Book Title: Hastlikhit Granthsuchi Part 3
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Stambhan Parshwanath Jain Trith Anand

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Page 41
________________ २४ विद्वान उपरथी कृति माहिती नेमिस्तुति विविधछन्दोबद्ध-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम१२३१२) नैयायिक प्रमाणप्रमेयवादस्थल सं. नैयायिकदर्शने त (भांका२९२) नैषधकाव्यमन्त्रोद्धार सं. (पाकाहेम८६८३) न्यायग्रन्थ सं. (जेकाजि१३३४, जेकाजि१३३५, जेकाजि१३३६, जेकाजि१३३७, पाकाहेम७३२१) न्यायतात्पर्यपरिशुद्धि-(सं.)वृत्ति। सं. (तालाद३११) न्यायदीपिका-(सं.)टिप्पण। सं. (पाकाहेम२८६९) न्यायप्रदीप-(सं.)टिप्पण। सं. (पाकाहेम१३६४३) न्यायशास्त्र-(सं.)अनेकार्थभाष्य। सं. मिलन्मन्दाकिनीम (भांका२५५) न्यायसारप्रकरण-(सं.)टिप्पणी\ सं. (पाकाहेम१०१००, पाकाहेम१०३८७) न्यायावतारसूत्रनी (सं.)वृत्तिनुं (सं.)टिप्पण\ सं. नत्वा श्रीवीरमे (पातासंघवी१०५-१, खंता२७०) पगामसज्झाय-(सं.)वृत्ति। सं. नत्वा श्रीवीरजि (जेताजि१४३, भांका१६६) पगामसज्झाय प्रा. ग्रं.५० इच्छामि पडिक्कम (पातासंघवीजीर्ण४५, पातासंघवीजीर्ण७६, पातासंघवी१६६, पातासंघवी१०४-२, पातासंघवी१८२-१, पाताहेसं१६१, खंता७६-१, पाकाहेम६६६, पाकाहेम७७५, पाकाहेम१२१२४) पच्चक्खाणविवरणगाथा। प्रा. गा.८२\ दुविहं पच्चक्खा (पातासंघवीजीर्ण५७) पच्चक्खाणविचारगाथा\ प्रा. सूरम्मि उग्गयम् (पातासंघवीजीर्ण५७) पञ्च आराधना प्रकरणी प्रा. गा.३३९ मणिरहकुमारसाहू (पाताखेत५०, पातासंघवी१९३-१, पाताहेसं११३, खंता११५) पञ्चकल्पसूत्र सं. (अताका४९४, पाकाहेम१४९२२) पञ्चकल्पसूत्र-(प्रा.)चूर्णी\ प्रा.। मङ्गलादीणि सत्थ (जेताजि४१, जेताजि४०७, पातासंघवी१९, खंता२४, अताका४९४, पाकाहेम६५५१, पाकाहेम१४९२१, भांका२७६) पञ्चकल्पसूत्र-(सं.)पर्याय) सं. (पाकाहेम७१११) पञ्चकल्याणक स्तुति\ प्रा. चवणं जम्मण निक् (पातासंघवी१५१) पञ्चकल्याणकस्तुति प्रा. नाभेयं सम्भवन्त (पाकाहेम११६८३) पञ्चचारित्रस्वरूप सं.\ एवं सम्यग्दर्शन (भांता७०) पञ्चजिनस्तव हारबन्ध-(सं.)अवचूरि सं. (पाकाहेम११२८६, पाकाहेम१२३१४) पञ्चजिनस्तुति सं. का.४ (पाकाहेम१२३६५) पञ्चतीर्थीस्तुति। सं. गा.४ (जेकाजि८१७, पाकाहेम१०२२, पाकाहेम१२१२४) पञ्चनवकार प्रा. (पातासंघवी१०४-२) पञ्चनिर्ग्रन्थसङ्ग्रहणीप्रकरण-(सं.)अवचूरि\ सं. (भांका८९) पञ्चपरमेष्ठिस्तवन। सं. गा.७ अर्हतस्त्रिजगद् (पाकाहेम१०२३) पञ्चपरमेष्ठिस्तोत्र समस्याबद्ध प्रा. (पाकाहेम८२४०) पञ्चपरमेष्ठिनमस्कारस्तवन। सं.प्रा. श्लोक८\ परमेष्ठि नमस्का (पाताखेत१२, पाकाहेम९७६०, पाकाहेम११२९३, पाकाहेम११६६६, पाकाहेम१२३४०, पाकाहेम१२३७५, पाकाहेम१२३८०) पञ्चपरमेष्ठिस्तव सं. अर्हदभ्यस्त्रि (भांता७०) पञ्चपरमेष्ठि स्तुति सं. नम्रामरेश्वरकिर (पाताहेसं१६८) पञ्चपर्वादिकुलक प्रा. गा.११\ सुयनाणपञ्चमी अट (पातासंघवी५९-२) पञ्चमहाव्रती प्रा. (पातासंघवी१७२-३) पञ्चमी स्तोत्र प्रा. गा.२२\ विगयमयमयणमुणिवइ (पाताखेत२३) पञ्चमीस्तुति। सं. का.४\ श्रीनेमिः पञ्चर (खंता१३२, पाकाहेम१२२८२, पाकाहेम१२३६८) पञ्चमीस्तुति। सं. का.४\ पञ्चानन्तक... (पाकाहेम१२३६२) पञ्चमीस्तुति। सं. पञ्चेषु प्रकटप (पाकाहेम१०२२) पञ्चवर्ग अनेकार्थ नाममाला। सं. श्लोक१३७ आर्हती भारती (अताका४७७) पञ्चवर्गव्याख्या। सं. (पाकाहेम८७३) पञ्चवस्तुकप्रकरण-(सं.)पर्याय। सं. (पाकाहेम७१११, भांका२८०) पञ्चविधव्यवहारविचार सं. (पाकाहेम८३९१) पञ्चसंसार सं. (पाकाहेम७७३५)

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