Book Title: Amarbharti
Author(s): Amarmuni
Publisher: Sanmati Gyan Pith Agra

View full book text
Previous | Next

Page 204
________________ सत्पुरुष स्वयं ही अपना परिचय १६५ गुण सम्पन्न व्यक्ति के गुणों का उत्कीर्तन न करके चुप हो बैठ जाना अपनी वाक् शक्ति का एक असह्य कण्टक है । अर्थात् उसकी वाक् शक्ति व्यर्थ है । मैंने उस महान् साधक के चरणों में श्रद्धा के पुष्प चढ़ाकर अपनी वाणी के तप को सफल किया है । सोजत सिटो Jain Education International A For Private & Personal Use Only वसन्त पंचमी www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 202 203 204 205 206 207 208 209 210