Book Title: Agam 32 Chulika 02 Anuyogdwar Sutra Part 01 Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Tarunmuni, Shreechand Surana
Publisher: Padma Prakashan
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This concludes the description of pashchanupurvi (descending sequence).
(४) से किं तं अणाणुपुब्बी ?
अणाणुपुब्बी एयाए चेव एगादियाए एगुत्तरियाए दसकोडिसयगच्छगयाए सेढीए अन्नमनन्भासो दुरूवूणो। से तं अणाणुपुवी। से तं गणणाणुपुबी। २०४. (प्रश्न ४) अनानुपूर्वी क्या है ?
(उत्तर) इन्हीं को एक से लेकर दस अरब पर्यन्त की एक-एक वृद्धि वाली श्रेणी में स्थापित संख्या का परस्पर गुणा करने पर जो भंग हो, उनमें से आदि और अन्त के दो भंगों को कम करने पर शेष रहे भंग अनानुपूर्वी हैं।
204. (Question 4) What is this Ananupurvi ?
(Answer) Place the aforesaid numbers (of numerical units) starting from first and progressively adding one up to ten kotishat (ten arab). Multiply all the numbers of this arithmetic progression and subtract 2 (depicting the ascending and descending sequence) from the result. This final result is called ananupurvi (random sequence).
This concludes the description of ananupurvi (random sequence). This concludes the description of Gananaanupurvi (counting sequence). संस्थानानुपूर्वी प्ररूपणा
२०५. (१) से किं तं संठाणाणुपुब्बी ? संठाणाणुपुबी तिविहा पण्णत्ता। तं जहा-(१) पुवाणुपुब्बी, (२) पच्छाणुपुब्बी, (३) अणाणुपुची।
२०५. (प्रश्न १) संस्थानानुपूर्वी क्या है ?
(उत्तर) संस्थानानुपूर्वी के तीन प्रकार हैं-(१) पूर्वानुपूर्वी, (२) पश्चानुपूर्वी, (३) अनानुपूर्वी। आनुपूर्वी प्रकरण
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The Discussion on Anupurvi
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