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(3) Sarva Visham-wherein all the four quarter-verses are different in structure.
There is no fourth kind. (52) गीत की भाषा (१०. ओ) सक्कया पायया चेव भणिईओ होंति दुण्णि उ।
सरमंडलम्मि गिजंते पसत्था इसिभासिया॥५३॥ (२६०. १०-ओ) भणितियाँ-गीत की भाषायें दो प्रकार की कही गई हैं-संस्कृत और प्राकृत। ये दोनों प्रशस्त एवं ऋषिभाषित हैं और स्वरमण्डल में पाई जाती है ॥५३॥ LANGUAGE OF A SONG
260. (10-i) There are said to be two languages of songsSanskrit and Prakrit. These two languages are exalted and spoken by sages. They are sung in full range of svars (musical notes). (53) गीतगायक के प्रकार (११. क) केसी गायति महुरं ? केसी गायति खरं च रुक्खं च ?। केसी गायति चउरं ? केसी य विलंबियं ? दुतं केसी ?
विस्सरं पुण केरिसी ? ॥५४॥ (पंचपदी) सामा गायति महुरं, काली गायति खरं च रुक्खं च। गोरी गायति चउरं, काणा य विलंबियं, दुतं अंधा,
विस्सरं पुण पिंगला॥५५॥ (पंचपदी) (२६०.११-क. प्रश्न) (१) कौन स्त्री मधुर स्वर में गीत गाती है ? (२) परुष और रूक्ष स्वर में कौन गाती है ? (३) चतुराई से कौन गाती है ? (४) विलम्बित स्वर में कौन गाती है ? (५) द्रुत स्वर में कौन गाती है ? तथा (६) विकृत स्वर में कौन गाती है?
(उत्तर) (१) श्यामा (षोडशी) स्त्री मधर स्वर में गीत गाती है, (२) काली स्त्री खर (परुष) और रूक्ष स्वर में गाती है, (३) गौरवर्णा स्त्री चतुराई से गीत गाती है, ॐ (४) कानी स्त्री विलम्बित (मंद) स्वर में गाती है, (५) अंधी स्त्री शीघ्रता से गाती है,
और ६) पिंगला (कपिला) विकृत स्वर में गाती है॥५४/५५॥ P अनुयोगद्वार सूत्र
Illustrated Anuyogadvar Sutra
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