Book Title: Agam 32 Chulika 02 Anuyogdwar Sutra Part 01 Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Tarunmuni, Shreechand Surana
Publisher: Padma Prakashan
________________
YONYAYAORYAORYA
२४३. (प्रश्न) क्षय किसे कहते हैं ?
(उत्तर) आठ कर्मप्रकृतियों के क्षय से होने वाला भाव क्षायिक है ।
243. (Question) What is this Kshaya (state of extinction of karmas) ?
(Answer) The process of extinction of eight categories of karma particles is called Kshaya (state of extinction).
२४४. से किं तं खयनिप्फण्णे ?
(१) खयनिष्फण्णे अणेगविहे पण्णत्ते । तं जहा - उप्पण्णणाणदंसणधरे - अरहा जिणे केवली, खीण- आभिणिबोहियणाणावरणे खणाणावर
खीणओहिणाणावरणे खीणमणपज्जवणाणावरणे खीणकेवलणाणावरणे अणावरणे णिरावरणे खीणावरणे णाणावरणिज्जकम्मविष्पमुक्के ।
( २ ) केवलदंसी सव्वदंसी खीणनिद्दे खीणनिद्दानि खीणपयले खीणपयलापयले खीणथी गिद्धे खीणचक्खुदंसणावरणे खीणअचक्खुदंसणावरणे खीणओहिदंसणावरणे खीणकेवलदंसणावरणे दरिसणावरणिज्जकम्मविप्यमुक्के।
अणावरणे
निरावरणे
(३) खीणसायवेयणिज्जे खीणअसायवेयणिज्जे अवेयणे निव्वेयणे खीणवेयणे सुभासु भवेयणिज्जकम्मविप्पमुक्के ।
(४) खीणकोहे जाव खीणलोभे खीणपेज्जे खीणदोसे खीणदंसणमोहणिज्जे खीणचरित्तमोहणिज्जे अमोहे निम्मोहे खीणमोहे मोहणिज्जकम्मविप्पमुक्के ।
(५) खीणणेरइयाउए खीणतिरिक्खजोणियाउए खीणमणुस्साउए खीणदेवाउए अणाउए निराउए खीणाउए आउयकम्मविप्पमुक्के ।
(६) गति जाति सरीरंगोवंग बंध
संघ संघयण अणेगबोंदिविंदसंघायविप्पमुक् खीणसुभनामे खीणासुभणामे अणामे निण्णामे खीणनामे सुभाऽसुभणामकम्मविप्पमुक्के।
(७) खीणउच्चागोए खीणणीयागोए अगोए निग्गोए खीणगोए सुभाऽसुभगोत्तकम्मविप्पमुक्के ।
भाव प्रकरण
Jain Education International
-
खीणावर
-
( ३६१ )
For Private & Personal Use Only
-
The Discussion on Bhaava
५०४०५०४०५०४४०४०५०४.५०४१.५.१.५.१९.१९.व.व जब ब ब बब बब बब
www.jainelibrary.org
Page Navigation
1 ... 429 430 431 432 433 434 435 436 437 438 439 440 441 442 443 444 445 446 447 448 449 450 451 452 453 454 455 456 457 458 459 460 461 462 463 464 465 466 467 468 469 470 471 472 473 474 475 476 477 478 479 480 481 482 483 484 485 486 487 488 489 490 491 492 493 494 495 496 497 498 499 500 501 502 503 504 505 506 507 508 509 510 511 512 513 514 515 516 517 518 519 520