Book Title: Agam 32 Chulika 02 Anuyogdwar Sutra Part 01 Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Tarunmuni, Shreechand Surana
Publisher: Padma Prakashan

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Page 458
________________ seases (a consequence of) parinamik-bhaava. This is aupashamikkshayopashamik-parinamik-bhaava (pacified, extinct-cumpacified and transformed state). (१०) कयरे से णामे खइए खओवसमिए पारिणामियनिप्पत्रे ? खइयं सम्मत्तं खओवसमियाइं इंदियाइं पारिणामिए जीवे, एस णं से णामे खइए खओवसमिए पारिणामियनिप्पन्ने । २५५. (प्रश्न १०) क्षायिक - क्षायोपशमिक - पारिणामिकनिष्पन्नभाव कौन-सा है ? (उत्तर) क्षायिकसम्यक्त्व क्षायिकभाव, इन्द्रियाँ क्षायोपशमिकभाव और जीवत्व पारिणामिकभाव, इस प्रकार क्षायिक क्षायोपशमिक-पारिणामिकभावनिष्पन्न नाम है। (Question 10) Which is this state produced by combination of kshayik-bhaava, kshayopashamik-bhaava and parinamik-bhaava. (Answer) Kshayik samyaktva is (a consequence of) kshayik-bhaava, sense organs are (a consequence of) kshayopashamik-bhaava and soul is (a consequence of) parinamik-bhaava. This is kshayik-kshayopashamikparinamik-bhaava (extinct, extinct-cum-pacified transformed state). and विवेचन-इन दस संयोगज भंगों में से पाँचवां और छठा भंग जीवों में पाया जाता है। यथा - औदयिक क्षायोपशमिक-पारिणामिकभावों के संयोग से निष्पन्न छठा सान्निपातिकभाव मनुष्यगति में पाया जाता है। औदयिक, ज्ञान- दर्शन - चारित्र क्षायिक और जीवत्व पारिणामिक रूप होने से पाँचवाँ भंग केवलियों में घटित होता है। इन तीन भावों के अतिरिक्त अन्य भाव केवली में नहीं हैं। क्योंकि उपशम मोहनीयकर्म का होता है और वे मोहनीयकर्म का सर्वथा क्षय कर चुके हैं तथा केवलियों का ज्ञान इन्द्रियातीत - अतीन्द्रिय होने से उनमें क्षायोपशमिकभाव भी नहीं है । Elaboration-Of these ten coincidental states only fifth and sixth are applicable to human beings. The sixth Sannipatikbhaava (mixed state) produced by combination of audayikbhaava, kshayopashamik-bhaava, and parinamik-bhaava is applicable to normal human beings. The fifth one produced by योगद्वा ( ३८८ ) Illustrated Anuyogadvar Sutra Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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