Book Title: Gadyabaddha Yashodhar Charitram
Author(s): Kshamakalyan
Publisher: Jinshasan Aradhana Trust
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ॐ नमोऽहंग्यः
श्रीक्षमाकल्याणकविरचितम् ॥ गद्यबद्ध-श्रीयशोधरचरित्रम् ॥
IBRARAMARCAESARSANSACH
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सकलसुरनरेन्द्र श्रेणिसंसेव्यमानात् , समजनि किल यस्माद् विश्वलोकव्यवस्था । हिमवत इव रम्या खर्गसिन्धुर्युगादौ, स जयतु जगदार्यो नाभिसूनुर्जिनेशः॥१॥ निखिलजनपदस्थं येन गर्भस्थितेनाऽप्रमितनिजमहिना जन्यजातं निरस्तम् । उपकृतिमतिरक्तस्तीर्थकृद् भक्तिभाजः, स भवतु मम शान्ति?ष्टकर्मोपशान्यै ॥२॥
विजित्य दुर्वारमनङ्गवीरं, जगाम योगीन्द्रशिरोमणित्वम् । यः शैशवादेव कृपापरीतं तमीश्वरं नेमिजिनं नमामि ॥३॥ यदीयसंपर्कवशादनुत्तरं, बभूव तीर्थ किल काशिजाह्नवी। स देवदेवः समतीर्थसत्तमः, सुपार्थपार्थाधिपतिः पुनातु माम् ॥४॥

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