Book Title: Hastlikhit Granthsuchi Part 3
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Stambhan Parshwanath Jain Trith Anand
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१०
विद्वान उपरथी कृति माहिती कविशिक्षा-(सं.)काव्यकल्पलताटीकानी (सं.)कल्पलताविवेक टीका\ सं.\ यत् पल्लवे न वि (जेताजि३१६,
जेताजि३१६, जेताजि३१७, पातासंघवीजीर्ण३०) काउसग्गना एकवीस दोष गा.२१ (पातासंघवी२०६-२) काकाष्टक\ सं. श्लोक८ (पाकाहेम८६८८, पाकाहेम८६८८) कातन्त्रव्याकरणना (सं.)दुर्गसिंहीवृत्तिनी (सं.)टिप्पणी\ सं. (जेकाजि२४०, पाकाहेम६७८४, पाकाहेम१२८३७,
पाकाहेम१२८३८, पाकाहेम१२८३९) कातन्त्रविभ्रमसूत्र सं. ग्रं.४०० (पाकाहेम८६७८, पाकाहेम१३१७९) कातन्त्रविभ्रमसूत्र-(सं.)टीका। सं. (पाकाहेम८६७८, पाकाहेम१३१७९) कातन्त्रव्याकरण नो हिस्सो गणपाठ सं. (पाकाहेम१२८३७, पाकाहेम१२८३८) कातन्त्रव्याकरण नो हिस्सो गणपाठ नुं (सं.)विवरण सं. (पाकाहेम१२८३७, पाकाहेम१२८३८) कातन्त्रव्याकरण-दौर्गसिंहीवृत्तिनी (सं.)अवचूरि सं. (पाकाहेम२८७१, पाकाहेम२८७२) कातन्त्रव्याकरण सन्धिसूत्रगर्भित विमलाचलस्तोत्र सं. सिद्धो वर्णसमाम (पाकाहेम७३८६) कातन्त्रव्याकरण सन्धिसूत्रगर्भित विमलाचलस्तोत्र-(सं.)अवचूरि सं. (पाकाहेम७३८६) कातन्त्रव्याकरण नो हिस्सो उणादिगण सं. (पाकाहेम९६९०) कामदुधाक्षीरसागर। सं. (पाकाहेम१३१५०) कायस्थितिप्रकरण-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम१५८०९) कायस्थितिस्तव। सं. यद्दर्शनमप्राप् (पातासंघवी५६-२) कायोत्सर्गना २१ दोष। सं. (पातासंघवी१८९-१) कारणपदार्थ\ सं.। श्लोक३६ (पातासंघवी१३५-२) कालग्रहणविचार सं.प्रा. गा.१४३ (पाकाहेम१४८०३) कालग्रहणादिविधि। सं.प्रा. (पाकाहेम१०३४५) कालचक्रकुलक प्रा. गा.२७१ चत्तारि सागरोवम (तालाद३३९, पाकाहेम७३९०) कालचक्रविचारप्रकरण प्रा. गा.८५ (पाकाहेम१०५९९) कालव्यवहार सं.प्रा. समय आवलिका उच्छ (भांता७०) कालसप्ततिकाप्रकरण-(मा.गु.)स्तबक\ मागु. (पाकाहेम१०१४५) कालिकाचार्यकथा पद्य प्रा.गा.५७ (पाकाहेम१०१७७) कालिकाचार्यकथा प्रा.\ ग्रं.२११\ जो कुणइ ससत्तीए (पाताहेसं८०, खंता५२) कालिकाचार्यकथा प्रा.\ गा.१५४ (पातासंघवीजीर्ण८७) कालिकाचार्यकथा प्रा. ग्रं.१५०\ गा.९२\ पडिसिद्धम्पि कु (पातासंघवी६५-१, खंता५४) कालिकाचार्यकथा प्रा.\ गा.१८० (पातासंघवी१६८) कालिकाचार्यकथा प्रा. (पातासंघवी१६९-१, पातासंघवी१६९-२, पाताहेसं७४, पाताहेसं१६४, खंता२८८, वताकांति४१२, ___ अभ८, जेकात२८९-२) कालिकाचार्यकथा प्रा. ग्रं.१६९\ गा.१३२\ अणुसरि आगमवयणं (पातासंघवी१९७-२, पाताहेसं१३५, पाताहेसं१८३,
भांता३३) कालिकाचार्यकथा प्रा.\ ग्रं.३७६ (पाताहेसं७६) कालिकाचार्यकथा प्रा. गा.८४\ अत्थि धारावासपु (जेताजि४०, पाकाहेम१०१२६) कालिकाचार्यकथा सं. श्लोक८७\ उत्पत्तिविगमध्र (पाताहेसं७९) कालिकाचार्यकथा\ मागु. (पाकाहेम१०१३१) कालिकाचार्यकथा\ प्रा. गा.१३१ (पातासंघवीजीर्ण९४) काव्यप्रकाशसूत्र कारिका\ सं. नियतिकृतिनियमरह (पातासंघवी६२-२) काव्यानुशासनसूत्र-(सं.)टिप्पणी\ सं. (पाताहेसं१६७) किरातार्जुनीयमहाकाव्य-(सं.)अवचूरि। सं. (पाकाहेम१०३८९) कुमतकदलीकृपाणिकाचउपई - लुङ्कानी हुण्डी\ मागु.। श्लोक११३५ (पाकाहेम१३०३७, पाकाहेम१४१४९) कुमारपालचरित्र सं. श्लोक२२२ (पाकाहेम७१२४) कुमारपालप्रबन्ध सं. स्वयं कृतार्थः (पातासंघवी६२-४, पुप्रे४२५)

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