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परिभाषा । ५। ४ यह वा • यह चिह्न गुणन का योतक है। जैसा, 4xक वा अक यह अ और क इन के गुणनफल को दिखलाता है। इसी भांति अXX ग, वा, अकाग यह अ, क और ग इन के गुणनफल को दिखलाता है । यहां अ, क और ग इन को गुण्यगुणकरूप अवयव कहते हैं । परंतु जो गुण्यगुणकरूप अवयव केवल बीजात्मक पद हो तो उन के गुणनफल में लाघव के लिये प्रायः गुणनचिह्न नहीं लिखते, । जैसा। अ, क और ग इन के गुणनफल को प्रायः अकग, यों लिखते हैं और ३, य और र इन के गुणनफल को ३ यर यों लिखते हैं।
इसी भांति अ (क + ग), वा, अX क+ग इत्यादि प्रत्येक दिखलाते हैं कि क+ग की संख्या को अ की संख्या से गण दिया है। और अ+ क x अ+ग, वा, (अ+क) (+ग) इत्यादि प्रत्येक प्र कार अ+ ग के गुणनफल को दिखलाते हैं।
किसी पद के गुण्यगुणक्ररूप दो अवयव मान के गुणक को गुण्य का वारस्रोतक कहते हैं। जैसा।५ अय, यहां ५ को अय का वारयोतक कहते हैं । ५ अ को य का वारयोतक कहते हैं। और इसी लिये अ का वारझोतक १ है।
है। यह चिह्न भागहार का द्योतक है। जैसा। अक यह दिखलाता है कि अ की संख्या में क की संख्या का भाग दिया है । परन्तु भित्रपद का अंश भाज्य है और छेद भाजक है इसलिये भाज्यभाजकों को भित्रपद की रीति से भी लिखते हैं। जैसा, अ।
ऐसाहि। अ+क: ग-घ, (अ+ क) :- (ग-घ), 7- ये हर एक दिखलाते हैं कि अ+क की संख्या में ग-- घ की संख्या का भाग दिया है।
७। समान अर्थात् एकरूप दो वा बहुत पदों के गुणनकर्म को घात. क्रिया कहते हैं। और समान पदों की संख्या को घातमापक कहते हैं।
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