Book Title: Agam 44 Chulika 01 Nandi Sutra
Author(s): Devvachak, Jindasgani Mahattar, Punyavijay
Publisher: Prakrit Granth Parishad

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Page 17
________________ प्राकृतग्रन्थपरिषद ग्रन्थाङ्क ९ Jain Education Intemational बरिनसवाल EECAPAR वारियवमामिवाद कामियगानमनिसायतिसमवायकत्रिदीक्षसम्राममहियापवानावादामबहनिम्नवरा मिलता। नंदिसबका eumiकरीनावगंगासागप्रणाणावदामियनयमाश्याचगंधार मोगामिममियतबविणएमिनकाम न वादिलवणसिरमाबादयसनमणधचायगवामाजमामान्यनामाकरणगियकमपयडीवहागा MARI Gaamsagसमयहाणसदीयक्षायनिह्यागाचवायममोरवनाकानामालावल्य निरकावकालियमयरगिएधायलसिंवमयर दीवासीदवारगपयनपतमिमायापागापयत्ययाविमार मिश्रणयरणियमामबादस्वेदिवायरिएखसानानि मनमहनविश्कामविश्परिकमभाना समायमणधारक्ष्मिवातवेदिामामिरमकालिययययसाधारस्यवाणतिमयमा खिमासमापवादनाम वागायरिमिकमवमयानन्यायाक्वायमणपाजामहसुयसमायारानागाणवायषवादावरमागगनविय पादिमछलकमलगत्रमरिवाजानवियजगरिययहरदयाउ बिमारपचीसाव्यानरहणमागविहसमानियवाण व्यायवावमाननाजजनवममादिका पहिया पत्रवाददन्यदिनमायरिपनक्मयाच्यकारमामनाग dिance मीणामसणियनिसानियसवाणियमनवारयनिध बाद लोयामरस्कानससमा काकालमहणानियाणपमिजारवाणीपायलमामिमगdिnagaनियममसनमविणाममतिमहरयाणमीलडाण महियागोजगप्पालामालकामजनजाताम पणमामिलरकरणपाएयाययण पाडियामादिंपणिवश्यालय जियन्तनगवतेकालियनुयसपमानवाणमित्रापमिरमानास्सपलबुखए तिपिशवली मजाकडेगवानगिरि गरमभरिमामासयममगज गभिजिीनारंगीगे नस्त्रिानाशालाममामतिविपन्नत जहा जाणियाश्रयाणियाविक अहिली नावविपतमापालिकाव्हियूनायनादिनामिाणपनावेनाणकयनमामिमाममा विपना जहाणपकचापकरकंबामकिपाकापचरविरुपात दियेपवरकबा नादियषधरकामकिदियपञ्चरकादियवरकरचय पन्ना बहा दियपनाकंचम्फदिलापकघाणिचियपचकरसादिययरक फालिदियपश्चरकम दिय पक्षकासकिने दियफवारकानाऽदिययवस्कनितिनत्रागंजाहिणाणपक मायकायनाणचाकवलापावरकामकिसहिनापपरका इदिमापपयरकंडविधामननपचवावउक्मप्रियंदार लवqयदिबावाशरमिरियागंबादाराहरवाग्ववनियो मन MIN कत्रका एमाल MEENA For Private & Personal Use Only AMANAN D मुनगर HिAI HIRA + देशमा एमाला matterst कालयमाप्रमाणामागाहपत्रपमत्रसनयसम्महिंडिपयनगसास्वयवासाछाकामनगगनवनियमएम्मागामणयनाम पनि विवर्मन शिवपालमा विठिकमतविलमध्यममामश्चछविहंपागलेतदवसायामकमनीपातयामापसिएराधना MANTHANI पानी पिया निधासतितिानमविलातीप्रायसामागताधामनिरिक्शातागंकमतीमारनावमाश्ययनाएदयीपावमिहाहात मित्राकडागययाराआवजानिससंचारमतले सिरियजावनामयम्सारबाहादीबनधादमापन्नस्मयकातामुनीमायक सोनभरख मानजोतरदीवागवासनाचिदियागपत्रगामिभाग गएनाविजागतिधामतिमनचवालमतामहाश्वाहसnिata Maiअवस्यिवागविलयविखसावितिमिरतरागावत्रेजाम नियामति कालमतीनहान्नघलियमम्स प्रसारवयतिना धम -20 नमामि सुमी प गाभागविपलिवधमकामावतिलागेनाणनिपामनियतीतत्रणायचातावविधतमर्शबियानातगानिसहयाप माना तगीवितिमिरलगवानापतियामतिनाबानामतीर्ण तिनाबमाणयामनिसिघनायागमनागजातानिपामतितिसाच निजी मनोन उसममानजरिव्ययगानिपानातिनागपyaनाgrammपरिबिंतियलपायगामाणमारवनानिबईयागपमा वरितमानसमागमनागमतिकमाणका विपन्नताजसानवाकवलनागियोतिबाकवलना बरसकिंमनचलनामावलमलमागविलासंसानियनकक्लनालयानजागितकवलमाSAND भग एचमिकिसननिमक्केवलनागासानागिरविदंपन्नत्रापर मममयसयोगिनवकवनमामेवायपरमसमयमानागिनवधाक का समापियामदयाकामसमयमानापिनवळकेवलनाचायरिममभयमानागिलकेवळनार्णवामनमनामनवकवलना। aar RAMANस्याणासायनिकमागिनवाकवलनायिनागिनवचलनाणंविधामपनहापटमममयमाजागिनवछकेवलनागचात्रपट नयमित A समथनाजोगिन करननावावारिमममयअनामिनक्कतमागचीरिमममयश्चानागिनककालमागचासतमा MRE मान | मन मनवडकवनाणीसोनवकवलनासमकिमिसकेवलनाणविपन्नातनागसमिहकबलनामचार परामधEena वजनाचामयिाशामिहकवलमा प्रतिश्पन्नस्मविपनानानिमिवाप्रतिष्ठसिवानिगमिता निगरानाAATES सरममकर मागचामवायवासायनिधारावबादियनिसावित्रिंगमिहारिमजिमिदाण्णमनिसिलिगलिगलिग माहिलिंगासहाश्वगालिगमिवामानयमिवासनवणमिकेवलनापासकिनपरंपरामहाकवलगाायपरमिडकवलनाHिRA MOHITARWARMERArialhinf परंपनियEिaswanamaAREnाषिजवानापकिसान me करवा किया PATI नन्दिसूत्रमूलकी 'शुक' संज्ञक प्रतिके प्रथम और तृतीय पत्र की द्वितीय पृष्टि (विशेष वर्णन के लिए देखिये, प्रस्तावना, पृष्ट) www.jainelibrary.org

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