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जैन तत्त्व चिन्तन : आधुनिक सन्दर्भ
(पृष्ठ १-१६८) १. सम्पादकीय
डॉ. मोहनचन्द २. जैन दर्शन की सैद्धान्तिक मान्यताओं के सन्दर्भ में मुनि श्री महेन्द्र कुमार जी
पुनर्जन्म के वैज्ञानिक अध्ययन की समीक्षा ३. अपराध वृत्ति एवं जैन दृष्टिकोण से सम्बद्ध एक डॉ० रमेश भाई लालन ___ आधुनिक शोधकार्य की रूपरेखा ४. वर्तमान युग में अहिंसा का महत्त्व
श्री कामेश्वर शर्मा 'नयन' ५. अनेकान्तवाद और सर्वोदयवाद
डॉ० भागचन्द्र जैन ६. जैन शास्त्रीय परम्परा एवं आधुनिक वैज्ञानिक
श्री नन्दलाल जैन मान्यता के सन्दर्भ में श्रोत्रेन्द्रिय की प्राप्यकारिता :
एक समीक्षा ७. आधुनिक सन्दर्भ में जैन दर्शन के पुनर्मूल्याङ्कन
डॉ. दयानन्द भार्गव की दिशाएं ८. सामाजिक समस्याओं के समाधान में जैन धर्म का
डॉ. सागरमल जैन योगदान ६. जैन दर्शन : आधुनिक सन्दर्भ
डॉ० हरेन्द्र प्रसाद वर्मा १०. विश्वधर्म के रूप में जैन धर्म-दर्शन की प्रासङ्गिकता डॉ० महावीर सरन जैन ११. श्रमण संस्कृति को विश्व मानवता को देन
श्री श्रीकृष्ण पाठक १२. जैन धर्म की विश्व को मौलिक देन
डॉ० कस्तूरचन्द 'सुमन' १३. आधुनिक युग में जैन सिद्धान्तों की उपयोगिता
डॉ. विमलकुमार जैन १४. वैज्ञानिक आईने में जैन धर्म
श्री राजीव प्रचंडिया १५. परम ज्ञानियों में एक वैज्ञानिक : महावीर
स्वामी वाहिद काजमी १६. आधुनिक धार्मिक एकता के परिप्रेक्ष्य में तुलसी
श्री जगत भंडारी साहित्य व महावीर वाणी में भाव-साम्य १७. गुजरात के इतिहास-निरूपण में आधुनिक जैन
श्री रसेश जमींदार साधुओं का योगदान 95. The Survival of Jainism
Prof. Bansidhar Bhatt १६. Studies in South Indian Jainism:
Dr. B. K. Khadabadi Achievements and Prospects Evolution, Agriculture and the Jain
Dr. H K. Jain Philosophy २१. How Karma Theory Relates to Modern
Dr. Duli Chandra Jain Science २२. Aparigraha, its Relevance in Modern Prof. Angraj Chaudhary
Times Importance of Morality in Jainism
Sh. J. B. Khanna २४. आधुनिक भाषाविज्ञान के सन्दर्भ में जैन प्राकृत
राष्ट्रसन्त मुनिश्री नगराज जी २५. Values, Education and Jainism
Sh. Som Pal Sharma
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