Book Title: Agam 32 Chulika 02 Anuyogdwar Sutra Part 01 Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Tarunmuni, Shreechand Surana
Publisher: Padma Prakashan
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श्रुत के दस नाम
५१. तस्स णं इमे एगट्टिया नाणाघोसा नाणावंजणा नामधेज्जा भवंति । तं जहा
सुसुत्त गंथ सिद्धंत सासणे आणवयण उवदेसे। पण्णवण आगमे य एगट्ठा पजवा सुत्ते ॥ ४ ॥
तं सुयं ।
५१. उदात्तादि अनेक घोषों स्वरों तथा ककारादि अनेक व्यंजनों से युक्त उस श्रुत के एकार्थवाचक (पर्यायवाची) नाम इस प्रकार हैं
(१) श्रुत, (२) सूत्र, (३) ग्रन्थ, (४) सिद्धान्त, (५) शासन, (६) आज्ञा, (७) वचन, (८) उपदेश, (९) प्रज्ञापना, तथा (१०) आगम । ये सभी श्रुत के एकार्थक पर्याय हैं ।
इस प्रकार श्रुत की वक्तव्यता समाप्त हुई ।
SYNONYMS OF SHRUT
51. Some synonyms, having a variety of vowels and consonants, of this shrut are as follows
(1) Shrut, (2) Sutra, (3) Granth, (4) Siddhant, (5) Shasan, (6) Ajna, (7) Vachan, (8) Upadesh, (9) Prajnapana, and (10) Agam.
This concludes the description of shrut.
विवेचन - यहाँ श्रुत के पर्यायवाची दस नाम बताये हैं, जिनमें शब्दभेद होने पर भी अर्थभेद नहीं है
१. गुरु के मुख से निकले वचन सुने जाने के कारण यह श्रुत है।
२. अर्थों की सूचना मिलने के कारण इसका नाम सूत्र है ।
३. तीर्थंकर रूप कल्पवृक्ष के वचन रूप पुष्पों का गुंथन होने से इनका नाम ग्रन्थ है।
४. प्रमाणसिद्ध अर्थ को प्रकट करने वाला होने से यह सिद्धान्त है।
५. मिथ्यात्वादि से दूर रहने की शिक्षा देने के कारण अथवा मिथ्यात्वी को शासित, संयमित करने वाला होने से यह शासन है ।
६. मुक्ति के लिए आज्ञा देने वाला होने से इसे आज्ञा कहते हैं ।
श्रुत प्रकरण
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The Discussion on Shrut
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