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दीपावली और सहधर्मी-सेवा
दीपमालिका का उत्सव आ गया है । अब की बार दीपमालिका का उत्सव कैसे मनाएंगे ? करुणा-मूर्ति भगवान महावीर का निर्वाण-महोत्सव मनाने के लिए कौन-सी योजना काम में लाई जाएगी? क्या अब को बार भी वे हो आमोद-प्रमोद के दौर चलेंगे? विद्यत-दीपकों के रंग-बिरंगे प्रकाश से महल जगमगाए जाएँगे ? नाना-विध रस भरे मिष्ठानों से उदर देव की आकण्ठ पूजा होगी? घृत दीप के चमकते और महकते प्रकाश में महामाया लक्ष्मी का आह्वान होगा?
भारतवर्ष के लिए जहां यह वर्ष असीम आनन्द और उल्लास का वर्ष है, वहाँ असीम दुःख और दर्द का वर्ष भी है। सदियों पुरानी पराधीनता के सुदृढ़ बन्धनों को तोड़कर भारतवर्ष आज आजाद है, स्वतन्त्र है। हजारों वर्षों के बाद यहां पर पहली दीपमालिका होगी, जिसे आप भारतवासी स्वतन्त्र भारत में स्वतन्त्रता के साथ मनाएंगे। परन्तु साम्प्रदायिक नेताओं के विषाक्ति और दुष्प्रचार से हिन्दू-मुस्लिम तनाव इस चरम सीमा तक पहुंच गया है कि सब आनन्द किरकिरा हो गया है। पाकिस्तान में साम्प्रदायिक उन्माद ने अपना जो भयंकर नग्न रूप दिखलाया है, उसके कारण आज मानवता का रोम-रोम सिहर उठा है। हजारों निरपराध
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