________________
(२) औपशमिकभाव का स्वरूप
२३९. से किं तं उवसमिए ? उवसमिए दुविहे पण्णत्ते। तं जहा-(१) उवसमे य, (२) उवसमनिष्फण्णे य।। २३९. (प्रश्न) औपशमिकभाव क्या है ?
(उत्तर) औपशमिक भाव दो प्रकार का है। यथा-(१) उपशम, और (२) उपशमनिष्पन्न। AUPASHAMIK-BHAAVA
239. (Question) What is this Aupashamik-bhaava (pacified state)? __(Answer) Aupashamik-bhaava (pacified state) is of two types—(1) Upasham and (2) Upasham-nishpanna.
२४०. से किं तं उवसमे ? उवसमे मोहणिज्जस्स कम्मस्स उवसमेणं। से तं उवसमे। २४०. (प्रश्न) उपशम भाव क्या है ?
(उत्तर) मोहनीयकर्म के उपशम से होने वाले भाव को उपशम (औपशमिक) भाव कहते हैं।
240. (Question) What is this Upasham bhaava (state of pacification)?
(Answer) The state caused by upasham (pacification) of Mohaniya Karma (deluding karma) is called Upasham or Aupashamik bhaava (state of pacification).
This concludes the description of Aupashamik-bhaava __ (pacified state).
२४१. से किं तं उवसमनिष्फण्णे ?
उवसमनिष्फण्णे अणेगविहे पण्णत्ते। तं जहा-उवसंतकोहे जाव उवसंतलोभे उवसंतपेज्जे उवसंतदोसे उवसंतदंसणमोहणिज्जे उवसंतचरित्तमोहणिज्जे अनुयोगद्वार सूत्र
( 346 ) Illustrated Anuyogadvar Sutra
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org