________________
१०
समस्या और समाधान
सन्त से किसी एक व्यक्ति ने पूछा - "मनुष्य अपने जीवन में भूलों का शिकार क्यों होता है ।" सन्त ने सहज भाव में कहा - "जीवन में आधी से अधिक भूलें तो इस कारण से होती हैं कि जहाँ विचार से काम लेना होता है, वहाँ मनुष्य भावना के वेग में बह जाता है और जहाँ भावना से काम लेना होता है, वहाँ वह विचारों की उलझन में उलझ जाता है ।" यही कारण है कि मनुष्य भूलों का शिकार होता रहता है । भावना की आवश्यकता पर भावनाशील बने, और विचार की आवश्यकता पर विचारशील । फिर वह किसी भी उलझन में नहीं उलझेगा । जीवन में इस प्रकार के विवेक की बड़ी आवश्यकता है ।
मानव जीवन में उलझन और समस्या सदा बनी ही रहती है । विशेषतः आज का युग तो एक समस्या-युग है । प्रत्येक व्यक्ति अपनी समस्याओं में उलझता ही चला जा रहा है। मेरे विचार में समस्या और उलझन का होना, जीवन विकास के लिए आवश्यक भी है। जब मनुष्य के समक्ष कोई समस्या आ खड़ी होती है, तो वह उसे सुलझाने का प्रयत्न करता है । अपनी बुद्धि और शक्ति का प्रयोग करता है । इस अपेक्षा से जीवन में उलझन और समस्या अपना बड़ा महत्त्व लेकर आती है । वह मनुष्य को तेजस्वी और श्रमशील बना देती है । जीवन को सहिष्णु और सतेज बनाए रखने के लिए समस्या अभिशाप नहीं, बल्कि एक दृष्टि से प्रकृति का एक सुन्दर वर
( ४७ )
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org