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विवेचन - जैन ग्रन्थों में काल वर्णन काफी विस्तार पूर्वक मिलता है। वहाँ काल के दो विभाग हैं- प्रथम संख्यात काल तथा दूसरा औपमिक काल ।
Elaboration-Jains have also worked out the minute, detailed and scientific division of time. This has two sections-one is the countable time and the other is the metaphoric time.
(१) संख्यात काल
(1) NUMERICAL TIME
सूक्ष्मतम निर्विभाज्य काल (Indivisible unit of time)
असंख्यात समय ( Innumerable Samaya)
संख्यात आवलिका
(Numerical Avalika)
१ उच्छ्वास + निश्वास
(1 Inhalation + 1 Exhalation)
७ प्राण (Pran)
७ स्तोक (Stok)
७७ लव (Lav)
३० मूहूर्त्त (Muhurt)
१५ अहोरात्र (Day and Night )
२ पक्ष (Fortnight)
२ मास (Month)
३ ऋतु (Season)
२ अयन (Ayan)
५ संवत्सर (Year)
२० युग (Yug)
१० शताब्दी (Century) १०० सहस्राब्दी (Millennium)
८४ लक्षाब्दी (Lakshabdi)
८४ लक्ष पूर्वांग (Lac Purvang) पूर्वी प्रकरण
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( २९१ )
=
१ समय (1 Samaya)
= १ आवलिका (1 Avalika)
= १ उच्छ्वास अथवा १ निश्वास
(1 Exhalation or 1 Inhalation )
= १ प्राण
(1 Pran)
= १ स्तोक (Stok)
= १ लव (Lav)
= १ मूहूर्त्त (Muhurt) (४८ मिनट 48 minutes )
= १ अहोरात्र (Day and Night) (24 hrs)
= १ पक्ष (Fortnight)
= १ मास (Month)
= १ ऋतु (Season)
= १ अयन (Ayan) (1/2 year)
= १ संवत्सर (Year)
= १ युग (Yug) (half a decade )
= १ शताब्दी (Century) 102 years
= १ सहस्राब्दी (Millennium) 103 years = १ लक्षाब्दी (Lakshabdi) 105 years
= १ पूर्वांग (Purvang) 84 × 105 years = १ पूर्व (Purva) 7056 × 1010 years
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The Discussion on Anupurvi
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