Book Title: Agam 32 Chulika 02 Anuyogdwar Sutra Part 01 Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Tarunmuni, Shreechand Surana
Publisher: Padma Prakashan

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Page 485
________________ Ha ___(7) Samatalapadokshep-to sing in perfect harmony and rhythm with beats, instrumental music, and dancing steps. (8) Saptasvar Sibhar—to sing with notes that are in perfect tuning with accompanying notes from musical instruments. (49) (for more details refer to Sthananga Sutra, sthan-7) (१०. ऊ) अक्खरसमं पयसमं तालसमं लयसमं गहसमं च। निस्ससि-उस्ससियासमं संचारसमं सरा सत्त॥५०॥ (२६०. १०-ऊ) सप्तस्वर सीभर की व्याख्या (प्रकारान्तर से) इस प्रकार है (१) अक्षरसम-हस्व-दीर्घ-प्लुत और सानुनासिक अक्षरों के अनुरूप ह्रस्वादि स्वरयुक्त गीत। (२) पदसम-स्वर के अनुरूप पदों और पदों के अनुरूप स्वरों के अनुसार गाया जाने वाला गीत। (३) तालसम-तालवादन के अनुरूप स्वर में गाया जाने वाला गीत। (४) लयसम-वीणा आदि वाद्यों की धुनों के अनुसार गाया जाने वाला गीत। (५) ग्रहसम-वीणा आदि द्वारा ग्रहीत स्वरों के अनुसार गाया जाने वाला गीत।। (६) निश्वसितोच्छ्वसितसम-सांस लेने और छोड़ने के क्रमानुसार गाया जाने वाला गीत। (७) संचारसम-सितार वाद्यों के तारों पर अंगुली के संचार के साथ गाया जाने वाला गीत। ___इस प्रकार गीत स्वर, तंत्री आदि के साथ सम्बन्धित होकर सात प्रकार का हो जाता है॥५०॥ 260. (10-f) The details about Saptasvar Sibhar are as follows___ (1) Akshar sam-there is a harmony with vowels including long, short, protracted, and nasal. (2) Pada sam—there is a harmony with words, stanzas, rhyming, and rendering. 9 स्वर-मण्डल प्रकरण ( ४१३ ) The Discussion on Svar Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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