Book Title: Hastlikhit Granthsuchi Part 3
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Stambhan Parshwanath Jain Trith Anand

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Page 32
________________ १५ विद्वान उपरथी कृति माहिती चार्चिकप्रकरण सं.प्रा. गा.२३२ (पातासंघवी१८१-१) चिन्तामणिमन्त्रगर्भित पार्श्वनाथस्तोत्र सं.\ गा.११\ किं कर्पूरमयं स (पाकाहेम९८२९, पाकाहेम१२३२४, _पाकाहेम१२३२५, पाकाहेम१२३२६, पाकाहेम१२३२७, पाकाहेम१२३२८, पाकाहेम१३१७१) चिन्तामणिपार्श्वनाथस्तुति मागु. गा.९ अचिन्त चिन्तामण (पाकाहेम९०२) चिन्तामणिपार्श्वनाथस्तवन\ मागु. गा.७१ नमूं देवनागेन्द (पाकाहेम१२३२३) चिन्तामणिपार्श्वनाथस्तवन। सं.\ श्लोक३०\ जगद्गुरुं जगद्द (पाकाहेम१२३३५) चिन्तामणि पार्श्वनाथस्तवन मागु. गा.१४ (पाकाहेम१०२३१) चिन्तामण्यष्टक\ सं. श्लोक१० (पाकाहेम१३७५, पाकाहेम८६८८) चैत्यवन्दनविधिकुलक प्रा. गा.३३ तिन्नि निसीही त (जेकाजि१३१७, जेकाजि१३२६, पाकाहेम७७५) चैत्यवन्दनस्तोत्र सं. श्लोक१० (पाकाहेम१५५३५) चैत्यवन्दनादिभाष्यत्रय प्रा. गा.१२२२ वन्दित्तु वन्दण (पातासंघवीजीर्ण८६-१, पातासंघवी१६५, तालाद३८७, पाकाहेम१०२२) चैत्यवन्दनविधान\ प्रा.\ गा.१३\ सक्कत्थयदण्डेणं (तालाद३३९) चैत्यवन्दनादिभाष्यत्रय-(सं.)वृत्ति। सं. सूत्रं व्याख्या (तालाद३८७) चैत्यवन्दनकविधिप्रकरण प्रा. गा.३५ (पाकाहेम११०३०) चैत्यवन्दनस्तोत्र सं. श्लोक२४ (पाकाहेम१५५३५) चैत्यवन्दन स्थान\ सं. (पातासंघवी२०६-२) चैत्यवन्दन प्रत्याख्यान श्रावकप्रतिक्रमणसूत्र#\ प्रा. (पातासंघवी१३०-२) चैत्यवन्दनासूत्र-(मा.गु.)गाथार्थी मागु. (डतामुक्ता४५१) चैत्यवन्दनगाथा प्रा. गा.५९ भावजिणे दव्वजिण (पाताहेसं१०५, भांता७०) चैत्यवन्दनभाष्य-(सं.)अवचूरि। सं. वन्दित्वा वन्दन (भांका१४८) चैत्यवन्दनभाष्य-(प्रा.)कथा। प्रा. (पुप्रे४४०, पुप्रे४४१, पुप्रे४४३) चोत्रीस अतिशय पान्त्रीस वाणीगुण वर्णन मागु. (पाकाहेम१३८९६) चोरासी आशातना काव्य सं. का.४ (पाकाहेम१२२६४) चोरासी गच्छना नाम मागु. (पाकाहेम१२२२०) चौरासी आशातनागाथा प्रा. गा.४\ खेलं केलि कला क (पाताहेसं५७) छत्रीस ठाण प्रा. गा.७८ (पातासंघवी२०६-२) छन्दःकोश सं. (पाकाहेम१३९७९) छन्दःकोश-(सं.)टीका सं. (पाकाहेम१३९७९) छन्दना आठ गणनो विचार सं. (पाकाहेम१४२३४) छन्दना आठ गणनो विचार-(मा.गु.)टबार्थी मागु. (पाकाहेम१४२३४) छन्दोनुशासन-(सं.)टिप्पण। सं. (पाकाहेम७२२७, पाकाहेम९८६७) छन्दोनुशासनोद्धार सं. मस्त्रिगुरूस्त (पातासंघवी६२-२) छन्दोनुशासन सं. विभुं नाभेयमानस (पातासंघवी११०-२) छप्पन दिक्कुमारीकृत शुचिकर्म मागु. परमेश्वर श्रीसर (पाताहेसं५७) जगडुवणिक्सम्बन्ध इन्द्रमालपरिधाने। सं.\ श्लोक३३ (पाकाहेम२०९७) जगत्कतईश्वरनिरासवाद स्थल सं. (पाकाहेम८७९१) जन्मकल्याणकस्तव सं. श्लोक१६\ भुवनमोहनरूपसुसम (पाकाहेम८५१३) जन्ममहेशशक्रपञ्चरूप। प्रा.,सं. (भांता७०) जम्बूचरित्र\ अप. गा.२०\ पढमभवे भवदेशे ग (पाताखेत६, डतामुक्ता४५०) जम्बूद्वीपप्रज्ञप्तिसूत्री प्रा. ग्रं.४१४६१ नमो अरहन्ताणं.. (जेताजि२५, जेताजि३१, जेताजि३२, जेताजि३३, पातासंघवी४१-२, खंता१९, खंता२०, जेकाजि२७, जेकाजि४७७, पाकाहेम१००१७, पाकाहेम१०४२२, पाकाहेम१०४५१, पाकाभाभा८७४, पुप्रे४१२) जम्बूद्वीपप्रज्ञप्तिसूत्र-(प्रा.)चूर्णी\ प्रा.\ ग्रं.१८६९। णमिऊण विणयविरति (जेताजि२५, जेताजि३१, जेताजि३२, जेताजि३३, जेताजि३८, पातासंघवी४१-२, खंता१९, खंता२०, जेकाजि२८, पाकाहेम१००१८, पाकाहेम१०१३७,

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