Book Title: Hastlikhit Granthsuchi Part 3
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Stambhan Parshwanath Jain Trith Anand
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विद्वान उपरथी कृति माहिती जेकाजि६१, पाकाहेम८४२, पाकाहेम६५३३, पाकाहेम६५४७, पाकाहेम९९८८, पाकाहेम१४८५१, पाकाहेम१४९३२, भांका२२८) आचाराङ्गसूत्र-(सं.)पर्याय। सं. (जेताजि१४७, पाकाहेम७१११, पाकाहेम७१११) आचाराङ्गसूत्र-(सं.)अवचूरि। सं. इह हि रागद्वेषम (पाकाहेम१०४०८, पाकाहेम१५३७७, भांका१११) आचाराङ्गसूत्र-(सं.)दीपिका टीका\ सं. ग्रं.९०००\ श्रीआचारानुयोग (भांका११२) आचाराङ्गादि आगमिक टीकाकारादि,आद्यन्तपाठ व ग्रन्थमानादिसङ्ग्रह सं. (पाकाहेम१००९८) आचार्यनामगर्भित स्तुति सं.\ श्लोक७ प्रणवहृदि यदीयं (पाकाहेम१०२३) आचार्यप्रतिष्ठा विधि प्रा. गा.२३ सिहिजोगम्मि पसत (पातासंघवी१४६-२, भांता७०) आचार्यषट्त्रिंशद्गुण सं. आयाराई अट्ठओ तह (भांता७०) आचार्यस्तुति प्रा. गा.२१\ पञ्चविह आयारं आ (भांता७०) आचार्यस्तुति। सं. श्लोक१३ धन्य स्वयं येन (भांता७०) आचार्योनी स्तुति (पातासंघवी२०६-२) आञ्चलिकमतनिरास प्रा. जइ चेइयपरिठविया (भांता७०) आतुरप्रत्याख्यानप्रकीर्णक प्रा. गा.२६ अरहन्ता मङ्गलं (पाताखेत५, पाताखेत६, पाताखेत३२-१, पाताखेत४४-१, पातासंघवी५९-२, पातासंघवी६२-२, पातासंघवी१०४-२, पाताहेसं११३, पाताहेसं११४, पाताहेसं१६१, खंता१०६,
खंता११२, भांता६९, जेकाजि१३१७, जेकाजि१३२६, पाकाहेम२५९६, पाकाहेम१०५२०) आतुरप्रत्याख्यान लघु\ प्रा.\ गा.६० (पाताखेत२३, पातासंघवीजीर्ण६५, पातासंघवी१६८, पातासंघवी२०२,
पातासंघवी१८१-१, पाताहेसं१६२, खंता८८,खंता९५, खंता१०७, जेकाजि१९५१) आतुरप्रत्याख्यानप्रकीर्णक बृहत्-(सं.)विवरण। सं. देशस्य त्रसकायस (वताकांति४०२, भांका१९२, भांका३०१) आतुरप्रत्याख्यानप्रकीर्णक लघु-(सं.)टीका सं. (पाकाहेम१०४५५) आतुरप्रत्याख्यानप्रकीर्णक बृहत्-(सं.)टीका\ सं. (पाकाहेम१०४२८) आतुरप्रत्याख्यानप्रकीर्णक प्रा.\ गा.१२० (पाकाहेम१०५१३, पाकाहेम१०५१४) आत्मकुलक-(मा.गु.)स्तबक मागु. ग्रं.१९६ (पाकाहेम५६३४) आत्मनिन्दाष्टक सं. श्लोक१० (पाकाहेम१३७५, पाकाहेम७९४५, पाकाहेम८६८८) आत्मशुद्धिस्तव। सं. श्लोक९ (पातासंघवी५६-२) आत्मसम्बोधकुलक प्रा. गा.२१\ तेलोक्के कूलमल् (पातासंघवी१४५-१, पाताहेसं१८९) आदिजिन पारणा\ अप.\ गा.११\ सबट्ठह जिणु अ (पाताहेसं१६८) आदिजिन स्तुति। सं.\ श्लोक८\ प्रणतनरामरभुजगे (पाताहेसं१६८) आदिजिन स्तुति प्रा. गा.९\ अमरासुरवरवन्दिय (पाताहेसं१६८) आदिजिन स्तवन\ सं. श्लोक८ प्रणमामि युगादि (पाताहेसं१६८) आदिजिन स्तुति प्रा. गा.७\ विणीय भूमीए सिर (पाताहेसं१६८) आदिजिनस्तुति अर्बुदाचलमण्डन प्रा.\ का.४\ वरमुत्तियहार... (पाकाहेम१२३६२) आदिजिनस्तुति-शत्रुञ्जयमण्डन\ सं. श्लोक४\ शैले शत्रुञ्जया (पाकाहेम१२१३३) आदिनाथ जन्माभिषेक मागु. गा.११\ वीणीयनयरि वीणीय (पाकाहेम९०२) आदिनाथ, शान्तिनाथ, नेमिनाथ, पार्श्वनाथ महावीर पञ्चस्तवी\ प्रा. गा.३१\ तं नमह पासनाहं. (जेकाजि१३१६,
पाकाहेम१०२३) आदिनाथ, शान्तिनाथ, नेमिनाथ, पार्श्वनाथ, महावीरजिनस्तोत्रपञ्चक अप. (पाकाहेम१०२२) आदिनाथ, शान्तिनाथ, नेमिनाथ, पार्श्वनाथ, महावीरजिनपञ्चक षड्भाषामय स्तवनपञ्चक प्रा.,सं.अप. का.३०
(पाकाहेम८२२७, पाकाहेम१७३५४) आदिनाथ, शान्तिनाथ, नेमिनाथ, पार्श्वनाथ, महावीर पञ्चक स्तोत्र-(सं.)टिप्पणी\ सं. (पाकाहेम१७३५४) आदिनाथवर्णन सं. (पाकाहेम१३६९१) आदिनाथस्तोत्र प्रा. गा.१९\ बालत्तणम्मि साम (पाताहेसं१६८, पाकाहेम१०२३) आदिनाथस्तुति कामक्रीडा छन्दोबद्ध सं. श्लोक४\ संसाराम्भोधौ का (पाकाहेम७४०६) आदिस्तव सं. श्लोक५ (पाकाहेम१२३६५) आदिस्तव। सं.\ श्लोक५ (पाकाहेम१२३६५)

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