Book Title: Agam 32 Chulika 02 Anuyogdwar Sutra Part 01 Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Tarunmuni, Shreechand Surana
Publisher: Padma Prakashan

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Page 466
________________ स्वर-मण्डल प्रकरण THE DISCUSSION ON SVAR सप्तनाम निरूपण २६०. (१) से किं तं सत्तनामे ? सत्तनामे सत्त सरा पण्णत्ता। तं जहा(१) सज्जे, (२) रिसभे, (३) गंधारे, (४) मज्झिमे, (५) पंचमे सरे। (६) धेवए चेव, (७) णेसाए, सरा सत्त वियाहिया॥२५॥ २६०. (प्रश्न १) सप्तनाम क्या है ? (उत्तर) सप्तनाम सात प्रकार के स्वर रूप है। स्वरों के नाम इस प्रकार हैं(१) षड्ज, (२) ऋषभ, (३) गांधार, (४) मध्यम, (५) पंचम, (६) धैवत, और (७) निषाद; ये सात स्वर कहे गये हैं ॥२५॥ SAAT NAMA (SEVEN-NAMED) 260. (Question 1) What is this Saat nama (Sevennamed)? (Answer) Saat nama (Seven-named) is the seven types of Svar (musical notes). There names are(1) Shadj, (2) Rishabh, (3) Gandhar, (4) Madhyam, (5) Pancham, (6) Dhaivat, and (7) Nishad. These are said to be the seven svars (musical notes). (25) विवेचन-सप्तनाम के प्रकरण में यहाँ सात स्वरों का वर्णन किया है। स्वर के अनेक अर्थों में यहाँ पर 'ध्वनि' या 'नाद' अर्थ लिया गया है। ध्वनि संगीत का विषय है। संगीत शास्त्र के अनुसार-जिसमें मर्यादित कम्पन हो, आरोह, अवरोह युक्त हो, जो स्निग्ध हो, श्रुति मधुर हो, उच्चारण के बाद जिसमें गुंजन (रणन) हो, वह स्वर है। 'स्वर' के षड्ज आदि सात भेद हैं। संगीत शास्त्र में सा रे ग म प ध नी इनके संकेत हैं। अंग्रेजी में इन्हें क्रमशः Do, Re, Mi, Fa, Soh, La, Si कहते हैं इनके संकेत हैं, C. D. S. F. G. A. B.। सात स्वरों की २२ श्रुतियाँ-छोटी-छोटी सुरीली ध्वनियाँ भी है। सात स्वरों के लक्षण इस प्रकार हैंअनुयोगद्वार सूत्र ( ३९६ ) Illustrated Anuyogadvar Sutra GPRIMORMAOMIO 068YGOVEOAVKORMONITA PAYGOVAR For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org Jain Education International

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