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(Answer) With respect to a single avaktavya (inexpressible) substance this period is a minimum of one samaya and maximum of infinite time. However with respect to many avaktavya (inexpressible) substances antar does not exist. (ङ-७) भागद्वार
१९७. णेगम-ववहाराणं आणुपुव्विदव्वाई सेसदब्वाणं कइभागे होज्जा ? पुच्छा। जहेव खेत्ताणुपुबीए।
१९७. (प्रश्न) नैगम और व्यवहारनयसम्मत आनुपूर्वी द्रव्य शेष द्रव्यों के कितनेवें भाग प्रमाण हैं?
(उत्तर) यहाँ कालानुपूर्वी के प्रसंग में तीनों द्रव्यों के लिए क्षेत्रानुपूर्वी जैसा ही कथन समझना चाहिए। (द्रव्यानुपूर्वी सूत्र ११२ के अनुसार समझें) (E-7) KAALNUPURVI : BHAAG-DVAR ___197. (Question) In what spatial proportion of other substances do the naigam-vyavahar naya sammat anupurvi dravya (sequential substances conforming to coordinated and particularized viewpoints) exist.
(Answer) The answer is same as that with regard to kshetra-anupurvi for all the three classes of substances. (aphorism 112) . (ड-८, ९) भाव और अल्पबहुत्व द्वार
१९८. भावो वि तहेव। अप्पाबहुं पि तहेव नेयव्वं जाव से तं अणुगमे। से तं णेगम-ववहाराणं अणोवणिहिया कालाणुपुब्बी।
१९८. भावद्वार और अल्पबहुत्व का भी कथन क्षेत्रानुपूर्वी जैसा ही समझना चाहिए यावत् अनुगम का यह स्वरूप है। (द्रव्यानुपूर्वी प्रकरण के सूत्र ११४ के अनुसार समझें)
इस प्रकार नैगम-व्यवहारनयसम्मत अनौपनिधिकी कालानुपूर्वी का वर्णन पूर्ण हुआ। अनुयोगद्वार सूत्र
( २८४ ) Illustrated Anuyogadvar Sutra
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