Book Title: Hastlikhit Granthsuchi Part 3
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Stambhan Parshwanath Jain Trith Anand
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८
विद्वान उपरथी कृति माहिती
एकादशरूद्र\ प्रा.\ भीमाउली जियसत्त (भांता७०)
एकान्त नित्यानित्यवादभङ्गस्थल \ सं.\ प्रत्यादयः ध्रौ (पाकाहेम७४१२, पाकाहेम८७९२) एकेन्द्रियाणां जीवत्वस्थापना सं. वनस्पतयो जीवाजा (भांका२१४ )
एगुणतीसी भावना प्रा. गा. ३० \ संसारम्मि असारे (जेताजि१५१, पाताखेत६, पाताखेत५१, पातासंघवी१६५, पातासंघवी११७-१, पातासंघवी १४५-१, पातासंघवी १९०-२, पाताहेसं १६१, पाताहेसं१८९, खंता९०, भांका ११० ) एलकाक्षकथा (रात्रिभोजने ) प्रा. गा. ५० ( पातासंघवी १६८)
ओघनिर्युक्ति-(सं.)पर्याय\ सं. (पाकाहेम७१११)
ओघनिर्युक्ति-(प्रा.)सङ्क्षेप ओघनियुक्त्युद्धार प्रा. गा. ५३ ( पाताखेत १२ )
ओघनिर्युक्ति- (सं.) टिप्पणी \ सं. (पाताहेसं १६३)
ओघनिर्युक्ति-(सं.)अवचूरि सं.\ प्रक्रान्तोयमाव (भांका३०५)
ओघनिर्युक्त्युद्धार\ प्रा.\ गा.४३५ \ अरिहन्ते वन्दित (पाकाहेम १२७५५)
औक्तिक सं., मागु. (पाकाहेम१०११५)
औदयिकतिथिविचार\ मागु. (पाकाहेम१०३६२)
औदयिकादिभावस्वरूप सं . तत्रौदयको भाव (भांता७०)
औपदेशिक कुलक) प्रा. गा. २६ \ नमिय जिणसिद्धसा (पाताहेसं १८९) औपदेशिक गाथा\ प्रा. गा. ८ \ विरलासधम्मरया व (पातासंघवीजीर्ण९१) औपदेशिक पाठ) प्रा. गा. १३ \ भो भव्वा अथिरत् (पातासंघवीजीर्ण९१) औपदेशिक श्लोकसङ्ग्रह\ सं. (पाकाहेम१२७५५) औपदेशिकगाथा\ प्रा.\ गा.८ \ अणुरत्तो भविगओ. (पातासंघवीजीर्ण९०) औपपातिकोपाङ्गसूत्र-(सं.) सुखबोधा टीका सं. ( पाताहेसं १७१ -१८) औपपातिकोपाङ्गसूत्र-(मा.गु.) पर्याय मागु. (पाकाहेम२१४)
औष्ट्रिकमतोत्सूत्रोद्घाटनकुलक (सं.) अवचूरि\ सं. (पाकाहेम११०५०)
कण्टकोद्धार\ सं. (पाकाहेम८७९४)
कथाकोश प्रा., सं. (पाकाहेम९६१९)
कथाको प्रा. (पातासंघवीजीर्ण६९)
कथाकोश - (सं.) टीका सं. (पातासंघवीजीर्ण६९)
कथारत्नाकर \ सं. (अताका४६६)
कथासङ्ग्रह गद्य पद्य\ सं., प्रा. ( जेकाजि१०५३, पाकाहेम८१२५, पाकाहेम८१२६, पाकाहेम१०६४९)
कथासङ्ग्रह गद्य\ प्रा. ग्रं. १४०० ( पाकाहेम१०१८१, पाकाहेम१४२४१)
कथासङ्ग्रह-वसतिशयनासनादिविषयकगद्य) सं. (पाकाहेम३८५२, पाकाहेम४८३४, पाकाहेम८१३२, पाकाहेम८१३३,
पाकाहेम१०१८४)
कथासङ्ग्रह - श्लोकबद्ध सं. (पाकाहेम८१२३)
कथासङ्ग्रह गाथाबद्ध प्रा. ग्रं. १४०० (पाकाहेम८१२७)
कथासङ्ग्रह\ सं. (पाकाहेम९५५८, पाकाहेम १५३९७) कथासङ्ग्रह (पातासंघवीजीर्ण८८, पाताहेसं१२६) कथासङ्ग्रह\ सं.\ यन्नैकामपि कामि (भांका९६)
कन्दजातिकुलक\ प्रा.\ गा.७ \ सव्वा य कन्दजाई (पाताहेसं १४२, खंता १०६)
कयवन्नाविवाहलुं\ मागु. (पाकाहेम१२१२४) करकण्डूनृपकथा-गद्य) सं. (पाकाहेम१३२०६) करगडुककथा\ सं.\ श्लोक६८ (पाकाहेम४००१) करभाष्टक सं.\ श्लोक९ ( पाकाहेम१३७५) करटक पार्श्वनाथस्तवन \ सं. (पाकाहेम १३३०५) कर्पूरप्रकर-(सं.)टीका\ सं. (अताका५०२, पाकाहेम६९५०) कर्पूरप्रतिष्टा\ प्रा.\ सयलसुरासुरमाणुस (भांता७०) कर्पूरमञ्जरीनाटिका-(सं.) लघुटीका सं. (पाकाहेम६८०५)

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