्तोत्री प्रा. गा.२८\ जो पामीयरकन्तीक (भांता६९) नायकनायिकावर्णन सं. (पातासंघवीजीर्ण९०) नारी अष्टक\ सं. श्लोक९ (पाकाहेम१३७५, पाकाहेम८६८८) निगोदषट्त्रिशिका-(सं.)टीका\ सं. (पाकाहेम१५८०९) निघण्टुसक्षेप। सं. श्लोक४६ (वताकांति४०३, पाकाहेम८७३२) नित्यानित्यवादस्थापनावादस्थल सं. ग्रं.३२५ (पाकाहेम८७९३) नियाण कुलक प्रा. (पाकाहेम१७९५८) नियाण कुलक-(मा.गु.)स्तबक मागु. (पाकाहेम१७९५८) निरयावलिकादिपञ्चोपाङ्गसूत्री प्रा. ग्रं.११०० तेणं कालेणं तेण (जेताजि३२, जेताजि३९, जेतालौ३,
पातासंघवी६३-२, खंता२०, जेकाजि३१, पाकाहेम६५६८, पाकाहेम६९१२, पाकाहेम१००२४, पाकाहेम१०३५९,
पाकाहेम१०४१९, पाकाहेम१०४२०, पाकाहेम१०४७५, पाकाहेम१४८४९, पाकाभाभा२६) निरयावलिकादिपञ्चोपाङ्गसूत्र-(सं.)पर्याय। सं. (पाकाहेम७१११) निशीथसूत्र-(प्रा.)भाष्य प्रा. ग्रं.८४०० गा.६४३९। णवबम्भचेरमइओ अट (जेताजि६५, जेताजि६६, खंता३२, भांता२२,
भांता२६, लिंता४४, पाकाहेम१००५२, पाकाहेम१४८७३) निशीथसूत्र-(प्रा.)लघुभाष्य प्रा. (जेताजि७३, पाताहेसं१३, पाताहेसं१४, पाकाहेम६५४०) निशीथसूत्र-(सं.)पर्याय सं. (पाकाहेम७१११, पाकाहेम७१११) नीरविचार सिद्धान्तोद्धृत\ प्रा.,सं. (पाकाहेम७९५५) नेमिजिन स्तुति\ अप.\ निरुवमसुहतरुकन् (पातासंघवीजीर्ण९०) नेमिजिनस्तवन मागु. गा.५\ भली भावना भेटिव (पाकाहेम९०२) नेमिजिनस्तुति। सं. श्लोक२४\ कान्तः स्तोतुं (पातासंघवी१७२-३) नेमिट्ट्यक्षरस्तव सं. (पाकाहेम११३०९) नेमिट्ट्यक्षरस्तव-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम११३०९) नेमिनाथ धवल मागु. (पाकाहेम१२१२४) नेमिनाथ बोली\ अप. गा.२४\ जयतु जयतु शश्वन (पातासंघवी२०६-२) नेमिनाथजिनस्तवन। सं. का.१५\ श्रीनेमिस्वामिन (पाकाहेम१२३७१) नेमिनाथधुल-धवल मागु. गा.७ (पाकाहेम१२१२४) नेमिनाथस्तवन। सं. श्लोक२५ (पाकाहेम७३०७) नेमिनाथस्तुति श्रीनेमिःपञ्चरूपस्तुतिपादपूर्तिरूप#\ सं. का.४\ राज्यं राजिमति (पाकाहेम१०२२, पाकाहेम१२३६८) नेमिनाथस्तवन। सं. का.१२\ श्रीरैवताचल मुक (पाकाहेम१२३७२) नेमिनाथस्तवन। अप. गा.३०\ वसुमइ सिरिसुर.. (पातासंघवी१७२-३) नेमिपञ्चाशिका\ प्रा.\ गा.४९। कुवलयदलसच्छायं (भांता६९) नेमिप्रतिमोत्पत्ति। सं. (पाकाहेम८००३)

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